Welcome

Website counter
website hit counter
website hit counters

Friday, July 29, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



---------- Forwarded message ----------
From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/7/28
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


बिहार में एक शिक्षक के हवाले 2170 छात्र

Posted: 27 Jul 2011 10:51 AM PDT

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही सूबे में विकास चक्र तेजी से घूमने का दावा करें पर शिक्षा क्षेत्र की बदहाली और शिक्षकों का टोटा तो कुछ और ही तस्वीर पेश कर रही है। मुजफ्फरपुर जिले में तो एक कालेज ऐसा है, जहां एक शिक्षक को 20-20 कक्षाएं लेनी पड़ रही हैं। कामर्स संकाय में तैनात आठ शिक्षकों के सेवानिवृत्त हो जाने के कारण 2170 छात्रों को पढ़ाने का जिम्मा एक शिक्षक के कंधे पर आ गया है। बीआर अंबेडकर विवि से संबद्ध मुजफ्फरपुर जिले के आरडीएस कालेज की कॉमर्स की पढ़ाई के मामले में तूती बोलती थी। आज भी कालेज में 11वीं और 12वीं में क्रमश: 512 व 512, स्नातक प्रथम, द्वितीय व तृतीय खंडों में क्रमश: 350, 350 व 350 तथा स्नातकोत्तर कक्षाओं में 48 व 48 छात्र अध्ययनरत हैं, मगर उन्हें पढ़ाने के लिए सिर्फ एक ही शिक्षक हैं। 2008 से इन छात्रों को पढ़ाने की जिम्मेदारी डॉ.रामचंद्र प्रसाद सिंह (विभागाध्यक्ष) के कंधों पर है, क्योंकि विभाग में नियुक्त कुल नौ शिक्षकों में से आठ सेवानिवृत्त हो चुके हैं। रामचंद्र सिंह पर रोज 20 क्लास लेने की जिम्मेवारी है। कई वर्गो का समय एक ही रहने से उन्हें काफी परेशानी होती है। इस समस्या को दूर करने के लिए वहां तीन फैकल्टी रखे गये, लेकिन विवि प्रशासन द्वारा उन्हें कोई मानदेय नहीं दिया जाता। कोढ़ में खाज की स्थिति पैदा करते हुए विवि प्रशासन ने शैक्षणिक सत्र 2011-12 में यहां छात्रों की संख्या में इजाफा करते हुए उसे डेढ़ गुणा कर दिया है। छात्र मनोज कुमार, पिंटू कुमार बताते हैं कि शिक्षकों की कमी के कारण प्राय: कक्षाएं स्थगित रहतीं हैं। इसलिए कॉलेज नहीं जाते। ट्यूशन के सहारे पढ़ाई पूरी करनी पड़ती है। स्नातक तृतीय खंड के छात्र मुकेश कुमार के अनुसार, छात्र कक्षाओं के नियमित संचालन के लिए कई बार प्राचार्य से अपील कर चुके हैं, लेकिन शिक्षकों की कमी का रोना रोया जाता है। इस बाबत कॉलेज के प्राचार्य डॉ.अमरेंद्र नारायण यादव कहते हैं कि शिक्षकों की कमी के बारे में 2008 से ही विवि को अवगत कराया जा रहा है। विवि प्रशासन के पास शिक्षक ही नहीं हैं, जो यहां स्थानांतरित किए जा सकें। सरकार भी इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। उल्लेखनीय है राज्य के विभिन्न जिलों में स्थित तमाम कॉलेजों (माध्यमिक और महाविद्यालय) में शिक्षकों की कमी है(सुजीत कुमार पप्पू,दैनिक जागरण,मुजफ्फरपुर,27.7.11)।

यूपीःबीटीसी डिग्री धारक भी बनेंगे कॉलेजों में शिक्षक

Posted: 27 Jul 2011 05:41 AM PDT

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की तर्ज पर बीटीसी डिग्री धारक अब राजकीय कालेजों के प्राइमरी विभाग में शिक्षक बन सकेंगे। चयन प्रक्रिया एलटी ग्रेड की तर्ज पर मेरिट से ही की जाएगी। जिसमें हाईस्कूल, इंटर, स्नातक व बीएड अथवा बीटीसी डिग्री के अलग-अलग अंकों के आधार पर गुणांक तैयार कर मेरिट निकाली जाएगी। इस आशय का प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने बनाकर शासन को भेज दिया है ।

वर्तमान व्यवस्था के तहत बीटीसी डिग्री धारकों को बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनाया जाता है लेकिन वर्ष १९७३ से पहले जब बेसिक शिक्षा परिषद नहीं थी तब राजकीय कालेजों के प्राइमरी विभाग का संचालन माध्यमिक शिक्षा महकमे के मार्फत ही किया जाता था । इसलिए उत्तर प्रदेश भर में ७६ ऐसे राजकीय कालेज हैं जहां प्राइमरी विभाग में शिक्षकों के तकरीबन पौने चार सौ पद खाली हैं । इसे देखते हुए सरकार ने इन पदों पर बीटीसी डिग्री धारकों को शिक्षक बनने का मौका देने का फैसला किया है। वैसे माध्यमिक शिक्षा विभाग के पास बेसिक शिक्षा परिषद की कोई नियमावली नहीं है। इसलिए इसमें भी एलटी ग्रेड के पदों के लिए तय चयन प्रक्रिया ही अपनाई जाएगी। जिसमें हाईस्कूल, इंटर, स्नातक, एमए और बीएड का अलग प्रतिशत निकाल कर गुणांक के आधार पर मेरिट बनाई जाती है(नई दुनिया,दिल्ली संस्करण,27.7.11 में लखनऊ से अखिल सक्सेना की रिपोर्ट)।

डीयू : सत्र शुरू,पर पढ़ाई का बंटाधार

Posted: 27 Jul 2011 05:39 AM PDT

दिल्ली विश्वविद्यालय में नए सत्र के एक सप्ताह बीतने को है पर कॉलेजों में पढ़ाई अभी ढंग से शुरू नहीं हुई है। कई बड़े कोर्स में रिजल्ट नहीं आने से दूसरे और तीसरे वर्ष के छात्र अभी अपनी कक्षाओं से दूर हैं। छात्रों की इस गैरमौजूदगी का शिक्षक भी खूब फायदा उठा रहे हैं। कोई शिक्षक संघ के प्रचार में जुटा है तो कोई अन्य घरेलू कामों में।

