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Saturday, July 23, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



---------- Forwarded message ----------
From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/7/23
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


छोटे शहरों में बढ़े नौकरियों के अवसर

Posted: 22 Jul 2011 05:33 AM PDT

छोटे कस्बों और मिनी मेट्रो शहरों में अप्रैल-जून की तिमाही के दौरान नियुक्ति गतिविधियों में सकारात्मक संकेत देखने को मिला है। एक सव्रेक्षण के अनुसार, खासकर इंजीनियरिंग और विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियों में इजाफा हुआ है। माईहायरिंगक्लब.काम के एक अध्ययन के अनुसार, सव्रेक्षण में शामिल 41 फीसद कंपनियों ने कहा कि उन्होंने पुणो और हैदराबाद जैसे दूसरी श्रेणी के शहरों में पिछले की इसी अवधि की तुलना में ज्यादा कर्मचारियों की नियुक्ति की है। करीब 12 प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि उन्होंने जयपुर, गाजियाबाद और कोच्चि जैसे तीसरी श्रेणी के शहरों में पांच प्रतिशत अधिक नियुक्तियां की हैं। माईहायरिंगक्लब.काम के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश कुमार ने कहा, 'अगली कुछ तिमाहियों में भी नियुक्ति का यही रुख जारी रहेगा।'


दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में मेट्रो शहरों की तुलना में नियुक्ति गतिविधियां बढ़ रही हैं, क्योंकि कंपनियां ऐसे गंतव्यों की ओर रुख कर रही हैं जहां लागत कम बैठती हो। सव्रेक्षण में कहा गया है कि छोटे शहरों में नियुक्ति गतिविधियां बढ़ने की एक वजह बड़े शहरों में नौकरी छोड़ने की ऊंची दर और ऊंचा वेतन है। सव्रेक्षण में कहा गया है कि तिमाही के दौरान दूसरे और तीसरे दज्रे के शहरों में सबसे ज्यादा 22 प्रतिशत नौकरियां इंजीनियरिंग और विनिर्माण क्षेत्र में दी गईं। इसके बाद बीमा, बैंकिंगऔर अन्य वित्तीय सेवा क्षेत्रों में 18 प्रतिशत, आईटी और आईटी संबद्ध सेवा क्षेत्र में 18 प्रतिशत, एफएमसीजी में 16 प्रतिशत, रिटेल में 14 प्रतिशत, दूरसंचार में 12 प्रतिशत और ढांचागत क्षेत्र में 10 प्रतिशत नौकरियां दी गईं(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,22.7.11)।

कर्नाटक ने कई राज्यों में आईटी के प्रसार का बीड़ा उठाया,यूपी-बिहार भी होंगे आईटी रथ पर सवार

Posted: 22 Jul 2011 05:32 AM PDT

सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में देश-दुनिया में धाक जमा चुका कर्नाटक अब इस क्रांति में यूपी, बिहार तथा देश के अन्य राज्यों को भी भागीदार बनाना चाहता है और उसने इस दिशा में पहल की है। कर्नाटक के मुख्य सचिव (आईटी) एमएन विद्याशंकर ने संवाददाताओं को बताया कि बिहार ने उसके प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख दिखाया है और सम्बद्ध मंत्री को बेंगलुरू आईटी डाट बिज (प्रदर्शनी) में भेजने की इच्छा जताई है। कर्नाटक सरकार तथा एसटीपीआई हर साल बेंगलुरू में इस प्रदर्शनी का आयोजन करती है जो देश विदेश में काफी प्रतिष्ठा अर्जित कर चुकी है। विद्याशंकर ने कहा कि देश में डिजीटल डिवाइस यानी कंप्यूटर तथा अन्य आईटी सेवा और साधन की पहुंच रखने वाले और उससे वंचित वर्ग के बीच की खाई पाटने के लिए जरूरी है कि आईटी क्रांति का लाभ समाज के आम लोगों तथा देश के उन दूर दराज के इलाकों तक पहुंचाया जाए जो अभी इससे वंचित हैं। इसी उद्देश्य से बिहार, उत्तराखंड, झारखंड, राजस्थान, गुजरात जैसे राज्यों को इस प्रदर्शनी में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। अधिकारियों ने अहमदाबाद में गुजरात सरकार के अधिकारियों से भी इस संबंध में मुलाकात की है। गुजरात सरकार ने भी इस आयोजन में भागीदारी पर सहमति जताई है। सचिव ने बताया कि आने वाले दिनों में ऐसी ही बैठक चंडीगढ़, लखनऊ, जयपुर सहित अन्य प्रमुख शहरों में होगी। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर तथा पूर्वोत्तर राज्यों को भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। साफ्टवेयर टेक्नालाजी पार्क आफ इंडिया (एसटीपीआई) बेंगलुरू के निदेशक जे. पार्थसारथी ने बताया कि इस साल बेंगलुरू में आईटी डाट बिज प्रदर्शनी 18-20 अक्टूबर को होगी और इसकी थीम 'इंडिया इन्नोवेट' रखी गई है। इसमें दुनिया भर की 160 से अधिक दिग्गज कंपनियां तथा 10 राज्यों के भाग लेने की संभावना है। इन शीर्ष अधिकारियों ने आईटी लाभ को राज्य के गैर महानगरीय इलाकों तक ले जाने के प्रयासों का भी जिक्र किया और बताया किेरूरल बीपीओ वहां रोजगार सृजन में बड़ी भूमिका निभा रहा है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,2.7.11)।

