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Wednesday, January 23, 2013

वित्तमंत्री और वाणिज्य मंत्री से कोई नहीं पूछता कि बजट निर्माण को वे सार्वजनिक बहस में तब्दील करके असंवैधानिक गैर कानूनी तरीके से बजट निर्माण प्रक्रिया की गोपनीयता क्यों भंग कर रहे हैं?

वित्तमंत्री और वाणिज्य मंत्री से कोई नहीं पूछता कि बजट निर्माण को वे सार्वजनिक बहस में तब्दील करके असंवैधानिक गैर कानूनी तरीके से बजट निर्माण प्रक्रिया की गोपनीयता क्यों भंग कर रहे हैं?

एक तो चोरी, ऊपर से सीनाजोरी! गैस की कीमतें बढ़ाने की फिर तैयारी है, बढ़ेगा बिजली बिल और बढ़ गया मोबाइल का खर्च भी!

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
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वित्तमंत्री और वाणिज्य मंत्री से कोई नहीं पूछता कि बजट निर्माण को वे सार्वजनिक बहस में तब्दील करके असंवैधानिक गैर कानूनी तरीके से बजट निर्माण प्रक्रिया की गोपनीयता क्यों भंग कर रहे हैं? क्यों वे विदेश की धरती पर आर्थिक नीतियों के बारे में बजट सत्र से पहले घोषणाएं कर रहे हैं?संसदीय लोकतंत्र की इस दुर्गति पर राहुल और राजनाथ की क्या राय हो सकती है, अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है।बाकी राजनेता तो गिनती में हैं ही नहीं!वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने विदेशी निवेशकों को देश की राजकोषीय मजबूती के प्रति आश्वस्त करते हुए आज कहा कि कर दायरा बढ़ाने और राजस्व वृद्धि की उनकी कोशिशें जारी रहेंगी।भारत में निवेशकों का विश्वास और रुचि बहाल होने की उम्मीद से उत्साहित वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि अगले वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर बढ़कर 6 से 7 प्रतिशत के दायरे में पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा, 'चालू (वित्त) वर्ष में यह 5.7 प्रतिशत से बेहतर नहीं होगी। अगले साल हमें 6 से 7 प्रतिशत की उम्मीद है।' चिदंबरम ने कहा कि निवेश गतिविधियां बहाल होने से भारत 8 प्रतिशत से अधिक की संभावित वृद्धि दर हासिल करने में समर्थ होगा।बढ़ी उम्मीदों की वजह बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा किए गए विभिन्न उपायों के परिणाम स्वरूप भारत में निवेशकों की रुचि बहाल हुई है। उन्होंने कहा, 'लोग हमारे पास पूछताछ के लिए आ रहे हैं, बैंकों से संपर्क कर रहे हैं। विश्वास बहाली के संकेत मिल रहे हैं। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि निवेश हो रहा है, लेकिन रुचि फिर से जगी है।'कमलनाथ ने दावोस में कहा कि बहुत जल्द आर्थिक सुधारर के और बड़े फैसले होंगे।स्विट्जरलैंड के दावोस में 4 दिनों तक चलने वाली वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सालाना बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में 50 देशों की सरकारों के प्रमुख, दुनिया की मौजूदा आर्थिक हालात पर चर्चा करेंगे।
भारत से भी कॉरपोरेट्स का एक बड़ा ग्रुप वहां पहुंचा हुआ है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक में भारत के 100 कॉरपोरेट और नेता हिस्सा ले रहे हैं। वाणिज्य मंत्री कमलनाथ इसमें भारत का नेतृत्व रहे हैं।दावोस में कॉर्पोरेट इंडिया इकोनॉमी की पॉजिटिव तस्वीर वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में पेश कर रहा है। इस समय करीब 100 नेता और दिग्गज कॉर्पोरेट दावोस में चल रही 4 दिन की वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक में मौजूद हैं।आगामी बजट में डिफेंस के लिए बड़े ऐलान किए जाने की उम्मीद है, क्योंकि भले ही सरकार वित्तीय घाटे से जूझ रही है लेकिन वह डिफेंस सेक्टर में कोई कटौती नहीं करेगी। इसका फायदा रक्षा कारोबार से जुड़ी कंपनियों को मिलेगा, जिन्हें बजट में बाद डिफेंस सेक्टर से बेहतर ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।

