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Thursday, July 21, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



---------- Forwarded message ----------
From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/7/21
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


यूपी में शिक्षकों का दुरुपयोग

Posted: 20 Jul 2011 05:30 AM PDT

नया शिक्षा सत्र शुरू होते ही जिस तरह यह तथ्य सामने आया कि माध्यमिक शिक्षकों को अध्यापन से इतर भी कार्य निपटाने होंगे उससे यही पता चला रहा है कि उत्तर प्रदेश का शासन एवं प्रशासन शिक्षा में सुधार संबंधी अपने प्रयासों को लेकर गंभीर नहीं। यह विचित्र है कि एक ओर तो यह कहा जा रहा है कि शैक्षिक पंचांग को सही तरह से लागू किया जाएगा और छात्रों के सतत विकास के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे, लेकिन दूसरी ओर हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट विद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं की पठन-पाठन से इतर कार्यो में ड्यूटी लगाने की तैयारी भी शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में जिला प्रशासन के निर्देशों के तहत शिक्षकों को मतदाता सूची तैयार करने, उनमें संशोधन-परिव‌र्द्धन करने और घर-घर जाकर फोटो पहचानपत्र बनवाने की जिम्मेदारी संभालनी पड़ेगी। ऐसा तब होगा जब शैक्षिक पंचांग के अनुरूप शिक्षकों को प्रवेश कार्य एवं मासिक परीक्षा संपन्न कराने के साथ ही विभिन्न समितियों का गठन करना है और उनमें शामिल भी होना है। इसके अतिरिक्त उन्हें सामान्य एवं कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए उपचारात्मक शिक्षा का प्रबंध भी करना है। आखिर एक साथ इतने दायित्वों का निर्वहन कैसे संभव है? जब शिक्षकों के पास पठन-पाठन संबंधी कार्यो की ही एक लंबी सूची है तब फिर उन्हें अन्य कार्यो में क्यों शामिल किया जा रहा है? यह समझना कठिन है कि शासन में बैठे लोगों को सदैव शिक्षक ही क्यों फुर्सत में दिखाई पड़ते हैं? शिक्षकों को पठन-पाठन के अतिरिक्त अन्य कार्यो में शामिल करने का अर्थ है कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अन्य बोर्डो सरीखी गुणवत्ता हासिल करने के प्रति गंभीर नहीं। यह सुनिश्चित किया जाना तो समझ में आता है कि शिक्षक पठन-पाठन संबंधी अपने दायित्वों की अनदेखी न करने पाएं, लेकिन उन्हें अन्य कार्यो में शामिल करना अनुचित है। इन स्थितियों में गुणवत्तापरक शिक्षा का नारा सार्थक होने वाला नहीं है। बेहतर हो कि उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षकों को गैर-शिक्षणेत्तर कार्यो में खपाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करे। इस संदर्भ में उसे प्राइमरी विद्यालयों के शिक्षकों की ओर भी ध्यान देना होगा, क्योंकि वे भी गैर शिक्षणेत्तर कार्य करने के लिए विवश होते हैं(संपादकीय,दैनिक जागरण,लखनऊ,20.7.11)।

यूपीःप्रमाणपत्र व जन्मतिथि सत्यापन बना कमाई का जरिया

Posted: 20 Jul 2011 03:30 AM PDT

नौकरी पाने के लिए शैक्षिक प्रमाणपत्रों और जन्मतिथियों में धांधली करने वालों से निपटने की केंद्रीय गृह मंत्रालय की कोशिशों को विश्वविद्यालय और शिक्षा बोर्ड कमाई का जरिया बना रहे हैं। इस समस्या से निपटने के लिए गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वह यह व्यवस्था सुनिश्चित कराएं कि विश्वविद्यालय और शिक्षा बोर्ड केंद्र सरकार की सेवाओं में चयनित अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों और जन्मतिथियों का सत्यापन नि:शुल्क करें। सरकारी सेवाओं में भर्ती के मामलों में अक्सर ऐसे प्रकरण उजागर होते हैं जिनमें नौकरी पाने के लिए अभ्यर्थियों ने फर्जी प्रमाणपत्रों और जन्मतिथियों में हेरफेर का सहारा लिया हो। नियमों के अनुसार शैक्षिक योग्यता और अन्य शर्तें पूरी न करने के बावजूद फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर सरकारी सेवा हासिल करने वाले व्यक्ति को नौकरी में रहने का अधिकार नहीं है। यदि ऐसा व्यक्ति अस्थायी सेवा में चयनित होता है या फिर नौकरी में प्रोबेशन पर होता है तो उसकी सेवाएं समाप्त हो जानी चाहिए। यदि किसी सरकारी सेवक की नौकरी पक्की (स्थायी) होने के बाद यह पता चलता है कि उसने फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिये नौकरी हासिल की है तो ऐसे मामलों में आरोपित के खिलाफ नियमानुसार जांच कराई जाती है और आरोप सिद्ध होने के बाद उसे बर्खास्त करने का नियम है। पक्की नौकरी के मामलों में जब भी बर्खास्तगी की कार्यवाही की जाती है तो बर्खास्त किये गए कर्मचारी अदालत का दरवाजा खटखटाते हैं। ऐसे लोगों को अदालत जाने का मौका न मिले और सरकारी महकमों को फिजूल की मुकदमेबाजी न झेलनी पड़े, इसलिए अब सेवा में चयनित होने वाले अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों और जन्मतिथियों का सत्यापन संबंधित विश्वविद्यालयों और शिक्षा बोर्ड से कराया जाता है। मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा है कि कई विश्वविद्यालय और शिक्षा बोर्ड अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों और जन्मतिथियों के सत्यापन के लिए सरकारी विभागों से फीस की मांग करते हैं। पत्र के अनुसार केंद्र सरकार की कोशिश है कि फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिये अयोग्य अभ्यर्थी सरकारी सेवाओं में न चुने जाएं। पत्र में कहा गया है कि सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रयासरत है, लेकिन शिक्षण संस्थाओं का भी यह फर्ज है कि वे प्रमाणपत्रों के सत्यापन के जरिये यह सुनिश्चित करें कि नौकरियों में सिर्फ योग्य अभ्यर्थी चुने जाएं। इससे विश्वविद्यालयों और शिक्षा बोर्ड की साख भी बढ़ती है। पत्र में मुख्य सचिव से विश्वविद्यालयों और शिक्षा बोर्ड को यह सलाह देने की अपेक्षा की गई है कि वे शैक्षिक प्रमाणपत्रों और जन्मतिथियों के सत्यापन के लिए केंद्र सरकार के विभागों से फीस की मांग न करें(राजीव दीक्षित,दैनिक जागरण,लखनऊ,20.7.11)।

