Welcome

Website counter
website hit counter
website hit counters

Saturday, December 29, 2012

सत्ता की राजनीति बलात्कार संस्कृति ही तो है और यह देश शत्रुसेना के कब्जे में लहूलुहान युद्धस्थल​ !

सत्ता की राजनीति बलात्कार संस्कृति ही तो है और यह देश शत्रुसेना के कब्जे में लहूलुहान युद्धस्थल​ !
​​
​पलाश विश्वास

दिल्ली गैंग रेप पीड़िता की सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मौत हो गई है।दिल्ली में 12 दिन पहले सामूहिक बलात्कार का शिकार बनी लड़की जिंदगी की जंग हार गई है। सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में रात सवा दो बजे उसकी मौत हो गई। दिल्ली में इलाज के दौरान लड़की होश में थी और परिवारवालों से बात भी कर रही थी लेकिन अचानक गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने के बाद उसे सिंगापुर भेजा गया था जहां बीती रात उसके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। लड़की की मौत की खबर से पूरा देश सदमे में है।पीड़ित लड़की के शव को लाने के लिए दिल्ली से एक विमान को सिंगापुर भेजा गया है। ये विमान दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सुबह 8 बजे रवाना हुआ। सूत्रों का कहना है कि एयर बस 319 सिंगापुर दोपहर करीब साढ़े तीन बजे पहुंचेगा। इस विमान के रात 8 बजे तक दिल्ली वापस लौटने की संभावना है। दिल्ली में चिकित्सा का पूराइंतजाम होने के बावजूद राजपथ पर उमड़ते जनविद्रोह की आंच राष्ट्रपति भवन तक पहुंचते न पहुंचते उसे जिस जल्दबाजी में सिंगापुर भेजकर विद्रोह की आग ठंडी करने की कोशिश की गयी, उसीका यह नतीजा है। देश में हर 22वें मिनट में होने वाले बलात्कार जैसे मामले में यह पहला मामला था, जिसमें देश की जनता उबल पड़ी थी और सरकार को फौरी तौर पर बलात्कार रोकने की दिशा में कुछ कड़े कदम उठाने पड़े हैं। पीडि़ता तेरह दिन तक जिंदगी और मौत की बीच झूलती रही।असल में लड़की की जिंदगी को खतरे के बारे में डॉक्टरों ने शुक्रवार रात ही आगाह कर दिया था और कहा था कि पीड़ित के कई अंगों ने एकसाथ काम करना बंद कर दिया था। लड़की की इस हालत की जानकारी उसके परिवार को दे दी गई थी। सिंगापुर में भारतीय उच्चायोग भी परिवार के साथ खड़ा रहा।लड़की की हालत पर भारत सरकार की नजरें लगातार बनी थीं। यहां तक कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी लड़की की सेहत को लेकर चिंता जताई थी। पीडित लड़की की जिंदगी बचाने के लिए भारत के साथ साथ सिंगापुर में भी लोगों ने बढ़-चढ़कर दुआएं मांगीं थीं और बड़ी तादाद में लोगों ने इलाज में मदद देने की पेशकश की थी मगर सब बेकार। आखिर 12 दिन तक चली जंग में जिंदगी मौत से हार गई। देश के प्रमुख शहरों में बलात्कार के खिलाफ आक्रोश सड़कों पर दिखाई दिया। राजधानी दिल्ली में इसकी धमक सबसे ज्यादा सुनाई पड़ी। सड़क से संसद तक दोषियों को सख्त और शीघ्र सजा देने की मांग जोर पकड़ी। सरकार को भी लगा कि कानूनी स्तर पर इस बार कुछ ठोस करने की जरूरत है और वह कुछ करने की प्रक्रिया में है। हर रोज बच्चियां, लड़कियां और महिलाएं बलात्कार की शिकार होती हैं। बलात्कार के बहुत सारे मामले थाने तक नहीं पहुंचते, जो पहुंचते हैं उसे दबाने की कोशिश की जाती है। दोषियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया भी बहुत लंबी चलती है। ये सारी स्थितियां बलात्कारियों के पक्ष में जाती हैं और इससे उनका हौसला बढ़ता है।

बीते मंगलवार की रात लड़की का दिल का दौरा पड़ा था जिसके कारण उसके दिमाग में कई स्थान चोटिल भी हुए। मस्तिष्क में परेशानियों और कई अंगों के काम करना बंद करने के कारण पीड़िता ने दम तोड़ा।

मेदांता मेडीस्टिी स्थित 'इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिटीकल केयर एंड अनेस्थियोसिलॉजी' के अध्यक्ष डॉक्टर यतीन मेहता ने पीटीआई से कहा, ''मौत की एक प्रमुख वजह मस्तिष्क में चोट का होना है। मंगलवार को सफदरजंग अस्पताल में दिल का दौरा पड़ा था। इससे दिमाग में चोट आई और कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया।'' उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले में आखिकार मौत दिल का दौरा पड़ने से ही होती है।

गौरतलब है कि सरकार ने लड़की के इलाज में लगे डॉक्टरों की भी उपेक्षा की। एम्स और सफदरजंग के डॉक्टरों की एक पूरी टीम लड़की की देख रेख में लगी थी। लेकिन जब सिंगापुर जाने की बारी आई तो इनमें से केवल सफदरजंग के पी के वर्मा को ही साथ लिया गया। बाकी डॉक्टर मेदांता के थे जिनका लड़की के इलाज से कोई लेना-देना ही नहीं था। खबरें तो ये भी हैं कि एम्स के ट्रोमा सेंटर हेड एम सी मिश्रा को भी साथ ले जाना था लेकिन उन्होंने आखिरी वक्त जाने से इनकार कर दिया।