शिक्षण संस्थाओं में 27 फीसद ओबीसी कोटा भरने की जरूरतःसुप्रीम कोर्ट

Posted: 22 Jul 2011 05:30 AM PDT

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्रीय शिक्षण संस्थाओं में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का मकसद पिछड़े वर्ग को सामाजिक प्रगति के रास्ते पर लाना है ताकि आरक्षण प्राप्त छात्र कुछ समय बाद सामान्य श्रेणी के छात्रों के साथ प्रतियोगिता में समकक्ष खड़े हो सके। जस्टिस आरवी रवीन्द्रन और एके पटनायक की बेंच ने कहा कि संविधान पीठ ने भी 27 प्रतिशत आरक्षण सिर्फ ओबीसी के लिए दिया है। बेंच ने ओबीसी की रिक्त सीटें सामान्य श्रेणी के छात्रों से भरने की नीति पर यह टिप्पणी की। इस समय अधिसंख्य शिक्षण संस्थान ओबीसी की खाली सीटें सामान्य श्रेणी के छात्रों से भर देते हैं। बेंच ने सवाल किया कि ओबीसी के छात्र सामान्य कैटेगरी में दाखिला पा जाते हैं। क्या उन्हें सिर्फ ओबीसी के तहत ही दाखिला दिया जाए। बेंच ने सुनवाई के दौरान पक्षकारों से कई तरह के सवाल किए। अदालत ने कहा कि ओबीसी आरक्षण का अधिकतम लाभ किस तरह दिया जा सकता है, इस पर ध्यान देने की जरूरत है। ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को सामान्य श्रेणी में देने से साफ है कि आरक्षण का लाभ पिछड़े वर्ग को नहीं मिल रहा है। बेंच ने कहा कि कट ऑफ मार्क्‍स का ठीक तरह से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। सामान्य श्रेणी की कट ऑफ लिस्ट से दस प्रतिशत कम अंक पर ओबीसी सूची तैयार करना कितना मुनासिब है। अगर छात्र अन्य सभी पात्रताएं पूरी करता है, तो उसे कट ऑफ के आधार पर आरक्षण के लाभ से वंचित करना कहां तक उचित है। बेंच ने कहा कि हो सकता है कि ओबीसी का छात्र कम योग्य हो लेकिन कालांतर में वह सामान्य श्रेणी के नजदीक आ सकता है। शुरुआती दौर में इस तरह की दिक्कतें आती है। बेंच ने यह भी कहा कि आरक्षण का यह मुद्दा सिर्फ दिल्ली के विविद्यालयों के आधार पर तय नहीं किया जा सकता। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने अदालत में याचिका दायर करके ओबीसी कोटे पर अदालत से स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,22.7.11)।

मध्यप्रदेशःतीन दौर पूरे, स्कूलों में अब भी एक हजार सीटें खाली

Posted: 22 Jul 2011 05:28 AM PDT

शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के तहत बुधवार को हुई तीसरे चरण की लॉटरी के बाद भोपाल जिले के 1247 गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन दे दिया गया। लॉटरी के तीन दौर पूरे हो चुके हैं, लेकिन जिले के विभिन्न स्कूलों में अब भी 943 सीटें खाली हैं।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) से संबंधित स्कूलों में दो चरणों के बाद खाली रहीं 273 में से 196 सीटों पर एडमिशन दिए गए। हालांकि कुछ सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों की जानकारी गुरुवार देर शाम तक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय (डीईओ) में नहीं पहुंच सकी थी। डीईओ सीएम उपाध्याय ने बताया कि सीबीएसई स्कूलों में 25-30 सीटों के खाली रहने के आसार हैं। साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि उन स्कूलों में यह सीटें कैसे खाली रह गईं।

माशिमं से संबंधित स्कूलों की स्थिति
इधर, माशिमं से संबंधित जिले के लगभग 1250 स्कूलों में 1051 गरीब व वंचित वर्ग के बच्चों को एडमिशन दिया गया। इसके बावजूद अब भी इन स्कूलों में 943 सीटें खाली हैं। जिला परियोजना समन्वयक केके अग्रवाल ने बताया कि बैरसिया ब्लॉक के सभी स्कूलों की सीटें पूरी भर गई हैं। वहीं, अन्य ब्लॉकों में खाली रही सीटों को भरने के लिए फिर से कवायद होगी।


भोपाल जिले में आरटीई के तहत आए कुल 2,193 आवेदन
सीबीएसई स्कूलों में खाली सीटें 273
तीसरे चरण में एडमिशन के लिए आवेदन 927
गरीब व वंचित वर्ग के बच्चे, जिन्हें मिला एडमिशन 196
माध्यमिक शिक्षा मंडल से संबंधित स्कूलों में आवेदन 1,266
गरीब व वंचित वर्ग के बच्चे, जिन्हें मिला एडमिशन 1,051
अब भी खाली सीटों की संख्या 943
सीबीएसई और माशिमं से संबंधित स्कूलों में कुल भरी गई सीटें 1247(दैनिक भास्कर,इन्दौर,22.7.11)

पटेल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स : मध्यभारत के शीर्ष दस शिक्षण संस्थानों में शुमार

Posted: 22 Jul 2011 05:26 AM PDT

शैक्षणिक क्षेत्र में बहुआयामी उपलब्धियों के लिए मध्यभारत का प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान पटेल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। पटेल ग्रुप अपनी शिक्षा गुणवत्ता और कुशल प्रबंधन के चलते सतत् विकास की राह पर अग्रसर है, यही वजह है कि आज पटेल ग्रुप मध्यभारत के शीर्ष दस संस्थानों में शुमार है। पटेल ग्रुप का परीक्षा परिणाम हर वर्ष नये प्रतिमान स्थापित कर रहा है, साथ ही ग्रुप के छात्रों को विस्तरीय कंपनियों में बेहतर पैकेज पर प्लेसमेंट भी प्राप्त हो रहा है। ग्रुप कैम्पस का शानदार आर्किटेक्चर और तकनीकी गुणवत्ता, उच्च स्तरीय शिक्षण सुविधाएं, उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम तथा शानदार प्लेसमेंट रिकार्ड के चलते पटेल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स को मध्यभारत में एक विशिष्ट स्थान हासिल है। 2002 में संस्थापित पटेल ग्रुप आज मध्यभारत में शिक्षा, प्रशिक्षण प्रदान करने वाला अग्रणी संस्थान है। शिक्षण क्षेत्र के अलावा ग्रुप द्वारा छात्रों के सर्वांगीण विकास पर अधिक महत्व दिया जाता है, जिसके चलते ग्रुप को राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय करने के लिए ' इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी अवार्ड', 'शिक्षा भारतीय अवार्ड', इंडियन अचीवर्स अवार्ड फॉर एजूकेशनल एक्सीलेस' सहित 'कैप्टन ऑफ इंडस्ट्री' जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं जो कि ग्रुप के सफल प्रयासों एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हैं(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,22.7.11)।

