आडवाणी की खरी खरी, फिर भ्रमित करने लगा संघ परिवार!
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
आडवाणी की खरी खरी, फिर भ्रमित करने लगा संघ परिवार! लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि जनता का मूड कांग्रेस के खिलाफ तो है ही, बीजेपी से भी उसका मोहभंग हुआ है!लालकृष्ण आडवाणी ने माना है कि लोगों का उनकी पार्टी से 'कुछ हद तक मोहभंग' हुआ है और इससे वह दुखी हैं।भ्रष्टाचार के खिलाफ बीजेपी से 'जीरो टॉलरेन्स' की उम्मीद रखने वाले आडवाणी ने कहा, 'बीजेपी ने कर्नाटक मामले जो रुख अपनाया, उससे वास्तव में मुझे निराशा हुई है।' आडवाणी ने कहा कि केन्द्र में कांगेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार घोटालों की सरकार है!साथ ही आडवाणी ने भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान को विकास के लिये रोल माडल बताया.उन्होंने कहा कि घोटालों से घिरी सरकार देश का भला नही कर सकती!
भाजपा के पिछले लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्रित्व के दावेदार १०१४ के लोकसभा चुनावों में भाजपाई प्रधानमंत्रित्व के कारपोरेट समर्थित दावेदार नरेंद्र मोदी के खिलाफ खरी खरी बोले, इस चौंकानेवाली खबर के पीछे चुपे राज का खुलासा अभी होना बाकी है। पर ज्यादा संभव है कि यह कोई संघ परिवार का अंदरुनी सत्ता संघर्ष का मामला कम, बल्कि सुनियोजित चुनावी रणनीति ज्यादा है। दूसरे चरण के आर्थिक सुधारों की गति तेज करते हुए कांग्रेस ने जो उग्रतम धर्म राष्ट्रवाद का विकल्प चुना है, उसके आगे असहाय से होते जा रहे संघ परिवार का यह निर्णायक पदक्षेप है, जिसका तत्पर्य नये सिरे से हिंदुत्व की शुद्धता और नैतिकता की स्थापना करते हुए संघ परिवार की साख की स्थापना करना है, जो अगला चुनाव जीतने के लिए अनिवार्य पूर्व शर्त है और इसके लिए लौह पुरुष से बेहतर प्रवक्ता कौन हो सकते हैं भारतीय गणराज्य, इसके संविधान, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के लिए अहम है कि इस तिलिस्म का इलाज निकाला जाये। मीडिया ने तो 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए नरेन्द्र मोदी को भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी लगभग घोषित कर ही दिया है। मोदी ने भी अपनी महत्वाकांक्षा छिपाई नहीं और गत सप्ताह राजधानी में हुई भाजपा राष्ट्रीय परिषद की बैठक में एक तरह से खुद को उम्मीदवार घोषित कर दिया।शुरू से अंत तक इस मीटिंग में मोदी ही छाए रहे। निचले स्तरों तक भाजपा कार्यकर्ताओं में मोदी के प्रति जबरदस्त समर्थन के ठोस प्रमाण के कारण ही शायद ऐसा हो सका। जो लोग यह उम्मीद लगाए बैठे थे कि भाजपा प्रधानमंत्री पद के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा करेगी उन्हें भारी निराशा हाथ लगी। ऐसा करने की एक निर्धारित प्रक्रिया होती है और अभी तक यह शुरू नहीं हो सकी।
गौरतलब है कि बाबरी ढांचा विध्वंस मामले में आडवाणी समेत भाजपा के 19 नेताओं को नामित करने के मामले में सुनवाई दो अप्रैल तक के लिए टल गई है। इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत सभी को बरी कर चुकी है।फैसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट भी मुहर लगा चुकी है। इसके बाद सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से दोबारा साजिश के आरोप तय करने मी मांग की है। आरोपियों में आडवाणी, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, प्रवीण तोगड़िया, विष्णुहरि डालमिया और साध्वी ऋतंभरा आदि शामिल हैं।
