बत्ती गुल है, पर उम्मीदों के सहारे है अर्थ व्यवस्था!कर चोरों की पनाहगाह बने बैंकों में 21,000 अरब डॉलर जमा!
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
बत्ती गुल है, पर उम्मीदों के सहारे है अर्थ व्यवस्था!बिजली के निजीकरण से आम उपभोक्ताओं की जेबें काटने के बावजूद यह सरकार बिजली प्रबंधन में किस तरह फेल है, इसका नजारा आज राजधानी नई दिल्ली समेत उतर भारत को आज खूब देखने को मिला।भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मौद्रिक नीति समीक्षा जारी होने के एक दिन पहले सोमवार को देश की आर्थिक विकास दर के पूर्वानुमान को घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया और महंगाई तथा वित्तीय घाटा बढ़ने की आशंका जाहिर कर दी। बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने दोपहर में बताया कि 60 फीसद बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है। उन्होंने बताया कि उत्तरी ग्रिड के खराब होने के बाद भूटान एवं पूर्वी एवं पश्चिमी ग्रिड से बिजली आपूर्ति किया जाना तय किया गया था।यही हाल भारतीय अर्थव्यवस्था का है।बुनियादी समस्याओं को संबोधित करने की कोई कोशिश तक नहीं हो रही। वितीय नीति के बजाय मौद्रिक कवायद पर बाजार की सेहत के मद्देनजर कारपोरेट सरकार फैसला कर रही है। कृषि विकास दर और औद्योगिक विकास दर में सुदार हो नहीं रहा है। मंहगाई और मुद्रास्पीति दोनों बेकाबू। राजस्व वसूली के निनाब्वे फीसद बहिष्कृत आबादी पर करारोपण का बोझ। संसाधनों की खुली लूटखसोट और भ्रष्टाचार , घोटालों की हरिकथा अनंत। देश के समावेशी विकास विकास दर के हवाले और इसके लिए खुले बाजार की अर्थ व्यवस्था में विदेशी पूंजी के बहाने सत्तावर्ग के काले धन को घूमाने का केल। फिर भी रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा,मंदी की चपेट में छटफटाते अंतरराष्ट्रीय बाजार के संकेत , आर्थिक सुधार यानी एक के बाद एक जनविरोधी फैसले निजीकरण, विनिवेश बिल्डर प्रोमोटर राज के साये में उद्योग जगत को राहत का इंतजार।कर चोरों की पनाहगाह बने बैंकों में 21,000 अरब डॉलर जमा हैं।कर चोरों के खिलाफ अभियान छेड़ने वाले कार्यकर्ताओं के मुताबिक कुछ बैंकों में छुपाए गये काले धन में सबसे ज्यादा, करीब 70 फीसदी पैसा भारतीयों का है। उसके बाद रूसियों का नंबर आता है, जिनका 14 फीसदी पैसा स्विट्जरलैंड, लीश्टेनश्टाइन, लक्जमबर्ग और केमैन आइलैंड्स में छुपा है।
बयानों से हालात सुधरते तो प्रणव मुखर्जी क्या बुरे थे कि उन्हें राष्ट्रपति भवन सिधार दिया गया और मनमोहन सिंह की वित्त मंत्रालय में वापसी हो गयी? नवुदारवादी नीतियां लागू होने से पहले ऱाजीव गांधी के जमाने से ही कारपोरेट तत्व ही नीति निर्धारण कर रहे हैं। जिसक नतीजतन इंदिरा के वक्त कपड़ा बेचने वाले अब युद्धक विमान और अत्यधुनिक सुरक्षा प्रणाली के कारोबार में बाकी दुनिया को टक्कर देने की हालत में है। गरीबी हटाओ का नारा जो समाजवाद के साथ लगा था, आज खुले बाजार में गरीबों के सफाये में तब्दील है। प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर राष्ट्रपति भवन तक औद्योगिक घराने काबिज हैं। एक फीसद लोगों के लिए तो चकाचौंध रोशनी है और बाकी देश के लिए बत्ती गुल हमेशा के लिए , यह हालत किसी मनमोहन या शिंदे की बयानबाजी से बदलनेवाली नहीं है।