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Friday, November 2, 2012

चूंकि जनसंहार की नीतियों को आर्थिक सुधार कहा जाता है!



चूंकि जनसंहार की नीतियों को आर्थिक सुधार कहा जाता है!

अमेरिका का राष्ट्रपति चाहे कोई बनें, इससे जनसंहार संस्कृति के तहत आर्थिक सुधारों के लिए अमेरिकी दबाव में कोई फर्क नहीं पड़ने​​ वाला है। असम के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में भड़काये गये दंगों से साफ जाहिर है कि धर्मोन्माद किस तरह वैकल्पिक राजनीति को बोदखल करने में लगा है। यह बेहद खतरनाक है। वैश्विक कारपोरेट व्यवस्था पर यहूदी हिंदू गठजोड़ के बढ़ते वर्चस्व में चाहे मिटनी जीते या फिर ओबामा, इजाफा ही होना है। अगर भारत में आर्थिक सुधारों और कारपोरेट राज के हिंदुत्व और मनुस्मृति के साथ चोली दामन के रिश्ते को हम नजरअंदाज करते हं, तो प्रतिरोध की हर बात बेमानी है।
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
आर्थिक सुधारों के पक्षधर कारपोरेट मीडिया की ओर से रिलायंस राज और सोनिय राहुल के खिलाफ आरोपों के मुद्दे को किनारे करने की​​ कोशिश गौरतलब है।दो दिन पहले अरविंद केजरीवाल की ओर जूता उछालने वाला व्यक्ति गांधी परिवार का करीबी है। इंडिया अगेंस्ट करप्शन [आइएसी] ने शुक्रवार को यह दावा किया।सोनिया गांधी और रॉबर्ट वाड्रा के साथ जगदीश शर्मा के चित्र जारी करते हुए आइएसी ने इसके सुबूत भी पेश किए हैं। आइएसी ने सवाल किया, क्या नेहरू-गांधी परिवार का स्तर खुर्शीद के जैसा हो गया है, जो बैठक में व्यवधान डालने के लिए लोगों को भेजने लगे हैं।' 'ऐसी परिस्थितियों में आइएसी के किसी भी कार्यकर्ता पर हुए हमले पर यही माना जाएगा कि इसके लिए कांग्रेस ने आदेश दिया था।'केजरीवाल और प्रशांत भूषण की 31 अक्टूबर की प्रेस कांफ्रेंस में शर्मा और दो अन्य ने व्यवधान डाला था। शर्मा ने यह तो स्वीकार किया कि विरोध करने के लिए ही वह केजरीवाल की प्रेस कांफ्रेंस में आया था, लेकिन गांधी परिवार का करीबी होने से इन्कार किया था।चूंकि जनसंहार की नीतियों को आर्थिक सुधार कहा जाता है!सरकारी नीति निर्धारण में सर्वव्यापी कारपोरेट वर्चस्व और विदेशी पूंजी के अबाध प्रवाह के बावजूद प्रकृतिक संसाधनों की खुली लूट की ​​मौजूदा हालत से रेटिंग एजंसियां खुश नहीं है। जाहिर है कि और तेज सुधारों के लिए दबाव है।भारतीय अर्थव्यवस्था में तुरंत तेजी की संभावनाएं फिलहाल नहीं दिखाई देतीं। गोल्डमैन साक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार अगले वर्ष की पहली छमाही के दौरान ही इसमें हल्के सुधार की उम्मीद है।इस निवेश बैंक की ताजा अनुसंधान रिपोर्ट के अनुसार खासकर निवेश मांग धीमी रहने से देश में आर्थिक गतिविधियां का स्तर लगातार कमजोर बना रहेगा। भारत में विदेशी पूंजी के कमजोर प्रवाह और परियोजनाओं की धीमी शुरुआत से यह परिलक्षित होता है। गोल्डमैन साक्स की रिपोर्ट के अनुसार निवेश परिदृश्य, मुद्रास्फीति और व्यापार घाटे में सुधार के अभी भी बहुत कम संकेत हैं, लेकिन आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ावा देने के लिये नीतिगत सुधारों पर ध्यान देना और बाह्य स्थिति में सुधार आवश्यक है।कांग्रेस ने कहा कि उसने नेशनल हेराल्ड एवं कौमी आवाज के स्वामित्व वाले एसोसिएटेड जर्नल्स प्राइवेट लिमिटेड (एपीपीएल) को धन दिया है और यह उसके लिए गर्व की बात है। पार्टी की ओर से जारी किए गए एक बयान में महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने शुक्रवार को कहा, "कांग्रेस ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की सहायता के लिए धन दिया था। ऐसा करके हमने अपना कर्तव्य निभाया है। यह हमारे लिए गर्व की बात है।" उन्होंने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरु द्वारा 1937 में स्थापित नेशनल हेराल्ड ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई है और इसकी सहायता करना पार्टी के लिए गर्व की बात है।