यूपीःनौनिहाल पढ़ें तो पढ़ें कैसे बिन किताब के

Posted: 20 Jul 2011 03:15 AM PDT

माध्यमिक शिक्षा परिषद व बेसिक शिक्षा परिषद से संबद्ध विद्यालयों में किताबों की कमी से त्राहि-त्राहि मची है। नवीन शिक्षा सत्र शुरू एक पखवारा बीत चुका है, बच्चे स्कूल जा रहे हैं, लेकिन बस्ते में पूरी किताबें नहीं हैं। सिर्फ प्रदेश सरकार के परिषदीय विद्यालय और यूपी बोर्ड ही नहीं केंद्रीय शिक्षा बोर्डो के विद्यालयों में चलने वाली पुस्तकों की उपलब्धता का हाल भी ऐसा ही है। जानकारों की माने तो पहली से आठवीं तक की पुस्तकें अगस्त के अंत तक ही स्कूलों तक पहुंचेगी। कक्षा नौ से लेकर 12 तक की गणित, हिंदी और अंग्रेजी की सरकारी पुस्तकें बाजार से नदारत हैं। किताबों की किल्लत का यह आलम केवल प्रदेश के कुछ हिस्सों में हो ऐसा नहीं है। कमोवेश ऐसे हालात सभी जगह हैं। राजधानी लखनऊ में जहां इस विभाग के मंत्री से लेकर उच्चाधिकारी तक बैठते हैं, वहां भी परिस्थितियां ठीक वही हैं, जो महानगरों के आसपास के जिलों की हैं। छोटे शहरों और कस्बों में हालात और भी बदतर हैं। दुकानदार अनुपलब्धता की बात कह कर किताबों के साथ कुछ न कुछ और खरीदने की बाध्य करने के साथ ही अधिक दाम वसूलने से नहीं चूक रहे हैं। रही सही कसर बदले पाठ्यक्रम ने पूरी कर दी है। हिंदी, अंग्रेजी, गणित, प्रारंभिक गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, गृह विज्ञान, वाणिज्य, कला, कंप्यूटर व संस्कृत सहित अन्य विषयों की अब एक-एक पुस्तक ही आ रही है। इसमें से सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी और प्रारंभिक गणित की पुस्तकें लखनऊ के बाजार से नदारद हैं। चूंकि अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान की पुस्तकें ज्यादातर विद्यार्थियों के कोर्स में शामिल हैं, इसलिए इसे लेकर बेचैनी अधिक है। वहीं फुटकर विक्रेता डीलरों पर छपे हुए अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक पर पुस्तक बेंचने का आरोप लगा रहे हैं। मुरादाबाद मंडल के विद्यालयों में पुस्तकों का संकट बना हुआ है। समस्या अकेले आठवीं तक कक्षाओं में नहीं है। हाईस्कूल के तमाम विषयों की किताबें नहीं मिल पाई है। गणित, सामाजिक विज्ञान समेत कई विषयों की किताबें बाजार से गायब है। बरेली व अलीगढ़ में शिक्षा विभाग के अफसर किताबों के लिए लखनऊ की ओर टकटकी लगाए है। इलाहाबाद के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में पढ़ने वाले 12,23,747 के लगभग बच्चों को बिना किताब के ही पढ़ाई करनी होगी, क्योंकि प्राथमिक स्कूलों में मुफ्त में मिलने वाली किताब अब तक नहीं पहुंची है। कक्षा छह से 12 तक की सभी पुस्तकें सुलभ नहीं हैं। अभिभावक यूपी बोर्ड की कक्षा छह, सात और आठ की पुस्तकें ढूंढ़ रहे हैं, लेकिन वे अनुपलब्ध हैं। इन कक्षाओं की हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और संस्कृत की पुस्तकें बाजारों से नदारद हैं। क्वींस इंटर कॉलेज, लखनऊ के प्रधानाचार्य डॉ.आरपी मिश्र का मानना है कि विद्यालयों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है, ऐसे में कोर्स की किताबें न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। कक्षा दस की अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान की किताबें बाजार में नहीं हैं। बच्चे बिना पुस्तकों के ही किसी तरह पढ़ाई कर रहे हैं। पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। दुकानदार बताते हैं कि प्राइमरी और जूनियर स्कूलों की पुस्तकों का टेंडर तीन माह विलंब से मंजूर किया गया है, जिससे पुस्तकों का टोटा है। बाजारों में यूपी बोर्ड की नए संस्करण की केवल कक्षा नौ, दस, 11 और 12 की ही पुस्तकें बिक रही हैं। आगरा में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की 10 वीं और 12वीं की सत्र 2011-12 की पाठ्य पुस्तक अभी तक बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। सामाजिक विज्ञान, गणित की एक-एक पुस्तक ही मिल रही हैं। नई किताबों की आमद कब तक होगी, यह न तो डीआइओएस ऑफिस को पता है और न ही स्कूल संचालकों को। गोरखपुर और वाराणसी में जो किताबें सुलभ हैं, वे भी प्रिंट से अधिक मूल्य पर बेची जा रही हैं। लखनऊ के अभिभावक अश्रि्वनी कुमार सिंह कहते हैं कि बाजार में कई किताबें नहीं हैं। कक्षा दस की सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी और प्रारंभिक गणित की किताबें अब तक नहीं मिल सकी है, बाजार के कई चक्कर लगा चुका हूं। जो किताबें बाजार में हैं, उन्हें भी दुकानदार इसी शर्त पर दे रहे हैं कि साथ में गाइड या कॉपियां व अन्य स्टेशनरी खरीदनी होगी वहीं इलाहाबाद के अभिभावक डीके घोष व अमरनाथ खरे पुस्तकें खरीदने को लेकर परेशान हैं, लेकिन वे नहीं मिल पा रही हैं। प्रधानाचार्य परिषद के कोषाध्यक्ष गोरखलाल श्रीवास्तव कहते हैं कि शासन को अब अपने प्रयोग बंद कर देने चाहिए और सत्र शुरू होने से पहले ही पाठ्य पुस्तकों और किताबों के बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए(दैनिक जागरण,लखनऊ,20.7.11)।

