---------- Forwarded message ----------
From: NAPM India <napmindia@napm-india.org>
Date: 2013/3/10
Subject: [initiative-india] 9 मार्च : मुम्बई-दिल्ली संघर्ष यात्रा ने रायगढ़ व कर्ला के संघर्ष को समर्थन दिया
To:
मुम्बई-दिल्ली काॅरीडोर विरोधी संघर्ष यात्रा आज दूसरे दिन रायगढ़ व कार्ला, पंहुची। जहंा जागतिकिकरण विरोधी कृति समिति द्वारा मानगांव ताल्लुका में सभा का आयोजन किया गया। सभा में पंहुचे जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय और अन्य संगठनो का स्वागत करते हुये उल्का महाजन ने कहा की वर्षो के लम्बे विरोध संघर्ष के बाद हमने सेज जैसी परियोजनाआंे को रद्द कराया। अब डीएमआईसी में उन्ही सबको वापिस लाया जा रहा है। मानगांव, रोहा और ताला ताल्लुका के 69 गांवों के 9715 परिवारों को भूमिअधिग्रहण का नोटिस मिला है। कुल 24,207 एकड़ जमीन महाराष्ट्र औद्योगिक विकास कानून (एमआईडीए) के तहत ली जा रही है। 1985 से अब तक एमआईडीए के तहत 2,000 हेक्टेयर जमीन ली जा चुकी है जो कि जिंदल और अन्य कंपनियों को दी गई है। एमआईडीए अब तक 13 लाख एकड़ जमीन पिछले 50 सालों मे ले चुका है। एमआईडीए 1894 के भूमिअधिग्रहण कानून से भी ज्यादा भयानक है।
यह ध्यान देने की बात है कि भूमिअधिग्रहण का नोटिस एसडीओ द्वारा दिया गया है जिसके पास 50,000 रुपये तक की कीमत की भूमि को अधिग्रहित करने का अधिकार है। जबकि एमआईडीए की ही अधिसूचना के अनुसार भी यहंा भूमि का दाम 40 लाख प्रति एकड़ है। सर्वहारा जन आंदोलन ने जबरन भूअधिग्रहण को चुनौति देने का निर्णय किया है।
मेधापाटकर ने सभा में कहा की यह संघर्ष यात्रा डीएमआईसी के विस्तृत क्षेत्र में चल रहे संघर्षों को जोड़ने का एक प्रयास है। चूंकि यह लोगो द्वारा लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई ग्राम सभाओं और पंचायतों के अधिकारों पर हमला है। लम्बे संघर्षो से पाई आजादी और प्रजातांत्रिक अधिकारो का क्या होगा? जब औद्योगिक शहरों के विकास के नाम पर होने वाला जबरी भूअधिग्रहण मात्र रीयल स्टेट का विकास करेगा और भूमि की लूट करेगा। ये सब समृद्धि नही वरन् विनाश ही लायेगा।
एनएपीएम की राष्ट्रीय समंवयक सुनिति सु. र. ने कहा कि रायगढ़ में पहले से ही बहुत उद्योग है पर आदिवासियों को आजतक कोई लाभ नही हुआ है। रिलायंस सेज के लिये 1700 हेक्टेयर जमीन ली गई। परियोजना रद्द होने के बाद भी वो जमीन लोगो को वापिस नही मिली वरन् रीयल स्टेट को बेच दी गई। ये परियोजनायें मात्र भूमि को जबरदस्ती आदिवासियों से लूटते है जैसा की लवासा हिल सिटी में दिखाई देता है।
संघर्ष यात्रा रायगढ़ के बाद कर्ला लोनावाला पंहुची जहंा एकवीरा बचाओं आंदोलन ने लोनावाला शहर में उसका स्वागत किया। यात्रियों ने बाबा साहेब अंबेडकर, ज्योतिबा फुले और शिवाजी की मूर्तियों को माला पहनाकर आदर दिया। जहंा एकवीरा बचाओं आंदोलन के लम्बे संघर्ष के कारण महिन्द्रा का सेज नही हो सका था। अब वही भूमि डीएमआईसी में जबरदस्ती ली जा रही है। प्रसाद वागवे ने कहा की सेज का हटाया पर अभी भी प्रशासन ने उसके लिये जो चिन्ह लगाये थे उन्हे नही हटाया गया है। क्या हम लोकतंत्र में रहते है?