​बजट की तैयारी में एकमात्र एजंडा है कैसे विदेशी निवेशकों की आस्था अर्जित किया जाये। युवराज राहुल की ताजपोशी और असमय ​​आयकर छापे में गडकरी के हट जाने से संघ परिवार को धता बताते हुए भाजपा अध्यक्ष बनने को लेकर मीडिया में गरमागरम सुर्खियां ​​बन रही है। सकारात्मक राजनीति का नारा नत्थी हो गया समावेशी विकास के साथ। एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी। धनीवर्ग को बाजार पर वर्चस्व वाले सत्तावर्ग को करों से राहतदिया जाना तय है। िइसी को करप्रणाली में सुधार कहा जा रहा है। आर्थिक सुधार के दूसरे चरण के लिए जरुरी तमाम वित्तीय विधेयक पास कराने के लिए सर्वदलीय सहमति है।कोई अड़चन आयी तो सीबीआई और आयकर विभाग सुरंगें हटाने के लिए हैं।​​मैंगो जनता पर पीछे के रास्ते से टैक्स लादा जा रहा है और रेलवे किराये में वृद्धि की तरह इसे वित्तीय प्रबंधन बताया जा रहा है। एक तो चोरी , ऊपर से सीनाजोरी। भुगतान संतुलन और वित्तीय घाटा का संकट गरीबों के सफाये से ही सुलझाया जा सकता है, जाहिर है। वित्तमंत्री हांगकांग और सिंगापुर में गार के भूत के वध का उल्लास मनाते हुए निवेशक बंधु बजट का भरोसा दिलाते हैं तो डावोस में कमलनाथ बड़े गर्व से कहते हैं कि बहुत जल्द और सुधार होंगे। दावा किया जा रहा है कि विदेशी निवेश घटने के बावजूद ग्लोबल कंपनियां भारत में निवेश करना चाहती है। विदेशी निवेशकों की आस्था ही राष्ट्रधर्म है और जनता को भी विदेशी हो जाना चाहिए  ताकि सरकार उसकी आस्था अर्जित करने की जरुरत महसूस करें। देशी जनता के प्रति तो सरकारकी कोई जिम्मेवारी नहीं बनती। संसद, संविधान और लोकतंत्र को तहस नहस करने वाली राजनीति में भारतीय जन गण आखिर किस खेत की मूली है?जिस हिसाब से महंगाई की दर बढ़ रही है, उसे देखते हुए सरकार वित्त वर्ष 2013-14 के बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ा सकती है। फिलहाल दो लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर कोई कर नहीं देना पड़ता है। इसे सवा दो लाख या ढाई लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक आयकर में छूट की सीमा बढ़ाने संबंधी कई प्रस्ताव मिले हैं, जिन पर गंभीरता से गौर किया जा रहा है। हालांकि, अभी यह तय नहीं हुआ है कि आयकर में छूट की सीमा क्या हो। फिलहाल जिन विकल्पों पर गौर किया जा रहा है, उनमें पहला यह है कि छूट की सीमा बढ़ाकर ढाई लाख रुपए कर दी जाए। एक विकल्प सवा दो लाख रुपए का भी है। जो छूट की सीमा बढ़ाकर ढाई लाख रुपये करवाना चाहते हैं, उनका तर्क यह है कि हाल के दिनों में सब तरफ महंगाई बढ़ गई है।उनका तर्क यह है कि हाल के दिनों में सब तरफ महंगाई बढ़ गई है। रेलगाड़ी के टिकट में एकबारगी 20' की वृद्धि कर दी गई। इसी तरहडीजल की कीमत हर महीने बढ़ाने को हरी झंडी मिल गई है। इसका दूरगामी असर पड़ेगा और बाजार में लगभग हर चीज की कीमत बढ़ेगी। इसलिए करदाताओं को इतनी राहत तो मिलनी ही चाहिए। वित्त मंत्रालय पहले ही कह चुका है कि सरकार आयकर कानून 1961 के स्थान पर डायरेक्ट टैक्स कोड (डीटीसी) लागू करना चाहती है।

देश में सोना खरीदना अब और भी महंगा होगा। सरकार ने सोने और प्‍लैटिनम पर इम्‍पोई ड्यूटी 2 फीसदी बढा दी है। मतलब विदेश से सोना खरीदने पर 2 फीसदी अधिक आयात शुल्‍क देना होगा। यह बढ़ोतरी तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गई है। साथ ही सरकार ने अपील की है कि लोग जरूरत के हिसाब से ही सोना खरीदें।गोल्‍ड और प्‍लैटिनम पर इम्‍पोर्ट ड्यूटी 4 से बढ़ाकर 6 फीसदी कर दी गई है। यानी मौजूदा शुल्क में 50 फीसदी का इजाफा किया गया है। इस वक्‍त सोने के भाव 30745 रुपये प्रति ग्राम है। जानकारों का मानना है कि इम्‍पोर्ट ड्यूटी 2 फीसदी बढ़ने पर सोने की कीमत में करीब 600 रुपये प्रति 10 ग्राम की बढ़ोत्‍तरी हो सकती है।रेलवे की नई किराया दरें सोमवार से लागू हो गई है। इसी के साथ रेलवे चिल्लर की तंगी का हवाला देकर यात्रियों को एक रुपए की छूट देकर उनसे तीन रुपए तक ज्यादा वसूलने जा रहा है। वेस्टर्न रेलवे के सीपीआरओ शरतचंद्र यान ने 21 जनवरी ने नए नियम के लागू होने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि रेलवे बोर्ड ने किराया पांच रुपए के मल्टीपल में वसूलने के निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत न्यूनतम किराया पांच रुपए होगा। चिदंबरम ने पहले ही साफ कर दिया है कि सरकार हाल में लिए गए फैसलों से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा है कि डीजल के दामों में हुई बढ़ोतरी और मल्टी-ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) का फैसला बदला नहीं जाएगा।

माना जा रहा है कि बजट में टैक्स दायरा बढ़ेगा और ज्यादा लोगों को टैक्स के दायरे में लाया जाएगा। इंटरनेशनल टैक्स एक्सपर्ट टी पी ओस्तवाल का कहना है कि बजट में टैक्स दरें बढ़ाने की बजाए टैक्स का दायरा बढ़ाए जाने की वित्तमंत्री की पहल अच्छी रहेगी। वैसे तो देश में खेती करने वालों पर कोई टैक्स नहीं हैं लेकिन ऐसे जमींदार और किसान जिनके पास बड़े बड़े फार्महाउस हैं और जिनकी कमाई लाखों-करोड़ों में हैं उनपर टैक्स जरूर लगना चाहिए।देश में टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए कई और उपायों पर नजर रखनी होगी। जैसे बार बार विदेश यात्रा करने वालों के लिए और घरेलू हवाई यात्रा में खर्च करने वालों पर भी नजर रखनी चाहिए। इनके आधार पर टैक्स लगाया जाना चाहिए। एक साल में किसी व्यक्ति ने कितनी बार खर्च किया है इसकी पूरी जानकारी रखनी चाहिए। ऐसे सभी लोगों के लिए आधार कार्ड और पैन नंबर जरूरी होना चाहिए जिससे वो टैक्स देनदारी से बच ना सके।

