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Monday, February 29, 2016

मिथाइल आइसोसाइनाइट जैसा निःशब्द कत्लेआम का इंतजाम यह बजट! डाउ कैमिकल्स के वकील अब समूचे देश को भोपाल गैस त्रासदी में बदलने लगे! पलाश विश्वास


मिथाइल आइसोसाइनाइट जैसा निःशब्द कत्लेआम का इंतजाम यह बजट!

डाउ कैमिकल्स के वकील अब समूचे देश को भोपाल गैस त्रासदी में बदलने लगे!

पलाश विश्वास

मुश्किल यह है कि डाइरेक्ट टैक्स कोड बजट में लागू करने के बाद प्रणव मुखर्जी के बजट को हमने पोटाशियम सायोनाइड कहकर बजट प्रक्रिया पर एक किताब इसी शीर्षक से लिखी थी,जो बहुत पढ़ी भी गयी।इसके अलावा देश भर में बजट विश्लेषण करते हुए हमने बजट को पोटाशियम सायोनाइड ही लिखा था।


डाउ कैमिकल्स के वकील जो अब समूचे देश को भोपाल गैस त्रासदी में बदल रहे हैं,तो इस बजट को मिथाइल आइसोसाइनाइट या मिक कहना चाहिए।


इसमें भी मुश्किल यह है कि आम जनता मिक से समझेगी नहीं।बेहतर है कि इसे हम मुक्त बाजार का जहरीला बजट बुलेट कहें।ऐसा बुलेट जो देशद्रोही हो या देश प्रेमी,हर भारतीय नागरिक को खेत बना देगा बिना भेदभाव का।


इसे समरसता भी कह सकते हैं।


इस बजट में गरीब ,गांव और किसान की बात कहकर भोपाल गैस त्रासदी की पुनरावृत्ति देशभर में करने की तैयारी है।


टीवी पर न जाने कैसे विशेषज्ञ,विश्लेषक और अर्थशास्त्री मोदी को अग्निपरीक्षा में सफल बताते हुए इस अमानवीय बजट को अभूतपूर्व बता रहे हैं,जिससे कारपोरेट इंडिया की भी हवा खराब है।


अर्थ व्यवस्था कोई जुमले का शोरबा है नहीं कि जुमले उछालने से बुलेट ट्रेन की तरह रफ्तार पकड़ लेगी अर्थव्यवस्था जबकि बुनियादी समस्याएं जस की तस हैं।


जिन आंकड़ों के भरोसे धड़धड़ नंबर बांटे जा रहे हैं,वे उतने ही फर्जी हैं,जितने कि अच्छे दिनों के ख्वाबी पुलाव।इन आंकड़ो का लब्वोलुआब यहै है कि बजट में अमीरों पर कर का बोझ डाला गया है। एक करोड़ से ज्यादा आय वाले लोगों पर सरचार्ज 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया गया है। डीजल कारें, ब्रैंडेड कपड़े और गहने मंहगे हो जाएंगे।


अमीरों पर कितना बोझ  और उन्हें कितनी और कैसी राहत इस पर कोई चर्चा हो नहीं रही है।किसानों के विकास के लिए 35984 करोड़ रुपए के मुकाबले कर माफी,कर छूट,टैक्स होली डे और मनोपाली,पीपीपी माडल के तहत कितने लाक लाक करोड़ का बंदरबांट हो रहा है,इसका लेखा जोखा कोई नहीं है।


अमीरों की काल खींचने का नाटक कुछ ऐसा हैः

छोटी कारें और अन्य वाहन अब महंगे हो जाएंगे। वित्त मंत्री अरण जेटली ने आज पेश वित्त वर्ष 2016-17 के बजट में विभिन्न प्रकार के वाहनों पर चार प्रतिशत तक का बुनियादी ढांचा उपकर (सेश) लगाने का प्रस्ताव किया है। सबसे अधिक बढ़ोतरी डीजल वाहनों पर होगी।


गौर करें कि सबसे अधिक बढ़ोतरी डीजल वाहनों पर होगी।


वित्त मंत्री ने पेट्रोल, एलपीजी और सीएनजी से चलने वाली छोटी कारों पर एक प्रतिशत का उपकर लगाने का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा कुछ निश्चित क्षमता की डीजल कारों पर 2.5 प्रतिशत तथा उच्च क्षमता वाले वाहनों व एसयूवी पर चार प्रतिशत उपकर लगाने का प्रस्ताव किया गया है।

इसके अलावा जेटली ने 10 लाख रुपये से अधिक कीमत की लग्जरी कारों तथा दो लाख रुपये से अधिक की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद पर एक प्रतिशत की दर से स्रोत पर कर लगाने का प्रस्ताव किया है।




तो दावा यह है कि गरीबों के लिए वित्त मंत्री ने कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू करने की घोषणा की है।


मसलन गरीब बुजुर्गों को एक लाख तीस हजार का स्‍वास्‍थ्‍य बीमा, गरीब महिलाओं के नाम पर होगा एलपीजी कनेक्‍शन, गरीबों के लिए नई सुरक्षा बीमा योजना, गरीबों को रसाई गैस के लिए 200 करोड़, किसानों की आय पांच सालों में दोगुनी करना, परंपरागत खेती को लाभ की खेती बनाना, किसानों के विकास के लिए 35984 करोड़ रुपए, किसानों के लिए देश में 12 ई-पोर्टल खुलेंगे, मनरेगा के लिए 38500 करोड़ रुपए, गांवों में विद्युतिकरण के लिए 8500 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।


इस बजट में जितना दिखाया गया है,उससे बहुत ज्यादा छुपाया गया है।बजट में चार चार एनेक्सर है।जिसका खुलासा आम जनता को कभी होने की उम्मीद नहीं है।पढ़े लिखे लोग भी बजट घोषणाओं से इतने ज्यादा उल्लास में हैं,जितना वे हिंदुत्व के जयघोष से हुआ करते हैं या मंकी बातों से जिन्हें वैदिकी ज्ञान मिलता रहता है और ज्ञानविज्ञान से इन देशप्रेमियों को कुछ लेना देना नहीं होता।


प्रणव मुखर्जी ने कर प्रणाली को सुधारने का जो बीड़ा उठाया,उसका आशय अभी लोग वैसे ही नहीं समझते हैं,जैसे विनिवेश,विनियमन और विनियंत्रण की ग्रीक त्रासदी समझ से बाहर है।