अमेरिका और जापान की अर्थव्यवस्था को मिला दिया जाए तो जितना पैसा जमा होगा, उतना धन कुछ लोगों के पास है। यह अकूत पैसा उनके गोपनीय बैंक खातों में जमा है। अनुमान है कि यह रकम 21,000 अरब डॉलर से ज्यादा है। मुद्रास्फीति की उंची दर के साथ साथ अब मानसून की कमी को देखते हुये रिजर्व बैंक के लिये ब्याज दरों में कटौती का कदम उठाना मुश्किल हो सकता है। अर्थव्यवस्था में गतिविधियां बढ़ाने के लिये नीतिगत दरों में कटौती को जरुरी माना जा रहा है। उद्योग जगत रिजर्व बैंक से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद लगाये बैठा है।मुद्रास्फीति को देखते हुये केंद्रीय बैंक के लिए उद्योग की मांग पर ध्यान देना संभव नहीं लगता।इसके अलावा बारिश की अनिश्चितता से आवश्यक जिंसों की कीमत पर दबाव पड़ सकता है। देश में औसतन बारिश अब तक 21 फीसद कम हुई है।
बाजार में जोश का सबब कराधान में राहत की उम्मीद से है दरअसल। कराधान मामले में और पारदर्शिता लाने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को एक समिति गठित की। यह समिति सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और अनुसंधान एवं विकास से जुड़ी गतिविधियों से संबद्ध मामलों को देखेगी।प्रधानमंत्री कार्यालय ने जीएएआर के प्रावधानों की समीक्षा करने के लिए बनी पैनल का दायरा बढ़ाया है। पोर्टफोलियो मैनेजमेंट पर टैक्स और एनआरआई के प्रॉपर्टी सौदों पर टैक्स के मामले को जीएएआर पैनल को सौंपे गए हैं।जबकि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के पूर्व अध्यक्ष एन रंगाचारी की अध्यक्षता वाली समिति सामान्य कर-वंचन रोधी नियम (गार) के प्रावधानों की समीक्षा के लिए गठित समिति से अलग होगी। गार समिति विदेशी निवेशकों की समस्या का समाधान करेगी।चार सदस्यों वाली नई समिति विकास केंद्रों के कराधान के तरीके को अंतिम स्वरूप देने और उचित पहल सुझाने के लिए संबद्ध पक्षों और संबंधित विभागों से परामर्श करेगी।प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक, सूचना प्रौद्योगिकी के काराधान से जुड़े कुछ अन्य मामलों के समाधान मसलन विकास केंद्र के कराधान के तरीके, घरेलू साफ्टवेयर कंपनियों की आनसाइट सेवाओं की कर व्यवस्था और बजट 2010 में घोषित सुरक्षित ठिकाने (सेफ हार्बर) के प्रावधान को अंतिम स्वरूप देने के लिए और ध्यान देने की जरूरत महसूस की गई ।सेफ हार्बर अंतरराष्ट्रीय खुलासे की प्रक्रिया है ताकि ट्रांसफर प्राइसिंग से जुड़े कानूनी मामलों में कमी की जा सके। ट्रांसफर प्राइसिंग लेखा प्रक्रिया है जो बहुराष्ट्रीय कंपनियां कर देनदारी कम करने के लिए अख्तियार करती हैं।प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि बजट 2012 के बाद टैक्स देनदारी पर सफाई आना जरूरी है। पोर्टफोलियो मैनेजमेंट से जुड़े सभी टैक्स के मामलों को जीएएआर गाइडलाइंस के अनुरूप सुलझाया जाए।प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक जीएएआर के अलावा टैक्स मुद्दों पर जीएएआर पैनल विचार करने वाला है। पार्थासारथी शोम की अध्यक्षता वाला पैनल जीएएआर को लेकर नई गाइडलाइंस सरकार के सामने पेश करने वाला है।
तो दूसरी ओर, मंद पड़ती आर्थिक वृद्धि से चिंतित रिजर्व बैंक ने सरकार से कहा है कि उसे निवेश बढ़ाने के लिये प्रोत्साहन देने और सब्सिडी में कटौती के लिये पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ाने जैसे त्वरित कदम उठाने चाहिए।इस रपट से आर्थिक सुधारों की उम्मीदों ने जोर पकड़ा है।