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Saturday, July 30, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



---------- Forwarded message ----------
From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/7/30
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


फोर्ड गुजरात में देगी 5,000 नौकरियां

Posted: 29 Jul 2011 05:20 AM PDT

अमेरिकी कार निर्माता कंपनी फोर्ड गुजरात में स्थापित होने वाले अपने कार संयंत्र में 5,000 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार देगी। जबकि 25,000 लोगों को इससे अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है। इस संयंत्र की स्थापना को लेकर यहां गुरुवार को कंपनी ने गुजरात सरकार के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

इसके तहत गुजरात सरकार ने फोर्ड को साणंद में नैनो घ्लांट के पास 460 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई है। कंपनी यहां 4,000 करोड़ रुपए के निवेश से कार संयंत्र स्थापित करेगी। फोर्ड का यहां साल में 2.40 लाख कारें और 2.70 इंजन तैयार करने का लक्ष्य है। फोर्ड का भारत में यह दूसरा संयंत्र होगा। उसका चेन्नई में एक प्लांट पहले से है।

गुरुवार को संयंत्र की स्थापना को लेकर हुए एमओयू पर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में फोर्ड की ओर से एशिया प्रशांत-अफ्रीका क्षेत्र के पे्रसिडेंट जो हिनरिक्स और राज्य सरकार की ओर से उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव महेश्वर साहू ने हस्ताक्षर किए। गुजरात सरकार ने फोर्ड को साणंद में कार संयंत्र लगाने के लिए 10 साल का टैक्स हॉलिडे पैकेज दिया है।


इस मौके पर हिनरिक्स ने कहा कि फोर्ड भारत, एशिया और अफ्रीका में तेजी से विस्तार कर रही है। साणंद में प्रस्तावित संयंत्र के निर्माण का काम जल्द शुरू किया जाएगा। इस संयंत्र से पहला इंजन और पहली कार 2014 में बाहर आने की उम्मीद है।

फोर्ड इंडिया के प्रेसिडेंट माइकल बोनहेम ने कहा कि फोर्ड भविष्य की मांग को ध्यान में रखकर यह पूंजी निवेश कर रही है। कंपनी का दशक के मध्य तक 80 लाख वाहनों की बिक्री कर 50 फीसदी ग्रोथ हासिल करने का लक्ष्य है(दैनिक भास्कर,गांधीनगर,29.7.11)।

दुमका पॉलिटेक्निक के छात्रों का हंगामा

Posted: 29 Jul 2011 05:15 AM PDT

पॉलिटेक्निक कॉलेज, दुमका के थर्ड इयर (सत्र 2007-10) के सभी 116 छात्र फेल हो गए हैं। फेल किए जाने के कारणों को जानने जब वे गुरुवार को कार्यालय पहुंचे तो कोई भी पदाधिकारी नहीं मिले। इसके बाद आक्रोशित छात्रों ने नेपाल हाउस के समक्ष प्रदर्शन शुरू कर दिया।

यह कहना है छात्रों का

छात्रों ने कहा कि 18 जुलाई को जब रिजल्ट निकला तो उन्हें पता चला कि उनके सेंटर की सभी परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है। छात्रों ने इसकी शिकायत पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रिंसिपल से की।
साथ ही एक लिखित शिकायती आवेदन स्टेट बोर्ड को भेजा।

स्टेट बोर्ड से जवाब आया कि जिस केंद्र पर परीक्षा ली गई थी, वहां की सभी परीक्षाएं रद्द कर दी गई है। इस वजह से छात्रों को फेल दिखाया जा रहा है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना था कि जब तक विभाग की ओर से फेल किए जाने का पुख्ता कारण नहीं बताया जाएगा, प्रदर्शन जारी रहेगा।


कई स्टूडेंट इंजीनियरिंग कोर्स में चयनित

पॉलिटेक्निक के कई छात्रों का चयन डिग्री कोर्स के लिए हुआ है। अब ये छात्र बिना पास सर्टिफिकेट के आगे की पढ़ाई नहीं कर पाएंगे। ऐसे में इनका साल बर्बाद हो जाएगा। छात्रों का सेशन पहले ही एक वर्ष विलंब से चल रहा है। 

सुनील बाधे, रामलखन साह और मानस कुमार सिंह का चयन डिग्री कोर्स के लिए हुआ है। अगले हफ्ते इन्हें काउंसिलिंग के लिए जाना है। छात्र रंजीत कुमार का चयन निफ्ट के लिए हुआ है, जिनकी काउंसलिंग एक अगस्त को है(दैनिक भास्कर,रांची,29.7.11)।

उत्तराखंडःगुप्तकाशी में आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज खुलेगा

Posted: 29 Jul 2011 05:06 AM PDT

यदि सरकार आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज व विद्यापीठ के प्रस्ताव को अमल में ले आती है तो निकट भविष्य में बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति मेडिकल कालेज व विद्यापीठ का संचालन भी करेगी। समिति ने चमोली जिले में अस्पताल व विद्यापीठ (गुप्तकाशी) में आयुव्रेदिक मेडिकल कालेज का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। इसके साथ ही मंदिर समिति लोक संस्कृति संस्थान की भी स्थापना करेगी। जनपद चमोली में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए समिति कर्णप्रयाग, गौचर या पीपलकोटी में आधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल निर्मित करेगी। यह सौ बिस्तर का अस्पताल होगा। इससे बदरीनाथ राजमार्ग में बरसात के दिनों में आये दिन मार्ग बाधित रहने से अन्य अस्पतालों में मरीजों को ले जाने में आ रही दिक्कतों से निजात मिलेगी। इस मामले में मुख्यमंत्री भी कई बार समिति को कह चुके हैं कि इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजें। इस अस्पताल के बनने से चमोली जनपद के दुर्गम क्षेत्र की जनता को भी राहत मिलेगी। वहीं मंदिर समिति ने विद्यापीठ (गुप्तकाशी) में आयुव्रेदिक मेडिकल कालेज (बीएएमएस) बनाने का प्रस्ताव भी शासन को भेजा है। इस कालेज के बनने से आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी छात्र भी डाक्टरी की पढ़ाई कर सकेंगे। इस मामले में समिति ने प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। शीघ्र ही शासन से इसकी अनुमति मिलने की उम्मीद है। वहीं समिति स्थानीय बोली-भाषा व लोक कलाओं के संरक्षण के लिए भी प्रयासरत है। पहाड़ की समृद्ध परंपराओं को जीवंत व संरक्षित करने के लिए समिति शीघ्र लोक संस्कृति संस्थान की स्थापना करेगी। इस संस्थान में छात्र लोक कलाओं में डिग्री भी हासिल कर सकेंगे। ताकि पहाड़ों से युवाओं के पलायन को रोका जा सके। इस बारे में मंदिर समिति के अध्यक्ष अनुसूया प्रसाद भट्ट ने पर्यटन मंत्री मदन कौशिक से भेंट की। कौशिक ने इस संबंध में समिति पर गंभीरतापूर्वक विचार करने का भरोसा दिया। कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री का भी मानना है कि इन संस्थानों के बनने से निश्चित ही दूर-दराज के लोगों को फायदा मिलेगा। समिति के अध्यक्ष भट्ट शुक्रवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। श्री भट्ट ने बताया कि समिति अब यात्रियों की सुविधाओं के साथ-साथ पलायन रोकने के लिए योजनाएं तैयार कर रोजगार के साधन उपलब्ध कराएगी(दैनिक भास्कर,देहरादून,29.7.11)।

