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Sunday, July 10, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



---------- Forwarded message ----------
From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/7/10
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


यूपी के सेवायोजन कार्यालयों का नाम ही नहीं,काम भी बदलेगा

Posted: 09 Jul 2011 11:29 AM PDT

सेवायोजन कार्यालय की कार्यप्रणाली में बदलाव ही नहीं होगा बल्कि उसका नाम भी बदल जाएगा। अब शिक्षित बेरोजगारों को नौकरी की जानकारी देने के साथ ही यह कार्यालय पंजीकृत बेरोजगार अभ्यर्थियों को मल्टीनेशनल कम्पनियों की मांग के अनुरूप प्रशिक्षण देकर नौकरी करने लायक बनाएगा। इसके लिए सेवायोजन एवं प्रशिक्षण निदेशालय स्तर पर प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र सरकार के पास भेजा गया है। यदि वहां से हरी झण्डी मिल गयी तो रोजगार दफ्तर का नाम व काम दोनों में बदलाव हो जाएगा। प्रस्ताव में सेवायोजन कार्यालयों का नाम बदलकर वोकेशनल गाइडेंस एण्ड काउसलिंग सेण्टर रखने की बात कही गयी है। देशभर में 2022 तक तकनीकी योग्यता रखने वालों की बढ़ती मांग को मददेनजर 15 सौ नये आईटीआई खोलने की बात भी प्रस्ताव में कही गयी है। इसके साथ ही 50 हजार डेवलपमेण्ट सेण्टर और माडय़ूलर इम्प्लाइबल स्किन्ड(एमईएस) योजना के तहत पूरे देश में वोकेशनल ट्रेनिग सेण्टर खोलने की तैयारी है। कुछ दिन पहले केन्द्र सरकार ने बेरोजगारी दूर करने के लिए बाजार का सर्वेक्षण कराया था। यह सर्वे नेशनल सेम्पल सर्वे आर्गेनाइजेशन (एनएसएसओ) द्वारा किया गया था। इसमें यह तथ्य निकलकर सामने आया कि तकनीकी योग्यता रखने वालों की मांग प्रतिवर्ष कई गुना बढ़ रही है। इन्हीं आंकड़ों को देखते हुए सेवायोजन एवं प्रशिक्षण निदेशालय ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारियों का कहना है कि अगर केन्द्र सरकार ने निदेशालय द्वारा भेजे गये प्रस्ताव पर हरी झण्डी दे दी तो तकनीकी योग्यता रखने वालों के लिए नौकरी के लिए नये दरवाजे खुल जाएंगे। उधर राजधानी में लालबाग स्थित क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय को नये रंग रोगन के साथ तैयार करने का प्रस्ताव है। यहां पर विकलांग शिक्षित बेरोजगारों के पंजीकरण के साथ ही उनकी योग्यता व कार्यकुशलता के आधार पर रोजगार के लिए प्रशिक्षित करके तैयार किया जाएगा। पंजीकरण की प्रक्रिया भी आसान की जाएगी। इतना हीं नहीं पंजीकृत अभ्यर्थी घर बैठे अपना नाम व रोजगार की जानकारी हासिल कर लेगा। इसके लिए सभी कार्यालयों को आनलाइन किये जाने की तैयारी भी शुरू हो गयी है(राम सुरेश पाल,राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,9.7.11)।