संसद का अगला सत्र 22 नवंबर से शुरु होने जा रहा है। इस दौरान भूमि अधिग्रहण विधेयक, पेंशन और बीमा सुधार विधेयक तथा नया कंपनी कानून विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण सुधार विधेयकों पर चर्चा होगी और पारित कराया जायेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि इन सभी विधेयकों को पारित करा लिया जाता है तो इनसे अर्थव्यवस्था को कुछ मजबूती मिलेगी।

वित्तमंत्री चिदंबरम ने एक बार फिर सब्सिडी कम करने की जोरदार वकालत की है।

मंहगाई की मार से जूझ रहा आम आदमी सरकार से राहत की उम्मीद लगाए है लेकिन वित्त मंत्री का कहना है कि देश की आर्थिक हालत चिंताजनक है और अगर खर्चों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो आर्थिक संकट औऱ ब़ढ़ सकता है।

ऐसे में त्यौहारों के इस सीजन में फिलहाल सरकार की तरफ से महंगाई में किसी तरह मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है।



और भी... http://aajtak.intoday.in/story.php/content/view/712029/9/80/Indian-economy-is-not-good-Chidambaram.html

अमेरिका का राष्ट्रपति चाहे कोई बनें, इससे जनसंहार संस्कृति के तहत आर्थिक सुधारों के लिए अमेरिकी दबाव में कोई फर्क नहीं पड़ने​​ वाला है। असम के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में भड़काये गये दंगों से साफ जाहिर है कि धर्मोन्माद किस तरह वैकल्पिक राजनीति को बोदखल करने में लगा है। यह बेहद खतरनाक है। वैश्विक कारपोरेट व्यवस्था पर यहूदी हिंदू गठजोड़ के बढ़ते वर्चस्व में चाहे मिटनी जीते या फिर ओबामा, इजाफा ही होना है। अगर भारत में आर्थिक सुधारों और कारपोरेट राज के हिंदुत्व और मनुस्मृति के साथ चोली दामन के रिश्ते को हम नजरअंदाज करते हं, तो प्रतिरोध की हर बात बेमानी है। बहरहाल
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में कुछ दिन शेष हैं और इस पद के दावेदार वर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी मिट रोमनी ने खुद को बदलाव का दूत कहना शुरू कर दिया है। दोनों ने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर आरोप लगाया है कि उनकी नीतियां उन बदलावों का प्रतिनिधित्व नहीं करती जिनकी आकांक्षाएं अमेरिकी कर रहे हैं। सीएनएन की ओर से प्रकाशित लेख में 65 वर्षीय रोमनी ने कहा कि मैं वास्तविक बदलाव और एक असली विकल्प पेश कर रहा हूं। वहीं 51 वर्षीय ओबामा ने भी शुक्रवार सुबह एक लेख में कहा कि हमें पता है कि वास्तविक बदलाव किस तरह होता है। और हम अब इसे छोड़ नहीं सकते।

