किश्तों पर बकरा हलाल!अब फिर बढ़ेंगे डीजल, रसोई गैस और केरोसीन!
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
बुधवार को रेल किराए में बढ़ोत्तरी के ऐलान के बाद अब डीजल और रसोई गैस की कीमतों में भी इजाफा हो सकता है ! पेट्रोलियम मंत्रालय ने डीजल, रसोई गैस और केरोसीन के दाम बढ़ाने का नया खाका तैयार करके एक नोट जारी किया है। सूत्रों के मुताबिक इस नोट में ईंधन के दाम किश्तों में बढ़ाए जाने का प्रस्ताव है। साथ ही सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डीजल के थोक खरीदारों के लिए आज दाम बढ़ने के आसार हैं।पढ़े लिखे लोग भी आधार कार्ड को लेकर झूम रहे हैं। नकद सब्सिडी का मतलब सब्सिडी खत्म कराना ही नहीं तमाम नागरिक अधिकारों से बेदखली, लगों को यह बात समझ में नहीं आ रहा है। संसद सत्र के वक्त कभी सिविल सोसाइटी की लीला जंतर मंतर पर तो कभी बलात्कार विरोधी पुरुषतांत्रिक जिहाद में सत्रावसान। अब सीमा पर संकट है। भारत पाक घमासान क्रिकेट होकर सीमातनाव के उत्कर्ष पर है। आइटम थीम की थ्रीजी फोर जी बहार है। अब आईपीएल कार्निवाल शुरु होने ही वाला है। नीति निर्धारण की आड़ बहुत है। कसाई कारपोरेट छुरियां तैयार हैं और बकरे भी किश्तों परपर गला रेंतवाने के लिए पांत में खड़े हैं। क्या खूब है कि सुऱ्खियों में दस साल बाद रेल किराया बढ़ाये जाने की धूम है तो तेल कीमतों की किश्तें गिनेगा कौन माई का लाल! पेट्रोलियम मंत्रालय ने डीजल के दाम तीन से लेकर 4.50 रुपये प्रति लिटर तथा रसोई गैस के दाम में 100 रुपये प्रति सिलेंडर वृद्धि का प्रस्ताव किया है। मंत्रालय ने इसके साथ ही सब्सिडी पर मिलने वाले सिलेंडर की संख्या मौजूदा छह से बढ़ाकर नौ सिलेंडर सालाना करने का भी सुझाव रखा है। मंत्रालय ने इस आशय का एक नोट केंद्रीय मंत्रिमंडल के विचारधीन भेजा है। इसमें पेट्रोल, डीजल तथा रसोई गैस आदि को लागत से कम कीमत पर बेचे जाने के कारण होने वाले 1,60,000 करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई के लिए विकल्पों का प्रस्ताव किया गया है।
केलकर कमेटी की सिफ़ारिशों पर गौर फरमा रही है। इस मामले में सरकार को अभी आखिरी निर्णय लेना है। केलकर कमेटी साल 2014 तक डीजल से पूरी तरह नियंत्रण हटाने पर विचार कर रही है।सरकार के फिस्कल कॉन्सॉलिडेशन पर केलकर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सभी तरह की सब्सिडी तुरंत खत्म करने की सिफारिश की है।कमेटी ने कहा है कि सरकार ने जल्द एक्शन नहीं लिया तो वित्त वर्ष 2013 में वित्तीय घाटा 6.1 फीसदी तक पहुंचने की आशंका है। कमेटी के मुताबिक एलपीजी के दाम 50 रुपये प्रति सिलिंडर तुरंत बढाए जाए। साथ ही, केरोसीन के दाम भी 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ाने जाने की कमेटी ने वकालत की है।केलकर कमेटी ने कहा यूरिया के दाम भी तुरंत बढ़ाने की जरूरत है। इसके अलावा वित्त वर्ष 2014 तक डीजल पर सब्सिडी खत्म होनी चाहिए। वित्त वर्ष 2015 तक उसने एलपीजी सब्सिडी भी खत्म करने की सिफारिश की है।इसके आलावा कमेटी ने केरोसीन पर दी जाने वाली सब्सिडी भी एक तिहाई तक घटाए जाने की सिफारिश की है। विनिवेश को लेकर केलकर कमेटी का एसयूयूटीआई, बाल्को, हिंदुस्तान जिंक में हिस्सा बेचने का भी सुझाव है।