गांवों की तरफ तबाही का अश्वमेध इस बजय बुलेट भव्य राममंदिर अभियान है।भोपाल गैस त्रासदी के वक्त भी लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि मौत कितनी खामोश होती है।रुपरसगंध हीन निःशब्द मिथाइल आइसोसाइनाइट की तरह देश भर में आम लोगों के लिए यह हसीन मौत का दस्तक है।


मसलन इस बजट के मुताबिक प्रत्यक्ष कर प्रस्तावों में 1060 करोड़ की कमी होगी जबकि अप्रत्यक्ष करों में 20,600 करोड़ का इजाफा हो जायेगा।


सीधा मतलब यह है कि राजस्व वसूली आम लोगों से होगी अप्रत्यक्ष कर सुनामी के मार्फत और कर सुधारों के तहत टैक्स चोरों को टैक्स होलीडे का चाकचौबंद इंतजाम।


मजे की बात है कि अप्रत्यक्ष करों में यह भारी इजाफा सेस की बदौलत होना है और यह वसूली आम जनता से होगी।


सबसे पहले यह समझ लें कि देश की अर्थव्यवस्था मेहनतकश बाजुओं के दम है।औद्योगिक या कृषि उत्पादन में वृद्धि का कोई नक्शा नहीं है,गांवों और किसानों के नाम सारा प्रसाद कारपोरेट के खाते में जा रहा है।निर्यात क्षेत्र में लगातर गिरावट है।सेवाक्षेत्र में ठहरा व बना हुआ है जो नवउदारवाद की सर्वोच्च प्राथमिकता है और जो या तो एफडीआई या फिर अमेरिका से होने वाले आउटसोर्सिंग पर निर्भर है।


हालत कितनी खराब होगी,इसका अंदेशा अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव परिदृश्य है,जहां जीत के क्रमशः प्रबल दावेदार बन रहे रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप ने मुसलमानों के लिए अमेरिका बंद के ऐलान के बाद भारत के लिए रोजगार बंद नारा दिया हुआ है।


बजट अनुदान के जो आंकड़े हैं,वे राजकोष की माली हालत और राजस्व प्रबंधन के दायरे में नहीं है।ज्यादातर रकम बाजार से बांड के जरिये वसूली जानी है।बांड चल गये तो अनुदान देने की हालत बनेगी।फिर ऐसे तमाम अनुदान में राज्यसरकारों की भागेदारी अनिवार्य है।उनका हिस्सा नहीं मिला तो घोषित प्रोजेक्ट भैंस गई पानी जैसा है।


अर्थव्यवस्था के विकास में कारपोरेट इंडिया का योगदान पंद्रह फीसद भी नहीं है।लेकिन सारी रियायतें उन्हींके लिए।इसपर मजा यह कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था जमींदोज हो जाने के बावजूद राजकोषीय घाटे को तीन फीसद तक बनाये रखने के बहाने आम जनता पर अप्रत्यक्ष करों का पहाड़ जैसा बोझ,जिससे हर सेवा ,हर चीज मंहगी हो जानी है।


गौरतलब है कि मध्यम वर्ग को सबसे ज्यादा उम्मीद आय कर स्लैब में बदलाव को लेकर थी लेकिन वित्त मंत्री ने आय कर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है बल्कि सर्विस टैक्स में 0.5 फीसदी का इजाफा कर जोर का झटका दिया है। बजट में सर्विस टैक्स 14.5 फीसदी से बढ़कर 15 फीसदी कर दिया गया है। यानी सर्विस टैक्स से जुड़ी सभी सेवाएं महंगी हो जाएंगी। सर्विस टैक्स में 0.5 फीसदी का कृषि कल्याण कर लगाया गया है।    

यही नहीं,वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 2016-17 के बजट में ईपीएफ तथा अन्य योजनाओं में सभी स्तरों पर छूट की पुरानी व्यवस्था में बदलाव लाते हुए एक अप्रैल 2016 के बाद किये गये योगदान पर अंतिम निकासी के समय 60 प्रतिशत योगदान पर सेवानिवत्ति कर लगाने का आज प्रस्ताव किया।  

   

फिलहाल कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा संचालित सामालिक सुरक्षा योजनाएं पूरी तरह कर छूट के दायरे में आती हैं। ये योजनाएं इग्जेम्प्ट-इग्जेम्प्ट-इग्जेम्प्ट (ईईई) के अंतर्गत आती हैं। यानी जमा, ब्याज तथा निकासी तीनों पर कर छूट का प्रावधान है।

   

विभिन्न प्रकार की पेंशन योजनाओं पर समान कर व्यवहार के इरादे से बजट में एक अप्रैल 2016 के बाद कर्मचारियों के मान्यता प्राप्त भविष्य निधि तथा सेवानिवत्ति कोष में जमा राशि में से 40 प्रतिशत तक की निकासी पर कोई कर नहीं लगेगा।

   

इसमें कहा गया है कि एक अप्रैल 2016 या उसके बाद सेवानिवत्ति योजनाओं में किये गये योगदान पर जमा राशि की निकासी 40 प्रतिशत के अलावा शेष पर कर लगेगा। धारा 80सीसीडी के मौजूदा प्रावधानों के तहत राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से निकासी राशि पर कर लगता है।

पेंशन युक्त समाज की ओर बढ़ने की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा, पेंशन योजनाएं वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती हैं। मुक्षे विश्वास है कि परिभाषित लाभ और परिभाषित योगदान वाली पेंशन योजनाओं के मामले में कर व्यवहार समान होना चाहिए।



बहरहाल नरेंद्र मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत मिशन के लिए बजट में नौ हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में सोमवार को पेश वर्ष 2016-17 के अपने बजट में यह प्रस्ताव करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन विशेषकर ग्रामीण भारत में स्वच्छता और सफाई सुधारने का भारत का सबसे बड़ा अभियान है।


मजे की बात यह है कि यह स्वच्छता अभियान पूरीतौर पर खैरात बांटने जैसा आयोजन है,जिसके तहत पैसा कहां जाता है,इसका कोई हिसाब लेकिन वित्त मंत्रालय के पास होता नहीं है।


इसी तरह भुलावे के मुद्दे बहुतेरे हैं।

मसलनः

कम कीमत पर जेनेरिक दवा उपलब्ध कराने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार देश भर में 2016-17 में 3,000 जन औषधि स्टोर खोलेगी।

गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों के इलाज के लिए सरकार एक नई स्वास्थ्य सुरक्षा योजना शुरू करेगी। इसमें  प्रति परिवार एक लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवर प्रदान किया जायेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को लोकसभा में आम बजट 2016-17 पेश करते हुए इसकी घोषणा की है।


सरकार ने उर्वरक सब्सिडी भी अब सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंचाने की पहल की घोषणा की है। पायलट आधार पर देश के कुछ जिलों में इसकी शुरुआत की जाएगी।


वर्ष 2016-17 के बजट में आर्थिक वृद्धि की गति तेज करने के लिये बुनियादी ढांचे क्षेत्र पर काफी जोर दिया गया है। वर्ष के दौरान रेलवे और सड़क परियोजनाओं सहित विभिन्न ढांचागत योजनाओं के लिये 2.21 लाख करोड़ रुपए आवंटित किये गये हैं।


सारे नंबर इन्ही मुद्दों पर लिये दिये जा रहे हैं,जिन पर अमल कितना हो पायेगा और रुपया कहां से कहां पहुंचेगा,कुछ बताया नहीं जा सकता।



सर्विस टैक्स बढ़ने का सीधा असर आम आदमी के जन-जीवन पर होगा। सर्विस टैक्स बढ़ने से हर सेवा महंगी हो जाएगी। मसलन हवाई यात्रा, एटीएम से पैसे निकालना, रेस्तरां में खाना, फिल्म देखना, मोबाइल बिल, जिम, ब्यूटी पार्लर जाना और रेल टिकट भी महंगा होगा। महंगाई की मार बीमा पॉलिसी पर भी पड़ेगी। यही नहीं सर्विस टैक्स बढ़ने से सिगरेट, सिगार, गुटखा और पान मसाला महंगा हो जाएगा। बजट में छोटी-बड़ी सभी तरह की कारें भी महंगी कर दी गई हैं। ब्रांडेड कपड़ों को लेकर भी आपको अब ज्यादा कीमत चुकानी होगी।

वित्त मंत्री ने सलाना ढाई लाख रुपए की आमदनी को टैक्स के दायरे से बाहर रखा है। यानी सलाना ढाई लाख रुपए की आय करने वाले लोगों को आय कर नहीं देना होगा जबकि 2.5 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी पर 10 फीसदी की दर से टैक्स लगता है। वहीं 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपए से ज्यादा की सालाना आमदनी पर 30 फीसदी की दर से इनकम टैक्स लगाया जाता है। सीनियर सिटीजन को 3 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी पर 10 फीसदी की दर से टैक्स देना होता है। जबकि महिलाओं को तीन लाख रुपए की सलाना आमदनी पर कोई आयकर नहीं देना होता है। महिलाओं को 3 लाख से पांच लाख रुपए तक 10 फीसदी, 5 लाख से 10 लाख रुपए तक- 20 फीसदी, 10 लाख रुपए से ऊपर 30 फीसदी आयकर देना होता है।



कोयला और बिजली के दाम बढ़ते जाने से मंहगाई बेइंतहा होने का अंदेशा है।खेती की लागत मिल नहीं रही।मनसैंटो और ठेका खेती के हरित क्रांति दूसरे चरण के बाद अब गांव के लोग बुनियादी जरुरतों औरसेवाओं को कैसे हासिल करेंगे इस थोंपी हुई मंहगाई में,इसकी फिक्र वातानुकूलित बुद्धिजीवियों को नहीं है।


2008 की मंदी के बाद उद्योग जगत को साढ़े तीन लाख करोड़ की राहत दी गयी थी।


अब रेट्रो टैक्स लागून न होने के ऐलान के बाद यह राहत सालाना तीन पांच लाख करोड़ के मुकाबले कुल कितनी बैठेगी,इसका हिसाब डाउ कैमिकल्स के वकील ने नहीं दी है।


बहरहाल बैकरप्ट कंपनियों को बाजार से निकलने के लिए पलायन का सुरक्षित रास्ता दिया जा रहा है ताकि वे बाजार से पैसा निकालकर किसी को भी भुगतान किये बिना विदेशी निवेशकों की तरह खुली लूट के लिए आजाद हो जाये।


चिटफंड कंपनियों पर अंकुश लगाने के लिए नया कानून बनाने के वायदे के साथ साथ,सेबी के कानून बदलने के भरोसे के साथ साथ देस की पूरी अर्थव्यवस्था को मकम्मल चिटफंड का कातिल कैसिनो बनाने का यह चाकचौबंद इंतजाम है।


 दूसरी तरफ, विदेशी व्यापार घाटा घटने का नाम ले नहीं रहा है।मुद्रास्फीति शून्य के दावे के बावजूद मंहगाई सुरसामुखी है और रुपये का मूल्य लगातार गिरता ही जा रहा है।अब तो लगता है कि फर्जी विकास दर की तरह वित्तीय घाटे का आंकड़ा भी फर्जी है।


बलिहारी जुमले बाजी की।यह तो भारत के आत्महत्या करते किसानों के चरणों में सर काटरकर अर्पण करने का संकल्प है।जबकि गरीबों को मध्यवर्ग से अलग खांचे में डालकर उन्हें हर तरह के कर रहात और सब्सिडी से वंचित करने का प्रावधान है और इसके लिए बाकायदा सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए बुनियादी जरुरतों और सेवाओं को गैरकानूनी आधार कार्ड से जोड़ दिया वित्तमंत्री ने,जिसका राजनीतिक विरोध होने की संभावना शून्य है।कृषि संकट का हल बुनियादी ढांचे के नाम हाईवे की बेदखली और उसके जरिये प्रोमोटर बिल्डर राज है।


महज पांच सौ कोरड़ के आबंटन से बेरोजगार युवा हाथों को रोजगार के ख्वाब उतने ही अच्छे दिन हैं ,जितने सौ फीसद विनिर्माण एफडीआई के मार्फत भारत निर्माण का मिथकीय सच।


कृषि संकट का आलम जल जंगल जमीन से बेदखली का अनंत सिलसिला है।इंफास्ट्रक्चटर के नाम देशी विदेशी पूंजी के लिए खुल्ला मुनाफावसूली का प्रोमोटर बिल्डर माफिया राज और यही है गांवों के विकास का असली राज।भारत निर्माण के हवा हवाई दावों के बावजूद विनिर्माण की दिशा हाईवे तक सीमाबद्ध है।