बीजेपी को नरेंद्र मोदी के बढ़ते कद के बीच वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने चौंकाने वाला बयान दिया है। एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में आडवाणी ने कहा कि लोगों का कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी से भी मोहभंग हो चुका है। इस मोहभंग के चलते आडवाणी बेहद दुखी भी हैं, हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि पार्टी का भविष्य बेहतर है।पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी पर निशाना साधते हुए आडवाणी ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे कर्नाटक के तत्कालीन सीएम वाईएस येदुरप्पा के मामले में बीजेपी ने जो रवैया अपनाया वो गलत था। `द वीक' को दिए इंटरव्यू में आडवाणी ने कहा कि पिछले कुछ साल से वो ये देखकर दुखी हैं कि जनता का मूड यूपीए सरकार के खिलाफ तो है ही, लेकिन बीजेपी के प्रति भी मोहभंग हुआ है।
ये पहला मौका नहीं है जब आडवाणी ने इस तरह का बयान देकर बीजेपी में ही बहस का विषय छेड़ दिया हो। पिछले कुछ समय से आडवाणी खुलकर इस तरह के बयान देते रहे हैं। वैसे भी आडवाणी इन दिनों हाशिए में चल रहे हैं। बीजेपी कार्य़कारिणी की बैठक में भी उन्हें मार्गदर्शक बता दिया गया। ऐसे में आडवाणी की खरी-खरी बातें कहकर पार्टी को असहज स्थिति में डाल रहे हैं।
इसके उलट मध्यप्रदेश में आडवाणी ने शहडोल संभागीय मुख्यालय में उमरिया, अनूपपुर एवं शहडोल में चौबीस घंटे बिजली उपलब्ध कराए जाने वाली प्रदेश सरकार की योजना अटल ज्योति अभियान की औपचारिक रुप से घोषणा करते हुए कहा कि इस सरकार में रोज ही नये नये घोटाले सामने आ रहे हैं।
अपने पैंतीस मिनट के संबोधन में अपनी छह यात्राओं और राम मंदिर का जिक्र करते हुए कहा कि जब उन्होने सोमनाथ से अयोध्या तक की यात्रा कर जयश्री राम का नारा बुलंद किया और संकल्प दिलाया कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण होना चाहिये ।
लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि वर्ष 1989 में हुए आम चुनाव में संसद में भारतीय जनता पार्टी के सांसदों की संख्या दो से बढ़कर छियासी हो गई थी।उन्होने कहा कि यह चमत्कारी परिवर्तन राम मंदिर का प्रताप था। हांलाकि आडवाणी ने यह भी कहा कि धर्म व मंदिर के नाम पर जनता प्रेरित तो होती है लेकिन विकास के नाम पर जनता का जुड़ाव ज्यादा हो जाता है।
अपने संबोधन के दौरान उन्होने दो बार नरेन्द्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा की।
आपके और हमारे कान खड़े होने के लिए एक और खबर उत्तर प्रदेश से आयी है, जिसका संबंध २०१४ तक हिंदू राष्ट्र का सपना पूरा करने से संबंधित संघ परिवार के अविचल एजंडा सै है।उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज बेरोजगारी भत्ता के सवाल पर सरकार को धोखेबाज बताकर सदन से बहिर्गमन कर रहे भारतीय जनता पार्टी को राजस्व मंत्री ने 'रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख नहीं बताएंगे' कहकर जवाब दिया।बीजेपी के सतीश महाना, रामचंद्र यादव और तीन अन्य विधायकों के सवाल के जवाब मे राजस्व मंत्री अंबिका चौधरी ने बताया कि बेरोजगारी भत्ते के लिए कुल 12 लाख 26 हजार आवेदन आये थे जिसमे 10 लाख 73 हजार लोगों को बेरोजगारी भत्ता दिया गया।
बीजेपी के हुकुम सिंह ने कहा कि जो लोग बेरोजगार है और उन्हें भत्ता नहीं मिला तो क्या उन्हें पेंशन दी जाएगी। चौधरी के जवाब से असंतुष्ट भाजपा बीजेपी ने सदन का बहिर्गमन किया।
बहिर्गमन कर रहे बीजेपी सदस्यों को चौधरी ने 'रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख नहीं बताएंगे' कहकर जवाब दिया। चौधरी का आशय था कि बीजेपी खुद धोखेबाज हैं। राम तक को नहीं छोड़ा और दूसरे को धोखेबाज बता रही है।
