सत्ता का चेहरा बदलकर विध्वंस का नया खेल!
शर्तिया जनता में ईश्वरीय अलौकिक प्रेरणा और ऊर्जा का संचार होने ही वाला है। त्यौहारों का सीजन शुरू हो ही चुका है। नरबलि के उत्सव को मिथकों और पवित्र पुस्तकों के जरिये सभ्यता, धर्म , संस्कृति और परंपरा का कर्मकांड बना दिया गया है। नीति निर्धारण की समूची प्रक्रिया में जनप्रतिनिधत्व, लोकतंत्र, संविधान और जनता की बलि का यह अद्भुत नजारा है। मंच पर चेहरे बदल दिये जाते हैं , पर नाटक वही है और उसका चरमोत्कर्ष बदलने वाला नहीं है।असुर , दैत्य, दस्यु, दानव, वानर,राक्षस उपाधियों के जरिये पौराणिक नरसंहार की संस्कृति खुले बाजार में परिभाषाओं,सूचनाओं और आंकड़ों के घटाटोप में फिर फिर दोहरायी जा रही है और अपनी ही मृत्यु का उत्सव मना रहे हैं।
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
सत्ता का चेहरा बदलकर विध्वंस का नया खेल!जनता को मूर्ख बनाना कितना आसान है, राजनीति रोज यह साबित करती है। राजनीति जो लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता के प्रति जवाबदेह समझी जाती है। राजनीति जो बिना पूंजी, बिना निवेश अकूत संपत्ति अर्जित करने का सबसे बड़ा उद्यम है। सीबीआइ कोयला घोटाले का सच दूसरी जाच एजेंसियों से साझा करने के लिए तैयार नहीं है। घोटाले से संबंधित दस्तावेज तो दूर सीबीआइ ने अभी तक घोटाले से जुड़ी एफआइआर की प्रति तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नहीं भेजी है। इसके पहले 2जी स्पेक्ट्रम, राष्ट्रमंडल खेल, सत्यम एवं टाट्रा ट्रकों की खरीद जैसे तमाम घोटालों की जाच सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय ने साथ-साथ की थी। नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में कोयला ब्लाकों के आवंटन में एक लाख 86 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है। लेकिन सीबीआइ इस घोटाले की साजिश का पर्दाफाश करने के बजाय केवल फर्जी दस्तावेजों के सहारे कोयला ब्लाक पाने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। इस मामले में सीबीआइ अब तक नौ एफआइआर दर्ज कर चुकी है, लेकिन उनमें किसी भी अधिकारी को नामजद नहीं किया गया है। इस संबंध में पूछे जाने पर ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी तक सीबीआइ की ओर से एक भी एफआइआर की प्रति नहीं दी गई है।कई महीनों से जारी गतिरोध खत्म करते हुए तेल मंत्रालय ने रिलायंस इंडस्ट्रीज [आरआइएल] की निवेश योजना को मंजूरी दे दी है। मुकेश अंबानी की कंपनी केजी बेसिन के डी6 ब्लॉक में यह निवेश गैस उत्पादन बढ़ाने के लिए करेगी। साथ ही मंत्रालय इस पर भी राजी हो गया है कि सरकारी ऑडिटर कैग कंपनी का प्रदर्शन आधारित ऑडिट नहीं कर सकता।
कैबिनेट ने एनएमडीसी के 10 फीसदी हिस्सा बेचने को मंजूरी दी है। एनएमडीसी के विनिवेश से सरकार को मिलेंगे करीब 7300 करोड़ रुपये मिलेंगे।बैठक में नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स पॉलिसी को भी मंजूरी दी गई है। हालांकि, रियल एस्टेट रेगुलेटरी बिल पर फैसला नहीं हुआ है।
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच सहमति बनती दिख रही है। जीएसटी पर वित्त मंत्री और एम्पावर्ड कमेटी के चेयरमैन सुशील मोदी की बैठक हुई थी।इस बैठक में जीएसटी से जुड़े ज्यादातर मुद्दे सुलझा लिए गए हैं। और माना जा रहा है कि जल्द ही इस पर पूरी तरह से सहमति बन जाएगी।अब तक राज्यों और केंद्र के बीच सीएसटी पर हो रहे नुकसान के मुआवजे को लेकर तनातनी चल रही थी लेकिन अब केंद्र इस मुद्दे पर भी नरम पड़ गया है।
सुशील मोदी ने बताया कि अगली 3-4 बैठकों में सारे मुद्दे सुलझा लिए जाएंगे। जीएसटी पर अगली बैठक 8 नवंबर को होगी।