बेदखल खेतों का मुआवजा अगर बाजार की दरों के मुताबिकमिल जाये,तभी मंकी बातों के मुताबिक किसानों की आय औचक दोगुणी हो सकती है और कोई दूसरी सूरत नहीं है।


गरीबों से मध्यवर्ग को अलग करने का तात्कालिक नतीजा यह हुआ है कि आयकर में नौकरी पेशा लोगों के लिए पांच लाख तक की आय में महज तीन हजार की छूट है। जिस मध्यमवर्ग के दम पर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने और एनडीए सत्ता में आया, उसी मिडिल क्लास की उम्मीदों पर सरकार ने पानी फेर दिया है। आम बजट 2016-17 में मध्यम वर्ग को मामूली राहत दी गई है उसके बदले में उस पर महंगाई का बोझ डाल दिया गया है। वित्त मंत्री ने हालांकि मिडिल क्लास को कुछ राहत देने की घोषणा की है। अगर आप 50 लाख तक का मकान खरीदते हैं तो आपको 50 हजार रुपए की अतिरिक्त छूट मिलेगी। हालांकि यह पहली बार मकान खरीदने वालों के लिए ही होगी।


रस्मी तौर पर महिलाओं को जो विशेष छूट दी जाती रही है,वह भी सिरे से गायब है।


मल्टी ब्रांड खुदरा बाजार में सौ फीसदी एफडीआई से कारोबारी शहरी और कस्बाई लोगों की शामत अलग आने वाली है।

दूसरी तरफ सबकुछ ओएलएक्स पर बेच देने की हड़बड़ी में विनिवेश लक्ष्य करीब 56 हजार करोड़ का बताया जा रहा है।


कर विवाद निपटारे के बहाने,करों को सरल बनाने के बहाने पहले ही कारपोरेट और वेल्थ टैक्स में भारी रियायतें दी जा चुकी है।


बड़ी कंपनियों को दी गयी राहतों को छुपाने के लिए कुछ चिप्पियां जरुर लगायी गयी है।


गौरतलब है कि गांवों,किसानों और गरीबों की भलाई के लिए तीन साल तक नई स्ट्राट अप कंपनियों को टैक्समाफी है औरयह रकम कुल कितनी होगी, यानी कितने लाख करोड़,इसका खुलासा नहीं हुआ है।


इसीतरह बनियों की पार्टी का बिजनेस फ्रेंडली गवर्नेंस का चरमोत्कर्ष मल्टी ब्रांड खुदरा बाजार में सौ फीसदी  एफडीआई जो है सो है,ई कामर्स के लिए दी जा रही इफरात छूट का भी कोई आंकड़ा नहीं है।


इस कारपोरेट कार्निवाल के मुकाबले अब कृषि पर सरकारी घोषणाओं का मतलभ भी समझ लें।


टैक्स फोरगान के आंकड़े अब होंगे नहीं और आम जनता को पता ही नहीं चलेगा की उनकी गरदन चाक करके उनकी जेबों से पैसे निकालकर कुल कितने लाख करोड़ का उपहार पूंजी के हवाले है।


दलितों और अंबेडकर के नाम मगरमच्छ आंसू के मतलब रोहित वेमुला का संस्तागत हत्या के बाद भी जो  लगो समझ नहीं रहे हैं,वे अनुसूचित जातियों,जनजातियों और अल्पसंख्यकों के खाते में दिये जाने वाले अनुदान में कटौती का हिसाब नहीं मांगेंगे,जाहिर है।


मनुस्मृति राजकाज में भारत में ज्ञान विज्ञान के सारे दरवाजे बंद हैं और वैदिकी आयुर्वेदिक विशुध रामराज्य में उच्च शिक्षा और शोध का कोई मतलब भी नहीं है क्योंकि डिजिटल इंडिया में कारीगरी दक्षता की बदौलत बारहवीं पास करने के बाद बिना श्रम कानून,ठेके पर बंधुआ मजदूरी का रोजगार सृजन सिलसिला है।इसलिए उच्चशिक्षा के लिए लिए हजारेक करोड़ का प्रावधान भी जियादा है।महिलाओं और बच्चों के लिए मनुस्मृति राज में अलग से सोचने की जरुरत ही नहीं है।तो सामाजिक योजनाओं का हाल न ही पूछें।


गौरतलब है कि विशेषज्ञों ने सरकार के अप्रत्यक्ष कर संग्रहण के 20,600 करोड़ रुपये के ऊंचे लक्ष्य पर संदेह जताते हुए कहा है कि पूर्व में भी इसे हासिल नहीं किया जा सका है।


खेतान एंड कंपनी के दिनेश अग्रवाल ने कहा कि सरकार का अप्रत्यक्ष करों से अतिरिक्त राजस्व जुटाने का प्रयास संभवत: पूरा नहीं हो पाएगा। विशेष रूप से आभूषण और परिधान क्षेत्रों से। बजट 2016-17 में आभूषण और ब्रांडेड परिधानों पर उत्पाद शुल्क की दरों में क्रमश: एक और दो प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि पूर्व में इन उत्पादों पर शुल्क लगाने के प्रयास सफल नहीं हुए हैं।

इसके अलावा तंबाकू उत्पादों, एसयूवी और 10 लाख रुपये से अधिक की लग्जरी कारों पर भी उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया है। केपीएमजी इंडिया के गिरीश वनवारी ने कहा कि कराधान के मोर्चे पर कुछ नया नहीं किया गया है, वित्त मंत्री अरुण जेटली कुछ अधिक कर सकते थे। वनवारी ने एक नोट में कहा, 'सूचीबद्ध शेयरों पर पूंजीगत लाभ कर में बदलाव नहीं होना शेयर बाजारों के लिए सकारात्मक है। हालांकि, 10 लाख रुपये से अधिक लाभांश पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त कर और विकल्प पर शेयर लेनदेन कर में बढ़ोतरी बाजार के लिए प्रतिकूल होगी।'

कर मुकदमों को समाप्त करने के प्रस्ताव पर खेतान एंड कंपनी के संजीव सांघवी ने कहा, 'कुल मिलाकर यह अच्छा बजट है। सरकार के मेक इन इंडिया अभियान के अनुरूप यह वृद्धि को प्रोत्साहन देने वाला और कर विवादों व अनुपालन बोझ को कम करने पर केंद्रित बजट है। अपील के निपटान तक विवादित कर मांग में करदाताओं के लिए 15 प्रतिशत के भुगतान पर रोक की योजना के बारे में उन्होंने कहा कि इससे करदाताओं की दिक्कतों को कम करने में मदद मिलेगी। घरेलू काले धन के मुद्दे को हल करने की योजना भी एक अन्य उल्लेखनीय कर प्रस्ताव है।