कॉलेजों में २१ जुलाई से सत्र शुरू हो गया है। सेमेस्टर के तहत प्रथम वर्ष के छात्रों की कक्षाएं शुरू हो गई हैं लेकिन दूसरे और तीसरे वर्ष की नहीं। ज्यादातर सीनियर छात्र अपना रिजल्ट नहीं आने से क्लास रूम में बैठने से दूर भाग रहे हैं। मंगलवार तक विश्वविद्यालय में बीए आनर्स पंजाबी, उर्दू, समाजशास्त्र, गणित, इतिहास, राजनीतिशास्त्र, कंप्यूटर साइंस के प्रथम और दूसरे वर्ष के रिजल्ट नहीं आए थे। बीएससी लाइफ साइंस पार्ट टू, बायोकेमिस्ट्री पार्ट वन, फिजिकल साइंस पार्ट टू के भी रिजल्ट घोषित नहीं किए गये थे। लोकप्रिय कोर्स बीए प्रोग्राम, बीकॉम और बीकॉम आनर्स का भी यही हाल है। इनमें भी दूसरे और प्रथम वर्ष के परीक्षा परिणाम जारी नहीं किए गये हैं। रामजस कॉलेज की छात्रा रोहिणी ने बताया कि परीक्षा परिणाम को लेकर छात्र ज्यादा उत्सुक हैं। सेशन शुरू होने पांच दिन बाद भी बीए प्रोग्राम के रिजल्ट नहीं आए हैं। दयाल सिंह कॉलेज के प्राचार्य आईएस बख्शी ने बताया कि प्रथम वर्ष की सभी कक्षाएं लग रही हैं लेकिन दूसरे और तीसरे वर्ष की कई कक्षाएं रिजल्ट में देरी से प्रभावित हो रही हैं। हालांकि शिक्षकों को प्रशासन ने निर्देश दे दिया है कि वे अन्य कक्षाओं में भी पढ़ाई जारी रखें।

परीक्षा विभाग के डीन प्रो आरसी शर्मा रिजल्ट में देरी की बात से इंकार करते हुए कहते हैं, तय कार्यक्रम के हिसाब से हर दिन किसी न किसी कोर्स के रिजल्ट निकाले जा रहे हैं। अगले सप्ताह तक अन्य कोर्स के रिजल्ट भी आ जाएंगे। उनका दावा है कि जिन कोर्सों में पिछले साल सेमेस्टर लागू हुए हैं उसमें रिजल्ट की दिक्कत नहीं है।


अतिरिक्त पाली में कक्षाएं शुरू करने की मांग
भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश के महामंत्री कुलजीत सिंह चहल ने दिल्ली विश्वविद्यालय से संबंधित कॉलेजों में अतिरिक्त पाली में कक्षाएं शुरू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में एक नए विश्वविद्यालय की आवश्यकता है। ९० से ९५ प्रतिशत अंक लाने वाले हजारों छात्रों को उनके मनपसंद कॉलेजों में दाखिला नहीं मिल पाया है(नई दुनिया,दिल्ली,27.7.11)।

चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटीःऔर टफ हुई एडमिशन की फाइट

Posted: 27 Jul 2011 12:19 AM PDT

सीसीएस यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कॉलेज में एडमिशन के सपने देख रहे स्टूडेंट्स की टेंशन बढ़ा दी है। दरअसल ग्रेटर नोएडा एरिया के दो कॉलेजों की सीटों में कटौती की गई है। यूनिवर्सिटी ने 1 अगस्त से शुरू होने वाले एडमिशन के लिए कॉलेज मैनेजमेंट की सीटें जारी कर दी हैं। दादरी के मिहिर भोज बालिका डिग्री कॉलेज में इस बार सिर्फ 340 सीटों पर दाखिला दिया जाएगा, जबकि पिछले साल यहां 520 सीटें थीं।

मिहिर भोज बालिका डिग्री कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. शैलजा नागर ने बताया कि यूनिवर्सिटी ने सीटों की डिटेल वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। यूनिवर्सिटी की ओर निर्धारित सीटों पर ही दाखिला दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी तक कॉलेज में 530 स्टूडेंट्स ने फॉर्म जमा कराए हैं।

वहीं दोणाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय दनकौर की सीटों में भी कटौती की गई है। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. टी. एन. मिश्रा ने बताया कि इस बार यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से बीए और बीएससी के लिए 184 सीटें रखी गई हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल बीए की 480 और बीएससी की 300 सीटें थीं।


हालांकि यहां प्रफेशनल कोसेर्ज की सीटों में इजाफा किया गया है। बीकॉम, बीबीए और बीसीए की सीटों को 60 से बढ़ाकर 92 कर दी गई हैं। मिश्रा ने बताया कि यहां जनरल कोसेर्ज के बदले प्रफेशनल कोर्स में भी दाखिला लिया जा सकता है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। उन्होंने बताया कि बीए के लिए 150 और बीएससी के लिए 30 स्टूडेंट्स ने फॉर्म जमा कराया है। 

कॉलेज मैनेजमेंट की बढ़ी परेशानी 

ऐसा पहली बार हुआ है जब यूनिवर्सिटी ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और फॉर्म जमा करने की डेट सेम रखी है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और कॉलेजों में फॉर्म जमा करने की लास्ट डेट 30 जुलाई रखी गई है। ऐसे में कॉलेज मैनेजमेंट की परेशानी बढ़ गई है। 

मिहिर भोज पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. भरत सिंह यादव ने बताया कि यदि स्टूडेंट्स ने 30 जुलाई को रजिस्ट्रेशन कराया है और किसी वजह से वे 30 को एडमिशन फॉर्म जमा नहीं करा पाते हैं, तो उनका फॉर्म जमा किया जाए या नहीं, इसको लेकर कंफ्यूजन बनी हुई है। इस स्थिति को लेकर यूनिवर्सिटी की तरफ से भी कोई निदेर्श नहीं आया है(वीरेन्द्र शर्मा,नवभारत टाइम्स,ग्रेटर नोएडा,27.7.11)।

जामिया में सिर्फ 5% इंटरनल रिजर्वेशन

Posted: 27 Jul 2011 12:16 AM PDT

जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने इंटरनल स्टूडेंट्स के लिए नई एडमिशन पॉलिसी लागू की है। इसके अलावा आने वाले सत्रों के लिए कुछ और बदलावों को भी मंजूरी दे दी गई है। जामिया स्कूलों से 12वीं करने वाले स्टूडेंट्स के लिए पिछले साल तक यूनिवर्सिटी में 25 पर्सेंट सीटें रिजर्व होती थीं, लेकिन इस बार 5 पर्सेंट रिजर्वेशन का फॉर्म्युला अपनाया गया है।

जामिया के वाइस चांसलर नजीब जंग का कहना है कि एडमिशन पॉलिसी में किए जा रहे बदलाव एजुकेशन के स्टैंडर्ड को बेहतर बनाने के मकसद के साथ किए जा रहे हैं। यह कोशिश की जा रही है कि मेरिट के आधार पर ही स्टूडेंट्स को एडमिशन मिले।