अब दिखिये न!भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष और सिविल सोसायटी के निशाने पर आए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अब नई टीम के साथ मुकाबले में उतरेंगे। चर्चा है कि रविवार को मंत्रिमंडल को नई शक्ल दी जाएगी। इस फेरबदल में स्वतंत्र प्रभार संभाल रहे कुछ राज्यमंत्रियों को प्रमोशन मिल सकता है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री से राहुल गांधी की हुई मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि फेरबदल में उनकी टीम के कुछ तेज-तर्रार चेहरों को कैबिनेट में जगह मिल सकती है। शर्तिया जनता में ईश्वरीय अलौकिक प्रेरणा और ऊर्जा का संचार होने ही वाला है। त्यौहारों का सीजन शुरू हो ही चुका है। नरबलि के उत्सव को मिथकों और पवित्र पुस्तकों के जरिये सभ्यता, धर्म , संस्कृति और परंपरा का कर्मकांड बना दिया गया है। नीति निर्धारण की समूची प्रक्रिया में जनप्रतिनिधत्व, लोकतंत्र, संविधान और जनता की बलि का यह अद्भुत नजारा है। मंच पर चेहरे बदल दिये जाते हैं , पर नाटक
वही है और उसका चरमोत्कर्ष बदलने वाला नहीं है।असुर , दैत्य, दस्यु, दानव, वानर,राक्षस उपाधियों के जरिये पौराणिक नरसंहार की संस्कृति खुले बाजार में परिभाषाओं,सूचनाओं और आंकड़ों के घटाटोप में फिर फिर दोहरायी जा रही है और अपनी ही मृत्यु का उत्सव मना रहे हैं।देश के शेयर बाजार में गुरुवार को तेजी का रुख रहा। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 49 अंक ऊपर बंद हुआ। तीस शेयरों वाला सेंसेक्स 48.61 अंक की बढ़त के साथ 18758.63 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 13.90 अंक की मजबूती के साथ 5,705.30 अंक पर बंद हुआ।
कठिन आर्थिक स्थिति पर चिंता जताते हुए वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि देश और गलतियां बर्दाश्त नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटे पर अंकुश लगाने तथा आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए और सुधारों की जरूरत है।
संप्रग सरकार की बन रही गरीब विरोधी छवि को सुधारने के लिए वित्ता मंत्री पी चिदंबरम ने अपना सुर बदल लिया है। चिदंबरम की नजर में गरीब लोग ईमानदार, नैतिक और मेहनत की रोटी खाने वाले होते हैं और किसी का कर्ज हड़पने की उनकी नीयत नहीं होती है। मंगलवार को वित्ता मंत्री ने बैंकों से कहा है कि गरीबों को कर्ज देने से वित्ताीय संस्थाओं को झिझकना और आनाकानी नहीं करना चाहिए।गरीबों को बैंकों द्वारा कर्ज दिए जाने की पुरजोर पैरवी करते हुए वित्ता मंत्री ने कहा कि गरीब कभी डिफॉल्टर नहीं होता है। समय पर कर्ज लौटाना अपना धर्म समझता है। उनका कहना था कि कई बार कॉरपोरेट घराने तो करोड़ों का कर्ज हजम भी कर जाते हैं या उसे देने में आनाकानी करते हैं। लेकिन गरीब लोग ऐसा नहीं करते। राष्ट्रीय राजधानी में एक समारोह को संबोधित करते हुए वित्ता मंत्री ने यह टिप्पणी की। चिदंबरम ने कहा, 'मैं कई बार यह मुद्दा उठा चुका हूं कि हमारे यहां के गरीब ईमानदार बकाएदार होते हैं और समय पर कर्ज वापस कर देते हैं। किसी भी रूप में उनकी नीयत पर शक नहीं करना चाहिए। बैंकों द्वारा उन्हें उदारता से कर्ज देना चाहिए।' वित्ता मंत्री के अनुसार यह दुख की बात है कि कॉरपोरेट घरानों को हजारों करोड़ का लोन फौरन मिल जाता है, जबकि चंद रुपयों के लिए गरीब बैंकों का चक्कर ही लगाता रह जाता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई कॉरपोरेट कर्ज नहीं चुकाता है तो उससे बैंक प्रभावित होता है कर्जदार नहीं। चिदंबरम के मुताबिक, अगर आप बड़े कर्जदार हो तो बैंक आपके पीछे टहलता है और अगर आप छोटे बकाएदार हैं तो आप बैंक का चक्कर लगाते हैं। वित्ता मंत्री का कहना है कि छोटे बकायादारों को समय से लोन से इसलिए चुकाना होता है ताकि उन पर अधिक ब्याज का बोझ न पड़े और बैंक उन्हें दोबारा कर्ज देने से मना न कर सके। चिदंबरम ने कहा कि गरीबों को हर हाल में बैंक से कर्ज मिलना चाहिए।