नोट के मुताबिक इस साल मार्च तक डीजल के दाम 3 से 4.5 रुपये प्रति लीटर बढ़ाए जाने का प्रस्ताव है। इसके बाद अप्रैल से हर महीने 1 रुपये लीटर की बढ़ोतरी की जाए।
इसी तरह रसोई गैस दो बार में 50-50 रुपये प्रति सिलिंडर महंगी करने का प्रस्ताव है। हालांकि सब्सिडी पर दिए जाने वाले सिलिंडरों की संख्या 6 से बढ़ाकर 9 कर दी जाएगी।
मालूम हो कि राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित 57वीं राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) की बैठक का उद्घाटन करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा था देश में ईंधन के दाम कम हैं। कोयला, पेट्रोलियम पदार्थों और प्राकृतिक गैस सभी के दाम उनकी अंतरराष्ट्रीय कीमतों के मुकाबले कम हैं। कुछ खास उपभोक्ताओं के लिये बिजली की प्रभावी दर भी कम रखी गई है।मनमोहन सिहं ने पेट्रोलियम पदार्थों, कोयला और बिजली के दाम धीरे-धीरे बढ़ाने की मजबूत पैरवी करते हुए कहा कि इन पर दी जाने वाली सरकारी सहायता पर यदि अंकुश नहीं लगाया गया, तो इसका असर जनकल्याण की योजनाओं पर पड़ सकता है।उन्होंने पेट्रोलियम पदार्थों और दूसरे उर्जा साधनों के दाम बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा इनके दाम में अंतर की भरपाई के लिए एक झटके में दाम बढ़ाना उचित नहीं होगा, मैं इसे समझता हूं, लेकिन धीरे धीरे इनमें समायोजन करना जरुरी है।मनमोहन ने विभिन्न क्षेत्रों में दी जा रही सरकारी सहायता को नियंत्रित करने पर काफी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय की दृष्टि से कुछ सब्सिडी रखना जरूरी है, लेकिन सब्सिडी व्यवस्था सुविचारित और इसका लाभ उन्हीं लोगों तक सीमित रखा जाए जो उसके पात्र हों। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि सब्सिडी की मात्रा भी वित्तीय क्षमता के दायरे में होनी चाहिए।
अब इसी पर अमल किया जा रहा है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सरकार जल्द ही डीजल पर हर महीने प्रति लीटर एक रुपए की बढ़ोत्तरी अगले 10 महीने तक और रसोई गैस के दाम में 50 से 100 रुपए का इजाफा कर सकती है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि तेल आयात पर होने वाला खर्च भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा बोझ है। नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान 2020 के लांच समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में पेट्रोलियम उत्पाद की कुल जरूरत के 80 फीसदी का आयात किया जाता है।उन्होंने कहा कि तेल की ऊंची अंतरराष्ट्रीय कीमतें देश के आयात खर्च और व्यापार घाटा, महंगाई में बड़ी भूमिका निभाती है और इस तरह हमारी अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा बोझ साबित हो रही है। परिवहन क्षेत्र की तेल पर निर्भरता कम करने के लिए प्रधानमंत्री ने बिजली से चलने वाले या हाइब्रिड वाहनों के विकास की जरूरत पर जोड़ दिया।प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में ऊर्जा की खपत में 30 फीसदी भूमिका परिवहन क्षेत्र निभाती है। इनमें तीन चौथाई हिस्सेदारी सड़क मार्ग पर चलने वाले वाहनों की होती है। दुनिया भर में परिवहन साधनों के लिए प्राथमिक ऊर्जा स्रोत में तेल की 95 फीसदी हिस्सेदारी होती है। प्रधानमंत्री ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमईएम) भी लांच की।
