Wednesday, July 4, 2012
क्या ईश्वरीय कण की अवधारणा के सही पाये जाने और भारतीय वैज्ञानिक सत्येंद्र नाथ बोसकी खोज को वैश्विक मान्यता मिल जाने से निनानब्वे प्रतिशत भारतीय जनता की नियति बदलेगी?
क्या ईश्वरीय कण की अवधारणा के सही पाये जाने और भारतीय वैज्ञानिक सत्येंद्र नाथ बोसकी खोज को वैश्विक मान्यता मिल जाने से निनानब्वे प्रतिशत भारतीय जनता की नियति बदलेगी?
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
बह्मांड की उत्पत्ति और जीवन के सृजन संबंधी कई प्रश्नों का जवाब देने में सक्षम गॉड पार्टिकल को बुधवार को खोज लिया गया। हजारों साल से मनुष्य के जीवन पर धर्म का जो वर्चस्व कायम है, वह अब भी खत्म नहीं होता तो समता और न्याय का भविष्य अंधकारमय है। भारत में नवउदारवादी अर्थ व्यवस्था से हिंदुत्व का पारमाणविक वर्चस्व कायम है, जिसके तहत सत्ता वर्ग के एक फीसदी लोगों के हित में निनानब्वे प्रतिशत लोगों का सफाया अभियान चालू है। क्या ईश्वरीय कण की अवधारणा के सही पाये जाने और भारतीय वैज्ञानिक सत्येंद्र नाथ बोसकी खोज को वैश्विक मान्यता मिल जाने से निनानब्वे प्रतिशत भारतीय जनता की नियति बदलेगी? ईश्वरीय कण का रहस्य तो सुलझ गया है पर भारतीय अर्थ व्यवस्था और राजनीति की पहेलियां बूझना दुःसाध्य है, जिसने समाज और सामाजिक सरोकार को सिरे से गैर प्रसंगिक बना दिया है। बहुत पहले विद्रोही लेखिका तसलिमा नसरिन ने कहा है कि धर्म के रहते न मानवाधिकार संभव है और न सामाजिक न्याय। खुले बाजार की अर्थ व्यवस्था में धर्म का वर्चस्व बढ़ा ही है। वैश्विक पूंजी और कारपोरेटट साम्राज्यवाद का सबसे बड़ा हथियार धर्म है।बहरहाल धरती, सूरज, चांद और सितारों से भरे इस ब्रह्मांड को भगवान ने नहीं बनाया. ये बात सर्न की प्रयोगशाला में 10 साल से जारी महाप्रयोग के शुरुआती नतीजों ने साबित कर दी है।जेनेवा में आज दुनिया की सबसे बड़ी प्रयोगशाला सर्न के वैज्ञानिकों ने उठा दिया संसार के सबसे बड़े रहस्य से पर्दा गॉड पार्टिकल यानी ईश्वरीय कण खोजने के लिए चल रहे महाप्रयोग में वैज्ञानिकों को अब तक जो जानकारी मिली है, उससे संसार की उत्पत्ति का रहस्य खुल सकता है।समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक वैज्ञानिकों ने महाप्रयोग का जो ब्योरा दिया है। उससे हिग्स बोसान नाम के उस कण की मौजूदगी का संकेत मिलता है, जिसे ब्रह्मांड की उत्पत्ति के लिए जिम्मेदार माना जा सकता है, इसका एक मतलब ये भी निकाला जा सकता है कि ब्रह्मांड को भगवान ने नहीं बनाया।
मसलन घोटालों में फंसी सरकार और राजनीति का नजारा देखिये। शरद पवार टू जी स्पेक्रम मंत्री समूह के अध्यक्ष पद से हट गये और अबआदर्श सोसाइटी घोटाले में सीबीआई ने अपनी पहली चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसमें महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण समेत 13 लोगों के नाम हैं। सीबीआई का आरोप है कि चव्हाण ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया और आदर्श घोटाले में अहम भूमिका निभाई। लेकिन दो और पूर्व मुख्यमंत्रियों सुशील कुमार शिंदे और विलास राव देशमुख को राहत मिल गई है। चार्जशीट में इनके नाम का जिक्र तो है मगर आरोपी नहीं बल्कि गवाह की तरह।आदिवासी फोरम की ओर से राष्ट्रपति चुनाव लड़ रहे पीए संगमा को हिंदुत्व राजनीति की पार्टी भाजपा का समर्थन है तो भाजपा के राज में
छत्तीसगढ़ में आदिवासी बच्चों और औरतों के नरसंहार पर खामोश हैं संगमा। प्रणव मुखर्जी का नामांकन विवाद में फंस गया है,भाजपा पूरा जोर लगा रही है। मान लीजिये, प्रणव का नामांकन या चुनाव खारिज हो गया तो आपके लिए आदिवासी राष्ट्रपति बनेंगे संगमा जो हिंदुत्व के झंडा वरदार होंगे और आदिवासियों का कत्लेआम इसी तरह बिना प्रतिरोध जारी रहेगा।राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर यूपीए और भाजपा में घमासान और तेज हो गया है। भाजपा समर्थित उम्मीदवार पीए संगमा के प्रतिनिधि सतपाल जैन ने यूपीए प्रत्याशी प्रणब मुखर्जी द्वारा इंडियन स्टैटिकल काउंसिल (आईएससी) के चेयरमैन पद से दिए गए इस्तीफे पर उनके दस्तखत को लेकर सवाल उठाते हुए सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