महात्मा गांधी को सरकार द्वारा 'राष्ट्रपिता' की उपाधि नहीं दी जा सकती क्योंकि संविधान में शैक्षणिक अथवा सैन्य उपाधियों के अलावा अन्य कोई उपाधि देने की इजाजत नहीं है। गृहमंत्रालय ने यह जानकारी दी। लखनऊ की एक छात्रा ऐश्वर्या पाराशर द्वारा सूचना के अधिकार के अंतर्गत मांगी गई जानकारी के जवाब में गृहमंत्रालय ने उसे बताया कि महात्मा गांधी को 'राष्ट्रपिता' घोषित करने के बारे में राष्ट्रपति से की गई उनकी अपील पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है क्योंकि संविधान की धारा 8 (1) शैक्षणिक और सैन्य उपाधियों के सिवाय और कोई उपाधि देने की इजाजत सरकार को नहीं देती।केंद्रीय संचार राज्य मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी मंत्रिमंडल में शामिल होने के इच्छुक नहीं हैं। पायलट ने गुरुवार को जम्मू विश्वविद्यालय में आयोजित एक समारोह में कहा कि प्रधानमंत्री ने कई मौकों पर राहुल गांधी को मंत्रिमंडल में शामिल होने का प्रस्ताव रखा लेकिन उन्होंने ऐसे पदों के लिए कोई रुचि नहीं दिखाई। वह जमीनी स्तर पर कांग्रेस को मजबूत करने एवं देश के युवाओं के साथ भावनात्मक रिश्ता बनाना चाहते हैं।सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष नितिन गडकरी के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने पर पायलट ने कहा कि उनके (गडकरी) द्वारा दिया गया जवाब संतोषजनक नहीं था। चूंकि उन्होंने खुद ही कह दिया है कि वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं तो मैं समझता हूं कि इस मामले की गहनता से जांच होनी चाहिए। नितिन गडकरी की कंपनी पूर्ति पावर एंड शुगर लिमिटेड से जुड़ा एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ये खुलासा अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने किया है। अंग्रेजी अखबार के मुताबिक गडकरी की कंपनी पूर्ति को फंडिंग करीब 100 कंपनियों के मकड़जाल के जरिए हुई। ये इतनी चालाकी से हुआ है कि इस समझना काफी मुश्किल है। एक-एक कंपनियों के कई-कई मालिक हैं।अखबार के मुताबिक ये तमाम कंपनियां पूरे देश में अलग-अलग पतों पर रजिस्टर्ड हैं और इनकी संख्या 100 से ज्यादा हो सकती है। अगर ये सच है तो गडकरी के एक फर्म की फंडिंग में 100 कंपनियां शामिल हैं। मिसाल के तौर पर पूर्ति की मददगार कंपनी अपडेट मर्कन्टाइल के पास 28 सितंबर, 2011 तक पूर्ति के 29 लाख शेयर थे। लेकिन अपडेट मर्कन्टाइल का नियंत्रण भी 39 शेयर होल्डरों के पास है। 10,000 शेयरों के साथ अनंतिका इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, अपडेट मर्कन्टाइल की सबसे बड़ी शेयर होल्डर कंपनी है। लेकिन अनंतिका इंफ्रास्ट्रक्चर के भी 13 मालिक हैं जिनमें 2 व्यक्ति और 11 कंपनियां शामिल हैं। इनमें से 9 कोलकाता के पते पर हैं और दो दिल्ली के पते पर हैं। इनमें से एक फास्ट बिल्डवेल कंपनी दिल्ली के द्वारका में एक फ्लैट के पते पर रजिस्टर्ड है।
इधर इस फास्ट बिल्डवेल कंपनी के सभी शेयर 17 कंपनियों के पास हैं। इनमें 12 कंपनियां कोलकाता के पते पर हैं, चार दिल्ली के पते पर और एक मुंबई के पते पर रजिस्टर्ड हैं। इनमें से दिल्ली के पते की एक किंग बिल्डवेल कंपनी का नियंत्रण कोलकाता के दो व्यक्तियों के पास है।
पश्चिम बंगाल के बीरभूमि जिले के मिरीती गांव में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी विशेष दुर्गा पूजा में शामिल हुए। मुखर्जी अपने गांव में दुर्गापूजा में बतौर मुख्य पुजारी शामिल हुए। प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति का प्रोटोकॉल तोड़कर गांववालों के साथ दुर्गा पूजा की। उन्होंने सफेद धोती और उत्तोरियो पहन रखा था।प्रणब के गांव में इतना वक्त बिताने से सबसे ज्यादा गांवालों खुश हैं। हालांकि सुरक्षा कारणों से 'मुखर्जी भवन' के आसपास का इलाका खाली करा लिया गया था। राष्ट्रपति की पूजा का एक दूसरा पहलू यह भी है कि पूरे बीरभूमि जिले में सभी पुलिसवालों की दुर्गा पूजा छुट्टियां रद्द कर दी गई ।