रिजर्व बैंक की आज जारी वृहत आर्थिक और मौद्रिक विकास रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियों की बिक्री और मुनाफा कम हुआ है। आने वाले दिनों में इसका निवेश पर असर पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में सार्वजनिक निवेश खर्च को प्रोत्साहन देकर निजी निवेश मांग बढ़ाई जा सकती है और दूसरी तरफ सब्सिडी खर्च में तेजी से कटौती कर आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दिया जा सकता है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि निवेश में कमी के पीछे केवल उंची ब्याज दरें ही एकमात्र वजह नहीं हो सकती, क्योंकि संकट से पहले की अवधि में ब्याज दरें उच्चस्तर पर रहने के बावाजूद निवेश अधिक हुआ था। रिपोर्ट में कहा गया है कि ढांचागत क्षेत्र की कमियों को दूर कर निवेश माहौल में तेजी से सुधार लाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अड़चनों को भी दूर किया जाना चाहिए।रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि सरकार ने वर्ष 2008 में संकट के समय उद्योगों को जिस तरह का प्रोत्साहन पैकेज दिया था वर्तमान में ऐसे प्रोत्साहन देना सरकार के लिये संभव नहीं है। बैंक ने दीर्घकालिक वित्तीय मजबूती के रास्ते पर लौटने पर जोर देते हुये कहा है कि वित्तीय घाटा ज्यादा रहने से निजी निवेश मांग पर और बुरा असर पड़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सब्सिडी कम करने की आवश्यकता है। सरकार को अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल मूल्यों के अनुरूप घरेलू बाजार में इनके मूल्य तय करने चाहिये, इसके बिना वित्तीय घाटे को तय अनुमान के भीतर रखना मुश्किल होगा।
बहरहाल मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा से एक दिन पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि आर्थिक विकास दर में सुस्ती का अंदेशा है और महंगाई अब भी बड़ी चिंता है, जिस पर ध्यान देना जरूरी है। आरबीआई ने कहा कि गैर मौद्रिक नीति के जरिये निवेश गतिविधियों पर ध्यान देने की जरूरत है। वृहद आर्थिक और मौद्रिक विकास रिपोर्ट में आरबीआई ने कहा, 'चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर कम रहने की आशंका है। आरबीआई ने आर्थिक और मौद्रिक विकास पर तिमाही रिपोर्ट में मौजूदा कारोबारी साल के लिए विकास के पूर्वानुमान को घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया। इससे पहले, उसने अप्रैल में विकास दर के 7.2 फीसदी रहने की सम्भावना जाहिर की थी।आरबीआई मौद्रिक नीति की पहली तिमाही समीक्षा मंगलवार को जारी करने वाली है। आरबीआई ने कहा कि देश का आर्थिक परिदृश्य कमजोर है। अनिश्चित वैश्विक आर्थिक स्थिति के बीच सुस्त विकास, ऊंची महंगाई दर, चालू खाता घाटा और वित्तीय घाटा तथा निवेश घटने से अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है। आरबीआई ने कहा कि रियायत बढ़ने और आय कम रहने के कारण वित्तीय घाटा सीमा से अधिक रहने की आशंका है। सरकार ने सकल घरेलू उत्पादन के 5.1 फीसदी की सीमा में वित्तीय घाटा को सीमित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। पिछले वर्ष वित्तीय घाटा 5.76 फीसदी रहा था।
यूरोप आर्थिक संकट से छटपटा रहा है। अमेरिका उठने की कोशिश में बार बार गिर रहा है। भारत और चीन भी धीमे पड़ रहे हैं. स्पेन और ग्रीस जैसे देशों को कड़ी शर्तों के बीच कर्ज मिल रहा है। मंदी का शिकार झेल रहे देशों की मदद के लिए भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका और जर्मनी जैसे देश बड़ा पैसा झोंक रहे हैं। लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक कर चोरों की पनाहगाह बने बैंकों में 21,000 अरब डॉलर जमा हैं।
