From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/7/2
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com
भाषा,शिक्षा और रोज़गार |
- डीयूःकुछ विषयों को छोड़ सभी के हो जाएंगे दरवाजे बंद
- आउट ऑफ कैंपस में दाखिले कम, रद्द अधिक
- डीयू के पोर्टल पर छात्रों को मिलेगा स्टडी मैटीरियल
- जम्मू-कश्मीर में खुलेंगे 22 नए डिग्री कॉलेज
- पंजाबःकंपार्टमेंट के फार्म जमा कराने के लिए मारामारी
- यूपीः20 जुलाई से टीजीटी विज्ञान का साक्षात्कार !
- पीएमटी मामला: व्यापमं ने अटकायी पर्चाकांड की जांच
- यूपीःबीएड की फीस 50,250 रूपए हुई!
- कर्मचारी चयन आयोग ने सर्विलांस असिसटेंट के 40 पदों के लिए आवेदन मांगे
- लखनऊ विविःस्नातक काउंसिलिंग शुरू
- पंजाबःकंप्यूटर की गड़बड़ी से 500 छात्र इंजीनियरिंग काउंसिलिंग से बाहर
- छत्तीसगढ़ में एआईट्रिपलई काउंसलिंग: एनआईटी की 540 सीटें हो गईं अलॉट
- डीयू की स्पेशल टीम को मिलीं कई गड़बड़ियां
- रविशॆकर शुक्ल विवि ने बढ़ाई प्रवेश की तिथि
- मध्यप्रदेशःजीएनटीएसटी का परीक्षा परिणाम घोषित
- यूपीःरिजल्ट में फिसड्डी विद्यालयों के खिलाफ शासन का कड़ा रुख
- छत्तीसगढ़:255 सीटों के बूते हर अस्पताल को नहीं मिलेंगे डॉक्टर
- नामों में चकराई जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी
- दिल्ली विश्वविद्यालय में तमाम नियम ताक पर!
- आंगनवाड़ी कर्मियों का मानदेय दोगुना हुआ
- राजस्थान यूनिवर्सिटीःदूसरी कटऑफ ने भी लगाई छलांग
- मध्यप्रदेशःस्कॉलरशिप के 40 लाख लेने नहीं आ रहे विद्यार्थी
- लखनऊ में दूसरा निजी मेडिकल कालेज खुला
- डीयूःसामान्य छात्रों को दी जाएंगी ओबीसी की बची हुई सीटें
- यूपीःडिग्री शिक्षकों के सेवानिवृत्ति मामले में यथास्थिति के आदेश
डीयूःकुछ विषयों को छोड़ सभी के हो जाएंगे दरवाजे बंद Posted: 01 Jul 2011 11:27 AM PDT दिल्ली विश्वविद्यालय में तीसरी कटऑफ के आधार पर दाखिले की अंतिम तिथि शुक्रवार है। चौथी कटऑफ शनिवार को जारी की जाएगी। चौथी कटऑफ को लेकर कॉलेजों में तैयारी अंतिम दौर में है। जहां नॉर्थ कैंपस के कॉलेजों के सभी कोर्सो में दाखिले के दरवाजे बंद होने की संभावना है, वहीं बाहरी दिल्ली के कॉलेजों में एक-दो विषय को छोड़ बाकी सभी विषयों में दाखिले बंद हो जाएंगे। हालांकि ओबीसी कोटे के तहत दाखिला हर कॉलेज में होने की उम्मीद है। नॉर्थ कैंपस के कई कॉलेजों में तीसरे कटऑफ में ही कई विषयों के दरवाजे बंद हो गए थे। लेकिन, जिन विषयों में दाखिले हो रहे हैं उन कोर्सो में भी चौथी कटऑफ में दरवाजे बंद होने की संभावना है। हिंदू कॉलेज की शिक्षिका प्रो. अंजू श्रीवास्तव ने बताया कि चौथी कटऑफ में करीब-सभी कोर्सो में दाखिले बंद हो जाएंगे। हालांकि ओबीसी कोटे के तहत चौथी कटऑफ लिस्ट में बड़ी गिरावट हो सकती है। जबकि हिंदू कॉलेज में तीसरी कटऑफ के आधार पर अंग्रेजी ऑनर्स, हिंदी ऑनर्स, दर्शनशास्त्र ऑनर्स और संस्कृत ऑनर्स में दाखिले हो रहे हैं। किरोड़ीमल कॉलेज में तीसरी कटऑफ के आधार पर बीकॉम, बीकॉम ऑनर्स, अंग्रेजी ऑनर्स सहित साइंस के कई विषयों में दाखिले हो रहे हैं। लेकिन चौथी कटऑफ में इन सभी कोर्सो में दाखिले के रास्ते बंद हो सकते हैं। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि कई कोर्सो में चौथी कटऑफ में सामान्य श्रेणी के लिए दाखिले लगभग बंद हो जाएंगे। हालांकि ओबीसी के तहत कई कोर्सों में दाखिले की कटऑफ निकाली जा सकती है। रामलाल आनंद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय शर्मा का कहना है कि हिंदी ऑनर्स और भूगर्भ विज्ञान ऑनर्स में दाखिले हो रहे हैं। लेकिन, चौथी कटऑफ में इन कोर्सो में दाखिला देने की संभावना कम हो गई है। उनका कहना है कि चौथी कटऑफ में सभी कोर्सो में दाखिले बंद हो जाएंगे। लेकिन ओबीसी कोटे के तहत कुछ कोर्सो के कटऑफ जारी किए जा सकते हैं। दयाल सिंह कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आई.एस बख्शी ने बताया कि फिलहाल दाखिले कम हो रहे हैं। दाखिले भी कैंसिल हो रहे हैं। कॉलेज में 1406 सीट है और दाखिले 17 सौ से ज्यादा हो चुके हैं। कुछ ही कोर्सो में दाखिले के लिए चौथी कटऑफ लिस्ट जारी की जाएगी। वहीं सत्यवती कॉलेज सांध्य के प्राचार्य का कहना है कि चौथी कटऑफ में बीए प्रोग्राम को छोड़ सभी कोर्सो के दरवाजे बंद होने की उम्मीद है। कमला नेहरू कॉलेज की प्राचार्या का कहना है कि चौथी कटऑफ में भी दर्शनशास्त्र ऑनर्स और संस्कृत ऑनर्स में दाखिले की उम्मीद शेष है। वहीं राजधानी कॉलेज की प्राचार्या प्रो. विजय लक्ष्मी पंडित का कहना है कि चौथी कटऑफ में सभी कोर्सो में दाखिला देने की संभावना कम हो गई है। तीसरे कटऑफ में प्राय: सभी विषयों में दाखिले पूरे हो जाएंगे(हिंदुस्तान,दिल्ली,1.7.11)। |