सशक्त नेता के रूप में ममता बनर्जी का लोहा तो सभी मानते हैं पर कलाकार के रूप में भी अब उन्होंने दुनिया में अपना लोहा मनवा दिया है। न्यू यॉर्क में हुई एक नीलामी में उनकी पेंटिंग 'फ्लावर पावर' 3000 डॉलर (करीब 1.60 लाख रुपये) में नीलामी हुई है। यह उनकी पहली पेंटिंग है जिसे देश से बाहर नीलाम किया गया है। वह अब तक 200 पेंटिंग बना चुकी हैं। उनकी पेंटिंग्स की तीन एग्जिबिशन लग चुकी हैं।यह एक्रिलिक और ऑयल से बनाई गई पेंटिंग है, जिसमें हरी पत्तियों के बीच बैंगनी फूलों को दिखाया गया है। इसे खरीद सुंदरम टैगोर गैलरी ने खरीदा है। नीलामी अमेरिका बेस्ड एनजीओ चिल्ड्रंस होप इंडिया ने बेची है। यह भारत में गरीब बच्चों के भले के लिए काम करती है। एनजीओ ने कई और चीजें भी नीलाम कीं, जिनमें टीम इंडिया के सिग्नेचर वाला बैट भी शामिल है। यह 15,000 डॉलर में नीलाम किया गया।
नवरात्रि के उपलक्ष्य में दक्षिण कोलकाता में लगाए गए जयपुर के पूजा पंडाल को नीले रंग में सजाया गया है। जहां दुर्गा की प्रतिमा को भी इसी से मिलती-जुलती नीले रंग की साड़ी पहनाई गई है।पंडाल को इस रंग में सजाने पर करीब 20 लाख रुपया खर्च हुआ है। पंडाल प्रकाश और पंडाल की ओर जाने वाली सड़कों के किनारे बसे घरों के सामने के भाग को भी नीले और सफेद रंग से सजाया गया है। यह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पसंदीदा रंग संयोजन है।भवानीपुर स्थित 75 पल्ली दुर्गा पूजा समिति का यह पंडाल जहां लगाया गया है, वह इलाका तृणमूल कांग्रेस की मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में पडता है और वरिष्ठ नेता सौगत राय और मदन मित्रा इसके संरक्षक हैं।पूजा पंडाल के अयोजक मणिक डे ने बताया है कि हमें मालूम है कि मुख्यमंत्री को नीले और सफेद रंग का संयोजन पसंद है। इसी आधार पर हमने इस पंडाल के जरिए यह दिखाने का प्रयास किया है कि कोलकाता आने वाले सालों में कैसा दिखेगा।
देश की राजधानी में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी सहित कई गणमान्य हस्तियों ने दिल्ली के सुभाष पार्क में आयोजित दशहरा महोत्सव में हिस्सा लिया और बुराई के प्रतीक रावण, मेघनाद,कुम्भकर्ण के पुतला दहन के साक्षी बने। दिल्ली के उप राज्यपाल तेजिंदर खन्ना, मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और केंद्रीय मंत्री एवं स्थानीय सांसद कपिल सिब्बलभी लाल किले के निकट श्री धार्मिक लीला समिति द्वारा आयोजित इस समारोह में मौजूद थे।
बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी की जिनकी मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। गडकरी की पूर्ति पॉवर एंड शुगर लिमिटेड में निवेश करने वाली 18 कंपनियों की इनकम टैक्स जांच शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि जांच आगे बढ़ी तो खुद गडकरी से भी सवाल जवाब हो सकते हैं। आईबीएन7 ने गडकरी की कंपनियों की जांच जारी रखी है। गुरुवार को आईबीएन7 ने दिल्ली और कोलकाता में उन तीन कंपनियों के पते की पड़ताल की जिन्होंने गडकरी की कंपनी में पैसे लगाए हैं। लेकिन इन तीनों पतों पर किसी का नामोनिशान नहीं मिला। बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे गडकरी का बचाव किया है। आडवाणी ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी जांच के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि इस मामले में परेशान होने की जरूरत नहीं है। इससे पहले आज सुबह आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि गडकरी मामले में बीजेपी फैसला करेगी।आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा की नितिन गडकरी और उनसे जुड़े विवाद बीजेपी के अंतर्गत मुद्दे है। उन्होंने कहा कि इस पूरी मामले पर बीजेपी को निर्णय लेगा होगा।मोहन भागवत ने कहा कि इस पूरे मामले से आरएसएस का कोई वास्ता नही है। उन्होंने ये भी कहा कि आरोपों के बाद नितिन गडकरी पार्टी अध्यक्ष पद पर रहेंगे या नहीं ये भी बीजेपी का अंदरुनी मामला है। ऐसे में बड़ी बात ये है कि क्या बीजेपी नितिन गडकरी के मामले पर कड़ा फैसला लेगी। क्या नितिन गडकरी को फिर से अध्यक्ष बनाया जाएगा। क्या नितिन गडकरी की कुर्सी जाएगी? वहीं गडकरी पर लगे तमाम आरोपों के बावजूद बीजेपी के वरिष्ठ नेता उनका बचाव कर रहे हैं।गैरतलब है कि इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) ने गडकरी पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने महाराष्ट्र के विदर्भ में गलत तरीके से जमीन हथियाई है। इसके बाद मंगलवार को मीडिया रपटों में यह खुलासा हुआ कि आईआरबी नामक एक अधोसंरचना कम्पनी ने गडकरी की कम्पनी को 165 करोड़ रुपये का ऋण दिया था। इसके दो वर्ष बाद आईआरबी को गडकरी की तरफ से सड़क निर्माण का ठेका प्रदान किया गया था। उस समय गडकरी महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) मंत्री थे।
त्योहारों के बहाने बाजार में रौनक है। मंहगाई और मुद्रास्फीति पर पर शोर भी राजनीति मचाती है, जो इस अर्थव्यवस्था के जरिये मनुस्मृति लागू किये हुए है। पर पुराकाल में जैसे जनप्रतिरोध के बिना जारी रहा अश्वमेध, आज भी विरोदध का परचम लहराने वाले लोगों के हाथ खून से रंगे हैं। फिर भी खून की कोई सूराग नहीं और न कातिलों की कोई पहचान है! मुखौटे के पीछे क्या है, कार्निवाल में कोई नहीं देखता। जनता को तकलीफ होती तो जनता बर्दाश्त क्यों कर रही है? बर्दाश्त कर रही है तो सबकुछ ठीकठाक है। इसीलिए आम जनता पर पेट्रो उत्पादों की महंगाई की नई मार पड़ने वाली है। पेट्रोल के दाम में 30 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 18 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि होगी। आम जनता पर दाम बढ़ोतरी का यह बोझ पेट्रोल पंप डीलरों के कमीशन में इजाफा होने की वजह से पड़ा है। कीमतों में बढ़ोतरी पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी होने के बाद ही होगी। पिछले महीने सरकार ने रसोई गैस एजेंसियों के कमीशन में भी वृद्धि कर दी थी जिससे एलपीजी सिलेंडर 11.42 रुपये महंगा हो गया था।पेट्रोल पंप डीलरों के एसोसिएशन की तरफ से दी गई सूचना के मुताबिक सरकार ने कमीशन बढ़ाने की उनकी मांग आंशिक तौर पर स्वीकार कर ली है। पेट्रोल पर कमीशन 1.499 रुपये प्रति लीटर से बढ़ा कर 1.799 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। इससे दिल्ली में इसकी कीमत 67.90 रुपये से बढ़कर 68.20 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी। डीजल पर कमीशन 91 पैसे प्रति लीटर के बजाय अब 1.09 रुपये प्रति लीटर होगा। दिल्ली में अब यह 47.13 रुपये प्रति लीटर मिलेगा। एसोसिएशन के महासचिव अजय बंसल ने बताया कि पेट्रोलियम मंत्रालय की तरफ से अभी आधिकारिक सूचना जारी नहीं हुई है। सूचना गुरुवार देर रात या शुक्रवार तक जारी हो सकती है।देश भर के पेट्रोल पंप डीलरों ने पिछले महीने कमीशन बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल पर जाने की धमकी दी थी। उसके बाद इनकी बैठक पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों के साथ हुई थी। उस बैठक में ही कमीशन बढ़ाने का फैसला हुआ था। इससे पहले जुलाई 2011 में पेट्रोल पर 28 पैसे और डीजल पर 15.5 पैसे कमीशन बढ़ाया गया था।
