अभी और कड़े कदम!निवेशकों की संपत्ति 27 प्रतिशत इजाफा।
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
अभी और कड़े कदम उठाने की तैयारी में है सरकार।लोकसभा और राज्यसभा से बैंकिंग बिल पास होने के बाद सरकार जल्द से जल्द नए बैंकिंग लाइसेंस देने की प्रक्रिया शुरू करना चाहती है। इस ओर सरकार ने काम भी शुरू कर दिया है।स विधेयक से बैंकिंग क्षेत्र में विदेशी निवेश के लिए और नए निजी बैंकों की स्थापना का रास्ता साफ हो जाएगा। विधेयक में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में निजी निवेशकों के मताधिकार की सीमा मौजूदा एक प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने का प्रावधान है जिसका बैंक यूनियनें भारी विरोध कर रही हैं। डीजल कीमतों में वृद्धि तथा सस्ते एलपीजी सिलेंडरों की संख्या में कटौती अभी शुरुआती कदम हैं। वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार रघुराम राजन ने कहा है कि सब्सिडी बिल को काबू में रखने के लिए सरकार को अभी और कड़े कदम उठाने होंगे। दूसरी ओर,लिवाली समर्थन के चलते इस साल शेयर सूचकांकों में लगभग 25 प्रतिशत की मजबूती आई और निवेशकों की संपत्ति 27 प्रतिशत बढ़कर लगभग 67.7 लाख करोड़ रुपये हो गई।विश्लेषकों का कहना है कि अबाध भारी पूंजी प्रवाह तथा बाद में सरकार के आर्थिक सुधार कदमों का सकारात्मक असर बाजार पर रहा हालांकि आर्थिक वृद्धि दर तथा बढ़ते राजकोषीय घाटे को लेकर चिंता बरकरार है। केंद्र ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि नकद सब्सिडी ट्रांसफर योजना के तहत धन का भुगतान सिर्फ उन्हीं लाभार्थियों को किया जाएगा, जिनके पास आधार कार्ड होगा। योजना आयोग ने सोलह राज्यों के 43 जनपदों के जिलाधिकारियों को भेजे परिपत्र में यह व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा है। इन जिलों में नकद सब्सिडी योजना पहली जनवरी से लागू होने जा रही है। आयोग के परिपत्र के अनुसार जिलाधिकारी को यह सुनिश्चित करना है कि इस योजना के तहत जिन लोगों का चयन लाभार्थी के रूप में किया जाए, उनके पास अनिवार्य रूप से आधार कार्ड हो।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नए बैंक लाइसेंस पर आरबीआई और वित्त मंत्रालय मिलकर एक कमेटी बनाने जा रहे है। इस कमेटी में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर, डीईए सचिव और वित्त सचिव शामिल होंगे। सूत्रों के मुताबिक ये कमेटी बैंक लाइसेंस की गाइडलाइंस, प्रकिया और समय सीमा पर विचार करेगी।
सरकारी तेल कंपनियां हर परिवार को सालाना मिलने वाले सब्सिडी वाले गैस सिलेंडरों की संख्या बढ़ाने के सख्त खिलाफ हैं। ये कंपनियां सरकार के समक्ष ताजा आंकड़ों के साथ अपनी पेशबंदी करने जा रही हैं। तेल मार्केटिंग कंपनियां [ओएमसी] पेट्रोलियम मंत्रालय के समक्ष पिछले दो महीनों [अक्टूबर, नवंबर] के दौरान एलपीजी खपत के आंकड़े पेशकर यह मांग करेंगी कि एक औसत परिवार को सब्सिडी वाले छह सिलेंडरों से ज्यादा की आपूर्ति नहीं होनी चाहिए।
सरकार जल्द ही चीनी क्षेत्र पर नियंत्रण हटाने की दिशा में पहला कदम उठा सकती है। एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक पहले चरण में रिलीज ऑर्डर की व्यवस्था खत्म की जा सकती है। रिलीज ऑर्डर से तय होता है कि कब और कितनी चीनी बेचनी है।सूत्रों के मुताबिक इसके अलावा चीनी निर्यात का रास्ता भी आसान किया जा सकता है। चीनी निर्यात-आयात की पॉलिसी बनाई जाएगी। चीनी निर्यात-आयात पर अंकुश के लिए सिर्फ ड्यूटी में बदलाव किया जाएगा।18 दिसंबर को हुई अहम बैठक में सहमति बनी गई है। माना जा रहा है कि अगले 2 हफ्ते में कैबिनेट में प्रस्ताव भेजा जा सकता है।