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Thursday, May 17, 2012

प्रणव राष्ट्रपति बनें, न बनें, पर अर्थ व्यवस्था के तो बारह बजा दिये।रुपये से खतरे की घंटी बजने लगी टनटनाटन।​

प्रणव राष्ट्रपति बनें, न बनें, पर अर्थ व्यवस्था के तो बारह बजा दिये।रुपये से खतरे की घंटी बजने लगी टनटनाटन।​

​​मुंबई से एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

​कोलकाता के एक सांध्य दैनिक में खबर छपी है कि सोनिया गांधी प्रणव मुखर्जी की संकटमोचक भूमिका पर इस कदर अभिभूत हैं कि वे अब उन्हें प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं और मनमोहन सिंह को राष्ट्र्पति। बाजार को चाहिए राष्ट्रपति प्रणव और जमकर कारपोरेट लाबिइंग हो रही है। बिडंबना तो यह है कि बाजार के इस दुलारे ने अर्थव्यवस्था कीऐसी तैसी कर दी है राजनीतिक बाध्यताओं से निपटने की अपनी संकटमोचक भूमिका के तहत तरह तरह की कलाबाजी खाते हुए। बुधवार को शेयर बाजार व रुपये में आई भारी गिरावट से देश में एक बार फिर वित्तीय संकट की घंटी बजती हुई नजर आ रही है। बुधवार को बिकवाली दबाव में सेंसेक्स 16000 के भी निचले स्तर चला गया और रुपया भी पांच महीने में रिकार्ड स्तर तक लुढ़क गया। हालांकि गुरुवार को बैंकों की डॉलर बिकवाली से रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 27 पैसे की तेजी के साथ 54.23 पर खुला, लेकिन यह कहना अनिश्चित होगा आने वाले दिनों में स्थिति ऐसी ही रहेगी।मैच फिक्सिंग का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि अर्थव्यवस्था के नए मारीशस आईपीएल में टीम मालिक को लेकर बवाल मचा​ ​हुआ है। बाजार की इस दुर्गति में फंस गये हैं बालीवूड के शहंशाह।रिजर्व बैंक ने डालर बेचने का जो फार्मूला निकालकर रुपया थामने की जुगत लगायी थी, वह फ्लाप सो में तब्दील होने लगी है और राष्ट्र्पति बनने की तैयारी में प्रणव दादा के सामने इस संकट से निकलने का कोई चारा भी नहीं है। वित्तीय नीति न हो तो रिजर्व बैंक की बैशाखी पर कब तक वैश्विक संकट और बाजार के दोपरे दबाव को झेलेगी अर्थव्यवस्था। बाजार चाहे जितना डगमगाता नजर आये, नीति निर्धारन प्रक्रिया में जितना लकवा दीखें, हकीकत यह है कि सरकार ौर देश से और ज्यादा सहूलियते, छूट और राहत बटोरने का आधार बनने लगा है। इस संकट से मारा जायेगा आम आदमी, जिसके लिए हर सब्सिडी बंद होगी और जिसके खिलाफ प्रणव बाबू आर्थिक सुधार और तेज करने की पूरी तैयारी में है। कारपोरेट इंडिया को हर हाल में फायदा होना है। प्रणव दादा के पीछ बाजार के मजबूती के साथ खड़े होने और राजनीतिक समीकरण पक्ष में होते जाने की असली रहस्य यही है।आरबीआई रुपये को सहारा देने के लिए कोशिश में जुटा हुआ है। लेकिन, इसका असर नहीं नजर आ रहा है। आयातकों में घबराहट का माहौल बन गया है।अब बाजार की मांग है किरुपये की गिरावट पर लगाम लगाने के लिए आरबीआई को अब ईसीबी के नियमों में ढील देनी चाहिए।इसके पीछे दलील यह है कि जीएएआर और पुरानी तारीख से टैक्स लगाने के प्रस्ताव से एफआईआई भारतीय बाजारों से बच रहे हैं।गार के दांत पहले से तोड़ दिये गये हैं. अब देखना यह है कि बाजार की सेहत सुधरने के लिए क्या क्या कर गुजरते हैं प्रणवदादा। फिर मौका मिले न मिले।वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने भारत की रेटिंग को लेकर फिच के अधिकारियों से मुलाकात की है। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने भारत की रेटिंग अपग्रेड करने के लिए दावेदारी पेश की है।वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने फिच अधिकारियों को ये भरोसा दिलाया है कि सरकार वित्तीय घाटा कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने इस साल सब्सिडी बोझ को कुल जीडीपी के 2 फीसदी के नीचे रखने का लक्ष्य तय किया है।