राष्ट्रपति पद के सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे प्रणब मुखर्जी इनदिनों देश भर में घूम रहे हैं और खुद के लिए समर्थन जुटा रहे हैं। लेकिन उनके साथ हर रोज कोई न कोई विवाद जुड़ता जा रहा है।बुधवार को एनडीए ने प्रणब के नामांकन के कागजातों और भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई) के अध्यक्ष पद से दिए गए कथित इस्तीफे पर दस्तखत मेल नहीं खाने के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के संकेत दिए हैं। लेकिन एनडीए के आरोपों पर प्रणब मुखर्जी ने उलटे सवाल पूछा-'मैं अपना ही जाली दस्तखत कैसे कर सकता हूं?' कांग्रेस की ओर से प्रवक्ता मनीष तिवारी ने एनडीए के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, 'एनडीए के आरोप बिल्कुल बेबुनियाद हैं।' गौरतलब है कि प्रणब मुखर्जी को टक्कर दे रहे पीए संगमा के वकील सतपाल जैन ने आईएसआई के अध्यक्ष पद पर प्रणब मुखर्जी के बने रहने का आरोप लगाते हुए लाभ के पद के तहत उनके नामांकन को रद करने की मांग की थी। इसके जवाब में आईएसआई ने कहा था कि प्रणब मुखर्जी ने 20 जून को ही इस पद से इस्तीफा दे दिया था। इस मामले में तब आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया जब दस्तखत में फर्क की बात सामने आई।अब प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग खारिज होने के बाद इस पद के दूसरे उम्मीदवार पी.ए. संगमा एवं उनके सहयोगियों ने इस मामले में न्यायालय की शरण लेने का फैसला किया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित कई अन्य विपक्षी दलों द्वारा समर्थित संगमा ने निर्वाचक अधिकारी वी.के. अग्निहोत्री को पत्र लिखकर प्रणब की उम्मीदवारी खारिज करने के उनके आदेश की प्रति मांगी है।
अब चाहे प्रणव हों या संगमा, जो बी राष्ट्रपति बनें , वे धर्म ध्वजा के ही वाहक बने रहेंगे। संविधान के नाम तो रस्मी तौर पर शपथ ही ली जाती है!इस बीच अर्थ व्यवस्था और राजनीति पर अर्थ शास्त्रियों और रिजर्व बैंक का वर्चस्व डालर वर्चस्व की तरह दिनों दिन मजबूत होता जा रहा है।भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के उप गर्वनर डा.सुबीर गोकर्ण के अनुसार बाजार में पर्याप्त तरलता बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं।मौद्रिक नीति समीक्षा की तारीख नजदीक आने के साथ रिजर्व बैंक की नजर मानसून पर लग गईं हैं। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय बैंक दक्षिण-पश्चिम मानसून की प्रगति पर ज्यादा ध्यान देगा।उनके अनुसार यह सचाई है कि जैसे-जैसे मौद्रिक नीति समीक्षा की तारीख नजदीक आ रही है, हम दक्षिण-पश्चिम मानसून पर ज्यादा ध्यान देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दो-तीन दिन में इसमें कुछ प्रगति हुई है।गोकर्ण के अनुसार मानसून की प्रभाविता के नजरिये से जुलाई के पहले दो सप्ताह काफी महत्वपूर्ण है। हम इस अवधि के शुरूआती हिस्से में है। इसीलिए हमारी इस पर नजर है।गोकर्क के अनुसार वो अभी मानसून की प्रगति के बारे में निर्णय करने की स्थिति में नहीं हैं। रिजर्व बैंक मौसम विभाग के अनुमान पर भरोसा करता है, लेकिन अगर कोई समस्या है तो उस पर विचार किया जाएगा। मौसम विभाग के अनुसार मानसून इस सप्ताह आगे बढ़ेगा, मौसम की स्थिति अनुकूल होने के कारण महाराष्ट्र, गुजरात तथा मध्य प्रदेश में मौसमी बारिश होने की संभावना है। डा.गोकर्ण ने कहा कि बाजार में तरलता पर बनने के कारण कुछ भी हो सकता है। यह चाहे विदेशी मुद्रा बाजार के कारण हो या घरेलू स्तर पर नकदी की मांग बढने के कारण हो। आरबीआई बाजार में पर्याप्त तरलता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए लगातार प्रयास किए जाते रहेंगे।पिछले कुछ समय से उद्योग बाजार में तरलता के संकट का सामना कर रहे है। इसके लिए आरबीआई ने उपाय करने करने की मांग की जाती रही है। इसके लिए उद्योग नीतिगत दरों में कटौती की मांग करते हैं। दूसरी ओर उच्च मुद्रास्फीति की स्थिति को देखे हुए आरबीआई ढील देने के रूख में नहीं है।चालू खाते के घाटे के बारे में उन्होंने कहा कि पूंजी प्रवाह उम्मीद के अनुरूप नहीं है और इससे रुपये पर दबाव पड़ रहा है। गोकर्ण एसोचैम के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। गोकर्ण ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिये तमिलनाडु की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य की आर्थिक वद्धि दर 2011-12 में 12.5 प्रतिशत रही जबकि देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वद्धि दर 6.5 प्रतिशत रही।
