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Wednesday, June 29, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



---------- Forwarded message ----------
From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/6/28
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


राष्ट्रीय सर्वेक्षण बताएगा उच्च शिक्षा की सही तस्वीर

Posted: 27 Jun 2011 11:29 AM PDT

सरकार देश में उच्च शिक्षा की मौजूदा स्थिति का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय सव्रेक्षण करा रही है। इसके तहत शिक्षकों, गैर शिक्षण कर्मचारियों, पाठ्यक्र मों, संस्थागत सुविधाओं एवं विभागों की शैक्षणिक एवं वित्तीय स्थिति आदि के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। मंत्रालय ने सव्रेक्षण का दायित्व राष्ट्रीय शैक्षणिक योजना एवं प्रशासन विविद्यालय (एनयूईपीए) को सौंपा है। मंत्रालय को उच्च शिक्षा की स्थिति के बारे में विसनीय जानकारी और आंकड़ों के अभाव में विभिन्न योजनाओं पर अमल के मार्ग में बाधा आ रही है। निजी क्षेत्रों के अधिक संख्या में आने के बाद उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सकल नामांकन दर क्या है, इसके बारे में उपयुक्त जानकारी का अभाव है। इसी आलोक में उच्च शिक्षा की स्थिति का आकलन करने के लिए सव्रेक्षण कराने का फैसला किया गया है। सव्रेक्षण में जिन संस्थाओं का विस्तृत आंकड़ा जुटाया जा रहा है, उनमें विविद्यालय, डीम्ड विविद्यालय, राष्ट्रीय महत्व के संस्थान, सभी तकनीकी, सामान्य एवं पेशेवर संस्थान, पॉलीटेक्निक, औद्योगिकी संस्थान के बारे में जानकारी शामिल है। इन संस्थाओं में मेडिकल, इंजीनियरिंग, फाम्रेसी, विधि, प्रबंधन समेत अन्य संस्थान शामिल हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अतिरिक्त सचिव (उच्च शिक्षा) सुनील कुमार की अध्यक्षता में एक कार्यबल का गठन किया है। इसमें यूजीसी, एआईसीटीई, एमसीआई, विविद्यालय, राज्य उच्च शिक्षा विभाग आदि के प्रतिनिधि शामिल हैं। इस सव्रेक्षण कार्य को एक वर्ष में पूरा करने की योजना है। इस कवायद के तहत विविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विविद्यालयों एवं कालेजों से इस वर्ष जुलाई तक अपने अपने संस्थाओं की शैक्षणिक स्थिति से संबंधित ब्यौरा तैयार करने को कहा है, ताकि उच्च शिक्षा पर राष्ट्रीय सव्रेक्षण कार्य को समय पर पूरा किया जा सके। एक बार बुनियादी जानकारी एकत्र हो जाने के बाद उसे प्रत्येक वर्ष उन्नत किया जाएगा(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,27.6.11)।

चिकित्सा शिक्षा को एनसीएचईआर में लाने का मुद्दा सुलझा

Posted: 27 Jun 2011 11:15 AM PDT

मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि चिकित्सा शिक्षा को प्रस्तावित राष्ट्रीय उच्च शिक्षा एवं शोध आयोग (एनसीएचईआर) में शामिल करने का मुद्दा 'सुलझ' गया है। एनसीएचईआर, यूजीसी, एआईसीटीई और दूरस्थ शिक्षा आयोग जैसे मौजूदा नियामक निकायों को एक करके बनाया जाने वाला निकाय है। सिब्बल ने मीडिया को बताया, 'हमने इस मुद्दे का समाधान कर लिया है। अब वह मंत्रिमंडल में जाएगा और उसके बाद संसद में रखा जाएगा।' चिकित्सा शिक्षा को लेकर मानव संसाधन विकास और स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच दो साल पहले टकराव शुरू हुआ था इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय इस मुद्दे के समाधान के लिए बीच में आया था। स्वास्थ्य मंत्रालय का तर्क था कि चूंकि चिकित्सा शिक्षा स्वास्थ्य से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं में आती है, इसलिए इसे प्रस्तावित राष्ट्रीय मानव संसाधन स्वास्थ्य आयोग (नेशनल कमीशन ऑन ह्यूमन रिसोर्स फॉर हेल्थ) के दायरे में लाया जाना चाहिए। सिब्बल ने कहा कि उच्च शिक्षा में सुधार से जुड़े सभी 13 से 14 विधेयक संसद के मानसून सत्र में रखे जाएंगे। उन्होंने दिल्ली विविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्र मों में इस साल 100 फीसद कट ऑफ होने को भी 'अस्वीकार्य' बताते हुए कहा कि वह इस बारे में विविद्यालय और अन्य संस्थानों से बातचीत कर रहे हैं, ताकि दाखिलों के लिए 'और तार्किक तंत्र'विकसित किया जा सके(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,27.6.11)।