जामिया में तीन सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं और यहां से करीब 750 स्टूडेंट्स ने 12वीं पास की है। पहले 25 पर्सेंट रिजर्वेशन के आधार पर इन सभी स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी में एडमिशन का चांस मिल जाता था, लेकिन 5 पर्सेंट रिजर्वेशन के बाद अब जामिया स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 200 स्टूडेंट्स को ही यूनिवसिर्टी में एडमिशन मिल पाएगा। यानी इंटरनल स्टूडेंट्स के लिए यूनिवसिर्टी में एडमिशन की राह काफी टफ हो गई है।

इसके अलावा इंटरनल स्टूडेंट्स के लिए 2013-14 से एडमिशन पॉलिसी में एक और बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब तक अगर किसी स्टूडेंट ने जामिया स्कूल से 11वीं-12वीं की है तो उसे रिजर्वेशन का फायदा मिल जाता है, लेकिन 2013 से उन्हीं स्टूडेंट्स को रिर्जव्ड सीटों पर एडमिशन मिल सकेगा, जिन्होंने 9वीं से लेकर 12वीं तक यानी चार साल जामिया स्कूल से पढ़ाई की होगी।


इसके अलावा अगले साल से यूनिवसिर्टी इंटरव्यू प्रोसेस को भी खत्म करने जा रही है। वाइस चांसलर का कहना है कि हर कैटिगरी के स्टूडेंट का एडमिशन केवल एंट्रेंस टेस्ट के बेस पर होगा और इंटरव्यू नहीं होगा। गौरतलब है कि इस समय एंट्रेंस टेस्ट की वेटेज 85 और इंटरव्यू की 15 पर्सेंट हैं, लेकिन अगले साल से एंट्रेंस टेस्ट की वेटेज 100 पर्सेंट होगी(भूपेंद्र, नवभारत टाइम्स,दिल्ली,27.7.11)।

डीयूःरामजस में फर्जी एडमिशन का एक और केस

Posted: 27 Jul 2011 12:14 AM PDT

डीयू में फर्जी मार्कशीट के सहारे एडमिशन लेने के नए- नए मामलों का खुलासा हो रहा है। कैंपस के रामजस कॉलेज में कुछ दिन पहले ही दो कैंडिडेट पकड़े गए थे और अब एक ऐसे कैंडिडेट का पता चला है, जो फिजिक्स में फेल है लेकिन उसने अपनी जूलॉजी ऑनर्स में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बॉयोलजी के मार्क्स के आधार पर एडमिशन ले लिया था।

एक महीने पहले हुए इस एडमिशन की सचाई कॉलेज को अब पता चली और उस स्टूडेंट के एडमिशन कैंसल करने का प्रोसेस भी शुरू हो गया है। रामजस कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजेंद प्रसाद ने बताया कि फर्जी मार्कशीट के केस सामने आने के बाद सभी एडमिशन की जांच के लिए एक कमिटी बनाई गई है और फजीर्वाड़े का खुलासा हो रहा है।

उन्होंने बताया कि फर्जीवाड़ा करने वाले कैंडिडेट का सबसे पहले एडमिशन कैंसल किया जा रहा है और उसके बाद कॉलेज की ओर से पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई जाएगी।

कॉलेज प्रिंसिपल ने बताया कि ओबीसी कैटिगरी के इस कैंडिडेट ने सीबीएसई की फजीर् मार्कशीट तैयार कराई। सन् 2009 में पास आउट इस कैंडिडेट की असली मार्कशीट में इंग्लिश में 61, केमिस्ट्री में 51, बॉयोलजी में 53 मार्क्स हैं और फिजिक्स थ्योरी में यह कैंडिडेट फेल है। लेकिन नकली मार्कशीट में इंग्लिश का स्कोर 80, बॉयोलजी में 87, फिजिक्स में 77 और केमिस्ट्री में 76 दिखाया गया है।

पीसीबी के आधार पर जूलॉजी ऑनर्स में एडमिशन करवाया गया था और नया सेशन शुरू भी हो गया है। इस स्टूडेंट ने दो साल पहले दिल्ली कैंट के केंदीय विद्यालय से 12वीं पास की थी। इस स्टूडेंट की मार्कशीट की जांच करते वक्त एडमिशन अधिकारियों को कुछ शक हुआ और सीबीएसई की वेबसाइट से 2009 के रिजल्ट के आधार पर मार्क्स की वेरिफिकेशन की गई तो सारी सचाई सामने आई।

कॉलेज का कहना है कि इस बार हर एडमिशन की जांच होगी क्योंकि जिस तरह से फर्जी मार्कशीट के मामले सामने आ रहे हैं, उससे लगता है कि कुछ और कैंडिडेट का नाम भी सामने आ सकता है। खास बात यह है कि फर्जी मार्कशीट बिल्कुल असली जैस लगती है। मार्कशीट पर रोल नंबर, परीक्षा नियंत्रक के साइन, स्कूल का पता, पैरंट्स का नाम होता है और फर्जी मार्कशीट में भी बिल्कुल उसी तरह से नकल की गई है।



गौरतलब है कि रामजस कॉलेज में इससे पहले फर्जी मार्कशीट के जो दो मामले पकड़े गए थे, उनमें ओबीसी कैटिगरी का एक कैंडिडेट तो पॉपुलर इकनॉमिक्स ऑनर्स कोर्स में एडमिशन ले चुका था और जनरल कैटिगरी का दूसरा कैंडिडेट एडमिशन लेने की कोशिश कर रहा था। 

कॉलेज का कहना है कि उन दोनों कैंडिडेट के बारे में पुलिस को जानकारी दे दी गई थी लेकिन पुलिस की ओर से इस केस की प्रोग्रेस के बारे में अभी कुछ नहीं बताया गया है। इस बार डीयू में एडमिशन रैकेट के हर रोज नये मामले सामने आ रहे हैं। सत्यवती कॉलेज में एसटी कैटिगरी के दो स्टूडेंट्स की मार्कशीट फर्जी पाई गई थी(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,27.7.11)।