ब्रिटिश संस्था द टैक्स जस्टिस नेटवर्क के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय लेन देनों और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की आंकड़ों के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है। रिपोर्ट के लेखक और अर्थशास्त्री जेम्स हेनरी कहते हैं कि केमैन आइलैंड्स और स्विट्जरलैंड के बैंकों में 32,000 अरब डॉलर तक की रकम छुपाई गई हो सकती है।हेनरी के मुताबिक यह संपत्ति रखने के लिए बहुत ज्यादा पैसा चुकाया जाता है।वैश्विक अर्थव्यवस्था की, कानून की और बैंकिंग तंत्र की कमजोरियों का फायदा उठा कर यह पैसा जमा किया गया है।रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष के दस निजी बैंकों के पास 2005 में 2,300 अरब डॉलर थे. 2010 में यह रकम बढ़कर 6,000 अरब डॉलर हो गई।टैक्स विशेषज्ञ और ब्रिटेन सरकार के सलाहकार जॉन व्हाइटिंग रिपोर्ट पर कुछ संदेह जता रहे हैं. वह कहते हैं, "इस बात के सबूत तो हैं कि बड़ी मात्रा में पैसा छुपाया गया है लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि यह रकम इतनी ही है जितनी कि इस रिपोर्ट में बताई गई है।"
द टैक्स जस्टिस नेटवर्क के कार्यकर्ता टैक्स में पारदर्शिता की मांग करते हैं। वे कर चोरी के गढ़ बने देशों और बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं।2008 में दुनिया भर में आर्थिक मंदी छानी शुरू हुई। 2010 में एक रिपोर्ट आई, उसमें कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय तंत्र से 7,000 अरब डॉलर गायब हैं।हालांकि मंदी के दौरान अमेरिका और यूरोपीय देशों ने स्विट्जरलैंड पर दबाव बनाया। दबाव के तहत स्विट्जरलैंड ने बैंक गोपनीयता कानून में बदलाव भी किये। लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था से गायब हुआ पैसा अब भी बाजार में नहीं आया है।
अर्थव्यवस्था पर मानसून में कमी के प्रभाव को लेकर चिंतित उद्योग जगत ने सरकार से कदम उठाने का आग्रह किया है।
अर्थव्यवस्था पर मानसून में कमी के प्रभाव को लेकर चिंतित उद्योग जगत ने सरकार से किसानों को सब्सिडीयुक्त डीजल उपलब्ध कराने और अधिक उत्पादकता वाले बीज वितरित करने जैसे आपात उपाय करने को कहा है।उद्योग मंडल एसोचैम और सीआईआई दोनों का कहना है कि मानसून की कम बारिश से रोजगार, आय व खाद्य कीमतें प्रभावित होंगी।
सप्ताह के पहले दिन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा दरें घटाए जाने की उम्मीद से बाजार 2 फीसदी उछले। सेंसेक्स 304 अंक चढ़कर 17144 और निफ्टी 100 अंक चढ़कर 5200 पर बंद हुए।अंतरराष्ट्रीय बाजार में मजबूती की वजह से घरेलू बाजारों ने जोरदार तेजी के साथ शुरुआत की। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स ने 17000 का स्तर पार कर लिया। ईसीबी के राहत देने के भरोसा दिलाए जाने के बाद वैश्विक बाजारों में तेजी आई है।दोपहर के कारोबार तक बाजारों ने अपनी मजबूती बनाए रखी और निफ्टी 5150 के स्तर पर बना रहा। यूरोपीय बाजारों के बढ़त पर खुलने से घरेलू बाजारों का जोश बढ़ा। सेंसेक्स में 250 अंक का उछाल आया।सरकारी बैंकों के उम्मीद से बेहतर नतीजों ने बाजार की तेजी और बढ़ाया। साथ ही, मंगलवार की आरबीआई की क्रेडिट पॉलिसी बैठक के पहले बैंक शेयरों में जोरदार खरीदारी नजर आई।कारोबार के आखिरी आधे घंटे में बाजारों ने रफ्तार पकड़ी। सेंसेक्स 325 अंक उछला और निफ्टी ने 5200 का अहम स्तर पार कर लिया।