लोगों को नाराज किए बगैर सब्सिडी में कटौती करने के लिए सरकार अब खास पहचान पत्र आधार नंबर के इस्तेमाल को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देगी।आम लोगों तक सस्ते में अनाज देना। रसोई गैस आधी कीमत पर पहुंचाना। पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप और बुढ़ापे में पेंशन के जरिये मदद करना। गरीबों के लिए सरकार ये सारी स्कीमें तो जारी रखेगी। लेकिन सब्सिडी होने वाला भारी भरकम खर्च अब बर्दाश्त नहीं करना चाहती है।ऐसे में सरकार के लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल ही एकमात्र रास्ता नजर आ रहा है। क्योंकि अगर सिर्फ राशन की मिसाल लें तो आधार नंबर के इस्तेमाल से सब्सिडी में 15 फीसदी की कमी देखी गई है। इसलिए इसे बढ़ावा देने की हर कोशिश में सरकार जुट गई है।
फिलहाल राशन की दुकानों, नरेगा, स्कॉलरशिप और पेंशन में आधार इस्तेमाल के लिए शुरू किया गया पायलट प्रोजेक्ट सफल हो गया है। यहां लोगों को सीधे नकद सब्सिडी भी मिलने लगी है। फिलहाल करीब 20 जिले के 90 फीसदी हिस्से में ये सफलतापूर्वक काम कर रहा है। अब अगले 3 महीनों में इसे 50 जिलों तक फैलाया जाएगा। अगले साल जून तक मध्यप्रदेश में और नवंबर तक कर्नाटक में इसे पूरी तरह लागू होने की संभावना है।
फिलहाल करीब 20 करोड़ लोगों को आधार नंबर दिया जा चुका है। हालांकि वित्त मंत्रालय ने सभी राज्यों से आधार को लागू करने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा है। ताकि इसे जल्द से जल्द पूरी तरह लागू किया जा सके।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा है कि केरोसीन के दाम मार्च 2015 तक हर महीने 35 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए जाने चाहिए। वित्त मंत्रालय ने सब्सिडी पर दिए जाने वाले ज्यादा एलपीजी सिलिंडरों के घाटे का बोझ उठाने से मना कर दिया था। इसके बाद पेट्रोलियम मंत्रालय ने ये सारी कवायद की है। ताकि सरकार को हो रहे 1,60,000 करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई की जा सके।
देश के सभी बीपीएल परिवारों को एलपीजी गैस कनेक्शन खरीदने के लिए एक सिलेंडर और रेगुलेटर की जमा राशि सरकार देगी। सरकार राजीव गांधी ग्रामीण एलपीजी वितरण योजना के तहत बीपीएल परिवारों को सहायता राशि दे रही है। पर यह सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित है और इसका खर्च तेल कंपनियां सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के फंड से वहन करती हैं।पेट्रोलियम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नई योजना में शहर और गांव में रहने वाले सभी बीपीएल परिवार भी शामिल होंगे। बीपीएल परिवारों को गैस कनेक्शन लेने पर सिर्फ गैस की कीमत देनी होगी। सिलेंडर वेे १४५० रूपये और रेगुलेटर के १५० रूपये सरकार देगी। दिल्ली सहित १३ राज्य सरकार अपने स्तर पर बीपीएल परिवारों को एलपीजी कनेक्शन देने योजना चला रही है। पेट्रोलियम मंत्रालय का कहना है कि इन योजनाओं के तहत दिसंबर तक करीब ७५ लाख परिवारों को गैस कनेक्शन जारी किए गए हैं। उपभोक्ता मामले एवं खाद्य मंत्रालय के वर्ष २००० के आंकड़ों के मुताबिक, देश में परिवार बीपीएल के दायरे में आते हैं।