सीमा बलों में अधिकारी पदों पर होगी महिलाओं की नियुक्ति

Posted: 27 Jun 2011 11:00 AM PDT

सरकार ने देश की उत्तरी सीमा पर तैनात बलों में महिला अधिकारियों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है और इस तरह महिलाओं के लिए नए अवसर के द्वार खुले हैं। अभी तक देश की सीमा की चौकसी में लगे केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में महिलाएं सिर्फ कांस्टेबल के पदों पर तैनात थीं। सरकार की ओर से अधिसूचित नए नियमों के तहत अब महिलाओं के लिए सशस्त्र सीमा बल में सहायक कमांडेंट के पद पर नियुक्ति के लिए द्वार खुले हैं। सशस्त्र सीमा बल नेपाल और भूटान से लगी भारतीय सीमाओं की रक्षा करता है। अर्धसैनिक बल में कार्य कर चुकीं एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा-''सीमा की सुरक्षा करने वाले बलों में महिला अधिकारी न सिर्फ महिला इकाइयों की बल्कि पुरुष इकाइयों की कमान रखेंगी और यह ऐतिहासिक होगा।''सहायक कमांडेंट का पद सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ और एसएसबी जैसे केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में अधिकारियों के लिए प्रवेश स्तर का पद है और उनकी नियुक्ति अखिल भारतीय लिखित परीक्षा से होती है जबकि साक्षात्कार का संचालन यूपीएससी करता है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,27.6.11)।

धोखाधड़ी की शिक्षा

Posted: 27 Jun 2011 10:30 AM PDT

जिस देश में फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र से किसी का बीमा दावा प्राप्त किया जा सके, फर्जी सनदों से किसी की सम्पत्ति हड़पी जा सके और प्रभावित लोग अपने जिंदा होने का प्रमाणपत्र लेकर स्वयं के हक-ओ-हुकूक के लिए विभिन्न महकमों से लेकर कोर्ट-कचहरी के धक्के खाते फिरें, अवैध ढंग से 'मृत' घोषित ऐसे लोगों को संघ बनाकर आंदोलन करना पड़े, वहां किसी तरह का फर्जी कार्य अब अचरज की बात नहीं है। फिर भी कई विसंगतियों के बावजूद फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिये दिल्ली विविद्यालय में आरक्षित कोटे से प्रवेश दिलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश होना कई प्रश्न खड़े करता है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, वे प्रवेश में असफल सामान्य श्रेणी के छात्रों को ओबीसी/अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र उपलब्ध करवा कर उन्हें किसी भी स्नातक पाठय़क्रम में प्रवेश दिलाते थे। शुरुआती जांच में ऐसे दर्जनभर छात्रों का पता चला है जिन्होंने इस गिरोह की मदद से प्रवेश में सफलता पायी। इस कार्य के लिए यह गिरोह छात्रों से भारी राशि वसूलता था। हालांकि फर्जी सनदों के आधार पर प्रवेश पा लेना नयी बात नहीं है। कई संस्थानों में इस तरह की खबरें आती रही हैं। हाल ही में फर्जी प्रशिक्षण प्रमाणपत्र के आधार पर हवाई जहाज तक उड़ाने वाले पायलटों का मामला सामने आ चुका है। हकीकत क्या है, यह शायद पता न चल सके, पर देश के मौजूदा सेनाध्यक्ष की जन्मतिथि में घालमेल का मामला अभी जांच के घेरे में ही है। दिल्ली विविद्यालय देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित विविद्यालयों में है। इस विविद्यालय या इसके किसी कॉलेज के किसी संकाय में प्रवेश पाना देश में किसी छात्र के लिए गौरवपूर्ण बात समझी जाती है। आम मान्यता है कि बहुत मेधावी व प्रतिभासम्पन्न छात्र ही इस विविद्यालय में प्रवेश पाते हैं। हाल ही में इसी विशिष्टता के कारण जब इस विविद्यालय के कुछ शीर्ष कॉलेजों में शत-प्रतिशत अंक पाने वाले को ही पहले कट ऑफ में प्रवेश सूची में स्थान पाने की बात आयी तो बहुत होहल्ला हुआ। बहरहाल, फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिये प्रवेश दिलाने का कारोबार संस्था के सम्बंधित लोगों की मिलीभगत बिना नामुमकिन लगता है, क्योंकि आज क्रॉस-चेक की अनेक सुविधाएं उपलब्ध हैं। इन्हें इतनी प्रतिष्ठित संस्था ने सुनिश्चित क्यों नहीं किया? लेकिन इससे भी बड़ा सवाल यह है कि जब एक तरफ देश विकास की अनेक मंजिलें बनाता जा रहा है, उस दौर में किसी एक या ऐसी संस्थाओं को ऐसी हैसियत क्यों मिल जाती है कि वे लोगों में किसी भी तरह से प्रवेश पाने का आत्मघाती जज्बा भर दें? यह भी अहम है कि हम कब तक राजनीतिक हितों के लिए आरक्षण के नाम पर देश के लोगों को ऐसी झूठी प्रतिस्पर्धा के लिए होमते रहेंगे? वक्त आ गया है कि इस पर सम्यक ढंग से विहित विचार विमर्श हो(राष्ट्रीय सहारा,27.6.11)।