आउट ऑफ कैंपस में दाखिले कम, रद्द अधिक Posted: 01 Jul 2011 11:25 AM PDT दिल्ली विश्वविद्यालय की तीसरी कटऑफ ने आउट ऑफ कैंपस कॉलेजों में दाखिले का गणित बदला है। अब तक जहां पहली और दूसरी कटऑफ में इन कॉलेजों में कैंपस में स्थित कॉलेजों के बराबर ही दाखिले हो रहे थे, वहीं अब यहां दाखिलों से ज्यादा या करीब-करीब उतने ही दाखिले रद्द भी हो रहे हैं। जानकारों की मानें तो कटऑफ की अधिकता को देखते हुए पहली दो कटऑफ में छात्रों ने कोर्स को अहमियत देते हुए अपनी सीट पक्की की। लेकिन अब कैंपस और अपने पसंदीदा कॉलेजों में स्थान मिलते ही वह दूसरे कॉलेजों में दाखिला ले रहे हैं। दयाल सिंह कॉलेज के प्राचार्य डा. आई.एस. बख्शी ने बताया कि हमारे कॉलेज में दाखिले के तीसरे चरण में अब तक केवल 50 दाखिले ही हुए हैं। वहीं इनकी तुलना में 60 दाखिले रद्द हुए हैं। तीसरी कटऑफ में दाखिला प्रक्रिया थोड़ी धीमी हो गई है। साउथ के दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स के प्राचार्य डा. एम. एस. रावत ने बताया कि तीसरी कटऑफ में अब तक 92 दाखिले रद्द हुए हैं। वहीं कमला नेहरू की शिक्षिका गीतेश निर्वाण ने बताया कि पिछले दो दिनों में 10 दाखिले वापस लिए गए हैं। इसके अलावा राजधानी कॉलेज में अब तक करीब 100 और कालिंदी कॉलेज में 86 दाखिले रद्द हुए हैं। इस बार ऊंची कटऑफ के चलते आउट ऑफ कैंपस कॉलेजों में भी ज्यादातर कोर्सो में पहली दो कटऑफ में ही सीटें फुल हो गई थीं लेकिन अब रद्द दाखिलों की संख्या को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि जिन कॉलेजों में दाखिले कैंसिल होने की वजह से कुछ सीटें खाली हो जाएंगी उनमें फिर से चौथी कटऑफ निकालनी होगी। इसके अलावा जिन कॉलेजों में पहले से ही सीटों से ज्यादा दाखिले हुए थे उनमें दाखिले रद्द होने से स्थिति संतुलित हो जाएगी(हिंदुस्तान,दिल्ली,1.7.11)। |
डीयू के पोर्टल पर छात्रों को मिलेगा स्टडी मैटीरियल Posted: 01 Jul 2011 11:20 AM PDT दिल्ली विश्वविद्यालय में सेमेस्टर सिस्टम के साथ ही अब छात्र-छात्राएं ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे। डीयू अपना नया वेब पोर्टल, वर्चुअल लर्निग एनवायर्नमेंट (www.vle.du.ac) जल्द ही शुरू करने वाला है। इस नए पोर्टल में छात्र-छात्राएं लेक्चर और अलग-अलग विषयों का स्टडी मेटेरियल ले सकेंगे। नए सत्र से लागू होने वाले इस नए वेब पोर्टल से छात्र-छात्रएं स्टडी मैटेरियल और विश्वविद्यालय के गणमान्य प्रोफसरों द्वारा वीडियो लेक्चर ले सकेंगे। वेबसाइट पर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन, दोनों कोर्सो से संबंधित विषय-सामग्री और लेक्चर मौजूद होंगे। इनके इस्तेमाल के लिए छात्रों को किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना होगा। वर्चुअल लर्निग इनवायरनमेंट हर लिहाज से छात्रों को ध्यान में रख कर बनाया गया है। पोर्टल पर मौजूद सामग्री केवल डीयू से जुड़े छात्रों के लिए ही नहीं बल्कि उस हर छात्र के लिए होगी जो डीयू के शिक्षकों से पढ़ना चाहते हैं। यही नहीं यह विशेषतौर पर उन छात्र-छात्राओं के लिए फायदेमंद होगा जो डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निग से पढ़ाई कर रहे हैं। यहां पढ़ रहे छात्र-छात्राएं इस वेब पोर्टल का लाभ उठाते हुए सामान्य तौर पर प्रोफसरों के लेक्चर और स्टडी मेटेरियल ले सकेंगे। इसकेअलावा अन्य विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्रएं और शिक्षक भी इस पोर्टल का फायदा ले सकेंगे। यह वेब पोर्टल डीयू के इंस्टीटय़ूट ऑफ लाइफलोंग लर्निग द्वारा डिजाइन हुआ है। माना जा रहा है कि जुलाई के आखिरी सप्ताह में यह लांच हो जाएगा। इस वेब पोर्टल में विषय सामग्री और लेक्चर्स के लिए कई कॉलेजों से अलग-अलग स्ट्रीम के प्रोफेसरों की एक टीम बनाई गई है जो इस पर मौजूद सामग्री का चयन करेंगे(हिंदुस्तान,दिल्ली,1.7.11)। |
जम्मू-कश्मीर में खुलेंगे 22 नए डिग्री कॉलेज Posted: 01 Jul 2011 11:09 AM PDT जम्मू-कश्मीर सरकार ने राज्य में 22 नए डिग्री कॉलेजों की स्थापना को अपनी मंजूरी दे दी है। राज्य के शिक्षा मंत्री अब्दुल गनी मलिक ने बताया कि इन डिग्री कॉलेजों की स्थापना केंद्र प्रायोजित योजना 'शैक्षिक रूप से पिछड़े जिले में मॉडल डिग्री कॉलेजों की स्थापना' के तहत की जाएगी। मलिक ने कहा, 'राज्य में 22 नए डिग्री कॉलेज स्थापित किए जाएंगे जो आने वाले वर्षों में उच्च शिक्षा के परिदृश्य में एक क्रांतिकारी बदलाव होगा।' उन्होंने कहा कि शैक्षिक तौर पर पिछड़े इन इलाकों में कॉलेजों की स्थापना के लिए व्यापक सर्वेक्षण कराया गया था। इन कॉलेजों की स्थापना कुलगाम जिले के दमहाल हांजीपुर में, बारामूला के तंगमार्ग में, बडग़ाम के चरार-ए-शरीफ, करगिल के जंसकार और किश्तवाड़ के मारवाह आदि जगहों पर की जाएगी। एक महिला कॉलेज की स्थापना कुपवाड़ा जिले में की जाएगी(दैनिक ट्रिब्यून,श्रीनगर,1.7.11)। |
