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Sunday, December 9, 2012

क्या अंबेडकर और राममनोहर लोहिया सत्ता में भागेदारी सुनिश्चित करने के लिए बहुजन समाजविरोधी बहिस्कार व अस्पृश्यता की ​​मनुस्मृति पर आधारित कारपोरेट प्रोमोटर राज का धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देते हुए संघ परिवार को सत्ता में आने से रोकने के बहाने इतना निर्लज्ज समर्थन किया होता?

क्या अंबेडकर और राममनोहर लोहिया सत्ता में भागेदारी सुनिश्चित करने के लिए बहुजन समाजविरोधी बहिस्कार व अस्पृश्यता की ​​मनुस्मृति पर आधारित कारपोरेट प्रोमोटर राज का धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देते हुए संघ परिवार को सत्ता में आने से रोकने के बहाने इतना निर्लज्ज समर्थन किया होता?

अब अपनी संसदीय भूमिका का चमत्कार दिखाने के बाद शेयर बाजार की महारानी बनकर मायावती कारपोरेट राज के खिलाफ मुखर हुई हैं। कारपोरेट राज का समर्थन उन्होंने किया संघ परिवार के विरोध के नाम पर और विरोध भी कर रहे हैं संघ परिवार के ही बहाने। संघ परिवार की दुहाई ​​देकर बहुजनसमाज के प्रति इस खुल्ला विश्वासघात के खुला बाजार के बारे में क्या कहेंगे? मजे की बात है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंहह और मायावती के गुजरात चुनाव प्रचार में दिये गये मोदी विरोधी तर्क की बाषा अलग अलग होने के बावजूद सारतत्व समान है।पक्ष विपक्ष के उग्रतम हिंदुत्व की रणनीति के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष मुलायम और मायावती की रणनीति कुल जमा यह है कि पहचान मजबूत करने की नीति पर चलते हुए खुला बाजार और कारपोरेट राज का मुंहजबनी खूब विरोध करो और सत्ता में जो हो, चाहे कांग्रेस या पिर भाजपा उसके सुर सेसुर , ताल से ताल मिलाकर चलो!

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

मायावती निश्चित तौर पर भारत का दलित चेहरा है। भविष्य में अमेरिका की तरह क्रांति हो जाये तो वह निश्चय ही भावी प्रधानमंत्रित्व का दलित चेहरा है। अमेरिका में श्वेत वर्चस्व पर निर्णायक तौर पर जीत हासिल करने वाले अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति और अश्वेतों के स्वप्नद्रा मार्टिन लूथर किंग की परंपराएं सीधे एक दूसरे से जुड़ती है। कारपोरेट साम्राज्यवाद के सर्वाधिनायक होने के बावजूद, जायनवादी अर्थव्यवस्था क हितों की रक्षा के निरंतर दबाव के बावजूद,दुनिया पर वैश्वक व्यवस्था लागू करने की राजनीतिक मजबूरी व अमेरिकीवाद के कटु यथार्थ के बावजूद जिस बहुजन समाज का ओबामा प्रतिनिधित्व करते हैं, उसकी गूंज उनकी कथनी और करनी में अवश्य सुनायी पड़ती है। पर उत्तरप्रदेश जैसे राज्य में​
​ ब्राह्मणवाद के वर्चस्व को खत्म करके बहुजन समाज की अस्मिता की स्थापना करने वाले मायावती और उनके पिछड़े प्रतिद्वंद्वी समाजवादी मुलायम सिंह यादव की कथनी और करनी में हम किस परंपरा की खोज करें?मायावती भी तीसरे मोर्चे के प्रधानमंत्रित्व के दावेदार हैं। अपने प्रबल प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद यादव और राजग के शरद यादव को पीछे छोड़कर निश्चय ही वे भावी प्रधानमंत्रित्व का ओबीसी चेहरा हैं। पर दोनों कामयाब बहुजनसमाज के नेताओं में  उनकी घोषित विचारधारा की अभिव्यक्ति कहां है? क्या अंबेडकर और राममनोहर लोहिया सत्ता में भागेदारी सुनिश्चित करने के लिए बहुजन समाज विरोधी बहिस्कार व अस्पृश्यता की ​​मनुस्मृति पर आधारित कारपोरेट प्रोमोटर राज का धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देते हुए संघ परिवार को सत्ता में आने से रोकने के बहाने इतना निर्लज्ज समर्थन किया होता? मायावती की बहुजन समाजवादी पार्टी ने गुजरात विधानसभा चुनाव में अपने 160 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा हैं। मायावती रविवार को पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने पहुंची तो विरोधियों पर जमकर निशाना साधा। मायावती ने कहा की धार्मिक अल्पसंख्यक और उच्च जाति के गरीबों के लिए बसपा ने अलग-अलग आरक्षण की मांग की थी। लेकिन, केंद्र सरकार ने अबतक कुछ भी नहीं किया। इतना ही नहीं मायावती ने आरोप लगाया की विरोधी दलों द्वारा सरकारी नौकरियों में मिलनेवाली आरक्षण व्यवस्था को ख़त्म करने की कोशिश की जा रही हैं।

बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मुद्दे पर लोक सभा में बुधवार को मत विभाजन से पहले अपनी पार्टी के सांसदों के वॉक आउट के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई पर फैसला करते वक्त किसानों और छोटे कारोबारियों के हितों की अनदेखी की ।