एस्ट्रा माइक्रोवेव प्रोडेक्ट्स के एमडी बी मल्ला रेड्डी का कहना है कि आगामी बजट में सरकार डिफेंस के लिए कुछ बड़े ऐलान करती है तो कंपनी को इससे फायदा मिलेगा। वहीं चालू वित्त वर्ष में 80-85 फीसदी ऑर्डर डिफेंस सेक्टर से मिले हैं। मौजूदा वित्त वर्ष में डिफेंस सेक्टर से कुल 450 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले दोगुना है। ऐसे में उम्मीद है आनेवाले समय में डिफेंस सेक्टर से मिलने वाले ऑर्डर में और बढ़ोतरी होगी।

आगामी बजट में डिफेंस सेक्टर में कुछ बड़े ऐलानों के लेकर एस्ट्रा माइक्रोवेव प्रोडक्ट्स के शेयर में मंगलवार को करीब 10 फीसदी का उछाल देखा गया।

टी पी ओस्तवाल के मुताबिक कोई भी ट्रांजेक्शन करने वालों के लिए आधार कार्ड होना जरूरी होना चाहिए। एक ऐसा कार्ड जो देश के सभी लोगों के पास हो, इससे टैक्स डाटा रखने में भी काफी आसानी हो जाएगी।

खर्च का पता लगाने के लिए सीबीडीटी के पास खास सॉफ्टवेयर 360 मैपिंग है जिससे हरेक व्यक्ति के वित्तीय ट्रांजेक्शन का पता लगाया जा सकता है। टी पी ओस्तवाल के मुताबिक इसका सही उपयोग अगर होगा तो एक भी व्यक्ति टैक्स की चोरी नहीं कर पाएगा।जिन लोगों के पास मोबाइल या फोन हैं उनसे टैक्स लेने पर नजर रखनी चाहिए। जो लोग पैन नंबर रखते हैं उनपर नजर रखना आसान होता है।ऐसी कंपनियां जिनके प्रोमोटर सैलरी नहीं लेते लेकिन डिविडेंड के जरिए भारी कमाई करते हैं, उन पर टैक्स लगाया जाना चाहिए। इससे सरकार के पास काफी राशि टैक्स के रूप में आएगी।टैक्स बढ़ाने के लिए दूसरे खर्चों पर भी निगरानी बढ़ाई जानी चाहिए जैसे महंगे होटलों में ठहरने वाले लोगों पर भी टैक्स लगाया जाना चाहिए।

बजट से इंडस्ट्री और कॉर्पोरेट जगत को भी बहुत सी उम्मीदें हैं। वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के सीएमडी वेणुगोपाल धूत का कहना  है कि बजट में कंज्यूमर प्रोडेक्ट पर एक्साइज ड्यूटी में कमी करने की जरूरत है। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर में सेमी कंडक्टर कारखाने लगाने के लिए सरकार को टैक्स छूट देनी चाहिए।

वेणुगोपाल धूत का कहना है कि ऑयल एंड गैस सेक्टर में विदेशी निवेश बढ़ाए जाने के कदम उठाए जाने चाहिए। विदेशी निवेशकों पर लगने वाले टैक्स में कमी होनी चाहिए। बजट में जीएसटी लागू करने की दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए।

जाहिर है सत्ता के शतरंज की नयी बाजी बिछ गयी है। पर सत्तासंघर्ष के जो बी समीकरण हों, आर्थिक जनसंहार की नीतियों की निरंतरता में कोई शक की गुंजाइश नहीं है। सत्तासंघर्ष के खेल में आम जनता को मीडिया की चौबीसों घंटों कीखबरों से मजा आ रहा है। पर आर्थिक मोर्चे पर सत्यानास के बारे में आम लोग बेखबर हैं और रहेंगे।दावोस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ ने कहा है कि आगामी लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री पद के दावेदार होंगे। बहरहाल कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी ने बुधवार को पहली बार संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में बदलाव के लिए कांग्रेस सबसे बेहतर जरिया है।। पिछले सप्ताह जयपुर में आयोजित पार्टी के चिंतन शिविर के दौरान उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद राहुल अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय आये और पार्टी पदाधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मैं नकारात्मक राजनीति में पड़ना नहीं चाहता। मैं सभी के प्रति आलोचनात्मक नहीं रहना चाहता। मैं सकारात्मक राजनीति करना चाहता हूं।राजनाथ सिंह बीजेपी के नए अध्यक्ष होंगे। बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में राजनाथ के नाम पर मुहर लगने के बाद उन्हें बीजेपी अध्यक्ष चुने जाने का ऐलान कर दिया गया।  गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के नए अध्यक्ष बनने जा रहे राजनाथ सिंह को बधाई दी है। मोदी ने कहा कि बीजेपी को राजनाथ सिंह के अनुभवों से फायदा मिलेगा। बेशक मोदी आज राजनाथ को बधाई दे रहे हों, लेकिन अतीत को भुलाया नहीं जा सकता। राजनाथ अपने पहले कार्यकाल में मोदी को झटका दे चुके हैं।2005 में पहली बार अध्यक्ष बनते ही राजनाथ ने गुजरात के क्षत्रप और मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को पार्टी की केंद्रीय संसदीय बोर्ड से हटा दिया था। नरेंद्र मोदी से रिश्ते को दुरुस्त रखना उनके सामने एक और बड़ी चुनौती होगी। क्योंकि 2014 के आम चुनावों में मोदी प्रधानमंञी पद के लिए प्रबल दावेदार हैं।कांग्रेस जहां 2014 चुनाव के लिए राहुल गांधी को बड़ी जिम्मेदारी दे चुकी है। वो चुनाव में कांग्रेस की तरफ से पीएम उम्मीदवार होंगे। ऐसे में बीजेपी को उनके मुकाबले के लिए मोदी की जरूरत होगी। मोदी भी इस मौके को छोड़ना नहीं चाहते।