सूचना का अधिकार बलात्कारविरोधी जनमानस के मस्तिष्क नियंत्रण में सिरे से गायब है। चारों तरफ गहरा रहे नरसंहार के परिदृश्य की कोई खबर नहीं है किसी को। सुदार के बहाने जो जनसंहार की नीतियां लागू की जा रही है परमाणु धमाके की तरह विनाशकारी, सर्वदलीय सहमति से जो कारपोरेट राज के हक में एक के बाद एक कानून पास हो रहा है और बाजार के हित में आम आदमी को सड़क पर नंगा दौड़ाया जा रहा है, स्त्री का चीरहरण पूंजी और कालाधन के अबाध प्रवाह के कारण नजरअंदाज हो रहा है, उसके खिलाफ कहीं कोई आवाज नहीं है। कहीं नहीं है लहू का सुराग। कत्ल और  कातिल का​
​ नामोनिशान। राष्ट्रपति बाजार के हक में खुलाआम वर्ग आधिपात्य वाले धर्मराष्ट्रवाद के सर्वोच्च धर्माधिकारी और कारपोरेट साम्राज्यवाद के एजंट, कारपोरेट घरानों के प्रवक्ता बतौर, सुधारों के लिए सर्वदलीय सहमति का फतवा जारी कर रहे हैं। गैरकानूनी आधार कार्ड को निजता, गोपनीयता और संप्रभुता की कीमत पर उंगलियों की छाप बंधक रखकर नागरिकता की पहचान और वजूद बनाया जा रहा है। बीमा, पेंशन,पीएफ और जमापूंजी को बाजार के हवाले करने की उदात्त घोषणाएं करते वक्त, जल जंगल जमीन और नागरिकता से बेदखली का और पुख्ता इतंजाम करते वक्त प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री तो क्या, गैरसंवैधानिक मोंटेक विश्वबैंक तत्वों का भी कोई विरोध नजर नहीं हो रहा है विदेशी पूंजी और कालाधन के खिलाफ जिहाद का ऐलान करनेवालों की ओर से। आरक्षण विधेयक हवा हवाई हो गया। नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्रित्व पर दावेदारी और मजबूत हो गयी, युवराज का ताजपोशी का इंतजाम भी हो गया। सारा देश सामूहिक बलात्कार में फंसा हुआ है और मुद्दे लापता लावारिश हैं। पर मजे की बाचत यह है कि मध्ययुगीन बर्बर सैन्य सामंती संस्कृति के बरअक्श सत्ता राजनीति की बलात्कार संस्कृति के प्रतिरोध की कोई जमीन फिर भी कहीं नहीं है। चिकित्सा और चिकित्सकों के सिद्धांत और मतामत के​​ खिलाफ पीड़िता के सिंगापुर हस्तांतरण की तानाशाही उसी बलात्कार संस्कृति की लहलहाती फसल है। अरब वसंत या वाल स्ट्रीट की दस्तक सुनने को अभ्यस्त है नहीं सत्ता। बार बार साबित हुआ है कि साझा वर्गहित की वजह से पूरी राजनीतिक जमात एकजुट होकर जनता के विरुद्ध है। कोई आंदोलन कितना ही मजबूत हो शातिर राजनीति की वजह से भटकाव का शिकार हो जाना उसकी नियति है। लाश को लेकर राजमार्ग पर आंदोलन सत्ता की बुनियाद तो हिला नहीं सकती।

अस्सी के दशक में त्तकाली उत्तरप्रदेश और अब उत्तराखंड की तराई में उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर रूद्रपुर राजमार्ग पर ऐन दुर्गोत्सव के मौके ​​पर भूमि माफिया ने शरणार्थियों को जमीन से बेदखल करने के लिए पूजा पंडाल और आसपास दर्जनों महिलाओं से सामूहिक बलात्कार किया था।​​जिसके खिलाफ पूरे उत्तरप्रदेश में जनांदोलन भड़क उठा था। बलात्कारी भूमि माफिया के संरक्षक बने तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के इस्तीफे की मांग तेज होने लगी थी। सुप्रीम कोर्ट और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने तब जांच करके न्याय का निर्देश दिया था। पहाड़ और तराई में ​​महिलाओं ने एक जुट होकर जबर्दस्त आंदोलन को अंजाम दिया था। महिलाओं पर हल्द्वानी और रूद्रपुर में निर्मम लाटीचार्ज हुआ था और महिला नेताओं को जेल में ठूंस दिया था। तब राजनीति के शातिर खिलाड़ी स्थानीय बनाम बंगाली शरणार्थी ध्रूवीकरण से सांप्रदायिक माहौल बनाकर शरणार्थियों की खामोशी खरीद ली थी। जाहिर है कि देशव्यापी हो हल्ला के बाद मजे मजे में मामला रफा दफा हो गया। इस प्रकरण पर मेरी लंबी कहानी `सागोरी मंडल अभी जिंदा है' लोगों को याद होगी। इसके बाद उत्तरप्रदेश के मुजफ्परपुर में अलग उत्तराखंड राज्य के समर्थन में जुझारु आंदोलन करने वाली उत्तराखंडी​​ महिलाओं पर फिर सामूहिक बलात्कार हो गया। उसके बाद महिलाओं की कुरबानी से उत्तराखंड अलग राज्य तो बन गया लेकिन मुजफ्फरनगर कांड का न्याय नहीं हुआ।राजधानी गैरसैण की भावना की राजनीति गरम है और महिलाओं पर हुए इस जघन्य अत्याचार के खिलाफ आंदोलन नहीं है।