एफडीआई के विरोध में मुलायम सिंह क्या बोले!
Dec 04, 2012
एफडीआई के विरोध में चल रही बहस में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने उदाहरण देते हुए कहा कि एफडीआई का जहां तक सवाल है जब कोका कोला और पेप्सी आई थी तो सबने इसकी तारीफ की थी। सबने कहा था कि आलू और टमाटर की पैदावर बढ़ेगी और किसानों को फायदा मिलेगा। हमने तब भी इसका विरोध किया था। इतने सालों के बाद पैदावार बढ़ी है तो इनकी वजह से नहीं, किसानों की कढ़ी मेहनत से बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि एफडीआई देश के हित में नहीं है। एफडीआई अगर आती है तो देश में 5 करोड़ खुदरा व्यापारी है और लगभग एक परिवार में 5 सदस्य माने जाते है। ऐसे में 20 से 25 करोड़ तो बेरोजगार हो जाएगा। एफडीआई से रोजगार नहीं मिलेगा बल्कि बेरोजगारी बढ़ेगी।

एसपी मुखिया ने सिब्बल की ओर देखते हुए कहा कि हम आपको राय देते हैं कि एफडीआई को वापस ले लीजिए। अगर इससे फायदा होता तो अमेरिका क्यों इसका विरोध कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज न्यूयॉर्क में एफडीआई पर प्रतिबंध लगा दिया है। अगर ऐसा नहीं है तो हम अपने शब्द वापस करेंगे और अपने शब्द वापस लेगें। बेरोजगारी सारी दुनिया में है।

मायावती ने कहा है की दलित बच्चे गरीबी और बेरोजगारी के चलते नक्सली बन रहे हैं।सही कहा है। पर सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण अगर ऐसा हो रहा है तो इसके लिे आर्थिक नीतियों में मददगार लोगों के बारे में क्या  कहा जाये?गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रथम चरण के मतदान से पहले चुनावी सभा को संबोधित करने सूरत पहुंची मायावती ने यहां केंद्र की काग्रेस और राच्य की मोदी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा की बसपा ने केंद्र सरकार से कई बार धार्मिक अल्पसंख्यक और उच्च जाति के गरीबों के लिए आरक्षण की मांग की है। लेकिन अबतक केंद्र ने कुछ नहीं किया हैं। केंद्र की योजनाओं से गुजरात में बेरोजगारी खत्म नहीं होने की बात कहते हुए मायावती ने कहा की गुजरात भी भ्रष्टाचार से अछूता नहीं हैं।मायावती ने कहा कि दुख की बात यह है कि आजादी के इतने सालों बाद भी देश में सर्व समाज में से खासकर बहुजन समाज जिसके अंतर्गत अनुसूजित जाती जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग एवं धार्मिक अल्पसंख्यक समाज से संबंधित सिख, मुस्लिम, इसाई, पारसी और बौद्ध समुदाय के लोग आते है इनके सामाजिक और आर्थिक स्थित में कोई सुधार नहीं आया है। आज भी इन वगरें में गरीबी और बेरोजगारी बड़े पैमाने पर देखने को मिलती है। इन बातों से तंग आकर इन वगरें में कुछ गरीब और बेरोजगार लोग नक्सली बनते है या फिर वे अन्य गलत रास्तों को अपनाते हैं।

संसद में बहुब्रांड एफडीआई को हरी झंडी देकर सरकार को दूसरे चरण के आर्थिक सुधार लागू करने का खुला मैदान देने के बाद इनके​​ श्रीमुख से कारपोरेट विरोधी वक्तव्य किस बहुजनसमाज का है,समझ में आनेवाली है। वोट बैंक की भाषा बोलते हुए करनी और कथनी में जमीन आसमान के फर्क के साथ सत्ता की मलाई और शहद चाटने का अभ्यास क्षेत्रीय क्षत्रपों का चरित्र बन गया है। इस लिहाज से बहुजन समाज​ ​ और क्षेत्रीय अस्मिता, परिवर्तन के तमाम झंडावरदार अग्नि पुरुषों और अग्निकन्याओं में फर्क करना मुश्किल है। इनकी तुलना में अश्वमेध का एजंडा लागू करने की कांग्रेसी प्रतिबद्धता का फिर भी कोई तर्क नजर आता है।जायनवादी धर्म राष्ट्रवाद के प्रवक्ताओं की भाषा भी समझ में आती है।तो क्या हम इन्हें बतौर इतिहास के ऐसे चरित्रों के बतौर याद रखने को मजबूर हैं ,जो अपने नियत कार्यभार के संपादन में बहुजन समाज के निर्माण ​​को ही अपनी करनी और कथनी से बाधित करते रहे?

अब अपनी संसदीय भूमिका का चमत्कार दिखाने के बाद शेयर बाजार की महारानी बनकर मायावती कारपोरेट राज के खिलाफ मुखर हुई हैं। कारपोरेट राज का समर्थन उन्होंने किया संघ परिवार के विरोध के नाम पर और विरोध भी कर रहे हैं संघ परिवार के ही बहाने। संघ परिवार की दुहाई ​​देकर बहुजनसमाज के प्रति इस खुल्ला विश्वासघात के खुला बाजार के बारे में क्या कहेंगे? मजे की बात है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंहह और मायावती के गुजरात चुनाव प्रचार में दिये गये मोदी विरोधी तर्क की बाषा अलग अलग होने के बावजूद सारतत्व समान है।पक्ष विपक्ष के उग्रतम हिंदुत्व की रणनीति के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष मुलायम और मायावती की रणनीति कुल जमा यह है कि पहचान मजबूत करने की नीति पर चलते हुए खुला बाजार और कारपोरेट राज का मुंहजबनी खूब विरोध करो और सत्ता में जो हो, चाहे कांग्रेस या पिर भाजपा उसके सुर सेसुर , ताल से ताल मिलाकर चलो!

