भारतीय स्त्री से क्या उम्मीद कीजिये जो गत हमने उसकी कर दी है!
शूद्र महापुरूषों और स्त्रियों के नाम का जाप करते हुए वोट बैंक साधा जा रहा है। तो दूसरी ओर इंदिरा गांधी जैसी विश्वनेता पैदा करने वाले भारत में जहां आज भी एक स्त्री विपक्ष की नेता हैं, दूसरी स्त्री लोकसभा अध्यक्ष। मणिपुर की इरोम शर्मिला लगोतार बारह साल से विशेष सैन्य कानून को हटाने की मांग लेकर आमरण अनशन पर है तो य़ूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, मायावती, ममता और जयललिता जैसी स्त्रियां भी हैं।वहीं तीसरे मोर्चे की पहल करने का दावा करने वाले मुलायम सिंह के स्त्री विरोधी बयान के क्या कहा जाये। पोर्न स्टार सनी लियोने के बाद प्रियंका राय को परोसने और पूजा पांडेय और शर्लिन चोपड़ा को आइकन बना देने और इस पूरे प्रकरण में नारी को देवी बना देने वाले हिंदुत्व के झंडेवरदार सांसद की बेशर्म उपस्थिति के बारे में आपकी क्या राय है?स्त्री के अधिकार और उसके सशक्तीकरण, उसके नेतृत्व को पितृसत्तात्म क समाज में मान लेना मुश्किल है। वह देवी जरूर है, मनुष्य नहीं है। खुले बाजार की अर्थव्यवस्था में तो वह बिकाऊ माल के सिवाय कुछ भी नहीं है। ऐसे में हम भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ तो करते रहेंगे, पर सामाजिक व उत्पादक शक्तियों की गोलबंदी से व्यवस्था बदल डालेंगे, ऐसी उम्मीद भी नहीं की जा सकती।
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
भारत में कारपोरेट मीडिया की क्या बात करें, सोशल मीडिया में भी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में स्त्री शक्ति की अगुवाई में बहुजन समाज के निर्माण की खबर नहीं है। जब कारपोरेट साम्राज्यवाद के मुकाबले श्वेत यहूदी वर्चस्ववाद को शिकस्त देते हुए बाजार का बैंड बजाते हुए अमेरिकी की स्त्रीशक्ति ने विश्वशांति के हक में राय दी है, तब भारत में मीडिया और राजनीति में मनुस्मृति व्यवस्था की अटूट परंपरा के मुताबिक स्त्री के अपमान का सिलसिला जारी है।। बराक ओबामा के दोबारा जीतने के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी किसे मिलेगी, इस पर सबकी नजरें हैं। इस दौड़ में सुजैन राइस का नाम सबसे आगे माना जा रहा है। राइस संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत हैं। गौरतलब है कि हिलेरी अगले साल की शुरुआत में पद छोड़ने वाली हैं। राइस के अलावा इस रेस में सेनेटर जॉन केरी और नैशनल सिक्युरिटी अडवाइजर टॉम डॉनिलोन का नाम भी आगे है। जॉन केरी फिलहाल सेनेट की शक्तिशाली विदेशी मामलों की कमिटी के चेयरमैन हैं। ये तीनों ही ओबामा के भरोसेमंद हैं लेकिन माना जा रहा है कि राइस उनकी पहली पसंद हैं। कायस्थ शूद्र है और यह मनुस्मृति का विधान है, इससे पढ़े लिखे भी अनजान है। शूद्र महापुरूषों और स्त्रियों के नाम का जाप करते हुए वोट बैंक साधा जा रहा है। तो दूसरी ओर इंदिरा गांधी जैसी विश्वनेता पैदा करने वाले भारत में जहां आज भी एक स्त्री विपक्ष की नेता हैं, दूसरी स्त्री लोकसभा अध्यक्ष। मणिपुर की इरोम शर्मिला लगोतार बारह साल से विशेष सैन्य कानून को हटाने की मांग लेकर आमरण अनशन पर है तो य़ूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, मायावती, ममता और जयललिता जैसी स्त्रियां भी हैं।वहीं तीसरे मोर्चे की पहल करने का दावा करने वाले मुलायम सिंह के स्त्री विरोधी बयान के क्या कहा जाये। पोर्न स्टार सनी लियोने के बाद प्रियंका राय को परोसने और पूजा पांडेय और शर्लिन चोपड़ा को आइकन बना देने और इस पूरे प्रकरण में नारी को देवी बना देने वाले हिंदुत्व के झंडेवरदार सांसद की बेशर्म उपस्थिति के बारे में आपकी क्या राय है?स्त्री के अधिकार और उसके सशक्तीकरण, उसके नेतृत्व को पितृसत्तात्म क समाज में मान लेना मुश्किल है। वह देवी जरूर है, मनुष्य नहीं है। खुले बाजार की अर्थव्यवस्था में तो वह बिकाऊ माल के सिवाय कुछ भी नहीं है। ऐसे में हम भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ तो करते रहेंगे, पर सामाजिक व उत्पादक शक्तियों की गोलबंदी से व्यवस्था बदल डालेंगे, ऐसी उम्मीद भी नहीं की जा सकती।