विदेशी पूंजी के खिलाफ संघ परिवार के जिहाद की  असलियत को आखिर कब समझेंगे हम?जल जंगल जमीन और आजीविका ठीनने के लिए माओवाद से निपटने के बहाने सारे प्रकृतिक संसाधन कारपोरेट के हवाले करने वाले​ ​ भाजपा शासित छत्तीसगढ़ की नई प्रशासनिक राजधानी नया रायपुर में आज शुरू हुए दो दिनी वैश्विक निवेशक सम्मेलन के पहले दिन 55,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किए गए। छत्तीसगढ वैश्विक निवेशक सम्मेलन की शुरआत आज राज्य में कुल मिलाकर 26,000 करोड रुपये से अधिक के निवेश के वादे से हुई। एंबियंस ग्रुप तथा एमटेक आटो जैसी प्रमुख कंपनियों ने राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश की घोषणा की जिसके लिए सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर सम्मेलन के शुरुआती सत्र में किये गये।

खनिज समृद्ध राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने पहले वैश्विक निवेश सम्मेलन का आयोजन किया है। अथॉरिटी ने इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि डाउनस्ट्रीम उद्योगों से निवेश के लिए बातचीत की जाएगी, क्योंकि राज्य में कोर सेक्टर में और निवेश के लिए गुंजाइश नहीं है।

एक सरकारी प्रवक्ता ने आज कहा, 'दिन के अंत तक करीब 55,000 करोड़ रुपये के समझौतों (एमओयू) पर राज्य सरकार और विभिन्न कंपनियों के बीच हस्ताक्षर हुए हैं।' एंबियंस समूह ने राज्य के शहरी बुनियादी ढांचे के विकास पर 10,000 करोड़ रुपये के निवेश के लिए राज्य सरकार के साथ समझौता किया है। जबकि आम्रपाली समूह नया रायपुर में 9,000 करोड़ रुपये के निवेश से एक गोल्फ कोर्स विकसित करेगा। सरकारी प्रवक्ता ने कहा, 'एक फूड पार्क के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिस पर 1,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। जबकि गेज ऑटो ने 1,600 करोड़ रुपये के निवेश के लिए समझौता किया है।' कई तरह के खनिजों से समृद्घ छत्तीसगढ़ में अगले कुछ वर्षों के दौरान जिंदल स्टील ऐंड पावर (जेएसपीएल) और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) जैसी कंपनियां भारी निवेश कर सकती हैं। 18,208 करोड़ रुपये के सालाना कारोबार वाली कंपनी जेएसपीएल अगले 10 वर्षों के दौरान राज्य में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश कर सकती है। कंपनी के चेयरमैन नवीन जिंदल ने रायपुर में कहा, 'कंपनी फिलहाल विस्तार योजनाओं पर आगे बढ़ रही है और यह अगले एक दशक के दौरान छत्तीसगढ़ में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।' कंपनी की तरफ से यह घोषणा शहर में आयोजित दो-दिवसीय वैश्विक निवेशक सम्मेलन में की गई, जो शनिवार को खत्म होने वाला है। इस सम्मेलन का आयोजन राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए किया गया है। बहरहाल, जिंदल ने कहा कि निवेश की प्रस्तावित रकम विभिन्न परियोजनाओं में खर्च की जाएगी। कंपनी रायगढ़ स्थित इस्पात संयंत्र की क्षमता मौजूदा सालाना 30 लाख टन से बढ़ाकर 70 टन प्रति वर्ष करने के लिए पूंजी झोंक रही है। उन्होंने कहा, 'तकरीबन 35,000 करोड़ रुपये केवल क्षमता विस्तार परियोजना पर खर्च किए जाएंगे।' जिंदल ने कहा कि उनकी कंपनी विनिर्माण परियोजनाओं में भी पैसा लगाएगी। पर्यावरण संबंधी नियमों के उल्लंघन संबंधी आरोपों के बारे में पूछे जाने पर जेएसपीएल के चेयरमैन ने कहा कि उनकी कंपनी पर्यावरण से संबंधित लेखा-परीक्षा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, 'मैं उन तमाम लोगों को रायगढ़ आमंत्रित करना चाहता हूं, जो इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। वे यहां आएं और खुद ही देख लें कि उनके आरोपों में कितनी सच्चाई है।'