केपीएमजी के नवीन अग्रवाल ने कहा कि बजट कर सरलीकरण ईश्वर समिति की रिपोर्ट के अनुरूप है। करदाताओं के लिए अनुमान पर आधारित कराधान योजना के लिए सालाना कारोबार की सीमा को एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये किया गया है, जो स्वागतयोग्य पहल है।



बहरहाल  वित्त मंत्री अरुण जेटली शनिवार को ओर से लोकसभा में प्रस्तुत आम बजट के मुख्य इस प्रकार हैं :

- इस साल इनकम टैक्‍स की छूट की सीमा नहीं बढ़ेगी।

-इनकम टैक्‍स छूट सीमा में कोई बदलाव नहीं, पुराना टैक्‍स स्‍लैब ही लागू होगा।  

-कॉरपोरेट टैक्‍स दर को अगले 4 साल में घटाकर 30 फीसदी से 25 फीसदी किया जाएगा।

-एक करोड़ से ज्‍यादा आय वालों पर दो फीसदी अतिरिक्‍त टैक्‍स लगाया जाएगा।

-वेल्‍थ टैक्‍स खत्‍म, सुपर रिच कैटेगरी पर लगेगा दो फीसदी सरचार्ज।

- कर छूटों को युक्तिसंगत बनाया जाएगा।

-सर्विस टैक्‍स में बढ़ोतरी, तकरीबन हर चीज होगी महंगी।

- हेल्‍थ इंश्‍योरेंस में छूट सीमा 15 हजार से बढ़ाकर 25000 रुपये की गई।

- पेंशन फंड पर छूट सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये की गई।

- वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए हेल्‍थ इंश्‍योरेंस 20000 से बढ़ाकर 30000 करोड़ रुपये किया गया।

- यात्रा भत्‍ता की टैक्‍स छूट सीमा 800 रुपये से बढ़ाकर 1600 रुपये की गई।


- एक लाख से ज्‍यादा की खरीद पर पैन नंबर बताना जरूरी होगा।

-2016 से लागू किया जाएगा जीएसटी।

- रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया पर जोर।

- शहरी आवास के लिए 22407 करोड़ रुपये का प्रावधान।

- विदेश में कालाधन छिपाने पर सात साल की सजा।

- कालेधन के दोषियों को दस साल की सजा।

- कालेधन रखने वालों पर सरकार का बडा ऐलान।  

- बेनामी संपत्तियों को जब्‍त करने पर कानून बनेगा।

- कॉरपोरेट टैक्‍स दर को अगले 4 साल में घटाकर 30 फीसदी से 25 फीसदी किया जाएगा।

- रक्षा क्षेत्र के लिए 2.46 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान।

- नमामि गंगे के लिए 4173 करोड़ रुपये का प्रावधान।

- बिहार और पश्चिम बंगाल को आंध्र प्रदेश जैसी ही मदद दी जाएगी।

- आईएसएम धनबाद को आईआईटी का दर्जा देंगे।

- 20000 गांवों में सौर ऊर्जा पहुंचाने का लक्ष्‍य।

- 80000 सीनियर सेंकेडरी स्‍कूल खोलने का लक्ष्‍य।

-कालाधन रोकने के लिए कैश ट्रांजेक्‍शन को बढ़ावा।

- वीजा ऑन अरावइल में 150 देशों को शामिल करेंगे।

- विदेशी निवेश के नियम सरल बनाएंगे।

- गोल्‍ड अकाउंट खोलने की योजना और बदले में ब्‍याज मिलेगा।

- राष्‍ट्रीय स्किल मिशन योजना की शुरुआत।

- पीएम विद्या लक्ष्‍मी योजना में छात्रों को एजुकेशन लोन। गरीब छात्रों को मिलेगा कर्ज।  

- बिहार में एम्‍स जैसे नए संस्‍थान बनाने का प्रस्‍ताव।

- जेएंडके, पंजाब, तमिलनाडु, हिमाचल, असम में नए एम्‍स बनाए जाएंगे।

- कर्नाटक में आईआईटी खोला जाएगा।

- विदेशी निवेश को सरल बनाया जाएगा।

-कृषि सिंचाई योजना में तीन हजार करोड़ रुपये बढ़ाएंगे।

- अगले साल से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होंगी।

- फेमा नियमों में बदलाव का प्रस्‍ताव।

- मनरेगा में पांच हजारा करोड़ रुपये की राशि बढ़ेगी।

- सेबी और एफएमसी का विलय किया जाएगा।

- डायरेक्‍ट टैक्‍स प्रणाली लागू किया जाएगा।

- कर्मचारियों को ईपीएफ या पेंशन स्‍कीम चुनने का विकल्‍प दिया जाएगा।

- ईपीएफ या पेंशन स्‍कीम को लागू किया जाएगा।

- नकद लेन देन को कम करने के लिए डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का इस्‍तेमाल बढ़ाया जाएगा।

- गोल्‍ड अकाउंट खोलने की योजना से ब्‍याज मिलेगा।

- विदेशी सोने की सिक्‍कों की जगह देशी सोने की सिक्‍कों का चलन बढ़ेगा।

- 4000 मेगावाट के 5 अल्‍ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्‍ट शुरू होंगे।

-टैक्‍स फ्री इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर बॉन्‍ड का ऐलान1  

- विदेशी मुद्रा भंडार 340 बिलियन डॉलर

- सरकार ने बढ़ाया निवेश का माहौल

- चालू खाते का घाटा 1.3 फीसदी से कम रहने की उम्मीद

- सरकार की तीन बड़ी उपलब्धियां- 1. जन-धन योजना 2. पारदर्शी कोल ब्लाक नीलामी 3.स्वच्छ भारत अभियान

- 50 लाख शौचालय का निर्माण हो चुका है

- हमारा लक्ष्य 6 करोड़ शौचालय बनाने का

- सब्सिडी पहुंचाने के लिए JAM का उपयोग

- सभी योजनाएं गरीबी केंद्रित होनी चाहिए

- 2022 तक 2 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य

- 2015-16 में 8 फीसदी विकास दर का लक्ष्य

- प्रधानमंत्री बीमा योजना लागू होगी।

- 2020 तक सभी गांवों तक बिजली पहुंचाएंगे।

- 2022 तक गरीबी उन्‍मूलन का लक्ष्‍य।

- 2022 तक दो करोड़ घर को पूरा करने का लक्ष्‍य।

- हर गांव को संचार नेटवर्क से जोड़ने की कोशिश

- एक लाख किलोमीटर तक सड़क बनाने का लक्ष्‍य।

-निर्भया कोष में अतिरिक्‍त 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान।