गौरतलब है कि हाल ही में कई लोगों के खिलाफ आरोप लगाने वाले अरविन्द केजरीवाल ने शुक्रवार को बहु-राष्ट्रीय बैंक एचएसबीसी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह धनशोधन गतिविधियों में लिप्त है। इसके साथ ही राजनीति में 'नए' आए केजरीवाल ने दावा किया कि बैंक की जिनेवा शाखा में अंबानी बंधुओं, जेट एयरवेज के नरेश गोयल और कांग्रेस सांसद अन्नू टंडन ने काला धन जमा कर रखा है।केजरीवाल और वकील प्रशांत भूषण ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि बैंक की जिनेवा शाखा में 700 खातों में करीब छह हजार करोड़ रुपए का काला धन जमा है।
उनके आरोपों के बाद एचएसबीसी बैंक ने सतर्क टिप्पणी करते हुए कहा है कि वह अपने कामकाज में हर जगह कानून का गंभीरता से पालन करता है। वहीं, अंबानी बंधुओं ने आरोपों को खारिज कर दिया और वहां कोई खाता होने से इंकार कर दिया।उधर, गोयल ने कहा कि एक अनिवासी होने के आधार पर वह विदेशी बैंकों में खाता रखने के हकदार हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनका जिनेवा में एचएसबीसी बैंक में कोई खाता नहीं है।
डाबर इंडिया के बर्मन बंधुओं ने कहा कि ये खाते परिवार के सदस्यों द्वारा उस समय खोले गए थे जब वे अनिवासी थे और ऐसे खाते खोलने के लिए कानूनन अनुमति थी। डाबर इंडिया ने एक बयान में कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विदेशी बैंक में खाता रखने वाले हर व्यक्ति को एक ही नजर से देखा जा रहा है।'टंडन ने भी आरोपों से इंकार करते हुए कहा,'आप जाइए और उनसे सवाल कीजिए कि किस आधार पर वह ऐसे आरोप लगा रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि इसे साबित करने के लिए उनके पास कुछ है।'टंडन पहले मोटेक सॉफ्टवेयर की प्रबंध निदेशक थीं।केजरीवाल और भूषण ने दावा किया कि उन लोगों के यहां छापे मारे गए जिन्होंने बैंक में ' छोटी राशि' जमा कर रखी थी। लेकिन मुकेश और अनिल अंबानी, गोयल, टंडन, डाबर के बर्मन बंधु आनंद, प्रदीप और रतन जैसे बड़े लोगों को सरकार के इशारे पर 'छोड़ दिया गया।'कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि 2006 में एचएसबीसी में खाताधारक करीब 700 लोगों की सूची के अनुसार अंबानी बंधुओं के 100-100 करोड़ रुपए जमा थे जबकि रिलायंस समूह की मोटेक साफ्टवेयर के 2,100 करोड़ रुपए, दिवंगत संदीप और अन्नू टंडन के 125-125 करोड़ रुपए, नरेश गोयल के 80 करोड़ रुपए और डाबर के बर्मन बंधुओं के 25 करोड़ रुपए जमा थे।
इसी बीच पाकिस्तान की किशोरी कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने दुनियाभर के लोगों को उनकी प्रेरणा और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने वाली मलाला को तालिबान ने हमला करके घायल कर दिया था। हमले के एक महीने बाद मलाला के पिता जियाउद्दीन यूसुफजई ने उसकी ओर से संदेश जारी किया जिसमें कहा गया कि वह अपने जीवन और मजबूत बने रहने में मदद करने के लिए शुभचिंतकों को धन्यवाद देना चाहती है। पन्द्रह वर्षीय मलाला का बर्मिंघम के क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल में इलाज चल रहा है।
ग्रामीण महिलाएं उतनी आकर्षक नहीं होतीं, जितनी प्रभावशाली वर्ग की। इसलिए वे महिला आरक्षण के फायदों को ले पाने में सफल नहीं होंगी। यही वह वजह है जिसके चलते समाजवादी पार्टी संसद में महिला आरक्षण बिल के समर्थन में हिचक रही है। यह कहना है सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव का!