ऐसे में जब भारतीय जनता पार्टी में हर ओर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने की मांग उठ रही है तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक गोविंदाचार्य अलग ही सुर अलाप रहे हैं। उनके अनुसार लालकृष्ण आडवाणी ज्यादा अनुभवी हैं और उन्हें मोदी की जगह 2014 के आम चुनाव में भाजपा का प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाया जाना चाहिए।
अंतिम चयन होने से पूर्व 3 स्तरों पर परामर्श होगा। प्रथमया भाजपा के अंदर, दूसरे नम्बर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अंदर और तीसरे क्रम पर राजग के अंदर। वास्तविकता यह है कि पहले स्तर पर भी अभी तक परामर्श शुरू नहीं हुआ। बेशक प्रधानमंत्री के सपने देखने वाले अन्य उम्मीदवार फिलहाल चुप हो गए हैं, शायद वे चुनावी निर्णय का समय आने पर यूं ही मौन नहीं बैठेंगे क्योंकि इस शीर्ष पद की आकांक्षा रखने वाले आधा दर्जन नेता स्वयं उम्मीदवार हैं।
मोदी को अकेला चलने वाले के रूप में देखा जाता है और अपने पार्टी सहकर्मियों के साथ उनके संबंध सौहार्दपूर्ण नहीं हैं। लालकृष्ण अडवानी अभी दौड़ से बाहर नहीं हुए हैं और उनका प्रभाव कई रूपों में सामने आएगा जैसा कि उन्होंने गडकरी को एक ही झटके में समाप्त करके दिखाया था। मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने से पूर्व पार्टी को उनकी खूबियों के साथ-साथ गोधरा कांड के दुष्प्रभावों को भी मद्देनजर रखना होगा।
इससे भी अधिक महत्वपूर्ण है दूसरा यानी आर.एस.एस. का पड़ाव। भाजपा को जन्म देने वाला यह मूल संगठन भी गत 10 वर्षों के दौरान मोदी पर अधिक प्रसन्न नहीं क्योंकि गुजरात में उन्हीं के कारण आर.एस.एस. की गतिविधियां बहुत बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। अभी भी भाजपा पर आर.एस.एस. की पकड़ काफी मजबूत है और अपना सपना साकार करने के लिए मोदी को नागपुर स्थित संघ मुख्यालय से अवश्य ही समर्थन प्राप्त करना होगा।
आरएसएस के प्रचारक के गोविंदाचार्य ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अनुभवहीन करार देते हुए प्रधानमंत्री पद के योग्य मानने से इन्कार कर दिया और उन्होंने पार्टी के बुजुर्ग नेता आडवाणी को इस प्रतिष्ठित पद के लिए उम्मीदवार बनाने की वकालत की। एक अंग्रेजी समाचार चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा, 'देश का सामना करने से पूर्व उन्हें और समय दिया जाना चाहिए। मैं समझता हूं कि हमें एक अनुभवी प्रधानमंत्री की जरूरत है। मैं महसूस करता हूं कि एलके आडवाणी को प्रधानमंत्री बनाया जाना चाहिए। नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह और अन्य नेता कैबिनेट मंत्री बनकर अनुभव हासिल करें।' गोविंदाचार्य ने यह कहते हुए भाजपा कैडरों की इस मांग को ठुकरा दिया 'सवाल यह नहीं है कि कौन ज्यादा लोकप्रिय है। यहां योग्यता की बात है। नरेंद्र जी को पहले नौसिखिया बनकर अभी बहुत कुछ सीखने की जरूरत है।'
संजय जोशी को हटाने के पीछे नरेंद्र मोदी का हाथ होने के सवाल पर गोविंदाचार्य ने कहा, 'किसी भी नेता को बेहतर कूटनीतिज्ञ होना चाहिए। अगर आप अपनी पार्टी के साथ समझौते में अडियल रूख बनाए रखते हैं तो आप कैसे दूसरी पार्टियों को विश्वास में लेंगे। राजनीति में संयम रखना एक कला है।' उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि उतावलापन का माहौल बना रहता है तो यह न मोदी के लिए सही होगा न ही देश के लिए।' गोविंदाचार्य के अनुसार गुजरात के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री पद के लिए एकमात्र स्वत: योग्य उम्मीदवार नहीं है। उन्होंने कहा, 'देश को चलाने के लिए विविधता और विरोधाभास की जरूरत होती है। साथ ही नेता में लचीलापन भी होना चाहिए। प्रधानमंत्री के पास ढेर सारे गुण होने चाहिए जिसे मोदी जी ने अब तक नहीं दिखाया है।'