यूपीःसहायता प्राप्त स्कूलों को भी अब मिल सकेगा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान का लाभ

Posted: 27 Jun 2011 10:10 AM PDT

राजकीय विद्यालयों के साथ ही अब सहायता प्राप्त विद्यालयों को भी राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान का लाभ प्राप्त हो सकेगा। सहायता प्राप्त विद्यालयों में इस अभियान को लागू करने के लिए केन्द्र सरकार से सिफारिश की गयी है। माध्यमिक शिक्षक संघ की गोष्ठी में यह जानकारी देते हुए निदेशक माध्यमिक शिक्षा संजय मोहन ने यूपी बोर्ड की परीक्षाओं पर चिन्ता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष यूपी बोर्ड में हाई स्कूल व इण्टरमीडिएट की परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन होने से सुधार अवश्य हुआ है लेकिन एलटी ग्रेड की शिक्षिकाओं की भर्ती में मात्र दस फीसद लड़कियां ही यूपी बोर्ड की चुनी गयीं है। बाकी सभी अन्य बोडरे से चुनी गयी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में निशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने के लिएविद्यालयों से कह दिया गया है लेकिन ऐसी स्थिति में विद्यालय के संचालन में दिक्कतें उपत्पन्न होंगी। इस आर्थिक दिक्कत को दूर करने के लिए शासनस्तर पर विचार-विमर्श किया जा रहा है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,27.6.11)।

यूपीः35 फीसद अभ्यर्थियों ने पीसीएस(प्री) परीक्षा छोड़ी

Posted: 27 Jun 2011 09:50 AM PDT

सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा की प्रारम्भिक परीक्षा रविवार को शान्तिपूर्वक सम्पन्न हो गयी। परीक्षा में 65 प्रतिशत परीक्षार्थियों ने ही भाग लिया। केन्द्रों पर शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के लिए प्रशासन के अधिकारियों सहित ड्यूटी पर लगाये गये अन्य अधिकारी चक्कर लगाते रहे। परीक्षा के बाद उत्तर पत्रक को इलाहाबाद स्थित लोक सेवा आयोग के कार्यालय भेज दिया गया है। परीक्षा के नोडल अधिकारी व अपर जिलाधिकारी नगर पूर्वी रमाकान्त पाण्डेय ने बताया कि पीसीएस प्री की यह परीक्षा जिले के 35 केन्द्रों पर सम्पन्न हुई। इसमें 19114 परीक्षार्थियों को भाग लेना था। परीक्षा दो सत्रों में सम्पन्न हुई। इसमें पहली पॉली प्रात: 9.30 बजे से 11.30 बजे तक होगी। इसमें वैकल्पिक विषय की परीक्षा ली गयी। इसी तरह सामान्य अध्ययन की परीक्षा दूसरी पॉली में अपराह्न 2.30 बजे से सायं 4.30 बजे तक सम्पन्न हुई। उन्होंने बताया कि परीक्षा को शान्तिपूर्ण निपटाने के लिए पर्यवेक्षक, समन्वयी पर्यवेक्षक, अतिरिक्त पर्यवेक्षक, सहायक पर्यवेक्षक, निरीक्षण पर्यवेक्षक, परीक्षा सहायक, अतिरिक्त पर्यवेक्षक, नोडल अधिकारी व परीक्षा सहायक नियुक्त किये गये थे। लोक सेवा आयोग के अनुसचिव राधेलाल ने बताया कि दोनों पॉलियों की परीक्षा में 65 प्रतिशत परीक्षार्थियों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि इस परीक्षा में 19114 परीक्षार्थियों में 12256 परीक्षार्थियों ने भाग लिया और शेष ने परीक्षा छोड़ दी। परीक्षा के बाद दोनों पॉली के उत्तर पत्रकों को इलाहाबाद स्थित आयोग के मुख्यालय भेज दिया गया है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,27.6.11)।