यूपीःबी.फार्मा में 50 से ज्यादा को मिले जीरो

Posted: 26 Jul 2011 09:27 PM PDT

प्रदेश के पचास से अधिक बी-फार्मा कॉलेजों को इस बार जीरो मिला है। अर्थात इनके यहां एक भी छात्र ने प्रवेश नहीं लिया। इनमें कई नामचीन कॉलेज भी शामिल हैं। तकरीबन दो दर्जन कॉलेजों में प्रवेश की संख्या दहाई के अंकों में भी नहीं पहुंच सकी है। यह स्थिति है यूपीएसईई काउंसिलिंग के जरिए प्रदेश के कॉलेजों में प्रवेश लेने वालों की छात्रों की संख्या की। प्रदेश में सौ से अधिक कॉलेज हैं और जिनमें कुल चार फीसदी यानी 317 प्रवेश हुए हैं। केवल दो कॉलेज ही ऐसे हैं, जहां सीटों की संख्या 30 के पार हुई है। उल्लेखनीय है कि गौतमबुद्ध प्राविधिक विश्वविद्यालय और महामाया प्राविधिक विश्वविद्यालय से संबद्ध इंजीनियरिंग एवं प्रबंधन संस्थानों में तकरीबन 115 कॉलेज फार्मेसी के हैं। यहां सीटों की संख्या लगभग 8000 है। यूपीएसईई में इस बार तकरीबन 5000 अभ्यर्थी प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए, इनमें 4022 ने परीक्षा पास की। इन अभ्यर्थियों में केवल 317 ने ही प्रदेश के कॉलेजों को चुना है। अभी तक बी-फार्मा में हुए प्रवेशों की यह सबसे कम संख्या है। राजधानी के बीबीडी कॉलेज और गाजियाबाद के काइट कॉलेज में ही प्रवेश की संख्या 30 के पार पहुंच सकी है जबकि यहां भी सीटों की संख्या 120 है। कई पुराने कॉलेजों में भी एसईई के जरिए प्रवेश न के बराबर ही हुए हैं। बानगी के तौर पर आइटीएस गाजियाबाद में चार, रमीज नोएडा में मात्र पांच प्रवेश हुए हैं जबकि आरकेजेआइटी गाजियाबाद में खाता तक नहीं खुला है। इतने कम प्रवेश से कॉलेजों में तालाबंदी की नौबत आ गई है। कॉलेज प्रशासन के साथ जीबीटीयू व एमटीयू के अधिकारी छात्रों की बेरुखी से परेशान हैं। बीटेक का हाल भी पिछली बार से काफी खराब है। इस बार मात्र 25000 प्रवेश होने की ही उम्मीद है जबकि सीटों की संख्या तकरीबन एक लाख है(पारितोष मिश्र,दैनिक जागरण,लखनऊ,27.7.11)।

शिमलाःइंदिरा गांधी मेडिकल कालेज के छात्रों का रिकार्ड आनलाइन

Posted: 26 Jul 2011 09:25 PM PDT

इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज में छात्रों का रिकार्ड अब आन लाइन रहेगा। इनमें एमबीबीएस, नर्सिगिं और बीएससी स्टूडेंट का रिकार्ड रहेगा। इसमें इनका क्रमबद्ध तरीके से शैक्षणिक स्तर रखा जाएगा। छात्र का फोटो, घर का स्थायी पता और फीस संबंधित पूरी जानकारियां अपडेट रहेंगी। कालेज में किसी मामले को लेकर छात्र को सजा तो नहीं हुई है इसका भी विवरण होगा। अभी तक यह सारा रिकार्ड हस्त लिखित रहता था। सोमवार को आईजीएमसी प्रबंधन ने इसे लेकर एक साफ्टवेयर लांच किया। एमबीबीएस, नर्सिगिं और बीएससी के करीब पांच सौ स्टूडेंट हैं।
साफ्टवेयर के माध्यम से चुटकियों से छात्र का रिकार्ड अभिभावक घर बैठे देख पाएंगे। इसमें वक्त बर्बाद नहीं होगा। छात्र का आचरण पढ़ाई के दौरान कैसा है, इसका पता भी आसानी से चल पाएगा। किस समेस्टर में छात्र ने कितने अंक प्राप्त किए हैं इसका रिकार्ड मेंटेन होगा। किसी छात्र के बारे में कोई जानकारी अभिभावकों को देनी है तो ई मेल के जरिए आसानी से पहुंचाई जा सकती है। यह सुविधा शुरू होने से छात्रों को भी काफी फायदा होगा। उन्हें बार-बार स्टूडेंट ब्रांच के चक्कर से निजात मिल जाएगी। खुद से संबंधित जो भी रिकार्ड उन्हें चाहिए उसकी जानकारी उन्हें आराम से मिल जाएगी। आईजीएमसी के प्रिंसिपल प्रोफेसर सुरेंद्र कश्यप ने कहा कि स्टूडेंट का शैक्षणिक रिकार्ड मेंटेन करने के लिए साफ्टवेयर लांच किया है। इसके इस्तेमाल से सारा रिकार्ड कंप्यूटराइज्ड हो जाएगा। इससे प्रबंधन के साथ छात्रों को भी फायदा होगा(अमर उजाला,शिमला,26.7.11)।

यूपी बोर्डःस्क्रूटनी रिजल्ट के इंतजार में बैचेन है विद्यार्थी

Posted: 26 Jul 2011 09:24 PM PDT

यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट और हाईस्कूल के विद्यार्थी स्क्रूटनी रिजल्ट के इंतजार में बैचेन हैं। हजारों छात्र अगली कक्षा में प्रवेश पाने के लिए स्क्रूटनी रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय से रिजल्ट घोषित होना तो दूर अभी उत्तर पुस्तिकाओं की स्क्रूटनी शुरू नहीं हुई है। 12वीं में करीब नौ हजार विद्यार्थियों ने स्क्रूटनी के लिए आवेदन किया है। इनमें करीब दो हजार विद्यार्थी ऐसे हैं जिन्होंने दो या तीन पेपर की स्क्रूटनी कराई है।

प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल, परीक्षा में फेल

स्क्रूटनी रिजल्ट घोषित न होने की सबसे ज्यादा गाज ऐसे बच्चों पर गिर रही है, जो बोर्ड परीक्षा में तो फेल हो गए लेकिन प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हो गए हैं। मुजफ्फरनगर का मोहम्मद आलम यूपीटीयू क्लीयर कर चुका है। गणित में वह फेल है। सहारनपुर की छाया सिंह सीपीएमटी की मेरिट लिस्ट में आ चुकी है लेकिन केमिस्ट्री में 5 अंकों से फेल है। डिग्री कक्षाओं में समय पर प्रवेश ना पाने वाले बच्चों को भी खमियाजा भुगतना पड़ रहा है। 

हाईकोर्ट ने दिए थे निर्देश 
उच्च न्यायालय ने बोर्ड को रिजल्ट घोषित करने के लिए स्पष्ट निर्देश दिये थे। इनमें बोर्ड की मुख्य परीक्षाओं का परीक्षाफल मई के अंतिम सप्ताह तक और इंटरमीडिएट स्क्रूटनी रिजल्ट 30 जुलाई तथा हाईस्कूल का 4 जुलाई तक घोषित करने का आदेश दिए थे। 