बीपीसीएल के सीएमडी आर के सिंह का कहना है कि थोक डीजल का कुल कारोबार में 10 फीसदी हिस्से का योगदान है। थोक डीजल डीरेगुलेट होने से 2,300 करोड़ रुपये की बचत होगी। डीजल थोक कारोबार का इंडियन ऑयल सबसे बड़ा खिलाड़ी है।
आर के सिंह के मुताबिक ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी से तेल कंपनियों की नकदी की स्थिति में सुधार होगा। थोक डीजल की बिक्री में आईओसी का 20 फीसदी और बीपीसीएल तथा एचपीसीएल का 10 फीसदी हिस्सा है। डीजल पर फिलहाल 9-10 रुपये प्रति लीटर, केरोसिन पर 30 रुपये प्रति लीटर और एलपीजी पर 500 रुपये प्रति सिलेंडर का घाटा उठाना पड़ रहा है।
रेलवे, राज्य सड़क परिवहन कंपनियां, डीजल पावर प्लांट, टेलिकॉम टावर, खदानें और सरकारी कंपनियां डीजल की थोक खरीदार हैं। अभी इन सबको सब्सिडी वाले डीजल से कम भाव पर डीजल मिलता है। थोक खरीदारों के लिए डीजल का भाव बढ़ने से तेल कंपनियों का घाटा 12,907 करोड़ रुपये तक कम हो जाएगा। देश में कुल डीजल खपत का 23 फीसदी बड़े खरीदार करते हैं।
ऑयल सेक्टर के एक्सपर्ट डॉ किरीट पारेख का कहना है कि सरकार को डीजल को तुरंत डी-कंट्रोल करने की जरूरत है। हालांकि बल्क डीजल को बाजार भाव पर बेचने से कुछ खास असर नहीं पड़ेगा। बल्क डीजल को बाजार भाव पर बेचने से गड़बड़ियां बढ़ने की आशंका है।
किरीट पारेख के मुताबिक हर महीने डीजल की कीमतें बढ़ाने से सरकार को राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। डीजल गाड़ियों पर टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव एक उचित उपाय माना जा सकता है। सरकार को डीजल और पेट्रोल की कीमतों में अंतर को कम या खत्म करने की जरूरत है।
ईआईएल विनिवेश को सरकार की हरी झंडी
सीसीईए ने सरकारी कंपनी इंजीनियर्स इंडिया में विनिवेश को हरी झंडी दे दी है। सरकार ने इंजीनियर्स इंडिया में 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दे दी है।
सरकार की इंजीनियर्स इंडिया में अभी 80 फीसदी हिस्सेदारी है। वित्त मंत्री पी चिदंबरम का कहना है कि ऑफर फॉर सेल के जरिए ईआईएल का विनिवेश मुश्किल है। लिहाजा एफपीओ के जरिए ईआईएल का विनिवेश किया जा सकता है।
हालांकि सीसीईए की बैठक में स्कूटर्स इंडिया के रिवाइवल प्लान पर कोई चर्चा नहीं हुई है। साथ ही कैबिनेट की बैठक में डीजल और एलपीजी की कीमतें बढ़ाने पर कोई चर्चा नहीं हुई है।
सरकार की तरफ से सरकारी बैंकों के लिए 12,200 करोड़ रुपये के रीकैपिटलाइजेशन प्लान को भी मंजूरी मिल गई है। माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले का फायदा स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक और सेंट्रल बैंक को होगा।
कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि पीएसयू बैंकों के लिए 12,517 करोड़ रुपये के रीकैपिटलाइजेशन प्लान को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। बैंकों को बीपीएल परिवारों को 4 फीसदी ब्याज पर 20,000 करोड़ रुपये का कर्ज देना होगा। जल्द ही उन बैंकों के नाम का ऐलान होगा जिनमें पूंजी डाली जाएगी। 9-10 बैंकों में पूंजी डालने का ऐलान हो सकता है।
पी चिदंबरम ने बताया कि ईआईएल में 10 फीसदी विनिवेश को कैबिनेट से मंजूरी दी गई है। ईआईएल के विनिवेश से 800 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की योजना है।
सिलेंडर के लिए जरूरी है 'केवाईसी प्रक्रिया'