जिंदल ने कहा, 'इस राज्य में निवेश की तगड़ी संभावनाएं हैं और यह एकमात्र प्रदेश है, जहां रेल की पटरियों (जेएसपीएल के अलावा, सेल का भिलाई इस्पात संयंत्र जो ऐसी पटरियों का उत्पादन करती है) का उत्पादन होता है।'

अरविंद केजरीवाल की तरफ जूता उछालने वाले जगदीश शर्मा का कहना है कि वह कांग्रेस के आम कार्यकर्ता हैं और हर कार्यकर्ता की इच्छा होती है कि वह पार्टी के बड़े नेताओं के साथ फोटो खिंचवाए।विभिन्न न्यूज चैनलों पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रॉबर्ट वाड्रा के साथ तस्वीरों में दिखाए जाने पर जगदीश ने कहा कि मुझे किसी ने केजरीवाल की पत्रकार वार्ता में हंगामा करने के लिए नहीं भेजा था। मैं हनुमान मंदिर से आ रहा था। रफी मार्ग पर कांस्टीट्यूशन क्लब पर मीडिया की भारी भीड़ देखी तो मैं भी रुक कर देखने लगा। वहां पता चला कि केजरीवाल पत्रकार वार्ता कर रहे हैं।उन्होंने ईमानदार प्रधानमंत्री को दलाल कहा तो मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने वही किया जो मुझे ठीक लगा। हरियाणा के पटौदी निवासी और अब पीतमपुरा में रह रहे शर्मा का कहना है कि उनके पिता व दादा भी कांग्रेस के आम कार्यकर्ता थे। यदि फिर कोई उनकेसामने प्रधानमंत्री या कांग्रेस के अन्य किसी नेता पर कीचड़ उछालेगा तो वह फिर से यही हरकत दोहराएंगे।

जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी और कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी आमने-सामने आ गए हैं। स्वामी ने राहुल को मानहानि का केस करने की चुनौती देकर मामले को और पैना बना दिया है। भाजपा ने अपनी प्रतिक्रिया में कांग्रेस से लगाए गए आरोपों पर जवाब मांगा है। वहीं दूसरी ओर जेडी (यू) अध्यक्ष शरद यादव ने परोक्ष रूप से स्वामी को गैर जिम्मेदार बताते हुए खुद को उनके आरोपों से अलग कर लिया है। कांग्रेस ने कहा है कि स्वामी अदालत जाएं और अपने आरोपों को साबित करें।राहुल गांधी पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाने के बाद स्वामी ने ट्विटर पर राहुल को बुद्धू लिखते हुए कहा है कि इस (बुद्धू को) मानहानि के कानून पर जानकारी लेने की जरूरत है। पाqब्लक सर्वेंट और सांसद होने के नाते उन्हें यह साबित करना होगा कि जो कुछ मैंने कहा है, वह झूठ है, न कि मुझे यह साबित करना होगा कि जो कुछ मैंने कहा है वह सच है।