विडंबना यह है कि बलात्कार संस्कृति की सत्ता राजनीति के महानायक नारायणदत्त तिवारी की सार्वजनिक छवि वकास पुरुष की है और वे महतोष और मुजफ्फरनगर कांड के बाद उत्तराखंड के भी मुख्यमंत्री रहे।कोई अचरज नहीं कि हैदराबाद राजभवन कांड और डीएनए जांच से पुत्रप्राप्ति के बाद फिर एक दफा राजनीतिक समीकरण सध जाने से अगर वे एक बार फिर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री या इस देश के प्रधानमंत्री बन जायें।सत्तावर्ग के किसी महामहिम या महामहिला के खिलाफ कोई भी अभद्र टिप्पणी राजनीति और देश के इतिहास भूगोल में सुनामी की लहरें पैदा करने के लिए काफी है। ममता बनर्जी के खिलाप माकपा नेता की टिप्पणी से जिस भद्रलोक बंगाल में हंगामा बरपा . उसी बंगाल में सामूहिक बलात्कार का रोजनामचा और महिलाओं की तस्करी ​​के कुटीरउद्योग के खिलाफ कहीं मामूली हलचल भी नहीं होती। पीड़िता के चरित्र पर लांछन लगाना रिवाज है। मनुस्मृति के मुताबिक शास्त्रसम्मत संविधान, संविधान, न्यायप्रणाली, कानून का राज,समान दंडविधान संहिता, सामाजिक न्याय और समता का निषेध और अरब देशों की तरह मौत का फतवा  या सजाएमौत के चाकचौबंद बंदोबस्त के बीच विशेष सैन्य अधिकार कानून के साये में सैन्य राष्ट्र में उग्रतम धर्मराष्ट्रवाद के माहौल में हर स्त्री न सिर्प शूद्र और दासी है , बल्कि एक युद्बंधदी भी है।पूर्वोत्तर के किसी इलाके में, किसी आदिवासी अंचल में,किसी दलित शरणार्थी गांव में, गंदी बस्तियों में, बंजारे के डेरे में भी स्त्री उतनी ही असुरक्षित है जितनी कि सत्ता के उच्चतम गलियारे में, जिसके वीडियो फिल्में कारपोरेट मीडिया के सौजन्य से मनोरंजर का साधन है, कारपोरेट कार्यस्थल, महानगरों के पोश कालोनी में, साहित्य संस्कृति और गंगाजल से नहाये मीडिया में, न्यायपालिका और कानून के खास डेरे में भी पुरुषतंत्र के आखेटगाह में भी उतनी ही उपभोक्ता खरीदी जानेवाली माल है।मरीच झांपी हो या मणिपुर, दंडकारण्य हो या फिर हरियाणा का भ्रूणहत्या या सम्मान के नाम पर बलिस्थल, सत्ता की संस्कृति बलात्कार की संस्कृति है।प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने गैंगरेप के खिलाफ प्रदर्शन कर रही छात्राओं और महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं का मजाक उड़ाया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो कुछ हो रहा है वो इजिप्ट की गुलाबी क्रांति की तरह है, जिसका कि जमीनी हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है। भारत में पहले कैंडल मार्च निकाला जाता है और उसके बाद प्रदर्शनकारी डिस्को चले जाते हैं।यह वक्तव्य सत्ता की मानसिकता का ही रूपक है।वैसे अभिजीत यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि मैं भी छात्र रहा हूं। मैं जानता हूं कि छात्र कैसे होते हैं। वो बहुत सुंदर महिलाएं, जो मेकअप से पुती हुई और सजी-धजी हैं, टीवी पर इंटरव्यू दे रही हैं वो छात्राएं नहीं हैं क्योंकि उनकी उम्र छात्राओं जितनी नहीं है।हालांकि अभिजीत को जल्द ही अपनी गलती का अहसास हो गया। उन्होंने कहा कि अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हों तो मैं माफी मांगता हूं। मेरा बयान 35-36 साल की महिला प्रदर्शनकारियों के बारे में था, न कि छात्र आंदोलन के बारे में।अभिजीत ने कहा कि मैं राष्ट्रपति और अपनी बहन से भी माफी मांगता हूं क्योंकि मेरे बयान से वे भी आहत हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर इलाके की जनता अथवा कांग्रेस पार्टी कहेगी तो वो अपने पद से इस्तीफा भी दे देंगे।आपात दृष्टि से यह मामला राजनीतिक लगता है, पर मस्तिष्क नियंत्रण की अनिवार्य शर्त भावनाओं को बड़काना है और फिर उनकी दिशा ​​नियंत्रित करना है। यह मुद्दो को भटकाने का भारत पाकिस्तान टी २० मैच है जहां ऐसे बयान किसी युवराज के दनदनाते छक्को की तरह पुरअसर होते हैं। बयान और जवाबी प्रतिक्रिया में मुद्दों का कहीं अता पता नहीं लगता। टाइमिंग भी देखिये, कांग्रेस प्रबंधकों की दूरदर्शिता के कमाल है यह। राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में योजना और अर्थव्यवस्था के बारे में नीतिगत फैसलों और राज्यों के जल संसाधनों पर अधिकारों में कटौती से पहले यह मस्तिष्क नियंत्रण की नायाब यार्कर गोलंदाजी है।ऐसे ही खुले बाजार की अर्थव्यवस्ता की बलात्कार संस्कृति में कारपोरेट सरकार और सत्ता का कारपोरेट नीति निर्धारण हुआ करता है।

दिल्ली गैंगरेप पीड़ित की मौत की खबर से पूरा देश सन्न है। अब तक इंसाफ के लिए सड़कों पर प्रदर्शन करने वाले सकते में हैं। अब प्रदर्शनकारी मृतक को श्रद्धांजलि देने के लिए मार्च निकाल रहे हैं।सिंगापुर में गैंग रेप पीड़ित युवती की मौत के बाद दिल्ली में पुलिस के पहरे के बीच सैकड़ों लोग शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। इन लोगों ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। जंतर-मंतर पर सुबह 10 बजे से ही लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। मृतक को श्रद्धांजलि देने के बाद सभी प्रदर्शनकारी शांति से बैठे हैं। प्रदर्शनकारियों ने इंडिया गेट और रायसीना हिल्स पर जबर्दस्त सुरक्षा इंतजामात के खिलाफ नारेबाजी की। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि सरकार किसी के निधन पर शोक भी नहीं जताने दे रही है। यह संवेदनहीनता है। यह पूरी तरह नाकाबंदी है। मेट्रो स्टेशन तक बंद कर दिए गए हैं।जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों जेएनयू कैंपस से मार्च निकाला। ये मार्च मुनीरका के पास उस जगह तक जाएगा जहां पीड़ित को बस में बिठाया गया था। जेएनयू के छात्रों का मार्च बेहद शांति से निकला है। इन छात्रों के हाथ में पोस्टर हैं।एक तरफ जहां जेएनयू के छात्र मार्च के जरिए प्रदर्शन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ दिल्ली के जंतर मंतर पर भी शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन शुरू हो गया है। दिल्ली के जंतर मंतर पर कई संगठनों के लोग पीड़ित लड़की को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे हैं।इन लोगों ने खड़े होकर और 2 मिनट के लिए मौन रखकर मृतक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। यहां पहुंचने वालों में आम लोगों से लेकर कई संगठन से जुड़े लोग हैं। प्रदर्शनकारियों में आम आदमी पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता और नेता भी हैं।इस बीच दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से अपील की है कि प्रदर्शनकारियों को इंडिया गेट और उसके आसपास शांतिपूर्वक प्रदर्शन की इजाजत दी जाए। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री महसूस करती हैं कि इंडिया गेट और उसके आसपास शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने अपने नजरिए के बारे में गृह मंत्री को बता दिया है।