अगले आम चुनाव के दौरान 87 साल के होने जा रहे आडवाणी की उम्र के बारे में जब गोविंदाचार्य से पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'उनकी सेहत को देखने की जरूरत है। जब ज्यादातर युवा नेता एक दिन का धरना तक नहीं कर पाते ऐसे में आडवाणी ने खुद को ज्यादा योग्य साबित किया है।' गोविंदाचार्य का यह बयान दिल्ली में संपन्न हुए दो दिवसीय भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की उस सम्मेलन के बाद आया है जिसमें पार्टी नेताओं और कैडरों की ओर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार घोषित करने की जोरदार मांग उठी थी।
भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय परिषद में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने के लिए उठे मजबूत स्वरों को नजरअंदाज करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक ने अपना इरादा जाहिर किया कि संघ परिवार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी उतनी ही तरजीह देता है।
संघ की यह मंशा उसके मुखपत्र 'पांचजञ्य' में सामने आई है जिसमें भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक को दिलचस्प अंदाज में प्रस्तुत किया गया है।
'सुनी धमक, दिखी चमक' शीर्षक से प्रकाशित इस रिपोर्ट में संघ के अखबार ने अपने कथ्य से लेकर चित्र तक में यह साफ किया है संघ परिवार मोदी का कद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बड़ा या छोटा नहीं मानता।
रिपोर्ट में संघ के मुखपत्र ने लिखा कि बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान खासे आकर्षण का केंद्र रहे। दोनों ने ही अपने भाषणों में अपने-अपने प्रदेशों में विकास के नए-नए प्रतिमानों और उपलब्धियों की विस्तार से चर्चा की।
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में भाजपा की राष्ट्रीय परिषद में मोदी को पार्टी अध्यक्ष ने विशेष रूप से सम्मानित किया था और उन्हें विशेष माला पहनाकर राष्ट्रीय परिषद को उनके सम्मान में खड़ा भी किया गया था।
इस बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुए रिपोर्ट में कहा गया कि नरेंद्र मोदी विकास की लहर पर सवार होकर तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं इसके लिए पार्टी अध्यक्ष ने उन्हें खासतौर पर सम्मानित किया।
दिल्ली में बिजली की किल्लत की तुलना करते समय रिपोर्ट में गुजरात में बिना दर बढ़ाए 24 घंटे बिजली आपूर्ति का जिक्र किया गया लेकिन साथ ही यह भी गिनाया गया कि मध्यप्रदेश के सभी गांव बिजली से जगमगाने वाले हैं।
हैरानी की बात यह है कि संघ के अखबार की पूरी रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह का कोई जिक्र ही नहीं है, जो 10 साल से राज्य की सत्ता पर काबिज हैं और अपनी छवि के बल पर खामोशी से लोकप्रियता हासिल करते रहे हैं।
गत दिनों सुजानगढ़ के माण्डेता स्थित कानपुरी आश्रम मे आयोजित धर्म सभा को सम्बोधित करने आये सुमेरूपीठ काशी के जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती ने आस-पास संवाददाता राजकुमार चोटिया से भगवा आतंकवाद, राम मन्दिर, नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने और कुम्भ में शंकराचार्यो को लेकर उठे विवाद पर बेबाक बातचीत की। भागवत सहित समाज में होने वाले धार्मिक आयोजनों में श्रद्धा के स्थान पर दिखावे के बढ़ते प्रभाव के बारे में सुमेरूपीठ काशी के जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि कहा कि दुनिया भौतिकवाद से त्रस्त है। धर्म घट नहीं रहा बढ़ रहा है।