उधर वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने विदेशी निवेशकों को देश की राजकोषीय मजबूती के प्रति आश्वस्त करते हुए बुधवार को कहा कि कर दायरा बढ़ाने और राजस्व वृद्धि की उनकी कोशिशें जारी रहेंगी।वित्तमंत्री द्वारा आर्थिक सुधारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराने तथा आगामी बजट सत्र के दौरान प्रमुख विधेयकों के पारित होने के बारे में विश्वास व्यक्त किये जाने से रुपये में दो दिनों से जारी गिरावट थम गई और यह डालर के मुकाबले 14 पैसे बढ़कर 53.67 रुपये प्रति डालर हो गया।बाजार सूत्रों ने कहा कि निर्यातकों की ताजा डालर बिकवाली एवं विदेशों में डालर कमजोर होने के बीच विदेशी निधियों की ओर से शेयर बाजार में पूंजी आवक से रुपये की तेजी को समर्थन मिला।अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 53.68 रुपये प्रति डालर पर मजबूत खुला जो पहले 53.81 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ था। घरेलू शेयर बाजार में आरंभिक तेजी के कारण यह 53.58 रुपये प्रति डालर की उंचाई को छू गया। हालांकि, मध्य सत्र के बाद शेयरों में गिरावट के कारण रुपया 53.90 रुपये प्रति डालर तक नीचे चला गया।बाद में शेयर बाजार की तेजी के अनुरूप इसमें सुधार हुआ और अंत में 14 पैसे अथवा 0.26 प्रतिशत की तेजी के साथ 53.67 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ।

चिदंबरम ने पूर्वी एशिया की यात्रा के दूसरे दौर में सिंगापुर के करीब 300 निवेशकों को भारत में निवेश संभावनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि 2015-16 से भारत की वृद्धि दर करीब आठ फीसद होगी।हांगकांग में निवेशकों को लुभाने के बाद वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज सिंगापुर के निवेशक समुदाय के सामने भारत के आर्थिक सुधारों का खाका पेश किया। हालांकि उन्होंने यह भी कबूल किया कि 2014 में होने वाले आम चुनावों के बाद अस्थिर सरकार के गठन की संभावना सुधारों के लिए खतरा बनी हुई है। लेकिन उन्होंने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि सरकार वित्त क्षेत्र के विवादास्पद सुधार विधेयकों पर सहमति बनाने के लिए विपक्ष के साथ लगातार बातचीत कर रही है।भारत द्वारा जनरल ऐंटी अवॉयडेंस रूल्स (गार) में संशोधन करने के कुछ दिन बाद चिदंबरम सिंगापुर में आए हैं। नए गार नियम अब 1 अप्रैल 2016 से लागू होंगे, लेकिन  दोहरे कराधान से बचने के लिए भारत और सिंगापुर के बीच हुए समझौते (डीटीएए) को ये नियम ताक पर नहीं रख सकते हैं।

उन्होंने भरोसा दिलाया कि संसद के बजट सत्र में बीमा विधेयक और पेंशन विधेयक को पारित करा लिया जाएगा।  चिदंबरम ने स्वीकार किया कि वस्तु एवं सेवा कर इस साल अप्रैल से लागू नहीं हो पाएगा, लेकिन इसे संसद के मॉनसून सत्र में पेश किया जा सकता है और शीतकालीन सत्र में इसे पारित कराया जाएगा।

प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना के तहत बचत से भी सरकार को काफी उम्मीदें हैं। सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से उसे 20 से 60 फीसदी की बचत होगी क्योंकि इससे धोखाधड़ी को काफी हद तक रोका जाएगा। राजस्व के मोर्चे पर सरकार को चालू वित्त वर्ष में अपना 30,000 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य हासिल करने की उम्मीद है। चिदंबरम ने कहा कि बाजार में आने वाली अगली कंपनी एनटीपीसी है, जिसके विनिवेश से 200 करोड़ डॉलर जुटाए जाएंगे।भारतीय अर्थव्यवस्था की गुलाबी तस्वीर पेश करने के बाद चिदंबरम ने कुछ खास विधायी सुधारों के लिए समयसीमा भी रखी।

29 जनवरी को होने वाली मौद्रिक नीति की समीक्षा से पहले उन्होंने कहा कि लोग जैसा मान रहे हैं, उससे इतर वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक मिलकर काम कर रहे हैं। लेकिन रिजर्व बैंक एक स्वायत्तशासी संस्था है और वह मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए अपना काम कर रहा है। मौद्रिक नीति की पिछली समीक्षा में रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में कटौती करने के वित्त मंत्रालय के सुझाव को नहीं माना था। लेकिन उम्मीद है कि  अगले हफ्ते होने वाली बैठक में दरों में मामूली कटौती कर दी जाएगी। रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव वृहद आर्थिक हालात पर चर्चा करने के लिए कल चिदंबरम से मिलने वाले हैं।

डीबीएस बैंक के महाप्रबंधक और मुख्य कार्यकारी संजीव भसीन ने चिदंबरम के हवाले से कहा, 'कर का दायरा बढ़ाने की कोशिश जारी रहेगी ताकि सकल घरेलू उत्पाद के समक्ष कर संग्रह बढ़ाया जा सके।'

मंत्री ने कहा कि सरकार अगले तीन से चार साल में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के तीन फीसद के बराबर लाने की पहल कर रही है।