पिम्स को एफिलिएशन का इंतजार, इंस्पेक्शन पूरी

Posted: 27 Jun 2011 09:30 AM PDT

एमबीबीएस कोर्स की 150 सीटें अलाट होने के बाद अब पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पिम्स) को बाबा फरीद मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी से एफिलिएशन का इंतजार है। इस संबंध में बीते दिनों बाबा फरीद यूनिवर्सिटी और पंजाब मेडिकल साइंसेज की टीमें इंस्पेक्शन कर चुकी हैं। पिम्स में मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया की इंस्पेक्शन के बाद दो और इंस्पेक्शन पूरी हो चुकी हैं।


बीएफयू के साथ एफिलिएटेड होने के बाद पिम्स में कोर्स शुरू हो सकेगा। इस बार होने वाले पीएमईटी टेस्ट में पिम्स की सीटों के लिए छात्र आवेदन कर सकेंगे। पिम्स प्रबंधन अंदरूनी तौर पर सभी तैयारी भी कर चुका है। बीते शनिवार को बीएफयू से पांच लोगों की टीम ने इंस्पेक्शन की। उन्होंने अस्पताल का दौरा किया और सभी तरह के उपकरणों, ओपीडी, आईपीडी और स्टाफ की अच्छी तरह से जांच की। ये इंस्पेक्शन पूरा दिन चली।

पिम्स सूत्र बताते हैं कि इस टीम ने कोई भी कमी नहीं निकाली है और जल्द ही पिम्स को एफिलिएशन का सर्टिफिकेट मिल सकता है। इसके बाद बीते दिनों 24 जून को पंजाब मेडिकल कौंसिल की टीम ने भी इंस्पेक्शन की। उन्होंने भी स्टाफ और डॉक्टरों की डिग्रियों की जांच की और उनकी रजिस्ट्रेशन भी जांची(दैनिक भास्कर,जालंधर,27.6.11)।

छायांकन में करिअर

Posted: 27 Jun 2011 09:00 AM PDT

फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए करिअर की अपार संभावनाएं हैं। मीडिया, ब्लॉग और मैग्जीन के अलावा वेडिंग फोटोग्राफर से लेकर वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर तक कुछ भी कर सकते हैं।

अगर आपको कैमरे से बेहद लगाव है, फोटो खिंचवाने से ज्यादा आप खींचना पसंद करते हैं तो अपने इस शौक को पेशे में बदलकर करिअर की नई राहें तलाश सकते हैं । हर क्षेत्र में जो नई शाखाएं निकली हैं और जो उनकी उपशाखाएं विकसित हुई हैं उस लिहाज से फोटोग्राफर, फोटो जर्नलिस्ट की संभावनाएं बढ़ गई हैं। मीडिया अब प्रिंट से विकसित होकर टीवी, मैग्जीन, ब्लॉग में तबदील हो गया है । हर क्षेत्र में आप अपनी रुचि के हिसाब से अपने लिए नई संभावनाएं तलाश सकते हैं । वेडिंग फोटोग्राफर से लेकर वाइल्ड लाइफ, ट्रेवल किसी भी क्षेत्र में आप अपना करियर चुन सकते हैं ।

योग्ताएं

१२वीं के बाद आप फोटोग्राफी का कोर्स कर सकते हैं । यह आपकी रुचि पर निर्भर करता है कि आप इसे पार्ट टाइम डिप्लोमा या फिर फुल टाइम डिग्री के साथ करना चाहते हैं । बता दें कि फाइन आर्ट्स में बैचलर डिग्री लेने वाले छात्रों के लिए ऑप्शनल विषय के तौर पर फोटोग्राफी सिखाई जाती है। एक अच्छे फोटोग्राफर बनने के लिए जरूरी है कि आपको कैमरे, लेंस की अच्छी जानकारी हो । इसी के साथ आपके हाथों और आंखों के बीच अच्छी तारतम्यता होनी चाहिए। आपमें फोटो सेंस होनी चाहिए। आपको यह समझ होनी चाहिए कि आपका क्लाइंट आपसे क्या मांग रहा है । साथ ही कंप्यूटर के साथ फोटोशॉप आदि की भी जानकारी आपके लिए जरूरी है ।