उन्होने कहा कि कुम्भ में स्नान के लिए एक डूबकी लगाने के लिए तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालु पंहूचे थे। दस लाख से अधिक अमेरिकी नागरिकों ने कुम्भ में स्नान कर भारत के अध्यात्म को जानने का प्रयास किया है। धर्म के प्रति बढ़ती अरूचि और दिखावे के लिए सता में आये विकारों को दोषी ठहराते हुए शंकराचार्य ने कहा कि नैतिक शिक्षा की कमी के कारण ही नई पीढ़ी में धर्म के प्रति अरूचि उत्पन्न हो रही है। धर्म को मानव जीवन का अंग बताते हुए सुमेरूपीठाधीश्वर ने कहा कि धर्म कहने के लिए नहीं धारण करने के लिए है। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में स्वामी नरेन्द्रानन्द ने कहा कि नेता घोषित करना पार्टी का काम है। भाजपा मोदी को अपना नेता घोषित करती है और जनता का समर्थन मिलता है तो मोदी अवश्य प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होने कहा कि देश को हिन्दूवादी के साथ-साथ राष्ट्रवादी छवि के व्यक्ति को सर्वोच्च सता पर बिठाना चाहिये।
देश में अब तक धर्म निरपेक्ष प्रधानमंत्री हुए हैं और आतंकवाद, उग्रवाद, भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए लोगों को मोदी से अपेक्षायें व उम्मीदें हैं। पूर्व उपप्रधानमंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को मोदी की राह में बाधक बताते हुए शंकराचार्य ने कहा कि आडवाणी को देशहित में मोदी का सहयोग करना चाहिये। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह अच्छे आदमी है, पर वे काम नहीं कर पा रहे हैं, उनका रिमोट सोनिया गांधी के हाथ में है। स्वतंत्र करने पर मनमोहनसिंह अच्छे से कार्य कर पायेंगे। भगवा आतंकवाद को लेकर गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के बयान पर स्वामी नरेन्द्रानन्द ने कहा कि गृहमंत्री का बयान आतंकवादियों का बयान है। इससे समाज में सद्भाव बिगड़ता है। हिन्दू भगवा आतंकवाद के पर्याय नहीं है।
जो यह कहता है, वह अज्ञानता का परिचय दे रहा है। भगवा को राष्ट्रीयता का प्रतीक बताते हुए जगद्गुरू ने कहा कि भगवा त्याग, शान्ति और राष्ट्रीयता का प्रतीक होने के साथ-साथ करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा है। कुम्भ मेले में शंकराचार्यो को लेकर हुए विवाद पर सुमेरूपीठाधीश्वर ने कहा कि शंकराचार्यों को लेकर उत्पन्न विवाद गलत है। स्वामी स्वरूपानन्द तीनों पीठों की जमीन पर कब्जा कर रहे थे, जिसको लेकर यह विवाद हुआ। उन्होने कहा कि शंकराचार्य को झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिये, कुम्भ में विवाद को कोई स्थान नहीं है। जगद्गुरू ने कहा कि कोई भी सनातनी मां गंगा का बहिष्कार नहीं कर सकता। कुम्भ का बहिष्कार गंगा का बहिष्कार करने के समान है। राम मन्दिर के मुद्दे पर शंकराचार्य ने कहा कि इस मुद्दे को तीन प्रकार से सुलझाया जा सकता है।
एक तो हिन्दू-मुस्लिम दोनो समुदाय बैठ कर इसका रास्ता निकाले तथा दूसरा न्यायपालिका समय रहते निर्णय दे और तीसरा कि भारत सरकार जनभावना व आस्था को ध्यान में रखकर संसद में प्रस्ताव लाये। न्यायपालिका के निर्णय को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि अगर न्यायपालिका का निर्णय सरकार की मंशानुकूल नहीं आता है तो सरकार शाहबानों काण्ड की तरह संसद में प्रस्ताव पारित कर न्यायापालिका के फैसले को बदल देगी। उन्होने सरकार से संसद में प्रस्ताव पारित कर रामजन्म भुमि पर भव्य विशाल मन्दिर का निर्माण करने का मार्ग प्रशस्त करने की मांग की।
दिल्ली का रास्ता अयोध्या से है: प्रवीण तोगडिय़ा
वीएचपी अध्यक्ष प्रवीण तोगडिय़ा ने आजतक चैनल के सीधी बात कार्यक्रम में हेडलाइंस टुडे के मैनेजिंग एडिटर राहुल कंवल से बातचीत की. बातचीत के प्रमुख अंश.
