From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/6/21
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com
भाषा,शिक्षा और रोज़गार |
- डीयू की कट-ऑफ लिस्ट
- डीयूःसेंट स्टीफंस कॉलेज में इंटरव्यू कल से
- डीयू में दाखिलाःकई कॉलेजों में सीधे तीसरी कट-ऑफ की उम्मीद
- डीयूःसाइंस और आर्ट्स में बाकी हैं मौके
- जेएनयू के ऐतिहासिक टेफ्लास पर जड़ा ताला
- डीयूःबोर्ड के टॉपर्स को भी नहीं मिला रहा डीयू में ऐडमिशन
- डीयूःकॉमर्स कोर्सेज ने बढ़ाया ईवनिंग कॉलेजों का क्रेज
- डीयूःइंग्लिश ऑनर्स की सीटें खाली, आएगी सेकंड लिस्ट
- डीयूःआउट ऑफ कैंपस में अभी खूब मौके
- महाराष्ट्रःदो विषय में फेल भी ले सकते हैं ऐडमिशन
- डीयूःखुशखबरी लाएगी सेकंड कट-ऑफ
- डीयू में दाखिलाःएससी-एसटी की तरह साइंस और कॉमर्स का भी कोटा हो
- ब्यूटी एंड कल्चर पाठ्यक्रमः
- मुंबईःस्टूडेंट्स को राहत, सरकारी स्कूलों में मिलेगा दाखिला
- राजस्थानः1 नंबर मिला तो भी इंजीनियरिंग में दाखिला
- राजस्थान बोर्ड का 10वीं का रिजल्ट: बेटियों से क्रांति इसी को कहते हैं!
- राजस्थानःप्री बीएड, प्री एमएड में भी कोई नहीं होगा फेल
- डीयू स्टूडेंट्स को विदेश यात्रा की सौगात
- दिल्लीःमदरसों के पढ़े छात्र बोल रहे फर्राटेदार अंग्रेजी
- राजस्थानःसीपीटी परीक्षा में गणित ने डाला परेशानी में
- डीटीसी की यूनिवर्सिटी स्पेशल बस सेवा आज से फिर शुरू
- उ.प्र. प्राइवेट पॉलीटेक्निक फेडरेशन की मांगःछात्रों को निजी कालेजों की सूची भी दें
- राजस्थानः02 नंबर मिले कॉपी में, 100 सत्रांक दे दिए
- रायपुरःडेंटल के 4 छात्रों के एडमिशन पर संदेह
- दिल्लीःनगरपालिका बंटवारे पर चुस्त, भर्ती पर सुस्त
Posted: 20 Jun 2011 11:29 AM PDT |
डीयूःसेंट स्टीफंस कॉलेज में इंटरव्यू कल से Posted: 20 Jun 2011 11:15 AM PDT सेंट स्टीफंस कॉलेज में दाखिले के लिए मंगलवार से इंटरव्यू का आयोजन किया जाएगा। कॉलेज के विभिन्न कोर्सो में दाखिले के लिए चार जुलाई तक इंटरव्यू चलेगा। पहले दिन इकोनॉमिक्स ऑनर्स के छात्रों को बुलाया गया है। कालेज में स्पोर्ट्स कोटे के तहत दाखिला 28 जून को होगा। सेंट स्टीफंस कॉलेज के दाखिला समिति के अध्यक्ष केएम मैथ्यू ने बताया कि 20 जून से अलग-अलग विषय के लिए छात्रों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है। इंटरव्यू के बाद दाखिले के लिए मेरिट लिस्ट लगाई जाएगी। दाखिले के लिए 12वीं के मार्क्स का 85 प्रतिशत और शेष 15 प्रतिशत के लिए इंटरव्यू को आधार बनाया जाएगा। 11 कोर्स के लिए तीन तरह से फॉर्म भरे गए थे। मेन फॉर्म, रेसिडेंट फॉर्म तथा स्पोर्ट्स फॉर्म। उन्होंने बताया कि इस बार स्पोर्ट्स ट्रायल भी कॉलेज अपने हिसाब करेगा। सेंट स्टीफंस कॉलेज में 40 प्रतिशत सीट सामान्य जाति के लिए, 40 प्रतिशत ईसाई धर्म में सामान्य जाति के लिए, 10 प्रतिशत ईसाई धर्म में एसटी के लिए सुरक्षित हैं। इसके अलावा 10 प्रतिशत सीटें एससी, एसटी एवं विकलांग छात्रों के लिए सुरक्षित की गई हैं। सेंट स्टीफंस में ओएमआर फॉर्म के अलावा ऑन लाइन फॉर्म भी भरे गए थे। कॉलेज में करीब चार सौ सीटों पर दाखिला होगा(हिंदुस्तान,दिल्ली,20.6.11)। |
डीयू में दाखिलाःकई कॉलेजों में सीधे तीसरी कट-ऑफ की उम्मीद Posted: 20 Jun 2011 11:09 AM PDT दिल्ली विश्वविद्यालय में उपलब्ध सीटों से अधिक संख्या में दाखिले ने कॉलेजों की परेशानी बढ़ा दी है। ऐसे में कई कॉलेजों में दूसरी कटऑफ की संभावना कम हो गई है। उम्मीद है कि इन कॉलेजों में सीधे तीसरा कटऑफ निकाली जाएगी। दाखिले के लिए छात्रों की असली भागमभाग दूसरी कटऑफ आने के बाद मचेगी क्योंकि ज्यादातर छात्रों ने पहली कटऑफ के बाद किसी न किसी कॉलेज में अपनी सीट रिजर्व करा ली है। सीटों से अधिक दाखिला देने वाले कॉलेजों का कहना है इस स्थिति में दूसरे कटऑफ की लिस्ट निकलने की उम्मीद कम हो गई है। अब तीसरे कटऑफ के समय ही अगली लिस्ट निकाली जाएगी। किरोड़ीमल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. भीम सेन सिंह का कहना है कि पहली कटऑफ में कई विषयों में सीटों से अधिक दाखिले हो चुके हैं जबकि अभी सोमवार का दिन शेष है। इन विषयों में दूसरी कटऑफ की संभावना कम ही है। ऐसे में अगर छात्र दूसरी कटऑफ के बाद फीस वापस कर अन्य कॉलेज में दाखिला लेते हैं और सीटें शेष बचती हैं तभी तीसरे कटऑफ की संभावना बन सकेगी। हिंदू कॉलेज के प्राचार्य प्रो. विनय श्रीवास्तव ने इस संबंध में बताया कि उनके कॉलेज में बीकॉम की 62 सीटें पर 143 छात्रों का दाखिला हुआ है। इसी तरह से इकोनॉमिक्स ऑनर्स में 54 सीटों पर 68 दाखिले हुए हैं। इन आंकड़ों को देखते हुए कुछ विषयों में दूसरे कटऑफ की उम्मीद कम है(हिंदुस्तान,दिल्ली,20.6.11)। |