पंजाबःकंपार्टमेंट के फार्म जमा कराने के लिए मारामारी Posted: 01 Jul 2011 09:10 AM PDT पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की दसवीं और बारहवीं कक्षा के कंपार्टमेंट परीक्षा के फार्म जमा करवाने के लिए पंजाबी भवन में विद्यार्थियों में खूब धक्का मुक्की हुई। वीरवार को फार्म जमा करवाने की अंतिम तिथि होने की वजह से काफी संख्या में विद्यार्थी पंजाबी भवन पहुंचे। बुक डिपो मैनेजर की तरफ से फार्म जमा करवाने के लिए नौ काउंटर लगाए गए बावजूद इसके फार्म जमा करवाने के लिए विद्यार्थियों को घंटों धूप में अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। गर्मी ज्यादा होने की वजह से कई छात्राओं ने तो लाइन से हटकर छांव में बैठ गई और लाइन खत्म होने का इंतजार करने लगी। विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा देखते हुए पंजाबी भवन के संचालकों ने कैंपस का मुख्य गेट बंद कर दिया और कैंपस में वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी। फार्म जमा करवाने आए विद्यार्थी बुक डिपो मैनेजर से मांग करते रहे कि दो तीन काउंटर और बढ़ाए जाएं ताकि विद्यार्थियों को धूप में ज्यादा देर खड़े न रहना पड़े। छात्रा मनप्रीत कौर का कहना है कि वह लाइन में डेढ़ घंटे से भी ज्यादा समय तक खड़ी रही। बुक डिपो संचालकों ने कहा उनके पास जितने कर्मचारी उपस्थित हैं उस हिसाब से काउंटर लगा दिए। विद्यार्थियों को कुछ समय इंतजार जरूर करना पड़ा लेकिन शाम तक सभी विद्यार्थियों के फार्म जमा करवा दिए गए। बिना लेट फीस के कंपार्टमेंट परीक्षा के फार्म जमा करवाने की तिथि 30 जून थी। 200 रुपए लेट फीस के साथ फार्म 11 जुलाई, 500 रुपए लेट फीस के साथ 20 जुलाई और 2000 रुपये लेट फीस तथा चेयरमैन की आज्ञा के साथ 28 जुलाई तक कंपार्टमेंट परीक्षा के फार्म भरे जा सकेंगे(दैनिक भास्कर,लुधियाना,1.7.11)। |
यूपीः20 जुलाई से टीजीटी विज्ञान का साक्षात्कार ! Posted: 01 Jul 2011 08:50 AM PDT माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) विज्ञान का साक्षात्कार 20 जुलाई से लिए जाने की संभावना है। इसके बाद संस्कृत और उर्दू विषय के अभ्यर्थियों के साक्षात्कार होंगे। साक्षात्कार के लिए बोर्ड शनिवार से बुलावा पत्र भेजना शुरू कर देगा। बोर्ड सूत्रों के मुताबिक टीजीटी-2010 के सभी विषयों के साक्षात्कार आयोग जल्द ही खत्म करने के विचार में है। यही कारण है कि 20 जुलाई के बाद एक बार साक्षात्कार शुरू करने के बाद बीच में बंद नहीं होगा। गणित, हिंदी और अंग्रेजी के साक्षात्कार हो चुके हैं, इनमें से हिंदी का अंतिम परिणाम भी आ चुका है। बोर्ड के कार्यवाहक सचिव ने बताया कि गणित और अंग्रेजी का भी परिणाम तैयार किया जा रहा है। इसके भी जल्द ही घोषित किए जाने की संभावना है। बाकी बचे विषयों के साक्षात्कार सितंबर तक खत्म कर दिए जाएंगे। इसके बाद प्रधानाध्यापकों एवं प्रधानाचार्यो के पदों के लिए साक्षात्कार शुरू कर दिया जाएगा। विज्ञान विषय में 2005 परीक्षार्थियों, संस्कृत में 975 व उर्दू में 94 परीक्षार्थियों को साक्षात्कार के लिए अर्ह घोषित किया गया है। विज्ञान के बालक वर्ग में कुल 538 पद हैं, जबकि बालिका वर्ग में कुल 69 पद हैं। इसी प्रकार संस्कृत में बालक वर्ग के लिए 257 पद व बालिका वर्ग के लिए कुल 15 पद हैं। उर्दू के बालक वर्ग में 13 व बालिका वर्ग में कुल चार पद हैं(दैनिक जागरण,इलाहाबाद,1.7.11)। |
पीएमटी मामला: व्यापमं ने अटकायी पर्चाकांड की जांच Posted: 01 Jul 2011 08:30 AM PDT पीएमटी पर्चा लीक कांड की तहकीकात व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के कारण अटक गई है। दरअसल क्राइम ब्रांच ने हफ्ता भर पहले व्यापमं से 33 बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। व्यापमं के नियंत्रक ने अब तक उसका जवाब नहीं भेजा है। इतने दिन इंतजार करने के बाद क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को नियंत्रक के पास दूसरी बार नोटिस भेजकर तत्काल जानकारी मांगी है। क्राइम ब्रांच ने इस मामले में सीधे नियंत्रक को नोटिस जारी किया है। नोटिस में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि व्यापमं की ओर से जानकारी नहीं देने से पीएमटी कांड की तफ्तीश प्रभावित हो रही है। व्यापमं से जितने बिंदुओं का ब्यौरा मांगा गया है, उनका जबाब मिलने के बाद ही जांच की आगे की दिशा तय की जाएगी। इसके बिना फिलहाल पुलिस यही तय नहीं कर पा रही है कि किस तरह तहकीकात आगे बढ़ायी जाए। क्राइम ब्रांच ने पहला नोटिस भेजने के बाद तीन मर्तबा अन्य साधनों से सूचना भेजी थी। इसके बावजूद व्यापमं की ओर से नोटिस का जवाब नहीं भेजा गया। गौरतलब है कि अब तक पर्चा लीक कांड में हाईटेक तहकीकात करने के अलावा क्राइम ब्रांच ने पूर्व नियंत्रक डॉ. बीपी त्रिपाठी से पूछताछ की है। श्री त्रिपाठी का बयान लेने के अलावा व्यापमं में किसी से पूछताछ नहीं हुई है। पुलिस को व्यापमं से डिटेल मिलने का इंतजार है। इन बिंदुओं पर मांगी जानकारी -व्यापमं किस तरह पीएमटी आयोजित करता है। - पीएमटी