पंजाब में 12वीं की छात्राओं को मुफ्त शि

Posted: 29 Jul 2011 04:51 AM PDT

पंजाब में सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 9वीं से 12वीं श्रेणी तक की छात्राओं से कोई फीस न लिए जाने की घोषणा की गई है। छात्राओं से कोई प्रवेश फीस, पुन: प्रवेश फीस, अमलगामेटिड फंड, पीटीए फंड, स्पोर्टस फंड, आईसीटी फंड, भूगोल, फाइनआर्टस, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञानऔर जीव विज्ञान फीस नहीं ली जाएगी और यह आदेश चालू शैक्षणिक सत्र 2011-12 से लागू हो गए हैं(दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,29.7.11)।

हिमाचलःएनआईटी हमीरपुर में हॉस्टल की कमी से खाली ही रहेंगी एमटेक की 300 सीटें

Posted: 29 Jul 2011 04:50 AM PDT

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर में पीजी कोर्स के तहत एमटेक के दूसरे चरण राउंड की काउंसलिंग इस बार नहीं हो पाई है। लिहाजा इस कोर्स के तहत करीब 300 सीटें नहीं भरी जा सकेंगी। संस्थान में आवासीय समस्या के कारण फिलहाल एक साल के लिए प्रशासन को ऐसा कदम उठाना पड़ा है। इसके लिए संस्थान की पांच सदस्यीय कमेटी ने फैसला लिया है, लेकिन सेंटर फॉर एनर्जी एवं एन्वायर्नमेंट और सेंटर फॉर मेटीरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग के तहत जिन स्टूडेंट्स को दोबारा काउंसलिंग के लिए बुलाया गया है, उन्हें गेट स्कोर के तहत ही दाखिला मिल पाएगा।


इस बारे में डीन अकेडमिक ने सभी विभागों को पत्र भी जारी कर दिए हैं। संस्थान में इस साल एमबीए कोर्स को भी बंद कर दिया था। इसका कारण फैकल्टी की कमी बताई गई है। बीओजी (बोर्ड ऑफ जनरल) की बैठक में फैसला लिया गया था। करीब दो साल से नियमित रूप से फैकल्टी की भर्ती रुकी हुई है और कई विभागों को इसी कारण समस्या का सामना करना पड़ रहा है। एनआईटी में एमबीए कोर्स भी स्थगित करना पड़ा। पीजी में तकरीबन 600 सीटों को भरा जाना था और इसमें पहले चरण की काउंसलिंग तो हो गई थी, लेकिन उसमें बहुत कम स्टूडेंट्स ही दाखिल हो पाए। दूसरे चरण की काउंसलिंग होनी थी और उसमें तकरीबन 300 पदों को भरा जाना था, लेकिन इस इन्हें ठहराने की समस्या है।

हॉस्टल में पर्याप्त जगह न होने के कारण काउंसलिंग स्थगित की गई है। यदि इसे करवा लिया जाता तो दाखिल स्टूडेंट्स को ठहराना मुश्किल हो जाता। जिन हॉस्टल का निर्माण किया जा रहा है। - प्रो. आरएल शर्मा, डायरेक्टर एनआईटी, हमीरपुर(दैनिक भास्कर,हमीरपुर,29.7.11)

देवी अहिल्या यूनिवर्सिटीःएमबीए, एफए और एमएम की डिमांड बढ़ी

Posted: 29 Jul 2011 04:48 AM PDT

देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के टॉप डिपार्टमेंट्स की 830 सीटों पर एडमिशन के लिए गुरुवार को काउंसिलिंग में ए ग्रुप के ऑल इंडिया 800 रैंक तक के स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया। इसमें कई स्टूडेंट्स एक जैसी रैंक वाले भी थे।

यूनिवर्सिटी की बीकॉम परीक्षा शुरू होने से स्टूडेंट्स की जगह कई पैरेंट्स ने काउंसिलिंग में हिस्सा लिया। सबसे पहले एमबीए फाइनेंशियल एडमिनिस्ट्रेशन (एफए) और एमबीए मार्केटिंग मैनेजमेंट (एमएम) की सीटें फुल हुईं। प्रक्रिया देर शाम तक जारी थी।

13 कोर्सेस के लिए सुबह 9 बजे से आईआईपीएस कैम्पस में स्टूडेंट्स का आना शुरू हो गया था। टॉप रैंक के सभी स्टूडेंट्स ने सबसे पहले एमबीए, एफए और एमबीए एमएम पर एडमिशन लिया। एमबीए इंटरनेशनल बिजनेस और एमबीए एपीआर में भी इस बार अच्छा रुझान देखने को मिला। जिन स्टूडेंट्स का एडमिशन कन्फर्म हो रहा था, उनमें से ज्यादातर फीस भरकर होस्टल कन्फर्म कराने में लगे थे।