यूपीःनिरीक्षक पदोन्नति परीक्षा का परिणाम घोषित करने पर 27 तक रोक

Posted: 20 Jul 2011 01:40 AM PDT

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सिपाही से सब इंस्पेक्टर पद पर प्रोन्नति संबंधी परीक्षा का परिणाम घोषित किए जाने पर 27 जुलाई तक रोक लगा दी है। पीठ ने यह भी कहा है कि विभाग प्रोन्नति पर नियुक्ति की प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं लेकिन मुख्य परिणाम घोषित नहीं कर सकते। यह आदेश न्यायमूर्ति एसएन शुक्ला की खंडपीठ ने याची किरन गुप्ता सहित अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए हैं। याचिका प्रस्तुत कर याचीगणों का कहना था कि सरकार 12 जून 2010 को प्रदेश के 50, 389 पदों पर सिपाही से दारोगा के पदों पर रैंकर प्रोन्नति परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी की। इस मामले में 13 मार्च 2011 को लिखित परीक्षा आयोजित की गई। कहा गया कि 22 अप्रैल 2011 व 26 मई 2011 को राज्य सरकार ने दो अन्य नोटीफिकेशन जारी कर कहा कि परीक्षा में रीजनिंग विधि और गणित के प्रश्नपत्रों में कुछ प्रश्न गलत हैं उनको निरस्त कर दिया गया है। याचीगणों का आरोप था कि जब लिखित परीक्षा में परीक्षार्थियों ने सभी सवालों के उत्तर दिए फिर बाद में कुछ प्रश्नों को निरस्त करना विधि विरुद्ध व गैरकानूनी है। इससे सभी के परीक्षा परिणाम पर भारी असर पड़ेगा। यह भी मांग की गई कि सभी प्रश्नों के आधार पर परीक्षा परिणाम घोषित किया जाए। पीठ ने आगामी 27 जुलाई तक परीक्षा परिणाम पर रोक लगा दी है(दैनिक जागरण,लखनऊ,20.7.11)।

उत्तराखंडःबोर्ड परीक्षाओं के पंजीकरण फार्म 31 तक जमा होंगे

Posted: 20 Jul 2011 01:39 AM PDT

उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद द्वारा संचालित वर्ष 2011-12 की हाईस्कूल और इंटर की संस्थागत बोर्ड परीक्षाओं के लिए पंजीकरण फार्म जमा करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई और व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के लिए 14 अगस्त निश्चित की गई है। 24 अगस्त तक विलंब शुल्क के साथ पंजीकरण फार्म जमा किए जाएंगे। सभी विद्यालयों को पंजीकरण फार्म भेज दिये गए हैं। परिषद के संयुक्त सचिव वीपी सिमल्टी ने बताया कि वर्ष 2012 हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के लिए परिषद ने पंजीकरण फार्म सभी स्कूलों के लिए भेज दिए हैं। परीक्षा शुल्क हाईस्कूल संस्थागत के लिए 150 व व्यक्तिगत के लिए पांच सौ रुपये व इंटर में संस्थागत के लिए तीन सौ रुपये व व्यक्तिगत के लिए छह सौ रुपये हैं(राष्ट्रीय सहारा,रामनगर,20.7.11)।

लखनऊःपॉलिटेक्निक काउंसिलिंग में 460 को नहीं मिल सकी ब्रांच

Posted: 20 Jul 2011 01:36 AM PDT

दो दिनों के अवकाश में बाद मंगलवार को एक बार फिर शुरू हुई पॉलीटेक्निक काउंसिलिंग में 460 अभ्यर्थियों ने मनमुताबिक ट्रेड न मिलने पर सीटें लॉक नहीं कीं। राजधानी सहित प्रदेश के 13 केंद्रों पर शुरू हुई काउंसिलिंग में 1629 छात्रों ने हिस्सा लिया जबकि 1197 ने सीटें लॉक कीं। सुबह नौ बजे से ही फैजाबाद रोड स्थित राजकीय पॉलीटेक्निक में अभ्यर्थियों के आने का क्रम शुरू हो गया था। 24,001 से 28,000 रैंक वालों की शुरू हुई काउंसिलिंग में छात्रों की संख्या अन्य दिनों के मुकाबले कम रही। राजकीय पॉलीटेक्निक के बहुउद्देशीय हॉल में अभ्यर्थियों के बैठने की व्यवस्था की गई थी। हॉल में स्क्रीन के माध्यम से छात्रों को सीटों की संख्या के बारे में बताया जा रहा था। सभी 13 केंद्रों पर बुलाए गए 4000 अभ्यर्थियों में मात्र 1629 ने अपने दस्तावेजों की जांच कराई। देर शाम तक 1197 अभ्यर्थियों ने सीटें लॉक कीं। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद सचिव एसके गोविल ने बताया कि बुधवार को 28,001 से 32,000 रैंक वाले अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया है(दैनिक जागरण,लखनऊ,20.7.11)।

लखनऊःप्राइमरी छात्राओं को भी मिलेंगे मुफ्त बैग

Posted: 20 Jul 2011 01:33 AM PDT

लखनऊ के 1381 प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वालीं सत्तर हजार छात्राओं के लिए खुशखबरी है। अब उनको भी सर्व शिक्षा अभियान के तहत जूनियर विद्यालय की छात्राओं की तरह स्कूल बैग वितरित किए जाएंगे। यह योजना इसी सत्र से प्रभावी होगी। सर्व शिक्षा अभियान के तहत चलाई जा रही योजना नेशलन प्रोग्राम फॉर एजुकेशन टू ग‌र्ल्स एट एलीमेंट्री लेवल (एनपीईजीईएल) के तहत बालिका शिक्षा के लिए तरह-तरह की योजनाएं चलाई जाती हैं। एनपीईजीईएल के तहत अब तक कक्षा छह से आठ तक की बालिकाओं को मुफ्त स्कूल बैग दिए जाते थे। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए इसे प्राइमरी विद्यालयों में भी लागू करने का मन बनाया है। राज्य परियोजना कार्यालय से सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। एक बैग के लिए नब्बे रुपए निर्धारित किए गए हैं। लाभान्वित छात्राओं के लिए स्कूल बैग खरीदने की राशि बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से जारी की जाएगी। स्कूल बैग की राशि बीएसए कार्यालय से ग्राम शिक्षा समिति और वार्ड शिक्षा समिति के खाते में भेज दी जाएगी। सभी बीएसए को 15 अगस्त तक बैग वितरित करने आदेश है(दैनिक जागरण,लखनऊ,20.7.11)।