संभावनाएं

बतौर फोटोग्राफर आप एक अच्छी शुरुआत कर सकते हैं । जरूरी नहीं कि आपके पास डिग्री या डिप्लोमा हो लेकिन अगर कोई डिग्री है तो वह आपके काम की गुणवत्ता को बढ़ा देती है । शुरुआत में आप फ्रीलांस काम कर सकते हैं। एक बार पकड़ होने के बाद आप चाहें तो अपनी रुचि के हिसाब से किसी मीडिया संस्थान, ब्लॉग, पत्रिका आदि से फोटो जर्नलिस्ट के रूप में जुड़ सकते हैं ।

संस्थान 

- एकेडमी फॉर फोटोग्राफी एक्सीलेंस, ६०, बसंत लोक, कम्यूनिटी सेंटर, नई दिल्ली-११००५७

- बैंगलोर स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड फोटोग्राफी, बैंग्लुरु-५६००५२

- त्रिवेणी कला संगम, तानसेन मार्ग, नई दिल्ली(पूजा,नई दुनिया,दिल्ली,27.6.11)।

डांस में करिअर

Posted: 27 Jun 2011 08:30 AM PDT

कम मार्क्स आए हैं तो टेंशन लेने की जरूरत नहीं, अपनी हॉबी से भी करियर बनाया जा सकता है। अगर डांस करना आपको पसंद है तो इस फील्ड में भी करियर बनाया जा सकता है। अच्छे और ट्रेंड डांसर के पास आज काम की कोई कमी नहीं है। अच्छे पैसे के साथ नाम और शोहरत भी कमाई जा सकती है।

किनके लिए है बेस्ट : ऐसे युवा जिनके लिए डांस जुनून है उनके लिए यह बेस्ट ऑप्शन है। हालांकि इस फील्ड में करियर बनाने के लिए काफी पेशंस और मेहनत की जरूरत होती है लेकिन इनसे भी ज्यादा जरूरी है डांसर बनने का जज्बा। एक बार फैसला करके पीछे न हटने वालों के लिए यह कोर्स बना है। पढ़ाई से साथ-साथ डांस इंस्टिट्यूट जॉइन करके इस फील्ड में अच्छा करियर बनाया सकता है।


स्कोप : डांस की हॉबी को करियर बनाने से आपके सामने कई करियर ऑप्शन खुल जाते हैं। एक बार परफेक्शन आने के बाद आप डांस टीचर भी बन सकते हैं। कोयोर्ग्राफर बनने का भी एक अच्छा ऑप्शन रहता है। एक्सपीरियंस होने के बाद खुद का इंस्टिट्यूट भी खोला जा सकता है। एक कामयाब डांसर के तौर पर ख्याति भी पाई जा सकती है। इसके साथ ही आजकल इतने डांस शो आने लगे हैं कि इनमें भी किस्मत आजमाई जा सकती है। आजकल ऐसे कई चेहरे देखने को मिल जाते हैं, जिन्होंने इन्हीं शोज के जरिए अपना करियर बनाया है। 

कहां से करें : डांस की काफी फॉर्म होती हैं और अलग-अलग तरह के डांस में स्पेशलाइजेशन के लिए अलग-अलग इंस्टिट्यूट्स मौजद हैं। इनमें से हैं शामक डाबर और एश्ले लोबो डांस एकेडमी। इसके साथ ही अगर क्लासिकल डांस में करियर बनाना चाहते हैं तो ,साहित्य कला अकादमी, ललित कला अकादमी जैसी जगहों से डांस सीखकर करियर बनाया जा सकता है। डांस एक कला है और इस कला को सीखने के लिए आपको ज्यादा पैसे खर्च करने की भी जरूरत नहीं है(शिल्पी भारद्वाज,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,27.6.11)। 

दिल्ली में है पीएमटी कांड का मास्टर माइंड

Posted: 27 Jun 2011 08:10 AM PDT

पीएमटी कांड का मास्टर माइंड संजय उर्फ संतोष सिंह के दिल्ली में छिपे होने के संकेत हैं। रायपुर-बिलासपुर पुलिस को उसके दिल्ली के ठिकानों के पते और मोबाइल नंबर मिले हैं।

पुलिस की टीमें उसका पता लगाने के लिए एक-दो दिनों में दिल्ली रवाना होगी। पीएमटी पर्चाकांड का पर्दाफाश संजय के पकड़े जाने के बाद होगा। उसके बाद ही यह पता चलेगा कि पर्चा लीक करने वालों में कौन-कौन शामिल हैं?