संघर्ष यात्रा को लोगो का बहुत बड़ा समर्थन मिला है चूंकि हम विकास के नाम पर परियोजनाओं और योजनाबद्ध विनाश की बात उठा रहे है। डीएमआईसी में कुल मिलाकर जानेवाली भूमि का 70 प्रतिशत कृषि का है और 10 प्रतिशत दूसरी तरह की भूमि जो कि देश को 50 प्रतिशत अनाज देती है। 12 निवेश क्षेत्रो और 12 औद्योगिक क्षेत्रो के लिये बड़े स्तर पर होने वाला जबरी भूअधिग्रहण ना केवल देश की खाद्य सुरक्षा पर असर डालेगा वरन् देश की दूसरी जमीनों पर, पानी पर, जगंल पर अतिरिक्त दवाब बनायेगा। हम इसे नही होने देंगे।
हम लडे़गे - हम जीतेंगे
लिंगराज आजाद, कमला यादव, अनवरी बी, संतोष, सुमित वजाले, मिलिंद च., युवराज, सीला महापात्र, मधुरेश
पुनश्चः संघर्ष यात्रा 10 मार्च को धुले, नंदुरबार-साकरी पुंहुचेगी।
अभियान संपर्कः-मधुरेश-9818905316
--
National Alliance of People's Movements
National Office : 6/6, Jangpura B, Mathura Road, New Delhi 110014
Phone : 011 26241167 / 24354737 Mobile : 09818905316
Web : www.napm-india.org
--
You received this message because you are subscribed to the Google Groups "Initiative India" group.
To unsubscribe from this group and stop receiving emails from it, send an email to initiative-india+unsubscribe@googlegroups.com.
To post to this group, send email to initiative-india@googlegroups.com.
Visit this group at http://groups.google.com/group/initiative-india?hl=en.
For more options, visit https://groups.google.com/groups/opt_out.
From: NAPM India <napmindia@napm-india.org>
Date: 2013/3/10
Subject: [initiative-india] 9 मार्च : मुम्बई-दिल्ली संघर्ष यात्रा ने रायगढ़ व कर्ला के संघर्ष को समर्थन दिया
To:
जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय
------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
प्रेस विज्ञप्तिः कर्ला, लोनावाला से 9 मार्च.....................( प्रेस विज्ञप्ति संलगन भी है ) मुम्बई-दिल्ली संघर्ष यात्रा ने रायगढ़ व कर्ला के संघर्ष को समर्थन दिया
मुम्बई-दिल्ली काॅरीडोर विरोधी संघर्ष यात्रा आज दूसरे दिन रायगढ़ व कार्ला, पंहुची। जहंा जागतिकिकरण विरोधी कृति समिति द्वारा मानगांव ताल्लुका में सभा का आयोजन किया गया। सभा में पंहुचे जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय और अन्य संगठनो का स्वागत करते हुये उल्का महाजन ने कहा की वर्षो के लम्बे विरोध संघर्ष के बाद हमने सेज जैसी परियोजनाआंे को रद्द कराया। अब डीएमआईसी में उन्ही सबको वापिस लाया जा रहा है। मानगांव, रोहा और ताला ताल्लुका के 69 गांवों के 9715 परिवारों को भूमिअधिग्रहण का नोटिस मिला है। कुल 24,207 एकड़ जमीन महाराष्ट्र औद्योगिक विकास कानून (एमआईडीए) के तहत ली जा रही है। 1985 से अब तक एमआईडीए के तहत 2,000 हेक्टेयर जमीन ली जा चुकी है जो कि जिंदल और अन्य कंपनियों को दी गई है। एमआईडीए अब तक 13 लाख एकड़ जमीन पिछले 50 सालों मे ले चुका है। एमआईडीए 1894 के भूमिअधिग्रहण कानून से भी ज्यादा भयानक है।
यह ध्यान देने की बात है कि भूमिअधिग्रहण का नोटिस एसडीओ द्वारा दिया गया है जिसके पास 50,000 रुपये तक की कीमत की भूमि को अधिग्रहित करने का अधिकार है। जबकि एमआईडीए की ही अधिसूचना के अनुसार भी यहंा भूमि का दाम 40 लाख प्रति एकड़ है। सर्वहारा जन आंदोलन ने जबरन भूअधिग्रहण को चुनौति देने का निर्णय किया है।