साथ ही स्वामी के खिलाफ मानहानि का दावा करने की 'धमकी' पर स्वामी ने उन पर पलटवार कर दिया है। उन्होंने राहुल गांधी को उनके खिलाफ कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर करने की चुनौती दी है। गौरतलब है कि गुरुवार को प्रेस कॉन्प्रेंâस में स्वामी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव तथा उनके पुत्र राहुल गांधी पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया था। उन्होंने यह भी कहा था कि राहुल गांधी ने शपथपत्र में करोड़ों रुपए के शेयरों की बात छिपाई। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने इन आरोपों पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कड़ा रुख अपनाया था। आरोपों को झूठा करार देते हुए राहुल की ओर से तुरंत एक बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया कि स्वामी ने जितने भी आरोप लगाए हैं, वे सब पूरी तरह झूठा, गलत और अपमानजनक हैं। राहुल गांधी के कार्यालय की ओर से स्वामी को एक पत्र भेजा गया जिसमें उनके खिलाफ सभी जरूरी कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी गई थी। हालांकि स्वामी ने ऐसा कोई पत्र मिलने से साफ इंकार किया है। स्वामी का कहना है कि चाहे राहुल गांधी ने मुझे कोई पत्र भेजा हो या उनके वकील ने, मैं उन पत्रों को बिना पढ़े वूâड़ेदान में पेंâक दूंगा। उन्होंने कहा कि राहुल को मेरी सलाह है कि वह पहले बड़े हों, कोर्ट में जाएं और मेरे खिलाफ मानहानि का केस दायर करें। मैं उनसे कोर्ट में लड़ूंगा। वहीं, सोनिया और राहुल गांधी पर लगाए गए सुब्रमण्यम स्वामी के आरोपों से भाजपा खासी उत्साहित नजर आ रही है। शुक्रवार को बीजेपी नेता अरुण जेटली ने इन आरोपों को गंभीर बताते हुए कांग्रेस से सफाई मांगी। जबकि जद (यू) ने इस मामले से खुद को अलग करते हुए एक तरह से स्वामी को गैर जिम्मेदार बता दिया। जद (यू) अध्यक्ष और एनडीए के संयोजक शरद यादव को स्वामी के ये आरोप जंचें नहीं। यादव ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि मेरी यह आदत नहीं है कि बिना सबूत के लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रियाएं दूं। उन्होंने कहा कि वह इन आरोपों पर तभी प्रतिक्रिया देंगे जब इनके पक्ष में सबूत पेश किए जाएंगे।

स्वामी के आरोपों पर जवाब दे कांग्रेस: जेटली

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव राहुल गांधी पर आज सुब्रह्मण्यम स्वामी के आरोपों को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस को घेरने की कोशिश की है। बीजेपी नेता अरुण जेटली ने कहा है कि जो स्वामी ने जो आरोप लगाए हैं, कांग्रेस को उनका जवाब देना चाहिए, खास तौर पर एक प्राइवेट को वंâपनी को कांग्रेस की ओर से दिए गए ९० करोड़ के कर्ज के आरोप लगाए हैं। वहीं दूसरी सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा है कि बीजेपी को दूसरे पर अंगुली उठाने से पहले अपने अध्यक्ष की जांच करानी चाहिए। जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी के लगाए आरोपों को राहुल गांधी के दफ्तर ने बेबुनियाद और अपमानजक बताया है। इसके अलावा राहुल के दफ्तर ने कानूनी कार्रवाई की भी बात कही है। स्वामी ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी की वंâपनी ने एसोसिएटेड जर्नल्स को ५० लाख रुपये में खरीदा, जबकि उस अखबार के पास अब १६०० करोड़ की संपत्ति है। स्वामी की माने तो कांग्रेस पार्टी ने नुकसान में चल रही वंâपनी को ९० करोड़ का असुरक्षित लोन भी दिया। इस मामले को सीबीआई से जांच की मांग की। वहीं वेंâद्रीय मंत्री हरीश रावत ने स्वामी को एक बिगड़ैल विद्वान बताया। सुब्रह्मण्यम स्वामी के आरोपों से नाराज कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने आज मुंबई में प्रदर्शन किया और उनके खिलाफ नारे लगाए।