के पर्चे कैसे सलेक्ट किए जाते हैं। -पीएमटी में पर्चे छापने की जिम्मेदारी कैसे तय की जाती है। -कितने कंपनी को पर्चे छापने के लिए आमंत्रित किया था। -पर्चे छापने की जिम्मेदारी सौंपते समय किन बातों को वजन दिया जाता है। -पर्चे सलेक्ट करने वाले शिक्षकों का चयन कैसे होता है। -छपाई के बाद पर्चे सेंटरों में पहुंचाने का सिस्टम क्या है। -पीएमटी के उम्मीदवारों से संबंधित जानकारी इंटरनेट पर कैसे उपलब्ध करायी जाती है। -पर्चों को स्ट्रांग रूम में रखने का क्या सिस्टम है। -पर्चों की छपायी और उसके सलेक्टरों के बारे में कौन-कौन जानकारी रखते हैं। पर्चो की सेटिंग को लेकर दुविधा व्यापमं ने पिछली परीक्षा में एक ही पर्चा सेट किया था। इस बार पर्चो की सेटिंग को लेकर अफसर दुविधा में हैं। पर्चा लीक कांड ने उनको जबर्दस्त दबाव में ला दिया है। अधिकारी हर कदम फूंक-फूंक कर रख रहे हैं। सुरक्षा को लेकर मजबूत किलेबंदी किए जाने के बावजूद अफसर इस बार कोई भी मौका नहीं देना चाहते। यही वजह है कि वे यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि पर्चो के एक ही सेट छपवाए जाएं या दो सेट। पिछली बार एक ही सेट छपाया गया था, इस वजह से पर्चा लीक होने के बाद मजबूरी में उस पर्चे को निरस्त करना पड़ा था। यदि विकल्प के रूप में दूसरा पर्चा उपलब्ध रहता तो यह स्थिति नहीं होती। दूसरे सेट से पर्चे आयोजित किए जा सकते थे। इस बार अधिकारियों की यह मजबूरी है कि दो पर्चे छपाने के लिए वक्त काफी कम रह गया है। पीएमटी की तारीख एक-दो दिनों में व्यापमं को तीसरी बार पीएमटी की तारीख तय करने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि जिस तारीख को पीएमटी आयोजित की जाए उस दिन देश के अन्य राज्यों में कोई प्रतियोगी परीक्षा न हो रही हो।अफसरों ने ऐसे संकेत दिए हैं कि एक-दो दिनों में नई तारीख घोषित हो जाएगी। "व्यापमं में अभी सभी अधिकारी नए हैं। इस वजह से जानकारी तैयार करने में कुछ विलंब हो गया। गुरुवार की शाम को पूरी रिपोर्ट तैयार कर भिजवा दी गई है। शुक्रवार तक पुलिस को रिपोर्ट मिल जाएगी।" प्रदीप चौबे, नियंत्रक, व्यापमं(दैनिक भास्कर,रायपुर,1.7.11) |
यूपीःबीएड की फीस 50,250 रूपए हुई! Posted: 01 Jul 2011 08:10 AM PDT बीएड की फीस निर्धारण के लिए चल रही कवायद को अमलीजामा पहनाते हुए सत्र 2011-12 के लिए फीस 50,250 रुपये तय कर दी गई है। इस संबंध में लखनऊ विश्वविद्यालय समेत सभी राज्य विश्वविद्यालयों को भी पत्र भेजकर अवगत करा दिया गया है। पत्र के अनुसार जल्द ही शासनादेश भी जारी कर दिया जाएगा। क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. एसए अली का कहना है कि इस संबंध में अंतिम निर्णय लिए जाने की जानकारी नहीं है। उल्लेखनीय है कि सत्र 2010-11 में बीएड की 30,359 रुपये निर्धारित की गई थी। इससे पहले फीस 26,500 रुपये थी। फीस निर्धारित होने के बावजूद प्राइवेट बीएड कॉलेजों ने छात्रों से 70 से 80 हजार रुपये तक की वसूली की। प्रवेश के लिए मजबूरन छात्रों को फीस से अतिरिक्त वसूली राशि भी देनी पड़ी। पिछले सत्र में इस संबंध में प्रदेश भर में सैकड़ों शिकायतें हुईं। वसूली करने वाले कई कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही गई, लेकिन हुआ कुछ भी नहीं। सत्र बीतने के बाद शासन ने फीस के मसले को गंभीरता से लेते हुए फीस निर्धारण के लिए एक कमेटी बनाई। प्रदेश के सभी बीएड कॉलेजों से ब्योरा तलब किया गया। छात्र संख्या, फैकल्टी, खर्च आदि पर सीए की रिपोर्ट मांगी गई। लंबी कवायद के बाद आखिरकार वर्तमान सत्र के लिए फीस निर्धारित कर दी गई है। लखनऊ विश्वविद्यालय में भी फीस वृद्धि से संबंधित पत्र भेजा गया है। पत्र में स्पष्ट है कि फीस निर्धारण के लिए बनाई गई कमेटी ने फीस 50,250 रुपये तय की है(दैनिक जागरण,लखनऊ,1.7.11)। |
कर्मचारी चयन आयोग ने सर्विलांस असिसटेंट के 40 पदों के लिए आवेदन मांगे Posted: 01 Jul 2011 07:50 AM PDT कर्मचारी चयन आयोग कर्नाटक-केरल रीजन ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में सर्विलांस असिस्टेंट के 40 पदों पर आवेदन मांगे हैं। इसके अलावा कई अन्य पदों पर भी आयोग ने आवेदन पत्र आमंत्रित किए हैं। गृह मंत्रालय के अधीन नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में सर्विलांस असिस्टेंट के लिए उम्र सीमा 27 वर्ष रखी गई है। केंद्रीय कर्मियों के लिए यह सीमा अधिकतम 40 वर्ष है। इसके लिए शैक्षिक योग्यता इलेक्ट्रॉनिक या कम्यूनिकेशन या टेली कम्यूनिकेशन इंजीनीयरिंग, कम्प्यूटर साइंस या फिर इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी में किसी मान्यता प्राप्त इंस्टीट्यूट या विश्र्वविद्यालय से तीन साल का डिप्लोमा या डिग्री मांगी गई है। इसके अलावा कैश्यू नट एंड कोकोआ डेवलपमेंट विभाग में टेक्निकल असिस्टेंट के दो पदों व सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज नॉटिकल एंड इंजीनीयरिंग विभाग में इंस्ट्रक्टर के एक पद, इसी विभाग में बोसन के एक पद के लिए आवेदन मांगे गए हैं। सामान्य वर्ग के लिए आवेदन शुल्क 50 रुपये रखा गया है, जबकि महिला व एससी-एसटी व विकलांगों के लिए कोई शुल्क नहीं रखा गया है। सभी पदों पर चयन लिखित परीक्षा के आधार पर होगा(दैनिक जागरण,इलाहाबाद,1.7.11)। |