डॉ. तोगडिय़ा आपके खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई है, आपको गिरफ्तार करने की बात चल रही है.
भोकर में जो सभा हुई उसमें मैंने हिंदुओं के रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और राम मंदिर जैसे मुद्दों की मांग की. इसके साथ मैंने भारत की कुछ घटनाओं का वर्णन किया. पुलिस ने मेरे भाषण के बाद मेरी कैसेट देखी, केस नहीं बनता था, परन्तु वह पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का निर्वाचन क्षेत्र है. देश का हिंदू अपने अधिकारों की मांग न करे और हिंदुओं की आवाज को दबाने के लिए यह किया गया. आज तक तोगडिय़ा बोलता था पर अब करोड़ों हिंदू बोलेंगे.
मुस्लिम समुदाय के लोगों की तुलना आपने जानवरों से की. क्या यह ठीक है?
मैंने किसी का नाम नहीं लिया और बिना नाम लिए बात की है. अब डॉ. तोगडिय़ा की आवाज नहीं रुकेगी और न ही हिंदुओं के अधिकारों को दबाया जाएगा.
पर आपने वहां कई दंगों का जिक्र किया और कहा कि हमने वहां लाशें बहा दीं.
इतिहास की घटना का वर्णन करना क्या पाप है? हमने यह नहीं कहा कि लाशें बहाई हैं, हमने कहा इतिहास में हुआ है.
पर आप में और ओवैसी में क्या फर्क है?
मैंने 100 करोड़ हिंदुओं की मांग की बात की है. क्यों इस देश में हिंदू को अपमानित किया जाता है? मुसलमानों के बच्चों को शिक्षा दी जाती है, उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की बेटियों को 30,000 रु. पर हिंदू की बेटी को कुछ नहीं, बंगाल में मुल्ला-मौलवियों को 2,500 रु. पर हिंदू को कुछ नहीं, किसान को कुछ नहीं.
आप लोगों की मांग को उठा सकते हैं पर आप तो लोगों को उकसाते हैं?
मैंने हिंदुओं की आकांक्षा की बात की है, जिसे सुनने के लिए 50,000 लोग आए थे.
धर्म संसद में नरेंद्र मोदी का नाम लेने पर साधु-संतों ने जबरदस्त तालियां बजाईं?
आज से लेकर पूर्व के 30-40 साल तक विश्व हिंदू परिषद ने किसी व्यक्ति या किसी दल को वोट देने की बात नहीं की और न ही किसी दल के समर्थन में कोई प्रस्ताव पारित किया.
पर इस बार तो मोदी की बात हो रही है?
व्यक्ति से बड़ा पक्ष है, पक्ष से बड़ा विचार. विश्व हिंदू परिषद कहती है कि जो व्यक्ति संसद में कानून बनाकर राम मंदिर बनवाएगा, जो कहेगा कि वह हिंदू राष्ट्र में श्रद्धा रखता है, जो धारा 370 को हटवाएगा, जो समान नागरिक संहिता में भरोसा रखेगा, उसको हिंदू समाज वोट दे.