चिदंबरम ने कल हांगकांग में निवेशकों को कहा कि वह चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 5.3 फीसद के दायरे में रखने और 2013-14 तक इसे घटाकर 4.8 फीसद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।उन्होंने बताया कि हर साल कर राजस्व में 10 फीसदी इजाफा होने की उम्मीद है लेकिन इसकी वजह करों में बढ़ोतरी नहीं बल्कि स्थिर कर प्रणाली और उचित विवाद प्रक्रिया होगी। हालांकि यह बैठक आयोजित करने वाले बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने अपने एक नोट में कहा कि राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5.3 फीसदी तक रखना मुमकिन नहीं होगा और इसके 5.9 फीसदी रहने का उसका अनुमान है।

चिदंबरम ने कहा कि 2012-13 में वृद्धि 5.7 फीसद से कम नहीं रहेगी और अगले वित्त वर्ष में यह करीब छह से सात फीसद रहेगी। भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2011-12 में 6.5 फीसद रही थी।

इस बैठक में भाग लेने वाले निवेशकों के मुताबिक मंत्री ने कहा कि भारत सरकार अर्थव्यवस्था को लीक पर लाने की कोशिश कर रही है।

प्रमुख दूरसंचार कंपनियों भारती एयरटेल और आइडिया सेल्युलर द्वारा लागत में बढ़ोतरी के मद्देनजर विभिन्न योजनाओं में संशोधन किया है जिससे अब मोबाइल से बात करना महंगा हो जाएगा। इससे कॉल दरों में 30 प्रतिशत तक का इजाफा होगा।भारती एयरटेल और आइडिया सेल्युलर ने विशेष शुल्क वाउचर की दरें बढ़ाई हैं और बात करने का मुफ्त समय (मिनट) भी कम किया है। इससे मोबाइल की कॉल दरें बढ़ गई हैं। रियायती दर पर सेवाओं की पेशकश करने वाले प्रीपेड विशेष वाउचर का मूल्य बढ़ा दिया गया है, वहीं कुछ रिचार्ज कूपनों की वैधता की अवधि कम की गई है।

दूरसंचार कंपनियों ने बमुश्किल महीना भर पहले ही 2जी डाटा योजना की कीमत में बढ़ोतरी की थी। माना जा रहा है कि वोडाफोन जैसी अन्य कंपनियां भी जल्द ऐसा कदम उठाएंगी।

बाजार सूत्रों ने कहा कि एयरटेल ने बात करने के मुफ्त समय में 10 से 25 फीसद कटौती की है जबकि विशेष वाउचर में पांच से 15 रुपये (10 से 30 प्रतिशत) तक की बढ़ोतरी की गई है। यह वृद्धि सभी 22 दूरसंचार सर्किलों के लिए होगी।

कॉल दरों में बढ़ोतरी ऐसे समय की गई है जबकि कंपनियों को निर्धारित सीमा से अधिक के लिए स्पेक्ट्रम पर हजारों करोड़ रुपये का एकमुश्त शुल्क चुकाना है।

भारती एयरटेल ने कहा है कि उसने मुख्य दरों में इजाफा नहीं किया है, लेकिन प्रोत्साहन लाभ और मुफ्त मिनटों में कटौती की है। कंपनी ने कहा है कि लागत में वृद्धि के अनुरूप कॉल दरों में बढ़ोतरी की गई है।

आमदनी के हिसाब से देश की तीसरी और ग्राहक संख्या के हिसाब से चौथी बड़ी कंपनी आइडिया ने कहा है कि उसने प्रोत्साहन पेशकश को वापस लेकर देश के कुछ हिस्सों में कॉल दरों में इजाफा किया है। हालांकि, कंपनी ने इसके बारे में ब्यौरा नहीं दिया।

देश की दूसरी सबसे बड़ी आपरेटर वोडाफोन ने कहा है कि उसे भी लागत में वृद्धि के मद्देनजर अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के अनुरूप कदम उठाना होगा।

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के नेतृत्व में कई भारतीय वित्तीय संस्थाएं (एफआई) बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा रॉयल्टी बढ़ाए जाने से खफा हैं। वित्तीय संस्थाओं का कहना है कि यह कदम कॉरपोरेट प्रशासन मानकों की धारणा के खिलाफ है। यही वजह है कि रॉयल्टी में इजाफा किए जाने की वजह से निवेशकों ने हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर को झटका दिया है। वित्तीय संस्थाओं का कहना है कि वे इस मुद्दे को एचयूएल प्रबंधन के समक्ष उठाएंगी।

एक भारतीय एफआई के वरिष्ठï अधिकारी ने कहा, 'हम (एफआई) इस मुद्दे पर अपना विरोध जताएंगे, क्योंकि हमारा मानना है कि यह कॉरपोरेट प्रशासन का मामला है और अल्पांश शेयरधारकों के हितों के खिलाफ है। इसे लेकर एक स्वतंत्र अध्ययन कराया जाना चाहिए कि यूनिलीवर ने अपनी भारतीय इकाई से रॉयल्टी में इजाफा क्यों किया।' एफआई का एचयूएल के बोर्ड में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, क्योंकि इस कंपनी में उनकी हिस्सेदारी महज लगभग 7 फीसदी है। एफआईआई की हिस्सेदारी 22 फीसदी जबकि खुदरा शेयरधारकों की हिस्सेदारी 13.6 फीसदी की है। इस कंपनी में यूनिलीवर का स्वामित्व 53 फीसदी है। विभिन्न ब्रोकरेज फर्मों द्वारा रेटिंग घटाए जाने के बाद एचयूएल का शेयर बुधवार को बीएसई पर 4.43 फीसदी गिर गया।