यूपी बोर्डःबदलेगा पाठ्यक्रम व मूल्यांकन पद्धति

Posted: 09 Jul 2011 11:20 AM PDT

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने ऐतिहासिक फैसला करते हुए हाईस्कूल व इण्टर के पाठ्यक्रम व मूल्याकंन में फेरबदल किया है। नयी व्यवस्था में इण्टर के चार विषयों भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान व जीव विज्ञान का पाठ्यक्रम काफी हद तक सीबीएसई बोर्ड की तरह कर दिया गया है। बोर्ड ने यह फेरबदल राष्ट्रीय स्तर की मेडिकल व इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा को ध्यान में रखते हुए किया है। हाई स्कूल में मूल्यांकन के तरीके में बदलाव किया गया है। माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक संजय मोहन और सचिव प्रभा त्रिपाठी ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में यह जानकारी देते हुए बताया कि परिषद ने हाईस्कूल परीक्षा में अब सभी विषयों का मू्ल्यांकन दो तरह से कराने का निर्णय लिया है। इसमें पहला मू्ल्यांकन प्रायोगिक परीक्षा व प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर 30 अंक का होगा और दूसरा 70 अंक का मूल्यांकन प्रश्नपत्र की जांच से होगा। यह व्यवस्था इसी सत्र (2011-12) से लागू की जा रही है। दूसरी तरफ प्रदेश के मान्यता प्राप्त इण्टर कालेजों के इण्टर कक्षाओं के चार विषयों भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और गणित विषय के पाठ्यक्रम में बदलाव कर राष्ट्रीय स्तर के पाठ्यक्रम की तरह से कर दिया गया है। अब यूपी बोर्ड के इण्टर के चार विषयों का पाठ्यक्रम सीबीएसई के समान होगा, लेकिन इसे अगले सत्र से (जुलाई- 2012 से) लागू किया जाएगा। इन विषयों की पुस्तकें भी इण्टर कक्षाओं में अगले सत्र से ही पढ़ाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि चूंकि सभी मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश की सभी राष्ट्रीय परीक्षाओं के ज्यादातर प्रश्न पत्र सीबीएसई व आईसीएसई के ही पाठ्यक्रम से बनाये जा रहे हैं, इसलिए इसमें यूपी बोर्ड के छात्रों के साथ पूरा न्याय नहीं हो पा रहा था। यही नहीं सीबीएसई व आईसीएसई के पाठ्यक्रम में कुछ ऐसे भी अध्याय हैं, जिन्हें यूपी बोर्ड में नहीं पढ़ाया जाता है। इसी बात को ध्यान में रखकर तय किया गया है कि यूपी बोर्ड के इण्टरमीडिएट कक्षाओं के चार विषयों भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान और गणित के पाठ्यक्रम अब राष्ट्रीय स्तर के पाठ्यक्रम (सीबीएसई) की तरह ही होगा। इन विषयों में अब सीबीएसई की तरह की ही राष्ट्रीय स्तर के पाठ्यक्रम की पुस्तकें पढ़ाई जाएंगी। इण्टर कक्षाओं में यह व्यवस्था जुलाई -2012 से लागू की जा रही है। इसी तरह अब हाई स्कूल की परीक्षा में अब दो तरह के मूल्यांकन होंगे। पहले तरह का मूल्यांकन छात्र ने वर्ष भर अपने स्कूल में क्या पढ़ा, इसका होगा और दूसरा मूल्यांकन वाषिर्क परीक्षा में प्रश्न पत्र के माध्यम से किया जाएगा। अब तक हाई स्कूल में छात्र का मूल्यांकन एक ही तरह से वाषिर्क परीक्षा के आधार पर होता था। लेकिन इस वर्ष से (वर्तमान शैक्षिक सत्र 2011-12 से) कक्षा 9 एवं 10 में सभी विषयों का मूल्यांकन दो तरह से होगा। हाई स्कूल में छात्र कुल 47 विषयों में जिन छह विषयों का चयन करेगा, उसमें से प्रत्येक में दो परीक्षा होगी। एक परीक्षा प्रायोगिक होगी और दूसरा प्रश्न पत्र की जांच से होगी। हाई स्कूल में सभी विषय 100-100 अंक के होंगे। पहली परीक्षा प्रयोगिक (प्रोजेक्ट और सृजनात्मक) होगी। इसमें छात्र साल भर में विद्यालय में जो भी अध्ययन व सर्जनात्मक कार्य करेगा, उसके लिए उसे 15-15 अंक कुल (30 अंक) दिया जाएगा। इसमें से शेष 70 अंक छात्र को वाषिर्क परीक्षा के प्रश्न पत्र के मूल्यांकन से मिलेंगे। माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक एवं सचिव ने बताया कि हाई स्कूल के सभी विषयों में यह व्यवस्था इसी सत्र से लागू की जा रही है, लेकिन भाषा वाले विषयों के मूल्यांकन में थोड़ा बदलाव किया गया है। भाषा के तीन विषयों (हिन्दी, अंग्रेजी और संस्कृत) में 70 अंक का मूल्यांकन तो प्रश्न पत्र के आधार पर होगा, लेकिन भाषा के विषयों का 30 अंक का मूल्यांकन लेखन शैली, वाचन शैली और व्याकरण के आधार पर होगा। मसलन हाई स्कूल के छात्रों को भाषा के प्रयोगिक मूल्यांकन के लिए 10-10 अंक के तीन टेस्ट देने होंगे। इसमें छात्र को लेखन शैली का 10 अंक का टेस्ट अगस्त में, वाचन शैली का 10 अंक का टेस्ट अक्टूबर में और व्याकरण शैली का 10 अंक का टेस्ट नवम्बर में होगा। इसी प्रकार हाई स्कूल के छात्र को भाषा वाले विषय में तीन टेस्ट से कुल 30 अंक प्राप्त होंगे। शेष 70 अंक उसे वाषिर्क परीक्षा के प्रश्नपत्र के मूल्यांकन से मिलेंगे। माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों बताया कि यूपी बोर्ड के छात्रों का मूल्यांकन अभी तक मात्र एक ही तरह से वाषिर्क परीक्षा के प्रश्न पत्र के आधार पर कराया जा रहा था। उन्होंने कहा कि परिषद ने इसे ठीक नहीं समझा कि छात्र का मूल्यांकन एक ही तरह से हो। इसलिए अब छात्र का आन्तरिक मू्ल्यांकन और वर्ष भर में विद्यालय में किये गये कायरे के आधार पर मूल्यांकन दो तरह से किया जाएगा। इससे यूपी बोर्ड के छात्रों को काफी सहूलियत मिलेगी और वह राष्ट्रीय स्तर के विद्यालयों के मुकाबले कहीं पर भी कमजोर नहीं साबित होंगे(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,9.7.11)।

उत्तराखंडःसरकारी दफ्तरों में 'नो वर्क नो पे' का सिद्धांत लागू

Posted: 09 Jul 2011 11:10 AM PDT

सरकारी कार्यालयों में हाजिरी लगाकर मौज करने वाले कार्मिकों की खैर नहीं। ऐसे कार्मिक बिना काम के वेतन नहीं पा सकेंगे। विभागाध्यक्ष और आहरण वितरण अधिकारी की ओर से कर्मचारी की उपस्थिति व कार्य किए जाने की पुष्टि के बाद ही कोषागार उसका वेतन जारी करेगा। गलत सूचना पर विभागाध्यक्ष व आहरण वितरण अधिकारी जिम्मेदार होंगे। हड़ताली कर्मचारियों पर सरकार ने शिंकजा कसना शुरू कर दिया है। एक दिन पूर्व अवैध हड़ताल करने वालों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए नियमानुसार कार्रवाई किए जाने के निर्देश के बाद अब बिना काम के वेतन न देने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि इसमें हड़ताली कर्मचारियों के विषय में कुछ नहीं कहा गया है लेकिन माना जा रहा है कि हड़ताली कर्मचारियों की वजह से ही यह निर्देश जारी करने पड़े। इस संबंध में मुख्य सचिव सुभाष कुमार की ओर से वित्त विभाग को निर्देश जारी कर कहा गया कि नियमानुसार विभागों द्वारा कर्मचारियों की अनुपस्थिति की सूचना कोषागारों को नहीं भेजी जा रही है। साथ ही नियंत्रक अधिकारी व विभागाध्यक्ष के स्तर पर इसका प्रभावी अनुश्रवण नहीं किया जा रहा है। विभागाध्यक्ष व विभागीय आहरण वितरण अधिकारी की ओर से प्रतिमाह वेतन अथवा भत्ते में होने वाले परिवर्तन व उपस्थिति आदि की सूचना नियमित रूप से कोषागारों को इन अधिकारियों की ओर से दिए जाने की व्यवस्था है। सूचना में कोई परिवर्तन न हो तब भी शून्य सूचना समय से कोषागारों को भेजनी जरूरी है। यदि दो माह तक आहरण वितरण अधिकारी व कार्यालयाध्यक्ष की ओर से कोई सूचना नहीं भेजी जाती है, तो उस स्थिति में कोषागार सूचना आने तक भुगतान रोक देंगे, लेकिन इस व्यवस्था का पालन नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि सिद्धांत: किसी भी कर्मचारी को वेतन तभी दिया जाता है जब उसके द्वारा राजकीय कार्य सम्पादित किया गया हो। सभी राजकीय कार्मिकों पर ' नो वर्क नो पे सिद्धांत' लागू होता है। इस सिद्धांत का पालन कड़ाई से सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने विभागाध्यक्ष व आहरण वितरण अधिकारी की जिम्मेदारी निश्चित कर दी कि वह कोषागारों को उपस्थिति भेजने से पहले यह सुनिश्चित करेंगे कि कार्मिक वास्तव में कार्यालय में उपस्थित थे(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,9.7.11)।