डीयू: नॉन कॉलेजिएट की र्थड कट ऑफ में 1.5 से 5 फीसद का डाउनफॉल

Posted: 22 Jul 2011 05:24 AM PDT

दिल्ली विविद्यालय के नॉन कॉलेजिएट में दाखिले की तीसरी कट ऑफ सूची में छात्राओं को काफी राहत दी गई है। विविद्यालय द्वारा बृहस्पतिवार को जारी तीसरी कट ऑफ सूची में बीए पाठयक्रम के दाखिले में जहां 1.5 से 4 फीसद तक की गिरावट की गई है। वहीं बीकॉम में दाखिले के लिए कट ऑफ में .75 से 5 फीसद तक की गिरावट की गई है। तीसरी कट ऑफ के तहत दाखिले 25 से 28 जुलाई तक चलेंगे। जारी कट ऑफ में बीकॉम सर्वाधिक गिरावट महाराजा अग्रसेन कॉलेज ने की है। कॉलेज ने कोर्स में दाखिले की कट ऑफ 67 से 62 फीसद कर दिया है। यह गिरावट सामान्य व आरक्षित श्रेणी दोनो की कट आफ में की गई है। इसी प्रकार कॉलेज ने बीए की कट ऑफ में 4 फीसद की गिरावट की है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,22.7.11)।

..और इस तरह अपने घर में तिरस्कृत हुई हिन्दी

Posted: 22 Jul 2011 05:22 AM PDT

जब अपने ही घर में अपमान हो तो दूसरा सम्मान कैसे करेगा। इस दंश को आज राजभाषा हिन्दी को झेलना पड़ा। आज राजभाषा हिन्दी की नए तेवर वाली वेबसाइट के उद्घाटन के अवसर पर राजभाषा सचिव ने अपने पूरे भाषण को अंग्रेजी में पढ़ा और वेबसाइट के बारे में बताया। खुद गृहमंत्री पी चिदंबरम भी सचिव की इस शैली से अवाक थे। राजभाषा हिन्दी के उत्थान और उसे बढ़ावा देने के लिए सरकार बेशक करोड़ों रुपए खर्च करती है। हिन्दी पखवाड़ा मनाती है। मगर राजभाषा विभाग में बैठे आला अधिकारी खुद ही हिन्दी को तिरस्कृत भाषा के रूप में देखेते हैं। अगर राजभाषा सचिव खुद ही हिन्दी के बदले अंग्रेजी को महत्त्व दें तो दूसरे से क्या उम्मीद की जा सकती है। मामला था राजभाषा हिन्दी की नई तेवर वाली वेबसाइट के उद्घाटन अवसर का। इसका आज केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने नार्थ ब्लॉक में माउस को क्लिक कर उद्घाटन किया। खास बात यह रही कि राजभाषा सचिव वीणा उपाध्याय ने राजभाषा की वेबसाइट में हुए बदलाव और नए तेवर के बारे में बताना शुरू किया। उन्होंने अपने सात मिनट के भाषण को पूरी तरह अंग्रेजी में ही पढ़ा। राजभाषा सचिव वीणा उपाध्याय द्वारा इस अवसर पर राजभाषा हिन्दी के बदले अंग्रेजी में बोलने को लेकर वहां उपस्थित चिदंबरम, राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह सहित तमाम आला अधिकारीगण अवाक थे। खुल कर तो नहीं मगर दबी जुबान से सबों ने इसको लेकर कानाफूसी शुरू कर दी। राजभाषा को बढ़ावा देने को लेकर वेबसाइट में क्या बदलाव किया गया है। इस पर उन्होंने कहा कि इसमें सारे अधिकारियों और कर्मचारियों का फोन नंबर और उनके पद आदि दिए गए हैं। यानि उनका पूरा बायोडाटा है। इसके बाद जब संवाददाताओं ने यह सवाल किया कि राजभाषा हिन्दी है और उसके वेबसाइट के नए तेवर का उद्घाटन किया गया है तो इस अवसर पर हिन्दी को क्यों तिरस्कृत किया गया? क्यों उन्होंने बेवसाइट के बारे में अंग्रेजी में कहा। इस पर उन्होंने कहा कि ठीक है हिन्दी राजभाषा है, लेकिन अंग्रेजी सह राजभाषा है। देश के अधिकतर लोग हिन्दी समझते हैं। एक संवादादाता ने उन्हें बताया कि उनके वेबसाइट पर महात्मा गांधी का चित्र है और हिन्दी के बारे में संदेश है तो फिर इस अवसर पर अंग्रेजी क्यों। मगर वह कुछ नहीं कह पायीं। बाद में कमान केंद्रीय राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने संभाली और उनसे हिन्दी में वेबसाइट के बारे में जानकारी लेने लगे। इससे माहौल थोड़ा बदला। मगर राज्य मंत्री ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें पता है कि कितनी बार क्लिक हुआ है। उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी नहीं है(कुणाल,राष्ट्रीय सहारा,22.7.11)।

मध्यप्रदेश में भी 45 फीसदी पर प्रवेश

Posted: 22 Jul 2011 05:21 AM PDT

एआईसीटीई ने तकनीकी शिक्षा में एडमिशन के लिए जनरल कैटेगरी के 50 फीसदी मार्क्‍स को घटाकर 45 फीसदी और एससी-एसटी और ओबीसी के 45 फीसदी मार्क्‍स की अनिवार्यता को 40 फीसदी कर दिया था। कई राज्यों में इसे एक हफ्ते पहले ही लागू किया जा चुका है लेकिन डीटीई के पास लिखित सूचना नहीं आने से प्रदेश में यह बदलाव अभी तक नहीं किया गया था। गुरुवार को भोपाल स्थित डीटीई ऑफिस में उच्च अधिकारियों की मीटिंग के बाद एआईसीटीई के नियमों को लागू करने पर सहमति बनी।