डीयूःसाइंस और आर्ट्स में बाकी हैं मौके Posted: 20 Jun 2011 10:45 AM PDT डीयू के अधिकतर कॉलेजों में सबसे ज्यादा सीटें कॉमर्स संकाय में भरी हैं। साउथ कैंपस से लेकर नार्थ कैंपस, यहां तक आउट ऑफ कैंपस के कॉलेजों में भी कामर्स का जलवा है। लेकिन साइंस के अधिकतर कोर्सों में अभी सीटें नहीं भरी जा सकी हैं। ऐसे में साइंस छात्रों के लिए दूसरी कटऑफ खुशखबरी ला सकती है। दिल्ली विश्वविद्यालय में कॉमर्स संकाय के कई कोर्सो में दूसरी कटऑफ आना मुश्किल है। कॉमर्स संकाय के कई अहम कोर्सो में पहली कटऑफ में ही सीटें भर गई हैं। अब कॉलेज सोमवार को दाखिला रद्द हो जाने की स्थिति से निपटने के लिए दाखिला करेंगे। वहीं साइंस और आर्ट्स में अभी कई मौके बाकी हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय में पहली कटऑफ में सबसे ज्यादा क्रेज कॉमर्स का रहा है। डीयू के अधिकतर कॉलेजों में सबसे ज्यादा सीटें कॉमर्स संकाय में भरी हैं। साउथ कैंपस से लेकर नार्थ कैंपस, यहां तक आउट ऑफ कैंपस के कॉलेजों में भी कामर्स का जलवा है। दौलत राम कॉलेज में इकोनॉमिक्स ऑनर्स, बीकॉम ऑनर्स, बीकॉम पास में सभी सीटें फुल हो चुकी हैं। कॉलेज की प्रचार्या डा. सुषमा टंडन का कहना है कि कामर्स संकाय में अधिकतर कोर्सो में दूसरी कटऑफ नहीं आएगी। सबसे ज्यादा दाखिले भी कामर्स संकाय में किए गए हैं। पहली कटऑफ के बाद सबसे कम मौके इसी संकाय में रहेंगे। आउट ऑफ कैंपस कॉलेजों में से एक दयाल सिंह कॉलेज में तो सिर्फ कामर्स संकाय की सीटें ही पूरी तरह भरी जा सकी हैं। दाखिला लेने वाले अधिकतर छात्र कामर्स संकाय के हैं। दयाल सिंह के प्रचार्य आईएस बक्शी का कहना है कि इस साल कामर्स की डिमांड सबसे ज्यादा है। हमारे कॉलेज में मैथ्स ऑनर्स, बीकॉम, बीकॉम ऑनर्स, इकोनॉमिक्स ऑनर्स में दूसरी कटऑफ की उम्मीद न के बराबर है। लेकिन अभी भी कई अहम कोर्सो में दस से भी कम दाखिले हो पाए हैं। दूसरे नंबर पर है आर्ट्स संकाय वहीं दाखिलों के मामले में बीए दूसरे नंबर पर रहा है। दिल्ली विश्वविद्यालय के कई प्रसिद्ध कॉलेजों में बीए की सीटें तो भर गई लेकिन छात्रों के पास अभी भी कई विकल्प मौजूद होंगे। नार्थ कैंपस के अधिकतर कॉलेजों में आर्ट्स संकाय के कई कोर्सो की सीटें अभी पूरी नहीं हुई हैं। ऐसे में दूसरी कटऑफ कई मौके लाएगी। कम अंक हासिल करने वाले ज्यादातर छात्रों को उम्मीद है कि आर्ट्स के किसी न किसी कॉलेज में दाखिला मिल ही जाएगा(हिंदुस्तान,दिल्ली,20.6.11) |
जेएनयू के ऐतिहासिक टेफ्लास पर जड़ा ताला Posted: 20 Jun 2011 10:30 AM PDT छात्र आंदोलनों के माध्यम से सीताराम येचुरी, प्रकाश करात, अशोक तंवर, दिग्विजय सिंह, निर्मला सीतारमण जैसे राष्ट्रीय स्तर के राजनेताओं की जमात खड़ी करने वाले जेएनयू की वर्तमान स्थिति यह है कि अब छात्र संगठनों को छात्रसंघ भवन में भी स्वछंद प्रवेश की इजाजत नहीं रही। जेएनयू प्रशासन ने छात्र आंदोलनों की नर्सरी व लाल दुर्ग के नाम से मशहूर छात्रसंघ भवन टेफ्लास पर अपना ताला जड़ दिया है। किसी भी छात्र अथवा संगठन को यहां बिना अनुमति बैठक, सभा या अन्य गतिविधियों के संचालन की अनुमति नहीं होगी। इसके पूर्व प्रशासन द्वारा छात्रसंघ के लिए प्रतिवर्ष जारी होने वाले फंड को भी बंद कर दिया गया था और छात्रों के प्रतिनिधित्व वाली जेंडर सेंसटाइजेशन कमेटी अगेंस्ट सेक्सुअल हरासमेंट (जीएसकैश), लिट्रेरी क्लब, ड्रामा क्लब, नेचर एंड वाइल्ड लाइफ क्लब आदि के चुनाव पर भी पाबंदी लगा दी थी। बीते चुनाव के दौरान लिंगदोह समिति की सिफारिशें न मानने के कारण अदालत द्वारा लगी रोक के बाद से भंग चल रहे छात्रसंघ की अनुपस्थिति के बाद प्रशासन ने संगठनों से एकजुट होकर विचार-विमर्श करने का अधिकार भी छीन लिया है। अब टेफ्लास पर दिनभर ताला लटका होगा और इसकी चाबी विश्वविद्यालय प्रशासन की जेब में होगी। ताला प्रशासन की इच्छा पर निश्चित समय के लिए ही खुलेगा और समयावधि के बाद बंद कर दिया जाएगा। प्रशासन ने शुक्रवार को इस बाबत अधिसूचना जारी की। छात्र कल्याण विभाग के डीन प्रो. वीके जैन के मुताबिक अब टेफ्लास में भी अनुमति के बाद ही किसी तरह की बैठक आयोजित की जा सकेगी। मालूम हो कि हाल ही में प्रशासन द्वारा परिसर में बेवरेज के नाम पर कार्बोरेटेड शीतल पेय पदार्थो व डिब्बा बंद खाद्य व पेय पदार्थो की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था(अविनाश चंद्र,दैनिक जागरण,दिल्ली,20.6.11)। |
डीयूःबोर्ड के टॉपर्स को भी नहीं मिला रहा डीयू में ऐडमिशन Posted: 20 Jun 2011 10:15 AM PDT दिल्ली के टॉपर्स को अपने मनचाहे ऐडमिशन नहीं मिल पा रहा है। मजबूरन उन्हें दूसरे कॉलेजों में ऐडमिशन लेना पड़ रहा है। ये स्टूडेंट्स दिल्ली में कॉमर्स के टॉपर हैं और इनका एग्रीगेट स्कोर 97.6 है और बेस्ट ऑफ फोर 98 पर्सेंट तक है, बावजूद इसके इन स्टूडेंट्स के लिए एसआरसीसी में इकनॉमिक्स ऑनर्स कोर्स में एंट्री के रास्ते बंद हैं। ऐसे में दो टॉपर्स ने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) में ऐडमिशन लिया और एक टॉपर ने लेडी श्रीराम कॉलेज (एलएसआर) में इको ऑनर्स में ऐडमिशन लिया। टॉपर्स का कहना है कि इकनॉमिक्स ऑनर्स कोर्स में साइंस व ह्यूमैनिटीज स्ट्रीम के स्टूडेंट्स का कम पर्सेंटेज पर ऐडमिशन होता है जबकि दिल्ली में टॉप करने के बाद भी एसआरसीसी में उनके लिए इस कोर्स में एंट्री नहीं है। दरअसल, इको ऑनर्स कोर्स के लिए एसआरसीसी ने जो कट ऑफ तय की है, उसके मुताबिक ह्यूमैनिटीज ग्रुप के स्टूडेंट्स को 95.25 पर ऐडमिशन मिल रहा है जबकि साइंस स्टूडेंट्स को 96.25 और