अवकाश ने करा दी देरी 
क्षेत्रीय सचिव योगेन्द्र नाथ सिंह का कहना है कि स्क्रूटनी के लिए कॉपियां निकलवा ली गई हैं। कांवड़ यात्रा का अवकाश होने के कारण शेड्यूल गड़बड़ा गया है। शिक्षक अवकाश पर हैं। अब 30 के बाद ही स्क्रूटनी शुरू होगी। 5 अगस्त तक इंटर और 10 अगस्त तक हाईस्कूल स्क्रूटनी का रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा(अमर उजाला,मेरठ,27.7.11)।

मेरठ के बीएड कालेजों में शुरू हुई लूट-खसोट

Posted: 26 Jul 2011 09:22 PM PDT

बीएड कालेजों को लेकर भले ही शासन सख्ती दिखाने की बात करे लेकिन सेल्फ फाइनेंस कालेजों की सेहत पर कोई फर्क नहीं। काउंसिलिंग के बाद जब छात्र आवंटित कालेजों में एडमीशन के लिये जा रहा है तब उससे निर्धारित फीस के अलावा मोटी रकम वसूली जा रही है।
बीएड में प्रवेश ले रहे विद्यार्थियों को निर्धारित अंतरिम फीस (51250 रुपये) के अतिरिक्त परीक्षा फीस, टूर फीस और कॉशनमनी भी जमा करनी होगी। इसके अलावा बस का किराया अन्य मदों में भी कालेज फीस वसूलेंगे। मैनेजमेंट कॉलेजों को जारी शासनादेश में इसका स्पष्ट उल्लेख किया गया है। उच्च शिक्षा सचिव अवनीश अवस्थी की ओर से जारी शासनादेश में पूर्व में घोषित फीस को ही अंतरिम फीस बताया है। विशेषज्ञों का कहना है कि शासन पूरी तरह से मैनेजमेंट के दबाव में फीस का निर्धारण कर रहा है। अब काउंसिलिंग के बाद जब छात्र प्रवेश के लिए जा रहा है तो उससे 51,250 के अलावा 30 से 35 हजार रुपये अतिरिक्त मांगे जा रहे हैं। जैसी मुर्गी वैसे दाम की तर्ज पर कालेज 18 से 35 हजार रुपये वसूल रहे हैं। जब छात्र पूछताछ करते हैं तो गोलमोल जवाब दिया जाता है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस समस्या से मुंह फेर लिया है। इस बार बीएड प्रवेश परीक्षा रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने कराई है और वही काउंसिलिंग देख रहा है(अमर उजाला,मेरठ,27.7.11)।

लखनऊ विश्वविद्यालय के 30 फीसदी से ज्यादा शिक्षक प्रशासनिक और लिपिकीय कार्यों में व्यस्त

Posted: 26 Jul 2011 09:20 PM PDT

लविवि का सत्र लगातार दूसरे वर्ष शुरूआत में ही पटरी से उतरा हुआ है। अगस्त भर तीस फीसदी से ज्यादा शिक्षक शिक्षणेत्तर कार्यो में व्यस्त हैं। अक्टूबर पूरा होते होते स्क्रूटनी और बैक पेपर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और नवंबर में सेमेस्टर परीक्षाएं। इस दौरान परीक्षा, परिणाम और मूल्यांकन सेल में शिक्षको की ही व्यस्तता रहेगी। लम्बे अवकाश पर गए व एक से ज्यादा जिम्मेदारियां संभालने वाले शिक्षकों के लिए वर्ष भर नियमित कक्षाएं ले पाना संभव नहीं। शिक्षकों पर शिक्षणेत्तर कार्यो में शामिल होने का कोई दबाव नहीं रहता लेकिन वेतन के अतिरिक्त भुगतान और प्रोन्नति में अंको के लाभ के चलते कई शिक्षकों को कक्षाओं से इतर यह व्यस्तता रास आ रही है। लविवि प्रवक्ता प्रो.राजेश मिश्र इसे एक आवश्यक बुराई मानते हैं लेकिन ऑनलाइन काउंसिलिंग जैसे काम में बड़े पैमाने पर योग्य शिक्षकों को लगाने की मजबूरी पूछने पर खामोश हो जाते हैं। बीएड के पहले चरण की काउंसिलिंग 27 जुलाई तक चलेगी फिर 23 अगस्त तक स्नातकोत्तर और पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया। इसके बाद बीएड के दूसरे चरण की काउंसिलिंग 3 अगस्त से शुरू होने की उम्मीद। इस दौरान सीट लॉक करना हो या चयनति सूची से अभ्यर्थी के नाम का मिलान कर उसे काउंसिलिंग कक्ष में भेजना, हर छोटी से बड़ी जिम्मेदारी उच्च शिक्षा प्राप्त और मोटी तनख्वाह पाने वाले शिक्षकों के कंधे पर। लविवि में कई शिक्षक ऐसे भी हैं जो एक साथ डीन, एक से ज्यादा विभागों के अध्यक्ष और कई जांच समितियों के अध्यक्ष पद का भार वहन कर रहे हैं। यही नहीं कुछ शिक्षक बीएड, परीक्षा, परिणाम और मूल्यांकन संबंधी कामों में कामों समेत प्रशासनिक जिम्मेदारियों के बोझ तले वर्ष भर दबे रहते हैं। यानी सितम्बर की शुरूआत तक तक लविवि के 400 शिक्षकों में से लगभग 140 शिक्षणेत्तर कार्यों में व्यस्तता के चलते कक्षाओं से दूर रहेंगे। इसके बाद अक्टूबर में स्क्रूटनी और बैक पेपर, नवंबर के आखिरी सप्ताह से सेमेस्टर परीक्षाएं और जनवरी में काउंसिलिंग। इस दौरान हर छोटे बड़े काम के लिए शिक्षकों की योग्यता पर ही भरोसा किया जाता है(रणविजय सिंह,दैनिक जागरण,लखनऊ,27.7.11)।