रोकना पड़ी काउंसिलिंग
दोपहर में 45 फीसदी वाले नियम को लागू करने का निर्णय होते ही एमपीऑनलाइन का सर्वर डाउन हो गया। फोन करने पर हेल्प सेंटर से सूचना मिली की किन्हीं कारणों से सर्वर बंद किया गया है। शाम को स्थिति स्पष्ट हो गई कि अब काउंसिलिंग शेड्यूल को पूरी तरह बदलने की तैयारी हो रही है। फ्री सीट स्कीम में जो स्टूडेंट्स 50 फीसदी से कम मार्क्‍स होने के कारण हिस्सा नहीं ले पाए थे, उनके लिए 27 से 29 जुलाई को काउंसिलिंग प्रस्तावित है। इन सभी बदलाओं से अब प्रदेश की सभी प्रमुख कोर्सेस की काउंसिलिंग प्रक्रिया लेट होगी। डीटीई के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. बी. लक्ष्मीनारायण का कहना है जल्द ही वेबसाइट पर सारे बदलावों को अपडेट कर देंगे(दैनिक भास्कर,इन्दौर,2.7.11)।

आईएसए में इंदौर का पुनीत देशभर में टॉप

Posted: 22 Jul 2011 05:20 AM PDT

इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) द्वारा आयोजित की जाने वाली इन्फॉर्मेशन सिस्टम ऑडिट (आईएसए) के परिणाम गुरुवार को घोषित हुए। इसमें शहर के सीए पुनीत गुप्ता देशभर में अव्वल रहे। आईसीएआई ने डिप्लोमा इन इन्फॉर्मेशन सिस्टम ऑडिट कोर्स में एडमिशन के लिए जून में परीक्षा आयोजित की थी। 2500 से ज्यादा सीए ने देशभर के सेंटर्स से परीक्षा दी थी।
सिर्फ टॉप थ्री रैंक ही घोषित होती है


परीक्षा का लेवल काफी टफ होता है। इसके लिए टॉप थ्री रैंक वालों की ही मेरिट रैंक घोषित की जाती है। इसमें सबसे पहला नाम पुनीत का है। दो अन्य सीए इशेता कुमार और हार्दिक वलेरा अन्य राज्यों के हैं।
पुनीत ने बताया मैन्युअल ऑडिट का तरीका खत्म होकर कम्प्यूटराइज्ड ऑडिटिंग हो रही है। इसमें कम्प्यूटर फ्रेंडली होना आवश्यक हो गया है। परीक्षा में ऑडिट के लिए कम्प्यूटर के उपयोग सहित कई प्रश्न पूछे गए थे। पापा भी सीए हैं, उनसे बहुत सहयोग मिला(दैनिक भास्कर,इन्दौर,22.7.11)।

यूपीः107 अभ्यर्थियों को पीसीएस परीक्षा में बैठने की अनुमति

Posted: 22 Jul 2011 05:16 AM PDT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोकसेवा आयोग द्वारा पीसीएस प्रारम्भिक परीक्षा 2010 के संशोधित सूची से हटाये गये 107 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में बैठने देने का अंतरिम आदेश पारित किया है। अदालत ने आयोग से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति विनीत सरन व न्यायमूर्ति रणविजय सिंह की खण्डपीठ ने बिजेन्द्र मोहन सिंह की याचिका पर पारित किया है। आयोग ने पीसीएस 2010 की प्रारम्भिक परीक्षा का परिणाम मई 2011 में घोषित किया। इसमें असफल कई अभ्यर्थियों ने इस परिणाम को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी तथा कहा था कि कई प्रश्नों के गलत विकल्प दिये गये हैं। हाईकोर्ट ने आयोग से जवाब मांगा था। इस बीच आयोग ने इस परिणाम को संशोधित करते हुए जून में एक संशोधित सूची जारी की। जिसमें 107 उन अभ्यर्थियों के नाम नहीं थे, जिनके नाम पहली सूची में थे। इन अभ्यर्थियों ने संशोधित परिणाम को हाईकोर्ट में चुनौती दी है(राष्ट्रीय सहारा,इलाहाबाद,22.7.11)।

यूपीःफर्जी स्कूलों का होगा पर्दाफाश

Posted: 22 Jul 2011 05:14 AM PDT

जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा फर्जी विद्यालयों पर कार्रवाई न किये जाने पर माध्यमिक शिक्षक संघ स्वयं फर्जी विद्यालयों एवं उनमें पढ़ने वाले छात्रों का विवरण एकत्र करेगा। इसके तहत किस मान्यता प्राप्त विद्यालय में छात्रों का पंजीकरण कराया गया है, इसकी सूचना एकत्र करेगा। इसके लिए संघ के जिला संगठन ने सात समितियां गठित की हैं। सूचना एकत्र करने के बाद संघ ऐसे विद्यालयों का नाम उजागर करेगा तथा उन पर कार्रवाई के लिए संघर्ष करेगा। संघ के प्रदेश मंत्री डा.आर.पी. मिश्र ने बताया कि संगठन ने गत 13 जुलाई को धरना-प्रदर्शन कर जिला विद्यालय निरीक्षक से फर्जी विद्यालयों तथ उनमें पढ़ रहे छात्रों का पंजीकरण कराने वाले विद्यालयों की जांच कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग की थी। इस पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने सह जिला विद्यालय निरीक्षक चन्द्र शेखर मालवीय एवं सह जिला विद्यालय निरीक्षक (आंग्ल) राजेन्द्र सिंह की दो जांच समितियां बनाकर कार्रवाई के लिए आस्त किया था। इसके बाद जांच समितियों एवं जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा अभी तक किसी भी विद्यालय के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गयी है। इसके चलते संगठन ने स्वयं इन्द्र प्रकाश श्रीवास्व, के.पी. वर्मा, एस.के.एस. राठौर, अनुराग मिश्र, डा. आर.के. त्रिवेदी, अरुण अवस्थी एवं अनिल शर्मा के संयोजन में सात समितियां गठित की हैं। यह समितियां शीघ्र ही ऐसे विद्यालयों की सूचनाएं उपलब्ध कराएगा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला विद्यालय निरीक्षक गणोश कुमार का शिक्षा माफियाओं को पूरा संरक्षण प्राप्त है। इस कारण आज तक फर्जी विद्यालयों तथा उनमें पढ़ने वाले छात्रों का पंजीकरण कराने वाले मान्यता प्राप्त विद्यालयों के विरुद्ध अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। यही नहीं, शासन एवं बोर्ड के नियमों को ताक पर रखकर डीलिंग के आधार पर ऐसे विद्यालयों को बिना स्थलीय जांच कराए अनियमित तरीके से कक्षा नौ व ग्यारह में पंजीकरण तथा कक्षा दस एवं बारह में परीक्षा फार्म उपलब्ध कराए जाते रहे हैं। संघ के जिलाध्यक्ष चन्द्र प्रकाश शुक्ल एवं मंत्री अनिल कुमार अवस्थी ने बताया कि समितियां प्रवेश के समय छात्रों से की गयी अवैध वसूली की भी सूचनाएं एकत्र करेंगी तथा जिला संगठन द्वारा छात्रों से की गयी अवैध वसूली को वापस कराने एवं भविष्य में अवैध वसूली बन्द कराने के लिए भी संघर्ष किया जाएगा(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,22.7.11)।