कॉमर्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स को 98.25 पर्सेंट पर ऐडमिशन मिल रहा है। कॉमर्स स्ट्रीम के टॉपर विशाल दीवान का बेस्ट ऑफ फोर 98 पर्सेंट है और उन्होंने एसआरसीसी में बीकॉम ऑनर्स कोर्स में ऐडमिशन लिया है, इको ऑनर्स कोर्स के लिए उनके नंबर 0.25 पर्सेंट कम हैं। विशाल का कहना है कि अगर इको ऑनर्स कोर्स में भी ऑप्शन होता तो वह सोचते कि दोनों कोर्स में से कौन सा चुनना है लेकिन अब वह बीकॉम ऑनर्स ही पढ़ेंगे। उनका कहना है कि एसआरसीसी ही उनकी पहली पसंद था और पहले दिन ही उन्होंने ऐडमिशन ले लिया है। हाई कट के सवाल पर वह कहते हैं कि जब इकनॉमिक्स ऑनर्स कोर्स में साइंस स्टूडेंट्स को कॉमर्स स्टूडेंट्स से ज्यादा वेटेज मिल रही है तो बीकॉम ऑनर्स में अगर कॉमर्स स्टूडेंट्स को प्राथमिकता दी जा रही है तो इसमें गलत कुछ नहीं है। विशाल का कहना है कि साइंस स्टूडेंट्स के पास तो ऑप्शन की कोई कमी नहीं है और वे कॉमर्स में भी शिफ्ट कर जाते हैं लेकिन कॉमर्स के स्टूडेंट्स के पास तो बीकॉम ऑनर्स कोर्स ही बचता है और उन्हें तो इको ऑनर्स कोर्स में भी फायदा नहीं मिलता। बीकॉम ऑनर्स में एसआरसीसी की 96-100 पर्सेंट कट ऑफ का समर्थन करते हुए विशाल कहते हैं कि कम से कम बीकॉम ऑनर्स कोर्स में तो कॉमर्स स्टूडेंट्स को वेटेज मिलनी ही चाहिए। विशाल ने सेंट स्टीफंस कॉलेज में इकनॉमिक्स ऑनर्स कोर्स में भी अप्लाई किया है लेकिन उनकी पहली पसंद एसआरसीसी ही है। विशाल ने इंग्लिश में 95, इकनॉमिक्स में 96, मैथ्स में 100, बिजनेस स्टडीज में 99 और अकाउंट्स में 98 मार्क्स हासिल किए हैं। कॉमर्स स्ट्रीम के दूसरे टॉपर चिन्मय गोयल के बेस्ट ऑफ फोर में 97.75 पर्सेंट मार्क्स हैं और उन्होंने भी एसआरसीसी में बीकॉम ऑनर्स कोर्स में ऐडमिशन ले लिया है। एसआरसीसी में इको ऑनर्स कोर्स के लिए उनके मार्क्स 0.50 पर्सेंट कम हैं। चिन्मय का कहना है कि उन्हें बीकॉम ऑनर्स और इको ऑनर्स कोर्स को लेकर कन्फ्यूजन था लेकिन अब उन्होंने बीकॉम ऑनर्स ही करने का फैसला लिया है क्योंकि एसआरसीसी में जनरल कैटिगरी के लिए इको ऑनर्स की सेकंड कट ऑफ आनी मुश्किल है। हाई कट ऑफ के सवाल पर वह कहते हैं कि एसआरसीसी ने स्टूडेंट्स के मार्क्स को देखकर ही यह कट ऑफ जारी की है और बीकॉम ऑनर्स कोर्स में अगर नॉन कॉमर्स स्टूडेंट्स की कट ऑफ ज्यादा है तो इसमें गलत क्या है क्योंकि इको ऑनर्स कोर्स में साइंस स्टूडेंट्स को वेटेज मिल रही है। चिन्मय ने इंग्लिश में 92, इकनॉमिक्स में 97, मैथ्स में 100, बिजनेस स्टडीज में 99 और अकाउंट्स में 100 मार्क्स हासिल किए हैं। कॉमर्स की टॉपर उर्मि उप्पल चाहती हैं कि उनका ऐडमिशन एसआरसीसी में इको ऑनर्स कोर्स में हो। वह दिल्ली की टॉपर हैं लेकिन एसआरसीसी में इको ऑनर्स कोर्स में ऐडमिशन नहीं हो पा रहा है क्योंकि उनका बेस्ट ऑफ फोर 97.75 है और कॉमर्स के स्टूडेंट्स को यहां पर इको ऑनर्स में 98.25 पर ऐडमिशन मिल रहा है। उर्मि ने अब एलएसआर में इको ऑनर्स कोर्स में ऐडमिशन ले लिया है और उनका सेंट स्टीफंस कॉलेज में इंटरव्यू है। अगर सेंट स्टीफंस में मौका मिलता है तो वह इस कॉलेज में ऐडमिशन लेने के बारे में भी सोच रही हैं। वहीं एक्सपर्ट का कहना है कि कॉलेजों का क्राइटेरिया ही ऐसा है कि टॉपर्स को भी ऑप्शन नहीं मिल पा रहे हैं। एक्सपर्ट यह भी सवाल उठा रहे हैं कि इकनॉमिक्स ऑनर्स कोर्स में साइंस स्टूडेंट्स को कॉमर्स स्टूडेंट्स से ज्यादा वेटेज क्यों दी जा रही है। उर्मि ने इंग्लिश में 95, इकनॉमिक्स में 97, मैथ्स में 100, बिजनस स्टडीज में 98 और अकाउंटस में 98 मार्क्स हासिल किए हैं(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,18.6.11)। |
डीयूःकॉमर्स कोर्सेज ने बढ़ाया ईवनिंग कॉलेजों का क्रेज Posted: 20 Jun 2011 10:00 AM PDT वक्त के साथ सोच को बदलते रहना चाहिए। अगर आप भी डीयू के ईवनिंग कॉलेजों को कम करके आंकते हैं तो आपके लिए एक ब्रेकिंग न्यूज है, डीयू के ईंवनिंग कॉलेजों का क्रेज भी लगातार बढ़ रहा है। डीयू में बीकॉम ऑनर्स और बीकॉम कोर्स सबसे ज्यादा पॉपुलर हैं और सभी ईवनिंग कॉलेजों में ये दोनों कोर्स पढ़ाए जाते हैं। यही वजह है कि इस बार ईंवनिंग कॉलेजों की कट ऑफ भी काफी हाई गई है। ईवनिंग कॉलेज कई स्टूडेंट्स की र्फस्ट चॉइस भी रहते हैं। डीयू के ईवनिंग कॉलेजों (जिन्हें ऑफ्टरनून कॉलेज कहना ज्यादा ठीक रहेगा) में भी अब एडमिशन के लिए मारामारी देखने को मिल रही है। दरअसल यहां भी पॉपुलर बीकॉम ऑनर्स और बीकॉम कोर्स पढ़ाए जा रहे हैं और इन दोनों कोसेर्स में एडमिशन के लिए कड़ा मुकाबला होने के चलते ईवनिंग कॉलेजों की भी डिमांड बढ़ रही है। इनमें शाम को 4 बजे से क्लासेज शुरू नहीं होती बल्कि दोपहर 1 बजे शुरू होती है। कई ईवनिंग कॉलेज अब मॉर्निंग कॉलेजों में भी बदल रहे हैं। देव नगर में भी खालसा ईवनिंग था लेकिन अब यह मॉर्निंग कॉलेज हो गया है जिसका नाम श्री गुरु नानक देव खालसा कॉलेज रखा गया है। इसी तरह से देशबंधु ईवनिंग कॉलेज का नाम बदलकर रामानुजन कॉलेज रख दिया गया है और अगले साल से इस कॉलेज में भी मॉर्निंग क्लासेज शुरू हो जाएंगी। रामानुजन कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एस. पी. अग्रवाल