मायावती ने राज्यसभा में सरकार का साथ देने का ऐलान करके एक तीर से कई शिकार कर लिए हैं। एफडीआई पर जीत भले ही केंद्र सरकार की हो पर मायावती ने राजनीतिक मोर्चे पर बड़ी जीत हासिल की है। राज्यसभा में एफडीआई के समर्थन में वोट डालने की बात कहकर उन्होंने केंद्र सरकार को बड़ा सहारा दिया है। साथ ही एफडीआई को सीबीआई से जोड़ने वाली बीजेपी को भी उन्होंने करारा झटका दिया है।10 साल पुरानी बात सार्वजनिक करके उन्होंने साबित कर दिया है कि कांग्रेस हो या बीजेपी, कोई कम नहीं है। माया के आरोप से बीजेपी की बोलती बंद हो गई है। उन्होंने यह भी साबित किया कि उनकी अपनी राजनीतिक शैली है। उनके बारे में कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। बीएसपी के हित के लिए वह कुछ भी कर सकती हैं।
माया ने धुर विरोधी मुलायम सिंह को भी करारा झटका दिया है। उत्तर प्रदेश की सत्ता से माया को बेदखल करने वाले मुलायम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि लोकसभा चुनाव जल्दी हो जाएं। विधानसभा चुनावों में जो अप्रत्याशित बहुमत एसपी को मिला था वह लोकसभा में भी मिले। ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर वह दिल्ली में ताकत बढ़ाना चाहते हैं ताकि दिल्ली पर राज करने का सपना पूरा कर सकें। इसके लिए उन्होंने तैयारी भी कर ली है।

सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हुए व्यापक विकास के मद्देनजर भारत में निजता के बाबत पैदा हुई सोच से जुड़े एक अध्ययन में कहा गया है कि ज्यादातर लोग इंटरनेट और फेसबुक सहित ऑनलाइन सोशल मीडया संबंधी निजता के मुद्दों के प्रति लापरवाह हैं।'प्रीकॉग ऐट आईआईआईटी दिल्ली' के लिए प्रोफेसर पी कुमारगुरू और निहारिका सचदेवा की ओर से किए गए अध्ययन में कहा गया है,''करीब 75 फीसदी भागीदारों ने किसी वेबसाइट पर निजता की नीति के बारे में नहीं पढ़ा। इसी तरह करीब 75 फीसदी लोगों ने अपनी निजी जानकारी साझा करने से पहले वेबसाइट की निजता नीति पर गौर नहीं फरमाया।'' अध्ययन में देश भर के 10,000 से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया था।बायोमोट्रिक डिजिटल नागरिकता के जरिये बहुजनसमाज को जो जल जंगल जमीन आजीविका और नागरिकता से उखाड़ने के इंतजाम के तहत न सिर्फ नागरिकों की निजता का उल्लंघन, बल्कि उनकी खुपेया निगरानी का जो पक्का इंतजाम किया है, नागरिकों को इसका कितना ख्याल​ ​ है, इसके बारे में वे कितना जानते हैं, जाहिर है, इसको अध्ययन में शामिल नहीं किया गया। सवर्म वामपंथी इसका प्रतिरोध करे, ऐसी कोई उम्मीद नहीं है, पर बहुजन समाज की  अगुवाई करने के दावे के साथ बहुजनसमाज को खंडित विखंडित करनेवालों की सोच इस सिलसिले में क्या है?

इन्हीं बहुजन नेताओं का करिश्मा है कि नीति निरधारण विकलांगता की बीमारी से उबरकर कारपोरेट सरकार इतनी सेहतमंद हो गयी है कि गोल्डमैन साक्स ने कहा है कि भारत की जीडीपी अगले साल उम्मीदों से कहीं बेहतर निष्पादन कर सकती है क्योंकि ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि नीति निर्माता अगले साल कुछ नया और चकित करने वाले कदम उठा सकते हैं।
गोल्डमैन साक्स असेट मैनेजमेंट के चेयरमैन जिम ओ नील ने कहा, भारत कई मायने में चार ब्रिक देशों में सबसे जटिल बना हुआ है, लेकिन इसकी भौगोलिक स्थिति सबसे बेहतर जीडीपी वृद्धि दर की संभावनाएं पैदा करती है। लेकिन, प्रभावी नीतिगत बदलाव लाने की असमर्थता लगातार निराशा का कारण बनती रही है।ऐसा कहा जा रहा है कि कई नीतिगत बदलावों पर चर्चा चल रही है और भारतीय शेयर बाजार इसको लेकर काफी उत्साहित है।जर्मनी ने आज कहा कि अगर भारत मजबूत आर्थिक वृद्धि चाहता है तो उसे अन्य देशों के लिये और बाजार खोलना होगा। हालांकि यूरोपीय देश ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ब्रिटेन की तरह संबंधों में सुधार को लेकर कोई स्पष्ट बात नहीं कही।जर्मनी के राजदूत माइकल स्टेनर ने यहां संवाददाताओं से कहा, अगर आप भारत के लिये और वृद्धि चाहते हैं तो आपको दूसरे देशों के लिये बाजार खोलना होगा। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरी विदेशी कंपनियों के हित में नहीं बल्कि उसके स्वयं के हित में है। पिछले सप्ताह संसद ने खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को मंजूरी दे दी।