लखनऊ विविःस्नातक काउंसिलिंग शुरू Posted: 01 Jul 2011 07:30 AM PDT लखनऊ विश्वविद्यालय में स्नातक में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग आज से शुरू हुई। पहले दिन बी-कॉम (आनर्स), बीबीए, बीटीए, शास्त्री, एलएलबी आनर्स एवं बीए आनर्स में प्रवेश होंगे। प्रवेश के समन्वयक प्रो. पद्मकान्त ने बताया कि अभ्यर्थियों को सुबह आठ बजे काउंसिलिंग केंद्र पहुंचना होगा। दाखिले मेरिट के आधार पर ही किए जाएंगे। सुबह आठ बजे से ओपेन सेलेक्टेड अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग शुरू होगी। यदि सीट शेष रहेंगी तो प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों को मौका दिया जाएगा। अभ्यर्थियों को साथ में अंकतालिकाएं, हाईस्कूल से अभी तक के सभी प्रमाणपत्र, जाति प्रमाण पत्र, सब कटेगरी का प्रमाण, चरित्र प्रमाणपत्र, माइग्रेशन या स्थानांतरण पत्र, आय प्रमाणपत्र, आवेदन फार्म की फोटोकॉपी और बैंक चालान की कापी लाना अनिवार्य है। काउंसिलिंग केंद्र सीतापुर रोड स्थित लखनऊ विवि का नया परिसर है। जमा करें नगद फीस : इस बार से काउंसिलिंग केंद्र पर ही यूको बैंक और एसबीआइ के काउंटर उपलब्ध करा दिए गए हैं। छात्रों को लविवि वित्त अधिकारी के पक्ष में ड्राफ्ट लेकर आना है लेकिन यदि छात्र ड्राफ्ट नहीं लाता है तो वह नगद राशि भी बैंक में जमा कर सकता है। चालान और फार्म लाना जरूरी : प्रवेश समन्वयक प्रो. पद्मकान्त ने बताया फार्म भरने के दौरान मिले चालान को साथ लाना जरूरी है। चालान के साथ अभ्यर्थी को फार्म भी लाना होगा। चालान और फार्म न होने पर अभ्यर्थी से प्रवेश से वंचित हो सकते हैं। अभिभावक को आना होगा साथ : दो लाख से कम आय वाले सामान्य व पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को पूरी फीस जमा करनी होगी। अभी फीस से संबंधित कोई शासनादेश नहीं आया है। शासनादेश के बाद छात्रों की फीस वापस की जाएगी। वहीं एससी-एसटी छात्रों को जीरो फीस का लाभ दिया जाएगा। हालांकि उनको अभिभावकों के साथ आना होगा। ओपेन में ही लें प्रवेश : ओपेन सेलेक्टेड में चयनित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को ओपेन सेलेक्टेड वर्ग में ही प्रवेश लेना होगा। छात्र अपने वर्ग में प्रवेश लेने के इंतजार में न रहें, वहां प्रवेश नहीं दिया जाएगा। प्रो.पद्मकान्त ने बताया कि आरक्षित छात्र प्रवेश लें, उनको सभी लाभ दिए जाएंगे। नोट : जीरो फीस का लाभ पाने वाले अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग केंद्र पर मौजूद बैंकों में 25 रुपये फीस जमा करनी होगी। यह फीस छात्र के पहचान पत्र के लिए है। इन छात्रों को भी सामान्य छात्र की तरह सभी प्रक्रिया से गुजरना होगा(दैनिक जागरण,लखनऊ,1.7.11) |
पंजाबःकंप्यूटर की गड़बड़ी से 500 छात्र इंजीनियरिंग काउंसिलिंग से बाहर Posted: 01 Jul 2011 07:10 AM PDT ऑल इंडिया इंजीनयिरिंग एंट्रेंस एग्जाम (एआईईईई) क्लियर करके पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (पेक) में काउंसिलिंग के लिए पहुंचे करीब 500 स्टूडेंट वीरवार को मुसीबत में फंस गए। इन्होंने काउंसिलिंग फीस जमा करा दी थी, लेकिन पेक के कंप्यूटर पर इसकी पुष्टि नहीं हो रही थी। इस बार पेक में ऑनलाइन काउंसिलिंग हो रही है, लेकिन स्टूडेंट्स के लॉगइन आईडी ही पेक के सॉफ्टवेयर पर नहीं खुल सके। इस वजह से करीब 500 स्टूडेंट काउंसिलिंग के लिए रजिस्टर नहीं हो सके। इसके बाद स्टूडेंट्स और पेरेंट्स ने छात्र संगठन स्टूडेंट्स फॉर सोसायटी के साथ मिलकर पेक प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। काउंसिलिंग के लिए नया सॉफ्टवेयर पेक ने इसी साल खरीदा है। इन स्टूडेंट्स को काउंसिलिंग के दौरान यह कहकर वापस भेज दिया गया कि उनकी काउंसिलिंग फीस ही जमा नहीं हुई है। स्टूडेंट्स और पेरेंट्स ने फीस जमा होने की स्लिप भी दिखाई, लेकिन उन्हें बाहर जाने को कहा गया। एक स्टूडेंट के पिता अरप्रीत सिंह ने बताया कि उन्होंने काउंसिलिंग फीस के तौर पर 1050 रुपये जमा कराए थे, फिर भी उनके बच्चे को काउंसिलिंग में शामिल नहीं होने दिया गया। वहीं पेक प्रबंधन का कहना है कि ऑनलाइन दाखिले निर्देशों के तहत ही किए जा रहे हैं। जिन स्टूडेंट्स ने नियम के तहत आवेदन नहीं किया, उनको काउंसिलिंग से रोका गया है। यह देखा जा रहा है कि गलती किस स्तर पर हुई है(दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,1.7.11)। |