का कहना है कि इस साल तो क्लासेज दोपहर डेढ़ बजे से ही शुरू होंगी लेकिन अगले साल से कॉलेज में सुबह से क्लासेज होंगी। उन्होंने कहा कि कॉलेज की बिल्डिंग का नया प्लान तैयार है और मॉनिर्ंग में क्लासेज शुरू करने के लिए टेंपरेरी स्ट्रक्चर बनाया जाएगा। फर्स्ट चॉइस भी बन रहा है ईवनिंग दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक मल्होत्रा का कहना है कि ऐसे स्टूडेंट्स की कमी नहीं है, जिनकी र्फस्ट चॉइस ईवनिंग कॉलेज हैं। कॉमर्स कोसेर्ज करने वाले स्टूडेंट्स ग्रैजुएशन के साथ-साथ दूसरे कोर्स भी करना चाहते हैं। ऐसे स्टूडेंट्स के पास ईवनिंग कॉलेज के रूप में बेहतर ऑप्शन होता है। इसके अलावा जो स्टूडेंट्स कॉमर्स कोसेर्ज में ही एडमिशन लेना चाहते हैं और उनका मॉर्निंग में एडमिशन नहीं हो पाता, वे भी ईवनिंग कॉलेजों में आ रहे हैं। डॉ. मल्होत्रा ने बताया कि इनका रिजल्ट बहुत से मॉर्निंग कॉलेजों से काफी बेहतर रहता है। दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स में र्फस्ट क्लास हासिल करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या काफी ज्यादा है। इसके अलावा यूनिवसिर्टी टॉपर्स में भी यहां के स्टूडेंट्स होते हैं। टॉप स्कूलों के स्टूडेंट्स इन कॉलेजों में आ रहे हैं, र्गल्स का नंबर बढ़ रहा है, कट ऑफ में भी अच्छा-खासा उछाल देखने को मिला है। खास बात यह है कि अब इन कॉलेजों की टाइमिंग भी स्टूडंेट्स को भा रही है। आफ्टरनून में ही क्लासेज शुरू हो जाती हैं। इन कॉलेजों में साइंस के सब्जेक्ट नहीं होते लेकिन कॉमर्स में तो हाई कट ऑफ लिस्ट देखने को मिल रही है। ईवनिंग कॉलेजों में डीपीएस, मॉडर्न, सेंट कोलंबस जैसे टॉप स्कूलों के स्टूडेंट्स भी एडमिशन ले रहे हैं। ईवनिंग कॉलेजों में कट ऑफ ईवनिंग कॉलेजों की कट ऑफ भी बढ़ रही है। इस साल दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स की पहली कट ऑफ 83-88 और बीकॉम की कट ऑफ 80-85 है। शहीद भगत सिंह ईवनिंग कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स की कट ऑफ 86-89 है। जाकिर हुसैन ईवनिंग कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स की कट ऑफ 87-92 तक गई है। मोती लाल नेहरू ईवनिंग कॉलेज ने बीकॉम ऑनर्स की कट ऑफ 86-94 पर्सेंट पर तय की है। गर्ल्स की संख्या बढ़ रही है ईवनिंग कॉलेजों में अब र्गल्स की संख्या हर साल बढ़ रही है। प्रिंसिपलों का कहना है कि ईवनिंग कॉलेजों की प्रोग्रेस में र्गल्स स्टूडेंट्स का अहम रोल है। चाहे ऐकडेमिक रिजल्ट हो या फिर कल्चरल एक्टिविटी, हर फील्ड में यहां की र्गल्स स्टूडेंट्स डीयू में अपना नाम कमा रही हैं। दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज में कुल 1600 स्टूडेंट्स हैं, जिनमें से 700 र्गल्स हैं। कॉलेज में र्गल्स की संख्या 40 पर्सेंट तक पहुंच गई है जबकि पहले यह संख्या बहुत कम थी। ईवनिंग कॉलेजों में इंफ्रास्ट्रक्चर में भी सुधार हो रहा है। दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज पहले शाम 6 बजे, फिर 4 बजे और अब 1 बजे से शुरू हो जाता है। डीयू के ईवनिंग कॉलेजों में कुछ साल पहले तक र्गल्स एडमिशन लेने से कतराती थी, क्लासेज देर से शुरू होना तो एक कारण था ही साथ ही सिक्युरिटी की भी प्रॉब्लम थी। लेकिन ईवनिंग कॉलेजों ने गर्ल्स स्टूडेंट्स के लिए जहां कॉलेज की टाइमिंग आफ्टरनून में कर दी वहीं उन्हें एडमिशन में भी 3 से 5 पर्सेंट की छूट देनी शुरू की। इन चेंज से ट्रेंड भी बदला और अब हर ईवनिंग कॉलेज में हर साल र्गल्स की संख्या औसतन 5 पर्सेंट तक बढ़ रही है। कॉलेजों में 35 से 50 पर्सेंट तक र्गल्स है। कितने कॉलेज हैं ईवनिंग में रामानुजन कॉलेज (पहले देशबंधु ईवनिंग कॉलेज), दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज, पीजीडीएवी ईवनिंग कॉलेज, रामलाल आनंद ईवनिंग कॉलेज, शहीद भगत सिंह ईवनिंंग कॉलेज, श्याम लाल ईवनिंग कॉलेज, सत्यवती ईवनिंग कॉलेज, श्री अरविंदो ईवनिंग कॉलेज, जाकिर हुसैन ईवनिंग कॉलेज, मोतीलाल नेहरू ईवनिंग कॉलेज(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,18.6.11)। |
डीयूःइंग्लिश ऑनर्स की सीटें खाली, आएगी सेकंड लिस्ट Posted: 20 Jun 2011 09:45 AM PDT डीयू में केट के आधार पर बीए ऑनर्स (इंग्लिश) में एडमिशन ले रहे 21 कॉलेजों की सेकंड लिस्ट आने के पूरे चांस हैं। इसकी वजह यह है कि इस बार केट का पेपर काफी टफ था और हाई स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स ज्यादा नहीं है। ऐसे में फर्स्ट लिस्ट के आधार पर कॉलेजों में इंग्लिश ऑनर्स की काफी सीटें बची हैं और सेकंड लिस्ट में 5 पर्सेंट तक की कमी आ सकती है। शहीद भगत सिंह कॉलेज में केट स्कोर के बेस पर पहली लिस्ट को 73 पर्सेंट पर रोक दिया गया था। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. बी. सी. सहगल ने बताया कि पहले तीन दिन में फर्स्ट लिस्ट के आधार पर 7 एडमिशन हुए हैं और सीटों की संख्या 46 है। फर्स्ट लिस्ट के आधार पर सोमवार को एडमिशन का लास्ट डे है। उनका कहना है कि सेकंड लिस्ट में 3 से 5 पर्सेंट तक की कमी आ सकती है। शहीद भगत सिंह कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स और इकनॉमिक्स ऑनर्स कोर्स में तो बहुत ज्यादा एडमिशन हो गए हैं, लेकिन इंग्लिश ऑनर्स कोर्स में एडमिशन की रफ्तार काफी धीमी है। किरोड़ीमल कॉलेज ने इंग्लिश ऑनर्स में केट की पहली लिस्ट 78 पर्सेंट तय की है। कॉलेज में एडमिशन प्रोसेस से जुडे़ सीनियर असिस्टेंट अजय अग्रवाल ने बताया कि जनरल कैटिगरी की 22 सीटों में से 11 पर एडमिशन हुए हैं और सेकंड लिस्ट आने के पूरे चांस हैं। शिवाजी कॉलेज की पहली लिस्ट 64 पर्सेंट थी। कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. शशि निझावन के मुताबिक, कट ऑफ में 1 से 2 पर्सेंट तक की कमी की जा सकती है। भारती कॉलेज में सेकंड लिस्ट 2 पर्सेंट की कमी के साथ आ सकती है। लेडी श्रीराम कॉलेज, सत्यवती ईवनिंग कॉलेज, जाकिर हुसैन कॉलेज (मॉर्निंग व ईवनिंग) में भी इंग्लिश ऑनर्स की सेकंड लिस्ट आएगी। वहीं जिन कॉलेजों में 12वीं के मार्क्स के बेस पर इंग्लिश ऑनर्स कोर्स में एडमिशन हो रहा है, वहां एडमिशन काफी स्पीड से हो रहे हैं। मसलन खालसा कॉलेज और मोतीलाल नेहरू कॉलेज में इंग्लिश ऑनर्स के लिए तय सीटों से ज्यादा एडमिशन हो गए हैं। केट के बेस पर 21 कॉलेजों में इंग्लिश ऑनर्स कोर्स में एडमिशन होना है। बाकी 25 कॉलेजों में 12वीं के मार्क्स के बेस पर एडमिशन होता है। केट में जनरल कैटिगरी में 6,060 स्टूडेंट्स ने क्वालीफाई किया है और ओबीसी कैटिगरी में 654 स्टूडेंट्स क्वॉलिफाइंग लिस्ट में शामिल हैं। पिछले साल टॉप करने वाले स्टूडेंट्स ने 92 पर्सेंट से ज्यादा स्कोर किया था, वहीं इस बार एक ही स्टूडेंट ने 90 प्लस स्कोर किया है। 88-89 तक केट स्कोर पाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या 6 है। इसी तरह केट में 86 से ज्यादा स्कोर पाने वाले छह स्टूडेंट्स हैं। 82-83 तक केट स्कोर पाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या 18 है। खास बात यह रही कि कई स्टूडेंट्स ऐसे थे, जिनका सीबीएसई का स्कोर 95 प्लस था, लेकिन केट का स्कोर 69-70 तक ही रह गया। सीबीएसई के बोर्ड एग्जाम में हाई स्कोर पाने वाले कई स्टूडेंट्स केट एग्जाम में नहीं चल पाए और उनका केट स्कोर 70 से भी कम रहा है(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,20.6.1)। दैनिक जागरण की रिपोर्टः डीयू की दूसरी कट ऑफ में आउट ऑफ कैंपस कॉलेजों में दो फीसदी और कैंपस के कॉलेजों में 0.25 से एक फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। खास बात है कि आउट ऑफ कैंपस कॉलेजों में अंग्रेजी ऑनर्स में कैट से दाखिला लेने वालों के लिए राह और आसान होने जा रही है। ये कॉलेज अपनी कट ऑफ में तीन से पांच फीसदी तक की गिरावट करने जा रहे हैं। भगत सिंह कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बीसी सहगल बताते हैं कि उनके कॉलेज में उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा व अन्य राज्यों के छात्रों की संख्या काफी रहती है। बीए प्रोग्राम, इतिहास और हिंदी ऑनर्स कोर्स के लिए दूसरी कट ऑफ आएगी, जिसमें दो फीसदी तक की गिरावट तय है, जबकि अंग्रेजी ऑनर्स में चार फीसदी तक गिरावट होगी। उन्होंने बताया कि सामान्य श्रेणी में लगभग सारी सीटें फुल हो चुकी हैं। पहली कट ऑफ में ओबीसी की कट ऑफ सामान्य श्रेणी के छात्रों से पांच फीसदी कम रखी गई थी, जिसका अंतर दो फीसदी घटाकर दूसरी कट ऑफ में सात फीसदी किया जाएगा। कॉलेज में करीब 900 सीटें हैं और बीकॉम व बीकॉम ऑनर्स में दोगुने से अधिक दाखिले हो चुके हैं। अभी दाखिले के लिए सोमवार का दिन बाकी है। विवेकानंद कॉलेज की प्राचार्य डॉ. रेणु साहनी बताती हैं कि उनके कॉलेज में गाजियाबाद, कानपुर, बरेली की छात्राएं अधिक आ रही हैं। कॉलेज के सभी कोर्सो में करीब 650 सीटें हैं और 225 दाखिले हो चुके हैं। दूसरी कट ऑफ में एक फीसदी तक की गिरावट आएगी। बाकी सोमवार को कॉलेज की दाखिला कमेटी निर्णय लेगी। क्योंकि बीकॉम ऑनर्स, बीए प्रोग्राम फ्रेंस, इलेक्टिव अंग्रेजी में करीब-करीब दाखिले पूरे हो चुके हैं। अन्य कोर्सो में भी करीब 50 फीसदी दाखिले हो चुके हैं। अरविंदो कॉलेज के प्राचार्य डॉ. हरिओम ने बताया कि उनके यहां करीब 850 सीटें हैं और 200 सीटों पर दाखिले हो चुके हैं। दूसरी कट ऑफ में दो फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। सत्यवती सांध्य कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सतेंद्र कुमार जोशी ने बताया कि उनके यहां करीब 800 सीटें हैं, जिनमें से सवा सौ सीटों पर दाखिले हो चुके हैं। कट ऑफ में एक से दो फीसदी की गिरावट आएगी। लेकिन अंग्रेजी ऑनर्स में पांच फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। दयाल सिंह कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आइएस बक्शी ने बताया कि उनके यहां 1406 सीटों में से करीब 600 सीटों पर दाखिले हो चुके हैं। जिसमें कॉमर्स की सीटें तकरीबन भर चुकी हैं। अन्य कोर्सो के लिए निकलने वाली दूसरी कट ऑफ में दो फीसदी तक की गिरावट आएगी। कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज के प्राचार्य डॉ. इंद्रजीत ने बताया कि उनके यहां कॉमर्स, कंप्यूटर साइंस और इतिहास ऑनर्स में सामान्य श्रेणी के छात्रों की सीटें तकरीबन फुल हो चुकी हैं। ओबीसी के लिए दूसरी कट ऑफ में 10 फीसदी तक गिरावट की जाएगी। जबकि कॉलेज के सात वोकेशनल कोर्सो में दाखिले के लिए एक फीसदी तक कट ऑफ गिरेगी। अभी 800 सीटों पर 260 दाखिले हुए हैं। |