यह भी खबर है कि भारत के मल्टीब्रांड रिटेल सेक्टर में प्रवेश के लिए सालों से बेकरार दुनिया की प्रमुख रिटेल कंपनी वॉलमार्ट ने 2008 से अमेरिकी सांसदों के बीच लॉबिंग पर 2.5 करोड़ डॉलर (लगभग 125 करोड़ रुपये) खर्च किए। वॉलमार्ट ने लॉबिंग पर खर्च के बारे में अमेरिकी सीनेट को दी गई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में निवेश तथा अन्य लॉबिंग गतिविधियों पर उसने 2008 से 2.5 करोड़ डॉलर खर्च किए हैं।कंपनी ने 30 सितंबर, 2012 को समाप्त तिमाही में विभिन्न लॉबिंग पर 16.5 लाख डॉलर (लगभग 10 करोड़ रुपये) खर्च किए। इसमें भारत में एफडीआई पर चर्चा से संबंधित मुद्दा भी शामिल है। तिमाही के दौरान वॉलमार्ट ने अमेरिकी सीनेट, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा, अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) और अमेरिकी विदेश विभाग के समक्ष अपने मामले में लॉबिंग की। अमेरिका में कंपनियों को किसी मामले में विभागों या एजेंसियों के समक्ष लॉबिंग की अनुमति है, लेकिन लॉबिंग पर हुए खर्च की रिपोर्ट तिमाही आधार पर सीनेट में देनी होती है। वालमार्ट ने अकेले 2012 में भारत व दूसरे देशों में लॉबिंग पर 30 लाख डॉलर या 18 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। वॉलमार्ट द्वारा प्रस्तुत लाबिंग खर्च के विवरण से पता चलता है कि कंपनी ने 2008 से लगातार भारत में प्रवेश के लिए लॉबिंग की है। 2009 की कुछ तिमाहियों में हालांकि उसने इस काम के लिए लॉबिंग नहीं की। सरकार ने हाल में बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दी है। एफडीआई को लागू करने के खिलाफ विपक्ष के प्रस्ताव को संसद के दोनों सदन बहुमत से नामंजूर कर चुके हैं।अमेरिका की सुपरमार्केट चेन परिचालक वॉलमार्ट स्टोर्स का सालाना कारोबार 444 अरब डॉलर का है और इसके कर्मचारियों की संख्या वैश्विक स्तर पर 22 लाख है। काफी समय से वॉलमार्ट भारत के तेजी से बढ़ते खुदरा बाजार में प्रवेश के लिए बेकरार है। भारत का खुदरा बाजार फिलहाल 500 अरब डॉलर का है। निजी आय में बढ़ोतरी तथा उपभोक्ताओं में खर्च की प्रवृत्ति बढ़ने से 2020 तक 1,000 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। वैश्विक सलाहकार एटी कीर्ने की रिपोर्ट के अनुसार 2020 तक भारत में कुल खुदरा बाजार में संगठित क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़कर 25 फीसदी पर पहुंच जाएगी।

उत्तर प्रदेश में धर्मनिरपेक्षता का क्या हाल है? उत्तर प्रदेश में इस साल 100 से अधिक सांप्रदायिक दंगे हुए हैं जिसमें 34 लोगों की मृत्यु हुई है। जिन शहरों में इस तरह के दंगे हुए हैं उनमें मथुरा का कोसी कलां, फैजाबाद, प्रतापगढ़, सीतापुर, गाजियाबाद और बरेली शामिल हैं।गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इस साल जनवरी से 31 अक्तूबर तक हुए इस तरह के संघषरें में 450 से अधिक लोग घायल हुए हैं । राज्य में साल 2011 से सांप्रदायिक झड़पों की 84 घटनाएं हुई हैं जिसमें 12 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। साल 2011 में राज्य में सांप्रदायिक संघर्ष की 84 घटनाएं हुई जिसमें 12 लोगों ने अपनी जान गंवाई।
इस साल अक्तूबर के अंत तक हिंसा की 560 घटनाएं हुई जिसमें 89 लोगों की जान गई। वहीं, 2011 में सांप्रदायिक झड़प की 580 घटनाएं हुईं जिसमें 91 लोगों की मृत्यु हुई। उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र का स्थान आता है। वहां इस साल अब तब 83 घटनाएं हुई हैं जिसमें 13 लोगों की मृत्यु हुई थी। वहीं, 2011 में 88 घटनाएं हुई थीं जिसमें 15 लोगों की जान गई थी।मध्य प्रदेश में इस साल अब तक सांप्रदायिक हिंसा की 78 घटनाएं हुईं हैं। इसमें 11 लोगों की मृत्यु हुई है। साल 2011 में सांप्रदायिक झड़प की 81 घटनाएं हुईं जिसमें 15 लोगों की मृत्यु हुई। कर्नाटक में 2012 में सांप्रदायिक हिंसा की 54 घटनाएं हुईं लेकिन 2011 में 70 घटनाएं हुईं जिसमें क्रमश: तीन और चार लोगों की जान गई।