सुब्रह्मण्यम स्वामी के आरोप
-सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने यंग इंडियन वंâपनी बनाई
-यंग इंडियन ने एसोसिएटेड जर्नल्स के हेराल्ड हाउस को खरीदा
-१६०० करोड़ की संपत्ति सिर्पâ ५० लाख रुपये में खरीदी गई

-राहुल ने यंग इंडियन में हिस्सेदारी की बात छिपाई
-हेराल्ड हाउस की दो मंजिलें किराये पर दी
-पासपोर्ट ऑफिस से ३० लाख रुपये महीना किराया
-किराये का ७६ हिस्सा सोनिया और राहुल को
-कांग्रेस ने एसोसिएटेड जर्नल्स को ९० करोड़ से ज्यादा कर्ज दिया
-इनकम टैक्स एक्ट के तहत यह कर्ज गैर-कानूनी
-व्यावसायिक काम के लिए कर्ज नहीं दे सकते

गोल्डमैन साक्स की रिपोर्ट के अनुसार सामान्य से कमजोर मानसून के चलते उपभोक्ता मांग भी कुछ हल्की रहेगी। आटोमोबाइल क्षेत्र में कमजोर बिक्री तथा कुछ अन्य क्षेत्रों में कमजोर शुरुआत को देखते हुए चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही कमजोर बने रहने का अनुमान है। गोल्डमैन साक्स के अनुसार निकट भविष्य में मुद्रास्फीति उंची बनी रहने की आशंका है। राजकोषीय घाटा और चालू खाते का घाटा भी उम्मीद से ऊंचा रहने का अनुमान है। निवेश बैंकर ने थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति का अनुमान भी 7.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.9 प्रतिशत कर दिया जबकि राजकोषीय घाटे का अनुमान भी पहले के 5.3 प्रतिशत से बढाकर 5.6 प्रतिशत कर दिया। चालू खाते के घाटे के अनुमान को 3.5 प्रतिशत से बढाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया गया।

वैश्विक विमानन कंपनियों के संगठन आईएटीए ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय विमानन बाजार लड़खड़ा रहा है। संगठन का कहना है कि देश में घरेलू यात्रियों की आवाजाही पिछले साल के मुकाबले करीब 10 फीसद घटी है जो किसी भी बाजार के लिए सबसे खराब स्थिति है।

इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) ने सितंबर के वैश्विक परिवहन रिपोर्ट में कहा कि यात्रियों की मांग के मामले में चीन में पिछले साल के मुकाबले 11.4 फीसद बढ़ोतरी हुई। वहीं भारतीय घरेलू यात्रियों की आवाजाही पिछले साल के मुकाबले 9.9 फीसद घटी है जो किसी भी बाजार का सबसे खराब प्रदर्शन है।आईएटीए ने कहा कि भारतीय यात्रियों की आवाजाही में कमी से अर्थव्यवस्था में नरमी और क्षमता में कमी जाहिर होती है।संगठन ने कहा कि भारत में सितंबर के दौरान घरेलू क्षमता 5.9 फीसद घटी।

आईएटीए के महानिदेशक और मुख्य कार्यकारी टोनी टेलर ने कहा,'चीन के बाहर एशिया-प्रशांत की विमानन कंपनियों का प्रदर्शन मिला-जुला रहा। जापान और भारत के लड़खड़ा रहे बाजार के कारण चीन में जोरदार बढ़ोतरी नरम पड़ रही है।'उन्होंने कहा कि चीन, लैटिन अमेरिकी और पश्चिम एशिया में विमानन कंपनियों उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज कर रही हैं। वहीं, यूरोपीय विमानन कंपनियों को मुनाफा रहित वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है और उत्तरी अमेरिकी देश वृद्धि रहित माहौल में मुनाफा बढ़ाने के लिए क्षमता का प्रबंधन कर रहे हैं।