ज्यादा कोर्स होने से स्टूडेंट्स को सीट कन्फर्म कराने में समय लग रहा था। इससे काउंसिलिंग प्रक्रिया काफी लेट हुई। रात 10 बजे तक काउंसिलिंग प्रक्रिया जारी थी। यूनिवर्सिटी का इंटरनेट कई बार बंद होने से वेबसाइट पर ऑनलाइन सीट अलॉटमेंट देखने में परेशानी हुई। काउंसिलिंग प्रभारी डॉ. गणोश कावड़िया ने बताया ए ग्रुप में ज्यादा स्टूडेंट्स होने से 29 और 30 जुलाई को रिजर्व कैटेगरी वालों के लिए काउंसिलिंग होगी।

बीई के लिए आइडेंटिटी कार्ड लाना अनिवार्य
1 अगस्त से बीई मुख्य काउंसिलिंग दोबारा शुरू हो रही है। इसमें जो स्टूडेंट्स लॉक ऑप्शन बदलना चाहते है उनके लिए आइडेंटिटी कार्ड अनिवार्य किया गया है। इस समय बीई फ्री सीट स्कीम की काउंसिलिंग चल रही है। हेल्प सेंटर्स पर इसके लिए नाममात्र के स्टूडेंट्स ही पहुंच रहे हैं(दैनिक भास्कर,इन्दौर,29.7.11)।

पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालयःनिजी कॉलेजों पर गिरी गाज,पांच बीएड कॉलेजों को मान्यता

Posted: 29 Jul 2011 04:47 AM PDT

पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने संबद्ध सभी निजी कॉलेजों के लिए पांच एकड़ जमीन अनिवार्य कर दिया है। जमीन की जानकारी देने के लिए पुराने कॉलेजों को तीन माह की मोहलत दी गई है। मान्यता के लिए आवेदन करने वाले नए कॉलेजों को पांच एकड़ जमीन नहीं होने की वजह मान्यता नहीं दी गई। जमीन का इंतजाम नहीं हुआ तो राजधानी के दुर्गा कॉलेज, कल्याण कॉलेज भिलाई समेत कई प्रतिष्ठित और पुराने कॉलेजों की मान्यता भी खतरे में पड़ जाएगी। यूनिवर्सिटी के सूत्रों का कहना है कि इस शर्त पर सख्ती हुई तो 80 फीसदी से ज्यादा कॉलेज संकट में आ सकते हैं।
रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले 31 कॉलेजों की स्थिति में सुधार आया है। पिछले साल इन कालेजों की रविशंकर यूनिवर्सिटी ने जांच करवाई थी। इस साल की जांच के बाद जिन कालेजों को 50 फीसदी या उससे ज्यादा निरीक्षक अंक मिले हैं, उनको शर्तो के साथ मान्यता दी गई। कॉलेजों से कहा गया है कि वह तीन महीने के अंदर कम से कम 75 फीसदी स्टाफ का इंतजाम कर लें।
कुलपति डॉ. शिवकुमार पांडेय ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों के अनुसार इसे लागू किया गया है। हर एक कॉलेज को जमीन के दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। उसमें शासन की ओर से कम से कम 30 साल के लीज की जानकारी देनी होगी या फिर जमीन का मालिकाना हक उस संस्था या संचालक मंडल का होना जरूरी है। इसके अभाव में कॉलेज की मान्यता को बनाए रखना संभव नहीं होगा।

यह शर्त बीएड और एमएड की कॉलेज संचालित करने वालों पर भी लागू होगी। उनके पास भी पांच एकड़ जमीन जरूरी है। यदि कोई कॉलेज के संचालक अकादमिक और शिक्षा दोनों कॉलेज संचालित कर रहे हों तो उन्हें दोनों के नाम अलग-अलग पांच-पांच एकड़ जमीन के दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। इसके बिना उन्हें मान्यता नहीं दी जाएगी। 
बैठक में सदस्यों ने जमीन की अनिवार्यता लागू करने की वजह पूछे इस पर कुलसचिव केके चंद्राकर ने कहा कि यूजीसी की शर्त है। इसे लागू करना अनिवार्य है। ऐसा नहीं होने पर यूजीसी से रविवि को मिलने वाली अनुदान की राशि रोकी जा सकती है। इसके बाद मुद्दे पर सभी सदस्यों ने सहमति जताई। 

पांच बीएड कॉलेजों को मान्यता 
कार्यपरिषद ने पांच बीएड कॉलेजों को भी मान्यता दी है। इनमें महात्मा गांधी कॉलेज, कांति दर्शन कॉलेज, विप्र महाविद्यालय, भिलाई इंफरमेशन टेक्नोलॉजी और रामकृष्ण इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन को मान्यता दी गई है।

कार्यपरिषद ने निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर पिछले साल से मान्यता के लिए आवेदन कर चुके 21 कॉलेजों को सशर्त मान्यता दी। उन्हें अपनी संस्था में तीन माह के भीतर कम से कम 75 फीसदी शैक्षणिक स्टॉफ की नियुक्ति करनी होगी। साथ ही पांच एकड़ जमीन के दस्तावेज भी प्रस्तुत करने होंगे। एकमात्र नए कॉलेज एवीएस रेसीडेंसी इंटरनेशनल कॉलेज रायपुर को पांच एकड़ जमीन होने पर कार्यपरिषद ने मान्यता दी है(दैनिक भास्कर,रायपुर,29.7.11)।

मध्यप्रदेशःबिना पीईटी दिए काउंसिलिंग में हो सकेंगे शामिल

Posted: 29 Jul 2011 04:41 AM PDT

प्री इंजीनियरिंग टेस्ट (पीईटी) परीक्षा में शामिल नहीं होने वाले उम्मीदवार भी शुक्रवार से काउंसिलिंग में शामिल हो सकेंगे। इसके लिए उम्मीदवार को अधिकृत केंद्र पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। तकनीकी शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी पॉलिटेक्निक, स्वशासी एवं अनुदान प्राप्त इंजीनियरिंग कॉलेजों को काउंसिलिंग हेल्प सेंटर बनाया है। बीई में एडमिशन के लिए 12वीं पास विद्यार्थी 5 अगस्त तक काउंसिलिंग में अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।

संचालक तकनीकी शिक्षा आशीष डोंगरे ने बताया कि बीई में 12वीं के रिजल्ट के आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया 10 अगस्त के बाद शुरू होनी थी। विद्यार्थियों की परेशानियों के मद्देनजर इन विद्यार्थियों की पंजीयन प्रक्रिया 29 जुलाई से शुरू की जा रही है।