मशहूर रियलिटी टीवी शो बिग बॉस-6 में पॉर्न स्टार प्रिया राय को एंट्री मिलने वाली है। मालूम हो कि इस शो में पिछले साल भी मशहूर पॉर्न स्टार सन्नी लियोन को शामिल किया गया था जिससे इस शो की लोकप्रियता बढ़ गई थी। अब एक बार फिर वैसी ही सफलता हासिल करने के मकसद से बिग बॉस के घर में पॉर्न स्टार प्रिया राय को शामिल करने का निर्णय लिया गया है। टीआरपी को रफ्तार देने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। बिग बॉस के पिछले सीजन में पॉर्न स्टार सनी लियोन ने अपने जलवे बिखेरे थे जिससे शो की लोकप्रियता बढ़ी थी।सूत्रों की मानें तो दिल्ली में जन्म लेने वाली भारतीय मूल की प्रिया राय एक पोर्न अभिनेत्री हैं और अश्लील फिल्मों में उन्होंने खुद को स्थापित कर लिया है। इतना ही नहीं इस इंडस्ट्री में उनकी पहचान सन्नी लियोन के समान है।
गुजरात चुनावों के मद्देनजर बिग बॉस 6 से पूर्व क्रिकेटर और बीजेपी सांसद नवजोत सिंह सिद्धू को वापस बुलाने का निर्देश मिलने पर शो में प्रतियोगी महिलाएं काफी दुखी होंगी। सिद्धू की पत्नी और बीजेपी विधायक नवजोत कौर का भी मानना है कि सिद्धू साफ दिल के इंसान है और यह इस बात से भी साबित होता है कि वह टीवी शो के दौरान अभी तक एक बार भी नॉमिनेट नहीं हुए हैं। नवजोत का कहना है कि जब बिग बॉस के प्रतियोगियों को मालूम पड़ेगा कि सिद्धू घर छोड़कर जा रहे हैं तो उन्हें काफी धक्का लगेगा।
ग्रामीण महिलाएं उतनी आकर्षक नहीं होतीं, जितनी प्रभावशाली वर्ग की। इसलिए वे महिला आरक्षण के फायदों को ले पाने में सफल नहीं होंगी। यही वह वजह है जिसके चलते समाजवादी पार्टी संसद में महिला आरक्षण बिल के समर्थन में हिचक रही है। यह कहना है सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव का। सपा केंद्र की संप्रग सरकार का बाहर से समर्थन कर रही है।
एक कार्यक्रम में मुलायम ने कहा, 'बड़े-बड़े घरों की लड़कियां और महिलाएं ही ऊपर जा सकती हैं, याद रखना, आपको मौका नहीं मिलेगा, हमारे गांव की महिला में इतना आकर्षण नहीं।' उन्होंने दावा किया कि अगर आरक्षण बिल पास हो गया तो उच्च वर्ग की महिलाओं का स्तर और ऊंचा हो जाएगा जबकि कमजोर और पिछड़े वर्ग की महिलाएं और नीचे आ जाएंगी। मुलायम ने कहा कि अगर दलित, मुस्लिम और पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान हों तो उनकी पार्टी बिल के समर्थन के मुद्दे पर विचार कर सकती है। इस बिल के पारित होने से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं की 33 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी।
मुलायम के इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने बयान की निंदा करते हुए कहा कि इससे महिलाओं के प्रति सपा अध्यक्ष के नजरिये का पता लगता है। महिलाएं कोई वस्तु नहीं बल्कि ऐसी शख्यिसत हैं जिन्होंने बहुत कुछ बनाया है।
मुलायम को साधने में जुटी सरकार
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल और कांग्रेस संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने की कोशिशों के बीच सरकार अब संसद के आगामी सत्र की संभावित चुनौतियों से निपटने के प्रयास में जुट गई है। ममता बनर्जी के संप्रग सरकार से बाहर होने के बाद संसद सत्र में कोई नई मुसीबत भारी न पड़ जाए, सरकार ने इसके लिए खुद को अभी से चाक-चौबंद करना शुरू कर दिया है। लिहाजा, सरकार को समर्थन दे रहे दलों को उसने नए सिरे से साधना शुरू कर दिया है। इसमें सपा प्रमुख मुलायम सिंह उसकी प्राथमिकता में सबसे ऊपर हैं।