उत्तराखंडःसमूह 'ग' भर्ती के मानकों में संशोधन की मांग

Posted: 20 Jul 2011 01:01 AM PDT

उत्तराखंड क्रांति दल ने समूह 'ग' की भर्तियों में निर्धारित मानकों में संशोधन तथा स्थानीय बोलियों के ज्ञान को प्राथमिकता दिये जाने व सांकरी जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर सीएम को ज्ञापन भेजा। जिलाधिकारी के माध्यम से भेजे ज्ञापन में उत्तराखंड क्रांति दल ने समूह 'ग' की भर्तियों के लिए एक विज्ञप्ति जारी की गई थी, जिसके लिए आवेदन की अंतिम तिथि 20 जून रखी गई थी। इसमें कई अव्यवहारिक शत्रे भी रखी गई, जिसमें 15 फीट लम्बी कूद, 50 दंड बैठक, 15 मिनट में चार किमी साइकिलिंग व घुड़सवारी का अनुभव शामिल है, जो तर्क संगत नहीं है और जिसका उक्रांद विरोध करता है। इन मानकों में अधिकतम आयु सेवा 35 वर्ष की करने, आवेदन की अंतिम तिथि एक माह और बढ़ाने, समूह 'ग' की भर्ती में स्थानीय बोलियों का ज्ञान रखने वाले अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देने, शारीरिक मापदंडों में अव्यावहारिक शतरे को निरस्त करने की मांग की(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,20.7.11)।

यूपीःनिजी डेंटल कॉलेजों के लिए काउंसिलिंग आज

Posted: 20 Jul 2011 12:59 AM PDT

कंबाइंड प्री मेडिकल टेस्ट (सीपीएमटी) काउंसिलिंग के अंतर्गत आज बीयूएमएस (यूनानी) और निजी डेंटल कॉलेजों में दाखिले के लिए काउंसिलिंग कराई जा रही है। बीयूएमएस में प्रदेश में कुल 80 सीटें हैं, इसके लिए मंगलवार को अभ्यर्थियों का रजिस्ट्रेशन कराया गया। साथ डीएम व एमसीएच (सुपरस्पेशेलिटी पाठ्यक्रम) की काउंसिलिंग भी कराई गई। अपर निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ.के.सी. रस्तोगी के मुताबिक इन दोनों पाठ्यक्रमों में प्रदेश में कुल 45 सीटें थीं, सभी सीटें आवंटित हो गई हैं। सोमवार को काउंसिलिंग के बाद भी बीएचएमएस में लगभग 70 सीटें बच गई हैं। 25-28 अगस्त के बीच स्द्वितीय चरण की काउंसिलिंग में शेष अभ्यर्थियों को प्रवेश का मौका मिलेगा(दैनिक जागरण,लखनऊ,20.7.11)।

देहरादूनःआईसीआरआई शुरू करेगा क्लीनिकल रिसर्च में अल्पावधि के कोर्स

Posted: 20 Jul 2011 12:55 AM PDT

इंस्टीट्य़ूट ऑफ क्लीनिकल रिसर्च इंडिया (आईसीआरआई) अपने देहरादून कैंपस में मेडिकल विविद्यालय दक्षिण करोलिना (यूएसए) के सहयोग से क्लीनिकल रिसर्च में स्नातकोत्तर एवं अन्य अल्प अवधि के पाठ्यक्रम शुरू करेगा। इन कोसरे के सभी पाठय़क्रम भारत में क्लीनिकल रिसर्च के क्षेत्र में बढ़ रही श्रमशक्ति की मांग को ध्यान में रखकर बनाया गया है। करनपुर स्थित कैंपस में आयोजित पत्रकार वार्ता में जानकारी देते हुए आईसीआरआई के अध्यक्ष एसआर दुग्गल ने कहा कि संस्थान अनुभवी एवं समर्पित व्याख्याताओं की मदद से अपने छात्रों को क्लीनिकल रिसर्च के कार्यक्षेत्र में एक यथार्थवादी दृष्टिकोण देना चाहता है। मास्टर इन क्लीनिकल् रिसर्च दो साल का कोर्स है। इस कोर्स की डिग्री अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मेडिकल विश्वविद्यालय दक्षिण करोलिना से दी जाएगी। मास्टर इन क्लीनिकल रिसर्च के संस्थापक निदेशकडा. थामास हल्सी ने कहा कि भारत क्लीनिकल रिसर्च के क्षेत्र में एक अग्रणी देश के रूप् में तेजी से उभर रहा है(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,20.7.11)।

क्लाउड कंप्यूटिंग से बरसेंगी एक लाख नौकरियां

Posted: 20 Jul 2011 12:52 AM PDT

कंप्यूटर की पल-पल बदलती दुनिया में अब क्लाउड कंप्यूटिंग ने भारतीय बाजार में मजबूती से कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। अनुमान जताया जा रहा है कि इस क्षेत्र से वर्ष 2015 तक एक लाख नौकरियों के अवसर पैदा होंगे। शुरुआती दौर में ही क्लाउड कंप्यूटिंग 60 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ रही है। भारत में फिलहाल इसका कारोबार 40 करोड़ डॉलर है, लेकिन वर्ष 2015 तक बढ़कर यह 450 करोड़ डॉलर का हो जाएगा। प्राइवेट क्लाउड लैंडस्केप इन इंडिया शीर्षक से किए गए अध्ययन के मुताबिक, आइटी-आइटीईएस, दूरसंचार, बैंकिंग व वित्तीय संस्थान और सरकारी क्षेत्र इसके प्रमुख उपभोक्ता होंगे। साथ ही भारतीय आइटी कंपनियां ग्लोबल स्तर पर भी क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाएं प्रदान करेंगी। इस क्षेत्र की विशेषज्ञ परी नटराजन का कहना है कि कुशल कर्मचरियों की कमी के चलते फिलहाल भारत में क्लाउड कंप्यूटिंग के क्रियान्वयन में कंपनियों को मुश्किल हो रही है। एक अन्य विशेषज्ञ मनोज चुघ ने कहा कि इस क्षेत्र में रोजगार बढ़ने से कुशल मानव संसाधन की मांग बढ़ेगी। इसके लिए प्रशिक्षण की जरूरत पड़ेगी। चुग ने कहा कि आइटी कंपनियां अभी इस बेहद खास मौके की अहमियत नहीं समझ पा रही हैं। इसलिए डाटा सेंटर व सर्वर पर मोटा निवेश नहीं कर रही हैं। वहीं, यूनीक आइडेंटिफिकेशन प्रोग्राम और इससे जुड़े अन्य कार्यक्रमों के कारण सरकारी क्षेत्र में क्लाउड कंप्यूटिंग के लिए काफी संभावनाएं पैदा हो रही हैं। क्या है क्लाउड कंप्यूटिंग : क्लाउड कंप्यूटिंग ऐसी आइटी सेवाएं हैं, जिनसे कई सर्वर कंप्यूटरों को डिजिटल नेटवर्क के जरिये एक कंप्यूटर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इंटरनेट उपभोक्ता वेबसाइट सर्च करने या डाटा शेयर करने के लिए जिस सर्वर का इस्तेमाल करते हैं, उसकी क्षमता सीमित होने से अधिक मांग की स्थिति में डाटा प्रवाह की गति धीमी हो जाती है(दैनिक जागरण,दिल्ली,20.7.11 में बेंगलुरू की रिपोर्ट)।