एमबीए के लिए अपग्रेडेशन का विकल्प
एमबीए के लिए अलॉटमेंट होने के बाद कुछ कॉलेजों की सूची जारी हुई है। लिहाजा जिन छात्रों की पसंद ऐसे कॉलेज थे जिनकी मान्यता अब जारी हुई है वे उन्हीं कॉलेजों में दाखिला पाने के लिए अपग्रेडेशन विकल्प का उपयोग कर सकेंगे। इससे या तो उन्हें मनचाहा कॉलेज मिल जाएगा और यदि नहीं मिलता है तो अलॉट हुए कॉलेज में वो दाखिला ले सकेंगे(दैनिक भास्कर,भोपाल,29.7.11)।

हिमाचलःशिक्षकों के 2950 पद भरे जाएंगे

Posted: 29 Jul 2011 04:33 AM PDT

हिमाचल अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड ने भाषा अध्यापकों के पांच अलग-अलग श्रेणियों के 2950 पद भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को पूरा करने के लिए एसएसएसबी को नोडल एजेंसी बनाया गया है। यह परीक्षा किस स्तर पर होगी और इसमें किन औपचारिकताओं को आधार बनाया जाएगा, इसके लिए सचिव स्तर की बैठक में फैसला होगा। यह बैठक 3 अगस्त को शिमला में होगी।

छंटनी परीक्षा लेने से पहले इन तमाम श्रेणियों के शिक्षकों को टीईटी के तहत गुजरना होगा। इसके बाद ही वे एसएसएसबी की छंटनी परीक्षा दे पाएंगे। जिन शिक्षकों को इन श्रेणियों में बैचवाइज आधार पर नियुक्ति की पात्रता मिलेगी उन्हें भी एसएसएसबी के टीईटी से गुजरना होगा।

अभी तय नहीं किए नियम

एसएसएसबी हमीरपुर के चेयरमैन जेके चौहान ने बताया कि सरकार ने टीईटी के लिए नियम तय करके नहीं भेजे हैं, लेकिन बोर्ड से कहा है कि वह उसी के माध्यम से टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट होगा। शर्तो को लेकर शिमला में सचिव स्तर की बैठक में नियम तय होने के बाद उम्मीद है कि 3000 टीचर्स की नियुक्ति की प्रक्रिया के लिए विज्ञापन अगस्त के अंत तक जारी हो जाएगा और नवंबर तक छंटनी परीक्षा होगी।

क्या है टीईटी 

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत जारी की गई अधिसूचना के अनुसार पहली से 8वीं कक्षा तक पढ़ाने वाले सभी टीचर्स के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करना अनिवार्य है। ऐसा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की ओर से निर्धारित दिशा-निर्देशों के तहत किया जा रहा है। शिक्षकों की भर्ती में यह पहली बार हो रहा है। इसको लेकर कई तरह के विवाद भी हैं, लेकिन अब सरकार ने इसे अधिनियम के तहत फाइनल रूप देकर बोर्ड को निर्देश दे दिए हैं। बैचवाइज आधार पर भी होने वाली भर्ती के लिए अभी तक तो बगैर किसी परीक्षा के टीचर्स का चयन उनके सर्टिफिकेट्स देखकर कर लिया जाता था, लेकिन अब टीईटी पास करने के बाद ही ऐसा होगा।

छूट गए 2500 पैरा टीचर्स

इन आदेशों से शिक्षा विभाग में ही कार्यरत हजारों पैरा टीचर्स को कोई लाभ नहीं मिला है। प्रदेश में पैरा टीचर्स की संख्या 2500 से अधिक है जिन्हें अनुबंध शिक्षकों की तर्ज पर वेतन मिलता है।

शिमला. शिक्षा विभाग में आठ साल का कार्यकाल पूरा करने वाले विभिन्न श्रेणियों के 680 अनुबंध शिक्षक और गैर शिक्षक जल्द नियमित होंगे। शिक्षा विभाग ने वीरवार को सभी उच्च शिक्षा उप-निदेशकों को इस बारे में तुरंत कार्रवाई के लिए आदेश जारी कर दिए हैं। उनके अधीन स्कूलों के प्रधानाचार्यो से आठ साल का कार्यकाल पूरा करने वाले सभी लेक्चर्स का ब्योरा मांगा है। सरकार ने 31 मार्च 2011 तक आठ साल का कार्यकाल पूरा करने वाले अनुबंध कर्मियों को नियमित करने के आदेश जारी किए हैं।

प्रधानाचार्यो से पात्र शिक्षकों के आवश्यक दस्तावेज मांगे गए हैं। शिक्षकों को नियमितीकरण के लिए नियुक्ति पत्र की सत्यापित प्रति, टर्मिनेशन आदेश की सत्यापित प्रति, दोबारा नियुक्ति की सत्यापित प्रति, शैक्षणिक योग्यता, बोनाफाइड प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण, कार्य एवं आचरण प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और आठ साल के निरंतर सेवा की सत्यापित प्रमाण पत्र देना होगा। 

निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. ओपी शर्मा का कहना है कि जितना जल्दी कागजी औपचारिकताएं पूरी होंगी उतना ही जल्दी नियमितीकरण की प्रक्रिया पूरी होगी। वहीं, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक राजीव शर्मा ने कहा कि सरकार के आदेशों को शीघ्रता से लागू करने के लिए आदेश जारी किए जा चुके हैं(विक्रम ढटवालिया,दैनिक भास्कर,शिमला-हमीरपुर,29.7.11)।

झारखंडःनिजी इंजीनियरिंग कॉलेजों को नहीं मिले छात्र

Posted: 29 Jul 2011 04:25 AM PDT

राज्य के निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों को एडमिशन के लिए छात्र ही नहीं मिल रहे हैं। पिछले 11 दिनों से झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद द्वारा सफल छात्रों की काउंसिलिंग नामकुम स्थित पर्षद कार्यालय में जारी है।

काउंसिलिंग की जो स्थिति है उससे यही लगता है कि राज्य के निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों की स्थिति ऐसी है कि छात्र उसमें एडमिशन ही नहीं लेना चाहते। 18 जुलाई से अब तक 3,350 छात्रों की काउंसिलिंग हो चुकी है।