उच्च शिक्षा के गिरते स्तर पर योजना आयोग गंभीर

Posted: 09 Jul 2011 11:00 AM PDT

उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा के गिरते स्तर पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के बाद अब योजना आयोग भी गंभीर है। आयोग ने राज्यों की बैठक 15 जुलाई को बुलाई है ताकि बेहतरी के नए रास्ते खोजे जा सकेंऔर उन्हें बारहवीं पंचवर्षीय योजना में शामिल किया जा सके। इसके पहले आयोग के एक दल ने कई राज्यों का दौरा कर अपना होम वर्क कर लिया है। माना जा रहा है कि इस बैठक के एजेंडे में यही होम वर्क होगा। उल्लेखनीय है कि राज्यों में जिस तरह से उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के कॉलेजों का स्तर गिर रहा है उसकी सच्चाई से आयोग भी अवगत है और पिछले दिनों मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की बुलाई बैठक के बाद जो बातें हुई थी उससे और स्पष्ट हो गया था कि देश में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा का बुरा हाल है। इस बैठक में योजना आयोग के लोग भी थे। इसी बैठक में मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने चिंता व्यक्त करते हुए शिक्षा मंत्रियों से कहा था कि उच्च एवं तकनीकी शिक्षा पर आप लोगों की अलग से बैठक बुलाई जाएगी ताकि सुधार की रूपरेखा तैयार हो सके। आयोग की बैठक के बारे में सभी राज्यों के उच्च शिक्षा सचिवों व उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के अधिकारियों को सूचित किया गया है। उनसे कहा गया है कि वे अपने- अपने राज्यों से उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के सुधार के लिए कुलपतियों व उच्च शिक्षा बोर्ड के अध्यक्षों को पूरी तैयारी के साथ भेजना सुनिश्चित कर दें ताकि पर्याप्त सुधारों के साथ 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए एक मजबूत खाका तैयार किया जा सके। उल्लेखनीय है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जहां राज्यों में डिग्री कॉलेजों का बुरा हाल है वहीं पर शिक्षकों का भी घोर अभाव है। जहां पर छात्र है वहां पर कॉलेज नहीं है और जहां पर कॉलेज है वहां पर शिक्षक नहीं है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आ रहे नएनए पाठयक्रम तक राज्यों के डिग्री कॉलेजों में नहीं है। नए कॉलेज खुल नहीं रहे हैं। राज्यों से छात्र बड़े शहरों या दिल्ली में पढ़ाई करने के लिए भाग रहे है मगर उन्हें दाखिला नहीं मिल रहा है। तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में दूसरी तरह की समस्या है। राज्यों में इंजीनियरिंग कॉलेज तो कुकुरमुत्तों की तरह खुल गए है मगर उनमें पढ़ाई पूरी करके निकलने वाले छात्रों को ढंग की नौकरी तक नहीं मिल रही है। पिछले पांच छह वर्षों के हालात देखने के बाद अब इंजीनियरिंग कालेजों में छात्रों द्वारा दाखिलों में खास रुचि नहीं दिखाई जा रही है। कई राज्यों में तो हर साल हजारों सीटें खाली पड़ी रहती है। उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा के गिरते स्तर पर पिछले दिनों उद्योग एवं व्यापार जगत की सर्वोच्च संस्था फिक्की ने भी चिंता जताते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को पत्र लिखा था। जिसमें कहा गया था कि उद्योग जगत का 65 फीसद हिस्से को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा से सही स्नातक नहीं मिल रहे है और न ही इन कालेजों से निकलने वाले छात्र उद्योगपतियों की कसौटी पर खरे उतर पा रहे है। योजना आयोग में प्रस्तावित बैठक में 11वीं पंच वर्षीय योजना में दिए गए धन आदि पर भी चर्चा होगी। बैठक की अध्यक्षता आयोग के सदस्य (मानव संसाधन विकास) डा. परेंद्र जाधव करेंगे। पहले आम बैठक होगी उसके बाद कुछ बड़े राज्यों की बैठक अलग से होगी(ज्ञानेंद्र सिंह,राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,9.7.11)।

पिछड़े मुसलमानों के लिए आरक्षण की कवायद जोरों पर

Posted: 09 Jul 2011 10:50 AM PDT

केंद्र सरकार पिछड़े मुसलमानों के लिए नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण देने के अतिमहत्वपूर्ण राजनीतिक निर्णय पर तेजी से काम कर रही है। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सरकार इसे अमलीजामा पहना देगी। इस चुनाव से पहले यूपीए सरकार अगर इसे लागू करने में कामयाब रही तो राज्य का चुनावी परिदृश्य बदल भी सकता है। श्री खुर्शीद ने कहा कि शैक्षिक और सामाजिक आधार पर पिछड़े मुसलमानों के लिए आरक्षण का खाका लगभग तैयार है। इस मामले को लेकर संबंधित मंत्रालयों के मंत्रियों के साथ केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम की बैठक होनी है। पूरी उम्मीद है कि उस बैठक में अंतिम फैसला हो जाएगा। उन्होंने आरक्षण के प्रारूप के बारे में कुछ भी नहीं बताया, लेकिन साफ संकेत दिया कि वह कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश की तर्ज पर होगा। जहां ओबीसी (अति पिछड़ा वर्ग) के 27 फीसदी आरक्षण में भी मुसलमानों को शामिल किया गया है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,9.7.11)।