लंबे समय से किंगफिशर एयरलाइंस के प्रबंधन व कर्मचारियों के बीच चल रहे तकरार गुरुवार को खत्म हो गया। एयरलाइंस के सभी हड़ताली कर्मचारी काम पर वापस लौटने को तैयार हो गए हैं।किंगफिशर के सीईओ संजय अग्रवाल ने कहा कि हड़ताल पर गए कर्मचारियों व प्रबंधन के बीच वेतन पर चल रहे सभी विवाद खत्म हो चूका है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को मार्च महीने की वेतन 24 घंटे के अंदर दे दिया जाएगा। वहीं अप्रैल महीने की वेतन 30 अक्टूबर को दिया जाएगा।इससे पहले किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारियों ने प्रबंधन की ताजा पेशकश को बुधवार को खारिज कर दिया और सारा बकाया वेतन शुक्रवार से पहले एक मुश्त चार महीने की तनख्वाह देने की मांग की थी।
तेल मंत्रालय ने मंगलवार को आरआइएल को भेजे पत्र में कहा कि डी6 ब्लॉक की निगरानी समिति में शामिल सरकार की ओर से नामित प्रतिनिधि आरआइएल के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दे चुके हैं। मंत्रालय कंपनी के तर्क से भी सहमत है। अपनी कंपनी की दलील है कि उत्पादन साझेदारी समझौते [पीएससी]) की धारा 1.9 के तहत नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक [कैग] इस ब्लॉक में हुए खर्च का वित्तीय ऑडिट तो कर सकता है, मगर प्रदर्शन आधारित ऑडिट नहीं।तेल मंत्रालय पिछले कई माह से कंपनी से डी6 में वर्ष 2008-09 और 2011-12 में हुए खर्च का कैग से ऑडिट कराने की मांग कर रहा था। कंपनी के इस ऑडिट पर राजी नहीं होने से अब तक मंत्रालय ने इस निवेश योजना को मंजूरी नहीं दी थी। आरआइएल का कहना था कि वह सौदों के शुल्क और अन्य खर्चो की जांच के लिए पीएससी के तहत वित्तीय ऑडिट कराने के लिए तैयार है। लेकिन कंपनी गहरे पानी में उत्खनन जैसे तकनीकी कार्यो में इस्तेमाल हुई तकनीकी की दक्षता पर सवाल उठाने वाले ऑडिट के लिए राजी नहीं है। दूसरे दौर का ऑडिट शुरू करने के लिए कैग ने 31 अक्टूबर को रिलायंस अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है। कैग ने पहले दौर की ऑडिट रिपोर्ट में डी6 क्षेत्र में भारी खर्च को अतार्किक बताते हुए सरकार को मुनाफा साझेदारी तंत्र की समीक्षा करने को कहा था।सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय ने अपने पत्र में लिखा कि प्रबंधन समिति द्वारा मंजूर किए गए प्रस्तावों पर कंपनी उचित कदम उठाए। डी6 क्षेत्र की प्रबंधन समिति ने अगस्त में वार्षिक पूंजीगत खर्च योजना को मंजूरी दी थी। वैसे, अब तक इस योजना पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं। यह योजना पिछले तीन साल से लंबित थी।इस क्षेत्र में रिलायंस की तीन नई खोजों को भी सरकार ने अब तक वाणिज्यिक घोषित नहीं किया है। प्रबंधन समिति ने क्षेत्र के एमए तेल एवं गैस कुओं की विकास योजना को भी अगस्त में ही हरी झंडी दे दी थी। अब तक औपचारिक आदेश जारी नहीं हुआ है। आरआइएल के मुताबिक, इस ब्लॉक से उत्पादन बढ़ाने के लिए सभी क्षेत्रों में नया निवेश जरूरी है। मंत्रालय की मंजूरी के बाद अब कंपनी उत्पादन बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठा सकती है। पिछले दो साल में इस क्षेत्र से उत्पादन 55 फीसद घटकर 2.6 करोड़ घन मीटर प्रतिदिन रह गया है।
बाजार नियामक सेबी ने सरकार से कंपनियों द्वारा बिना जरूरी मंजूरी तथा संदेहास्पद निवेश परियोजनाओं के लिये लोगों से बड़े पैमाने पर पैसा जुटाने की समस्या से निपटने के लिये मजबूत कानून बनाने का अनुरोध किया है।भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड [सेबी] के चेयरमैन यूके सिन्हा ने माना कि मौजूदा कानूनी प्रावधान कमजोर हैं और वह कंपनियों को नियामकीय ढाचे में खामियों का लाभ उठाने की अनुमति देते हैं।