इसके विपरीत केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने आज कहा कि मानसून आने में विलम्ब होने से स्थिति गंभीर नहीं हुई है तथा अगले सप्ताह से वर्षा के जोर पकडऩे से बुआई में आई कमी के पूरा होने की संभावना है। पवार ने यहां कृषि भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात व्यक्त की। उन्होंने मानसून आने में दो सप्ताह का विलम्ब की चर्चा करते हुये कहा कि स्थिति गंभीर नहीं हुई है। अगले सप्ताह तक वर्षा के जोर पकडऩे की उम्मीद है।
दूसरी ओर बैंकों की ब्याज दरों में पारदर्शिता की कमी पर रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि केंद्रीय बैंक ने इस मसले के निपटान के लिए कार्यकारी समूह का गठन किया है। सुब्बाराव ने इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) के प्लैटिनम जुबली समारोह के दौरान कहा कि आधार दर व्यवस्था लागू करने के बाद भी कर्जदारों से ली जाने वाली ब्याज दर में पारदर्शिता का अभाव है।
स्विटजरलैंड और फ्रांस की सीमा पर स्थित 27 किलोमीटर लंबी एक भूमिगत सुरंग में हिग्स बोसोन, ईश्वरीय कण पर वर्ष 2009 से दिन-रात शोध कर रही यूरोपीय परमाणु शोध संगठन (सर्न) की दो टीमों (एटलस) और (सीएमएस) ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में इससे मिलते-जुलते कण के अस्तित्व की बात स्वीकार की।सर्न की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हमें अपने आंकड़ों में एक नए कण के पाए जाने के स्पष्ट संकेत मिले हैं। यह हमारे शोध संयंत्र लार्ज हेड्रोन कोलाइडर के 125 और 126 जीईवी क्षेत्र में स्थित है। यह एक अद्भुत क्षण हैं।हमने अब तक मिले सभी बोसोन कणों में से सबसे भारी बोसोन को खोज निकाला है। सर्न ने इन नए आंकड़ों को सिग्मा 05 श्रेणी में स्थान दिया है, जिसके मायने होतें हैं नए पदार्थ की खोज।सेर्न के महानिदेशक राल्फ ह्यूर ने कहा कि प्रकृति को लेकर हमारी समझ में इजाफा करने की दिशा में हमने एक मील का पत्थर हासिल कर लिया। सेर्न के शोध निदेशक सेर्गियो बर्तालुकी ने हिग्स बोसोन के आस्तित्व की दिशा में प्रबल संकेत मिलने पर गहरी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमारे लिए इतने अद्भुत नतीजों को लेकर उत्साहित नहीं होना बेहद चुनौतीभरा काम है। हमने पिछले वर्ष ठान लिया था कि 2012 में या तो हम हिग्स बोसोन को खोज निकालेंगे अथवा हिग्स थ्योरी को ही खारिज कर देंगे। हम एक अहम पड़ाव पर पहुंच गए हैं और भविष्य में इन आंकड़ों पर और अधिक प्रकाश पड़ने से हमारी समझ में इजाफा होगा।
हिग्स बोसोन पर आए मौजूदा नतीजे वर्ष 2011 के आंकड़ों पर आधारित हैं और इस वर्ष के आंकड़ों पर भी अभी भी अध्ययन चल रहा है। हिग्स बोसोन पर 2011 के आंकड़ों से जुड़ी सेर्न की विस्तृत रिपोर्ट के इस महीने के आखिर तक जारी होने की उम्मीद है।
इन नतीजों के जारी होने के साथ ही ब्रह्म कण (गॉड पार्टिकल) अब एक रहस्य या परिकल्पना मात्र नहीं रह गया है। ब्रिटिश वैज्ञानिक पीटर हिग्स ने वर्ष 1964 में इस कण की परिकल्पना को जन्म दिया था। इस कण का नाम हिग्स और भारतीय वैग्यानिक सतरूद्रनाथ बसु के नाम पर रखा गया था।
दुनिया भर के वैज्ञानिक पिछले चार दशकों के दौरान हिग्स बोसोन के आस्तित्व को प्रमाणित नहीं कर पाए। ऐसा माना जाता है कि 13.7 अरब वर्ष पहले जब बिग बैंग कहलाने वाले महाविस्फोट के जरिए ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई होगी तो हिग्स बोसोन आस्तित्व में आया होगा और इसी से पदार्थ तथा दूसरे कणों की रचना हुई होगी तथा आकाशगंगाओं नक्षत्रों तथा जीवन इत्यादि ने आकार लिया होगा। वैज्ञानिक इसी वजह से इसे ब्रह्माकण (गॉड पार्टिकल) का नाम देते हैं।