बिहार प्रशासनिक सेवा के अफसरों को भी स्वास्थ्य जांच की सुविधा

Posted: 09 Jul 2011 10:40 AM PDT

राज्य सरकार ने बिहार प्रशासनिक सेवा के अफसरों को भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की तर्ज पर अनिवार्य स्वास्थ्य जांच की सुविधा उपलब्ध करा दी है। बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को अब भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की तरह ही अनिवार्य स्वास्थ्य जांच पर होने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा की जायेगी। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस सम्बन्ध में राज्य के महालेखाकार को पत्र लिखकर स्वास्थ्य जांच की प्रतिपूर्ति करने का निर्देश जारी कर दिया है। पत्र में लिखा गया है कि राज्य सरकार ने बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों की वाषिर्क गोपनीय अभियुक्ति के बदले कार्य निष्पादन मूल्यांकन प्रतिवेदन अभिलिखित करने की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। यह भी निर्णय लिया गया है कि 40 वर्ष से ऊपर आयु के पदाधिकारियों के लिए वाषिर्क स्वास्थ्य जांच भी अनिवार्य होगी जिसका प्रपत्र भारतीय प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों के समरूप होगा। स्वास्थ्य जांच कराने के बारे में विस्तृत दिशानिर्देश विभाग द्वारा अलग से दिया जायेगा। राज्य सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप ही यह निर्णय लिया है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित जांच सरकारी अस्पतालों एवं जांच संस्थानों में बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों के लिए सम्पादित की जायेगी। इस पर होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति सम्बन्धित विभाग द्वारा निर्धारित चिकित्सा प्रतिपूर्ति इकाई के मद में उपलब्ध राशि से की जायेगी। प्रतिपूर्ति की अधिकतम सीमा 1500 रुपये की होगी(राष्ट्रीय सहारा,पटना,9.7.11)।

बिहारःसंस्कृत बोर्ड के खिलाफ हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी

Posted: 09 Jul 2011 10:44 AM PDT

पटना उच्च न्यायालय ने निजी विद्यालयों को मान्यता दिये जाने के मुद्दे पर संस्कृत शिक्षा बोर्ड के कार्यपण्राली पर कड़ी टिप्पणी की है। न्यायालय ने कहा है कि जिस हिसाब से बोर्ड काम कर रहा है वह ठीक नहीं है। वह स्कूलों के फाइलों को बेवजह दबाये रखता है जिससे मान्यता दिये जाने का मामला महीनों लंबित रहता है। बोर्ड का काम दस्तावेजों की जांच कर राज्य सरकार के पास भेजने का है। जिससे वह उस विद्यालय को मान्यता दिये जाने पर विचार कर सके। न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह व न्यायमूर्ति शिवाजी पांडे की पीठ ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव व मानव संसाधन विभाग के सचिव से कहा कि वे बोर्ड की कार्यपण्राली में सुधार को लेकर ठोस कदम उठाये। इस बाबत उचित कार्रवाई भी करे। उसने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह दो महीने के भीतर मान्यता दिये जाने से संबंधी सभी मामलों का निष्पादन कर दें। उसने बोर्ड से कहा कि वह एक हफ्ते के भीतर मान्यता दिये जाने संबंधी सभी दस्तावेज राज्य सरकार के हवाले कर दे। न्यायालय ने सरकार को यह दिशानिर्दे श गिरिजा देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिकाकर्ता के वकील हरीश कुमार ने न्यायालयसे कहा था कि उसके मुवक्किल का स्कूल मान्यता दिये जाने को लेकर सभी अहर्ताएं पूरी करता है फिर भी बोर्ड मान्यता दिये जाने संबंधी दस्तावेजों को सरकार के पास नहीं भेज रहा है। बोर्ड से कहा जाय कि वह उसके स्कूल का दस्तावेज राज्य सरकार के पास भेजे जिससे वह मान्यता दिये जाने पर विचार कर सके(राष्ट्रीय सहारा,पटना,9.7.11)

बिहारःशिक्षक पात्रता परीक्षा तारीख घोषित होने में लगेगा और समय

Posted: 09 Jul 2011 10:25 AM PDT

शिक्षक पात्रता परीक्षा की तिथि घोषित होने में अभी और विलंब होगा। आवेदन पत्र बिकने और जमा होने के बाद ही मानव संसाधन विकास विभाग परीक्षा की तिथि घोषित करेगा। मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इतने सारे आवेदकों का एडमिट कार्ड बनाने में समय लगेगा। इसके तहत पटना के विभिन्न इलाकों में 35 आवेदन बिक्री केन्द्र बनाये गये हैं। इस बार प्रकाशित करीब 38 लाख आवेदन पत्रों की बिक्री ग्यारह जुलाई से राज्य के अनुमंडल से लेकर जिलों में बनाये गये कई केन्द्रों पर होनी है। जिलों को आवेदन पत्र भेज दिए गए हैं। सबसे अधिक आवेदन पत्र पटना को मिले हैं जिसकी संख्या करीब चार लाख है। बिहार प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए मानव संसाधन विकास विभाग ने 11 जुलाई से आवेदन पत्र की बिक्री कराये जाने की घोषणा कर रखी है जो 24 जुलाई तक चलेगी। विभाग ने आवेदन पत्र जमा करने की तिथि 28 जुलाई से 6 अगस्त तक रखी है(राष्ट्रीय सहारा,पटना,9.7.11)।

कटिहार और किशनगंज मेडिकल कॉलेजों को लेना होगा दाखिला

Posted: 09 Jul 2011 07:30 AM PDT

कटिहार व किशनगंज के निजी मेडिकल कॉलेजों को सरकारी कोटे से पीजी में नामांकन करना ही पड़ेगा। उसकी अपील पटना उच्च न्यायालाय के मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने निरस्त कर दी है। कॉलेजों ने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील की थी। एकल पीठ ने दोनों मेडिकल कॉलेजों से कहा था कि वे सरकारी कोटे से छात्रों का नामांकन करे। यह नामांकन 30 जून तक पूरी कर ले। छात्रों ने कहा था कि कानूनन दोनों कॉलेजों को सरकारी कोटेसे कुल सीट का 50 फीसदी सीटों पर नामांकन करना है। इस पर दोनों मेडिकल कॉलेजों ने कहा था कि वे अल्पसंख्यक कोटे के हैं और सरकार उनलोगों को कोई अनुदान नहीं देती है। वे सरकारी कोटे से छात्रों के नामांकन को बाध्य नहीं हैं। न्यायालय ने इससे पहले कटिहार मेडिकल कॉलेज व किशनगंज के माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन से कहा था कि वे फिलहाल याचिकाकर्ताओं को पीजी का क्लास करने दें। न्यायालय के समक्ष लगभग 20 छात्रों ने कहा है कि उनलोगों को बिहार स्टेट इंट्रेंस इग्जामिनेशन बोर्ड ने इन कालेजों में नामांकन करा लेने को कहा है लेकिन कॉलेज प्रबंधन उनलोगों का नामांकन नहीं कर रहा है। कॉलेज प्रबंधन ने अपने कोटे से छात्रों का नामांकन कर लिया है जबकि सरकारी कोटे से छात्रों का नामांकन करना अनिवार्य है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के वकील कुमार ब्रजनंदन ने कहा था कि कटिहार मेडिकल कॉलेज को पीजी के 38 सीटों पर नामांकन करने का अधिकार दिया गया है, लेकिन उसने 40 छात्रों को नामांकित कर लिया है। यह गलत है। साथ ही उसने यह भी नहीं बताया है कि नामांकन किस कोटे से की गयी है। छात्रों का कहना है कि इंट्रेंस बोर्ड ने अपने विज्ञापन में छह सीटें खाली होने की बात कही है। उसने उसके लिए काउंसिलिंग कर नामांकन करने को कहा लेकिन जव वे लोग मेडिकल कॉलेज गये तो उन्हें नामांकन में टालमटोल किया गया(राष्ट्रीय सहारा,पटना,9.7.11)।