एनएसई का सीएनएक्स मल्टीनैशनल इंडेक्स 2 फीसदी नीचे आया जबकि शेयर बाजार सपाट बना रहा। रॉयल्टी की घोषणा से पहले कल के ऊंचे स्तर से कंपनी का बाजार पूंजीकरण आज कारोबार बंद होने तक 10,000 करोड़ रुपये तक गिर गया। मंगलवार को यूनिलीवर के कदम के बाद एचयूएल के शेयर की रेटिंग में कमी की गई है। यूनिलीवर ने एचयूएल से मिलने वाली रॉयल्टी को बढ़ा कर 2018 तक शुद्घ बिक्री के 3.15 फीसदी तक किए जाने का फैसला किया है।

एचयूएल के मुख्य सीएफओ आर श्रीधर ने यूनिलीवर के लिए रॉयल्टी भुगतान को यह कहकर उचित ठहराया है कि यह रॉयल्टी अन्य वैश्विक कंपनियों द्वारा चुकाई जाने वाली रॉयल्टी की तुलना में कम है। उन्होंने कहा, 'यदि हम अधिक प्रभावशाली तरीके से प्रतिस्पर्धा में बने रहना चाहते हैं और श्रेष्ठï वृद्घि और मुनाफा दर्ज करना चाहते हैं रॉयल्टी में यह वृद्घि उचित है, क्योंकि कड़ी प्रतिस्पर्धा की वजह से, खासकर वैश्विक कंपनियों की ओर से, माहौल चुनौतीपूर्ण हो गया है।'

एफआई का कहना है कि एचयूएल भारतीय इकाइयों से रॉयल्टी में इजाफा करने वाली एकमात्र कंपनी नहीं है। हाल में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपनी स्थानीय इकाइयों से मिलने वाली रॉयल्टी में इजाफा किया है। इनमें मारुति सुजूकी, एसीसी, अंबुजा सीमेंट्स आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं। मैकडोनल्ड्स कॉरपोरेशन भी स्थानीय फ्रैंचाइजी वेस्टलाइफ डेवलपमेंट से रॉयल्टी के रूप में अपनी कुल बिक्री का 5 फीसदी हिस्सा वसूलेगी। हीरो मोटोकॉर्प द्वारा भी अगले वित्त वर्ष तक अपने पूर्व भागीदार होंडा को रॉयल्टी चुकाए जाने की संभावना है।

दफन हुआ गार का भूत

हांगकांग। टैक्स चोरी से जुड़े गार [जनरल एंटी अवाइडेंडस रूल्स] के भूत को दफन किया जा चुका है। यहां आए वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने निवेशकों को यह कहकर भी आश्वस्त किया कि भारत की रेटिंग घटने का भी अब कोई खतरा नहीं है। मल्टीब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश [एफडीआइ] और ईधन कीमतों में वृद्धि के बड़े आर्थिक फैसलों से हालत में यह बदलाव आया है। चिदंबरम ने बीते हफ्ते गार को वर्ष 2016 तक के लिए टालने का निर्णय लिया था।

चिदंबरम ने एक साक्षात्कार में कहा कि इसे वैश्विक स्तर पर स्वीकार किया गया है कि सरकार ने गार प्रस्ताव से बनी स्थिति का सामना प्रभावी तरीके से किया है। गार नाम का कोई भयावह कानून लागू होने जा रहा है, निवेशकों के मन से इस भूत को हटा दिया गया है। हांगकांग के एकदिवसीय दौरे पर आए वित्त मंत्री ने निवेशकों के एक सम्मेलन में कहा कि चालू वित्त वर्ष के बजट में पेश किए गए गार के प्रस्ताव पर निवेशकों की प्रतिक्रिया अनुमान के अनुरूप थी। इसके लागू होने पर कर अधिकारियों को विदेशी निवेशकों द्वारा कर चोरी के मामलों की जांच के लिए काफी ज्यादा अधिकार मिलते, इसको लेकर निवेशकों में काफी चिंता थी।

रिफॉर्म जारी रहे तो आएगा बाजार में उछाल

सेंसेक्स 20,000 के पार हो चुका है। निवेशकों के मन में सवाल है कि क्या तेजी आगे भी जारी रहेगी या बाजार की गिरावट का समय आने वाला है। इस पर बाजार के जानकारों ने अपनी राय दी है।

एडेलवाइस ऐसेट मैनेजमेंट के इंवेस्टमेंट एडवायडजरी ग्रुप के हेड पीयूष चड्ढा का कहना है कि अगर 2013 में सरकार रिफॉर्म की घोषणाओं पर अमल करती है तो बाजार में और तेजी आ सकती है। आने वाले बजट में रिफॉर्म जारी रहने के संकेत मिले तो बाजार और ऊपर जा सकते हैं।

पीयूष चड्ढा के मुताबिक सरकार को वित्तीय घाटा कम करके 4.8 फीसदी पर ले आने की कोशिश करनी चाहिए। इसके बाद भारत की डाउनग्रेडिंग का खतरा खत्म हो जाएगा। वित्तीय घाटा कम होने से जीडीपी ग्रोथ पर भी असर संभव है।

अगर रिफॉर्म के कदम जारी रहते हैं और जीडीपी ग्रोथ में तेजी आती है तो आरबीआई दरों में कटौती कर सकता है। इस सबका बाजार पर अच्छा असर देखा जा सकता है और 2013 में अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं। 2013 में एफआईआई निवेश में भी तेजी जारी रहने की उम्मीद है।

पीयूष चड्ढा के मुताबिक एचयूएल के नतीजों से बाजार को निराशा जरूर है लेकिन इससे पूरे एफएमसीजी सेक्टर के ऊपर असर नहीं पड़ेगा। एचयूएल के शेयरों में गिरावट जरूर आ सकती है। वहीं निवेशकों को एसबीआई में ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।