इसमें से मात्र 550 स्टूडेंट ही एडमिशन लिए हैं। वह भी अधिकांश छात्रों ने एक राज्य के एकमात्र प्रिमियर इंस्टीट्यूट बीआईटी सिंदरी, धनबाद में एडमिशन लिया है। अन्य निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों की स्थिति यह है कि किसी को सात, किसी को दो और किसी को तीन छात्र एडमिशन के लिए मिले हैं। अभी तक हुई काउंसलिंग के बाद 83 फीसदी सीटें खाली हैं।

कई कॉलेजों को अभी तक नहीं मिले हैं एक भी छात्र

कई निजी इंजीनियरिंग कॉलेज ऐसे हैं, जहां एडमिशन के लिए एक भी स्टूडेंट नहीं आए। इनमें आरटीसी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ओरमांझी, रामचंद्र चंद्रवंशी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पलामू, निलय एजुकेशन ट्रस्ट ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन ठाकुरगांव रांची, गुरु गोविंद सिंह एजुकेशनल सोसायटी चास बोकारो शामिल है।

आधारभूत संरचना में कमी है मुख्य कारण


एडमिशन नहीं लेने के पीछे छात्रों का कहना है कि यहां के इंजीनियरिंग कॉलेजों में आधारभूत संरचना की कमी है। बेहतर शिक्षक नहीं हैं। कैंपस की स्थिति भी अच्छी नहीं है। जो छात्र आ रहे हैं वे सिर्फ बीआईटी सिंदरी में एडमिशन मिल जाए इसके लिए आ रहे हैं। छात्रों का कहना है कि यहां पढ़ने से अच्छा है पड़ोसी राज्य ओड़िशा में पढ़ें।

2,759 सीटें अभी भी खाली

राज्य के 10 इंजीनियरिंग कॉलेजों में कुल 3,314 सीटें उपलब्ध हैं। पर्षद की ओर से अब तक आयोजित काउंसलिंग के बाद कुल 2,759 सीटें उपलब्ध हैं। 

काउंसिलिंग आठ तक 

झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा 2011 में स्नातक अभियंत्रण समूह के लिए काउंसिलिंग 8 अगस्त तक चलेगी। पर्षद द्वारा कुल 34,497 विद्यार्थियों की काउंसिलिंग ली जाएगी। 

नहीं ले रहे हैं जानकारी

नामकुम स्थित पर्षद के कार्यालय में जहां काउंसिलिंग चल रही है, वहां निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों की ओर से अपने-अपने कॉलेजों के स्टॉल भी लगाए हैं, जहां छात्रों को कॉलेज की स्थिति की जानकारी देने की व्यवस्था है। इसके बावजूद एक भी छात्र इन स्टॉलों पर जानकारी लेने के लिए नहीं आ रहे हैं(राजीव गोस्वामी,दैनिक भास्कर,रांची,29.7.11)।

बिहार फुटबॉलःस्टेट ग्रेड दो की लिखित परीक्षा में पास 19 रेफरी में चार महिलाएं

Posted: 29 Jul 2011 04:23 AM PDT

बिहार खेलों में पिछड़ा माना जाता है और जब महिलाओं की बात आती है तो इसमें और भी पिछड़ापन सामने आता है। इसके बावजूद फुटबॉल में हाल के दिनों में महिला खिलाड़ियों की संख्या बढ़ी है और कई ने तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है। खिलाड़ियों से थोड़ा अलग हटकर बात करें तो अब बिहार के मैदानों पर महिला रेफरियों को जोरदार सीटी बजाते हुए अगर देखा जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। बिहार की महिलाओं में रेफरी बनने की होड़ सी लग गयी है और आने वाले समय में यह संख्या एक दर्जन के पास पहुंच जाएगी। कुछ समय पहले बिहार फुटबॉल एसोसिएशन ने पटना में स्टेट ग्रेड दो के लिए लिखित परीक्षा ली थी जिसका परिणाम आ गया है। विभिन्न जिलों के 19 निर्णायकों ने इसमें सफलता हासिल की है जिसमें चार नाम महिलाओं के हैं। इन सफल रेफरियों को अब अपने जिले की स्थानीय लीग में प्रैक्टिल और फिटनेस टेस्ट में हिस्सा लेना होगा, जिसमें सफल हो जाने पर ये सभी स्टेट पैनल दो के रेफरी हो जाएंगे। ये चारों महिलाएं मुजफ्परपुर की हैं। ये हैं सुश्री मधु त्रिपाठी, सुश्री प्रीति कपूर, सुश्री शबाना आलमी, सुश्री संगीता कुमारी। इसके अलावा चार अन्य महिलाएं पहले से लिखित परीक्षा में सफल हो चुकी हैं जिनको प्रैक्टिल ओैर फिटनेस टेस्ट में शामिल होना होगा। इन चारों में मुजफ्फरपुर की वंदना कुमारी, शिखा कुमारी और प्रिया कपूर तथा सारण की श्रीमती दीपाली सिंह (बिहार राज्य खेल प्राधिकरण में कार्यरत) शामिल हैं। इस तरह ये आठों रेफरी स्टेट ग्रेड दो के लिए फाइनल पैनल में आने के करीब हैं। बिहार में इसके अलावा चार अन्य रेफरी पहले से स्टेट ग्रेड दो के पैनल में हैं। इनमें पश्चिम चम्पारण की शमीम आरा और कुमारी ेता, मुंगेर की रंजीता कुमारी और पटना की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मधु कुमारी के नाम हैं। ये चारों अब स्टेट ग्रेड एक के लिए तैयारी करेंगी। स्टेट ग्रेड एक में अब तक किसी महिला को आने का मौका नहीं मिला है। इन बारह महिला रेफरियों में एकमात्र शमीम आरा ऐसी हैं जिन्हें राज्य महिला अंतर जिला प्रतियोगिता में निर्णायक बनने का अनुभव हासिल है। वह पूर्णिया में हुई राज्य महिला प्रतियोगिता में यह भूमिका निभा चुकी हैं। हालांकि रंजीता कुमारी को भी पूर्णिया में मौका मिला था लेकिन वह नहीं जा सकी थीं। इसके अलावा पटना की मधु कुमारी स्थानीय मैचों में निर्णायक की भूमिका निभाती रही हैं। लिखित परीक्षा में सफल हुए 19 रेफरियों के नाम इस प्रकार हैं : मनीष राज (दरभंगा), संतोष कुमार पांडेय, जर्नाधन सिंह (दोनों बक्सर), मोहम्मद इबरार इस्माइल हाशमी (पूर्णिया), सुश्री मधु त्रिपाठी, सुश्री प्रीति कपूर, सुश्री शबाना आलमी, सुश्री संगीता कुमारी (सभी मुजफ्फरपुर), दिवाकर कुमार, निदेश कुमार सुमन, अनंत कुमार और कुमार विनय (सभी समस्तीपुर), मोहम्मद इसरायल, उपेन्द्र कुमार मंडल, संजय कुमार, संजीव कुमार राय, मोहम्मद फारुक पासवान (सभीर भागलपुर), दीपक कुमार पासवान (कटिहार) और उदय प्रकाश पांडेय (गया)(राष्ट्रीय सहारा,पटना,29.7.11)।