एलपीजी कनेक्शन के लिए चल रही केवाईसी की प्रक्रिया बंद हो गई है। ऐसे में जिन लोगों ने केवाईसी की प्रक्रिया नहीं पूरी की है उन्हें वेरिफिकेशन नहीं कराने तक लगभग 3 गुना दाम पर सिलेंडर खरीदना पड़ेगा। हालांकि केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं करने वाले उपभोक्ताओं के कनेक्शन अब ब्लॉक नहीं किए जाएंगे।
तेल कंपनियों ने अधिकारिक तौर पर 'नो योर कस्टमर' यानी केवाईसी की प्रक्रिया 31 दिसंबर को खत्म कर दी है। ऐसे में अगर आपने केवाईसी की प्रक्रिया नहीं पूरी की है तो अब आपको सिलिंडर के लिए बाजार रेट पर कीमत चुकानी पड़ेगी।
ब्लॉक नहीं होगा कनेक्शन
हालांकि आपका कनेक्शन केवाईसी पूरा नहीं होने की वजह से अब ब्लॉक नहीं किया जाएगा। इससे पहले केवाईसी की प्रक्रिया नहीं कराने वाले उपभोक्ताओं के कनेक्शन ब्लॉक करने की चेतावनी दी गई थी। तेल कंपनियों की तरफ से एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स को दिए गए निर्देश के मुताबिक, ऐसे उपभोक्ताओं को बाजार रेट यानी एग्जेम्पटेड कैटेगरी के सिलेंडर देने को कहा गया है। जिसकी मौजूदा कीमत 1120 रुपये है।हालांकि तेल कंपनियों का कहना है कि जिन ग्राहकों ने केवाईसी फार्म भर दिया है लेकिन उनकी प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हुई है उन्हें सिलेंडर पर सब्सिडी का फायदा दिया जाएगा।
4 कैटेगरी में मिलते हैं गैस सिलेंडर
फिलहाल इस समय एलपीजी सिलेंडर 4 कैटेगरी में दिए जा रहे हैं। जिनमें इस कारोबारी साल तक सब्सिडी वाले 3 सिलेंडर जिनकी दिल्ली में कीमत 41..50 रुपये, बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत 895.50 रुपये, एग्जेम्पटेड कैटेगरी के सिलेंडर की कीमत 1120 रुपये और कमर्शियल सिलेंडर की कीमत 1570.50 रुपये प्रति सिलेंडर है। हालांकि एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स का कहना है कि अधिकारिक तौर पर केवाईसी प्रक्रिया का विस्तार नहीं किया गया है लेकिन ग्राहकों के वेरिफिकेशन की प्रक्रिया जारी रहेगी।
ग्राहक को हाथों-हाथ सिलेंडर देने की कोशिश
सरकार एलपीजी सिलेंडरों की डिलिवरी दुरुस्त करने के लिए भारी बदलाव करने जा रही है। अब सिलेंडर के लिए इंजतार नहीं होगा, हाथोंहाथ सिलेंडर मिलेगा और सिलेंडर के केवल 2 ही दाम होंगे। सूत्रों का कहना है कि अब सिलेंडर के लिए 1 दिन भी इंतजार नहीं करना होगा। वहीं सरकार घरेलू और कमर्शियल सिलेंडर एक ही दाम पर देने का विचार कर रही है। इन तमाम प्रस्तावों को लेकर पेट्रोलियम और वित्त मंत्रालय के बीच बातचीत का दौर जारी है। सूत्रों के मुताबिक अब सिलेंडर बुकिंग के साथ ही डिलिवरी मिल जाएगी। इस योजना को अमल में लाने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय की तेल कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है।
एलपीजी सिलेंडर के दाम समान रखने की कोशिश
सूत्रों की मानें तो सरकार के इस फैसले से एलपीजी सिलेंडर के अब 2 ही दाम होंगे। सरकार के इस कदम से सिलेंडर की कालाबाजारी रोकने में मदद मिलेगी। साथ ही घरेलू और कमर्शियल सिलेंडर पर एक्साइज की दर एक समान रखने का भी प्रस्ताव है। सिलेंडरों की डिलिवरी समय पर हो इसके लिए जल्द ही 5,000 नए एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर नियुक्त किए जाएंगे।
सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर लेने के ये हैं नए नियम!