गोल्डमैन सेक्स के प्रशांत खेमका का कहना है कि अगर अर्थव्यवस्था में सुधार जारी रहता है तो एफआईआई निवेश जारी रहने की उम्मीद है। बाजार में तेजी के लिए रिटेल निवेशकों को ज्यादा निवेश करना होगा। हाल ही में भारत सरकार के उठाए कदम निवेशकों का भरोसा बाजार पर बढ़ा रहे हैं।

घरेलू मांग पर आधारित सेक्टरों में ज्यादा तेजी आने की उम्मीद है। जैसे जैसे अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी वैसे ही कंपनियों की कमाई में बढ़त देखी जाएगी।

अगर राजनीतिक मोर्चे पर कुछ उठापठक होती है तो बाजार को खतरा हो सकता है। अगर चुनाव होते हैं और किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिलता है तो इससे बाजार में गिरावट देखी जा सकती है।

मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के हेड ऑफ रिसर्च रजत राजग्रहिया का कहना है कि तिमाही नतीजों के बाद एचयूएल के शेयर में गिरावट की संभावना है। वित्त वर्ष 2014-15 के लिए एचयूएल के ईपीएस अनुमान में 7-8 फीसदी की कटौती की है और शेयर के लिए 450 रुपये का लक्ष्य तय किया है।

रजत राजग्रहिया के मुताबिक सरकारी बैंकों में ऐसेट क्वालिटी और मार्जिन दोनों पर ध्यान देना जरूरी है। तीसरी तिमाही में पीएसयू बैंकों का प्रदर्शन कैसा रहता है इस पर नजर बनी हुई है।

तीसरी तिमाही में टाटा स्टील जैसी मेटल कंपनियों के नतीजे खराब रह सकते हैं। कुछ रोड प्रोजेक्ट के कैंसिल होने के चलते तीसरी तिमाही में एलएंडटी के नतीजों पर भी सतर्क रहना होगा।

बड़े अमीरों पर अधिक कर, सही कदम : प्रेमजी

दावोस : बड़े अमीरों और धन कुबेरों पर अधिक कर को लेकर जारी बहस के बीच विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने इसे 'राजनीति' रूप से सही बताया है लेकिन सरकार की तरफ से इस प्रस्ताव पर अमल किए जाने को लेकर शंका जताई है।

प्रेमजी ने विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बठक में एनडीटीवी से कहा, यह राजनीतिक रूप से सही कदम लगता है, लेकिन मुझे नहीं पता कि यह वास्तव में (आगामी आम बजट में) आएगा। क्या वे कर स्लब में फेरबदल किए जाने के पक्ष में हैं, यह पूछे जाने पर प्रेमजी ने कहा, 'यह इसपर निर्भर करता है कि वे किस दर से शुरू करते हैं, लेकिन जहां तक धन कुबेर (सुपर रिच) का सवाल है मेरी राय में यह हमारे जैसे गरीब देश में यह सही कदम होगा।'

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के चेयरमैन सी रंगराजन सहित अनेक विशेषज्ञों ने धन कुबेरों पर अधिक कर लगाने की जरूरत को रेखांकित किया है। वित्तमंत्री पी. चिदंबरम की तरफ से इस बारे में कोई भी फैसला 28 फरवरी को आम बजट पेश होने के बाद ही पता चलेगा।

देश में फिलहाल दो लाख रुपए सालाना आय करमुक्त है, दो से पांच लाख रुपए तक की सालाना आय पर 10 प्रतिशत, पांच से दस लाख रुपए की आय पर 20 प्रतिशत और दस लाख रुपए से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाता है।

वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने हांगकांग और सिंगापुर में निवेशकों के साथ अपनी बेठक में संकेत दिया है कि वह कर दरों से तो छेडछाड़ नहीं करेंगे लेकिन कर आधार और राजस्व प्राप्ति बढ़ाने की दिशा में कदम उठाएंगे।

अमेरिकी संसद ने हाल ही में बड़े धनी नागरिकों पर अधिक कर लगाने को मंजूरी दी है, उसके बाद से ही भारत में भी बड़े अमीरों पर अधिक कर लगाने की चर्चा चल पड़ी है।

सबसे ज्यादा आशावादी हैं भारतीय सीईओ

दावोस : इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार और लंबी अवधि में अपने कारोबारी आय की संभावनाओं को लेकर उम्मीद की बात की जाए तो दुनियाभर में भारतीय कंपनियों के मुख्य कार्याधिकारी सबसे अधिक आशावादी हैं।

भारतीय सीईओ के विश्वास के उच्च स्तर के उलट दुनियाभर में सीईओ के विश्वास का स्तर गिर रहा है। यह खुलासा विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में पीडब्ल्यूसी द्वारा जारी एक सर्वेक्षण में किया गया।

सर्वेक्षण के मुताबिक, अपनी कंपनियों के लिए लोगों की नियुक्तियों के संबंध में भी भारत में सीईओ के विश्वास का स्तर काफी उंचा है, जबकि पिछले साल अपनी कंपनियों में छंटनी की संभावना देखने वाले सीईओ का प्रतिशत न्यूनतम है।

सोलहवें वार्षिक सीईओ सर्वेक्षण के नतीजों की घोषणा करते हुए पीडब्ल्यूसी ने कहा कि सीईओ को अपने कारोबार के लिए सही प्रतिभा खोजने, शेयर बाजारों में स्थिरता की कमी, राजकोषीय घाटे को लेकर सरकार के कदमों और बढ़ते नियमन व कर बोझ के संबंध में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