छत्तीसगढ़ःआईटीआई परीक्षा निरस्त करने की अनुशंसा

Posted: 29 Jul 2011 04:18 AM PDT

आईटीआई में इलेक्ट्रिशियन और फिटर ट्रेड का पर्चा लीक होने के बाद राज्य शासन ने परीक्षा निरस्त करने की अनुशंसा केंद्र सरकार को कर दी है। डायरेक्टर जनरल ऑफ एंप्लॉयमेंट को भेजी गई अनुशंसा में शासन ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा है कि पुलिस की जांच में सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर यहां आगे की कार्रवाई की जाएगी।आईटीआई का पर्चा लीक होने के बाद राज्य शासन की रिपोर्ट दिल्ली भेजी जा रही रही है। बुधवार को दूसरी पाली में हुए दोनों ट्रेड के आंसर सुबह से ही छात्रों के हाथ में आ गए थे।
परीक्षा शुरू होने से पहले ही आईटीआई के प्रिंसिपल एमएफ अंसारी व आब्जर्वर ने लोकल स्तर पर गड़बड़ी से इंकार किया है। मीडिया वालों के सामने ही थाने से सीलबंद पेपर के पैकेट खुलवाए गए।

जिला प्रशासन को इसकी जानकारी मिलते ही कलेक्टर के निर्देश पर ज्वाइंट कलेक्टर एमएल गुप्ता ने परीक्षा केंद्र पर छापा मारा। इस दौरान छात्रों से 103 मोबाइल व नकल सामग्री भी जब्त की गई। परीक्षा दिल्ली से कंडक्ट हो रही थी, इसलिए परीक्षा निरस्त होगी या नहीं, यह निर्णय बाद में होगा, लेकिन राज्य शासन ने ज्वाइंट डायरेक्टर और आईटीआई के प्रिंसिपल से स्पष्टीकरण मांगा था। स्पष्टीकरण के जवाब में ज्वाइंट डायरेक्टर और प्रिंसिपल ने लोकल स्तर पर गड़बड़ी से इंकार करते हुए लीक हुए आंसर की कापी अपर मुख्य सचिव को भेज दी। जांच में दोनों ट्रेड के ही जवाब मिले। इसे गंभीर मानते हुए राज्य शासन ने परीक्षा निरस्त करने की अनुशंसा केंद्र सरकार से कर दी है।

सभी केंद्राध्यक्षों से होगी पूछताछ

पर्चा लीक होने के बाद राज्य स्तर पर सभी आईटीआई के केंद्राध्यक्षों से पूछताछ की जाएगी। राज्य शासन ने इसके लिए विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए हैं। पीएमटी फर्जीवाड़ा के बाद सरकार आईटीआई के पेपर लीक मामले में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरतना चाहती। इसलिए गड़बड़ियों के हर बिंदु पर जांच की जा रही है।
छात्रों ने ही किया खुलासा
परीक्षा में शामिल कई छात्रों के पास तो पहले से ही पर्चे में आने वाले सवालों के जवाब थे, लेकिन बड़ी संख्या ऐसे भी छात्रों की थी, जिन्हें पेपर नहीं मिला था। दिन-रात मेहनत के बाद परीक्षा दिला रहे स्टूडेंट्स को जब पेपर लीक होने की खबर मिली, तो उन्होंने मीडिया को सूचना दे दी। खबर पुष्ट होते ही मीडिया ने अफसरों को इसकी जानकारी दी और मामले का खुलासा हो गया(दैनिक भास्कर,बिलासपुर,29.7.11)।

चंडीगढ़ः240 कर्मचारियों का अता-पता नहीं,7 साल तक पगार खाते रहे अफसर

Posted: 29 Jul 2011 04:17 AM PDT

15 साल दो महीने बीतने के बाद भी प्रशासन नगर निगम को न तो 240 डेलीवेजेज कर्मचारी भेज सका, न ही उनकी डिटेल रिपोर्ट। यह कर्मचारी प्रशासन की ओर से 1996 में नगर निगम को ट्रांसफर किए गए थे।

प्रशासन के लिए इन कर्मचारियों को भेजना और रिपोर्ट देना नामुमकिन है, क्योंकि ये 240 कर्मचारी सिर्फ कागजों में थे, हकीकत में नहीं। करीब सात- साल तक प्रशासन के ही अधिकारी-कर्मचारी इन कर्मचारियों के नाम पर रोजाना की पगार अपनी जेब में भरते रहे। एक मोटे अनुमान के मुताबिक सात साल में यह रकम 7.05 करोड़ रुपये बनती है।

1209 किए थे ट्रांसफर, 240 का पता नहीं

प्रशासन ने पहली जून 1996 को 1209 डेलीवेजेज कर्मचारियों की अधिसूचना जारी करके नगर निगम में ट्रांसफर किया था। इनमें से 960 कर्मचारियों (रोड, हॉर्टिकल्चर, इलेक्ट्रिकल और पब्लिक हेल्थ विंग) ने ट्रांसफर ऑर्डर मिलने के एक—दो दिन में निगम में जॉइन कर लिया। बाकी कर्मचारी कागजों में ही ट्रांसफर दिखाए जाते रहे।

एक साल बाद निगम ने प्रशासन को लेटर लिखकर 249 कर्मचारियों के जॉइन न करने की वजह पूछी। प्रशासन ने कोई जवाब नहीं दिया। निगम के चीफ इंजीनियर पूरन जीत सिंह ने 1998 में प्रशासन को लेटर लिखकर 249 कर्मचारियों को भेजने का मामला उठाया। इसके बाद भी न तो कर्मचारी आए, न ही प्रशासन की ओर से कोई जवाब।