दिल्ली पुलिस सामूहिक बलात्कार के मामले में सभी छह आरोपियों के खिलाफ हत्या के आरोप भी दर्ज करेगी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अस्पताल से आधिकारिक रिपोर्ट मिलने के बाद आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा।पुलिस ने पहले इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 307 (हत्या के प्रयास), 201 (सबूतों को मिटाना), 365 (अपहरण), 377 (असामान्य अपराध), 394 और 34 के तहत मामला दर्ज किया था।दिल्ली में शायद ऐसा पहली बार हुआ कि इस घटना के बाद सड़कों पर लोगों का गुस्से खुलकर दिखाई दिया। इस गुस्से और प्रदर्शन का सरकार पर असर भी दिख रहा है। सख्त कानून और नए कदम उठाए जाने की मांग को सरकार गंभीरता से ले रही है।

बीते 16 दिसंबर को चलती बस में छह लोगों ने 23 साल की लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार करने के साथ ही उसके साथ हैवानियत का व्यवहार किया था। करीब एक पखवाड़े तक जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ने के बाद आज इस पीड़िता ने तड़के सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में दम तोड़ दिया। पुलिस सूत्रों ने कहा कि अगले सप्ताह इन लोगों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दायर करने की योजना है।

सामूहिक बलात्कार के सभी छह आरोपियों.. बस चालक राम सिंह, उसके भाई मुकेश, अक्षय ठाकुर, पवन और विनय को गिरफ्तार कर लिया गया है। पकड़े गए छठे आरोपों का दावा है कि वह अवयस्क है। पुलिस ने उसकी उम्र का पता लगाने के लिए उसकी हड्डियों की जांच करने की अनुमति अदालत से मांगी है।

जिन हालात में लड़की को सिंगापुर ले जाया गया उन पर उठे सवालों को देखते हुए केंद्र सरकार सतर्क है। गृह मंत्री सुशील शिंदे ने कहा है कि लड़की को सिंगापुर भेजने का फैसला पूरी तरह सही था। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी लड़की की सेहत को लेकर फिक्रमंद हैं। खबर है कि हवाई सफर के दौरान लड़की की जान जाते-जाते बची। विमान के 30 हजार फीट की उंचाई पर पहुंचते ही उसका ब्लड प्रेशर गिर गया। डॉक्टरों ने बड़ी मशक्क्त से उसकी जान बचाई।

दरअसल बुधवार रात करीब साढ़े ग्यारह बजे स्पेशल एअर एंबुलेंस से गैंगरेप की शिकार हुई लड़की को लेकर डॉक्टरों की टीम सिंगापुर के लिए रवाना हुई। डॉक्टर जानते थे हजारों फीट की उंचाई पर विमान के पहुंचते ही लड़की की सेहत बिगड़ सकती है। लिहाजा सफदरजंग अस्पताल के आईसीयू स्पेशलिस्ट पीके वर्मा और डॉ. यतिन मेहता पूरी तरह सतर्क थे। उड़ान को कुछ ही मिनट हुए थे कि डॉक्टरों को खतरे का अहसास हुआ। लड़की की तबियत अचानक बिगड़ने लगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उस वक्त विमान 30 हजार फीट की उंचाई पर था, तभी लड़की का ब्लड प्रेशर गिरने लगा। चंद मिनटों में ही ब्लड प्रेशर खतरे के स्तर तक नीचे आ गया।

डॉक्टर ऐसे हालात को मेडिकल फीट की संज्ञा देते हैं, यानी वो हालात जिनकी उम्मीद किसी को न हो। जाहिर है, सिंगापुर पहुंचने पहले ही लड़की की जान पूरी तरह खतरे की जद में आ गई थी। सूत्रों के मुताबिक विमान में सवार ICU स्पेशलिस्ट डॉक्टर पीके वर्मा और यतिन मेहता ने गैंगरेप पीड़ित की जान बचाने के लिए एक आर्टीरियल लाइन तैयार की, यानी पीड़ित लड़की की नस में पतली नली लगाई ताकि नली के जरिए ब्लड प्रेशर पर लगातार नजर रखी जा सके। दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के ट्रॉमा सेंटर चीफ डॉक्टर एमसी मिश्रा ने एक अखबार को हवा में गुजरे इस हादसे के बारे में जानकारी दी।

डॉक्टर पीके वर्मा शरीर में खून के उतार-चढ़ाव यानी ब्लड प्रेशर के विशेषज्ञ माने जाते हैं और इस केस को वो पहले दिन से देख रहे हैं। उधर, मेदांता के डॉक्टर मेहता भी काफी तजुर्बेकार हैं। माना जा रहा है कि अगर दोनों ने वक्त रहते ये फैसला न लिया होता, तो शायद सिंगापुर पहुंचने से पहले ही वहां से देश को एक दुख भरी खबर सुनने को मिलती।

दिल्ली के डॉक्टरों ने ही अब इस फैसले पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अगर प्रधानमंत्री का इलाज एम्स में हो सकता है। विदेश से आए डॉक्टर देश में अटल जी के घुटने का ऑपरेशन कर सकते हैं तो फिर इस लड़की का इलाज यहां करने में क्या समस्या थी। सूत्रों के मुताबिक इस फैसले में सरकार का दबाव अधिक और डॉक्टरों की सहमति कम थी। मतलब साफ था कि सरकार लड़की को बाहर ले जाने का मन बना चुकी थी। सूत्रों के मुताबिक लड़की को सफदरजंग अस्पताल में बेहतरीन चिकित्सा मिल रही थी। बावजूद इसके सरकार ने उसे सिंगापुर ले जाने का फैसला किया। सूत्रों की मानें तो मंगलवार को ही IB के हेड नेहछल सिंह ने गृहमंत्री को खबर दे दी थी कि लड़की की सेहत को लेकर बाहर आ रही खबरों पर जनता का रिएक्शन अच्छा नहीं है। भगवान न करे उसे कुछ हो जाता है तो नौजवान फिर से बवाल मचा सकते हैं। दूध से जला छाछ भी फूंक कर पीता है लिहाजा सरकार ने आनन-फानन लड़की को बाहर भेजने का फैसला किया।