लखनऊ विविःबीए की प्रवेश प्रक्रिया शुरू

Posted: 09 Jul 2011 07:10 AM PDT

लखनऊ विश्र्वविद्यालय में स्नातक प्रवेश काउंसिलिंग के दौरान आज से बीए पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हुई। गुरुवार को बीसीए ओपेन केटेगरी और आरक्षित श्रेणी के सामान्य और प्रतीक्षारत सूची के सभी अभ्यर्थियों को आमंत्रित किया गया था। मुख्य प्रवेश समन्वयक प्रो.पद्मकान्त ने बताया कि बीसीए की सभी सीटों पर अभ्यर्थियों ने प्रवेश ले लिया। लखनऊ विश्र्वविद्यालय में बीए पाठ्यक्रम की प्रवेश काउंसिलिंग शनिवार से शुरू हो रही है। पहले दिन एक से 500 रैंक तक के अभ्यर्थी ही प्रवेश प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे। इसके बाद रविवार को 501 रैंक से आगे के छात्रों को प्रवेश का मौका मिलेगा। इसी क्रम में 11 तारीख को ओपेन श्रेणी के प्रतीक्षारत सूची के चयनितों को प्रवेश के लिए आमंत्रित किया गया है। शुक्रवार को बीसीए पाठ्यक्रम में प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग हुई, जिसमें सारी सीटें भर गई(दैनिक जागरण,लखनऊ,9.7.11)।

इंटीरियर डिजाइनिंग में करिअर

Posted: 09 Jul 2011 06:30 AM PDT

इंटीरियर डिजाइनिंग काफी तेजी से एक प्रफेशन के रूप में उभर रहा है। शहरों के फैलने के साथ ही इस करियर और कोर्स की डिमांड भी बढ़ती जा रही है। यह एक ऐसा कोर्स है जो नैशनल और इंटरनैशनल लेवल पर जॉब के ऑप्शन खोल देता है। इस फील्ड में करियर बनाने के लिए जरूरी है आपका क्रिएटिव होना। किसी एक तरह के आर्ट या फिर फील्ड में स्पेशलाइजेशन करके भी इस प्रफेशन में अपनी वेल्यू बढ़ाई जा सकती है।

किनके लिए हैं बेस्ट : जो स्टूडेंट्स काफी क्रिएजिव हैं और अपनी क्रिएटिविटी से चीजों में रंग भरना चाहते हैं इस कोर्स को कर सकते हैं। इस प्रफेशन में पढ़ाई से ज्यादा आपकी क्रिएटिविटी काम आती है। मॉडर्न आर्ट का भी इस प्रफेशन में काफी अच्छे से इस्तेमाल किया जा सकता है। जो स्टूडेंट्स आटर्स में काफी इंट्रेस्ट रखते हैं इस कोर्स के जरिए अच्छा करियर बना सकते हैं। इस प्रफेशन में एक फील्ड में स्पेशलाइजेशन भी किया जा सकता है। अपने इंट्रेस्ट के हिसाब से आप ऑफिस डिजाइनिंग, बिजनेस डिजाइनिंग, रेजिडेंशल डिजाइनिंग, लैंडस्केप डिजाइनिंग, किचन डिजाइनिंग, रूम्स डिजाइनिंग और बाथरूम डिजाइनिंग में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। जो स्टूडेंट्स बदलते ट्रैंड को अच्छे से समझते हैं, इस फील्ड में अच्छा करियर बना सकते हैं।


स्कोप : इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट्स कई फील्ड्स में जॉब पा सकते हैं। कई आकिर्टेक्ट र्फम्स, बिल्डर र्फम्स, पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट, होटल एंड रिजॉर्ट चेन, हॉस्पिटल्स, टाउन प्लैनिंग ब्यूरो, प्राइवेट कंस्लटेंट, स्टूडियो इस कोर्स के स्टूडेंट्स को जॉब्स ऑफर करते हैं। इस कोर्स को करने के बाद इंटरनैशनल लेवल पर भी जॉब मिल सकती है। अगर जॉब करने का कोई मूड न हो तो अपना बिजनेस भी खोला जा सकता है। एक बार इस फील्ड में नाम हो जाए तो काम अपने आप आने लगता है। जो लोग अपना खुद का काम खोलना चाहते हैं और पार्ट टाइम काम करना चाहते हैं उनके लिए यह बेस्ट प्रफेशन हैं। 

कहां से करें : कई प्राइवेट इंस्टिट्यूट्स इस कोर्स में डिप्लोमा और डिग्री कोर्स ऑफर करते हैं। ड्रिमजोन कैड सेंटर, जेडी इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, आईवीएस, लिजा इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन, एनआईएफडी कुछ ऐसे इंस्टिट्यूट हैं जोकि इस कोर्स को ऑफर करते हैं। यह कोर्स आईटीआई और पॉलिटेक्निक से किया जा सकता है। आईटीआई और पॉलिटेक्निक में एडमिशन के लिए एंट्रेंस टेस्ट देना होता है(शिल्पी भारद्वाज,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,9.7.11)।

यूपीःबिना मार्कशीट होगी पॉलीटेक्निक काउंसिलिंग !