आरबीआई गवर्नर डी. सुब्बाराव मौद्रिक नीति की पहली तिमाही समीक्षा पेश करेंगे और यदि उनके मुद्रास्फीति, राजकोषीय व चालू खाता के घाटे के बारे में दिए गए हाल के बयानों को संकेत माना जाए तो इस बार कुछ ज्यादा फेर-बदल की गुंजाइश नहीं है। सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर नौ साल के न्यूनतम स्तर 6.5 फीसद रही है जबकि थोकमूल्य आधारित मुद्रास्फीति जून में 7.25 फीसद रही। खुदरा मुद्रास्फीति 10.02 फीसद के आस-पास है।आरबीआई ने 16 जून को हुई बैठक में मुख्य दरें और सीआरआर अपरिवर्तित रखी। इस बीच सुब्बाराव ने हाल ही में कहा था कि केंद्रीय बैंक उच्च ब्याज दरों और वृद्धि में नरमी के बीच संबंध का अध्ययन करेगा।
उत्तरी ग्रिड में सोमवार को खराबी आने से देश के उत्तरी क्षेत्र के करीब आठ राज्यों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई, जिससे सामान्य जन-जीवन प्रभावित हुआ। इस अचनाक गहराए बिजली संकट के चलते करोड़ों लोग प्रभावित हुए। उत्तरी ग्रिड में आज तड़के करीब ढाई बजे खराबी आने से रेलवे, दिल्ली मेट्रो और पानी आपूर्ति समेत विभिन्न सेवाएं ढप पड़ गईं। राजधानी में आज मेट्रो ट्रेनों का परिचालन रुक जाने से कर्मचारियों एवं छात्रों को कई घंटे तक समस्या से जूझना पड़ा।उत्तरी ग्रिड के रविवार देर रात 2.32 बजे ठप्प हो जाने के बाद उत्तर भारत के सात राज्यों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। खराबी को सोमवार दोपहर तक भी पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सका। इससे रेल, मेट्रो और सड़क यातायात ही नहीं अस्पताल भी प्रभावित रहे। अधिकारियों ने बताया कि आगरा के नजदीक कहीं ग्रिड में गड़बड़ी हुई, जिससे पूरा बिजली आपूर्ति तंत्र बैठ गया। उत्तरी ग्रिड में आई खराबी के चलते उत्तर रेलवे के आठ डिवीजनों में सोमवार को 300 यात्री रेलगाड़ियां देरी की शिकार हुईं, जबकि 200 मालगाड़ियों को रद्द करना पड़ा। पॉवर सिस्टम ऑपरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड के महाप्रबंधक वीवी शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और जम्मू एवं कश्मीर में बिजली आपूर्ति प्रभावित रही।
एसोचैम ने सूखे की चुनौतियों से निपटने के लिए 15 सूत्री रणनीति का प्रस्ताव करते हुए सुझाव दिया कि सरकार को उत्पादन लागत में कमी लाने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना चाहिए। इसके अलावा, जमाखोरी और सटोरिया गतिविधियों पर लगाम लगाने के प्रभावी कदम उठाने चाहिए। उद्योग मंडल ने कहा, '' चीनी, दाल और प्याज जैसे उत्पादों पर भंडारण की सीमा तय करने से जमाखोरी रोकने में मदद मिलेगी. वायदा बाजार आयोग को सटोरिया गतिविधियां रोकने के लिए इन जिंसों पर पैनी नजर रखनी होगी।''इसके अलावा, सूखा प्रभावित क्षेत्रों में मनरेगा योजना के दायरे में बदलाव किए जाने की जरूरत है। उद्योग मंडल ने सरकार से वैकल्पिक फसल योजना तैयार करने और किसानों को वित्तीय व तकनीकी मदद उपलब्ध कराने का आह्वान किया।
इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए सीआईआई ने कहा कि मानसून में कमी से भारतीय अर्थव्यवस्था पर दोहरी मार पड़ेगी. भारतीय अर्थव्यवस्था पहले ही वैश्विक नरमी से जूझ रही है।सीआईआई ने कहा कि ग्रामीणों की रोजी-रोटी बचाने के लिए सरकार को 'तत्काल उपाय' करना होगा।
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Save the Universities!
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जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।
#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি
अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास
ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?
Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION!
Published on Mar 19, 2013
The Himalayan Voice
Cambridge, Massachusetts
United States of America
BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7
Published on 10 Mar 2013
ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH.
http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM
http://youtu.be/oLL-n6MrcoM
Download Bengali Fonts to read Bengali
Imminent Massive earthquake in the Himalayas
Palash Biswas on Citizenship Amendment Act
Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003
Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003
http://youtu.be/zGDfsLzxTXo
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THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS BLASTS INDIANS THAT CLAIM BUDDHA WAS BORN IN INDIA
THE HIMALAYAN TALK: INDIAN GOVERNMENT FOOD SECURITY PROGRAM RISKIER
http://youtu.be/NrcmNEjaN8c
The government of India has announced food security program ahead of elections in 2014. We discussed the issue with Palash Biswas in Kolkata today.
http://youtu.be/NrcmNEjaN8c
Ahead of Elections, India's Cabinet Approves Food Security Program
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By JIM YARDLEY
http://india.blogs.nytimes.com/2013/07/04/indias-cabinet-passes-food-security-law/
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA
THE HIMALAYAN VOICE: PALASH BISWAS DISCUSSES RAM MANDIR
Published on 10 Apr 2013
Palash Biswas spoke to us from Kolkota and shared his views on Visho Hindu Parashid's programme from tomorrow ( April 11, 2013) to build Ram Mandir in disputed Ayodhya.
http://www.youtube.com/watch?v=77cZuBunAGk
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE
अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।'
http://youtu.be/j8GXlmSBbbk
THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST
We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas.
http://youtu.be/7IzWUpRECJM
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICAL OF BAMCEF LEADERSHIP
[Palash Biswas, one of the BAMCEF leaders and editors for Indian Express spoke to us from Kolkata today and criticized BAMCEF leadership in New Delhi, which according to him, is messing up with Nepalese indigenous peoples also.
He also flayed MP Jay Narayan Prasad Nishad, who recently offered a Puja in his New Delhi home for Narendra Modi's victory in 2014.]
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT
THE HIMALAYAN TALK: PALSH BISWAS FLAYS SOUTH ASIAN GOVERNM
Palash Biswas, lashed out those 1% people in the government in New Delhi for failure of delivery and creating hosts of problems everywhere in South Asia.
http://youtu.be/lD2_V7CB2Is
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE
अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।'
http://youtu.be/j8GXlmSBbbk
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