---------- Forwarded message ----------
From: Rajiv Yadav <rajeev.pucl@gmail.com>
Date: 2013/3/10
Subject: HINDI/URDU- RIHAI MANCH PUMPHLETE- रघुराज को जेल भेजो वर्ना गद्दी छोड़ दो! सपाई गुंडा राज के खिलाफ, ये जंग जरुर जीतें!!
To: rajiv yadav <rajeev.pucl@gmail.com>
From: Rajiv Yadav <rajeev.pucl@gmail.com>
Date: 2013/3/10
Subject: HINDI/URDU- RIHAI MANCH PUMPHLETE- रघुराज को जेल भेजो वर्ना गद्दी छोड़ दो! सपाई गुंडा राज के खिलाफ, ये जंग जरुर जीतें!!
To: rajiv yadav <rajeev.pucl@gmail.com>
रघुराज को जेल भेजो वर्ना गद्दी छोड़ दो!
सपाई गुंडा राज के खिलाफ, ये जंग जरुर जीतें!!
दोस्तों,
सीओ जिया उल हक की हत्या ने साफ कर दिया है कि सपा के जंगल राज में सिर्फ
आम आदमी ही नहीं ईमानदार पुलिस अधिकारी भी सुरक्षित नहीं हैं और सरकार
जनता के प्रति वफादार होने के बजाय सदियों से शोषितों का खून चूसने वाले
सामंतवाद के प्रतीक रघुराज प्रताप सिंह जैसे आदमखोरों के लिए काम कर रही
है। इस हत्या कांड में मारे गये ग्राम प्रधान नन्हें यादव और सुरेश यादव
के परिजनों और जिया उल हक की विधवा परवीन आजाद के बार-बार कहने के बावजूद
कि उनके पति की हत्या रघुराज प्रताप के इशारे पर हुई है सरकार उसे
गिरफ्तार तक नहीं कर रही है।
यहां यह जान लेना भी मौजू होगा कि जिया उल हक आगामी 12 मार्च को पिछले
साल अस्थान, प्रतापगढ़ में रघुराज प्रताप के गुंडों द्वारा किये गये
अल्पसंख्यक विरोधी हिंसा पर हाई कोर्ट में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने
वाले थे। जाहिर है उनकी हत्या के तार अस्थान कांड से भी जुड़े हैं।
इसलिये सिर्फ जिया उल हक की हत्या की ही नहीं अस्थान कांड की भी जांच
सीबीआई से करायी जाये तभी इस हत्या कांड की सच्चाई सामने आएगी।
दोस्तों, यह वही रघुराज है जिसका परिवार सदियों से कमजोर तबके के लोगों
का खून चूस रहा है, चुनावों में गरीबों का वोट जबरन अपने पक्ष में डलवाता
है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वो अपने विरोधियों को पालतू मगरमच्छों
के सामने डाल देता है। लेकिन अपने को समाजवादी कहने वाले मुलायम इस
दरिंदे को कभी सरकार बनते ही जेल से बाहर लाते हैं तो कभी मंत्री बनाकर
इसकी ताजपोशी करते हैं। आज जरुरी हो जाता है कि हम जिया उल हक की विधवा
परवीन आजाद के संघर्ष में शामिल होकर इस दरिंदे को जेल भिजवाने की मुहीम
का हिस्सा बनंे और जिया उल हक की हत्या को गुड़ों की इस सरकार के ताबूत
में अंतिम कील बना दें। आईए, इंसानियत के हक में हम यह जंग जरूर जीतें।
रिहाई मंच
सोशलिस्ट फ्रंट आॅफ इंडिया, इंडियन नेशनल लीग, सोशलिस्ट पार्टी,
राष्ट्रीय मुस्लिम संघर्ष मोर्चा।
संपर्क- 110/60 हरिनाथ बनर्जी स्ट्रीट, लाटूश रोड लखनऊ 9415012666,
9415254919, 9452800752
رگھوراج کو جیل بھجو ورنہ گدی چھوڑ دو!
سپاي غنڈہ راج کے خلاف، یہ جنگ ضرور جیتیں!!