सरकार को उम्मीद है कि सब कुछ ठीक चलता रहेगा। अगर सबकुछ ठीक चलता रहा तो सरकार सेवा प्रदाताओं को स्पेक्ट्रम की खरीद बिक्री करने की अनुमति दे सकती है। यह अनुमति मिलने के बाद घाटे में चल रही टेलीकॉम कंपनियां अपने हिस्से के स्पेक्ट्रम दूसरी कंपनियों को बेच सकेंगी। क्षेत्र नियामक भारतीय दूरसंचार प्राधिकरण (ट्राई) की ओर से इस प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। 12वीं पंचवर्षीय योजना के मसौदे के मुताबिक प्राकृतिक संसाधनों की क्षमता बढ़ाने के लिए द्वितीयक बाजार के रूप में खरीद फरोख्त करने के लिए नया प्लेटफार्म बनाने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है।सीबीआई ने शुक्रवार को एनडीए सरकार के शासनकाल में स्पेक्ट्रम आवंटन में हुई कथित गड़बडि़यों के मामले में चार्जशीट दायर की। विशेष सीबीआई जज ओ. पी. सैनी की अदालत में दायर चार्जशीट में जांच एजेंसी ने भारती एयरटेल लिमिटेड, वोडाफोन इंडिया, हचिसन मैक्स और स्टर्लिंग सेल्युलर, रिटायर्ड आईएएस और पूर्व दूरसंचार सचिव श्यामल घोष को आरोपी बनाया है। सीबीआई ने कहा है कि गड़बडि़यों के चलते 846 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।टेलिकॉम विभाग ने 3जी इंट्रासर्किल रोमिंग करार को वोडाफोन और आइडिया को करने को कहा है। दोनों कंपनियों को आदेश का पालन करने के लिए 60 दिन का वक्त दिया गया है। टेलिकॉम विभाग ने आइडिया पर 550 करोड़ रुपए और वोडाफोन पर 450 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया है। सितंबर में भारती एयरटेल को भी 3जी रोमिंग करार पर नोटिस जारी किया गया था, जिसपर कंपनी ने हाईकोर्ट से स्टे ले रखा है। पिछले साल दिसंबर में सरकार ने भारती एयरटेल, आइडिया और वोडाफोन को 3जी इंट्रासर्किल रोमिंग सेवाएं रोकने का आदेश दिया था।
निर्यातकों के लिए सोमवार को सरकार कई रियायतों का ऐलान करने वाली है। साथ ही बजट से पहले सरकार स्पेशल इकोनॉमिक जोन यानी सेज को कई रियायतों का भी ऐलान कर सकती है। वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने इंडस्ट्री टास्क फोर्स की बैठक में ये भरोसा दिलाया है।निर्यातकों को रियायत देने के लिए इंक्रीमेंटल एक्सपोर्ट स्कीम का ऐलान संभव है। निर्यातकों को ज्यादा निर्यात में सफल रहने पर ज्यादा रियायत दी जाएगी।इसके अलावा फोकस प्रोडक्ट स्कीम का दायरा बढ़ाया जा सकता है। साथ ही ब्याज दर वापसी की स्कीम का फायदा कई और प्रोडक्ट को भी मिल सकता है।
कोल इंडिया 1 महीने में पावर कंपनियों के साथ सारे फ्यूल सप्लाई एग्रीमेंट साइन कर लेगी। ऊर्जा राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल की बैठक में पावर और कोल कंपनियों की मुश्किलों पर चर्चा की गई।इसके अलावा कोयला मंत्रालय पावर कंपनियों के लिए कोयले की सप्लाई पूरी करने के लिए प्राइस पूलिंग पर कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है। पिछले हफ्ते ही प्रधानमंत्री कार्यालय ने कोयला मंत्रालय को इस बारे में निर्देश दिए थे।सूत्रों के मुताबिक कोयला मंत्रालय इस बात का खास खयाल रखेगा कि कोयला इंपोर्ट करने का असर कोल इंडिया की बैलेंस शीट पर न पड़े। कैबिनेट नोट में ऊर्जा मंत्रालय और सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के सुझावों को भी शामिल किया जाएगा।फ्यूल सप्लाई एग्रीमेंट के मुताबिक कोल इंडिया के लिए पावर कंपनियों की जरूरत का 80 फीसदी कोयला सप्लाई करना जरूरी है। लेकिन कम प्रोडक्शन के चलते कोल इंडिया को 15 फीसदी कोयला इंपोर्ट करना होगा।