इस बीच राष्ट्रपति चुनाव में प्रणव का रास्ता और आसान हो गया है बशर्ते कि कांग्रेस उनको उम्मीदवार बना ही दें। भाजपा और वामपंथियों ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। पर विपक्ष के वोट बंटेंगे , ऐसा तय कर दिया जयललिता और नवीन पटनायक जिनके कारपोरेट इंडिया से मधुर ​
​संबंध गोपनीय भी नहीं है। पर ममता दीदी जो क्षत्रपों की सिरमौर बनी हुई थी अबतक, उनको धता बताते हुए जया और कुंवारे नवीन की यह अनुपम युगलबंदी क्या गुल खिलानेवाली है, य़ह देखना दिलचस्प होगा बेशक।बहरहाल  भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को संकेत दिया कि वह राकांपा नेता पी ए संगमा को राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन करने के अन्नाद्रमुक और बीजद के फैसले से प्रभावित नहीं है।राष्ट्रपति पद की दौड़ को लेकर चल रही अटकलों के बीच बीजद और अन्नाद्रमुक ने नया दृष्टिकोण पेश करते हुए उम्मीदवार के तौर पर राकांपा नेता और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा का नाम आगे किया है।बीजू जनता दल और अन्नाद्रमुक द्वारा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में पी ए संगमा के अपनी पसंद होने का संकेत देने के बाद संगमा ने उनको धन्यवाद दिया और अन्य दलों से समर्थन की अपील की। उन्होंने कहा कि वे आदिवासी लोगों की इच्छाओं के प्रति प्रतिक्रियाशील हैं और अपील की कि अन्य पार्टियां भी इस समुदाय के उम्मीवार को अपना समर्थन दें।मजे की बात यह है कि संगमा की दावेदारी को भले भी बीजू जनता दल और एआईएडीएमके का समर्थन मिल गया हो लेकिन संगमा के ही साथी शरद पवार और उनकी पार्टी एनसीपी इसे ज्यादा भाव देने के मूड में नहीं हैं। खुद शरद पवार ने ऐसी कोई भी जानकारी होने से इनकार कर दिया। पवार से जब संगमा की दावेदारी के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था कि मुझे इस तरह के किसी घटनाक्रम की जानकारी नहीं है।य़ह तमाशा अभी जारी है कि  : बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई क्रिकेट संघ के अधिकारियों से हुए झगड़े को ट्विटर पर खूब तवज्जो मिली। शाहरुख के प्रशसकों ने इस माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर अपना समर्थन दिखाया तो कुछ इस घटना पर मजाक करने में भी व्यस्त रहे। आपको पढ़वाते हैं ऐसे ही कुछ ट्वीट- 'आमिर खान सत्यमेव जयते पर एक नया एपीसोड शूट करेंगे जिसमें वे शाहरुख खान द्वारा प्रताड़ित मजबूर लोगों को दिखाएंगे।बुधवार की रात वानखेड़े स्टेडियम के बाहर हुए विवाद पर शाहरुख खान ने कहा कि उन्होंने शराब नहीं पी रखी थी। जब सामने वाले ने उनको गाली दी तब उन्होंने भी गाली दी। उन्होंने कहा कि वो अपने बच्चों को लाने गए थे। शाहरुख ने कहा कि वो माफी नहीं मांगेंगे। माफी तो एमसीए के लोगों को उनसे मांगनी चाहिए।कोषाध्यक्ष रवि सावंत ने शाहरुख पर आरोप लगाया था कि शाहरुख ने शराब पी रखी थी। जबकि आज मीडियो के सामने शाहरुख ने कहा कि उन्होंने शराब नहीं पी रखी थी। उन्होंने कहा कि वो बच्चों को लेने के लिए वानखेड़े स्टेडियम आए थे। मैंने अपने आने की जानकारी बच्चों को दे दी थी। स्टेडियम पहुंचने के बाद मैं चेंजिग रूम में गया। वहां से देखा कि सुरक्षा के नाम पर बच्चों के साथ बदसलूकी हो रही थी। मैंने जब वो देखा तो भागते आया। मैंने सुरक्षा कर्मियों से कहा कि हमलोग यहां रहने नहीं आए हैं, हमलोग जा रहे हैं। तभी सारे लोग मेरी तरफ आक्रामक मुद्रा में बढ़ने लगे। इसके बाद मैं गुस्से में आ गया।दूसरी ओर,देशभर में काली कमाई के खिलाफ अलख जगाने निकले योग गुरु बाबा रामदेव को ही आयकर विभाग ने 58 करोड़ रुपये का टैक्स चुकाने का नोटिस भेजा है। आयकर विभाग ने पाया है कि चैरिटी वर्क के नाम पर रामदेव के ट्रस्ट दवाओं का कारोबार कर रहे हैं इसलिए उन्हें मिली छूट समाप्त करते हुए उनपर 58 करोड़ रुपये का टैक्स निर्धारित किया गया है।बाजार का तमाशा अजब गजब । प्याज की तरह खुलती जातीं परतें, वाह!