यूपीःराजकीय इण्टर कालेजों में प्रधानाचार्य के खाली पदों को भरने पर सहमति

Posted: 22 Jul 2011 05:13 AM PDT

राजकीय शिक्षक संघ की गुरुवार को विभिन्न मांगों को लेकर सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई, इसमें कई निर्णय लिए गये और राजकीय इंटर कालेजों में खाली प्रधानाचार्य के पदों को भरने के लिए सहमति बनी है। प्रधानाध्यापक के पदों को भरने के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक से 15 दिनों में प्रस्ताव मांगा गया है। राजकीय शिक्षक संघ के 21 सूत्री मांगपत्र पर माध्यमिक शिक्षा सचिव जितेन्द्र कुमार ने मौके पर ही यह निर्णय दिया। राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष पारस नाथ पाण्डेय ने बताया कि बेसिक शिक्षा में सम्वर्गीय पुनर्गठन में खण्ड शिक्षा अधिकारी के राजपत्रित पदों को प्रति उप विद्यालय निरीक्षक से ही भरने के शासनादेश के बाद सेवा नियमावली प्रभावित हो रही है। इसके मद्देनजर राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत एलटी व प्रवक्ता संवर्ग के शिक्षकों को उनके निर्धारित कोटे से भरने के लिए 15 दिनों में प्रस्ताव वेतन आयोग को भेजने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश के सभी राजकीय इंटर कालेजों में रिक्त प्रधानाचार्य व प्रधानाध्यापक के पदों को करने के लिए भी बैठक में सहमति बनी। उन्होंने बताया कि प्रधानाध्यापक पद विभागीय होने की वजह से रिक्त पदों को भरने के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को सितम्बर से पूर्व खाली पदों की अपेक्षा दो गुनी प्रोन्नति कराने के निर्देश दिये गये हैं, ताकि शिक्षकों के इस पद पर प्रोन्नति न लेने से कोई पद खाली न रहे और दूसरे चयनित शिक्षकों को इसका लाभ दिया जा सके। इसके साथ ही प्रधानाचार्य के रिक्त पदों को करने के लिए डीपीसी कराने के लिए तिथि निर्धारित करने का निर्देश दियवा गया। उन्होंने बताया कि प्रधानाचार्य पद शिक्षा अनुभाग एक से जुड़ा है और राजकीय शिक्षकों के मामले शिक्षा अनुभाग दो से देखे जाते है, ऐसे में अब राजकीय शिक्षकों को भी शिक्षा अनुभाग एक में शामिल करने पर सहमति बनी है। शासन से राजकीय शिक्षकों की अधिवषर्ता आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष करने की मांग को खारिज कर दिया गया है। शासन ने राजकीय इंटर कालेजों में प्रवक्ता कम्प्यूटर के पद को जल्द ही सृजित करने का निर्देश दिया। बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं के बण्डल वाहक जैसे कार्य में अब राजकीय इंटर कालेज के शिक्षकों को नहीं लगाया जाएगा। शासन ने राजकीय विद्यालयों में कला, व्यायाम, संगीत, शिल्प के शिक्षकों को प्रवक्ता घोषित करने के बारे में जल्द ही निर्णय लिए जाने का आासन दिया(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,22.7.11)।

यूपीःसैन्य विद्यालय में प्रवेश फार्म 30 सितम्बर तक जमा होंगे

Posted: 22 Jul 2011 05:12 AM PDT

भारतीय राष्ट्रीय सैन्य विद्यालय देहरादून के सत्र 2012 की प्रवेश परीक्षा पहली व दूसरी दिसम्बर को सिटी स्टेशन स्थित राजकीय जुबली इंटर कालेज में होगी। उप शिक्षा निदेशक (मा.) गणोश कुमार (षष्ठ मण्डल) लखनऊ ने बताया कि यह प्रवेश परीक्षा उत्तर प्रदेश में मात्र तीन सीटों के लिए है। इस परीक्षा में केवल छात्र ही आवेदन कर सकते हैं। जिनकी आयु 13 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। आवेदन पत्र कमांडेंट राष्ट्रीय भारतीय सैन्य विद्यालय देहरादून के नाम पत्र पंजीकृत डाक से भेजकर प्राप्त किया जा सकता है। आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितम्बर है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,22.7.11)।

राजस्थानःऑनलाइन प्रोग्राम बनाने में जुटा बोर्ड

Posted: 22 Jul 2011 05:02 AM PDT

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ऑनलाइन परीक्षा फार्म भरवाने की तैयारियों में जुटा है। बोर्ड ऑनलाइन परीक्षा फार्म से जुड़ा प्रोग्राम बनाने में जुटा है। शुरूआत से पहले इसका तकनीकी परीक्षण होगा।

