क्या अन्ना की इस अप्रतिम कलाबाजी के पीछे भी कारपोरेट लाबिइंग तो नहीं है, यानी बाजार की वह सर्वशक्तिमान महाशक्ति जो अन्ना आंदोलन की आत्मा है?
मुंबई से एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
भ्रष्टाचार की जड़ है खुले बाजार की अर्थव्यवस्था, पर अन्ना ब्रिगेड की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम को खुले बाजार या सेनसेक्स इकानामी से कोई शिकायत नहीं है और न नीति निर्धारण और सत्ता संचालन में कारपोरेट वर्चस्व से कोई तकलीफ है। बल्कि सही मायने में कारपेट जगत का उन्हें भारी समर्थन है। संसद सत्र को वे अपने अनशन और आंदोलन का सही समय बनाते हैं ताकि मीडिया का पूरा ध्यान उनपर केंद्रित हो और इसकी आड़ में कारपोरेट इंडिया को मन मुताबिक कानून बनवाने के लिए खुल्ला मैदान मिल जाये। कालाधन से ही चलता है शेयर बाजार और तमाम आर्थिक सुधार मौद्रिक नीतियों की कलाबाजी उसीकी सेहत के लिए। भ्रष्टाचार की इस आकाशगंगा की तरफ वे देखते भी नहीं है। जिस राजनीतिक भ्रष्टाचार को उन्होंने मुख्य मुद्दा बनाकर पिछले दिनों पूरे देश को आंदोलित किया, उसका झोल भी खुलने लगा है। प्रधानमंत्री और दुसरे मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत खोलने की चेतावनी देने के अगले ही दिन अब संत अन्ना प्रधानमंत्री को क्लीन चिट दे रहे हैं। क्या अन्ना की इस अप्रतिम कलाबाजी के पीछे भी कारपोरेट लाबिइंग तो नहीं है, यानी बाजार की वह सर्वशक्तिमान महाशक्ति जो अन्ना आंदोलन की आत्मा है?टीम अन्ना ने शनिवार को एक बार फिर कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार पर प्रहार किया और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके 14 कैबिनेट मंत्री भ्रष्टाचार के बड़े मामलों में लिप्त रहे हैं। टीम अन्ना द्वारा प्रधानमंत्री समेत केंद्र के 15 मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त होने के आरोप लगाने के एक दिन बाद ही खुद अन्ना हजारे ने कहा है कि प्रधानमंत्री एक सीधे-सादे इंसान हैं और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई मामला नहीं है। अन्ना द्वारा प्रधानमंत्री को क्लीन चिट दिए जाने से एक बार फिर टीम और अन्ना के बीच मतभेद साफ तौर पर सामने आ गया है। दूसरी ओर मीडिया की खबरों में टीम अन्ना और केंद्र सरकार के बीच जुबानी जंग और तेज हो गई है। विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा की ओर से मानहानि का केस दर्ज करने की चेतावनी के बाद टीम अन्ना ने रविवार को इसका जवाब दिया। अन्ना हजारे की टीम ने कहा कि हम मानहानि के केस का स्वागत करते हैं।
दरअसल टीम अन्ना ने शनिवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी का नाम उन 13 अन्य कैबिनेट मंत्रियों के साथ जोड़ा था, जिन पर उसने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा 14 कैबिनेट मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाए हैं। टीम अन्ना ने इस बारे में दस्तावेज के साथ एक लेटर प्रधानमंत्री को भेजा है। 24 जुलाई, 2012 तक इस पर कोई कार्रवाई न करने पर टीम अन्ना ने आंदोलन की चेतावनी दी है। 79 पेज के दस्तावेज में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पी. चिदंबरम, प्रणव मुखर्जी, शरद पवार, एसएम कृष्णा, कमल नाथ, प्रफुल्ल पटेल, विलासराव देशमुख, वीरभद्र सिंह, कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद, जीके वासन, फारुख अब्दुल्ला, एमके अड़ागिरी और एसके शिंदे के खिलाफ आरोप शामिल हैं। इस दस्तावेज में बताया गया है कि किसके खिलाफ, किस कार्यकाल में भ्रष्टाचार का कौन सा आरोप है।