सृष्टि में हर चीज को कार्य करने के लिए द्रव्यमान की आवश्यकता होती है। अगर इलेक्ट्रानों में द्रव्यमान नहीं होता तो परमाणु नहीं होते और परमाणुओं के बगैर दुनिया में किसी भी चीज का सृजन असंभव था। डा हिग्स ने इसे लेकर सिद्धांत की खोज की जिसे आगे चलकर (हिग्स सिद्धांत) के तौर पर जाना गया। इससे कणों का द्रव्यमान सुनिश्चित्त करना संभव हो सका। डा हिग्स ने कहा कि इस माडल को काम करने के लिए एक सबसे भारी कण की आवश्यकता थी जिसे हिग्स बोसोन का नाम दिया गया।
हिग्स बोसोन अभी तक एक परिकल्पना मात्र ही था लेकिन वैज्ञानिकों को चूंकि इसके कुछ विशेष लक्षण ज्ञात थे इसलिए उन्हें पता था कि अगर वे इसे खोजने की मुहिम छेड़ते हैं तो यह कैसा दिखाई देगा। हिग्स बोसोन का द्रव्यमान बाकी सभी बोसोन कणों में सबसे अधिक था। सेर्न के वैज्ञानिकों के अनुसार ब्रह्म कण की खोज सुपर कणों और डार्क मैटर की खोज का मार्ग भी प्रशस्त करेगी।
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Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION!
Published on Mar 19, 2013
The Himalayan Voice
Cambridge, Massachusetts
United States of America
BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7
Published on 10 Mar 2013
ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH.
http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM
http://youtu.be/oLL-n6MrcoM
Download Bengali Fonts to read Bengali
Imminent Massive earthquake in the Himalayas
Palash Biswas on Citizenship Amendment Act
Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003
Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003
http://youtu.be/zGDfsLzxTXo
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THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS BLASTS INDIANS THAT CLAIM BUDDHA WAS BORN IN INDIA
THE HIMALAYAN TALK: INDIAN GOVERNMENT FOOD SECURITY PROGRAM RISKIER
http://youtu.be/NrcmNEjaN8c
The government of India has announced food security program ahead of elections in 2014. We discussed the issue with Palash Biswas in Kolkata today.
http://youtu.be/NrcmNEjaN8c
Ahead of Elections, India's Cabinet Approves Food Security Program
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By JIM YARDLEY
http://india.blogs.nytimes.com/2013/07/04/indias-cabinet-passes-food-security-law/
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA
THE HIMALAYAN VOICE: PALASH BISWAS DISCUSSES RAM MANDIR
Published on 10 Apr 2013
Palash Biswas spoke to us from Kolkota and shared his views on Visho Hindu Parashid's programme from tomorrow ( April 11, 2013) to build Ram Mandir in disputed Ayodhya.
http://www.youtube.com/watch?v=77cZuBunAGk
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE
अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।'
http://youtu.be/j8GXlmSBbbk
THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST
We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas.
http://youtu.be/7IzWUpRECJM
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICAL OF BAMCEF LEADERSHIP
[Palash Biswas, one of the BAMCEF leaders and editors for Indian Express spoke to us from Kolkata today and criticized BAMCEF leadership in New Delhi, which according to him, is messing up with Nepalese indigenous peoples also.
He also flayed MP Jay Narayan Prasad Nishad, who recently offered a Puja in his New Delhi home for Narendra Modi's victory in 2014.]
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT
THE HIMALAYAN TALK: PALSH BISWAS FLAYS SOUTH ASIAN GOVERNM
Palash Biswas, lashed out those 1% people in the government in New Delhi for failure of delivery and creating hosts of problems everywhere in South Asia.
http://youtu.be/lD2_V7CB2Is
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE
अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।'
http://youtu.be/j8GXlmSBbbk
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