Posted: 09 Jul 2011 06:10 AM PDT

पॉलीटेक्निक प्रवेश परीक्षा परिणाम आने के बाद राजधानी समेत प्रदेश के 11 जिलों के 13 केद्रों पर शनिवार से काउंसिलिंग शुरू होगी। काउंसिलिंग के दौरान योग्यता के सभी अंकपत्रों और प्रमाणपत्रों की मूल प्रति लाना अनिवार्य है। माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से अभी तक विद्यालयों में हाईस्कूल के अंकपत्रों का वितरण न होने से काउंसिलिंग में शामिल होने को लेकर अभ्यर्थी परेशान हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से 10 जून को हाईस्कूल का परिणाम घोषित हुआ था लेकिन अभी तक अंकपत्र विद्यालयों तक नहीं पहुंचा है। ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने हाईस्कूल की परीक्षा में बैठते हुए पॉलीटेक्निक प्रवेश परीक्षा दी थी और वे उत्तीर्ण भी हो गए हैं लेकिन उन्हें अभी तक अंकपत्र नहीं मिला है। पॉलीटेक्निक उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग नौ जुलाई से शुरू होगी। काउंसिलिंग में शामिल होने वाले सभी अभ्यर्थियों को मूल अंकपत्र व प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य होगा। ऐसे में अभ्यर्थी काउंसिलिंग में शामिल हो पाएंगे कि नहीं इसे लेकर वे परेशान हैं। राजधानी स्थित राजकीय पॉलीटेक्निक फैजाबाद रोड पर सुबह नौ बजे से काउंसलिंग शुरू होगी। पहले दिन सभी वर्गो के एक से लेकर 2500 रैंक वाले अभ्यर्थी हिस्सा ले सकेंगे। यहां राजधानी के अलावा रायबरेली, बहराइच, बाराबंकी, सीतापुर व हरदोई के अभ्यर्थी शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा इलाहाबाद, फैजाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, बरेली, गाजियाबाद, मेरठ, वाराणसी व आगरा में भी काउंसिलिंग शुरू होगी। परिषद की ओर से सभी अभ्यर्थियों को सूचना भेजी जा चुकी है(दैनिक जागरण,लखनऊ,9.7.11)।

भविष्य के आईआईटीएन्स की परीक्षा 17 को दून में

Posted: 09 Jul 2011 05:50 AM PDT

भविष्य के आईआईटीएन की खोज के लिए 17 जुलाई को देहरादून में आईआईटी गुवाहाटी अंतरराष्ट्रीय स्कूल स्तर की प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। इसमें कक्षा नौ से 12 तक छात्र भाग ले सकते हैं। यह जानकारी प्रतियोगिता की आयोजक अनुराधा राजू ने दी। उन्होंने बताया कि टेक्नोथ्लान आईआईटी गुवाहाटी प्रतिवर्ष भविष्य के आईआईटीएन की खोज के लिए दो चरणों में प्रतियोगिता आयोजित करता है। इसमें दो छात्र एक टीम के रूप में दो स्क्वाड्रन में भाग ले सकते हैं। प्रत्येक पंजीकृत टीम आनलाइन मॉडय़ूल टेक्नोपेदिया पर जाकर ब्रेन टीजर के संग्रह से प्रतियोगिता की तैयारी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में जूनियर व सीनियर की शीर्ष की 50 टीमों को गोल्डन प्रमाण पत्र और तथा दो सौ को सिल्वर प्रमाण पत्र मिलेगा। इसकी मुख्य परीक्षा गुवाहाटी के तकनीकी उत्सव में सितम्बर में होगी। इसमें भाग लेने के लिए आईआईटी गुवाहाटी बुलाया जाएगा। यहां तकनीकी जगत के जाने-माने लोगों से छात्र रू-ब-रू होंगे। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में सफल छात्र तकनीकी सेल में स्काटलैंड यार्ड, राबोरेज, सर्चवल सिटी मैनेजमेंट साइंस एक्सपो में भाग ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि www.technic.org/technothlan.stm अथवा उनसे संपर्क कर विस्तृत विवरण प्राप्त किया जा सकता है(राष्ट्रीय सहारा,हल्द्वानी,9.7.11)।

यूपीःबीएड में प्रवेश न देने वाले कॉलेजों की खत्म होगी संबद्धता

Posted: 09 Jul 2011 05:30 AM PDT

बीएड की काउंसिलिंग के दौरान सीट सुनिश्चित होने के बाद भी यदि कॉलेज के प्रबंधक या प्राचार्य अभ्यर्थी को दाखिला नहीं देते हैं, तो अभ्यर्थी इसकी लिखित शिकायत संबंधित विश्वविद्यालय के कुलसचिव से कर सकता है ताकि कुलसचिव उस कॉलेज की संबद्धता समाप्त करने के कार्यवाही कर सकें। यह जानकारी शुक्रवार को सचिव उच्च शिक्षा अवनीश कुमार अवस्थी ने दी। उन्होंने बताया कि नए सत्र में बीएड में प्रवेश के लिए 14 से 27 जुलाई तक होने वाली पहली काउंसिलिंग के लिए बरेली विवि को शासन की ओर से दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं। दिशानिर्देशों के मुताबिक बीएड की काउंसिलिंग के दौरान अभ्यर्थियों को आवंटित कॉलेज के नाम शासन द्वारा तय की गई फीस का बैंक ड्राफ्ट बनवाकर काउंसिलिंग केंद्र पर तीन कार्यदिवस के अंदर जमा कराना होगा। बैंक ड्राफ्ट जमा करने पर अभ्यर्थी को काउंसिलिंग केंद्र से कॉलेज में सीट सुनिश्चित होने का पत्र दिया जाएगा। अभ्यर्थी द्वारा बैंक ड्राफ्ट की छायाप्रति के साथ सीट सुनिश्चित होने का पत्र संबंधित कॉलेज के प्रबंधक या प्राचार्य को उपलब्ध कराने पर उसे कॉलेज में प्रवेश दिया जाएगा। काउंसिलिंग खत्म होने के बाद बरेली विश्वविद्यालय के कुलसचिव द्वारा अभ्यर्थियों से ली गई धनराशि के बैंक ड्राफ्ट संबंधित कॉलेजों को एक महीने के अंदर भेज दिए जाएंगे। बीएड की दूसरी काउंसिलिंग तीन से सात अगस्त तक होगी। दूसरी काउंसिलिंग में वे अभ्यर्थी भी शामिल हो सकेंगे, जो किन्हीं कारणों से पहली काउंसिलिंग में शामिल नहीं हो पाए हैं या जिन्हें पहली काउंसिलिंग में कोई भी बीएड कॉलेज नहीं आवंटित हो पाया है। सभी निजी बीएड कॉलेजों में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) द्वारा निर्धारित समस्त सीटों को काउंसिलिंग के जरिए भरे जाने की प्रतिबद्धता को देखते हुए पांच हजार अभ्यर्थियों की एक प्रतीक्षा सूची भी बनाई जाएगी। बीएड प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले ऐसे अभ्यर्थी जो निर्धारित समय में लिखित रूप से या फैक्स के द्वारा बरेली विश्वविद्यालय के कुलसचिव को यह सूचित करेंगे कि वे प्रदेश के किसी भी बीएड कॉलेज में प्रवेश लेने के इच्छुक हैं, वहां के लिए वे निर्धारित शुल्क का बैंक ड्राफ्ट देने के बाद आवंटन पत्र लेकर संबंधित कॉलेज में प्रवेश लेंगे(दैनिक जागरण,लखनऊ,9.7.11)।