बोर्ड अब तक पारम्परिक तरीके से फार्म भरवाता रहा है। इनमें नियमित और स्वयंपाठी विद्यार्थी शामिल हैं। प्रक्रिया के तहत स्कूलों और नोडल केन्द्रों पर मुद्रित परीक्षा फार्म भेजे जाते हैं। विद्यार्थी निर्धारित फीस देकर फार्म भरते हैं। इसके बाद स्कूल भरे हुए फार्मो को जांच के लिए बोर्ड में भेजते हैं। प्रतिवर्ष अगस्त से अक्टूबर तक यह प्रक्रिया चलती है। फार्मो की छपाई, स्कूलों-केन्द्रों में भेजने, मंगवाने से जुड़ी दिक्कतों के मद्देनजर बोर्ड ने ऑनलाइन परीक्षा फार्म भरवाने की योजना बनाई है।
मंजूरी पहले ही
बोर्ड में दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों की संख्या गत वर्ष बढ़कर 17 लाख तक पहुंच गई। इसीलिए प्रशासन की नजरें परीक्षा फार्म ऑनलाइन भरवाने की तरफ है। सिद्धांतत: प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है।
इनका कहना है
ऑनलाइन परीक्षा फार्म भरवाने की योजना पर काम जारी है। प्रोग्राम बनवाया जा रहा है।
डॉ. सुभाष गर्ग, अध्यक्ष राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड(राजस्थान पत्रिका,अजमेर,22.7.11)

बिहारःअनुत्तीर्ण ही देंगे कम्पार्टमेंटल

Posted: 22 Jul 2011 05:01 AM PDT

मैट्रिक की परीक्षा में अब मात्र दो विषयों में अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों को ही कम्पार्टमेंटल परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा। लेकिन इसके लिए भी स्कूल की आंतरिक परीक्षा के सभी पत्रों में अर्हता प्राप्त करना आवश्यक कर दिया गया है। कम्पार्टमेंटल परीक्षा सीबीएसई पैटर्न पर ली जायेगी। शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव के हस्ताक्षर से इसकी अधिसूचना जारी की गयी है। यह परीक्षा हर साल जुलाई या अगस्त माह में ली जायेगी। कम्पार्टमेंट परीक्षा में उत्तीर्णता प्राप्त करने पर उन्हें मात्र पास घोषित किया जायेगा(राष्ट्रीय सहारा,पटना,22.7.11)।

राजस्थानःअंकों के बगैर कैसे बने सूची?

Posted: 22 Jul 2011 04:59 AM PDT

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों से प्राप्तांकों के मामले में राजकीय महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज ने प्राविधिक शिक्षा निदेशालय को पत्र भेजा है। प्रशासन ने अंकों के बिना सूची बनाने के बारे में मार्गदर्शन मांगा है। पॉलीटेक्निक कॉलेजों में डिप्लोमा इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की प्रवेश प्रक्रिया जारी है। महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज में कॉस्ट्यूम डिजाइन एंड ड्रेस मेकिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और ब्यूटी कल्चर ब्रांच में प्रवेश होने हैं। प्राविधिक शिक्षा निदेशालय ने सीबीएसई के विद्यार्थियों से अंकतालिका में ग्रेड के साथ प्राप्तांक भी भेजने को कहा है।

ग्रेडिंग से हुई दिक्कत
सीबीएसई ने दसवीं में सतत एवं समग्र मूल्यांकन प्रणाली लागू की है। दसवीं में अंकों के बजाय ग्रेडिंग दी गई है। विद्यार्थियों के लिए अंकों की जानकारी लेना आसान नहीं है। इसे देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने निदेशालय को पत्र भेजा है। प्राचार्य सी.एस. माथुर ने बताया कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में अंक दिए गए हैं। सीबीएसई में ग्रेडिंग दी गई है। ऎसे में अस्थाई योग्यता सूची बनाने में परेशानी होगी(राजस्थान पत्रिका,अजमेर,22.7.11)।

बिहारःकोचिंग संस्थानों के खिलाफ सरकार सख्त

Posted: 22 Jul 2011 04:57 AM PDT

सरकार ने कोचिंग अधिनियमों के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए अब तक की गयी कार्रवाई का रिपोर्ट तलब की है। इसके लिए मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह ने राज्य भर के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखा है। इसके लिए पन्द्रह दिनों का समय दिया गया है। कोचिंग संस्थानों के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों के मद्देनजर मानव संसाधन विकास विभाग हरकत में आया है। प्रधान सचिव ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि विभिन्न जिलों से मिली सूचना के मुताबिक अधिनियम के लागू होने के एक वर्ष बीत जाने के बावजूद जिले के सभी कोचिंग संस्थानों का निबंधन नहीं हो पाया है। उनके द्वारा शिक्षण फीस लेने में भी कोई पारदर्शिता नहीं बरती गयी है। इस संबंध में काफी छात्र मुझसे और मुख्यमंत्री के जनता दरबार में शिकायत कर चुके हैं। उन्होंने पत्र में कहा है कि कोचिंग संस्थानों के नियंतण्रएवं विनियमन के लिए लागू अधिनियम का कठोरता से पालन कराया जाये। यह सुनिश्चित किया जाये कि कोचिंग संस्थान में नामांकन के समय प्रोस्पेक्टस छात्र को अवश्य दे, नामांकन में पारदर्शिता हो एवं कोचिंग संस्थानों के पास अधिनियम में उल्लेखित आधारभूत संरचना एवं सुविधाएं उपलब्ध हों। अधिनियम में इन संस्थानों की जांच एवं अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर दंड का प्रावधान है इसका भी प्रयोग किया जाना चाहिए। मालूम हो कि राज्य सरकार द्वारा बिहार में चल रहे कोचिंग संस्थानों के नियंतण्रतथा विनियमन के लिए वर्ष 2010 में एक अधिनियम पारित किया गया था। उक्त अधिनियम के तहत जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा जिले के कोचिंग संस्थानों का निबंधन किया जाना है। सभी कोचिंग संस्थानों जो 10 से अधिक छात्र-छात्राओं को कोचिंग देते हैं,उन्हें अधिनियम में दिये गये आधारभूत संरचना एवं अन्य शतरे को पूरा करना है। इसके तहत सभी कोचिंग संस्थानों को अपने पाठय़क्रम,शिक्षकों की योग्यता,फीस आदि का एक प्रॉस्पेक्ट्स के रूप में छात्राओं को उपलब्ध कराना है ताकि वे स्पष्ट रूप से जान सकें कि उन्हें किस गुणवत्ता का शिक्षण मिलेगा तथा उसका शिक्षण फीस क्या होगा(राष्ट्रीय सहारा,पटना,22.7.11)।