केन्द्र की कांग्रेस नीत संप्रग सरकार और गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार पर कारपोरेट के 'धनबल' की मदद से सत्ता में आने का आरोप लगाते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने आज भ्रष्टाचार बढने के लिए 'जनविरोधी और दलितविरोधी' नीतियों को जिम्मेदार ठहराया।तो दूसरी ओर,प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए राज्य को विभाजनकारी राजनीति से मुक्त कराने का आह्वान किया और खेद जताते हुए कहा कि भाजपा सरकार वाले इस राज्य के अल्पसंख्यक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। सिंह ने नवसारी जिले के आदिवासी कस्बे वनसाड में रविवार को अपनी पहली चुनावी जनसभा में कहा, 'हम लोगों को बांटने वाली राजनीति नहीं करते, जैसा कि विपक्षी पार्टियां करती हैं। इस तरह की राजनीति अपने-आप में खराब है और यह किसी भी पार्टी के लिए लंबे समय तक लाभकारी नहीं हो सकती।' बांटने की राजनीति कौन नहीं कर रहा है?

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने राजकोट के शास्त्री मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, ''केन्द्र में कांग्रेस और गुजरात में भाजपा कुछ उद्योगपतियों की वित्तीय मदद से सत्ता में आई हैं और उनकी नीतियां कारपोरेट की मददगार हैं।'' बसपा ने गुजरात विधानसभा की कुल 182 सीटों में से 163 पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।मायावती ने आरोप लगाया कि गरीब केन्द्र और गुजरात की सत्ता में काबिज 'गलत पार्टियों' की दोषपूर्ण नीतियों के कारण महंगाई झेल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में हालिया सांप्रदायिक दंगों को लेकर सपा सरकार पर हमला बोलते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि उनके शासनकाल के दौरान राज्य इस तरह की घटनाओं से मुक्त रहा।मायावती ने कहा, ''बसपा ने उत्तर प्रदेश में अपने शासन के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखा और उनके शासन में एक भी सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ। उन्होंने दावा किया कि बसपा ने अपने शासनकाल में उत्तर प्रदेश में चहुंमुखी विकास के लिए कड़ी मेहनत की थी।

जाहिर है कि सूरत में भागल, कोट सफिल रोड पर मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकास, युवकों के भविष्य एवं आने वाली पीढिओं की सुख सुविधा के सपनों को साकार करने के लिए और पांच वर्ष सेवा करने का अवसर देने की प्रार्थना कर मत मांगे। दो दिन पहले मांडवी में सोनिया गांधी तथा आज वांसदा में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के संबोधन का जवाब देते हुए केन्द्र की युपीए सरकार के गुजरात के साथ दुश्मन जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया।

मायावती का उन्होंने कोई नोटिस ही नहीं लिया।

मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आपके मत से मात्र सूरत नही बल्कि पूरे राज्य के भाग्य का निर्णय होने वाला है। भाजपा पिछले दस वर्षों में सरकार द्वारा किए गये विकास के कामो के आधार पर लोगों से मत मांग रही है। मगर दुर्भाग्य है कि कांग्रेस रोज नये आरोप-प्रत्यारोप करके गंदी राजनीति का प्रयास कर रही है। दो दिन पहले सोनिया जी मांडवी में आकर जो भाषण दिया था उससे कांग्रेस गुजरात के भविष्य के लिए क्या सोचती है, क्या करना चाहती है ऐसा एक भी मुद्दा नही था। कांग्रेस अध्यक्षा का दक्षिण गुजरात में चुनाव प्रचार मतदाताओं के लिए निराशाजनक रहा। सोनिया जी ने कहा कि मेरी सासु यहां आई थी इसलिए आप मुझे मत दो, ये चुनाव का मुद्दा है? कांग्रेस अध्यक्षा महंगाई के संदर्भ में एक शब्द भी नही बोली और गुजरात के विकास की बात गलत कहकर झूठ बोली। मोदी ने कहा कि सोनियाजी गुजरात ने पिछले दस वर्षो में कितना विकास किया है यह गुजरात का हर नागरिक जानता है इसके लिए आपके प्रमाणपत्र की जरूरत नही है। ऐसा लगता है जानकारी हासिल करने बिना ही सोनियाजी गुजरात चली आयी। दिल्ली में राजीव गांधी फाउन्डेशन की वे अध्यक्षा हंै और उनकी ही संस्था ने गुजरात में विकास के लिए पुरस्कार दिया है। सोनियाजी ने चुनाव प्रचार का प्रारंभ राजकोट से किया था जहां उन्होने कहा था कि गुजरात में नर्मदा योजना में विलंब क्यों हो रहा है। इसका जवाब देते हुए मोदी कहा कि नहेरूजी ने सरदार सरोवर का शिलान्यास किया था उसके बाद 26 वर्ष तक कुछ काम नही हुआ। इन्दिराजी ने 9 वर्ष तक पर्यावरण के मुद्दे पर फाईल दबा रखी थी। बांध की उंचाई बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री के तौर पर मंैने दिल्ली में उपवास किया तब जाकर कहीं बांध तैयार हुआ है, मगर मनमोहन सिंह की सरकार बांध पर 36 गेट लगाने के लिए पिछले पांच वर्ष से परमीशन नही दे रही है।