देश के शेयर बाजारों में शुक्रवार को उछाल दर्ज किया गया। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 193.75 अंकों की तेजी के साथ 18,755.45 पर और निफ्टी 52.65 अंकों की तेजी के साथ 5,697.70 पर बंद हुआ। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 130.45 अंकों की तेजी के साथ 18,692.15 पर खुला और 193.75 अंकों यानी 1.04 फीसदी की तेजी के साथ 18,755.45 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में सेंसेक्स ने 18,793.75 के ऊपरी और 18,687.93 के निचले स्तर को छुआ।नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 51.30 अंकों की तेजी के साथ 5.696.35 पर खुला और 52.65 अंकों यानी 0.93 फीसदी की तेजी के साथ 5,697.70 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में निफ्टी ने 5,711.30 के ऊपरी और 5,682.55 के निचले स्तर को छुआ।

बायोमेट्रिक नागरिकता इन सुधारों को बिना प्रतिरोध लागू करने का सबसे बड़ा औजार साबित होने जा रहा है। आपकी उंगलियों की छाप ​​आपके खिलाफ कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है। जल जंगल जमीन और आजीविका से बेदखली का सबसे बेहतरीन बंदोबस्त है। इस गैरकानूनी एजंडे को अंजाम देने के लिए स्लीपर श्रेणी के मुसाफिरों के लिए भी पहचान पत्र लेकर चलना अनिवार्य कर दिया गया है। पहले एसी डिब्बों में यात्रा करने वालों को परिचय पत्र लेकर चलना जरूरी था।रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने  कहा कि यह इसलिए किया गया है कि सही यात्रियों की सीट पक्की हो जाए। रेलवे ने फरवरी में वातानुकूलित डिब्बों में यात्रा करने वालों के लिए पहचान पत्र रखना अनिवार्य कर दिया था। तत्काल टिकट या ई-टिकट पर यात्रा करने वालों को भी यात्रा के दौरान परिचय पत्र रखना होता है। एक दिसंबर से स्लीपर डिब्बे में अधिकारी द्वारा मांगने पर मूल परिचय पत्र नहीं दिखा पाने वाले यात्रियों को 'बिना टिकट' माना जाएगा और उसके मुताबिक उनसे हर्जाना वसूला जाएगा। यह नियम किसी भी तरह से प्राप्त टिकट पर लागू होगा चाहे काउंटर से ली गयी हो या इंटरनेट से। यात्री सफर के दौरान निम्न दस तरह के परिचय पत्रों में से किसी एक को अपने साथ रख सकते हैं। इनमें मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, विद्यार्थियों के लिए मान्यता प्राप्त स्कूल-कॉलेज द्वारा तस्वीर के साथ जारी परिचय पत्र, आधार कार्ड, केंद्र-राज्य सरकार द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र, राष्ट्रीयकृत बैंक की तस्वीर समेत पासबुक और बैंकों द्वारा लेमिनेटिड तस्वीर के साथ क्रेडिट कार्ड हैं।

हालांकि चुनावी समीकरण साधने की मजबूरियां अलग हैं और इसीलिए पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि सब्सिडीयुक्त रसोई गैस सिलेंडर की संख्या प्रति परिवार सालाना छह करने से लोगों को समस्या होगी। हालांकि उन्होंने कहा कि इसकी संख्या बढ़ाने बारे में तेल कंपनियों को ही विचार करना है।इस सप्ताह पेट्रोलियम मंत्री का पदभार संभालने वाले मोइली ने कहा कि विपक्षी दलों के साथ-साथ कांग्रेस के भीतर भी सब्सिडीयुक्त रसोई गैस सिलेंडर की संख्या बढ़ाने की मांग है।उन्होंने यहां समाचार चैनल 'एनडीटीवी' से कहा कि जम्मू कश्मीर तथा पूर्वोत्तर जैसे राज्यों में इस फैसले को लागू करने में कुछ समस्याएं हैं।