उद्योग मंडल फिक्की ने सरकार को सुझाव दिया है कि अगले वित्त वर्ष से 30 प्रतिशत की दर से आयकर 20 लाख रपये से अधिक की आय पर ही लगाया जाना चाहिए ताकि खपत को बढावा दिया जा सके। फिलहाल 10 लाख रपये से अधिक आय पर 30 प्रतिशत आयकर लगता है। फिक्की ने वित्तमंत्रालय को बजट पूर्व ज्ञापन में यह सुझाव दिया है।उद्योग मंडल का सुझाव है है कि दस लाख रपये तथा इसे अधिक आय पर 30.9 प्रतिशत (शिक्षा कर सहित) कर की समीक्षा किए जाने की जरूरत है क्योंकि इससे मध्यम वर्ग पर काफी बोझ पड़ता है। उनके पास खपत के लिए कम पैसा बचता है। फिक्की ने सिफारिश की है कि 2013-14 के बजट में 20 लाख रपये से उपर की आय पर ही अधिकतम व्यक्तिगत आयकर की 30 प्रतिशत वाली दर लागू होनी चाहिए।
उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा है कि 100 अरब डालर का टाटा समूह देश के बाहर और भीतर सबसे जाना-पहचाना वैश्विक ब्रांड है। एसोचैम के सर्वे के अनुसार, ''रतन टाटा का कद काफी उंचा है और इसके वे हकदार भी हैं। उनके नेतृत्व में भारतीय परिवार का कारोबारी घराना पेशेवर रूप से प्रबंधित वैश्विक समूह के रूप में तब्दील हुआ।'' सर्वे में शामिल करीब 77 प्रतिशत लोगों के अनुसार उन्हें पूरा विश्वास है कि रतन टाटा के उत्तराधिकारी साइरस मिस्त्री समूह की बागडोर अच्छे तरीके से संभालेंगे।एसोचैम ने दिसंबर के पहले पखवाड़े में किये गये अपने सर्वे में 78 शीर्ष मुख्य कार्यपालक अधिकारियों तथा घरेलू एवं विदेशी कंपनियों कंपनियों के प्रमुखों को शामिल किया।सर्वे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता तथा हैदराबाद के अलावा लंदन, न्यूयार्क तथा सिंगापुर में किया गया। सर्वे में शामिल लोगों के अनुसार मिस्त्री के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती यह सुनिश्चित करने की होगी कि टाटा समूह वैश्विक नरमी में अच्छा करे। समूह करीब 80 देशों में काम कर रहा है और इनमें से कई देश कठिन समय से गुजर रहे हैं।समूह इस्पात, आटोमोबाइल, रसायन, दूरसंचार, सूचना प्रौद्योगिकी, पेय पदार्थ तथा होटल समेत अन्य कारोबार से जुड़ा है।इसी शुक्रवार को टाटा समूह की कमान संभालने जा रहे साइरस मिस्री को किसी भी कारोबारी मुकाबले में मैदान की चिंता नहीं करनी है। समूह की बागडोर उन्हें थमाने से पहले रतन टाटा ने बेहद समझदारी के साथ चुने गए विशेषज्ञों की ऐसी टीम तैयार कर दी है, जिसकी मदद से मिस्त्री मुकाबले में बेफिक्र होकर कूद सकते हैं। टाटा को 1991 में अपने चाचा जे आर डी टाटा से विरासत में जो समूह मिला था, उससे कहीं ज्यादा बड़ा, कई गुना ज्यादा मुनाफा कमाने वाला, ज्यादा कारोबारी क्षेत्रों में दखल रखने वाला और ज्यादा भरी हुई तिजोरी वाला समूह वह मिस्त्री के हाथों में सौंप रहे हैं।
भारतीय शेयर बाजारों में 2011 में गिरावट आई थी। लेकिन 2013 को लेकर उम्मीदें बहुत अच्छी हैं क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है तथा 2012-13 की तीसरी तिमाही में आय वृद्धि अच्छी रहने की उम्मीदें है।शेयर बाजारों में सुधार के कारण निवेशकों की संपत्ति 21 दिसंबर तक 14.5 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 67,78,609 करोड़ रुपये हो गई। यह पिछले साल 53,12,875 करोड़ रुपये थी।विश्लेषकों का कहना है कि तीसरी तिमाही में कंपनियों की आय बाजार अनुमानों से बेहतर रहने की उम्मीद है। संप्रग सरकार द्वारा और सुधार तथा आईपीओ, एफपीओ तथा ओएफएस में खुदरा भागीदारी बढ़ने की उम्मीद है।बीएसई का तीस शेयर आधारित सेंसेक्स इस साल के दौरान 3,787 अंक या 24.5 प्रतिशत चढ़कर 21 दिसंबर 2012 को 19,242 अंक हो गया। यह पिछले साल 15,454.92 अंक था।वर्ष 2011 के दौरान सेंसेक्स 5,054 अंक या 24 प्रतिशत से अधिक टूटा था।इसी तरह आलोच्य वर्ष में नेशनल स्टाक एकसचेंज का निफ्टी 1,223 अंक या 26.5 प्रतिशत चढ़कर 21 दिसंबर 2012 को 5,847.70 अंक पर बंद हुआ। पिछले साल यह 4,626.30 अंक पर बंद हुआ। विश्लेषकों का कहना है कि निवेशकों ने औद्योगिक उत्पादन में नरमी, निर्यात में गिरावट, बढ़ते राजकोषीय घाटे, घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निराशाजनक माहौल जैसे नकारात्मक तत्वों को नजरअदांज कर दिया।