छत्तीसगढ़ में एआईट्रिपलई काउंसलिंग: एनआईटी की 540 सीटें हो गईं अलॉट Posted: 01 Jul 2011 06:50 AM PDT एनआईटी रायपुर की 955 सीटों में से आधे से अधिक सीटें गुरुवार की शाम तक अलॉट हो गईं। आर्किटेक्चर की सीटों को मिलाकर अब तक यहां 540 सीटें अलॉट हो चुकी हैं। 25 जून को जारी हुई एआईट्रिपलई की पहली सूची के बाद एलॉटमेंट प्रक्रिया शुरू हुई थी। इस सूची में स्थान पाने वालों को 26 जून से लेकर दो जुलाई तक देश के किसी भी पंजीकृत सेंटर में पहुंचकर अपनी रिपोर्टिग करनी है। एनआईटी रायपुर को पूरे राज्य में एकमात्र एआईट्रिपलई सेंटर बनाया गया है। एआईट्रिपलई से संबंधित संस्थानों की 18 हजार तीन सौ सीटें की पहली एलॉटमेंट लिस्ट में गुरुवार की शाम तक आठ हजार 950 सीटों के लिए एलॉटमेंट हो गया था। एआईट्रिपलई की पहली सूची में नाम आने वाले प्रतिभागी दो जुलाई तक एलॉटमेंट करा सकते हैं(दैनिक भास्कर,रायपुर,1.7.11)। |
डीयू की स्पेशल टीम को मिलीं कई गड़बड़ियां Posted: 01 Jul 2011 06:30 AM PDT तीसरी कटऑफ में जगह पाने के बावजूद अभिनव के लिए दाखिले के तीसरे दिन जाकर जाकिर हुसैन सांध्य कॉलेज की राह खुली। बीकॉम प्रोग्राम में कॉलेज के अड़ियल रवैये के चलते न सिर्फ अभिनव बल्कि उनके जैसे कई छात्र 28 व 29 जून को यह कह कर बैरंग लौटाए गए कि प्रवेश प्रक्रिया का काम पूरा कर लिया गया है और अब उन्हें मौका नहीं दिया जाएगा। कॉलेज के इस लापरवाह रवैये की पोल तब खुली जब खुद डीयू की ओर से एक स्पेशल टीम ने दाखिला प्रक्रिया का जायजा लिया। डीन छात्र कल्याण की ओर से गठित तीन सदस्यों वाली इस टीम ने पाया कि कॉलेज जानबूझ कर दाखिलों के स्तर पर लापरवाही बरत रहा है, जिससे कटऑफ में जगह पाने के बावजूद भी छात्र यहां-वहां भटक रहे थे। हालांकि कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. एसए हमीद्दीन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है। करीब डेढ़ घंटे की जांच के बाद स्पेशल टीम ने जब आंकड़ों पर नजर डाली तो पता चला कि कॉलेज में 28 जून को कोई दाखिला नहीं हुआ और 29 जून को सिर्फ 28 दाखिले हुए। जांच के लिए पहुंचे डिप्टी डीन छात्र कल्याण डॉ. गुलशन साहनी ने जब वहां परेशान घूम रहे छात्रों से पूछा तो पता चला कि 29 जून को दाखिले के लिए खिड़की नहीं खुली और इस बात की घोषणा की गई कि सीटें फुल हो गई, लेकिन एकाएक शाम साढ़े पांच बजे खिड़की खोल दी गई और साढ़े छह बजे तक 28 छात्रों को दाखिला देकर उसे बंद भी कर दिया गया, जबकि निर्धारित समय 7 बजे का था। जांच के लिए पहुंचे डिप्टी प्रॉक्टर डॉ.एम काजिम ने बताया कि कॉलेज के इस लापरवाह रवैये को देखते हुए डिप्टी डीन छात्र कल्याण डॉ.गुरप्रीत सिंह टुटेजा ने दाखिला समिति के प्रमुख को हिदायत दी है कि वह नियमों की अनदेखी से बचे और दाखिला प्रक्रिया को सुचारू रूप से अंजाम दे ताकि कटऑफ में जगह बनाने वाले छात्रों को चार दिन की अवधि में दाखिला मिल जाएं(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,1.7.11)। |
रविशॆकर शुक्ल विवि ने बढ़ाई प्रवेश की तिथि Posted: 01 Jul 2011 06:10 AM PDT पं.रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी में बीए सहित कई बड़ी परीक्षाओं के परिणाम जारी नहीं हो पाए हैं। इस वजह से विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने वाले छात्रों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए विवि ने प्रवेश की तिथि में संशोधन किया है। नई तिथि के मुताबिक विवि की अध्ययन शालाओं में एमएससी को छोड़कर अन्य विषयों में दाखिला लेने के इच्छुक छात्र 11 जुलाई तक आवेदन कर सकेंगे। रविवि के लेटलतीफ रवैये की वजह से इस बार भी मुख्य परीक्षाओं का परिणाम समय पर जारी नहीं हो पाया। परीक्षा के समय से तैयारियों को देखते हुए यह कयास लगाए जा रहे थे कि 30 जून तक ज्यादातर परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अभी तक बड़ी परीक्षाओं में बीकॉम और बीएससी के परिणाम ही घोषित किए जा सके हैं। बीए और पीजी की परीक्षाओं के परिणाम जारी नहीं किए जा सके। नतीजा विवि के अध्ययनशाला में दाखिला लेने वाले छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा बीकॉम सहित अन्य परीक्षाओं के असंतोषजनक परिणाम आने की वजह से भी विवि में चलने वाले कोर्सेज में दाखिला लेने के इच्छुक छात्र कम ही दिखे। इसे देखते हुए ही प्रवेश की तिथि में संशोधन किया गया है। बीए के परिणाम नहीं आने से एमए से संबंधित पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया है। एमएससी में दाखिले की तिथि यथावत विवि के अधिकारियों ने बताया कि बीएससी के परिणाम पहले जारी हो गए हैं। इस वजह से एमएससी पाठ्यक्रमों में दाखिले की तिथि 30 जून यथावत रहेगी। "छात्रों को कोई परेशानी न हो, इस वजह से विवि के अध्ययन शालाओं में चलने वाले पाठ्यक्रम के लिए दाखिले की तिथि बढ़ाई गई है।" केके चंद्राकर, कुलसचिव, रविवि(दैनिक भास्कर,रायपुर,1.7.11) |