खबर तो ये भी है कि लड़की को अस्पताल से निकालने का पूरा ऑपरेशन भी बेहद गोपनीय था। दिल्ली पुलिस ने ICU के बाहर तीन-तीन एंबुलेंस तैनात कीं। एक मुस्लिम लड़की को जबरन गंभीर हालत बताकर भर्ती किया गया। उसके परिजनों की आड़ में बुर्कों से ढकी महिलाएं अस्पताल में आने जाने लगीं। इन्हीं में वो फोटोग्राफर भी था जिसने आनन-फानन में तैयार किए गए पासपोर्ट की फोटो निकाली।

बाद में इस नकली परिवार को लेकर पहली दो एंबुलेंस निकली जिनकी मीडिया ने पीछा शुरू किया। उसे बाद में पता चला कि पीड़ित तो मेदांता की तीसरी एंबुलेंस में है। कंफ्यूजन इस कदर थी कि लड़की मेदांता जा रही है या एयरपोर्ट कोई नहीं जानता था। पता भी न चलता अगर मेदांता की एंबुलेस हवाई अड्डे की ओर न मुड़ जाती। इस आपाधापी के बाद जिस तरह हवाई जहाज में लड़की की तबियत बिगड़ने की खबरें आईं उससे अब सरकार हमले की जद में है।

मालूम हो कि गैंगरेप पीड़ित छात्रा को 27 दिसंबर की सुबह माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन तभी से उसकी हालत नाजुक थी। अस्पताल के 8 डॉक्टरों की टीम उसे जिंदा रखने की कोशिशें कर रहे थे लेकिन दो दिन तक चली उनकी कोशिशें भी लड़की की नहीं बचा सकीं।। अस्पताल के मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है लड़की के शरीर और दिमाग में बेहद गंभीर चोटें थीं लेकिन उसकी इच्छाशक्ति ने उसे जिंदा रखा और वो तमाम मुश्किलों के बावजूद बहादुरी से जिंदगी के लिए लड़ी मगर वो जीत नहीं पाई।सिंगापुर के माउण्ट एलिजाबेथ अस्पताल में मृत घोषित की गई पीड़िता का पार्थिव शरीर एक विशेष विमान से दोपहर बाद दिल्ली लाया जाएगा। सिंगापुर हाई कमीशन द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार पीड़िता का पार्थिव शरीर दोपहर 3 से 4 बजे के बीच दिल्ली पहुंच सकता है जहां उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। पीड़िता के शव के साथ उसके माता पिता और दो छोटे भाई भी वापस दिल्ली लौट रहे हैं।

दिल्ली में गैंगरेप की पीड़िता की मौत के बाद शोक संतप्त परिवार ने उम्मीद जताई है कि इस घटना के बाद देश में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। यह जानकारी शनिवार को एक भारतीय राजनयिक ने दी।सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त टी सी ए राघवन ने कहा कि पीड़िता की मौत से परिवार गहरे शोक में है। पैरामेडिकल की छात्रा के साथ 16 दिसंबर को गैंगरेप किया गया था और उसको घायल अवस्था में सड़क के किनारे फेंक दिया गया था।राधवन ने मीडिया को बताया कि भारी संख्या में देश भर से मिल रहे संदेशों और लोगों के समर्थन भी परिवार के सदस्य द्रवित हैं। उन्हें उम्मीद है कि उनकी बच्ची की मौत के बाद अब देश और दिल्ली में महिलाओं का भविष्य बेहतर बन सकेगा।

आज भोर में 4.45 बजे (भारतीय समय अनुसार रात 2.45 बजे) पीड़िता का सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में निधन हो गया था जिसके बाद उसके शव को सिंगापुर पोलिस और भारतीय सुरक्षा एजंसियों की निगरानी में अज्ञात स्थान की ओर भेज दिया गया था। अब उसका शव दोपहर बाद दिल्ली पहुंचेगा जहां उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उसके अंतिम संस्कार के बारे में अभी किसी निश्चित स्थान की घोषणा नहीं की गई है।

'वो रेप नहीं बल्कि महिला और 'ग्राहक' के बीच गलतफहमी थी'

कोलकाता। महिलाओं के खिलाफ रेप और अन्य यौन अपराधों को लेकर सियासी जमात की असंवेदनशीलता और बेतुकी बयानबाजी जारी है। पश्चिम बंगाल के सीपीएम नेता अनिसुर रहमान ने जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ ही आपत्तिजनक टिप्पणी की तो अब तृणमूल कांग्रेस की नेता काकोली घोष ने बहुचर्चित पार्क स्ट्रीट रेप केस को रेप का मामला न बताकर एक महिला और उसके 'ग्राहक' के बीच गलतफहमी करार दिया है।

गौरतलब है कि इसी साल 5 फरवरी को सामने आए पार्क स्ट्रीट रेप केस में ममता बनर्जी सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी। अब तक इस रेप कांड के आरोपी फरार हैं। ममता बनर्जी खुद इस केस को एक बार अपनी सरकार के खिलाफ साजिश करार देकर खारिज कर चुकी हैं।

आज सीएनएन-आईबीएन से बातचीत में तृणमूल कांग्रेस की वरिष्ठ नेता काकोली घोष ने कहा कि अगर आप पार्क स्ट्रीट रेप की बात कर रहे हैं तो देखिए कि वो एक अलग केस था। वो रेप केस नहीं था बल्कि एक महिला और उसके ग्राहक के बीच हुई गलतफहमी थी।

काकोली ने ये बयान तब दिया जब वे ममता बनर्जी के बारे में सीपीएम नेता अनिसुर रहमान के बयान की निंदा कर रही थीं। अनिसुर रहमान ने एक सभा में कहा था कि ममता बनर्जी रेप केस की पीड़िता को 20 हजार रुपये के मुआवजे की बात करती हैं, अगर उनके साथ ऐसा होगा तो वो कितना मुआवजा लेंगी। हालांकि अनिसुर ने बाद में अपने बयान के लिए माफी मांग ली थी।

'रेप कानूनों में व्यापक सुधार की आवश्यकता'

ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा है कि गैंगरेप पीड़िता की मौत की घटना ने भारत में यौन हिंसा के मामलों की याद ताजा कर दी है। ह्यूमन राइट्स वॉच दक्षिण एशिया की अध्यक्ष मीनाक्षी गांगुली ने कहा कि पैरामेडिकल छात्रा की मौत से पहले एक 17 साल की लड़की ने रेप की शिकायत पर पुलिस के लापरवाह रवैये से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी।

गांगुली ने कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। इन घटनाओं को देखते हुए कानून में व्यापक सुधार की आवश्यकता है। यौन उत्पीड़न को हर रूप में अपराध की श्रेणी में रखा जाना चाहिए। कानूनों के कार्यान्वयन और उत्तरदायित्व के लिए व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की जरूरत है, ताकि पीड़ित को चुपचाप अत्याचार सहने को मजबूर न होना पड़े। और उसे अपमानित या दोषी न ठहराया जाए।

यह थोड़ा मुश्किल है लेकिन प्रभावी हल होगा कि यौन हिंसा के मामलों में पुलिस, डॉक्टर, वकील और जज प्रक्रिया में सुधार की ओर ध्यान दें।

गैंगरेप : पीड़िता ने मां से कहा था- मैं जीना चाहती हूं..