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने साल के दौरान भारतीय पूंजी बाजार में दूसरा सबसे बड़ा निवेश किया।बाजार नियामक सेबी के आंकड़ों के अनुसार एफआईआई ने 21 दिसंबर तक 1,21,652 करोड़ रुपये या 23.15 अरब डालर का निवेश किया। इससे पहले 2010 में एफआईआई ने 1,33,266 करोड़ रपये का निवेश किया।
सीएनआई रिसर्च के चैयरमेन किशोर पी ओस्तवाल ने कहा कि कुछ बड़े निवेशकों ने बड़ा मुनाफा कमाया और फ्लोटिंग शेयरों की कमी के चलते कुछ चुनिंदा शेयर नयी उंचाई पर चले गए। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि खुदरा निवेशकों को तो द्वितीयक (आईपीओ) बाजार में भी अधिक फायदा नहीं हुआ और वे अपनी अंशधारिता बेचते नजर आये।
राजन ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा, 'हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। पहले हमने सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों की संख्या सीमित की। डीजल के दाम बढ़ाए। हां, हमें सब्सिडी को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के दो फीसद से कम पर लाने के लिए और कदमों की जरूरत है। हमने कुछ किया है। निश्चित रूप से हमें और काम करने की जरूरत है।'
राजन ने कहा कि सरकार को सब्सिडी को बेहतर तरीके से लक्षित करने की जरूरत है और यह नकदी अंतरण योजना से संभव है। 'इस बात में संदेह नहीं है कि हमने कम से कम पहला कदम उठा लिया है।' राजन ने कहा कि राजकोषीय घाटे के संशोधित लक्ष्य जीडीपी के 5.3 फीसद को हासिल किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए कई कठिन फैसले लेने होंगे।
चालू वित्त वर्ष में सरकार का सब्सिडी बिली अनुमानत: 1.80 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। घरेलू और वैश्विक कारकों से इसमें उल्लेखनीय इजाफा हो सकता है।
वृद्धि की संभावना के बारे में राजन ने कहा कि देश चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 6 फीसद की वृद्धि दर हासिल कर सकता है।
इस बीच लॉबिंग को परिभाषित करने के लिए एक कानूनी ढांचे की वकालत करते हुए कंपनी मामलात मंत्री सचिन पायलट ने शनिवार को कहा कि कंपनियों और उद्योग संगठनों को विभिन्न नीतिगत फैसलों पर उनके द्वारा सरकार से संपर्क (प्रस्तुतीकरण) की जानकारी देनी चाहिए।
पायलट ने कहा कि लॉबिंग को परिभाषित करने के बाद ही कारोबारी हितों के लिए कामकाज या प्रयास और रिश्वत में भेद किया जा सकेगा।
पायलट ने कहा, 'मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि जब यह परिभाषित किया जाए कि क्या स्वीकार्य है और क्या अस्वीकार्य। मुझे लगता है कि ज्यादातर देशों में इसकी परिभाषा है। लेकिन भारत में यह काफी अस्पष्ट है। यह मानना गलत होगा कि लॉबिंग का मतलब रिश्वत होती है। हालांकि, कुछ लोग इसे रिश्वत ही कहते हैं।'
हाल में वैश्विक रिटेलर वॉल-मार्ट तथा कई अन्य वैश्विक कंपनियों द्वारा भारत में प्रवेश के लिए अमेरिकी सांसदों के बीच लॉबिंग का मामला सामने आने के बाद संसद और बाहर इस मुद्दे पर गर्मागरम बहस छिड़ी थी।
अमेरिका में लॉबिंग की कानूनी तौर पर अनुमति है। वहां कंपनियों को लॉबिंग पर खर्च के बारे में तिमही आधार पर संसद को जानकारी देनी होती है। हालांकि भारत में लॉबिंग और उसकी जानकारी देने के बारे में कोई विशेष नियमन नहीं हैं।
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In conversation with Palash Biswas
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Save the Universities!