मोइली ने कहा कि सरकार ने कई चीजों को विनियमित किया है लेकिन सीमा बढ़ाने के बारे में तेल कंपनियों को विचार करना है।उन्होंने कहा, 'सीमा बढ़ाने के बारे में तेल कंपनियों को विचार करना है। हमने तेल कंपनियों को काफी स्वतंत्रता दी है, हम इस बारे में निर्णय नहीं करना चाहते।'

इस बीच पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह ने केंद्र सरकार के विरोध में एक कदम और बढ़ाते हुए आज संकेत दिया कि वह 4 दिसंबर को गन्ना उत्पादकों द्वारा संसद के प्रस्तावित घेराव में शामिल हो सकते हैं।चीनी क्षेत्र को नियंत्रण मुक्त किए जाने की रंगराजन समिति की रिपोर्ट को खारिज करने की राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन (आरएकेएमएस) की मांग का समर्थन करने के लिए एक नए मंच पर पेश होकर पूर्व सेना प्रमुख ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य परामर्श मूल्य (सैप) और गन्ना आरक्षित क्षेत्र को खत्म करने का सुझाव उत्तरी क्षेत्र के किसानों के लिए नुकसानदेह होगा।

संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह और आरकेएमएस के संयोजक वीएम सिंह ने रंगराजन समिति की रिपोर्ट खारिज करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे अपने पत्र को जारी किया। पत्र में कहा गया है, 'यदि इस रिपोर्ट को खारिज नहीं किया जाता है, तब उत्तरी राज्यों के गन्ना उत्पादक इस रिपोर्ट के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए 4 दिसंबर को संसद का घेराव करेंगे।' यह पूछे जाने पर कि क्या वह संसद के घेराव के आह्वान का समर्थन करेंगे, पूर्व सेना प्रमुख ने कहा, 'मैं किसानों के हित में किए गए आह्वान का समर्थन करता हूं।'

घेराव में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, 'वक्त आएगा तो देखेंगे। ऐसी स्थिति आएगी या नहीं, देखना होगा। मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि प्रधानमंत्री इस रिपोर्ट पर पुनर्विचार करने के लिए पर्याप्त रूप से सक्षम हैं।' जनरल सिंह ने कहा कि समिति के राजस्व बंटवारा फार्मूले का सुझाव उचित नहीं है और इनमें उत्तरी राज्यों को बराबरी का मौका नहीं दिया गया है क्योंकि इन राज्यों में गन्ने से प्राप्त चीनी का अनुपात नौ फीसद के स्तर से कम है।

उल्लेखनीय है कि समिति ने सुझाव दिया है कि गन्ने में चीनी का औसतन रिकवरी 10.31 फीसदी मान कर मिलों को चीने से होने वाली कमाई का 70 फीसद हिस्सा चुकाया जाए। सिंह ने मांग की कि केंद्र को उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) मूल्य की घोषणा वाली व्यवस्था नहीं करनी चाहिए और सैप और आरक्षित गन्ना क्षेत्र की मौजूदा व्यवस्था जारी रहनी चाहिए।

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THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

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THE HIMALAYAN TALK: INDIAN GOVERNMENT FOOD SECURITY PROGRAM RISKIER

http://youtu.be/NrcmNEjaN8c The government of India has announced food security program ahead of elections in 2014. We discussed the issue with Palash Biswas in Kolkata today. http://youtu.be/NrcmNEjaN8c Ahead of Elections, India's Cabinet Approves Food Security Program ______________________________________________________ By JIM YARDLEY http://india.blogs.nytimes.com/2013/07/04/indias-cabinet-passes-food-security-law/

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN VOICE: PALASH BISWAS DISCUSSES RAM MANDIR

Published on 10 Apr 2013 Palash Biswas spoke to us from Kolkota and shared his views on Visho Hindu Parashid's programme from tomorrow ( April 11, 2013) to build Ram Mandir in disputed Ayodhya. http://www.youtube.com/watch?v=77cZuBunAGk

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अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।' http://youtu.be/j8GXlmSBbbk

THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

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