अरविंद केजरीवाल ने यूपीए सरकार के 34 मंत्रियों में से 15 को भ्रष्टाचार का आरोपी करार दिया और इस लिस्ट में सबसे पहला नाम प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का लिया।टीम अन्ना के मुताबिक जब मनमोहन कोयला मंत्रालय खुद देख रहे थे तब कोयला खदानों की बंदरबांट हुई और सरकार को हजारों करोड़ का चूना लगा। टीम अन्ना ने लगे हाथ ये भी पूछा कि अगर पीएम ईमानदार हैं तो घूस की रकम किसके पास पहुंच रही है। टीम अन्ना ने प्रधानमंत्री के अलावा सरकार के 14 बड़े चेहरों पर भी अलग-अलग घोटालों के आरोप लगाए हैं।
1. प्रणब मुखर्जी-नेवी वॉर रूम लीक के आरोपियों को बचाया, पनडुब्बी डील में बिचौलियों की मदद की।
2. पी चिदंबरम-2जी और एयरसेल डील में गड़बड़ी।
3. शरद पवार- अपराधियों से संबंध, गेहूं निर्यात घोटाला, दाल घोटाला, लवासा कांड।
4. एस एम कृष्णा-कर्नाटक का सीएम रहते माइनिंग माफिया की मदद का आरोप। वन विभाग की जमीन निजी कंपनियों को दी।
5. कमलनाथ-चावल निर्यात घोटाला, एनएच69 निर्माण में घोटाला।
6. प्रफुल्ल पटेल-हवाई जहाज खरीद में गड़बड़ी। गलत नीतियों के चलते एयर इंडिया को नुकसान।
7. विलासराव देशमुख- आदर्श घोटाला, सुभाष घई जमीन विवाद, पारिवारिक ट्रस्ट को 2 लाख वर्गमीटर सस्ती जमीन दी।
8. वीरभद्र सिंह- नौकरी घोटाला, सीडी कांड।
9. कपिल सिब्बल- टेलीकॉम कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप।
10. सलमान खुर्शीद-2जी घोटाले की जांच में दखल। निजी कंपनी की मदद की।
11. जी के वासन-कांडला पोर्ट ट्रस्ट घोटाला।
12. फारूख अब्दुल्ला-क्रिकेट एसोसिएशन घोटाला।
13. एम के अड़ागिरी- मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जा।
14. सुशील कुमार शिंदे- आदर्श घोटाला।
टीम अन्ना ने कहा है कि अगर दो महीने के भीतर स्पेशल टास्क फोर्स बनाकर इन मंत्रियों के खिलाफ जांच नहीं करवाई गई और फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई नहीं की गई तो वो 25 जुलाई से आमरण अनशन करेगी। प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में टीम अन्ना ने सरकार को 6 रिटायर्ड जजों के भी नाम सुझाए हैं। उसका कहना है कि सरकार इन 6 जजों में से 3 को चुनकर जांच कमेटी बना सकती है। उसने सरकार को भी चुनौती दी है कि वो टीम अन्ना पर भ्रष्टाचार के आरोपों की भी जांच कराकर देख ले।
अन्ना की टीम ने कहा कि अगर सरकार इस मामले में उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करती है तो वे तैयार हैं। टीम अन्ना के सदस्य प्रशांत भूषण ने कहा कि अगर कृष्णा ने कुछ गलत नहीं किया है तो वह क्यों डर रहे हैं। हमारे खिलाफ मानहानि के केस का हम स्वागत करते हैं। प्रशांत भूषण ने कहा कि ये आरोप हमने नहीं लगाए हैं। हमारे डॉक्युमेंट्स कैग की रिपोर्ट, कोर्ट के दस्तावेजों और मीडिया की खबरों पर आधारित हैं।
सरकार की ओर से विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा ने अन्ना टीम को जवाब दिया। कृष्णा ने उनके खिलाफ लगाए गए करप्शन के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर मुझे कोई उचित जवाब नहीं मिलता तो मैं अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मामला दायर करूंगा। कृष्णा ने कहा कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है और सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्टे दिया है। कृष्णा ने चिट्ठी में लिखा है कि आपकी ओर से ऐसे मामले में लगाए गए आरोपों से मैं हैरान हूं, जो अदालत में विचाराधीन है।