उन्होंने कहा कि बाजार नियामक को जब कभी गड़बड़ी का संदेह होता है या शिकायत मिलती है, वह संबंधित कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करता है। सिन्हा ने कहा कि लोग हर तरह की दलीलें देते हैं। कुछ मामलों में वे दावा करते हैं कि वे राज्य सरकार के अंतर्गत आते हैं, कुछ मामलों में वे कारपोरेट कार्य मंत्रालय के साथ पंजीकृत होने की बात कहते हैं, कुछ मामलों वे स्वयं को आवास कंपनी बताते हैं। कुछ मामलों में वे गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी होने का दावा करते हैं। पर अधिकतर मामलों में वे यह कहते हैं कि हम सेबी के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते।सिन्हा ने कहा कि लेकिन जहा भी हमें संदेह होता है और गड़बड़ी की सूचना तथा साक्ष्य मिलता है, हम उनके खिलाफ कार्रवाई करते हैं। पर इस मामले में जो कानूनी प्रावधान है, वह सापेक्षिक रूप से कमजोर है। मैं इस बात से सहमत हूं कि इस संबंध में मजबूत कानून की जरूरत है क्योंकि देश के नागरिकों से गलत तरीके से बड़ी राशि एकत्रित की जा रही है।
किराये पर सर्विस टैक्स लागू करने के बाद रेलवे ने खान-पान भी गुपचुप महंगा कर दिया है। रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि दाम बढ़ाने के 21 दिन बाद सर्कुलर जारी किया गया। निरंतर बढ़ रही महंगाई के बीच रेलवे ने 97 खाद्य पदार्थो के दाम बढ़ाकर आग में घी डालने का काम किया है। दाम में 14 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है।
गरीब रथ ट्रेनों के यात्री भी अब दुरन्तो एक्सप्रेस ट्रेनों के समाज बेडरोल ले सकते हैं।
रेलवे के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि रेल मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है कि दुरन्तो एक्सप्रेस ट्रेनों के स्लीपर क्लास की तरह गरीब रथ एक्सप्रेस रेलों में भी बेडरोल यात्रियों को उपलबध कराये जाएं। गरीब रथ में बेडरोल उपलब्ध कराने का परीक्षण छह महीने के लिए किया जाएगा।
गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेनों के स्लीपर क्लास में यात्रा करने वाले यात्रियों को अब बुकिंग काउंटर पर 25 रुपये का भुगतान कर बेडरोल लेने का लिखित अनुरोध करना पड़ेगा। यात्री इंटरनेट से टिकट बुक कराते समय भी ऐसा अनुरोध कर सकते हैं।
रेलवे बोर्ड ने 1अक्टूबर से खाद्य पदार्थो के दाम बढ़ा दिए हैं, लेकिन सर्कुलर 21 अक्टूबर को जारी किया। यह बात अलग है कि स्टेशन प्लेटफॉर्म हो या ट्रेन, सभी जगह खाने की क्वालिटी में गिरावट आई है। कंपनी और ठेकेदारों का हमेशा तर्क रहता था कि महंगाई बढ़ने के बावजूद खान-पान के दाम नहीं बढ़ाए गए। इसी का परिणाम रहा कि रेलवे ने गुपचुप नाश्ता, भोजन के दाम में वृद्धि कर दी। आप ट्रेन में खाना खाएंगे तो यह स्टेशन के मुकाबले महंगा मिलेगा। नई सूची के मुताबिक स्टेशन पर 15 रुपये में मिलने वाले दो समोसे ट्रेन में 18 रुपये में मिलेंगे। सीनियर डीसीएम जीएम सिंह ने खान-पान की नई रेट लिस्ट जारी किए जाने की पुष्टि की है।
नई रेट लिस्ट [दाम रुपये में]
सामान स्टेशन पर ट्रेन में
आलू पराठा 5 7
ब्रेड पकौड़ा 22 24
दो समोसे 16 18
कचौड़ी 10 12
वेज सैंडविच 18 20
बर्गर 28 30
वेज सूप 15 18
राजमा चावल 30 35
छोले भटूरे 31 36
कुलचे छोले 32 37
कढ़ी-चावल 18 21
पाव भाजी 32 34
दो अंडे ब्रेड के साथ 26 28
एग बिरयानी 48 58
चिकन बिरयानी 70 84
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मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha
হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!
मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में OBC Trump Card और जयभीम कामरेड
Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!
हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला हिंदुत्व की राजनीति से नहीं किया जा सकता।
In conversation with Palash Biswas
Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg
Save the Universities!
RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!
जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।
#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি
अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास
ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?
Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION!
Published on Mar 19, 2013
The Himalayan Voice
Cambridge, Massachusetts
United States of America
BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7
Published on 10 Mar 2013
ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH.
http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM
http://youtu.be/oLL-n6MrcoM
Download Bengali Fonts to read Bengali
Imminent Massive earthquake in the Himalayas
Palash Biswas on Citizenship Amendment Act
Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003
Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003
http://youtu.be/zGDfsLzxTXo
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THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS BLASTS INDIANS THAT CLAIM BUDDHA WAS BORN IN INDIA
THE HIMALAYAN TALK: INDIAN GOVERNMENT FOOD SECURITY PROGRAM RISKIER
http://youtu.be/NrcmNEjaN8c
The government of India has announced food security program ahead of elections in 2014. We discussed the issue with Palash Biswas in Kolkata today.
http://youtu.be/NrcmNEjaN8c
Ahead of Elections, India's Cabinet Approves Food Security Program
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By JIM YARDLEY
http://india.blogs.nytimes.com/2013/07/04/indias-cabinet-passes-food-security-law/
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA
THE HIMALAYAN VOICE: PALASH BISWAS DISCUSSES RAM MANDIR
Published on 10 Apr 2013
Palash Biswas spoke to us from Kolkota and shared his views on Visho Hindu Parashid's programme from tomorrow ( April 11, 2013) to build Ram Mandir in disputed Ayodhya.
http://www.youtube.com/watch?v=77cZuBunAGk
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE
अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।'
http://youtu.be/j8GXlmSBbbk
THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST
We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas.
http://youtu.be/7IzWUpRECJM
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICAL OF BAMCEF LEADERSHIP
[Palash Biswas, one of the BAMCEF leaders and editors for Indian Express spoke to us from Kolkata today and criticized BAMCEF leadership in New Delhi, which according to him, is messing up with Nepalese indigenous peoples also.
He also flayed MP Jay Narayan Prasad Nishad, who recently offered a Puja in his New Delhi home for Narendra Modi's victory in 2014.]
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT
THE HIMALAYAN TALK: PALSH BISWAS FLAYS SOUTH ASIAN GOVERNM
Palash Biswas, lashed out those 1% people in the government in New Delhi for failure of delivery and creating hosts of problems everywhere in South Asia.
http://youtu.be/lD2_V7CB2Is
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE
अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।'
http://youtu.be/j8GXlmSBbbk
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