मुलायम, सपा महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और नेशनल कांफ्रेंस के फारूख अब्दुल्ला को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तरफ से शुक्रवार को दिए गए रात्रिभोज को सरकार की इन्ही जरूरतों से जोड़कर देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री की इस डिनर डिप्लोमैसी में हालांकि सपा और उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार की भी आवश्यकताएं भी निहित हैं।
सूत्रों की मानें तो अभी से अगले लोकसभा चुनाव की तरफ निहार रही कांग्रेस और सरकार संसद के आगामी सत्र में लोकपाल विधेयक व भूमि अधिग्रहण विधेयक हरहाल में पारित कराना चाहती है। खाद्य सुरक्षा विधेयक भी उसकी प्राथमिकता में ऊपर है।
संसद के आगामी सत्र में ममता की तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की फिराक में है। मौका पाकर भाजपा व अन्य दल भी उसके साथ खड़े हो सकते हैं। ऐसे में सरकार को सपा और मायावती की बसपा से मदद की बहुत दरकार है। सूत्र बताते हैं कि 22 नवंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र से पहले सरकार मुलायम से मदद को लेकर आश्वस्त हो जाना चाहती है।
माना जा रहा है कि इसी कड़ी में प्रधानमंत्री अगले रविवार मायावती के साथ भी रात्रिभोज कर सकते हैं। लेकिन, बसपा सूत्रों की मानें तो पिछले दिनों सरकार को समर्थन पर फिर फैसला लेने की बात कह चुकीं बसपा सुप्रीमो प्रधानमंत्री के भोज में जाकर अपने मतदाताओं को भ्रम पैदा करने वाला संदेश नहीं देना चाहेंगी।
सपा को लेकर सूत्रों का कहना है कि पार्टी यदि सरकार को कई संकटों से उबारती है तो उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार की मदद को लेकर उसकी भी जिम्मेदारी बनती है। इलाहाबाद में कुंभ मेले के लिए 800 करोड़ की मदद का वादा करने के बाद भी केंद्र पिछले दिनों हाथ खड़ा कर चुका है। बताते हैं कि प्रधानमंत्री के डिनर में मुख्यमंत्री अखिलेश प्रदेश सरकार के एजेंडे के साथ पहुंचे थे।
गुजरात चुनावों के मद्देनजर बिग बॉस 6 से पूर्व क्रिकेटर और बीजेपी सांसद नवजोत सिंह सिद्धू को वापस बुलाने का निर्देश मिलने पर शो में प्रतियोगी महिलाएं काफी दुखी होंगी।
सिद्धू की पत्नी और बीजेपी विधायक नवजोत कौर का भी मानना है कि सिद्धू साफ दिल के इंसान है और यह इस बात से भी साबित होता है कि वह टीवी शो के दौरान अभी तक एक बार भी नॉमिनेट नहीं हुए हैं।
नवजोत का कहना है कि जब बिग बॉस के प्रतियोगियों को मालूम पड़ेगा कि सिद्धू घर छोड़कर जा रहे हैं तो उन्हें काफी धक्का लगेगा। उन्होंने कहा कि खासकर शो में जो महिला प्रतिभागी हैं वह उनके घर छोड़कर बाहर आने से काफी दुखी होंगी।
सिद्धू की छवि अभी तक बिग बॉस में काफी अच्छी रही है और दर्शक भी उनके मजाकियां अंदाज को काफी पसंद कर रहे हैं। खबरों की मानें तो सिद्धू के घर से बाहर आने के बाद टीवी शो की टीआरपी पर भी असर पड़ सकता है।
खबरों की मानें तो बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने सिद्धू को गुजरात चुनावों के प्रचार के लिए बिग बॉस को बीच में से ही छोड़कर वापस आने का निर्देश दिया है।
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7 years ago
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