इसी बीच भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रही टीम अन्ना में एक बार फिर दरार नजर आने लगी है। सोशल साइटों के जरिए टीम अन्ना और उसके आंदोलन को मशहूर करने वाले शिवेंद्र सिंह चौहान ने अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर उनसे आंदोलन की अगुआई के तरीके पर तीखे सवाल किए हैं।केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि शिवेंद्र लोकतांत्रिक तरीके से काम नहीं करते और उन्होंने सोशल मीडिया कैंपेन के बारे में एकतरफा फैसले लिए हैं। केजरीवाल ने यह चेतावनी भी दी कि अगर शिवेंद्र कोर कमिटी के फैसलों को नहीं मानते तो उन्हें आंदोलन से हटाया भी जा सकता है।
विवादों का पर्याय बन चुकी टीम अन्ना में अब अरविंद केजरीवाल और किरन बेदी के बीच मनमुटाव के दावे किए जा रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस अखबार के मुताबिक किरण बेदी ने अरविंद केजरीवाल को लेकर अन्ना को एक चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में जिक्र किया गया है कि अरविंद के एनजीओ में पैसे का हिसाब-किताब ठीक से रखा जाए।
इंडियन एक्सप्रेस अखबार के मुताबिक किरन बेदी ने अरविंद केजरीवाल को लेकर अन्ना हजारे को एक ई-मेल लिखा है। मेल में जिक्र किया गया है कि अरविंद का एनजीओ पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन (पीसीआरएफ) पैसे का हिसाब-किताब ठीक से नहीं रख रहा है।
गौरतलब है कि इंडिया अगेंस्ट करप्शन के लिए जो पैसे आए थे, वे पीसीआरएफ के अकाउंट में ही जमा करवाए गए हैं।
अखबार ने अन्ना के बयानों के हवाले से दावा किया है कि किरन बेदी का मेल मिलने के बाद उन्होंने अरविंद केजरीवाल से बात की और उन्हें ताकीद की कि भविष्य में ऐसी गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। अखबार के मुताबिक अन्ना ने केजरीवाल को इस मामले में चिट्ठी लिखने की बात से इनकार किया है। गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर पिछले दिनों अन्ना के साइन वाली ऐसी चिट्ठी का दावा किया गया था।
अखबार में छपी खबर को अरविंद केजरीवाल और किरन बेदी ने झूठ का पुलिंदा बताया है। अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा है,'इंडियन एक्सप्रेस की एक और फर्जी स्टोरी। अभी अन्ना से बात हुई और उन्होंने ऐसा कुछ भी कहने से साफ इनकार किया है। हम अखबार को लीगल नोटिस भेजेंगे।'
अखबार में ये भी लिखा गया है कि इस चिट्ठी के जवाब में अन्ना ने अरविंद को पत्र लिखा। लेकिन अन्ना ने ऐसी किसी चिट्ठी से साफ इनकार किया है। अन्ना ने ये भी कहा कि है कि वो अखबार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।वहीं अखबार में छपी खबरों के बाद अरविंद केजरीवाल ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि इंडियन एक्सप्रेस की एक और फेक स्टोरी की है। उन्होंने ये भी लिखा कि अभी अन्ना से बात हुई और अन्ना ने इन बातों से साफ इनकार किया है। अरविंद ने अपने ट्वीट में ये भी लिखा है कि वो अखबार को लीगल नोटिस भेजेंगे।इस पूरे मामले पर टीम अन्ना के अहम सदस्य मनीष सिसोदिया ने फेसबुक पर लिखा है कि असल में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ साजिश रची जा रही है। मनीष का कहना है कि आरोप ये लगाया जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल ए. राजा और कलमाड़ी से भी ज्यादा भ्रष्ट है, वह हिटलर के बाद इस दुनिया का सबसे बड़ा तानाशाह है।
मनीष का कहना है कि ये साबित करने के लिए तमाम कुचक्र रचे जा रहे हैं। तमाम तरह की खबरें चलवाई जा रही हैं। एक अखबार नेताओं और कॉरपोरेट घरानों की खातिर देश को तोड़ने में लगा। अपने आकाओं को बचाने के लिए अरविंद केजरीवाल को बर्बाद करने की कोशिशों में जुटा है। मकसद एक ही है किसी तरह नेताओं, अफसरों और उनके दलालों की लूट के खिलाफ समाज को एकजुट कर रहे इस इंसान के प्रति लोगों का भरोसा तोड़ा जा सके, लेकिन क्या अब ये षड्यंत्रकारी कामयाब हो पाएंगे। क्या 25 जुलाई से शुरू होने जा रहे आन्दोलन को इन खबरों से दबाया जा सकेगा।