देहरादूनःआरटीई के पालन के लिए निजी स्कूलों को बढ़ानी होंगी सीटें

Posted: 09 Jul 2011 05:10 AM PDT

आरटीई के तहत आरक्षित व कमजोर वर्ग के 25 प्रतिशत बच्चों को प्रवेश देने में निजी स्कूल किसी तरह का बहाना नहीं बना सकते। यहां तक कि जो निजी स्कूल प्रवेश पूरे भी कर चुके हैं, उन्हें आरटीई के पालन के लिए अपने स्कूलों में सीटें बढ़ानी होंगी। नगर शिक्षाधिकारी इंद्रमणि बलोदी ने निजी स्कूलों को प्रवेश के लिए यही निर्देश दिए हैं। आरटीई का पालन न करने पर मान्यता रद करने की चेतावनी इन स्कूलों को पहले ही दी जा चुकी है। गरीब व पिछड़े वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए विभाग गंभीर दिखाई दे रहा है। जिन अभिभावकों को यह शिकायत थी, उनके लिए विभाग ने यह व्यवस्था पूर्व में ही कर दी थी कि वे अपने फार्म विभाग को सीधे जमा कर दें। जिसके बाद इन प्रवेश फार्मों को संबंधित स्कूल में जमा कराने की जिम्मेदारी विभाग की होगी। अब तक विभाग के पास ऐसे सैकड़ों फार्म आ चुके हैं जिनके प्रवेश प्रक्रिया संबंधी जिम्मेदारी विभाग शुरू भी कर चुका है। इसी संबंध में नगर शिक्षाधिकारी ने निजी स्कूल संचालकों की एक बैठक में उन्हें निर्देश दिए कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत उन्हें कुल सीटों में से 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित व निर्धन वर्ग के बच्चों को प्रवेश देकर भरनी होगी(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,9.7.11)।

यूपीःछात्रवृत्ति पर कंप्यूटर की सख्त पहरेदारी से रुकेगी धांधली

Posted: 09 Jul 2011 04:50 AM PDT

गरीब छात्रों को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के वितरण में अब कंप्यूटर ही कंट्रोलर होगा। इसका नेटवर्क शासन से लेकर जिलों और विद्यालयों तक होगा। खास बात यह कि पूरी व्यवस्था इतनी पारदर्शी होगी कि छात्र और शासन के अधिकारी खुद पूरी योजना से किसी भी समय अपडेट हो सकते हैं। समाज कल्याण अधिकारी की भूमिका को डाकिए तक सीमित कर दिया गया है। विभाग के अधिकारी कहते हैं-कंप्यूटर हमारी योजनाओं का नया पहरेदार है। पिछले कुछ सालों में छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति में घोटाले के दर्जनों मामले प्रकाश में आये हैं। लखनऊ, गाजियाबाद के चार कालेजों के खिलाफ तो अभी एक माह पहले ही प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है। अभी भी दर्जनों मामलों की जांच चल रही है। इसे रोक पाना शासन के लिए एक बड़ी चुनौती थी। प्रमुख सचिव समाज कल्याण बलविंदर कुमार कहते हैं कि अब हम काफी हद तक सक्षम हैं। छात्रवृत्ति उन्हीं को दी जाएगी, जिनका नाम पहले ही मास्टर डाटा में फीड होगा। अभी तक इसमें लापरवाही बरती जाती रही है। संस्थाएं जानबूझकर डाटा फीडिंग देर से कराती थीं ताकि अपनी मनमानी की जा सके। अब असली पकड़ छात्र-छात्राओं को मिले यूनीक नंबर से होगी। विभागीय लोगों के अनुसार कई मामलों में एक-एक छात्र का कई संस्थाओं में प्रवेश दिखाकर छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के करोड़ों रुपये निकाल लिए गए। कानपुर में चंद्रेश प्रजापति और कासिफ नामक दो युवकों का मामला तो काफी चर्चा में रहा था। अब ऐसा करना संभव नहीं होगा। मास्टर डाटा बेस में यूनीक नंबर फीड होते ही वह इसकी चुगली कर देगा कि अमुक छात्र का प्रवेश दूसरे विद्यालय में भी है। इसकी वजह से फर्जी एकाउंट भी नहीं खोले जा सकेंगे(हरिशंकर मिश्र,दैनिक जागरण,लखनऊ,9.7.11)