दक्षिण गुजरात के नवसारी के पास वांसदा में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रखर अर्थशास्त्री होने के बावजूद विकास की बातें करने के बजाय वोटबैंक की राजनीति करने का पाप किया है। मनमोहन सिंह द्वारा गुजरात में अल्पसंख्यक सुरक्षित नही हैं और गुजरात में लाखो लोग बेरोजगारहैं ,जैसे मुद्दे उठाए जाने के जवाब में मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षो में गुजरात में एक भी जिले में दंगा या कफ्र्यू नही लगा। विश्व की सबसे कम आबादी वाले पारसी संप्रदाय के लोग शांित से जी रहे हैं। मनमोहनजी आसाम से राज्य सभा में चुने गये हैं उनके होम टाउन में छ: महीने पहले हुए सांप्रदायिक दंगो में निर्दोष लोगो का कत्लेआम हुआ और वे गुजरात में अल्पसंख्यकों के सुरक्षित न होने की बात करते हैं। पिछले दिनो मुंबई में शाहीन नामक युवती को फेशबुक पर कोमेन्ट करने पर कांग्रेस सरकार ने जेल में डाल दिया। न्यायालय से छूटने के बाद शाहीन ने कहा कि मैं और मेरा परिवार महाराष्ट्र में नही रह सकते हम गुजरात जाएंगे वहां हम सुरक्षित रहेंगे। अल्पसंख्यकों के गुजरात में सुरक्षित होने का इससे बड़ा और क्या उदाहरण हो सकता है। बेरोजगारी का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि देश के हर एक जिले से युवक रोजी-रोटी के लिए गुजरात में आया है। मगर गुजरात का कोई युवक देश के अन्य राज्यों में रोजी की तलाश में नही गया। देश के श्रम मंत्रालय ने कहा है कि देश में सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्य में गुजरात पहले नंबर पर है। सोनियाजी तथा मनमोहन सिंह जी बिना अभ्यास किए ही गुजरात में भाषण देने चले आये और उनका झूठ पकड़ा गया। मोदी ने कहा कि दिल्ली की सरकार गुजरात को दुशमन समझती है। राज्य के विकास में रोड़े डालकर युवकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना चाहती है। 13 दिसंबर को कमल पर बटन दबाकर भाजपा के लहर की आंधी में कांग्रेस को जड़मूल से उखाड़ देने की लोगों से अपील की।

06 Dec, 2012 , 11.13AM IST
एफडीआई पर राज्यसभा में बहस
04:42 PMएसपी के नेता रामगोपाल वर्मा ने घोषणा की है कि वह राज्यसभा में भी वॉकआउट करेंगे और सरकार के पक्ष में वोट नहीं करेंगे।
03:51 PMकृषि पर आधारित बजट बनाएं तो देश की आर्थिक स्थिति सुधरेगी। देश के उद्योगपतियों को कहें कि अफ्रीका और दूसरे देशों में इनवेस्ट न करके अपने देश में इनवेस्ट करें। फिर वॉलमार्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी। -नरेश अग्रवाल
03:48 PMएसपी के नरेश अग्रवाल ने कहा कि देश के किसानों को सुविधाएं दें न कि वॉलमार्ट को देश में एंट्री।
03:45 PM"दूसरी ईस्ट इंडिया कम्पनी को देश में घुसने का रास्ता न दें।"
- एसपी
03:43 PM"ये सरकार मॉल्स में गरीबों को घुसने तक नहीं देगी।"
- एसपी
03:42 PMलोकसभा में अप्रत्यक्ष रूप से सरकार को बचाने वाली एसपी का मानना है कि न तो सरकार को बनाने की जिम्मेदार है और न ही उसे बिगाड़ने की जिम्मेदार बनेगी।
03:40 PMबीएसपी राज्यसभा में करेगी एफडीआई पर सरकार का समर्थन