उत्तराखंडः25 से 29 तक एडुसेट की ट्रेनिंग लेंगे शिक्षक

Posted: 20 Jul 2011 12:51 AM PDT

विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में एडुसेट के माध्यम से पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक)विविद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षकों को प्रशिक्षण देगा। यूसैक 25 जुलाई से 29 जुलाई तक एक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएगा जिसमें शिक्षकों को इस तकनीक की जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण के बाद 30 जुलाई को देहरादून में ही इस बाबत एक कार्यशाला भी आयोजित होगी। निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. एनसी त्रिवेदी ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग ने एडुसेट से पढ़ाई शुरू करने के लिए विभाग से विशेषज्ञ मांगे थे। इसी को लेकर हुई बैठक में प्रशिक्षण के बारे में तय हुआ क्योंकि अभी प्रदेश के डिग्री शिक्षकों को पांरपरिक तौर से कक्षा में ही पढ़ाने का अभ्यास है। एडुसैट के लिए उन्हें प्रशिक्षण की जरूरत समझी गई। मंगलवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में सचिव उच्च शिक्षा मनीषा पंवार समेत कई अधिकारी मौजूद थे(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,20.7.11)।

दिल्ली के चार कॉलेजों को अल्पसंख्यक दर्ज़ा

Posted: 20 Jul 2011 12:48 AM PDT

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग (एनसीएमईआइ) ने जामिया विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक दर्जा तय करने के बाद दिल्ली के चार और कॉलेजों का स्वरूप तय कर दिया है। दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध गुरु तेग बहादुर खालसा डिग्री कॉलेज, गुरु गोविंद सिंह कॉलेज आफ कॉमर्स, गुरु नानकदेव खालसा कालेज और माता सुंदरी कॉलेज आफ वूमेन को भी अब अल्पसंख्यक दर्जा मिल गया है। एनसीएमईआइ के चेयरमैन जस्टिस (रिटायर्ड) एमएसए सिद्दीकी व सदस्य मोहिंदर सिंह और साइरस थॉमस ने मंगलवार को यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया। बीते 2008 से आयोग में चल रहे इस मामले का मूल वाद गुरु तेग बहादुर खालसा डिग्री कॉलेज को अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान घोषित करने के लिए दायर किया गया था। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से दायर इस वाद में कहा गया था कि कालेज का प्रबंधन व संचालन शुरू से उसके द्वारा किया जा रहा है। उसकी स्थापना का उद्देश्य शुरू से समुदाय विशेष की शिक्षा रही है। जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना था कि कॉलेज की स्थापना करने वालों का नजरिया उसे कभी भी समुदाय विशेष की शिक्षा तक सीमित करने का नहीं रहा है। स्थापना का मकसद सभी समुदायों के छात्रों को शिक्षा प्रदान कराना था। उस समय इसे लेकर किसी समुदाय विशेष की बाबत अलग से कोई बात नहीं थी। आयोग में यह वाद चल ही रहा था कि बाद में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से संचालित तीन और कॉलेजों के अल्पसंख्यक दर्जे का भी मामला वहां पहुंच गया। आयोग ने बाद में चारों मामलों पर एक साथ सुनवाई शुरू कर दी। उन्हें लेकर बीते वर्षो में आये तथ्यों व सुबूतों के बाद आयोग ने मंगलवार को चारों कॉलेजों के अल्पसंख्यक दर्जे पर अपनी मुहर लगा दी। गौरतलब है कि अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों के दाखिले में 50 प्रतिशत तक सीटें उसी समुदाय के बच्चों के लिए आरक्षित हो सकती हैं। उनमें पिछड़े व अन्य वर्गो के लिए तय कोटा लागू नहीं होता है(दैनिक जागरण,दिल्ली,20.7.11)।

उत्तराखंडःपदोन्नत प्रवक्ताओं की वरीयता सूची जारी, आपत्तियां मांगीं

Posted: 20 Jul 2011 12:46 AM PDT

शिक्षा विभाग ने प्रोन्नत किये गये प्रवक्ताओं की वरीयता सूची जारी कर दी है। शिक्षा निदेशालय द्वारा तय की गयी वरीयता से यदि किसी प्रवक्ता को ऐतराज है तो वह एक माह तक अपना पक्ष रख सकता है। जिन प्रवक्ताओं की सूची जारी की गयी है सामान्य व महिला संवर्ग के हैं। विद्यालयी शिक्षा निदेशक सीएस ग्वाल ने बताया है कि वरिष्ठता सूची शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर डाल दी गयी है। मंगलवार को जारी की गयी वरिष्ठता सूची में उन प्रवक्ताओं को लिया गया है, जिन्हें 2001-02 से 2008-09 के बीच नियुक्ति मिली व प्रोन्नति मिली। जारी सूची को अनन्तिम बताते हुए शिक्षा निदेशक ने इसमें आपत्तियां आमंत्रित की हैं। इसमें सामान्य वर्ग के 3787 प्रवक्ता तथा महिला संवर्ग के 416 प्रवक्ता शामिल हैं। इस सूची से किसी भी तरह की आपत्ति होने पर प्रवक्ताओं का अपना प्रत्यावेदन निदेशालय के वरिष्ठता अनुभाग को पूरी जानकारी केसाथ देना होगा। ग्वाल ने बताया है कि एक के भीतर प्रत्यावेदन आने के बाद उनका मूल्यांकन होगा और उसके बाद अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,20.7.11)।