रुपया अपने सबसे निचले स्तर 54.44 पर पहुंच गया है। पिछले साल दिसंबर में रुपये ने 54.29 का रिकॉर्ड निचला स्तर बनाया था। हालांकि दिन भर के तेज उतार-चढ़ाव के बाद आखिरकार डॉलर के मुकाबले रुपया मामूली बढ़त पर बंद हुआ है। पर रुपये में कमजोरी का रुख बना हुआ है। वैश्विक संकेतों का भी रुपये पर दबाव नजर आ रहा है।डॉलर के मुकाबले रुपया 2 पैसे बढ़त के साथ 54.47 पर बंद हुआ। वहीं आज दिन के कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 54.56 के रिकॉर्ड स्तर तक कमजोर हुआ था। आज डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे की मजबूती लेकर 54.39 पर खुला था।मजबूत शुरुआत के बावजूद रुपये में कमजोरी की वजह डॉलर की मांग में लगातार बढ़ोतरी रही है। आयातकों और बैंकों की ओर से डॉलर की मांग में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। सरकार और आरबीआई के सभी कदम नाकाम साबित हुए और रुपये ने रिकॉर्ड निचला स्तर छूआ। कल भी रुपया 54.50 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था। इस साल अब तक रुपये में 22 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।कई दिनों की पिटाई के बाद आज बाजार जैसे तेसे बढ़त बनाए रखने में कामयाब रहा। कमजोर यूरोपीय बाजारों का दबाव जरूर था लेकिन कई दिनों से पिट रहा बाजार आज टिका रहा। सेंसेक्स-निफ्टी करीब 0.25 फीसदी चढ़कर बंद हुए हैं। मिडकैप इंडेक्स में मामूली गिरावट ही रही। आज चढ़ने वाले और गिरने वाले शेयर दोनों बराबर थे। दिन के कारोबार में निफ्टी ने 5,000 का स्तर पार किया था। लेकिन रुपये की कमजोरी बढ़ने के साथ ही दिन के ऊपरी स्तरों से निफ्टी 70 अंक और सेंसेक्स 225 अंक नीचे आ गए। आज के कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपये ने 54.56 का अब तक का निचला स्तर छूआ।
आखिरकार बीएसई का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 40 अंक यानि 0.25 फीसदी की मजबूती के साथ 16,070.50 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं एनएसई का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 12 अंक यानि 0.25 फीसदी की बढ़त के साथ 4,870.20 पर बंद हुआ।गुरुवार के कारोबार में केजी-डी6 के गैस की कीमतों में निर्धारित समय से पहले बढ़ोतरी की खबरों के चलते रिलायंस इंडस्ट्रीज में 1.5 फीसदी की मजबूती देखने को मिली। वहीं आईटीसी, जिंदल स्टील, डीएलएफ, एचडीएफसी, एसबीआई, अंबुजा सीमेंट्स, सेल और जयप्रकाश एसोसिएट्स जैसे दिग्गज शेयर 2.7-4 फीसदी की मजबूती पर बंद हुए। हालांकि एलएंडटी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, सिप्ला, बजाज ऑटो, बीएचईएल और रिलायंस इंफ्रा जैसे दिग्गज शेयर 2.5-3.5 फीसदी की कमजोरी लेकर बंद हुए।

ओड़िशा के मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ बीजद के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने गुरुवार को मेघालय के 65 वर्षीय जनजातीय नेता संगमा को अपनी पार्टी की ओर से समर्थन जताया।उन्होंने भुवनेश्वर में संवाददाताओं से कहा कि मेरा मानना है कि संगमा को राष्ट्रपति भवन के सर्वोच्च पद का उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए। संगमा को प्रतिष्ठित जनजातीय नेता की संज्ञा देते हुए पटनायक ने कहा कि उन्होंने इस बारे में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक नेता ज़े जयललिता से भी बात की है।वह पिछले हफ्ते चेन्नई गये थे और जयललिता से मिले थे। इससे पहले दोनों नेताओं ने पिछले महीने दिल्ली में मुलाकात की थी। एनसीटीसी जैसे मुद्दे पर भी दोनों के समान विचार हैं।बीजद नेता का कहना था कि उन्हें कल राकांपा नेता की ओर से एक पत्र मिला। पटनायक ने कहा कि उन्होंने संगमा को समर्थन जताने से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की है।

रोचक बात यह है कि संगमा की अपनी पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में कोई फैसला नहीं किया है। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस मामले में बातचीत की थी।अटकलें थीं कि बीजद गोपालकष्ण गांधी जैसे किसी उम्मीदवार का समर्थन कर सकती है और इस लिहाज से मुख्यमंत्री के बयान को हैरत से देखा जा रहा है। गोपालकृष्ण गांधी ने हाल ही में पटनायक से मुलाकात की थी।

पटनायक ने कहा कि राज्य की कुल जनसंख्या का एक चौथाई हिस्सा जनजातियों से ताल्लुक रखता है, इसलिए संगमा जैसे उम्मीदवार का समर्थन करना उचित होगा।इससे पहले ग्रामीण विकास राज्य मंत्री अगाथा संगमा ने यहां पटनायक से मुलाकात की थी। अपने पिता पीए संगमा के साथ अगाथा ने इसी हफ्ते जयललिता से भी मुलाकात कर समर्थन मांगा था।

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THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

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Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

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