: राजधानी में 16 दिसंबर की रात चलती बस में सामूहिक बलात्कार और दरिंदगी की सारी सीमाओं को तोड़ देने वाली घटना में गंभीर रूप से घायल हुई 23 वर्षीय लड़की ने जीने की इच्छा जताई थी और वह अपने जीवन को तार-तार करने वाले दोषियों को उनके किये की सजा दिलाना चाहती थी।

घटना के तीन दिन बाद यह लड़की अपनी मां और भाई से जब 19 दिसंबर को पहली बार मिली तो उसके शब्द थे 'मैं जीना चाहती हूं।' इलाज की पूरी प्रक्रिया के दौरान वह लड़की संकेतों में बात करती रही थी। उसकी ज्यादातर बातचीत उसके अभिभावकों के साथ हुई थी और उसने एक नहीं बल्कि दो दो बार मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दिए थे। पैरामेडिकल की यह छात्रा अत्यंत साहसी थी जिसने न केवल बस में हमलावरों का प्रतिरोध किया था बल्कि इलाज के दौरान भी हौसला नहीं खोया था।

सफदरजंग अस्पताल में 10 दिन तक चले इलाज के दौरान तीन बार इस लड़की की मनोवैज्ञानिक जांच की गई। तब उसने अपने भविष्य के बारे में कुछ विचार जाहिर किए थे।

इस लड़की ने 21 दिसंबर को उप मंडलीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के समक्ष बहादुरी से बयान भी दिया था। उसने घटना का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया था जो उसके साथ बस में चढ़े उसके मित्र द्वारा दिए गए बयान से मिलताजुलता था।

बयान के विवादों में घिरने के बाद लड़की ने एक बार फिर मजिस्ट्रेट के समक्ष पूरा घटनाक्रम बताया और इच्छा जताई कि उसके साथ वहशियाना कृत्य करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।

लड़की का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने भी उसकी अदम्य जिजीविषा का लोहा माना और उसे 'बहादुर लड़की' करार दिया। डॉक्टरों ने कहा था कि पीड़ित मनोवैज्ञानिक रूप से बिल्कुल ठीक है और भविष्य के प्रति आशावान है।

इस लड़की को जब अस्पताल लाया गया था तो उसकी हालत बहुत गंभीर थी लेकिन इलाज के दौरान उसकी हालत में सुधार के संकेत मिले थे। पर क्रिसमस की रात उसकी नब्ज कुछ देर के लिए क्षीण हो गई और हालत बिगड़ने लगी थी। इसके बाद उसे सिंगापुर के अस्पताल ले जाया गया।

16 दिसंबर को सफदरजंग अस्पताल लाए जाने के बाद दस दिन में लड़की के दो बड़े ऑपरेशन और एक छोटा ऑपरेशन हुआ था। संक्रमण और चोट की वजह से उसकी आंत का बड़ा हिस्सा डॉक्टरों ने निकाल दिया था।

अस्पताल में ज्यादातर समय 23 वर्षीय इस पीड़ित को वेन्टीलेटर पर रखा गया था। केवल दो दिन ही वह वेन्टीलेटर से अलग रही और अपने आप सांस ले पाई थी। करीब एक पखवाड़े तक जीवन के लिए मृत्यु से संघर्ष करने के बाद सिंगापुर के माउंट एलिजबेथ हॉस्पिटल में आज भारतीय समयानुसार तड़के दो बज कर 15 मिनट पर इस लड़की ने दम तोड़ दिया।

गैंगरेप पीड़ित मृतक छात्रा देश की बहादुर पुत्री: राष्ट्रपति

सामूहिक बलात्कार की शिकार 23 साल की छात्रा को '' भारत की बहादुर पुत्री '' करार देते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि इस जघन्य अपराध को अंजाम देने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सभी कदम उठाये जाएंगे ।

राष्ट्रपति ने अपने शोक संदेश में कहा कि वह एक बहादुर लडकी थी जो अंतिम समय में भी अपने जीवन और सम्मान के लिए लडी। वह सच्ची नायिका है और भारतीय युवाओं एवं महिलाओं के उत्कृष्टता का प्रतीक है। देश भारत की इस बहादुर पुत्री के निधन पर शोक मनाएगा।

छात्रा के साथ चलती बस में छह लोगों ने बलात्कार और बर्बरता की थी। करीब 13 दिन जीवन और मौत के बीच झूलने के बाद छात्रा का आज तडके सिंगापुर के एक अस्पताल में निधन हो गया।

उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा 'युवावस्था में उस लड़की के जाने से मुझे गहरा दुख है। उसे भारत की बेटी कहना ज्यादा बेहतर है।' प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि पीड़ित की याद में सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि उसके साथ हुए भयावह हादसे को लेकर युवाओं में उपजी भावनाएं और उर्जा रचनात्मक दिशा का रूख करें। पीड़ित की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने देशवासियों के साथ मिल कर उसके परिवार और मित्रों के प्रति संवेदना जताई है।

लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि यह बहादुर लड़की महिलाओं के लिए न्याय सुनिश्चित करने और सामाजिक बदलाव के लिए जारी लड़ाई का 'शक्तिशाली प्रतीक' बन गई है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी लड़की की मौत पर दुख जताया है। सोनिया से जुड़े सूत्रों ने बताया कि लड़की की दुखद मौत की जानकारी पा कर कांग्रेस अध्यक्ष सकते में हैं और बेहद गमज़दा हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने पीड़ित के परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है। केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने वायदा किया कि कानून को और कड़ा किया जाएगा ताकि इस तरह की वारदात की पुनरावृत्ति को रोका जा सके ।