03:35 PM"दिन में कुश्ती रात में दोस्ती एसपी और बीएसपी की आदत बन गई है। आने वाले समय में यह फैसला इन्हें यूपी में भारी पड़ेगा।"
- वेंकैया नायडू
03:33 PM"रीटेल चेन्स मध्यस्तों को हटाती नहीं है, अपने मध्यस्त लेकर आती है। यह बिचौलियों की एक नई खेप को जन्म दे रहे हैं।"
- डेरेक ओ ब्रेन
03:32 PMतृणमूल कांग्रेस का कहना है कि जिस दिन देश का किसान और आम आदमी सक्षम हो जाएगा उस दिन हम रीटेल में एफडीआई का स्वागत करेंगे।
03:20 PM"बीएसपी ने एफडीआई पर यू टर्न क्यों मारा, इसका जवाब तो देना पड़ेगा।"
- वेंकैया नायडू
03:12 PMयेचुरी का कहना है कि सरकार को देश में इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। इस नीति के लागू होने से सिर्फ वॉलमार्ट को फायदा पहुंचेगा, देश को नहीं।
03:10 PM"दो हिंदुस्तान बनने से रोकिए। देश 'इंडिया' और 'भारत' में बंट रहा है।"
- सीताराम येचुरी
03:06 PM"सरकार की यह नीति सिर्फ विदेशी कम्पनियों के लिए फायदेमंद है।"
- सीताराम येचुरी
03:04 PMसीताराम येचुरी ने कहा कि जब हमारी सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बना पा रही तो बाहरी कम्पनी क्या बनाएगी।
02:52 PMमायावती ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी बीएसपी कल राज्यसभा में एफडीआई पर सरकार के साथ वोट करेगी।
02:38 PMभाई-बहन का रिश्ता मैंने नहीं बनाया है, 1995 में बीजेपी के नेताओं ने मेरे घर पर आकर राखी बंधवाई थी: मायावती
02:21 PMमायावती के बयान पर हंगामा थमता न देख राज्यसभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित।
02:20 PMमुझ पर गठबंधन के लिए सीबीआी का दबाव डाला गया, मैंने समझौता नहीं किया और इस्तीफा देना बेहतर समझा: मायावती
02:20 PMसरकार में रहते हुए बीजेपी ने भी सीबीआई का दुरुपयोग किया है: मायावती
02:19 PM2004 में बीजेपी मेरे साथ मिलक चुनाव लड़ना चाहती थी: मायावती
02:12 PMकल सुषमा ने सीबीआई बनाम एफडीआई की जिक्र किया थाः मायावती
02:11 PM"सीबीआई की दबाव नहीं"
- मायावती
02:11 PMसीबीआई के दबाव में होने का आरोप लगाना फैशन बनाः माया
02:01 PMमायावती ने सुषमा स्वराज की तुलना लोमड़ी से की
01:57 PMनेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने कल पार्टी के बारे में जो भी कहा उसकी हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं: मायावती
01:56 PMसुषमा स्वराज ने कल लोकसभा में हमारी पार्टी और उसके नेतृत्व बारे में घटिया व फिजूल बाते कहीं: मायावती
01:54 PMबीएसपी के राज्यसभा में 15 सांसद हैं
01:54 PMअब मायावती रख रही हैं राज्यसभा में अपनी पार्टी की बात
01:52 PMविदेशी किराना लाने का सही समय नहीं है। सरकार खुले दिमाग से विचार करे और प्रस्ताव वापस ले
01:51 PMअनाज, दालों का नुकसान उतना नहीं, जितना सरकार ने कहा
01:48 PMइंग्लैंड के 30 फीसदी बाजार पर टेस्को का कब्जा। इंग्लैंड में किसान के पास बेचने के लिए ज्यादा विकल्प नहीं
01:47 PMछोटे बिचौलिए जाएंगे और बड़े बिचौलिए आएंगे
01:45 PMजेटली ने पूछा- अमेरिका, यूरोप का किसान अमीर क्यों नहीं हुआ?
01:40 PMबड़े स्टोर आने से सिंचाई, सड़क, बिजली की सुविधा नहीं मिलेगीः जेटली
01:40 PM82 देशों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में लड़ना होगा
01:39 PMअटल जी ने भी कहा था हम विदेशी किराना नहीं लाएंगे
01:38 PM2002 में एनडीए सरकार ने संसद में इनकार किया था
01:36 PMएनडीए ने विदेशी किराना लाना का फैसला नहीं किया था
01:34 PMजेटली ने कहा कि बार-बार कहा जा रहा है कि हमने मन बदल लिया, तो मैं साफ कर दूं कि मई 2004 तक हम इसके खिलाफ थे। केवल एक प्रस्ताव आया था जिस पर एनके सिंह की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन हुआ था।
01:31 PMइसके बाद अगर विदेशी रीटेलर्स को कुछ राज्यों ने अपने यहां स्टोर खोलने की इजाजत नहीं दी तो देश और दुनिया की अदालतों में मुकदमों की भरमार हो जाएगी।
01:30 PMजेटली ने कहा कि एफडीआई राज्य का विषय नहीं है, यह केंद्र का विषय है। दूसरी बात, सरकार ट्रेड समझौतों के तहत विदेशी कंपनियों को वही सुविधाएं देने के लिए बाध्य है, जो उस सेक्टर की दूसरी कंपनियों को दे रही है।
01:25 PMजेटली ने कहा, हम सालों से अपना बाजार खोलने से मना करते रहे और सरकार ने अमेरिका व इंग्लैंड को एकतरफा छूट दे दी।
01:22 PMउन्होंने कहा कि बड़े रीटेलर्स के आने से बाजार कन्सॉलिडेट हो जाता है। इसके बाद सामान बेचने वालों और खरीदने वालों के पास 3-4 विकल्प ही बच जाते हैं।
01:21 PMइंग्लैंड में टेस्टो का 30% बाजार पर कब्जा है, जबकि चार बड़े रीटेलर का वहां के 65% बाजार पर कब्जा है।
01:19 PMउन्होंन कहा, सरकार की अवधारणा ही गलत है। जब छोटो बिचौलिये निकल जाएंगे तो वॉलमार्ट और टेस्को जैसे बड़े बिचौलिये छा जाएंगे।
01:18 PMविपक्ष के नेता ने कहा, बिचौलियों के जाने से अगर किसान खुशहाल हो जाते तो गन्ना किसानों को कोई परेशानी नहीं होती। गन्ना किसानों से सीधे चीनी मिल गन्ना खरीदते हैं। सचाई यह है कि अगर राज्य सरकारें गन्ना समर्थन मूल्य घोषित न करें तो किसान भूखों मर जाएंगे।
01:15 PMजेटली ने कहा, सरकार कह रही है कि इससे किसानों को फायदा होगा अगर ऐसा होता तो यूरोप और अमेरिका के किसानों को मालामाल हो जाना चाहिए था। हकीकत यहै है कि अमेरिका और यूरोप में किसानों को हर रोज सरकारें 6 हजार करोड़ की सब्सिडी देती है।
01:13 PMजेटली ने कहा कि 21.5 लाख करोड़ के टर्नओवर के साथ वॉलमार्ट दुनियाभर में 15 लाख नौकरियां दे रहा है, जबकि साढ़े 10 लाख करोड़ वाले भारतीय रीटेल बाजार से 4 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिल रहा है।
01:12 PMदो साल पहले वॉलमार्ट का टर्नओवर साढ़े 21 लाख करोड़ था और भारत का टोटल रीटेल बाजार साढ़े दस लाख करोड़ का है। यानी भारत के बाजार से उसका टर्नओवर दोगुना है।
01:09 PMजेटली बोले, रीटेल में एफडीआई से सामान दूसरे देश का होगा और बिकेगा भारत में। सेल्समैन का देश बनकर रह जाएगा भारत। निर्माण क्षेत्र में नौकरियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
01:03 PMArun
अरुण जेटली ने कहा, सरकार के पास बहुमत नहीं है।