निगम के चीफ इंजीनियर वीके भारद्वाज ने 2002 में प्रशासन को लेटर लिखकर फिर मामला उठाया। इस पर प्रशासन के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर पब्लिक हेल्थ ने जवाब दिया कि 249 में से 9 कर्मचारियों की तो ट्रांसफर ऑर्डर से पहले ही मौत हो गई थी, बाकी 240 का कोई हिसाब नहीं है। इनमें से एक भी कर्मचारी प्रशासन के किसी भी विभाग में तैनात नहीं है। इसके बाद नगर निगम ने भी इस मसले पर चुप्पी साध ली।
प्रशासन में जेई ही करता था कर्मचारियों की भर्ती 

प्रशासन के रोड, हॉर्टिकल्चर, इलेक्ट्रिकल और पब्लिक हेल्थ विंग में वर्कलोड के हिसाब से डेलीवेज कर्मचारियों की भर्ती जेई करता था। उनके नाम मस्टररोल पर चढ़ाकर हाजिरी लगती थी। इसके आधार पर ही महीने की तनख्वाह बनती थी। कर्मचारियों की संख्या बढ़ते देख प्रशासन ने दिसंबर 1991 में डेलीवेज भर्ती पर रोक लगा दी थी। 

ऐसे हुआ खुलासा

पिछले दिनों प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग का ऑडिट करने वाली टीम को 240 डेलीवेज कर्मचारियों का रिकॉर्ड हाथ लगा। इन कर्मचारियों ने न तो निगम में जॉइन किया था, न ही प्रशासन में तैनात हैं। टीम ने निगम में 1209 कर्मचारियों को ट्रांसफर करने की अधिसूचना पब्लिक हेल्थ विभाग से मांगी है। निगम की ओर से प्रशासन को भेजे गए लेटर भी मिले हैं।

किसकी जेब में गए 7.05 करोड़

एक अनुमान के मुताबिक 1996 के दौरान एक डेलीवेज कर्मचारी को महीने में करीब 3500 रुपये तनख्वाह मिलती थी। ऐसे में 240 कर्मचारियों की एक महीने की तनख्वाह 8.40 लाख बनती है। सात साल तक प्रशासन में इन कर्मचारियों को काम करते दिखाया गया है। सात साल में इनकी तनख्वाह 7 करोड़ 5 लाख 60 हजार रुपये बनती है।

प्रशासन को देना होगा जवाब


नगर निगम में ट्रांसफर हुए 240 डेलीवेज कर्मचारी जब हकीकत में थे ही नहीं, तो ट्रांसफर से पहले सात साल तक उनकी तनख्वाह किसके खाते में जाती रही? 
कौन से जेई ने इन्हें भर्ती किया? कौन से एसडीओ और एक्सईएन की भूमिका रही है?

कार्रवाई न करने की वजह

इस घोटाले का पूरा रिकॉर्ड तो प्रशासन के पास है, लेकिन वह उन जेई के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाहता, जिनमें से ज्यादातर प्रमोट होकर एसडीओ, एक्सईएन बन गए हैं या रिटायर हो गए हैं। 

निगम में ट्रांसफर होने वाले 240 डेलीवेज कर्मचारी अलग- अलग विभाग के रहे हैं। उनके अस्तित्व में ही न होने और संबंधित अफसरों पर कार्रवाई के बारे में कुछ कहना मुश्किल है। 

एससी शर्मा, सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर, पब्लिक हेल्थ, प्रशासन(दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,29.7.11)

पटनाःविद्युत बोर्ड में बहाल होंगे 10 हजार कर्मी

Posted: 29 Jul 2011 04:15 AM PDT

बिहार राज्य विद्युत बोर्ड अगले तीन वर्षो में दस हजार कर्मचारियों की नियुक्ति करेगा। इस वर्ष एक हजार कर्मचारियों की नियुक्ति की जायेगी। राज्य को केंद्रीय प्रक्षेत्रों से 1726 से 1772 मेगावाट बिजली का आवंटन निर्धारित है, लेकिन 900-1000 मेगावाट बिजली ही मिल पाती है। इनमें से नेपाल, रेलवे, डिफेन्स, एयरपोर्ट, पटना शहर एवं अन्य आवश्यक सेवाओं के लिए 750 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जाती है। शेष बिजली प्रदेश के अन्य भागों को आपूर्ति की जाती है। विद्युत बोर्ड के पुनर्गठन से संबंधित निर्णय कैबिनेट की अगली बैठक में लिया जायेगा। बोर्ड को पांच कंपनियों में बांटा जायेगा। मुख्यमंत्री सचिवालय को अगले तीन से चार महीने में सोलर ऊर्जा से ऊर्जान्वित कर दिया जायेगा। इसके साथ ही राज्य के 700 स्टेट बोरिंग को सौर ऊर्जा से ऊर्जान्वित करने की योजना है। इस पर केंद्र सरकार पचास फीसदी अनुदान देगी। ये बातें ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अजय नायक और बिहार राज्य विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष पीके राय ने बृहस्पतिवार को संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न अभियंतण्रकॉलेजों और पॉलीटेक्निक कॉलेजों से 400 कनीय अभियंताओं का कैम्पस सेलेक्शन के जरिये नियोजन हो चुका है। इसके अलावा 250 कनीय लेखा लिपिक, 216 बटन परिचालन, 22 अदक्ष खलासी, एक विद्युतजल 210 कनीय सारणी पुरुष, चार संदेशवाहक, 40 निम्न वर्गीय लिपिक, 40 निम्न वर्गी सहायक, 13 श्रम कल्याण पदाधिकारी और सात परामर्शी की नियुक्ति की जा चुकी है। अनुकंपा के आधार पर भी 32 मृत कर्मचारियों के आश्रितों की नियुक्ति की गयी है। प्रधान सचिव ने कहा कि 2003 के एक्ट के तहत बिहार राज्य विद्युत बोर्ड को खस्ता हाल से उबारने के लिए इसका पुनर्गठन अनिवार्य हो गया है। कैबिनेट की अगली बैठक में इस पर निर्णय लिया जायेगा। इसके बाद बोर्ड को पांच भागों में विभक्त किया जायेगा(राष्ट्रीय सहारा,पटना,29.7.11)।