शिन्दे ने कहा कि 23 वर्षीय छात्रा को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि बलात्कार के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले ।

दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने 23 साल की लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार को बतौर प्रशासक अपने लिए 'शर्मनाक घटना' करार देते हुए पीड़िता की मौत पर गहरे दुख का इजहार किया है।

शीला ने लोगों से इसके साथ ही अपील की है कि वे शांति बनाए रखें। उन्होंने कहा कि इस तरह की वीभत्स घटना दोबारा नहीं हो, यह सुनिश्चित करना चाहिए।

राष्ट्रीय राजधानी में छात्र और आम जनता शांति मार्च निकाल रहे हैं । जंतर मंतर पर एकत्र प्रदर्शनकारियों ने छात्रा को श्रद्धांजलि दी । प्रख्यात वकील राम जेठमलानी ने मांग की कि इस मामले में मुकदमा तेजी से चले और दोषियों को जल्द सजा दी जाए ।

राज्यसभा सांसद जेठमलानी ने कहा, '' मुझे उम्मीद है कि मुकदमा तेजी से होगा और इसका परिणाम दोषियों को तेजी से दंडित करने के रूप में देखने को मिलेगा । अंतत: न्याय होना चाहिए । मुकदमा दो महीने में समाप्त हो जाना चाहिए । '' उन्होंने कहा कि सरकार को पिछले सप्ताह इंडिया गेट और विजय चौक पर एकत्र प्रदर्शनकारियों से सीधे संवाद करना चाहिए था ।

लखनउ में बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सरकार को महिलाओं के खिलाफ अपराध से निपटने के लिए कडे से कडे कानून बनाने चाहिए । '' सभी राज्यों विशेषकर उत्तर प्रदेश को इस घटना को गंभीरता से लेना चाहिए । '' केन्द्रीय मंत्री अजय माकन ने कहा कि हर कोई उम्मीद कर रहा था कि युवती की इच्छाशक्ति इतनी मजबूत है कि वह सभी प्रतिकूल स्थितियों से बाहर निकल आएगी ।

कांग्रेस प्रवक्ता संदीप दीक्षित ने कहा कि दिल्ली की जनता को अपने गुस्से और दुख का इजहार करने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर एकत्र होने का मौका दिया जाना चाहिए ।

भाजपा नेता अरूण जेटली ने सामूहिक बलात्कार की शिकार 23 वर्षीय युवती के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए आज कहा कि कानूनों में संशोधन की आवश्यकता है । साथ ही कहा कि ऐसा माहौल बनाये जाने की जरूरत है, जहां महिलाएं समान रूप से सुरक्षित रह सकें ।

जेटली ने कहा कि हमारे सबके सिर आज शर्म से झुक जाने चाहिए कि एक युवती बर्बरता और दरिन्दगी का शिकार बनी । ऐसे माहौल की शिकार बनी, जो महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है ।

सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी किरन बेदी ने कहा कि हर पुलिसकर्मी को प्रार्थना करनी चाहिए और महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने में सामूहिक विफलता के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए ।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि छात्रा की मौत हम सबके लिए शर्मिन्दगी और गहरे दुख की बात है। उन्होंने सवाल किया कि क्या हम उस छात्रा की मौत के लिए जिम्मेदार नहीं हैं ? क्या हम ऐसा कुछ कर सकते हैं कि देश की आधी आबादी हमारे बीच सुरक्षित महसूस कर सके ?

इंडिया गेट पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने दिया जाए: शीला

बताया जाता है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे से कहा है कि सामूहिक बलात्कार की शिकार 23 वर्षीय छात्रा की मौत के मद्देनजर उसकी याद में इंडिया गेट और उसके आसपास शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से प्रतिबंध हटाया जाए।

प्रदर्शन की आशंका से पुलिस ने इंडिया गेट और रायसीना हिल की ओर जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिये हैं। पूरे राजपथ पर बैरियर लगाये गये हैं। राजपथ ही इंडिया गेट को रायसीना हिल से जोडता है ।

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री महसूस करती हैं कि इंडिया गेट और उसके आसपास शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री के नजरिये से गृह मंत्री को अवगत करा दिया गया है । पिछले सप्ताह रायसीना हिल और इंडिया गेट के आसपास हो रहा प्रदर्शन उग्र हो उठा था जिसके बाद पुलिस को बल प्रयोग कर इलाके को खाली कराना पडा था। बलात्कार की शिकार युवती ने सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में तडके अंतिम सांस ली।

घटना के बाद उसका इलाज दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में चल रहा था लेकिन हालत बिगडने पर उसे सिंगापुर ले जाया गया था। प्रदर्शनकारियों को इंडिया गेट या रायसीना हिल पहुंचने से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने एहतियातन मध्य दिल्ली के दस मेट्रो स्टेशन अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिये हैं।

गैंगरेप: यह सबक और संकल्प लेने का समय-भाजपा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की घटना और 23 वर्षीय पीड़िता के निधन को 'अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण' करार देते हुए कहा है कि इससे सबक लेते हुए ऐसी घटनाओं रोकने का संकल्प लेना चाहिए।

पार्टी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा, ''लड़की का निधन अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। इस घटना ने पूरी इंसानियत को झकझोर दिया है। भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं हों, इसके लिए कड़े कानूनी प्रावधानों करने की जरूरत है।'' उन्होंने कहा, ''शैतानी दंरिदों ने इंसानी मूल्यों को चुनौती दी है। यह घटना सरकार और समाज के लिए सबक एवं संदेश है। हमें यह संकल्प लेना होगा कि शैतानी ताकतें ऐसी वहशी दरिंदगी को दोहरा नहीं सके।''

भाजपा नेता ने कहा, ''इस मामले पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। ऐसे जघन्य अपराधों को रोकने के लिए कड़े कानूनी प्रावधान करने तथा इन पर अमल के लिए मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है।'' बीते 16 दिसंबर को चलती बस में छह लोगों ने 23 साल की लड़की से सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसके साथ हैवानियत का व्यवहार किया था। करीब एक पखवाड़े तक जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ने के बाद आज इस पीड़िता ने तड़के सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में दम तोड़ दिया।