अफसरों के मुताबिक अभी इस कांड को लेकर केवल कयास लगाए जा रहे हैं। संजय से पूछताछ के बाद सारी स्थिति स्पष्ट होगी कि आखिर उसने प्रिंटिंग प्रेस से पर्चे उड़ाए या ट्रेजरी से। प्रश्नपत्र छपने के बाद जब प्रिंटिंग प्रेस से परीक्षा सेंटर तक पहुंचाए जा रहे थे, तब क्या हुआ? इसका राज भी वही खोल सकता है।

व्यापमं द्वारा पीएमटी आयोजित करने का पूरा सिस्टम समझने के बाद अब पुलिस संजय को पकड़ने में पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है। पुलिस को संजय के दिल्ली के निवास का पता भी चल गया है। उसके दिल्ली वाले मोबाइल नंबर बंद हैं। पुलिस मोबाइल नंबर का डिटेल निकलवा रही है। उससे यह पता चल जाएगा कि उसने किस-किस से बात की है।


उन लोगों का नंबर मिलने के बाद पुलिस उनसे संजय के छिपने की जगह के बारे में मालूम करेगी। क्राइम ब्रांच की एक टीम आगरा रवाना होने वाली है। अफसरों का कहना है कि प्रिंटिंग प्रेस में पीएमटी जैसे गोपनीय दस्तावेज छापने के सिस्टम की पूरी जानकारी ली जाएगी। 

यह देखा जाएगा कि पर्चे छापने के दौरान कैसी सावधानी बरती जाती है। पीएमटी के पर्चे की छपायी के दौरान कौन-कौन कर्मी मौजूद रहे थे।उनकी जानकारी ली जाएगी।आवश्यकता पड़ने पर उनसे पूछताछ भी होगी। प्रिंटिंग प्रेस के संचालकों से पर्चो की छपायी के बाद सेंटरों तक पहुंचाने का सिस्टम पूछा जाएगा।

आंबेडकर के डॉक्टरों से होगी पूछताछ

पर्चाकांड के बाद जांच के घेरे में आने वाले आंबेडकर अस्पताल के डॉक्टरों से दोबारा पूछताछ होगी। बिलासपुर पुलिस उनसे पूछताछ कर चुकी है। क्राइम ब्रांच और रायपुर पुलिस भी उन्हें फिर बुलाने की तैयारी में है। उनके जरिये संजय का सुराग तलाश किया जाएगा।

ट्रेजरी के पर्चो की जांच तक नहीं हुई 

पीएमटी पर्चा लीक कांड की जांच कर रही रायपुर और बिलासपुर जिले की पुलिस परीक्षा के सिस्टम को ही समझने में उलझ कर रह गई है। अब तक प्रदेश की 16 ट्रेजरी में रखे पीएमटी की दूसरी पाली के पर्चो की जांच तक नहीं हो पाई है।ये पर्चे बाद में निरस्त कर दिए गए थे।

पर्चो के इन पैकेटों की जांच से साफ हो जाता है कि पर्चे ट्रेजरी से लीक हुए थे या नहीं। इतने अहम बिंदु पर पुलिस की ढिलाई हैरान करने वाली है। व्यावसायिक परीक्षा मंडल और पुलिस ने अब तक पर्चे सेट करने वाली परीक्षा एजेंसी माहिम पैटर्न प्राइवेट लिमिटेड आगरा को जांच से संबंधित कोई नोटिस जारी नहीं हो पाई है।

19 जून को निरस्त हुई परीक्षा के मामले में परत दर परत खुलासे हो रहे हैं, लेकिन पुलिस अब तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। जांच की गति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि परीक्षा निरस्त होने के एक पखवाड़ा बीतने के बाद भी इन पर्चो की पुलिस ने कोई सुध नहीं ली है।