ऊंचे कट-ऑफ का कारण कम सीटें: सिब्बल

Posted: 29 Jul 2011 04:12 AM PDT

मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल का मानना है कि इस साल दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ विषयों में प्रवेश के लिए विवादास्पद 100 फीसदी कट-ऑफ मांग और आपूर्ति में अंतर के कारण रहा और इसका समाधान शिक्षा संबंधी बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने से ही हो सकता है।
सिब्बल ने कहा कि अगर मांग, आपूर्ति से बहुत ज्यादा होगी, तो कट-ऑफ स्वाभाविक तौर पर उंचा रहेगा। यह एक संस्थानगत मुद्दा है। उन्होंने सवाल किया, अगर श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स एक है और हर कोई उसी में प्रवेश चाह रहा है, तो मेरे पास क्या समाधान हो सकता है।
इसके पहले उंचे कट-ऑफ को अतार्किक बताने वाले सिब्बल ने कहा कि इस समस्या का समाधान पूरे देश में शिक्षा संबंधी बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने में निहित है। उन्होंने कहा कि सरकार अकेले सभी शैक्षणिक संस्थाएं, विश्वविद्यालय और कॉलेज नहीं खोल सकती। इसलिए आने वाले सालों में निजी क्षेत्रों को इसमें अहम भूमिका निभानी होगी। हम शिक्षा के क्षेत्र में निजी क्षेत्र को बढ़ावा देना चाहते हैं।
इस साल दिल्ली विश्वविद्यालय के नामी कॉलेज श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में रहे 100 फीसदी कट-ऑफ ने बड़े विवाद को जन्म दे दिया था। ज्यादातर छात्र और अभिभावक इसके खिलाफ खड़े हो गए थे।

सिब्बल ने इस बात पर भी जोर दिया कि गैर वाणिज्य के छात्रों के लिए भी कट-ऑफ 100 फीसदी रखा जाना अनुशासन पर आधारित मौजूदा शिक्षा तंत्र का प्रतिबिंब है। साथ ही उन्होंने शिक्षा तंत्र में सुधार लाने पर भी जोर दिया।
मंत्री ने कहा कि हमें वाणिज्य, कला और विज्ञान संकाय की अवधारणा को बदलना होगा क्योंकि इसका मतलब होता है कि विज्ञान का कोई छात्र केवल विज्ञान ही पढ़ सकता है, इतिहास नहीं। उन्होंने कहा, जब दिमाग की कोई सीमा नहीं होती, तो ज्ञान की सीमा क्यों होनी चाहिए। एक बार हम इन सीमाओं से पार पा जाएंगे और शिक्षा तंत्र को बढ़ावा देंगे, तब इनमें से कई परेशानियां खत्म हो जाएंगी।
कई खबरों में कहा गया था कि ओबीसी कोटे की बहुत सी सीटें खाली छूट रही हैं और बाद में उन्हें सामान्य श्रेणी के छात्रों से भरा जा रहा है। इस बारे में सरकार क्या कदम उठा रही है, इसके जवाब में सिब्बल ने कहा, हमने इस बारे में निर्देश दिए हैं कि इनमें से कोई भी सीट सामान्य श्रेणी में नहीं जाए।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय सुनिश्चित करेगा कि 27 फीसदी ओबीसी कोटा पूरा भरे। सिब्बल के मुताबिक, हमने यह भी कहा है कि अगर अंक 10 फीसदी (छूट सीमा) से कम हैं, तो आप 10 फीसदी से नीचे भी जा सकते हैं। इस मुद्दे का और विवरण देते हुए उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला ओबीसी श्रेणी के लिए प्रतिशत में छूट की सीमा कठोरता से निर्धारित नहीं करता।
उन्होंने कहा कि अगर आपको 100 फीसदी अंक मिले हैं और ओबीसी श्रेणी के लिए यह 90 फीसदी होता है, तो 89 फीसदी अंक वाले को इसमें प्रवेश नहीं मिलता। यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बहुत अनुचित व्याख्या होगी क्योंकि न्यायालय ने ऐसे परिदृश्य की कल्पना नहीं की थी(हिंदुस्तान,दिल्ली,29.7.11)।

यूपीःअब 31 अगस्त तक होगा पाठय़क्रम सम्बद्धता पर निर्णय

Posted: 29 Jul 2011 12:57 AM PDT

नये महाविद्यालयों/संस्थानों तथा पूर्व में संचालित हो रहे महाविद्यालयों में स्नातक/स्नातकोत्तर स्तर के अतिरिक्त विषयों/पाठय़क्रमों की सम्बद्धता के लिए सरकार ने समयावधि को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है। अभी तक यह अवधि 31 जुलाई तक थी। यह निर्णय सम्बद्धता के कई प्रकरण विभिन्न विविद्यालयों के स्तर पर लम्बित होने की जानकारी के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने लिया है। उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव विमल किशोर गुप्ता ने बृहस्पतिवार को सभी विविद्यालयों के कुलपतियों को भेजे गये आदेश में कहा है कि शैक्षिक सत्र 2011-12 के लिए विभिन्न कालेजों द्वारा विषय/पाठय़क्रम सम्बद्धता के भेजे गये प्रस्तावों पर अब 31 अगस्त तक निर्णय लिया जा सकेगा। ऐसा करने के पीछे आदेश में कहा गया है कि बीएड को छोड़ अन्य पाठय़क्रमों के बहुतायत प्रस्ताव अभी विविद्यालय के स्तर पर ही लम्बित हैं। कुलपतियों से कहा गया है कि वे सभी लम्बित प्रस्तावों को 16 अगस्त तक शासन को भेज दें। इन पर 31 अगस्त तक निर्णय लिया जा सकेगा(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,29.7.11)।

छत्तीसगढ़ःपीएमटी नतीजे कल आने की संभावना

Posted: 29 Jul 2011 12:55 AM PDT

छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल की ओर से आयोजित प्री मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) के मॉडल आंसर नेट पर जारी होने के साथ ही विवादों में घिर गए। अंतिम तिथि तक मंडल को उत्तरो



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha

হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!

मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में OBC Trump Card और जयभीम कामरेड

Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!

हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला हिंदुत्व की राजनीति से नहीं किया जा सकता।

In conversation with Palash Biswas

Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Save the Universities!

RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!

जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।

#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?

Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

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