- सब्सिडी के लिए जेएएम आधार बनेगा।

- समावेशी विकास के लिए पूर्वोत्‍तर राज्‍यों पर जोर।

- मोदी सरकार के लिए जन धन योजना बड़ी उपलब्धि।

- 5300 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के लिए आवंटित

- 250000 करोड़ रुपये किसानों को नाबार्ड के गठित फंड के जरिये मिलेंगे।

- उच्‍च आय वर्ग वाले लोग एलपीजी सुविधा न लें।

-मनरेगा के लिए 34600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।

- 15000 करोड़ रुपये आरईबी योजना में लागू होगा।  

- गांववालों को कर्ज देने के लिए पोस्‍ट ऑफिस का सहरा लिया जाएगा।

- पीएम बीमा योजना के तहत हर नागरिक को बीमा

- 12 रुपये प्रीमियम पर हर साल दो लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा

- पीएम बीमा योजना शुरू करने का ऐलान

- जीडीपी 7.4 फीसदी रहने का अनुमान

- अल्‍पसंख्‍यक युवाओं की शिक्षा के लिए नई मंजिल योजना लॉन्‍च योजना करेंगे

- अटल पेंशन योजना शुरू की जाएगी, इसके तहत 60 साल के बाद पेंशन मिलेगी। 1000 रुपये सरकार देगी और 1000 रुपये दावेदार देंगे।

- बीपीएल बुजुर्गों के लिए पीएम बीमा योजना।

- जन धन योजना में दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा मिलेगा।

-जन धन योजना के तहत पेंशन भी मिलेगी।

-जन धन योजना से डाकघरों को जोड़ने का प्‍लान।

-अगले वित्त वर्ष से चार वर्षो में कारपोरेट कर को 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।

-बचत सुगम बनाने के लिए करदाता को व्यक्तिगत छूट जारी करेगी।

-कालेधन के सृजन और उसे छिपाने के कृत्य से प्रभावी और कठोरतापूर्वक निपटा जाएगा।

-इस मामले में स्विस अधिकारियों के साथ बातचीत के सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं।

-कालेधन पर महत्वपूर्ण नए कानून।

- देश में विनिर्माण इकाईयों का विकास और निवेश तथा संवर्धन उपलब्ध कराना ताकि उनमें रोजगार सृजन हो सके।

-एंबुलेंस के चेसिस पर उत्पाद शुल्क को 24 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत किया गया।

- कर प्रक्रियाओं का सरलीकरण।

- वार्षिक रूप से एक करोड़ से अधिक कर योग्य आय वाले लोगों पर 2 प्रतिशत का अतिक्त अधिभार।

-घरेलू अंतरण मूल्य निर्धारण की प्रारंभिक सीमा पांच करोड़ रुपए से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपए की गई।

-नशीले पदार्थो के दुरुपयोग के नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय निधि में किया गया अनुदान आयकर अधिनियम की धारा 80जी के अंतर्गत 100 प्रतिशत छूट।

-स्वच्छ भारत कोष और स्वच्छ गंगा निधि में सीएसआर में अंशदानों के लिए 100 प्रतिशत की कर छूट।

-स्वच्छ पर्यावरण पहलों के लिए वित्त पोषण के लिए कोयला आदि पर स्वच्छ ऊर्जा उप कर को 100 रुपए से बढ़ाकर 200 रुपए प्रति मीट्रिक टन किया गया।

-नौ महीनों में देश कामयाबी की छलांग लगाते हुए 7.4 प्रतिशत के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद के साथ अब नई श्रृंखला में विश्व की सबसे तेजी से उभरने वाली अर्थवस्था के रुप में सामने आया है।

-विद्युत चालित वाहनों और हाई ब्रिड वाहनों पर लागू रियायती सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क की समय सीमा 31 मार्च 2016 तक बढ़ाई गई।

-स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम की छूट सीमा को 15 हजार रुपए से 25 हजार रुपए तक, जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए 20,000 से 30,000 हजार रूपये तक किया गया।

-80 वर्ष से अधिक की आयु वाले वरिष्ठ नागरिक जो स्वास्थ्य बीमा में कवर नहीं है, उन्हें चिकित्सीय व्यय के लिए 30 हजार रुपए की कटौती की अनुमति दी गई।

-विकलांग व्यक्तियों के लिए 25 हजार रुपए की अतिरिक्त कटौती। पेंशन निधि और नई पेंशन स्कीम में अंशदान के लिए 50 हजार रुपए की अतिरिक्त छूट।

-कृषि उत्पाद की ढुलाई में सेवाकर से छूट जारी रहेगी।

-कृत्रिम ह्रदय को 5 प्रतिशत के बुनियादी सीमा शुल्क और सी वी डी से छूट।

-केवल 12 रूपये प्रतिवर्ष के प्रीमियम पर 2 लाख रुपए के दुर्घटना जन्य मृत्यु जोखिम को कवर करने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना।

-पीपी एफ में लगभग 3 हजार करोड़ रुपए कर्मचारी भविष्यनिधि की संचित राशि में अनुमानत: 6 हजार करोड़ रुपए की अदावाकृत जमा राशि।

-सड़कों और रेल मार्गों के लिए परिव्यय में तीव्र वृद्धि।

-20,000 करोड़ रुपए के वार्षिक प्रवाह से राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना निधि की स्थापना की जाएगी।

-प्लग और प्ले मोड में 4000.4000 मेगावाट क्षमता वाली 5 नई अल्ट्रा मेगा विद्युत परियोजनाएं।

-सोना खरीदने के लिए विकल्प के तौर पर सरकारी स्वर्ण बाण्ड स्कीम बनाना।

-भारतीय सोने के सिक्के बनाने की दिशा में कार्य करना, जिसके अग्र भाग में अशोक चक्र होगा।