टीम अन्ना ने प्रधानमंत्री से कहा, 'सख्त लोकपाल कानून इसलिए पारित नहीं कराया जा रहा क्योंकि यह नेताओं के भ्रष्टाचार को रोकेगा और नेता अपने खिलाफ कानून पारित नहीं कराना चाहते। आपके मंत्रिमंडल के 34 में से 15 मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। हमने इन्हीं आरोपों की जानकारी इकट्ठी की है। ये आरोप हम नहीं लगा रहे हैं, बल्कि ये सुप्रीम कोर्ट और सीएजी जैसी सर्वोच्च संस्थाओं ने लगाए हैं।'
सीबीआई पर सवाल उठाते हुए टीम अन्ना ने कहा कि सीबीआई उन्हीं के कंट्रोल में है, जिनके खिलाफ उसे जांच करनी है। यही वजह है कि आज तक सीबीआई केवल 3 नेताओं को सजा दिलवा पाई है।
टीम अन्ना के मुताबिक उसने इन आरोपों को लेकर सभी 15 लोगों को लेटर लिखा था लेकिन जवाब केवल सलमान खुर्शीद से मिला। खुर्शीद से मिले जवाब में भी आरोपों का जिक्र नहीं था।
टीम अन्ना ने इन सबके खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक स्वतंत्र जांच दल बनाए जाने की मांग की है। टीम अन्ना ने कहा कि जांच दल को सभी सुविधाएं मिलें और वह अपनी जांच 6 महीने में पूरी करे। टीम अन्ना ने 6 रिटायर्ड जजों के नाम देकर कहा है कि जांच दल का अध्यक्षता इन्हीं में से कोई हो। टीम अन्ना ने अपने खिलाफ भी लगाए गए आरोपों की जांच इसी दल द्वारा कराए जाने की मांग की है और आरोप साबित होने पर कानून में तय सजा से दोगुनी सजा देने के लिए कहा है।
टीम अन्ना ने प्रधानमंत्री से पूछा है कि क्या मुलायम और सरकार में यह समझौता हुआ है कि मुलायम संसद और राष्ट्रपति चुनाव में सरकार की मदद करेंगे और इसके बदले सरकार मुलायम पर चल रहे सीबीआई के मामले ठंडे बस्ते में डलवा देगी? टीम अन्ना ने मांग की है कि जिन पार्टी अध्यक्षों के खिलाफ सीबीआई के मामले चल रहे हैं, उन्हें भी स्वतंत्र जांच दल को सौंपा जाए।
केजरीवाल को अपने लेटर में शिवेंद्र ने लिखा, 'जब तक आप यह साबित नहीं कर देते कि आप इस आंदोलन के अगुवा हैं और मैंने कभी भी आंदोलन के हितों के खिलाफ काम किया है, आप किस अधिकार से मुझे अलग कर देंगे या मुझ पर आरोप लगा रहे हैं? मुझे पूरा यकीन है कि असहमति रखना और स्वतंत्र रूप से भी आंदोलन के हितों के लिए काम करना, आंदोलन को नुकसान पहुंचाने वाला नहीं हो सकता।'
इस बारे में केजरीवाल की प्रतिक्रिया जानने के लिए उन्हें भेजे गए मेसेज का कोई जवाब नहीं मिला है। शिवेंद्र ने अपने लेटर में लिखा, 'यह भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों का आंदोलन है और हम में से ज्यादातर लोग इसमें अपनी मर्जी से शामिल हुए, न कि किसी औपचारिक प्रक्रिया के तहत। इसलिए किसी समूह की ओर से निकाले जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता। यह हम सभी का आंदोलन है और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में किसी का एकाधिकार नहीं हो सकता।'
उन्होंने यह भी लिखा कि कोर कमिटी के मेंबर लोकतांत्रिक तरीके से नहीं चुने गए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस साल जनवरी में केजरीवाल ने मुझे कमिटी में शामिल करने की पेशकश की थी, लेकिन मैंने कहा था कि मुझे इसकी जरूरत नहीं है।
शिवेंद्र ने पूछा, 'मेरा सवाल यह है कि किस लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत मुझे कोर कमिटी में शामिल करने की पेशकश की गई थी।' उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीका वह होता, जिसमें कोर कमिटी के सदस्यों को चुनने के लिए भी जनलोकपाल के सदस्यों को चुनने जैसा तरीका अपनाया गया होता।