एफडीडीआइ की काउंसिलिंग कल से

Posted: 20 Jul 2011 12:44 AM PDT

फुटवियर डिजाइन एवं डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (एफडीडीआइ) की काउंसलिंग में अब मात्र एक दिन शेष बचा है। 21 जुलाई से नोएडा कैंपस में छात्रों की काउंसलिंग होगी। इसके तहत छात्र देश भर के एफडीडीआइ के सात परिसरों में प्रवेश लेंगे। मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री गर्वमेंट ऑफ इंडिया के तहत संचालित होने वाले एफडीडीआइ परिसरों में छात्र रिटेल व लेदर गुड्स एसेसरीज डिजाइन की शिक्षा लेते हैं। नोएडा, छिंदवाड़ा, कोलकता, रोहतक, जोधपुर, चेन्नई और फुर्सतगंज इन सभी केंद्रों में सत्र 2010-11 के स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रमों के लिए 27 जून से दो जुलाई तक नोएडा कैंपस में ग्रुप डिस्कशन, पर्सनल इंटरव्यू, क्रिएटिव एप्टीच्यूड टेस्ट हुए। इनमें सफल प्रतिभागियों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया है। काउंसिलिंग के लिए मेरिट बनाते समय लिखित परीक्षा के अंकों को भी शामिल किया गया। इन सबके आधार पर छात्रों को रैंक दिया गया है। संस्थान के प्रबंध निदेशक राजीव लाखेरा ने बताया कि उच्च स्तरीय शिक्षा व्यवस्था, विश्व स्तरीय संसाधनों और अनुभवी शिक्षकों की वजह से एफडीडीआइ छात्रों की पहली पसंद बन गया है। उन्होंने बताया कि सभी परास्नातक पाठ्यक्रमों का नामांकन 21 जुलाई से और स्नातक का 25 जुलाई से नोएडा कैंपस में शुरू होगा। इसके लिए सभी छात्रों को सूचना दे दी गई हैं। परास्नातक पाठ्यक्रमों के लिए आरक्षित श्रेणी में 21 जुलाई को सुबह 10.30 बजे और सामान्य श्रेणी के लिए दोपहर दो बजे से शुरू होगी। 22 जुलाई को सुबह 10.30 बजे और दोपहर दो बजे सामान्य श्रेणी के छात्रों की काउंसलिंग होगी। इसी तरह स्नातक स्तर पर 25 जुलाई सुबह 10.30 बजे आरक्षित श्रेणी और दोपहर दो बजे सामान्य श्रेणी की काउंसिलिंग होगी। 26 जुलाई को सुबह 10.30 बजे और दोपहर दो बजे, 27 और 28 जुलाई को 10.30 बजे सामान्य श्रेणी के छात्रों की काउंसिलिंग होगी(दैनिक जागरण,नोएडा,20.7.11)।

हिमाचलःकेसीसी बैंक की भर्ती में धांधली!

Posted: 19 Jul 2011 08:05 PM PDT

धर्मशाला कांगड़ा सेंट्रल कोआपरेटिव बैंक की भर्ती प्रक्रिया विवादों में घिर गए है। एक उम्मीदवार मेरिट में दो जगह पर उत्तीर्ण दिखाया गया है, जबकि दूसरा तीन कैटेगरी में पास है। इससे बैंक की भर्ती में धांधली की आशंका जताई जा रही है।

कांगड़ा सेंट्रल कोआपरेटिव बैंक की भर्ती प्रक्रिया विवादों में घिर गए है। एक उम्मीदवार मेरिट में दो जगह पर उत्तीर्ण दिखाया गया है। बैंक प्रबंधन इन आशंकाओं को मात्र अफवाह करार दे रहा है। प्रबंधन का दावा है कि बैंक ने मात्र परीक्षा आयोजित करवाई थी, परीक्षा लेने से लेकर पेपर चैकिंग और परिणाम तैयार करने की प्रक्रिया आउटसोर्सिग के माध्यम से पूर्ण की गई है। बैंक प्रबंधन भी मानता है कि घोषित परीक्षा परिणाम की मेरिट सूची में रोल नंबर 1201150191 करण सिंह गुलेरिया जनरल कैटेगरी व भूतपूर्व सैनिक कैटेगरी की मैरिट में दर्शाया गया है। सुरेश कुमार ठाकुर रोल नंबर 1201060206 को ओबीसी, जनरल और जनरल ओसी कैटेगरी में दर्शाया गया है। 


परीक्षा परिणाम में तकनीकी त्रुटि नहीं : कांगड़ा सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक के एजीएम हंसराज शर्मा ने मंगलवार को बताया कि रिजल्ट में किसी भी प्रकार की त्रुटि नहीं है। परीक्षार्थी के भरे गए फार्म की डिटेल के अनुसार अलग-अलग कैटेगरी की मैरिट के आधार पर परिणाम घोषित किया गया है। 
साक्षात्कार के समय परीक्षार्थी द्वारा भरे गए फार्म की डिटेल के आधार पर चयन किया जाएगा। बैंक प्रबंधन की दलील को परीक्षार्थियों ने खारिज कर आरोप लगाया कि लिखित परीक्षा से लेकर परिणाम घोषित करने तक की प्रक्रिया में भारी धांधली हुई है।

कई बार हो चुके हैं भर्ती घोटाले 
केसीसी बैंक में भर्ती घोटाला होना कोई नई बात हनी है। एक आईएएस अफसर सहित बैंक के कई अफसरों के खिलाफ विजिलेंस जांच चल रही है। केसीसी बैंक में एमडी के पद पर तैनात यह आईएएस अफसर इस वक्त जिला उपायुक्त के पद पर तैनात है। इस भर्ती घोटाले की फाइल विजिलेंस ने फिलहाल डंप कर रखी है। बैंक प्रबंधन द्वारा बैंक में लॉ आफिसर के लिए 29 मई 2011, जबकि ग्रेड-2 मैनेजर, ग्रेड-3 जूनियर कम्प्यूटर प्रोग्रामर और ग्रेड-3 ऑफिसर पदों के लिए 8 मई 2011 को लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी(दैनिक भास्कर,धर्मशाला,20.7.11)।