लखनऊ विवि को कोर्ट का आदेशः परीक्षा करवाइए

Posted: 26 Jul 2011 09:17 PM PDT

हाईकोर्ट ने अवमानना के मामले में लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने एक बार फिर जीरो सत्र के दौरान अल्पसंख्यक संस्थानों में प्रवेश लेने वाले छात्रों की परीक्षा जल्द से जल्द कराने का आदेश दिया है। कोर्ट जनवरी में पहले भी परीक्षा कराने का आदेश दे चुका है लेकिन लविवि प्रशासन ने परीक्षा नहीं कराई। कोर्ट ने सत्र 2010-11 के अभ्यर्थियों के साथ ही परीक्षा कराने का आदेश जारी किया है। उल्लेखनीय है कि सत्र 2009 में बीएड का सत्र जीरो घोषित कर दिया गया था। इस सत्र में प्रदेश के अल्पसंख्यक कॉलेजों ने भी बीएड में प्रवेश ले लिया था। कॉलेजों का तर्क था कि जीरो सत्र के दायरे में अल्पसंख्यक कॉलेज नहीं आते। राजधानी से भी करामत हुसैन मुस्लिम ग‌र्ल्स डिग्री कॉलेज, इरम डिग्री कॉलेज और यूनिटी डिग्री कॉलेज में 100-100 सीटों पर प्रवेश ले लिए गए थे। लखनऊ विवि ने इन छात्रों की परीक्षा कराने से इंकार कर दिया। कॉलेज कोर्ट गए, जनवरी 2011 में कोर्ट ने राहत देते हुए मार्च में परीक्षा कराने का आदेश दिया। समय निकल गया लेकिन लविवि प्रशासन ने परीक्षा नहीं कराई। अप्रैल में सत्र 2010-11 के छात्रों के परीक्षा फार्म के साथ सत्र 2009 के इन विद्यार्थियों के परीक्षा फार्म भी मांगे गए लेकिन लविवि प्रशासन ने फार्म देने से इंकार कर दिया। कोर्ट की अवमानना करने के मामले में कॉलेजों ने एक बार फिर वाद दायर किया। करामत हुसैन ग‌र्ल्स डिग्री कॉलेज के प्रबंधक सैयद शोएब अहमद ने बताया कि अवमानना वाद दायर करने से पहले लविवि कुलपति प्रो.मनोज कुमार मिश्र से पत्र लिखकर अनुरोध किया गया था लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। कोर्ट ने इस बार सख्त रुख अपनाते हुए इन विद्यार्थियों की परीक्षा तुरंत कराने का आदेश दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि 18 अगस्त से प्रस्तावित बीएड वर्तमान सत्र की परीक्षा के साथ ही सत्र 2009 की परीक्षा भी कराई जाएगी(दैनिक जागरण,लखनऊ,27.7.11)।

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के 22 महाविद्यालयों में तीन साल तक प्रवेश पर प्रतिबंध

Posted: 26 Jul 2011 09:15 PM PDT

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की सत्र 2011 की दूसरे चरण की परीक्षा के दौरान अनियमितता बरतने के आरोपी 22 संस्कृत महाविद्यालयों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। वहीं दूसरी ओर शास्त्री और आचार्य के व्यक्तिगत छात्रों को अब पहले से अधिक फीस देनी होगी। ऐसे ही कई और महत्वपूर्ण निर्णय मंगलवार को मंगलवार को विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक में किए गए।

प्रतिबंधित किए गए महाविद्यालयों में अगले तीन वर्ष तक किसी भी कक्षा में अब नवीन छात्रों का प्रवेश नहीं हो सकेगा। विश्वविद्यालय के इतिहास में यह यह पहला मौका है जब नकल कराने के आरोपी महाविद्यालयों के खिलाफ इतना कठोर कदम उठाया गया है। योग साधना केंद्र में कुलपति प्रो. बिंदा प्रसाद मिश्र की अध्यक्षता में हुई बैठक में नई दिल्ली के महावीर विश्वविद्यापीठ के खिलाफ भी कार्रवाई को स्वीकृति दी गई। छात्रों ने शिकायत की थी कि शिक्षाशास्त्री के पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित से कहीं अधिक शुल्क विश्वविद्यापीठ द्वारा वसूली जा रही है। जांच में यह शिकायत सच पाई गई। शास्त्री और आचार्य की व्यक्तिगत परीक्षा का शुल्क बढ़ाने पर सर्वसम्मति से निर्णय हुआ। शास्त्री के लिए पंजीकरण हेतु सौ रुपये देने होंगे। जबकि प्रत्येक वर्ष की परीक्षा के लिए तीन हजार रुपये फीस देनी होगी। आचार्य के लिए पंजीकरण हेतु सौ रुपये और प्रत्येक वर्ष साढ़े तीन हजार रुपये देने होंगे। सत्र 2011-12 में विश्वविद्यालय में अध्ययनरत नियमित छात्रों के शुल्क में भी वृद्धि की गई है। 30 जून के बाद प्राप्त हुईं उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन अनुक्रमांकों का मिलान कराने के बाद अलग से कराया जाएगा।
उधर,संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विज्ञान, शास्त्री पाठ्यक्रम एवं पुरातत्व एवं संग्रहालय विज्ञान स्नातकोत्तर डिप्लोमा में प्रवेश प्रारंभ हो गया है। जनसंपर्क अधिकारी शशिंद्र मिश्र के अनुसार इच्छुक अभ्यर्थी किसी भी कार्यदिवस में कार्यालय से प्रवेश के लिए आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं(अमर उजाला,वाराणसी,27.7.11)।

कैट के बदले पैटर्न से अभ्यर्थियों को फायदा

Posted: 26 Jul 2011 09:13 PM PDT

आईआईएम जैसे देश के सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन संस्थानों में दाखिले का दरवाजा खोलने वाले कॉमन एप्टीट्यूट टेस्ट (कैट) के पेपर पैटर्न में हुए बदलाव को प्रवेश प्रक्रिया से जुड़े लोगों से लेकर अभ्यर्थियों तक ने सराहा है। उनका मानना है कि इससे मूल्यांकन और बेहतर हो सकेगा तथा अभ्यर्थी भी टाइम मैनेजमेंट एवं तैयारी की दिशा तय कर सकेंगे।


आईआईएम लखनऊ में सेकंड ईयर के छात्र संकेत सिन्हा कहते हैं कि नया पैटर्न अधिक स्पष्ट एवं फायदेमंद है। अभ्यर्थियों को सभी सेक्शन पर बराबर फोकस करना होगा। पहले तीनों सेक्शन एक साथ होने से अभ्यर्थी अक्सर किसी एक सेक्शन पर उलझ जाते थे और अच्छी तैयारी के बाद भी बाकी सेक्शन को टच नहीं कर पाते थे। टाइम लिमिट तय होने से सभी सेक्शन तक अभ्यर्थियों को पहुंचना होगा। ऐसे में तैयारी में सजगता बरतनी होगी। कैट की तैयारी कर रहे छात्र गौरांग का मानना है कि इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि टाइम मैनेजमेंट को लेकर कोई संशय नहीं होगा। हमें पहले से ही पता होगा कि 70 मिनट में हमें कौन सा सेक्शन करना है। दूसरे क्वांटेटिव के सवाल घटने से इंजीनियरिंग के अलावा अन्य स्ट्रीम के अभ्यर्थियों को भी फायदा मिलेगा। कैट की तैयारी कराने वाले अनिमेश मिश्र भी छात्रों के लिए इस बदलाव को सकारात्मक रूप से देखते हैं। उनका कहना है कि एग्जाम के प्लानिंग के लेवल पर छात्रों को आसानी होगी। हालांकि पहले सेक्शन में दुबारा आने की व्यवस्था खत्म होने से उन्हें अधिक सतर्क होकर सवाल हल करने होंगे। अच्छी बात यह रहेगी कि अभ्यर्थियों को अच्छे नंबर के लिए सभी सेक्शन को बराबर तरजीह देनी होगी। अभ्यर्थियों को नया पैटर्न समझकर उस हिसाब से प्रैक्टिस शुरू कर देनी चाहिए। 