पटना कॉलेज में अंतिम मेधा सूची जारी

Posted: 22 Jul 2011 04:56 AM PDT

पटना विविद्यालय के पटना कॉलेज, बीएन कॉलेज व साइंस कॉलेज में नामांकन की अंतिम तिथि शुक्रवार है। बाकी कॉलेजों में नामांकन प्रक्रिया पहले ही पूरी की जा चुकी है। पटना कॉलेज में बृहस्पतिवार को अंतिम मेधा सूची जारी की गई। मेधा सूची पर अंतिम रूप से नामांकन शुक्रवार को लिया जायेगा। पटना विवि स्नातकोत्तर में अब 27 जुलाई तक फॉर्म भरे जाएंगे। उधर मगध विविद्यालय के कॉलेजों में नामांकन प्रक्रिया जारी है। पटना विविद्यालय में बीएड में दाखिले के लिए मंगलवार से फॉर्म मिल रहे हैं। फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 2 अगस्त है। पटना विविद्यालय में शुक्रवार को अंतिम रूप से नामांकन के बाद सीटें फुल होने की उम्मीद की जा रही है(राष्ट्रीय सहारा,पटना,22.7.11)।

राजस्थानःपॉलिटेक्निक आवेदन अब 1 अगस्त तक

Posted: 22 Jul 2011 04:53 AM PDT

पॉलीटेक्निक कॉलेजों में दाखिलों के लिए विद्यार्थी अब 1 अगस्त तक फार्म जमा करा सकेंगे। सीट मेट्रिक्स मिलने में देरी के चलते प्राविधिक शिक्षा निदेशालय ने तिथि आगे बढ़ाई है।
पॉलीटेक्निक कॉलेज में डिप्लोमा इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में केंद्रीयकृत योजनान्तर्गत प्रवेश होने हैं। अजमेर के राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्राचार्य और संयोजक पी. सी. मकवाना के अनुसार तकनीकी शिक्षा विभाग ने वेबसाइट पर कार्यक्रम जारी किया है। इसके अनुसार विद्यार्थी 1 अगस्त शाम 5 बजे तक फार्म और ओएमआर शीट जमा करा सकेंगे।

पहले यह तिथि 25 जुलाई थी। विद्यार्थी आईसीआईसीआई की चुनिंदा शाखाओं से आवेदन पत्र ले सकेंगे। वेबसाइट पर अस्थायी योग्यता सूची, पूर्व में भरे हुए विकल्प पत्र में परिवर्तन, प्रथम आवंटन, फीस जमा कराने और अपवर्ड मूवमेंट से सम्बन्घित तिथियां भी दी गई हैं।
इसलिए बढ़ी तिथियां
विद्यार्थियों को विकल्प पत्र में कॉलेज और ब्रांच का ब्यौरा भरना है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की सूची नहीं होने से विद्यार्थियों को फार्म भरने में दिक्कतें हो रही हैं। निदेशालय की ओर से कॉलेज ने सीटों की सूचना जारी हुए बगैर ऑप्शन फार्म और आवेदन जमा नहीं कराने को कहा है(राजस्थान पत्रिका,अजमेर,22.7.11)।

फरीदाबादःकैंपस प्लेसमेंट उपलब्ध कराता है महिला कॉलेज

Posted: 22 Jul 2011 04:51 AM PDT

राजकीय महिला कॉलेज कम फीस के लिए ही नहीं बल्कि कैंपस प्लेसमेंट के लिए भी मशहूर है। बीते दो सालों से कैंपस प्लेंसमेंट में ही सैंकड़ों लड़कियों को रोजगार के अवसर मिलते हैं। कॉलेज में भारतीय संस्कृति व नैतिक मूल्यों के साथ आधुनिक शिक्षा के माध्यम लड़कियों को शिक्षा दी जा रही है। कॉलेज में चरित्र निर्माण पर अधिक जोर दिया जाता है। कॉलेज प्रशासन का दावा है कि अधिकांश छात्राओं को नौकरी के अवसर कॉलेज में ही मिल जाते हैं।

इसके चलते राजकीय महिला महाविद्यालय आज छात्राओं के बीच उम्मीद की किरण है। छात्राओं को परंपारिक क्रियाकलाप के साथ आधुनिक शिक्षा देने के कारण आसपास के गांव और शहर के लिए ज्ञान केन्द्र का काम कर रही है। यूं तो कॉलेज की शुरू आत 1987 में नेहरू कॉलेज की महिला विंग के रूप में हुई थी। लेकिन अलग से महिला कॉलेज के रूप में इसकी स्थापना 1992 में हुई। कॉलेज मे खर्च में अच्छी शिक्षा देने के लिए मशहूर रहा है।

अपने बाइस साल के शैक्षणिक सफर में शहर के छात्राओं और उनके अभिभावकों के सुरक्षित माहौल और उत्तम परिणाम के बदौलत शहर में एक खास मुकाम हासिल किया है। कॉलेज में अच्छी पढ़ाई के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण पर जोर भी जोर देता है।

कॉलेज में केवल दो कोर्सेस से बीकॉम और बीबीए की शुरूआत की गई थी। बाद में दो नए कोर्स बैचलर ऑफ बिजनेस एड़ािनिस्ट्रेशन और बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन की शुरूआत की गई थी। कैंपस में अच्छे माहौल के अलावा आधुनिक शिक्षा सुविधा के लिए पूरा इंतजाम है।

मनोविज्ञान, भूगोल की प्रायोगिक शिक्षा देने के लिए प्रयोगशालाएं, कंप्यूटर लैब और सॉफ्ट स्किल लैब है। नई प्रयोगशालाएं और उनके सभी उपकरणों को साल-दर-साल अपग्रेड किया जाता है। कॉलेज परिसर में स्नातक की पढ़ाई के लिए दो ब्लॉक है और एक प्रशासनिक भवन है।


छात्राओं को व्यवहारिक जानकारी देने और उनके विकास के लिए कॉलेज के विभागों की विभिन्न सोसाइटी का गठन किया गया है। जो समय-समय पर विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिता व गतिविधियों का आयोजन करती है। छात्राओं को उनके हक की जानकारी के लिए कॉलेज प्रशासन ने वैधानिक सेल का गठन भी किया है।