मध्यप्रदेशःजीएनटीएसटी का परीक्षा परिणाम घोषित Posted: 01 Jul 2011 05:50 AM PDT व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने जनरल नर्सिग ट्रेनिंग टेस्ट का परीक्षा परिणाम गुरुवार को घोषित कर दिया है। जीएनटीएसटी के परिणाम में जबलपुर की संध्या सिंह डेढ़ सौ में 126 अंक प्राप्त कर प्रदेश में अव्वल रही है। पहले दस स्थानों में छह पर जबलपुर का ही कब्जा रहा है। परीक्षा प्रदेश भर में 29 मई को आयोजित की गई थीं। परीक्षा में प्रदेश भर से 9367 परीक्षार्थियों ने आवेदन किया था। इसमें 8299 अभ्यार्थी सम्मलित हुए थे। |
यूपीःरिजल्ट में फिसड्डी विद्यालयों के खिलाफ शासन का कड़ा रुख Posted: 01 Jul 2011 05:30 AM PDT ज्ञान के मन्दिर में बच्चों के भविष्य तथा शिक्षा की गुणवत्ता से खिलवाड़ करने वालों विद्यालयों की अब खैर नहीं। अब ऐसे सभी विद्यालयों जिनका परीक्षाफल 20 प्रतिशत या उससे कम है को खराब रिजल्ट का कारण बताना पड़ेगा। साथ ही शासकीय विद्यालयों के प्रधानाचार्य व सम्बन्धित शिक्षकों पर कार्रवाई करते हुए वित्त विहीन की मान्यता रद कर सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों का अनुदान रोक दिया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट की परीक्षा में घटिया रिजल्ट देने वाले विद्यालयों के प्रति शासन ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। शिक्षा निदेशक ने पत्र जारी कर सभी संयुक्त शिक्षा निदेशकों व जिला विद्यालय निरीक्षकों से अपने कर्तव्यों के प्रति उदासीन व गैर जिम्मेदार प्रबन्धकों व प्रधानाचायरे को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगने के लिए कहा और जवाब संतोषजनक न होने पर सम्बन्धित लोगों के विरुद्ध कार्रवाई के सख्त निर्देश भी दिये हैं। शैक्षिक सत्र 2010-11 की बोर्ड परीक्षा में 20 प्रतिशत या उससे कम परीक्षाफल देने वाले प्रदेश के 345 शासकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त व वित्तविहीन विद्यालयों के खिलाफ शिक्षा निदेशक माध्यमिक संजय मोहन ने प्रदेश के सभी संयुक्त शिक्षा निदेशकों व जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्रांक/डी.ई./ 149-296/ 2011-12 के अन्तर्गत पत्र जारी कर रिजल्ट में फिसड्डी विद्यालयों से स्पष्टीकरण मांगने तथा संतोषजनक जवाब न मिलने पर कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। शिक्षा निदेशक के इस फरमान के बाद पूरे प्रदेश में कार्रवाई की जद में आने वाले विद्यालयों के प्रबन्धतंत्र व प्रधानाचायरे में अफरा-तफरी मची हुई है। 17 जून 2011 को जारी इस निर्देश में 30 जून तक सभी विद्यालयों पर की गयी कार्रवाई की आख्या भेजने की भी बात कही गयी थी। जिसके सापेक्ष प्रदेश के 13 राजकीय विद्यालयों के प्रधानाचायरे व अध्यापकों को कारण बताओ नोटिस जारी की जा चुकी है तथा उनसे प्राप्त स्पष्टीकरण के परीक्षण व अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रचलन में है। इसी प्रकार 42 अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों को भी नोटिस जारी कर उनसे गुणवत्ता विहीन परीक्षाफल के बारे में पूछा गया है तथा कहा गया है कि क्यों न इस लापरवाही के लिए विद्यालय के अनुदान को रोक दिया जाए। बाकी बचे 290 अशासकीय वित्तविहीन विद्यालयों को नोटिस भेजकर मान्यता प्रत्याहरण की बात कही गयी है। शासन के इस कड़े रुख के बाद सभी प्रबन्धक, प्रधानाचार्य व अध्यापकों में हड़कम्प मचा हुआ है। इस आदेश से बोर्ड परीक्षा में 20 फीसदी या उससे कम रिजल्ट देने वाले प्रदेश के 202 हाईस्कूल व 143 इण्टरमीडिएट कालेज कार्रवाई की जद में आ गये हैं। इनमें आठ हाईस्कूल व पांच इण्टरमीडिएट स्तर के शासकीय विद्यालय, अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में 28 हाईस्कूल व 14 इण्टरमीडिएट तथा अशासकीय वित्तविहीन विद्यालयों में 166 हाईस्कूल व 124 इण्टरमीडिएट कालेज शामिल हैं। पिछले कुछ वर्षो से शैक्षिक गुणवत्ता में गिरावट आयी है। खास कर यह गिरावट राजकीय विद्यालयों में ज्यादा देखी गयी है(राष्ट्रीय सहारा,रायबरेली,1.7.11)। |
छत्तीसगढ़:255 सीटों के बूते हर अस्पताल को नहीं मिलेंगे डॉक्टर Posted: 01 Jul 2011 05:10 AM PDT डॉक्टर्स डे पर यह प्रश्न अहम बन जाता है कि राज्य भर की 300 एमबीबीएस सीटें क्या पूरे छत्तीसगढ़ को डॉक्टर उपलब्ध करा पाने में सक्षम हैं। इन 300 सीटों में 15 फीसदी यानी कि 45 सीटें राज्य के बाहर के छात्रों के लिए आरक्षित है। ट्रेंड बताता है कि राज्य के बाहर के छात्र छत्तीसगढ़ में मेडिकल प्रैक्टिस नहीं करना चाहते। यह 45 सीटें हटाने के बाद हर वर्ष डॉक्टरों के निकलने का यह आंकड़ा 255 बचता है। 18 जिलों वाले इस राज्य में हर वर्ष 255 डॉक्टर नाकाफी हो रहे हैं। डॉक्टर पर्याप्त नहीं हैं इस बात की चुगली राज्य और शहर के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की खाली पड़े पद कर रहे हैं। राजधानी होने के बावजूद रायपुर में अलग-अलग स्ट्रीम के विषय विशेषज्ञ डॉक्टरों के 139 पद खाली पड़े हैं। रिक्त पदों का यह आंकड़ा वर्ष दर वर्ष घटने के बजाय बढ़ रहा है। इस परिदृश्य को यदि शहर से अलग हटकर पूरे राज्य के लिए देखें तो राज्य भर के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों के 590 और चिकित्सा अधिकारियों के 1181 पद खाली पड़े है। 