चंडीगढ़ में 4579 नई नियुक्तियां होंगी

Posted: 19 Jul 2011 08:03 PM PDT

मंगलवार को मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की अध्यक्षता में कैबिनेट ने स्वास्थ्य विभाग में 4069 नए पद सृजित करते हुए 3669 पदों को भरने के लिए हरी झंडी दे दी गई है। इनमें से 1188 मेडिकल अधिकारी, 1647 पैरा मेडिकल स्टाफ और 373 मिनिस्ट्रियल स्टाफ शामिल हैं,जो सीधी भर्ती द्वारा भरे जाएंगे, जबकि शेष चार सौ चार पद जिनमें 324 सफाई सेवक, 20 कुक कम हेल्पर और साठ सुरक्षा कर्मचारी शामिल हैं, आउट सोर्सिग द्वारा भर्ती किए जाएंगे। इसके अलावा कैबिनेट ने जेल विभाग के 910 पद जिनमें 22 सहायक अधीक्षक जेल,573 वार्डन/मेट्रन,62 क्लेरिकल ,63 दर्जा चार और 49 मेड़िकल स्टाफ शामिल हैं, की भर्ती को भी स्वीकृत किया गया है। बठिंडा के तलवंडी साबो में बालाजी एजुकेशनल ट्रस्ट की ओर से बनाई जाने वाली गुरु काशी यूनिवर्सिटी को भी पंजाब कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।


पंजाब प्राइवेट यूनिवर्सिटी नीति 2010 के तहत यह यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी, जो प्रोफेशनल, मेडिकल, तकनीकी, शिक्षा, धर्म, भाषा और साहित्य शिक्षा के विषयों पर विभिन्न कोर्स चलाएगी और अन्य गतिविधियों का प्रबंध करेगी। इसके अलावा प्राइवेट यूनिवर्सिटी स्थापित करने वाले बिल के संशोधन को भी मंजूरी दी गई है। इसमें यूनिवर्सिटी स्थापित करने के लिए जमीन की शर्त को कम किए जाने का प्रावधान है। पंजाब में जमीनों के रेट अधिक बढ़ जाने के चलते यह फैसला लिया गया है।
कैबिनेट के अहम फैसले और उसका असर

एक और यूनिवर्सिटी

बठिंडा के तलवंडी साबो में बालाजी एजुकेशनल ट्रस्ट की ओर से बनाई जाने वाली गुरु काशी यूनिवर्सिटी को मंजूरी। 
असर : यह राज्य में चौथी प्राइवेट यूनिवर्सिटी होगी। लवली, गुरु ग्रंथ साहिब और चितकारा यूनिवर्सिटी पहले से हैं। जबकि थॉपर इंजीनियरिंग कॉलेज डीम्ड विवि है। मालवा में यह पहली प्राइवेट यूनिवर्सिटी होगी। 

पदों को हरी झंडी 

स्वास्थ्य विभाग में 3669 पदों को और जेल विभाग में 910 पदों को भरने के लिए मंजूरी। असर : दोनों विभागों में भर्ती से युवाओं के लिए रोजगार के नए मौके बनेंगे लेकिन चुनाव नजदीक होने से प्रक्रिया पूरी होने में संदेह। अस्पतालों में डॉक्टरों की उपलब्धता से आम लोगों को मिलेगा सस्ता इलाज। 

शिक्षा विभाग में तबदील

कैबिनेट ने पंचायतों और नगर निगमों के अधीन काम करने वाले अध्यापकों को शिक्षा विभाग में तबदील करने को भी मंजूरी। 
असर : लंबे समय से अध्यापक इसके लिए संघर्ष कर रहे थे। इस फैसले के बाद अध्यापको की प्रोन्निति का मार्ग खुलेगा।

सहकारी चीनी मिलें 

जगराओं और बुढलाडा की सहकारी चीनी मिलों की जमीन और इमारतों को पंजाब सरकार के नाम तबदील करने को भी मंजूरी दी गई अब पंजाब अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी इसको ओयूवीजीएल योजना के तहत बेचकर चीनी मिल की देनदारियों को निपटाएगी। 

असर : सहकारी चीनी मिलों की खाली पड़ी जमीन पूडा को दिए जाने से करोड़ों रुपया मिल सकेगा। वेतन न मिलने के कारण कर्मचारी कर रहे हैं आंदोलन। बैंकों की भी हैं बड़ी देनदारियां।

एनसीसी की यूनिट

रोपड़ व मलोट में एनसीसी अकादमियों में क्रमश: एनसीसी बटालियन लड़के व लड़कियां, एनसीसी के रिमाउंट एंड वेटरनरी के यूनिट स्थापित करने की मंजूरी।
असर : सेना में भर्ती को बढ़ावा देने के लिए एनसीसी की चार अलग यूनिटें स्थापित। पंजाब में पहले ही सेना में जाने का रुझान काफी प्रचलित है। 

अन्य फैसले

श्री दरबार साहिब के लंगर के लिए एक करोड़ रुपए की ग्रांट को स्वीकृति दी। अनुसूचित जातियों और पिछड़ी श्रेणियों को निगमों द्वारा पांच लाख तक का कर्जा के लिए रजिस्ट्रेशन फीस और स्टांप ड्यूटी से छूट। कैबिनेट ने पांच लाख तक के सभी शिक्षा संबंधी कर्जो पर भी ऐसी छूट देने की घोषणा की।

कैबिनेट ने जिला परिषदों की डिस्पेंसरियों के फार्मासिस्टों को भर्ती करने के लिए पांच वर्ष की आयु छूट देने के अलावा जिला परिषदों की डिस्पेंसरियों में कार्य करने वाले फार्मासिस्टों को प्रति वर्ष दो अंक अनुभव के रूप में देने को स्वीकृति दी(दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,20.7.11)।