मोदी से इतना परहेज क्यों?
मुझे 100 करोड़ हिंदुओं से स्नेह है, उसमें सभी हिंदू आ जाते हैं. मुझे किसी हिंदू से द्वेष नहीं है.
आपमें और मोदी में प्रतिस्पर्धा है कि हिंदुत्व का चेहरा कौन हो?
आपको क्या पता कि हम दोनों का भीतरी तालमेल क्या है और हो सकता है कि मोदी के चेहरे के पीछे हिंदू राष्ट्र के तोगडिय़ा का चेहरा हो.
तो क्या मोदी के पीछे डॉ. तोगडिय़ा का चेहरा है?
जो हिंदू राष्ट्र में विश्वास रखता है, उसके पीछे तोगडिय़ा का चेहरा है.
मोदी अहमदाबाद से दिल्ली आना चाहते हैं, इसलिए वे हिंदुत्व के रास्ते से हटकर कोई बीच का रास्ता पकडऩा चाहते हैं?
दिल्ली का हर रास्ता अयोध्या से गुजरता है.
और भी... http://aajtak.intoday.in/story/delhi-is-the-way-to-ayodhya-praveen-togadia-1-722638.html
Saturday, March 9, 2013
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मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha
হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!
मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में OBC Trump Card और जयभीम कामरेड
Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!
हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला हिंदुत्व की राजनीति से नहीं किया जा सकता।
In conversation with Palash Biswas
Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg
Save the Universities!
RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!
जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।
#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি
अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास
ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?
Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION!
Published on Mar 19, 2013
The Himalayan Voice
Cambridge, Massachusetts
United States of America
BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7
Published on 10 Mar 2013
ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH.
http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM
http://youtu.be/oLL-n6MrcoM
Download Bengali Fonts to read Bengali
Imminent Massive earthquake in the Himalayas
Palash Biswas on Citizenship Amendment Act
Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003
Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003
http://youtu.be/zGDfsLzxTXo
Tweet Please
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS BLASTS INDIANS THAT CLAIM BUDDHA WAS BORN IN INDIA
THE HIMALAYAN TALK: INDIAN GOVERNMENT FOOD SECURITY PROGRAM RISKIER
http://youtu.be/NrcmNEjaN8c
The government of India has announced food security program ahead of elections in 2014. We discussed the issue with Palash Biswas in Kolkata today.
http://youtu.be/NrcmNEjaN8c
Ahead of Elections, India's Cabinet Approves Food Security Program
______________________________________________________
By JIM YARDLEY
http://india.blogs.nytimes.com/2013/07/04/indias-cabinet-passes-food-security-law/
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA
THE HIMALAYAN VOICE: PALASH BISWAS DISCUSSES RAM MANDIR
Published on 10 Apr 2013
Palash Biswas spoke to us from Kolkota and shared his views on Visho Hindu Parashid's programme from tomorrow ( April 11, 2013) to build Ram Mandir in disputed Ayodhya.
http://www.youtube.com/watch?v=77cZuBunAGk
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE
अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।'
http://youtu.be/j8GXlmSBbbk
THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST
We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas.
http://youtu.be/7IzWUpRECJM
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICAL OF BAMCEF LEADERSHIP
[Palash Biswas, one of the BAMCEF leaders and editors for Indian Express spoke to us from Kolkata today and criticized BAMCEF leadership in New Delhi, which according to him, is messing up with Nepalese indigenous peoples also.
He also flayed MP Jay Narayan Prasad Nishad, who recently offered a Puja in his New Delhi home for Narendra Modi's victory in 2014.]
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT
THE HIMALAYAN TALK: PALSH BISWAS FLAYS SOUTH ASIAN GOVERNM
Palash Biswas, lashed out those 1% people in the government in New Delhi for failure of delivery and creating hosts of problems everywhere in South Asia.
http://youtu.be/lD2_V7CB2Is
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE
अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।'
http://youtu.be/j8GXlmSBbbk
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