उत्तराखंडःआयुर्वेदिक नर्सों के वेतन-भत्ते में बढ़ोतरी पर लगा अड़ंगा

Posted: 09 Jul 2011 04:35 AM PDT

आयुर्वेदिक विभाग में कार्यरत नर्सों को एलोपैथिक विभाग की नर्सों के समान वेतन व भत्ते दिए जाने के मामले में वित्त विभाग ने अड़ंगा लगा दिया है। सूत्रों के अनुसार वित्त विभाग ने यूपी का हवाला देते हुए मामले को टर्नडाउन कर दिया है। एलोपैथिक नसरे की ओर से विगत दिनों केंद्र के समान वेतन व भत्ते दिए जाने को लेकर आंदोलन किया गया था। दबाव में प्रदेश सरकार की ओर से उनकी इन मांगों को मानते हुए उन्हें केंद्र के समान वेतन व भत्ते लागू कर दिए गए, लेकिन आयुर्वेदिक नर्सों को नया वेतन व भत्ते लागू नहीं किए गए। जबकि दोनों विभागों की नर्सों  के वेतनमान व भत्ते समान थे। इस मामले को लेकर आयरुवेदिक नसरे की ओर से आंदोलन किया गया। शासन में उच्चस्तरीय समझौते के बाद इन नर्सों ने अपना आंदोलन वापस लिया था। बावजूद इसके निर्धारित समय सीमा बीतने के बाद भी इनकी मांगों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। सूत्रों की माने तो वित्त विभाग की ओर से भेजी गई फाइल में यह कह कर अडंगा लगा दिया है। यूपी से इस मामले में पैरीटी लाई जाए। जबकि एलोपैथिक नसरे के मामले में वित्त विभाग की ओर से ऐसी कोई शर्त नहीं लगाई गई। इससे एक ही वेतनमान के दो कार्मिकों के बीच असमान्यता पैदा हो गई है(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,9.7.11)।

हिंदू कॉलेज: पकड़ा गया ओबीसी फर्जीवाड़ा

Posted: 09 Jul 2011 03:30 AM PDT

डीयू में फर्जी एडमिशन के एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं। रामजस कॉलेज, सत्यवती कॉलेज के बाद अब हिंदू कॉलेज का नया केस पकड़ में आया है। हिंदू कॉलेज ओबीसी कैटिगरी में एक स्टूडेंट फर्जी कास्ट सटिर्फिकेट के सहारे एडमिशन लेने पहुंची थी लेकिन एडमिशन ऑफिसर ने उसके सटिर्फिकेट के फर्जीवाड़े को पकड़ लिया।

कॉलेज ने यूनिवसिर्टी को इस बारे में जानकारी दी और डीन स्टूडेंट वेलफेयर ने कॉलेजों को लेटर लिखकर उस स्टूडेंट की डिटेल दी है ताकि वह फजीर् सटिर्फिकेट के सहारे किसी दूसरे कॉलेज में एडमिशन न ले ले। डीन ने लिखा है कि अगर उस कैंडिडेट ने किसी दूसरे कॉलेज में एडमिशन लिया है तो इस बारे में यूनिवसिर्टी को जरूर बताएं।

यह मामला काफी दिलचस्प है। हिंदू कॉलेज में एडमिशन लेने आई इस कैंडिडेट के पास ओबीसी सटिर्फिकेट तो था लेकिन उस पर क्रीमी लेयर और नॉन क्रीमी लेयर के बारे में नहीं लिखा था। यूनिवसिर्टी नियमों के मुताबिक ओबीसी कोटे का फायदा उन कैंडिडेट को मिलता है, जो नॉन क्रीमी लेयर में आते हैं यानी जिनके पैरंट्स की सालाना इनकम 4.5 लाख से कम होती है। यह कैंडिडेट एडमिशन के लिए हिंदू कॉलेज की एडमिशन अफसर डॉ. पूनम सेठी के पास आई। डॉ. सेठी ने बताया कि कैंडिडेट के पिता एक नामी कंपनी में बड़ी पोस्ट पर हैं और कैंडिडेट ने कॉलेज के एडमिशन फॉर्म में सालाना इनकम 10 लाख तक बताई थी। यानी यह कैंडिडेट नॉन क्रीमी लेयर में नहीं आती।


इस बारे में जब कैंडिडेट को बताया गया तो वह उस दिन तो चली गई लेकिन अगले दिन नॉन क्रीमी लेयर का नया सटिर्फिकेट बनवाकर ले आई और उस सटिर्फिकेट में पैरंट्स की सालाना इनकम 3 लाख रुपये बताई गई। डॉ. सेठी ने बताया कि उन्हें कैंडिडेट का नाम याद था इसलिए उन्होंने तुरंत पहचान लिया कि यह वही कैंडिडेट है जो कल भी आई थी। सख्ती करने पर वह कैंडिडेट कॉलेज से चली गई। कॉलेज अधिकारियों ने कैंडिडेट के पिता से भी बात की और उन्हें कहा कि इस तरह के फजीर्वाड़े में शामिल नहीं होना चाहिए। यह कैंडिडेट हिंदू कॉलेज में बीएससी (ऑनर्स) स्टैटिक्स में एडमिशन लेना चाह रही थी। डॉ. सेठी का कहना है कि इस तरह के मामलों में पैरंट्स भी कम दोषी नहीं हैं और फजीर्वाड़े में उनकी भी बराबर की भूमिका है। 

इन घटनाओं से सबक लेते हुए कॉलेजों ने अब तय किया है कि हर एडमिशन की जांच होगी ताकि फजीर् एडमिशन पकड़ा जा सके। कॉलेजों में स्पोर्ट्स कोटे के एडमिशन भी चल रहे हैं और इन एडमिशन को लेकर भी शिकायतें आनी शुरू हो गई हैं। गौरतलब है कि क्राइम ब्रांच ने फजीर् कास्ट सटिर्फिकेट के मामले का खुलासा किया था और पता चला था कि इन सटिर्फिकेट के सहारे टॉप कॉलेजों में फजीर् एडमिशन कराए गए थे। उसके बाद दयाल सिंह कॉलेज में एक कर्मचारी पर पैसे लेकर एडमिशन करवाने का आरोप लगा(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,9.7.11)। 

दिल्लीःअब भी खुली हैं एडमिशन की राहें

Posted: 09 Jul 2011 02:48 AM PDT

डीयू के कॉलेजों की लास्ट कट ऑफ लिस्ट आ चुकी है और इसके आधार पर शनिवार से एडमिशन शुरू हो जाएंगे। लास्ट लिस्ट में भी जो स्टूडेंट्स जगह नहीं बना पाए या वे किसी दूसरे कोर्स में शिफ्ट करना चाहते हैं, उन्हें अभी भी काफी अवसर मिलेंगे। डीयू के साथ-साथ आईपी यूनिवसिर्टी का एड



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha

হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!

मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में OBC Trump Card और जयभीम कामरेड

Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!

हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला हिंदुत्व की राजनीति से नहीं किया जा सकता।

In conversation with Palash Biswas

Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

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RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!

जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।

#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?

Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

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