रांची विविःप्रभावित होगा सेमेस्टर सिस्टम

Posted: 19 Jul 2011 08:00 PM PDT

स्नातकोत्तर में सेमेस्टर सिस्टम लागू हुआ नहीं, अभी से ही परेशानी खड़ी करने लगा है। रांची विश्र्वविद्यालय ने पीजी कक्षाओं में सेमेस्टर व्यवस्था लागू करने का निर्णय वर्तमान सत्र से लिया है। तैयारी पूरी है। विभागाध्यक्षों की तरफ से हां हो चुकी है। लेकिन, छात्रों का पता नहीं है। मतलब, अभी विश्र्वविद्यालय के स्नातकोतर विभागों में नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई है। कक्षाएं 15 अगस्त के बाद ही शुरू हो पाएंगी। पहले जुलाई माह से सेमेस्टर शुरू करने का निर्णय लिया गया था। इससे छात्रों के सेमेस्टर की पढ़ाई पूरी कराने में विवि प्रशासन को सफलता नहीं मिलेगी। देरी से स्नातक का परिणाम आने के कारण इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न हुई है। लागू नहीं हो पाया एकेडमिक कैलेंडर : विश्र्वविद्यालय ने अपने एकेडमिक कैलेंडर के तहत जून माह के अंत तक स्नातक परीक्षा का परिणाम जारी कर स्नातकोतर में नामांकन की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया था। जुलाई के प्रथम या द्वितीय सप्ताह से प्रथम सेमेस्टर की कक्षाएं शुरू किया जाना था। विवि प्रशासन ने समय पर परीक्षा भी ले ली। विवि शिक्षकों द्वारा स्नातक अंतिम वर्ष की कॉपी जांच दर को बढ़ाने की मांग को लेकर मूल्यांकनकार्य बाधित कर दिया गया। इससे समय पर रिजल्ट नहीं आया। शिक्षक भी हैं बेकार : पीजी शिक्षक अभी बेकार बैठे हैं। पीजी पार्ट वन में नामांकन नहीं हुआ है। पार्ट टू की परीक्षा हो चुकी है। पार्ट वन की परीक्षा चल रही है। ऐसी स्थिति में शिक्षकों के समक्ष कोई काम नहीं है। विवि प्रशासन का कहना है कि अगर समय पर नामांकन हो जाता, तो विभागों में कक्षाएं आरंभ हो जाती(दैनिक जागरण,रांची,20.7.11)।

रांचीःशिक्षक नियुक्ति परीक्षा से इन स्कूलों में प्रभावित होगी कक्षाएं

Posted: 19 Jul 2011 07:58 PM PDT

गौरीदत्त मंडेलिया उच्च विद्यालय, रातु रोड केबी ग‌र्ल्स स्कूल, रातु रोड श्री शिव नारायण मारवाड़ी बालिका प्लस टू स्कूल, रांची बालकृष्णा प्लस टू स्कूल, रांची मारवाड़ी प्लस टू हाईस्कूल, रांची एएसटीवीएस जिला स्कूल, रांची एलइबीबी हाईस्कूल, रांची राजकीय उच्च विद्यालय बरियातू राजकीय बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय बरियातू छोटानगपुर बालिका उच्च विद्यालय थरपखना आजाद उच्च विद्यालय कर्बला चौक संत मार्गरेट बालिका उच्च विद्यालय, रांची संत पॉल उच्च विद्यालय, रांची गोस्सनर उच्च विद्यालय, रांची बेथेसदा बालिका उच्च विद्यालय, रांची बालिका शिक्षा भवन लालपुर होली क्रास बालिका हाइस्कूल पीस रोड, रांची बिरसा उच्च विद्यालय हथिया गोंदा, कांके रोड एसएस डोरंडा बालिका उच्च विद्यालय, रांची सत जांस उच्च विद्यालय, रांची उर्सूलाइन कान्वेंट बालिका उच्च विद्यालय,रांची संत अलोइस उच्च विद्यालय, रांची संत अन्ना बालिका उच्च विद्यालय, रांची असीसी उच्च विद्यालय सामलौंग, रांची कार्मेल बालिका उच्च विद्यालय सामलौंग, रांची श्री डोरंडा बालिका उच्च विद्यालय, रांची इस्लामिया मोमीन उर्दू बालिका उच्च विद्यालय डोरंडा बीएसपी उच्च विद्यालय सेक्टर-2, धुर्वा सरदार पटेल उच्च विद्यालय, सेक्टर-2, धुर्वा योगदा सत्संग उच्च विद्यालय जगरनाथपुर सरस्वती विद्या मंदिर उच्च विद्यालय धुर्वा सरस्वती शिशु विद्या मंदिर धुर्वा एचइसी कन्या उच्च विद्यालय धुर्वा डीएवी पब्लिक स्कूल सेक्टर-3, धुर्वा संत जोसेफ उच्च विद्यालय, कांके अनीता बालिका उच्च विद्यालय कांके डॉन बॉस्को उच्च विद्यालय हेसाग, हटिया उर्सूलाइन बालिका उच्च विद्यालय हेसाग, हटिया प्रकाश उच्च विद्यालय हुलहुंडू, रांची संत जोसेफ बालिका उच्च विद्यालय हुलहुंडू संत कुलदीप उच्च विद्यालय हरमू संत लुइस उच्च विद्यालय हरमू प्रभात तारा उच्च विद्यालय जगरनाथपुर रांची कॉलेज, रांची रांची वीमेंस कॉलेज, रांची मारवाड़ी कॉलेज, रांची मारवाड़ी महिला कॉलेज, रांची डोरंडा कॉलेज, रांची जेएन कॉलेज धुर्वा गोस्सनर कॉलेज, रांची जेएमजे बालिका उच्च विद्यालय, डोरंडा जवाहर विद्या मंदिर श्यामली, रांची डीएवी पब्लिक स्कूल हेहल, इटकी रोड डीएवी कपिलदेव पब्लिक स्कूल, कडरू डीएवी पब्लिक स्कूल गांधीनगर, कांके रोड डीएवी पब्लिक स्कूल बरियातू दिल्ली पब्लिक स्कूल सेल टाउनशिप, धुर्वा केराली स्कूल सेक्टर-2, धुर्वा सेंट्रल एकेडमी बरियातू, रांची कैंब्रियन पब्लिक स्कूल कांके रोड सुरेंद्रनाथ सेनेटरी स्कूल एचबी रोड, दीपाटोली ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल प्रगति पथ, रांची सेंट जेवियर्स स्कूल डोरंडा आरटीसी उच्च विद्यालय बूटी मोड़ विशप वेस्टकॉट ब्वायज स्कूल नामकुम विशप वेस्टकॉट ग‌र्ल्स स्कूल नामकुम टेंडर हर्ट स्कूल तुपुदाना, रांची महेश्र्वरी बालिका उच्च विद्यालय अशोक नगर पिछड़ी जाति आवासीय बालिका उच्च विद्यालय जेल रोड, रांची आदिवासी बाल विकास उच्च विद्यालय रातु, रांची प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय रातु, रांची छोटानागपुर राज उच्च विद्यालय रातु, रांची राजकीयकृत उच्च विद्यालय बोड़ेया, कांके(दैनिक जागरण,रांची,20.7.11)

मध्यप्रदेशःमेरिट होल्डर छात्रों के हाथ से फिसला आईएमएस!




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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha

হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!

मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में OBC Trump Card और जयभीम कामरेड

Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!

हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला हिंदुत्व की राजनीति से नहीं किया जा सकता।

In conversation with Palash Biswas

Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Save the Universities!

RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!

जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।

#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?

Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

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