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री पनाबाका लक्ष्मी ने एलपीजी (आपूर्ति और वितरण का विनियमन) आदेश, 2000 के अंतर्गत प्रावधानों के अनुसार एक आवासीय इकाई में पति, पत्नी,अविवाहित बच्चों और आश्रित माता-पिता सहित एक साथ रह रहा परिवार, जिसकी एक साझी रसोई हो, परिवार के किसी भी वयस्क सदस्य के नाम पर जारी घरेलू एलपीजी कनेक्शन ले सकता है।
उपर्युक्त शर्त के उल्लंघन में उसी पते पर अलग-अलग नामों पर और उसी नाम और उसी पते पर एक से अधिक एलपीजी कनेक्शन अनुमती नहीं है। तथापि, ऐसे कनेक्शनों को ग्राहक के अनुरोध पर गैर घरेलू छूट प्राप्त श्रेणियों (एनडीईसी) की दरों पर 14.2 कि.ग्राम कनेक्शन में परिवर्तित करने की अनुमति प्रदान की गई है।
उन्होंने स्वीकार किया कि घरेलू इस्तेमाल के लिए एलपीजी के खुदरा मूल्य और वाणिज्यिक एलपीजी के बाजार मूल्य में अंतर होने के कारण कुछ बेईमान तत्वों द्वारा राजसहायता प्राप्त घरेलू एलपीजी सिलेंडरों के कदाचार की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
मंत्री ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि एलपीजी वितरण में कदाचारों को रोकने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां (ओएमसीज) वितरकों के परिसरों का नियमित रूप से औचक निरीक्षण, रीफिल जांच, ग्राहकों के परिसरों पर औचक जांच, सुपुर्दगी वाहनों की मार्गस्थ जांच, औचक गुणवत्ता नियंत्रण जांच करती है, जिसमें वितरकों के गोदामों पर सिलेंडरों का वजन आदि करना शामिल है। एलपीजी वितरकों का किसी कदाचार में दोषी पाए जाने पर विपणन अनुशासन दिशा -निदेशरें (एमडीजी) के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाती है।
तेल वितरण कंपनियों द्वारा की गई कार्रवाई के अतिरिक्त राज्य सरकारों को भी अनिवार्य वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत प्रकाशित एलपीजी (आपूर्ति और वितरण का विनियमन) आदेश, 2000 के अंतर्गत घरेलू एलपीजी की कालाबाजारी के विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए अधिकार दिए गए हैं।
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হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!
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Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!
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In conversation with Palash Biswas
Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg
Save the Universities!
RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!
जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।
#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি
अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास
ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?
Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION!
Published on Mar 19, 2013
The Himalayan Voice
Cambridge, Massachusetts
United States of America
BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7
Published on 10 Mar 2013
ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH.
http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM
http://youtu.be/oLL-n6MrcoM
Download Bengali Fonts to read Bengali
Imminent Massive earthquake in the Himalayas
Palash Biswas on Citizenship Amendment Act
Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003
Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003
http://youtu.be/zGDfsLzxTXo
Tweet Please
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS BLASTS INDIANS THAT CLAIM BUDDHA WAS BORN IN INDIA
THE HIMALAYAN TALK: INDIAN GOVERNMENT FOOD SECURITY PROGRAM RISKIER
http://youtu.be/NrcmNEjaN8c
The government of India has announced food security program ahead of elections in 2014. We discussed the issue with Palash Biswas in Kolkata today.
http://youtu.be/NrcmNEjaN8c
Ahead of Elections, India's Cabinet Approves Food Security Program
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By JIM YARDLEY
http://india.blogs.nytimes.com/2013/07/04/indias-cabinet-passes-food-security-law/
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA
THE HIMALAYAN VOICE: PALASH BISWAS DISCUSSES RAM MANDIR
Published on 10 Apr 2013
Palash Biswas spoke to us from Kolkota and shared his views on Visho Hindu Parashid's programme from tomorrow ( April 11, 2013) to build Ram Mandir in disputed Ayodhya.
http://www.youtube.com/watch?v=77cZuBunAGk
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE
अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।'
http://youtu.be/j8GXlmSBbbk
THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST
We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas.
http://youtu.be/7IzWUpRECJM
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICAL OF BAMCEF LEADERSHIP
[Palash Biswas, one of the BAMCEF leaders and editors for Indian Express spoke to us from Kolkata today and criticized BAMCEF leadership in New Delhi, which according to him, is messing up with Nepalese indigenous peoples also.
He also flayed MP Jay Narayan Prasad Nishad, who recently offered a Puja in his New Delhi home for Narendra Modi's victory in 2014.]
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT
THE HIMALAYAN TALK: PALSH BISWAS FLAYS SOUTH ASIAN GOVERNM
Palash Biswas, lashed out those 1% people in the government in New Delhi for failure of delivery and creating hosts of problems everywhere in South Asia.
http://youtu.be/lD2_V7CB2Is
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE
अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।'
http://youtu.be/j8GXlmSBbbk
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