दुनियाभर में 36 प्रतिशत सीईओ ने कहा कि वे 2013 में अपनी कंपनी के विकास की संभावना को लेकर 'बहुत विश्वस्त' हैं। पिछले साल 40 प्रतिशत सीईओ और 2011 में 48 प्रतिशत सीईओ ने यह प्रतिक्रिया दी थी।

संपूर्ण आर्थिक परिदृश्य के बारे में 28 प्रतिशत सीईओ को इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में और गिरावट आने की आशंका है, जबकि केवल 18 प्रतिशत सीईओ ने उम्मीद जताई कि इसमें सुधार होगा। वहीं 50 प्रतिशत से अधिक ने अनुमान जताया कि यह जस का तस रहेगी।

प्रतिस्पर्धा आयोग ने व्यापार संगठनों को किया आगाह

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने व्यापार संगठनों को सांठगांठ करने से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर आगाह किया है। कुछ व्यापारिक संगठनों पर सदस्य कंपनियों के लिए उनकी प्रतिद्वंद्वी इकाइयों के कारोबार का ब्योरा हासिल किए जाने का संदेह होने के बाद सीसीआई ने यह बात कही है।


सीसीआई के अध्यक्ष अशोक चावला ने एक साक्षात्कार में कहा, 'किसी सांठगांठ में शामिल होने की बजाए व्यापार संगठनों को अपने सदस्यों को कंपनी स्तर पर प्रतिस्पर्धा अनुपालन नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।'


उन्होंने कहा, 'जैसा कि हमने एक या दो मामले में देखा है, अगर व्यापार संगठन जाने या अनजाने दूसरी कंपनियों के उत्पादों, कीमत या अन्य इसी प्रकार की जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करते हैं, तो वे सांठगांठ का हिस्सा बनते हैं।'

सीसीआई ने पिछले महीने इस बारे में 20 व्यापार संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श किया था। बैठक के दौरान आयोग ने प्रतिस्पर्धा नियमों तथा उसके लाभ के बारे में जागरुकता बढ़ाने पर जोर दिया।

चावला ने कहा कि सीसीआई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों समेत देश की प्रमुख 100 कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ 24 जनवरी को बैठक करेगा। बड़ी कंपनियों को निष्पक्ष व्यापार व्यवहारों तथा प्रतिस्पर्धा अनुपालन नियमों के बारे में संवेदनशील बनाने के प्रयासों के तहत यह कदम उठाया जा रहा है।


हाल-फिलहाल कंपनियों द्वारा अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करने या प्रतिस्पर्धा रोधी समझौते में शामिल होने की बात सामने आई है। रियल एस्टेट, सीमेंट तथा मनोरंजन क्षेत्र से जुड़े कई मामलों में ऑर्डर दिए गए हैं जबकि कई मामलों में जांच जारी है।

2013 में बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचेगी

दुनिया भर के सुस्त आर्थिक माहौल के कारण साल 2013 में बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकती है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने अपनी रिपोर्ट में ये जानकारी दी है। यही नहीं आने वाले सालों में बेरोजागरी की समस्या बढ़ती ही जाएगी।

रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल करीब 19 करोड़ 70 लाख लोग काम की तलाश में भटकते रहे। जबकि खराब आर्थिक हालात के कारण करीब 3 करोड़ 90 लाख लोगों को नौकरी से हाथ छोना पड़ा।

रिपोर्ट ये भी कहती है कि दुनिया भर में विकास की दर इतनी नहीं होगी कि बेरोजगारों की बढ़ती संख्या पर काबू पाया जा सके। इसलिए साल 2017 तक वैश्विक स्तर पर बेरोजगारी की दर 6 फीसदी ही रहेगी जो 2009 में आई आर्थिक मंदी के आस-पास ही है।

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने भारत में रोजगार की चिंताओं पर भी प्रकाश डाला है। भारत में साल 2000 से 2005 के बीच जहां 6 करोड़ रोजगार के मौके बने थे तो 2005 से 2010 के बीच सिर्फ 27 लाख लोगों को ही रोजगार मिल सका है।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक भारत जैसे देशों में रोजगार घटने की बड़ी वजह महिलाओं की भागीदारी कम होना भी है। साल 2005 में काम करने वाली महिलाओं की हिस्सेदारी 33.25 फीसदी थी जो 2010 में घटकर 29 फीसदी रह गई।

कच्चा तेल 112 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर
बैंक ऑफ जापान की ओर से घरेलू अर्थव्यवस्था में गति देने के लिए बडे़ आर्थिक पैकेज की तैयारी से आगे मांग मजबूत होने की उम्मीद पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 112 डॉलर प्रति बरैल के ऊपर चढ़ गया।

लंदन ब्रेंट क्रूड का वायदा 112.07 डॉलर प्रति बैरल पर और अमेरिकी स्वीट क्रूड 95.67 डॉलर प्रति बैरल पर रहा। तेल बाजार के जानकारों का मानना है कि दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था जापान का मजबूत होना वैश्विक अर्थव्यवस्था की सेहत के लिए बेहतर होगा।

इससे आगे तेल मांग बढने की उम्मीद बंधी रहेगी। जानकारों के मुताबिक विश्व में तेल खपत वाले दूसरे बड़े देश चीन में इस वर्ष तेल मांग पिछले वर्ष के 3,30,000 बैरल प्रति दिन की तुलना में बढ़कर 4,60,000 बैरल प्रति दिन होने की उम्मीद है।
इस बीच पश्चिम एशिया और उत्तरी अमरीका में अशांत स्थिति से आपूर्ति घटने की आशंका भी तेल कीमतों को मजबूती पर टिकाए हुए है।

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In conversation with Palash Biswas

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Save the Universities!

RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!

जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।

#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?

Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

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