01:00 PMउन्होंने कहा, खेती के बाद भारत में सबसे ज्यादा लोग खुदरा कारोबार से रोजगार पाते हैं। करीब 4 करोड़ परिवार प्रत्यक्ष रूप से खुदरा कारोबार से जुड़े हैं और इस तरह करीब 18 से 20 करोड़ लोगों का जीवन यापन इससे होता है।
12:58 PMजेटली ने कहा, समय आ गया है कि हम अपने सुधार की परिभाषा दुनिया को बताएं।
12:58 PMउन्होंने कहा, हर परिवर्तन सुधार नहीं होता। क्या वाणिज्य मंत्री अमेरिका से कह सकते हैं कि आउटसोर्सिंग पर प्रतिबंध आर्थिक सुधार नहीं है।
12:56 PMजेटली बोले- बीजेपी एफडीआई के विरोध में नहीं है, लेकिन यह तो देखना चाहिए कि किस सेक्टर में एफडीआई आए।
12:55 PMविपक्षे के नेता ने कहा, मैं कपिल सिब्बल जी को चुनौती देता हूं कि वह अपने संसदीय क्षेत्र चांदनी चौक में एक भी विदेशी रीटेल स्टोर खुलवा कर देख लें। चुनाव भी नजदीक ही है।
12:54 PMजेटली ने कहा, सरकार के पास आंकड़ा नहीं है। 253 का आंकड़ा चिंताजनक है।
12:53 PMजेटली ने कहा कि एफडीआई के सबसे बड़े पैरोकार शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने महाराष्ट्र में कह दिया है कि वह अभी राज्य में इसे लागू नहीं होने देगी।
12:52 PMविपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि सरकार लड़खड़ा रही है, सरकार के सहयोगी ही उसके विरोधी हैं।
12:51 PMगौरतलब है कि डीएमके ने रीटेल में एफडीआई का विरोध करने के बावजूद सरकार के साथ वोट किया था।
12:50 PMमैत्रेयन ने तमिलनाडु की अपनी प्रतिद्वंद्वी पार्टी डीएमके पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिस जनता का प्रतिनिधित्व डीएमके करती है वो सबकुछ देख रही है।
12:39 PMMaitreyan
एआईएडीमे के सांसद मैत्रेयन ने एफडीआई पर प्रस्ताव रखा।

12:37 PMबीएसपी-एसपी अब सरकार का साथ देने पर यह नहीं कह सकेंगी कि वह सांप्रदायिक ताकतों के साथ नहीं दिखना चाहतीं।
12:35 PMरणनीति के तहत राज्य सभा में एआईएडीएमके की ओर से प्रस्ताव पेश कराया गया। लोकसभा में एसपी-बीएसपी ने बीजेपी के प्रस्ताव पर वॉकआउट किया था।
12:20 PMअन्नाद्रमुक सांसद वी. मैत्रेयन ने राज्यसभा में एफडीआई पर प्रस्ताव पेश किया, बहस की शुरुआत।
11:29 AMबाबरी ढांचा विध्वंस की बरसी के मौके पर हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित।
11:25 AMविपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा, सरकार राज्यसभा में हंगामे के लिए एसपी और बीएसपी का इस्तेमाल कर सकती है।
11:25 AMराज्यसभा सांसद अमर सिंह ने कहा है कि वह वोटिंग में सरकार का साथ देंगे और रीटेल में एफडीआई के पक्ष में वोट डालेंगे।
11:22 AMबहस शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि राज्यसभा में भी जीत का भरोसा है।
11:21 AMराज्यसभा में बहुमत के लिए सरकार को चाहिए 123 वोट चाहिए, जबकि उसके पास 94 सांसद ही हैं।
11:20 AMमल्टि-ब्रैंड रीटेल में एफडीआई को लेकर आज राज्यसभा में नियम-168 के तहत बहस होगी। बहस के बाद कल वोटिंग भी होगी।

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मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha

হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!

मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में OBC Trump Card और जयभीम कामरेड

Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!

हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला हिंदुत्व की राजनीति से नहीं किया जा सकता।

In conversation with Palash Biswas

Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Save the Universities!

RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!

जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।

#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?

Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

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