वैधानिक सेल महिलाओं को उनके अधिकार व कानून की जानकारी सेमिनार और विशेष कक्षाएं आयोजित कर देता है। कॉलेज पर एक नजर-कॉलेज की स्थापना : 1992-बिल्डिंग एरिया : दो एकड़ में तीन ब्लॉक-छात्र-छात्राएं की संख्या : 1500-कोर्स स्नातक : चार -लाइब्रेरी : एक -कंप्यूटर लैब : तीन-सॉफ्ट स्किल लैब : एक-कैंटीन : एक -सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए : सेमिनार हॉल छात्रों के लिए सुविधा-आरक्षित श्रेणियों के लिए सुविधा-जरुरतमंद छात्र-छात्राओ को मुफ्त किताबों की सुविधा-वूमेन सेल बनाया गया हैं जहां महिला सशक्तिकरण के लिए वार्कशॉप व ट्रेनिंग(हिंदुस्तान,फरीदाबाद,22.7.11)

डीयूःकूल सीनियर्स के कायल हुए फ्रेशर्स

Posted: 22 Jul 2011 01:24 AM PDT

डीयू में नए छात्रों के आने से कॉलेज कैम्पस फिर गुलजार हो गया। स्कूल की पाबंदियां नहीं, साथ ही कॉलेज पहुंचने का उत्साह उनके चेहरों पर साफ झलक रहा था। माहौल खुशनुमा हो तो फिर उमस भरी गर्मी का भी कहां ख्याल रहता है। पहले दिन छात्र-छात्राएं कॉलेज कॉरिडोर से लेकर कैंटीन और लॉन में चारों ओर टहलते नजर आए। ऐसा लग रहा था मानो पहले दिन ही कॉलेज परिसर के हरेक कोने से वाकिफ हो जाना चाहते हों। हालांकि नो रैगिंग कैम्पेन के कारण छात्र तनावमुक्त दिख रहे थे। यही नहीं सीनियर छात्रों व शिक्षकों के साथ हुए इंट्रोडक्शन में भी वे काफी संतुष्ट दिखे। कई कॉलेजों में छात्र संगठनों ने फ्रेशर्स के स्वागत के लिए खास व्यवस्था की हुई थी। गेट पर पहुंचते ही फ्रेशर्स का स्वागत फूल और चॉकलेट से किया गया। भारतीय परंपरा के अनुसार कई कॉलेजों में माथे पर तिलक लगाकर और मुंह मीठा कराकर भी उनका स्वागत किया गया। सिर्फ फ्रेशर्स ही नहीं, उनके स्वागत के लिए सीनियर्स भी काफी उत्साहित नजर आ रहे थे। कई छात्र कॉलेज के पहले दिन अभिभावकों के साथ नजर आए। पहले नर्वस, फिर की मस्ती
हिन्दू कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स प्रथम वर्ष के प्रनिल ने कहा कि मैं थोड़ा नर्वस हूं, यहां आकर बहुत ही अच्छा लगा। यहां के सीनियर्स भी काफी फ्रेंडली हैं। रैगिंग के नाम पर हेल्दी इंट्रोडक्शन हुआ, जो काफी मजेदार था।
एंटी रैगिंग कैम्पेन ने दी राहत
किरोड़ीमल कॉलेज में स्टेटिक्स ऑनर्स प्रथम वर्ष की जयंती ने कहा कि रैगिंग को लेकर मन में डर था, लेकिन एंटी रैगिंग कैम्पेन का माहौल देखकर राहत मिली। इस दिन का इंतजार काफी दिनों से कर रही थी।
एल्यूमिनाई पर फिदा फ्रेशर्स
केएमसी कॉलेज की दिव्या ने कहा कि अमिताभ बच्चन हमारे सीनियर हैं, यह जानकार काफी एक्साइटमेंट हो रहा है। मैं चाहती हूं कि अपने कॉलेज के एल्यूमिनाई टॉप लिस्ट में मेरा नाम भी हो।
सीनियर्स निकले मददगार

हिन्दू कॉलेज में इकोनॉमिक्स ऑनर्स प्रथम वर्ष की छात्रा वृंदा का कहना है कि रैगिंग को लेकर थोड़ी डरी थी, पर कॉलेज फैकल्टी और सीनियर तो बहुत ही अच्छे हैं। उन्होंने हमारी काफी मदद की और बेहद शालीनता से पेश आए।(प्रणति तिवारी,दैनिक भास्कर,दिल्ली,22.7.11)

नवभारत टाइम्स की रिपोर्टः
फ्रेशर्स अपने साथ कैंपस में फ्रेश फैशन भी लेकर आए। कोई स्टाइलिश शॉर्ट्स में दिखा तो कोई हैरम पैंट में। हर कोई एक से बढ़कर एक लग रहा था और ऐसा लग रहा 

था मानो फैशन डिजाइनरों के डिजाइन की यहां होड़ लग गई हो। फच्चों ने सिर्फ ड्रेस पर ही नहीं बल्कि उसके साथ एसेसरीज पर भी पूरा ध्यान दिया। फच्चों के फर्स्ट डे के लुक के बारे में बता रही हैं पूनम पाण्डे : 

मॉड लुक 

स्टाइलिश शॉर्ट्स के साथ लूज टॉप कैंपस में अलग-अलग रंग बिखेरता दिखा। अल्ट्रा शॉर्ट शॉर्ट्स के साथ ढीली ढाली टीशर्ट या टॉप और हाथ में झोला स्टाइल का बैग। इस मॉड लुक में कई फ्रेशर्स नजर आए। बड़ा बैग जहां इस गेटअप के साथ खासा जंच रहा है, वहीं यह आपके सामान का भी पूरा ख्याल रखेगा। किताबों से लेकर खाने-पीने का सारा सामान इस बैग में आराम से आ जाएगा। अगर गर्मी से बचने के लिए साथ में छाता लेकर चलना चाहते हैं तो बड़ा बैग उसके लिए भी मुफीद है। शॉर्ट्स के साथ फ



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

No comments:

मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha

হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!

मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में OBC Trump Card और जयभीम कामरेड

Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!

हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला हिंदुत्व की राजनीति से नहीं किया जा सकता।

In conversation with Palash Biswas

Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Save the Universities!

RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!

जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।

#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?

Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

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