-निर्भया निधि के लिए 1000 करोड़ रुपए।

-आगमन पर वीजा सुविधा का विस्तार चरणबद्ध तरीके से 150 देशों तक करना।

-नवीकरणीय उर्जा क्षमता को 2022 तक बढ़ाकर 1,75,000 मेगावाट तक करने का लक्ष्य।

-आंध्र प्रदेश की तरह बिहार और पश्चिम बंगाल में विशेष सहायता उपलब्ध कराई।

-जम्मू-कश्मीर, पंजाब, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश और असम में नए एम्स की स्थापना, बिहार में एम्स जैसे दूसरे संस्थान की स्थापना।

-वित्त वर्ष के लिए आयोजा भिन्न व्यय 13,12,200 करोड़ रुपए अनुमानित।

-आयोजना व्यय 4,65,277 करोड़ रुपए अनुमानित है।

-कुल व्यय 17,77,477 करोड़ रुपए अनुमानित है।

-रक्षा, आंतरिक सुरक्षा व्यय और अन्य आवश्यक व्यय की आवश्कता की पर्याप्त पूर्ति का प्रावधान किया गया।

-सकल कर प्राप्तियां 14,49,490 करोड़ रुपए अनुमानित है।

-राज्यों को अंतरण 5,23,958 करोड़ रुपए अनुमानित है।

-केन्द्र सरकार का हिस्सा 9,19,842 करोड़ रुपए होगा।

-आगामी वित्त वर्ष के लिए कर-भिन्न राजस्व 2,21,733 करोड़ रुपए अनुमानित है।

-प्रति बूंद जल से अधिक फसल प्राप्त करने हेतु प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना।

-वर्ष 2015-16 के लिए आठ दशमलव पांच लाख करोड़ रुपए का कृषि ऋण लक्ष्य।

-ऋण देने में अंतरजातीय और अंतर जन जातीय उद्यमों को वरीयता।

-गांवों में फैले 1,54,000 उपस्थित केंद्रों वाले डाक नेटवर्क का सामान्य वित्तीय प्रणाली तक लोगों की पहुंच बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाएगा।

-आजीविका के लिए परिवार के कम से कम एक सदस्य को रोजगार।

-गरीबी उन्मूलन पर ध्यान केंद्रीत करने का लक्ष्य । मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों से भारत को विश्व के विनिर्माण केंद्र में परिवर्तित करना।

-युवाओं को रोजगार सृजन बनाने के लिए उद्यमिता की भावना का प्रोत्साहन और विकास।

-पूर्व और पूर्वोत्तर क्षेत्रों का देश के अन्य भागों की तरह ही विकास कारना।

-सरकार सकल घरेलू उत्पाद की तीन प्रतिशत की दर पर राजकोषीय घाटा लक्ष्य हासिल करने के लिए कृतसंकल्प है।

-लाभार्थियों की संख्या एक करोड से बढ़ाकर 10 दशमलव 3 करोड़ के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण का विस्तार।

-कृषि उत्पादन के लिए दो महत्वपूर्ण निर्णायक कारकों मृदा और जल से निपटने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए।

-परंपरागत कृषि विकास योजना को पूरी तरह से सहायता प्रदान की जाएगी।

-पिछले नौ माह में भारतीय अर्थव्यवस्था की साख बढ़ी।

-भारतीय अर्थव्यवस्था तीव्र विकास के पथ पर।

-कमजोर वैश्विक आर्थिक वृद्धि के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के अधिकांश विकास संकेतक उन्नति के मार्ग पर।

-भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में आर्थिक रूप से सशक्त राज्यों की समान रूप से सहभागिता।

-शेयर बाजार में 2014 में दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन।

-दीर्घकालिक गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन और दोहरे अंकों की विश्वसनीय आर्थिक विकास दर हासिल की गई।

-विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर सेवा के माध्यम से सरकार ने जनता का विश्वास हासिल किया।

-वित्तीय समायोजन- सौ दिनों के भीतर 12.5 करोड़ परिवारों को वित्तीय मुख्य धारा में शामिल गया।

-राज्यों के संसाधनों में वृद्धि के लिए पारदर्शी कोयला ब्लॉक नीलामी।

-स्वच्छ भारत अभियान न सिर्फ स्वास्थ्य और स्वच्छता में सुधार का एक कार्यक्रम है बल्कि यह भारत के पुनर्निमाण आंदोलन का रूप ले चुका है।

-व्यापक सुधारों का शुभारंभ- माल और सेवाकर जीएसटी मुद्रा स्फीति में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई।

-वर्ष के अंत तक 5 प्रतिशत खुदरा मुद्रस्फीति। मौद्रिक नीति को सरल बनाया।

-मुद्रास्फीति को 6 प्रतिशत से कम रखने की दृष्टि से भारतीय रिजर्व के साथ मौद्रिक नीति प्रारूप समझैता।

-वर्ष 2022 में स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ अमृत महोत्सव, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में टीम इंडिया हेतु दृष्टिकोण सभी के लिए आवास- शहरी क्षेत्रों में 2 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्रों में 4 करोड़ आवास।

-24 घंटे बिजली, स्वच्छ पेयजल, एक शौचालय सड़क संपर्क की मूलभूत सुविधा।


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Asianet news editor Sindhu Suryakumar gets death threats for her comments on Goddess Durga #Vaw #WTFnews Goddess Durga debate, sedition charges and death threats: Senior Journalist Sindhu Sooryakumar on the hate campaign against her

Asianet news editor Sindhu Suryakumar gets death threats for her comments on Goddess Durga #Vaw #WTFnews

Goddess Durga debate, sedition charges and death threats: Senior Journalist Sindhu Sooryakumar on the hate campaign against her

Asianet News o Web exclusive Read in malayalam

A sustained misinformation campaign against Asianet News Chief Coordinating Editor Sindhu Sooryakumar is on social media platforms since Friday. Her phone number was widely distributed on social media exhorting the public to ring her up for "denigrating Durga." Pestered by thousands of threat calls and abuses for three days, Sooryakumar filed a complaint with the police. Still, the campaigncontinues, there is no end to threat calls and personal abuse on public platforms.The rabid campaign against the journalist began after a television debate she hosted on Friday evening discussed union minister Smriti Irani's Goddess Durga statements in Rajya Sabha. The social media messages painted that Sooryakumar denigrated Durga.

Sindhu Sooryakumar talks in detail on the News Hour debate she hosted and the hate campaign that ensued.


The social media campaign against you continues still. Death threat calls and abuses are still on. What was behind the hate campaign against you? What happened during the News Hour programme?