دوستو،،
سی او ضیاء الحق کے قتل نے صاف کر دیا ہے کہ سماج وادی پارٹی کے جنگل راج
میں صرف عام آدمی ہی نہیں ایماندار پولیس افسر بھی محفوظ نہیں ہیں اور
حکومت عوام کے تئیں وفادار ہونے کی بجائے صدیوں سے مظلوموں کا خون چوسنے
والے ظالم جاگیردارانہ نظام کی علامت رگھوراج پرتاپ سنگھ جیسے آدم خوروں
کے لئے کام کر رہی ہے۔ اس خونریز واقعہ میں ہلاک گرام پردھان ننھے یادو
اور سریش یادو کے اہل خانہ اور ضیاء الحق کی بیوہ پروین آزاد کے باربار
کہنے کے باوجود کہ ان کے شوہر کے قتل رگھوراج پرتاپ کے اشارے پر ہوئے ہیں
حکومت اسے گرفتار نہیں کر رہی ہے ۔
یہاں یہ جان لینا بھی ضروری ہے کہ ضیاء الحق آئندہ 12 مارچ کو گزشتہ سال
استھان، پرتاپ گڑھ میں رگھوراج پرتاپ کے غنڈوں کی طرف سے کئے گئے اقلیتی
مخالف تشدد پر ہائی کورٹ میں اپنی رپورٹ پیش کرنے والے تھے۔ ظاہر ہے ان
کے قتل کے تار استھان واقعہ سے بھی جڑے ہیں. اس لئے صرف ضیاء الحق کے قتل
کی ہی نہیں استھان واقعہ کی بھی تحقیقات سی بی آئی سے کرائی جائے تبھی اس
قتل کی حقیقت سامنے آ سکے گی ۔
دوستوں، یہ وہی رگھوراج ہے جس کا خاندان صدیوں سے کمزور طبقے کے لوگوں کا
خون چوس رہا ہے، انتخابات میں غریبوں کا ووٹ جبرا اپنے حق میں ڈلواتا ہے،
جس کے بارے میں کہا جاتا ہے کہ وہ اپنے مخالفین کو پالتو مگرمچھوں کے
سامنے ڈال دیتا ہے ۔ لیکن اپنے آپ کو سماج وادی کہنے والے ملائم اس
خونخوار درندے کو کبھی حکومت بنتے ہی جیل سے باہر لاتے ہیں تو کبھی وزیر
بنا کر اس کی تاج پوشی کرتے ہیں۔ آج ضروری ہو جاتا ہے کہ ہم ضیاء الحق کی
بیوہ پروین آزاد کی جدوجہد میں شامل ہو کر اس درندے کو جیل بھجوانے کی
مهيم کا حصہ بنں اور ضیاء الحق کی شہادت کو غنڈوں کی اس حکومت کے تابوت
میں آخری کیل بنا دیں. آئیے، انسانیت کے حق میں ہم یہ جنگ ضرور جیتیں گے۔
رہائی فورم
سوشلسٹ فرنٹ آف انڈیا، انڈین نیشنل لیگ، سوشلسٹ پارٹی، نیشنل مسلم جدوجہد مورچہ.
رابطہ - 110/60 هرناتھ بنرجی سٹریٹ، لاٹوش روڈ لکھنو 9415012666،
9415254919، 9452800752
सपाई गुंडा राज के खिलाफ, ये जंग जरुर जीतें!!
दोस्तों,
सीओ जिया उल हक की हत्या ने साफ कर दिया है कि सपा के जंगल राज में सिर्फ
आम आदमी ही नहीं ईमानदार पुलिस अधिकारी भी सुरक्षित नहीं हैं और सरकार
जनता के प्रति वफादार होने के बजाय सदियों से शोषितों का खून चूसने वाले
सामंतवाद के प्रतीक रघुराज प्रताप सिंह जैसे आदमखोरों के लिए काम कर रही
है। इस हत्या कांड में मारे गये ग्राम प्रधान नन्हें यादव और सुरेश यादव
के परिजनों और जिया उल हक की विधवा परवीन आजाद के बार-बार कहने के बावजूद
कि उनके पति की हत्या रघुराज प्रताप के इशारे पर हुई है सरकार उसे
गिरफ्तार तक नहीं कर रही है।
यहां यह जान लेना भी मौजू होगा कि जिया उल हक आगामी 12 मार्च को पिछले
साल अस्थान, प्रतापगढ़ में रघुराज प्रताप के गुंडों द्वारा किये गये
अल्पसंख्यक विरोधी हिंसा पर हाई कोर्ट में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने
वाले थे। जाहिर है उनकी हत्या के तार अस्थान कांड से भी जुड़े हैं।
इसलिये सिर्फ जिया उल हक की हत्या की ही नहीं अस्थान कांड की भी जांच
सीबीआई से करायी जाये तभी इस हत्या कांड की सच्चाई सामने आएगी।
दोस्तों, यह वही रघुराज है जिसका परिवार सदियों से कमजोर तबके के लोगों
का खून चूस रहा है, चुनावों में गरीबों का वोट जबरन अपने पक्ष में डलवाता
है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वो अपने विरोधियों को पालतू मगरमच्छों
के सामने डाल देता है। लेकिन अपने को समाजवादी कहने वाले मुलायम इस
दरिंदे को कभी सरकार बनते ही जेल से बाहर लाते हैं तो कभी मंत्री बनाकर
इसकी ताजपोशी करते हैं। आज जरुरी हो जाता है कि हम जिया उल हक की विधवा
परवीन आजाद के संघर्ष में शामिल होकर इस दरिंदे को जेल भिजवाने की मुहीम
का हिस्सा बनंे और जिया उल हक की हत्या को गुड़ों की इस सरकार के ताबूत
में अंतिम कील बना दें। आईए, इंसानियत के हक में हम यह जंग जरूर जीतें।
रिहाई मंच
सोशलिस्ट फ्रंट आॅफ इंडिया, इंडियन नेशनल लीग, सोशलिस्ट पार्टी,
राष्ट्रीय मुस्लिम संघर्ष मोर्चा।
संपर्क- 110/60 हरिनाथ बनर्जी स्ट्रीट, लाटूश रोड लखनऊ 9415012666,
9415254919, 9452800752
رگھوراج کو جیل بھجو ورنہ گدی چھوڑ دو!