दिल्ली गैंगरेप मामले में कब-कब क्या- क्या हुआ

सामूहिक दुष्कर्म व हिंसा की घटना के बाद इलाज के लिए सिंगापुर ले जाई गई पैरामेडिकल छात्रा ने शनिवार तड़के दम तोड़ दिया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस बर्बरता की शिकार बनी 23 वर्षीया पीड़िता को गम्भीर हालातों में सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल ने शनिवार को पीड़िता की मौत की पुष्टि की।
16 दिसंबर
- वसंत विहार इलाके में चलती बस में छात्रा से गैंगरेप।

- छात्रा और उसके दोस्त को महिपालपुर में बस से फेंका।
- दोनों गंभीर हालत में सफदरजंग अस्पताल में भर्ती।
- पीड़ित छात्रा का पहला ऑपरेशन।
- पुलिस ने दर्ज किया केस।
17 दिसंबर
- पीड़ित छात्रा की हालत नाजुक, वेंटिलेटर पर रखा।
- गैंगरेप केस की संसद में गूंज, फांसी की मांग।
- वसंत विहार थाने के बाहर जेएनयू छात्रों का प्रदर्शन।
- रेप में इस्तेमाल चार्टर्ड बस बरामद।
- बस की फॉरेंसिक जांच में मिले खून के धब्बे।
- बलात्कार के 4 आरोपी गिरफ्तार।
18 दिसंबर
- छात्रा की हालत और बिगड़ी।
- संसद में हंगामा, सड़कों पर प्रदर्शन।
- गृहमंत्री और दिल्ली की मुख्यमंत्री को सोनिया का खत।
- गृहमंत्री ने दिया कड़ी कार्रवाई का भरोसा।
- सोनिया अस्पताल में पीड़ित परिवार से मिलीं।
19 दिसंबर
- पीड़ित छात्रा का दूसरा ऑपरेशन।
- छात्रा की पूरी आंत काटकर निकाली।
- दिल्ली के अलावा देशभर में प्रदर्शनों का दौर।
- दिल्ली हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान।
20 दिसंबर
- पीड़ित का पहला मेडिकल बुलेटिन।
- लड़की की हालत में मामूली सुधार।
- डॉक्टरों ने कहा खतरा बरकरार।
21 दिसंबर
- पुलिस ने कोर्ट को दी स्टेटस रिपोर्ट।
- दिल्ली हई कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट।
- लड़की को वेंटिलेटर से हटाया।
- लड़की के दोस्त ने आरोपी की शिनाख्त की।
- बिहार से एक और आरोपी गिरफ्तार।
22 दिसंबर
- दिल्ली में गैंगरेप के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन।
- इंडिया गेट पर हजारों लोगों का धरना।
- अस्पताल में लड़की की हालत नाजुक।
- एसडीएम ने लिए लड़की के बयान।
23 दिसंबर
- इंडिया गेट पर प्रदर्शन में हिंसा।
- पुलिस ने लाठियां चलाईं।
- कॉन्सटेबल सुभाष तोमर गंभीर रूप से जख्मी।
- लड़की के शरीर में खून का बहना जारी।
24 दिसंबर
- प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का संदेश।
- दिल्ली की अदालत में गैंगरेप के दो आरोपियों ने गुनाह कबूला।
25 दिसंबर
- दूसरी बार एसडीएम के सामने लड़की के बयान।
- पीड़ित लड़की की हालत फिर बिगड़ी।
- कॉन्सटेबल सुभाष तोमर की अस्पताल में मौत।
26 दिसंबर
- जंतर मंतर पर लोगों के प्रदर्शन जारी।
- लड़की को अचानक दिल का दौरा पड़ा।
- रात को विशेष विमान से पीड़ित सिंगापुर रवाना।
27 दिसंबर
- पीड़ित लड़की सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती।
- आईसीयू में भर्ती लड़की की तबीयत में सुधार नहीं।
- दिल्ली की सड़कों पर 3 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात।
28 दिसंबर
- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की जल्द न्याय की मांग।
- अस्पताल में पीड़ित की हालत बेहद नाजुक।
- फेफड़ों और दिमाग में इन्फेक्शन फैला।
- एक साथ कई अंगों ने काम करना बंद किया।
29 दिसंबर
- गैंगरेप पीड़ित की सुबह 2.15 बजे मौत।
- 12 दिन के संघर्ष के बाद हुई मौत
!
​​

No comments:

मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha

হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!

मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में OBC Trump Card और जयभीम कामरेड

Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!

हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला हिंदुत्व की राजनीति से नहीं किया जा सकता।

In conversation with Palash Biswas

Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Save the Universities!

RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!

जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।

#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?

Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

Tweet Please

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS BLASTS INDIANS THAT CLAIM BUDDHA WAS BORN IN INDIA

THE HIMALAYAN TALK: INDIAN GOVERNMENT FOOD SECURITY PROGRAM RISKIER

http://youtu.be/NrcmNEjaN8c The government of India has announced food security program ahead of elections in 2014. We discussed the issue with Palash Biswas in Kolkata today. http://youtu.be/NrcmNEjaN8c Ahead of Elections, India's Cabinet Approves Food Security Program ______________________________________________________ By JIM YARDLEY http://india.blogs.nytimes.com/2013/07/04/indias-cabinet-passes-food-security-law/

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN VOICE: PALASH BISWAS DISCUSSES RAM MANDIR

Published on 10 Apr 2013 Palash Biswas spoke to us from Kolkota and shared his views on Visho Hindu Parashid's programme from tomorrow ( April 11, 2013) to build Ram Mandir in disputed Ayodhya. http://www.youtube.com/watch?v=77cZuBunAGk

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE

अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।' http://youtu.be/j8GXlmSBbbk

THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICAL OF BAMCEF LEADERSHIP

[Palash Biswas, one of the BAMCEF leaders and editors for Indian Express spoke to us from Kolkata today and criticized BAMCEF leadership in New Delhi, which according to him, is messing up with Nepalese indigenous peoples also. He also flayed MP Jay Narayan Prasad Nishad, who recently offered a Puja in his New Delhi home for Narendra Modi's victory in 2014.]

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT

THE HIMALAYAN TALK: PALSH BISWAS FLAYS SOUTH ASIAN GOVERNM

Palash Biswas, lashed out those 1% people in the government in New Delhi for failure of delivery and creating hosts of problems everywhere in South Asia. http://youtu.be/lD2_V7CB2Is

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE

अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।' http://youtu.be/j8GXlmSBbbk