Smriti Irani presented a leaflet on Mahishasura Day observance at JNU in the Parliament. The Opposition protested in the Rajya Sabha, pointing out that bringing such leaflets published by fringe groups will set a bad precedence. The News Hour discussed the issue on Friday evening. VV Rajesh represented the BJP in the debate. MB Rajesh MP and Anto Antony presented the views of the CPM and the Congress respectively. In the programme, VV Rajesh repeated Smriti Irani's statement that the leaflet painted Goddess Durga as a sex worker. Not even once, did I quote his statement. My question was how Smriti Irani could cite the references in the leaflet to prove the allegations of sedition. I repeatedly sought the BJP spokesperson's explanation on how it amounted to sedition.

How a comment, which may be considered blasphemous, would come under sedition law? Besides, some tribes in Uttar Pradesh, Bihar andOdisha celebrate Mahishasura Jayanti. If that is part of their belief, how can they be blamed? On the other hand, there are no objections to celebrations of Durgashtami and Durga Jayanti. These were the issues raised at the debate. In his reply, Rajesh praised pluralism. But he claimed that things propagated through the leaflet would instill separatist tendencies among students and pit them against each other. Then I pointed out that such programmes used to be held in the campus earlier as well and people like BJP Udith Raj had participated in the event in the past.

In the half an hour discussion, I never raised the question "what is wrong calling Durga a sex worker?" Nor did I say that it was a matter of freedom of expression, as is propagated by them. Please watch the video. You will understand what transpired.

 What happened next?

After 8:30 pm on Friday, I started getting phone calls stating that I made denigrating comments on Durga. In the beginning, I did not have any clue on what was evolving. I did not attend many calls either.VV Rajesh rang me up in the morning and said that there was a misinformation campaign going on against me. He informed that a Whatsaapp message was doing rounds against me.

What did the callers say. What was your police complaint?

They said they won't let me live in peace and will destroy my family. The comments were sexist and abusive. I filed a police complaint when I couldn't take it anymore. I gave them details of the calls I attended. For the past three days my mobile phone has been inundated with abusive calls, which is still continuing. The messages circulated from pro-BJP, pro-Sangh Facebook profiles published my phone number and exhorted people to call me. The FB posts wrongly quoted me as saying " Sindhu Sooryakumar asks what's wrong if someone calls Goddess Durga a sex worker." "Sindhu Sooryakumar is a sex worker. This is her phone number. Call her to protest," such messages circulated on pro-BJP, pro-Sangh Facebook profiles. Such messages are also circulating via Whatsapp.

Who do you think is behind this?

I strongly believe that the RSS is behind this campaign. Because it is through their social media network – from India as well as the Middle East – that these messages are circulating. I do not think this is a natural response to a news program. This is a planned campaign hatched from the RSS camp. I am forced to believe that RSS is encouraging a culture that is abusive to women. I wish I were wrong. But this is my experience. Unless RSS disowns this hate campaign, I will continue to believe this campaign was done at their behest.

I called BJP Spokesperson V.V Rajesh (who attended the News Hour show) on Saturday evening and said I was going to file a complaint. "No BJP worker will do this. You go ahead with the complaint. I will cooperate with any investigation. I will tell the police that you have not said anything abusive about Goddess Durga," he told me. I asked him then why is BJP not announcing this as a party position. Why can't they issue a statement? Rajesh replied that BJP Kerala president Kummanam Rajashekharan had to be consulted.

As of now, there has been no response from the BJP. I have shared the police complaint with the Kerala Pradesh Congress CommitteePresident, the CPIM State Secretary, the BJP President, the DGP, the Home Minister, and the Chief Minister. I expect that Kummanam Rajashekharan will watch the News Hour show I hosted, see the truth and issue a statement denouncing the hate campaign against me. As a political leader he has the responsibility to respond. If he has believes in the freedom of expression, I trust that he will issue a statement.

Are you receiving calls even after the police complaint?

There are no signs of the abusive calls stopping. When people call from their own mobile phones, it shows they have no fear of the law. The police have filed charges against a few of them. If the charges against them are not strong, I will move court with a private complaint. I stand by what I said. I will not allow anyone to challenge my freedom of speech and right to live.

Do people who call identify themselves as party functionaries?

Not everyone. But some said they were either RSS or BJP activists. Most of them asked me three questions: Why do you dislike Narendra Modi. Why can't you acknowledge RSS. What is your problem with the BJP.

Asianet new editor Sindhu Suryakumar gets life threat for allegedly 'demeaning Goddess Durga'

THIRUVANANTHAPURAM, FEB 28: Asianet News chief co-ordinating editor Sindhu Suryakumar has lodged a complaint with the City Police Commissioner after she received death threats over phone from anonymous callers.

The callers made death threats against the scribe, besides casting aspersions on her character.

Ms. Suryakumar received over a thousand such calls in two days following rumours on social media that she made derogatory remarks against goddess Durga during 'News Hour' programme.

CPI(M) State secretary Kodiyeri Balakrishnan cited the development as proof of attempts by the Sangh Parivar to muzzle the media.

In a Facebook post on Sunday, Kodiyeri charged the Sangh Parivar with making death threats against Sindhu Suryakumar following her objective analysis of the JNU row.

The Sangh Parivar had publicised her mobile, landline numbers and also her Facebook account, and had instigated others to unleash an attack on her, he wrote.

Sindhu, while hosting a debate on Sitaram Yechury and Union Minister Smriti Irani locking horns in Parliament over goddess Durga, had made references to Irani's invoking Durga in Parliament, Kodiyeri wrote.

The Sangh Parivar has given a spin to this and levelled baseless allegations against Sindhu that she demeaned Durga, he added.

This sent out a message that the Sangh Parivar would target any journalist who would not toe their line, the Facebook post said.

A section of journalists had concocted proof at the behest of Prime Minister Narendra Modi to portray students of JNU as anti-nationals, Kodiyeri wrote, adding that through the death threat to Asianet scribe, Sangh Parivar has made it clear they will make life hard for anyone willing to do objective journalism in Kerala.

"This (death threat to Sindhu Suryakumar) is but another version of the hooliganism that 'Sanghis' in black robes unleashed against students, teachers, and journalists at Patiala House courts complex," Kodiyeri opined.

He concluded his post demanding that the State police must apprehend and bring to justice at the earliest those who made the life threat


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मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha

হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!

मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में OBC Trump Card और जयभीम कामरेड

Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!

हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला हिंदुत्व की राजनीति से नहीं किया जा सकता।

In conversation with Palash Biswas

Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Save the Universities!

RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!

जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।

#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?

Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

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