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जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।
#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি
अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास
ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?
Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION!
Published on Mar 19, 2013
The Himalayan Voice
Cambridge, Massachusetts
United States of America
BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7
Published on 10 Mar 2013
ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH.
http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM
http://youtu.be/oLL-n6MrcoM
Download Bengali Fonts to read Bengali
Imminent Massive earthquake in the Himalayas
Palash Biswas on Citizenship Amendment Act
Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003
Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003
http://youtu.be/zGDfsLzxTXo
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THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS BLASTS INDIANS THAT CLAIM BUDDHA WAS BORN IN INDIA
THE HIMALAYAN TALK: INDIAN GOVERNMENT FOOD SECURITY PROGRAM RISKIER
http://youtu.be/NrcmNEjaN8c
The government of India has announced food security program ahead of elections in 2014. We discussed the issue with Palash Biswas in Kolkata today.
http://youtu.be/NrcmNEjaN8c
Ahead of Elections, India's Cabinet Approves Food Security Program
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By JIM YARDLEY
http://india.blogs.nytimes.com/2013/07/04/indias-cabinet-passes-food-security-law/
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA
THE HIMALAYAN VOICE: PALASH BISWAS DISCUSSES RAM MANDIR
Published on 10 Apr 2013
Palash Biswas spoke to us from Kolkota and shared his views on Visho Hindu Parashid's programme from tomorrow ( April 11, 2013) to build Ram Mandir in disputed Ayodhya.
http://www.youtube.com/watch?v=77cZuBunAGk
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE
अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।'
http://youtu.be/j8GXlmSBbbk
THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST
We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas.
http://youtu.be/7IzWUpRECJM
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICAL OF BAMCEF LEADERSHIP
[Palash Biswas, one of the BAMCEF leaders and editors for Indian Express spoke to us from Kolkata today and criticized BAMCEF leadership in New Delhi, which according to him, is messing up with Nepalese indigenous peoples also.
He also flayed MP Jay Narayan Prasad Nishad, who recently offered a Puja in his New Delhi home for Narendra Modi's victory in 2014.]
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT
THE HIMALAYAN TALK: PALSH BISWAS FLAYS SOUTH ASIAN GOVERNM
Palash Biswas, lashed out those 1% people in the government in New Delhi for failure of delivery and creating hosts of problems everywhere in South Asia.
http://youtu.be/lD2_V7CB2Is
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE
अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।'
http://youtu.be/j8GXlmSBbbk
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