डीयूःआउट ऑफ कैंपस में अभी खूब मौके Posted: 20 Jun 2011 09:30 AM PDT आउट ऑफ कैंपस के काफी कॉलेजों में सभी कोर्स के एडमिशन ओपन रहेंगे। रामलाल आनंद कॉलेज में 600 सीटों में से अभी 171 एडमिशन हुए हैं। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. विजय कुमार शर्मा का कहना है कि बीकॉम ऑनर्स में 2 पर्सेंट तक की कमी हो सकती है और हर कोर्स की सेकंड लिस्ट आएगी। दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज में जनरल कैटिगरी के लिए बीकॉम ऑनर्स की सेकंड लिस्ट तो नहीं आएगी़ लेकिन बाकी सभी कोसेर्ज जैसे बीकॉम, इंग्लिश ऑनर्स, पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स, बीए प्रोग्राम में अभी सीटें बची हुई हैं। दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज में बीकॉम की सेकंड लिस्ट 79-84 पर्सेंट तक रह सकती है। सत्यवती कॉलेज में भी हर कोर्स में एडमिशन होंगे। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एस. इस्लाम के मुताबिक, बीकॉम ऑनर्स और बीकॉम में 1-1 पर्सेंट की कमी होगी। दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज में भी स्टूडेंट्स को हर कोर्स में मौका मिलेगा। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एस. के. गर्ग का कहना है कि बीकॉम ऑनर्स और इंग्लिश ऑनर्स में 1-1 पर्सेंट की कमी हो सकती है, जबकि फिजिक्स व केमिस्ट्री ऑनर्स में 2-2 पर्सेंट तक की कमी की जाएगी। कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज में बीए वोकेशनल कोर्स के ऑप्शन ओपन रहेंगे और 1-2 पर्सेंट तक लिस्ट डाउन होगी। मोतीलाल नेहरू कॉलेज में हिस्ट्री ऑनर्स व इंग्लिश ऑनर्स को छोड़कर बाकी सभी कोसेर्ज में एडमिशन खुले रहने की उम्मीद है(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,20.6.11)। |
महाराष्ट्रःदो विषय में फेल भी ले सकते हैं ऐडमिशन Posted: 20 Jun 2011 09:15 AM PDT अगर आप एक या दो विषय में फेल हैं, तो भी यह पढ़ाई का अंत नहीं है। 1.75 लाख स्टूडेंट्स राज्य में ऐसे हैं, जो एक या दो विषयों में फेल हैं। एटीकेटी की सुविधा के चलते वे सभी ऑनलाइन ऐडमिशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री राजेंद्र दर्डा के अनुसार, 'फिर भी उन्हें हर हाल में अक्टूबर एग्जाम में पास होना होगा। अगर वे फेल रहे, तो एफवाईजेसी एग्जाम नहीं दे पाएंगे।' गौरतलब है, सफलता की चमक के बीच, मुंबई के 1,752 स्कूलों का परिणाम 30 प्रतिशत से भी कम रहा। शिक्षा विभाग ने कहा है कि वह अब इन स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के बारे में विचार कर रहा है। 511 स्कूलों के परिणाम 100 प्रतिशत बेस्ट फाइव और स्पोर्ट्स कोटे ने इस साल भी कमाल जारी रखा। मुंबई के 511 स्कूलों ने सफलता को अपने सबसे बेहतरीन रूप में चखा है। हालांकि इनमें से कई में बहुत ही कम संख्या में छात्र थे। बेस्ट परफॉर्मेंस वाले कुछ स्कूल ये रहे- ठाकुर विद्या मंदिर कांदिवली पूर्व के ठाकुर विद्या मंदिर का रिजल्ट 100 प्रतिशत रहा है। लगातार दस वर्षों से 100 प्रतिशत रिजल्ट देनेवाला यह स्कूल संभवत: मुंबई का अकेला स्कूल है। स्कूल का सर्वोच्च 96 प्रतिशत रहा और 62 बच्चों को 90 प्रतिशत से अधिक अंक मिले। हंसराज मोरारजी पब्लिक स्कूल पिछले कई सालों से स्कूल का परिणाम 100 फीसदी आता रहा है। स्कूल का सर्वोच्च 94 प्रतिशत रहा और 45 को ऑनर्स मिला। श्री दयानंद विद्यालय कांदिवली के ही श्री दयानंद विद्यालय इंग्लिश स्कूल ने भी सौ प्रतिशत सफलता दर्ज की है। आर्य समाज माटुंगा द्वारा संचालित इस स्कूल की एक अन्य शाखा दयानंद बालिका विद्यालय माटुंगा का परिणाम भी सौ प्रतिशत आया। साकेत विद्यामंदिर इंग्लिश हाईस्कूल 99 प्रतिशत रिजल्ट के साथ कल्याण का यह स्कूल भी कामयाबी की इबारत लिखने में कामयाब रहा। सेंट मैरी स्कूल हाल में शिक्षा विभाग द्वारा बंद किए जाने का नोटिस दिए जाने के कारण चर्चा में रहे सेंट मैरी स्कूल ने भी 100 प्रतिशत रिजल्ट पेश किया। 127 स्कूल फेल मुंबई के 127 स्कूलों ने एक अलग तरह का कीर्तिमान बनाया। इन स्कूलों में एक भी छात्र पास नहीं हुआ। डम ऐंड डेफ स्कूल के सभी 17 पास मझगांव के गूंगे - बहरों के स्कूल के सभी 17 छात्र पास हो गए। (नवभारत टाइम्स,मुंबई,19.6.11) |