मेधापाटकर ने सभा में कहा की यह संघर्ष यात्रा डीएमआईसी के विस्तृत क्षेत्र में चल रहे संघर्षों को जोड़ने का एक प्रयास है। चूंकि यह लोगो द्वारा लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई ग्राम सभाओं और पंचायतों के अधिकारों पर हमला है। लम्बे संघर्षो से पाई आजादी और प्रजातांत्रिक अधिकारो का क्या होगा? जब औद्योगिक शहरों के विकास के नाम पर होने वाला जबरी भूअधिग्रहण मात्र रीयल स्टेट का विकास करेगा और भूमि की लूट करेगा। ये सब समृद्धि नही वरन् विनाश ही लायेगा।
एनएपीएम की राष्ट्रीय समंवयक सुनिति सु. र. ने कहा कि रायगढ़ में पहले से ही बहुत उद्योग है पर आदिवासियों को आजतक कोई लाभ नही हुआ है। रिलायंस सेज के लिये 1700 हेक्टेयर जमीन ली गई। परियोजना रद्द होने के बाद भी वो जमीन लोगो को वापिस नही मिली वरन् रीयल स्टेट को बेच दी गई। ये परियोजनायें मात्र भूमि को जबरदस्ती आदिवासियों से लूटते है जैसा की लवासा हिल सिटी में दिखाई देता है।
संघर्ष यात्रा रायगढ़ के बाद कर्ला लोनावाला पंहुची जहंा एकवीरा बचाओं आंदोलन ने लोनावाला शहर में उसका स्वागत किया। यात्रियों ने बाबा साहेब अंबेडकर, ज्योतिबा फुले और शिवाजी की मूर्तियों को माला पहनाकर आदर दिया। जहंा एकवीरा बचाओं आंदोलन के लम्बे संघर्ष के कारण महिन्द्रा का सेज नही हो सका था। अब वही भूमि डीएमआईसी में जबरदस्ती ली जा रही है। प्रसाद वागवे ने कहा की सेज का हटाया पर अभी भी प्रशासन ने उसके लिये जो चिन्ह लगाये थे उन्हे नही हटाया गया है। क्या हम लोकतंत्र में रहते है?
संघर्ष यात्रा को लोगो का बहुत बड़ा समर्थन मिला है चूंकि हम विकास के नाम पर परियोजनाओं और योजनाबद्ध विनाश की बात उठा रहे है। डीएमआईसी में कुल मिलाकर जानेवाली भूमि का 70 प्रतिशत कृषि का है और 10 प्रतिशत दूसरी तरह की भूमि जो कि देश को 50 प्रतिशत अनाज देती है। 12 निवेश क्षेत्रो और 12 औद्योगिक क्षेत्रो के लिये बड़े स्तर पर होने वाला जबरी भूअधिग्रहण ना केवल देश की खाद्य सुरक्षा पर असर डालेगा वरन् देश की दूसरी जमीनों पर, पानी पर, जगंल पर अतिरिक्त दवाब बनायेगा। हम इसे नही होने देंगे।
हम लडे़गे - हम जीतेंगे
लिंगराज आजाद, कमला यादव, अनवरी बी, संतोष, सुमित वजाले, मिलिंद च., युवराज, सीला महापात्र, मधुरेश
पुनश्चः संघर्ष यात्रा 10 मार्च को धुले, नंदुरबार-साकरी पुंहुचेगी।
अभियान संपर्कः-मधुरेश-9818905316
--
===============================================
National Office : 6/6, Jangpura B, Mathura Road, New Delhi 110014
Phone : 011 26241167 / 24354737 Mobile : 09818905316
Web : www.napm-india.org
Facebook : www.facebook.com/NAPMindia
Twitter : @napmindia
You received this message because you are subscribed to the Google Groups "Initiative India" group.
To unsubscribe from this group and stop receiving emails from it, send an email to initiative-india+unsubscribe@googlegroups.com.
To post to this group, send email to initiative-india@googlegroups.com.
Visit this group at http://groups.google.com/group/initiative-india?hl=en.
For more options, visit https://groups.google.com/groups/opt_out.
No comments:
Post a Comment