आसान होगा नार्मलाइजेशन
कैट के पेपर को दो सेक्शन में विभाजित करने में प्रक्रिया और फेयर होगी। सबसे अधिक फायदा नार्मलाइजेशन में होगा। पहले तीन सेक्शन में यह प्रक्रिया अपनायी जाती थी अब इसे दो ही सेक्शन में करनी होगी। इससे यह अधिक एक्चुअल हो सकेगा। दूसरा फायदा यह है कि कभी-कभी छात्रों का किसी खास सेक्शन में बहुत अच्छा परफॉर्मेंस या खराब हो जाने से भी उसका स्कोर प्रभावित होता था। अब सभी सेक्शन को बराबर महत्व मिलेगा। स्टूडेंट को दोनों में ही बराबर मेहनत करनी होगी। क्वालिटी के हिसाब से भी अच्छे विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा। समय भी उन्हें पांच मिनट अधिक मिल रहा है। 

क्या हुए बदलाव 
कैट में पहले तीन सेक्शन हुआ करते थे। पहला सेक्शन क्वांटेटिव एनालसिस, दूसरा वर्बल एबिलिटी तथा तथा तीसरा लॉजिकल एवं डाटा इंटरप्रटेशन का था। अब इसके दो सेक्शन होंगे। पहला सेक्शन क्वांटेटिव एबिलिटी व डांटा इंटरप्रटेशन का तथा दूसरा सेक्शन वर्बल एबिलिटी व लॉजिकल रीजनिंग का होगा। अभ्यर्थियों को पंाच मिनट अधिक समय मिलेगा। पहले 2.15 घंटे में तीन सेक्शन करने होते थे अब अभ्यर्थियों को 2.20 घंटे मिलेंगे। प्रत्येक सेक्शन 70-70 मिनट का होगा। टाइम लिमिट खत्म होते ही पहला सेक्शन बंद हो जाएगा और दूसरा खुल जाएगा। अभ्यर्थी इसमें पहले सेक्शन पर दुबारा नहीं जा सकेंगे जबकि पहले वह दूसरे या तीसरा सेक्शन हल करने के साथ ही पहले सेक्शन पर जा सकते थे। अभ्यर्थियों के लिए रिपोर्टिगिं टाइम भी कम किया गया है(अमर उजाला,लखनऊ,27.7.11)।

यूपीःबीएड में केवल मेरठ के कॉलेज शेष

Posted: 26 Jul 2011 09:11 PM PDT

बीएड की पहले चरण की काउंसिलिंग बुधवार को खत्म हो जाएगी। आखिरी दिन केवल मेरठ के ही कॉलेज शेष है, बाकी प्रदेश के सभी कॉलेजों की सीटें भर चुकी हैं। मेरठ में कॉलेजों की संख्या सबसे अधिक है। राजधानी में प्रवेश के समन्वयक डॉ. पवन अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार को राजधानी में 795 अभ्यर्थियों ने सीट लॉक की है। मंगलवार को प्रदेश में 174001 रैंक से 192000 रैंक तक के अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। इनमें 8294 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया जबकि 7115 ने सीट लॉक की। वहीं राजधानी में 971 ने पंजीकरण कराया जबकि 795 ने सीट लॉक की। आखिरी दिन 192001 रैंक से 210000 रैंक तक के अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया है। उधर, एसईई काउंसिलिंग में मंगलवार को 7211 अभ्यर्थियों ने प्रवेश लिया(दैनिक जागरण,लखनऊ,27.7.11)।

यूपीःसिपाही भर्ती फार्म खत्म, अभ्यर्थियों का हंगामा

Posted: 26 Jul 2011 09:08 PM PDT

पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा मांग के अनुसार सिपाही भर्ती फार्म की आपूर्ति न किए जाने से प्रदेश के 80 डाकघरों में फार्म खत्म हो गए हैं। सिपाही भर्ती फार्म न मिलने से अभ्यर्थियों ने मंगलवार को डाकघरों में जमकर हंगामा किया। इस बीच जीपीओ हजरतगंज में पुलिस की निगरानी में मंगलवार को दो हजार फार्म वितरित किए गए। जीपीओ के चीफ पोस्ट मास्टर एवं सिपाही भर्ती फार्म के कोआर्डिनेटर नियाज अहमद ने बताया कि प्रदेश में 169 डाकघरों से 20 जुलाई को सिपाही भर्ती फार्मो की बिक्री शुरू की गई थी। इसमें 80 डाकघरों में फार्म खत्म हो गए हैं और अब यहां फार्म बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं हैं। पूर्व सैनिकों के लिए हेल्पलाइन कैंटीन में सामान न मिल रहा हो या फिर सैन्य अस्पताल में दवा का टोटा हो। सैन्य अभिलेख कार्यालय पेंशन की त्रुटि न सुधारे तो पूर्व सैनिक अपनी सीधी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों को दर्ज करा सकेंगे। गुरुवार को उस्मान रोड स्थित कैंटीन स्टोर डिपो (सीएसडी) कैंटीन में पूर्व सैनिकों के लिए हेल्प लाइन खुलेगी। यहां सेना के दो जवान हर समय तैनात रहेंगे। पूर्व सैनिकों को यहां रखे रजिस्टर में अपनी शिकायत दर्ज करना होगा(दैनिक जागरण,लखनऊ,27.7.11)।

यूपीःमदरसों में बालिका शिक्षा योजना

Posted: 26 Jul 2011 09:06 PM PDT

प्रदेश सरकार ने मान्यता प्राप्त मदरसों में भी सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना लागू करने का निर्णय किया है। इसके तहत उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद से मौलवी, मुंशी (हाई स्कूल परीक्षा के समकक्ष) परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात आलिम (इंटर के समकक्ष) में प्रवेश लेने वाली बीपीएल परिवारों की लड़कियों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री मायावती की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इसे मंजूरी दी गई। आलिम प्रथम वर्ष की कक्षा में प्रवेश लेने पर लड़कियों को 15 हजार रुपये और एक साईकिल मिलेगी जबकि द्वितीय वर्ष की कक्षा में उन्हें 10 हजार रुपये दिए जाएंगे। मौजूदा समय में स्थायी मान्यता प्राप्त 1571 मदरसे हैं, जिनमें 459 मदरसे अनुदानित हैं। जरूरी है कि छात्रा के उसके माता, पिता या अभिभावक बीपीएल या अन्त्योदय श्रेणी के कार्डधारक हों। विवाहित छात्रा की उम्र 18 वर्ष से कम न हो। ग्रामीण क्षेत्रों में योजना के लिए संबंधित ग्राम प्रधान या ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा जारी विवाहित होने का प्रमाण-पत्र मान्य होगा। छात्राओं को हर वित्तीय वर्ष के सितंबर में आवेदन करना होगा(दैनिक जागरण,लखनऊ,27.7.11)।