80 फीसदी पद खाली सरकारी चिकित्सकों के पदों की इतनी बड़ी संख्या के खाली रह जाने की दो वजहें हैं। पहली वजह राज्य के बाहर के डॉक्टरों का राज्य में नौकरी न करना है और दूसरी बड़ी वजह डिमांड की तुलना में एमबीबीएस डॉक्टर न मिलना है। राज्य के वह जिले जो नक्सल से प्रभावित हैं वहां चिकित्सकों की हालत और भी खराब है। कई सरकारी चिकित्सालय एक भी डॉक्टर के बिना संचालित हो रहे हैं। राजधानी होन के बावजूद रायपुर में शल्य क्रिया विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञों के 80 फीसदी से अधिक पद खाली पड़े है। यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। एक साल, तीन कॉलेज, 255 डॉक्टर राज्य में एमबीबीएस का पाठ्यक्रम संचालित करने वाले तीन कॉलेज हैं। रायपुर, बिलासपुर और जगदलपुर स्थित इन कॉलेजों में कुल मिलाकर तीन सीटों हैं। जिसमें रायपुर मेडिकल कॉलेज की 150, बिलासपुर मेडिकल कॉलेज की 100 और जगदलपुर मेडिकल कॉलेज की 50 सीटें शामिल हैं। इन तीन सौ सीटों में से 15 फीसदी सीटें राज्य के बाहर के छात्रों के लिए आरक्षित है। इस प्रकार सीटों का यह आंकड़ा 255 पर बैठता है। पूरे प्रदेश में डॉक्टरों के लगभग 18 सौ पद खाली हैं। यदि पूरे के पूरे छात्र सरकारी अस्पतालों में चले भी जाते हैं तो डॉक्टरों के यह रिक्त स्थान सात साल में भरेंगे। भविष्य में घट सकते हैं और भी छात्र राज्य में पीएमटी परीक्षा कभी भी बहुत विश्वसनीय नहीं रही है। इस सत्र में लगातार दो बार पीएमटी पेपर लीक होने से इस परीक्षा की विश्वसनीयता और भी संकट में आई है। पीएमटी कोचिंग से जुड़े प्रदीप चक्रवर्ती कहते हैं कि शहर में मेडिकल के क्षेत्र में कॅरियर बनाने वाले छात्र अब पीएमटी की बजाय दूसरी मेडिकल प्रतियोगी परीक्षाओं में भागीदारी बढ़ाएंगे। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी राज्य स्तर पर विशेषज्ञ डॉक्टर पद- कार्यरत- रिक्त 833 243 590 चिकित्सा अधिकारी पद- कार्यरत -रिक्त 2365 1184 1181 शहर की स्थिति पद- कार्यरत -रिक्त 312 173 139 खंड विकास अधिकारी पद-कार्यरत-रिक्त 18 0 18 शल्य क्रिया विशेषज्ञ पद- कार्यरत- रिक्त 18 5 13 शिशु रोग विशेषज्ञ पद -कार्यरत- रिक्त 18 3 15 स्त्री रोग विशेषज्ञ पद -कार्यरत -रिक्त 18 2 16 निजी कॉलेज जल्द "सरकार राज्य में मेडिकल सीटें बढ़ाने के लिए निजी मेडिकल कॉलेजों को आमंत्रित करेगी। इसके लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप की योजना हाथ में ली जा रही है। इसके अलावा रायगढ़ में जल्द ही मेडिकल कॉलेज शुरू किया जाएगा। चिकित्सकों की कमी के लिए हम तदर्थ की नियुक्तियां कर रहे हैं।" अमर अग्रवाल, स्वास्थ्य मंत्री, छग सरकार बढ़ानी होंगी सीटें "मेडिकल छात्र कम संख्या में निकलने से खाली पदों पर नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं। राज्य के बाहर के छात्र यहां आकर कॅरियर बनाना नहीं चाहते। जब तक मेडिकल की सीटें नहीं बढ़ेंगी तब तक सरकारी अस्पतालों में पद खाली छूटते रहेंगे।" जीके सक्सेना, मुख्य चिकित्सा अधिकारी(रोहित मिश्र,दैनिक भास्कर,रायपुर,1.7.11) |
नामों में चकराई जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी Posted: 01 Jul 2011 04:50 AM PDT जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी से प्राइवेट परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा देने वाली परीक्षार्थी अब परेशान हो रही हैं। इनके घर लिफाफे तो सही पहुंचे लेकिन मार्कशीट इधर-उधर हो गई। दो परीक्षार्थियों ने किसी तरह एक-दूसरे के पते पर जाकर मार्कशीट का मिलान किया। इससे एक की सही मार्कशीट मिल गई लेकिन अब तीसरी मिले तो शायद समस्या का समाधान हो। इसका पता लेने के लिए परिजन चक्कर काट रहे हैं। डीबी स्टार टीम को सूचना मिली कि एमए प्रीवियस राजनीति विज्ञान प्राइवेट देने वाली कुछ परीक्षार्थियों को अब तक सही मार्कशीट नहीं मिली। इस पर टीम ने पड़ताल की। पता चला कि नामों की समानता के कारण यूनिवर्सिटी के कर्मचारी गच्चा खा गए। उन्होंने केवल मार्कशीट पर रेणु नाम देखा और रेणु नाम के लिफाफे में डाल दी। इस जल्दबाजी में यह ध्यान नहीं रहा कि रेणु के उपनाम, पिता और पति के नाम अलग हो सकते हैं? इस कारण रेणुलता शर्मा की मार्कशीट रेणु राठौड़ के यहां पहुंच गई। रेणु राठौड़ की मार्कशीट किसी अन्य रेणु राठौड़ के यहां चली गई। पता चला कि रेणुलता शर्मा |
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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/
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