डीयूःखुशखबरी लाएगी सेकंड कट-ऑफ Posted: 20 Jun 2011 09:03 AM PDT फर्स्ट कट ऑफ लिस्ट के एडमिशन का आज आखिरी दिन है और अब स्टूडेंट्स को इंतजार है मंगलवार को जारी होने वाली दूसरी लिस्ट का। हालांकि कुछ कॉलेजों में बीकॉम आनर्स के लिए एडमिशन पूरे हो चुके हैं, लेकिन राहत की बात यह है कि पहले झटके में एडमिशन नहीं करा सके स्टूडेंट्स के पास सेकंड लिस्ट में ऑप्शन की कोई कमी नहीं होगी। बीकॉम ऑनर्स व इकनॉमिक्स ऑनर्स जैसे पॉपुलर कोसेर्ज में भी उनके लिए काफी कॉलेजों के दरवाजे खुले रहेंगे।कैंपस के एसआरसीसी व हिंदू कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स की सेकंड लिस्ट आने के चांस नहीं हैं लेकिन किरोड़ीमल कॉलेज, हंसराज कॉलेज, रामजस कॉलेज के अलावा साउथ कैंपस के पॉपुलर कॉलेज माने जाने वाले श्री वेंकटेश्वर कॉलेज, लेडी श्री राम कॉलेज, कमला नेहरू कॉलेज, गार्गी कॉलेज में कॉमर्स कोर्सेज समेत ज्यादातर कोर्सेज में एडमिशन ओपन रहेंगे। कॉमर्स कोर्सेज की कट ऑफ 1 से 2 पर्सेंट तक डाउन जाएगी, वहीं दूसरे कोर्सेज की कट ऑफ में 4 से 5 पर्सेंट तक की कमी हो सकती है। खास बात यह है कि एलएसआर समेत कई कॉलेजों में सभी कोसेर्ज की सेकंड लिस्ट आ रही है और स्टूडेंट्स के लिए सेकंड लिस्ट राहत देने वाली होगी। कहां ओपन कहां क्लोज्डएसआरसीसी में बीकॉम ऑनर्स कोर्स में जनरल कैटिगरी की 252 सीट हैं और 398 एडमिशन हो गए हैं जबकि इकनॉमिक्स ऑनर्स में जनरल की 62 सीटों पर 70 एडमिशन हुए हैं। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. पी. सी. जैन का कहना है कि जनरल कैटिगरी में बीकॉम ऑनर्स की तो सेकंड लिस्ट नहीं आएगी लेकिन इको ऑनर्स में लिस्ट आ सकती है। इस कोर्स में साइंस के स्टूडेंट्स भी बड़ी संख्या में एडमिशन लेते हैं जो इंजीनियरिंग कोसेर्ज में शिफ्ट हो सकते हैं, ऐसे में कॉलेज इको ऑनर्स में 0.25 पर्सेंट की कमी के साथ सेकंड लिस्ट ला सकता है। हंसराज कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स की सेकंड लिस्ट आ सकती है। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. वी. के. क्वात्रा ने बताया कि फिजिक्स ऑनर्स व केमिस्ट्री ऑनर्स की सेकंड लिस्ट 1 से 2 पर्सेंट की कमी के साथ आएगी। लेकिन कंप्यूटर साइंस ऑनर्स व इंग्लिश ऑनर्स की सेकंड लिस्ट आने के चांस नहीं है। हिंदू कॉलेज में फिजिक्स व केमिस्ट्री ऑनर्स की सेकंड लिस्ट आएगी। वहीं बीकॉम ऑनर्स में हिंदू कॉलेज एडमिशन क्लोज्ड का बोर्ड लगा सकता है क्योंकि इस कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स की 62 सीटों पर 143 एडमिशन हो गए हैं। खालसा कॉलेज में भी बीकॉम ऑनर्स कोर्स ओपन रहेगा। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. जसविंदर सिंह का कहना है कि इंग्लिश ऑनर्स, इकनॉमिक्स ऑनर्स, जूलॉजी आनर्स व मैथ्स ऑनर्स में तो ज्यादा एडमिशन हो गए हैं लेकिन बीकॉम ऑनर्स, बीकॉम व इकनॉमिक्स ऑनर्स में एडमिशन सेकंड लिस्ट में भी होंगे। किरोड़ीमल कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स, बीकॉम कोर्स में स्टूडेंट्स के पास फुल चांस रहेंगे जबकि इस कॉलेज में फिजिक्स ऑनर्स व केमिस्ट्री ऑनर्स क्लोज्ड हो सकते हैं। लेडी श्रीराम कॉलेज में सभी कोसेर्ज में सेकंड लिस्ट आएगी। गागीर् कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स, बीकॉम, फिजिक्स ऑनर्स, केमिस्ट्री ऑनर्स, इंग्लिश ऑनर्स की सेकंड लिस्ट आने की पूरी संभावना है। कमला नेहरू कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स, इंग्लिश ऑनर्स, हिंदी ऑनर्स, इकनॉमिक्स ऑनर्स, फिलॉस्फी ऑनर्स, संस्कृत ऑनर्स सभी में सेकंड लिस्ट में एडमिशन होंगे और कट ऑफ में 1 से 3 पर्सेंट तक की गिरावट हो सकती है। श्री वेंकटेश्वर कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स व बीकॉम में एडमिशन ओपन रहेंगे(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,20.6.11)। दैनिक जागरण की रिपोर्टः पहली कट ऑफ में सोमवार को भी दाखिले होंगे। जिन छात्रों का नंबर इसमें नहीं आया है, उनके लिए मंगलवार को दूसरी कट ऑफ जारी की जाएगी। जिसमें ओबीसी छात्रों के लिए काफी गिरावट आएगी। गत वर्ष कई कॉलेजों ने सामान्य की तुलना में ओबीसी छात्रों के लिए 10 फीसदी से अधिक कट ऑफ डाउन की थी। इसलिए घबराएं नहीं, मंगलवार को आने वाली दूसरी कट ऑफ को ध्यान से देखें, जिसके बाद तीन कट ऑफ लिस्ट और आएंगी। छात्र और अभिभावक इस बात का ध्यान रखें, कि जिस दिन कट ऑफ जारी होगी, उस दिन कॉलेज में दाखिला फीस जमा नहीं होती। हर कट ऑफ के बाद छात्रों को दाखिला फीस जमा कराने के लिए चार दिन का समय दिया जाएगा। यह जानकारी बहादुरशाह जफर मार्ग, प्यारे लाल भवन स्थित दैनिक जागरण कार्यालय में दयाल सिंह कॉलेज में राजनीति विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. मणिभूषण ने दी। उन्होंने रविवार को जागरण की टेलीफोन हेल्पलाइन पर कट ऑफ के बाद क्या? विषय पर छात्र और अभिभावकों की उलझनें सुलझाई। पलवल, हरियाणा से कृष्णा ने पूछा कि उसके 96.8 फीसदी अंक हैं। मेरे लिए कौन सा कॉलेज बेहतर रहेगा? जिस पर डॉ. मणि भूषण ने बताया कि लेडी श्रीराम कॉलेज आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है, लेकिन सोमवार को हर हाल में दाखिला ले लो। दूसरी कट ऑफ लिस्ट में अगर अंक प्रतिशत गिर गया तो पहली कट ऑफ में नंबर आने के कारण दूसरी में दाखिला नहीं मिलेगा। दीपक, रवि, आदित्य, अंकित, राजेशपाल, अक्षय, रजत, राजेश, सुमित, शिवानी, संगीता, जतिन, विशाल, मेघा, विक्रम, श्रद्धा, प्रदीप, दीपाली, वैशाली, अजय, संदीप, बृजेश, राहुल, सुभाष, पंकज आदि को डॉ. मणिभूषण ने बताया कि कॉलेज का चयन घर के नजदीक ही करें। इससे समय की बचत होगी, क्योंकि अब कॉलेजों में कक्षा उपस्थिति के भी अंक मिलते हैं। उन्होंने एससी/एसटी छात्रों को बताया कि अगर डीयू में दाखिला रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, तो सामान्य श्रेणी के छात्रों की कट ऑफ के तहत ही उन्हें दाखिला मिलेगा। छात्रों को दाखिले के अलावा अन्य आरक्षित श्रेणी के छात्रों को मिलने वाले सारे लाभ मिलेंगे। जिसके लिए छात्र को दाखिले के समय कॉलेज को जातिप्रमाण पत्र के साथ सूचित भी करना होगा। करीब डेढ़ घंटे की हेल्पलाइन काउंसिलिंग में डॉ. मणिभूषण ने 54 फोन कॉल्स अटेंड की। |