यूपीः3200 लेखपालों की भर्ती होगी

Posted: 26 Jul 2011 09:05 PM PDT

सूबे में लेखपालों के रिक्त पड़े 3200 पदों पर जल्द ही भर्ती शुरू हो जाएगी। प्रदेश सरकार ने इसकी स्वीकृति देते हुए राजस्व परिषद को चयन प्रक्रिया पूरी कर जल्द भर्ती करने के निर्देश दिए हैं। राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव केके सिन्हा ने मंगलवार को बताया 3200 रिक्त पदों के सापेक्ष करीब आठ लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। राजस्व परिषद को कहा गया है कि वह चयन प्रक्रिया पूरी करने के लिए आवश्यकतानुसार किसी विशेषज्ञ संस्था का सहयोग ले सकती है बशर्ते उस संस्था को इस प्रकार के कार्यो का पूर्ण अनुभव हो। चयन प्रक्रिया में सहयोग के लिए और अन्य तकनीकी सहयोग के लिए पुलिस विभाग के भर्ती बोर्ड के अधिकारियों का सहयोग लिया जा सकता है। भर्ती प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरतते हुए इसकी परीक्षा पूरे प्रदेश में एक ही दिन और एक ही समय पर कराई जाएगी। परीक्षा के परिणाम जिलेवारघोषित किये जाएंगे। प्रमुख सचिव ने बताया नौकरियों में विकलांगों के बैकलॉग कोटे को पूरा करने के लिए अलग से विज्ञापन जारी कर पात्र अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र प्राप्त किये जायेंगे। विकलांगों के लिए रिक्त पदों पर जिलाधिकारियों के माध्यम से विशेष भर्ती की जाएगी(दैनिक जागरण,लखनऊ,27.7.11)।

डीयू में नए सत्र के दूसरे दिन ही मिली रैगिंग की शिकायत!

Posted: 26 Jul 2011 08:55 PM PDT

रैगिंग नियंत्रण के लाख इंतजामों के बावजूद दिल्ली विश्वविद्यालय में नए सत्र की शुरुआत के दूसरे ही दिन एक पीड़ित छात्र आशुतोष झा ने अपनी शिकायत राष्ट्रीय हेल्पलाइन नम्बर पर कर खलबली मचा दी। डीयू के दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स (डीसीएसी) के इस कथित छात्र का आरोप है कि उसके साथ उसके सीनियर्स ने रैगिंग की है।

कार्रवाई की मांग को लेकर इस छात्र ने हेल्पलाइन पर शिकायत की, जहां से इसकी जानकारी ई-मेल के जरिए कुलपति, दक्षिणी जिला पुलिस उपायुक्त, थाना प्रभारी सरोजनी नगर व कॉलेज प्रिंसिपल को भी दी गई।

कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. एमएस रावत की मानें तो ई-मेल की जांच के बाद पता चला है कि छात्र की पहचान सही नहीं है और इस नाम का कोई छात्र कॉलेज में नहीं पढ़ता है। मामले में पीड़ित छात्र की पहचान फर्जी पाए जाने के मुद्दे पर राघवन कमेटी के सदस्य डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का मत है कि अब जांच का दायरा कॉलेज से आगे बढ़ गया है और इसमें पुलिस को गम्भीरता के साथ छानबीन करनी होगी।


हो सकता है कि पीड़ित ने अपनी पहचान छुपाते हुए शिकायत की हो। डीसीएसी कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. एमएस रावत ने बताया कि उनके पास 22 जुलाई को रैगिंग के लिए यूजीसी की ओर से चलाई जा रही राष्ट्रीय हेल्पलाइन के माध्यम से उन्हें एक ई-मेल आया जिसमें एक छात्र आशुतोष झा (पिता का नाम जगन्ननाथ झा) ने रैगिंग की शिकायत की है। 
उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही उन्होंने तुरंत अपने सभी प्रथम वर्ष के दाखिलों को खंगाला तो पता चला कि उनके यहां कोई आशुतोष झा नाम का छात्र नहीं है। आशुतोष नाम का एक छात्र है, लेकिन वह झा नहीं, बल्कि आशुतोष कुमार है। इतना ही नहीं, जब उसके पिता का न



--
Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

No comments:

मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha

হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!

मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में OBC Trump Card और जयभीम कामरेड

Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!

हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला हिंदुत्व की राजनीति से नहीं किया जा सकता।

In conversation with Palash Biswas

Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Save the Universities!

RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!

जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।

#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?

Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

Tweet Please

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS BLASTS INDIANS THAT CLAIM BUDDHA WAS BORN IN INDIA

THE HIMALAYAN TALK: INDIAN GOVERNMENT FOOD SECURITY PROGRAM RISKIER

http://youtu.be/NrcmNEjaN8c The government of India has announced food security program ahead of elections in 2014. We discussed the issue with Palash Biswas in Kolkata today. http://youtu.be/NrcmNEjaN8c Ahead of Elections, India's Cabinet Approves Food Security Program ______________________________________________________ By JIM YARDLEY http://india.blogs.nytimes.com/2013/07/04/indias-cabinet-passes-food-security-law/

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN VOICE: PALASH BISWAS DISCUSSES RAM MANDIR

Published on 10 Apr 2013 Palash Biswas spoke to us from Kolkota and shared his views on Visho Hindu Parashid's programme from tomorrow ( April 11, 2013) to build Ram Mandir in disputed Ayodhya. http://www.youtube.com/watch?v=77cZuBunAGk

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE

अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।' http://youtu.be/j8GXlmSBbbk

THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICAL OF BAMCEF LEADERSHIP

[Palash Biswas, one of the BAMCEF leaders and editors for Indian Express spoke to us from Kolkata today and criticized BAMCEF leadership in New Delhi, which according to him, is messing up with Nepalese indigenous peoples also. He also flayed MP Jay Narayan Prasad Nishad, who recently offered a Puja in his New Delhi home for Narendra Modi's victory in 2014.]

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT

THE HIMALAYAN TALK: PALSH BISWAS FLAYS SOUTH ASIAN GOVERNM

Palash Biswas, lashed out those 1% people in the government in New Delhi for failure of delivery and creating hosts of problems everywhere in South Asia. http://youtu.be/lD2_V7CB2Is

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE

अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।' http://youtu.be/j8GXlmSBbbk