ट्रेजरी में रखे पर्चो के सील की जांच करने पर इस बात का खुलासा हो सकता है कि ट्रेजरी में रखे पर्चो से छेड़छाड़ की गई है या नहीं। दूसरी पाली के पर्चे ट्रेजरियों में जस के तस रखे हुए हैं। व्यापमं के पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ. बीपी त्रिपाठी ने पुलिस पूछताछ के दौरान मांग की थी कि जिलों के ट्रेजरी में रखे दूसरी पाली के पर्चो की जांच की जाए। उन्होंने कोषालयों से पर्चा लीक होने की भी आशंका व्यक्त की थी।

कंपनी को नोटिस देना भी भूले

व्यापमं की ओर से पर्चा लीक कांड की जांच पुलिस को सौंपने के बाद पुलिस या मंडल की ओर से अब तक माहिम पैटर्न प्राइवेट लिमिटेड आगरा को किसी भी तरह की कोई नोटिस जारी नहीं की गई है। इसके अलावा रायपुर या बिलासपुर जिले की पुलिस एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी आगरा प्रिंटिंग प्रेस में जांच के लिए नहीं गई। 

परीक्षा के जानकारों का कहना है कि परीक्षा होने के सात दिनों बाद भी जांच का दायरा सीमित होने की वजह से लीक कांड में शामिल लोग अपने बचाव के लिए सारे पक्ष तैयार कर चुके होंगे। ऐसे में पुलिस के हाथों में क्या आएगा इसे लेकर कई शंकाएं हैं। 

मंडल के अधिकारियों का कहना है कि पीएमटी पर्चा लीक कांड की जांच पुलिस को सौंप दी गई है, इसलिए कंपनी से पूछताछ भी पुलिस ही करेगी। कंपनी को परीक्षा का हर्जाना भरने के लिए भी नहीं कहा गया है। जबकि इससे पहले 11 मई को निरस्त हुई पीएमटी पर परीक्षा एजेंसी को काली सूची में डालने के साथ ही उसे नोटिस जारी कर दी गई थी। एजेंसी से 27 लाख रुपए हर्जाने की मांग भी की गई थी(दैनिक भास्कर,रायपुर,27.6.11)।

पंजाबःशिक्षा बोर्ड के दफ्तर में लापरवाही का आलम

Posted: 27 Jun 2011 07:50 AM PDT

हर कमरा और हॉल किताबों व जरूरी कागजों से भरा हुआ है। इसके बावजूद जगह-जगह बिजली की तारों के जोड़ नंगे हैं। मीटर भी जोड़ से खुला हुआ है। अग्निशमन यंत्र टंगे तो हैं, लेकिन एक्सपायर्ड। इनकी वैलिडिटी 1 जून, 2010 को पूरी हो चुकी है।

इसके बाद अधिकारियों ने इन्हें रिफिल करवाने की जहमत ही नहीं उठाई। यह हाल है पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के नेहरू गार्डन रोड स्थित दफ्तर का। अव्यवस्था के आलम और सुरक्षा मानकों की नजरअंदाजी के माहौल में काम करने वाले कर्मचारी हर समय भयभीत रहते हैं। शॉर्ट सर्किट से कभी भी यहां बड़ा हादसा हो सकता है। कुछ अग्निशमन यंत्र तो खोलकर दफ्तर के अंदर सेल्फ पर रखे हुए हैं।

कई जगह रखी हैं किताबें
शिक्षा विभाग की तरफ से जारी की जाने वाली किताबें सबसे पहले बोर्ड दफ्तर ही पहुंचती हैं। इसके बाद इन किताबों को क्रमवार स्कूलों में सप्लाई कर बांट दिया जाता है। बोर्ड दफ्तर में हर वर्ष पांच करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत की किताबें पहुंचती हैं।

बोर्ड मैनेजर के अनुसार मौजूदा समय में करीब दो करोड़ रुपए की किताबें दफ्तर में हैं। ये किताबें स्कूलों में विद्यार्थियों को निशुल्क बांटी जाती हैं। यहां से ये किताबें सर्वशिक्षा अभियान, शिक्षा भलाई विभाग और व्यापारियों व डीलरों को भी भेजी जाती हैं।


ये हालत है दफ्तर की
100 फीट से ज्यादा क्षेत्रफल में बने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड दफ्तर में मुख्य ऑफिस, एग्जामिनेशन फीस काउंटर हॉल व रिकार्ड रूम बना हुआ है। इसके पीछे एक अन्य हॉल व स्टोर रूम है। जहां किताबों के हजारों की तादाद में बंडल व अन्य कमरों में रद्दी बन चुकी किताबों के ढेर लगे हुए हैं। इसके अलावा लकड़ी के रैक में 12वीं के बाद के कोर्सेज की परीक्षाओं से जुड़े प्रॉस्पैक्ट्स पड़े हुए हैं। बोर्ड दफ्तर में हर तरफ किताबें ही किताबें पड़ी हुई हैं। ऐसे माहौल में जगह-जगह बिजली के खुले जोड़ व नंगी तारें खतरनाक साबित हो सकती हैं और यहां आगजनी हो सकती है। 