प्रशांत भूषण के घर पर हुई बैठक में शिवेंद्र ने उन आरोपों का भी खंडन किया कि हजारे से संबंधित जानकारी फेसबुक पेज पर नहीं डाली गई। उन्होंने बताया कि हजारे के महाराष्ट्र दौरे की जानकारी सबसे पहले फेसबुक और ट्विटर पर ही डाली गई।
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Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION!
Published on Mar 19, 2013
The Himalayan Voice
Cambridge, Massachusetts
United States of America
BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7
Published on 10 Mar 2013
ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH.
http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM
http://youtu.be/oLL-n6MrcoM
Download Bengali Fonts to read Bengali
Imminent Massive earthquake in the Himalayas
Palash Biswas on Citizenship Amendment Act
Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003
Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003
http://youtu.be/zGDfsLzxTXo
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THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS BLASTS INDIANS THAT CLAIM BUDDHA WAS BORN IN INDIA
THE HIMALAYAN TALK: INDIAN GOVERNMENT FOOD SECURITY PROGRAM RISKIER
http://youtu.be/NrcmNEjaN8c
The government of India has announced food security program ahead of elections in 2014. We discussed the issue with Palash Biswas in Kolkata today.
http://youtu.be/NrcmNEjaN8c
Ahead of Elections, India's Cabinet Approves Food Security Program
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By JIM YARDLEY
http://india.blogs.nytimes.com/2013/07/04/indias-cabinet-passes-food-security-law/
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA
THE HIMALAYAN VOICE: PALASH BISWAS DISCUSSES RAM MANDIR
Published on 10 Apr 2013
Palash Biswas spoke to us from Kolkota and shared his views on Visho Hindu Parashid's programme from tomorrow ( April 11, 2013) to build Ram Mandir in disputed Ayodhya.
http://www.youtube.com/watch?v=77cZuBunAGk
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE
अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।'
http://youtu.be/j8GXlmSBbbk
THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST
We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas.
http://youtu.be/7IzWUpRECJM
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICAL OF BAMCEF LEADERSHIP
[Palash Biswas, one of the BAMCEF leaders and editors for Indian Express spoke to us from Kolkata today and criticized BAMCEF leadership in New Delhi, which according to him, is messing up with Nepalese indigenous peoples also.
He also flayed MP Jay Narayan Prasad Nishad, who recently offered a Puja in his New Delhi home for Narendra Modi's victory in 2014.]
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT
THE HIMALAYAN TALK: PALSH BISWAS FLAYS SOUTH ASIAN GOVERNM
Palash Biswas, lashed out those 1% people in the government in New Delhi for failure of delivery and creating hosts of problems everywhere in South Asia.
http://youtu.be/lD2_V7CB2Is
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE
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http://youtu.be/j8GXlmSBbbk
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