سپاي غنڈہ راج کے خلاف، یہ جنگ ضرور جیتیں!!
دوستو،،
سی او ضیاء الحق کے قتل نے صاف کر دیا ہے کہ سماج وادی پارٹی کے جنگل راج
میں صرف عام آدمی ہی نہیں ایماندار پولیس افسر بھی محفوظ نہیں ہیں اور
حکومت عوام کے تئیں وفادار ہونے کی بجائے صدیوں سے مظلوموں کا خون چوسنے
والے ظالم جاگیردارانہ نظام کی علامت رگھوراج پرتاپ سنگھ جیسے آدم خوروں
کے لئے کام کر رہی ہے۔ اس خونریز واقعہ میں ہلاک گرام پردھان ننھے یادو
اور سریش یادو کے اہل خانہ اور ضیاء الحق کی بیوہ پروین آزاد کے باربار
کہنے کے باوجود کہ ان کے شوہر کے قتل رگھوراج پرتاپ کے اشارے پر ہوئے ہیں
حکومت اسے گرفتار نہیں کر رہی ہے ۔
یہاں یہ جان لینا بھی ضروری ہے کہ ضیاء الحق آئندہ 12 مارچ کو گزشتہ سال
استھان، پرتاپ گڑھ میں رگھوراج پرتاپ کے غنڈوں کی طرف سے کئے گئے اقلیتی
مخالف تشدد پر ہائی کورٹ میں اپنی رپورٹ پیش کرنے والے تھے۔ ظاہر ہے ان
کے قتل کے تار استھان واقعہ سے بھی جڑے ہیں. اس لئے صرف ضیاء الحق کے قتل
کی ہی نہیں استھان واقعہ کی بھی تحقیقات سی بی آئی سے کرائی جائے تبھی اس
قتل کی حقیقت سامنے آ سکے گی ۔
دوستوں، یہ وہی رگھوراج ہے جس کا خاندان صدیوں سے کمزور طبقے کے لوگوں کا
خون چوس رہا ہے، انتخابات میں غریبوں کا ووٹ جبرا اپنے حق میں ڈلواتا ہے،
جس کے بارے میں کہا جاتا ہے کہ وہ اپنے مخالفین کو پالتو مگرمچھوں کے
سامنے ڈال دیتا ہے ۔ لیکن اپنے آپ کو سماج وادی کہنے والے ملائم اس
خونخوار درندے کو کبھی حکومت بنتے ہی جیل سے باہر لاتے ہیں تو کبھی وزیر
بنا کر اس کی تاج پوشی کرتے ہیں۔ آج ضروری ہو جاتا ہے کہ ہم ضیاء الحق کی
بیوہ پروین آزاد کی جدوجہد میں شامل ہو کر اس درندے کو جیل بھجوانے کی
مهيم کا حصہ بنں اور ضیاء الحق کی شہادت کو غنڈوں کی اس حکومت کے تابوت
میں آخری کیل بنا دیں. آئیے، انسانیت کے حق میں ہم یہ جنگ ضرور جیتیں گے۔
رہائی فورم
سوشلسٹ فرنٹ آف انڈیا، انڈین نیشنل لیگ، سوشلسٹ پارٹی، نیشنل مسلم جدوجہد مورچہ.
رابطہ - 110/60 هرناتھ بنرجی سٹریٹ، لاٹوش روڈ لکھنو 9415012666،
9415254919، 9452800752
No comments:
Post a Comment