डीयू में दाखिलाःएससी-एसटी की तरह साइंस और कॉमर्स का भी कोटा हो Posted: 20 Jun 2011 08:45 AM PDT एक वक्त था जब आर्ट्स और कॉमर्स कोसेर्ज के मुकाबले साइंस कोसेर्ज की काफी ज्यादा डिमांड होती थी लेकिन अब वक्त बदल चुका है। खासकर डीयू में तो कॉमर्स कोसेर्ज के क्रेज ने साइंस को पीछे छोड़ दिया है। काफी स्टूडेंट्स ऐसे होते हैं जो साइंस से 12वीं करने के बाद बीकॉम ऑनर्स में एडमिशन लेना पसंद करते हैं। 12वीं में आमतौर पर साइंस स्ट्रीम के ज्यादा मार्क्स होते हैं इस वजह से कॉमर्स बैकग्राउंड वाले कई स्टूडेंट्स बीकॉम ऑनर्स में एडमिशन की रेस में पिछड़ जाते हैं। इस मुद्दे पर दोनों स्ट्रीम के स्टूडेंट्स से बात की हिना नंदा ने : कॉमर्स स्टूडेंट्स 12 वीं में साइंस लेने वालेस्टूडेंट्स को हर तरफ से फायदा है। वह गन्ैजुएशन कॉमर्स स्ट्रीम से भी कर सकते हैं और साइंस से भी पर हम सिर्फ कॉमर्स स्ट्रीम में ही एडमिशन ले सकते है। पहले से ही आधी से ज्यादा सीटें भर जाने की वजह से मुझे इंग्लिश ऑनर्स का एंट्रेंस एग्जाम देना पड़ा जिसमें मेरी अच्छी रैंक नहीं आई। अब मैं डीयू में एडमिशन लेने की जगह किसी दूसरी यूनिवसिर्टी में एडमिशन लेने की तैयारी कर रही हूं। मेरे ख्याल से एससी-एसटी की जगह सरकार को साइंस और कॉमर्स का कोटा लगाना चाहिए। - हंसिका चोपड़ा मेरे ख्याल से तो यह स्टूडेंट्स के अपने इंट्रेस्ट लेवल पर डिपेंड करता है। उनकी वजह से हम जैसे कॉमर्स स्टूडेंट्स को सीटें मिलने में परेशानी होती है। साइंस स्टूडेंट्स साइंस स्ट्रीम में रहकर भी अपना करियर बना सकते हैं पर हम कॉमर्स वाले पीछे रह जाते हैं। जो सीटें हमारी हैं उन पर साइंस वाले आकर एडमिशन ले लेते हैं। इसमें हम कुछ नहीं कर सकते डीयू का प्रोसेस ही ऐसा है कि जिसके नंबर ज्यादा हैं वहीं आगे रहेगा। यह तो बस मार्क्स और किस्मत का खेल है। हमारे हाथ में कुछ भी नहीं हैं। - गरिमा साइंस स्टूडेंट्स मैं एक साइंस स्टूडेंट हूं। मेरे मॉर्क्स कम आए हैं और र्फस्ट कट ऑफ कुछ ज्यादा ही हाई गई है। इस वजह से मैं सांइस स्ट्रीम में एडमिशन नहीं ले पा रही। इसलिए अब मैं इको ऑनर्स, पॉलिटिकल ऑनर्स या इंग्लिश ऑनर्स में एडमिशन लेने की कोशिश करूंगी। करियर के हिसाब से यह भी बहुत अच्छे कोर्स है। मैं मानती हूं कि यह कॉमर्स के स्टूडेंट्स के लिए अच्छा नहीं है पर अब कर भी क्या सकते हैं, यहां जो चीज मैटर करती है वो है मार्क्स। - कनन मैं इस बात को सपोर्ट नहीं करती कि स्टूडेंट्स अपनी साइंस स्ट्रीम को छोड़कर कॉमर्स में एडमिशन लेते हैं। उन्हें सब्जेक्ट की बेसिक जानकारी तो होती नहीं है और उन्हें नई शुरूआत करनी पड़ती है। जो लोग पहले से इस सब्जेक्ट को अच्छे से जानते हैं, उन्हें वह सब्जेक्ट पढ़ने का मौका नहीं मिलता। नए लोग सब्जेक्ट को देरी से समझ पाते हैं। अगर साइंस स्ट्रीम में एडमिशन न मिले तो कॉमर्स में स्विच करने की जगह उन्हें वह अगले साल तक वेट करना चाहिए या कहीं और एडमिशन लेना चाहिए। - रितिका(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,20.6.11) |
Posted: 20 Jun 2011 08:32 AM PDT वह दौर कब का बीत चुका जब सिर्फ पढ़ाई करके ही करियर बनाया जा सकता था। आज करियर बनाने के बहुत से ऑप्शंस स्टूडेंट के पास हैं। भले ही आपके 12वीं में कम मार्क्स आए हों लेकिन अगर आप अपने में छिपे टैलंट को पहचानते हैं तो आपके लिए एक से एक बेहतरीन ऑप्शंस मौजूद हैं। ऐसा ही एक ऑप्शन है ब्यूटी एंड कल्चर का कोर्स। किनके लिए हैं बेस्ट : यह कोर्स सिर्फ लड़कियों तक सीमित नहीं हैं, इस कोर्स को करके लड़के भी अपना करियर बना सकते हैं। इस कोर्स को करने के बाद अलग-अलग फील्ड में एक्सपर्ट भी बना जा सकता है। अगर आप अपनी स्किन, बालों और मेकअप स्टाइल का बारीकी से ध्यान रखते हैं और दूसरे भी आपके इनके बारे में राय लेते रहते हैं तो समझिए कि आपमें एक ब्यूटी एक्सपर्ट छिपा है। इस कोर्स को करने के लिए आपके बहुत ज्यादा मार्क्स होने जरूरी नहीं हैं। बस आपमें मेकअप को लेकर अच्छा सेंस होना चाहिए। कुछ नया करने की चाह रखने वालों के लिए भी यह कोर्स बेस्ट हैं। स्कोप : इस कोर्स को करने के बाद आप ब्यूटी एक्सपर्ट बन सकते हैं। अगर जॉब करने का ज्यादा मूड नहीं हैं तो अपना पार्लर खोलकर भी करियर बनाया जा सकता है। इसके लिए बाहर जाने की जरूरत भी नहीं हैं। एक बार आपका नाम इस फील्ड में पॉपुलर होने क |
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Palash Biswas
Pl Read:
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