आग से बचाव के लिए जरूरी हैं इतने उपाय
- बिल्डिंग में अंडर वाटर टैंक के साथ क्षमतानुसार पाइप होना चाहिए
- फायर हाईड्रेंट, फायर अलॉर्म व स्मोक डिटेक्टर लगे होने चाहिए
- अगर बिल्डिंग में गत्ते व कागज जैसी वस्तुएं हैं तो कमरों में एक-एक अग्निशमन सिलेंडर होना चाहिए
- अग्निशमन सिलेंडर सदैव भरे होने चाहिए और इन्हें समय रहते रिफिल करवाते रहना चाहिए
- सभी कमरों में आपातकालीन खिड़की होनी अनिवार्य है
- ज्वलनशील पदार्थो के पास बिजली की तारों के जोड़ दुरुस्त होने चाहिए(अंकित शर्मा,दैनिक जागरण,जालंधर,27.6.11)

आरपीएससी ने पहली बार ली ऑनलाइन परीक्षा

Posted: 27 Jun 2011 07:30 AM PDT

राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से रविवार को बड़ल्या स्थित राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में ऑटो-राइनो लेरिंगोलॉजी और ऑफ्थलमॉलोजी के एसोसिएट प्रोफेसर पदों के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की गई। आयोग का यह अपनी तरह का पहला प्रयास था जब अभ्यर्थियों ने बिना पेपर-पेन के टेस्ट दिया।


वे इससे बेहद खुश नजर आए। परीक्षा में उपस्थिति 87.2 प्रतिशत रही। प्रत्येक पेपर 100 नंबर का था। हर पेपर में 100 सवाल थे। इन्हें हल करने के लिए अभ्यर्थियों को 3 घंटे का समय दिया गया। इनमें पहला घंटा प्रेक्ट्सि और ट्रायल के लिए रखा गया था। वहीं बाद के बाकी 2 घंटों में परीक्षा ली गई। ईएनटी: ऑटोराइनो लेरिंगोलॉजी का पेपर सुबह 9 से 12 बजे तक था।

इसमें 40 में से 34 अभ्यर्थी शामिल हुए। शाम को 3 से 6 बजे तक ऑफ्थलमॉलोजी का पेपर था जिसमें 69 में से 46 अभ्यर्थी मौजूद रहे। कुल 109 में से 80 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। परीक्षा देने अजमेर के साथ साथ राज्य भर से डॉक्टर्स और स्पेशलिस्ट्स अजमेर आए थे(दैनिक भास्कर,अजमेर,27.6.11)।

मुजफ्फरपुरःप्रश्न पत्र कम आने से सैकड़ों छात्र एसएससी परीक्षा से वंचित

Posted: 27 Jun 2011 07:10 AM PDT

रविवार को सम्पन्न हुई एसएससी की परीक्षा में नगर के तीन परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षार्थियों की संख्या के अनुपात में कम प्रश्न पत्र आने और दर्जनों युवकों के परीक्षा से वंचित रह जाने की स्थिति में परीक्षार्थियों ने रविवार को जिला स्कूल, डीएन हाई स्कूल और एम एस के बी परीक्षा केन्द्र पर भारी हंगामा किया। परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर परीक्षार्थियों द्वारा परीक्षा केन्द्र पर हंगामा किये जाने के कारण अशांति और तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। स्थिति बिगड़ने के मद्देनजर केन्द्राधीक्षक द्वारा दी गई सूचना के आधार पर दंगा नियंतण्रवाहन के साथ पहुंची पुलिस ने हंगामा कर रही भीड़ को तितर-बितर कर स्थिति शांत कराया। प्राप्त खबर के अनुसार एसएससी परीक्षा की प्रथम पाली में ही परीक्षार्थियों की संख्या के अनुपात में कम प्रश्न पत्र आया जिसके कारण दर्जनों परीक्षार्थियों को प्रश्न पत्र नहीं मिला। जिन परीक्षार्थियों को प्रश्न पत्र मिला उनकी परीक्षा शुरू करा दी गई और प्रश्न पत्र के अभाव में दर्जनों परीक्षार्थी परीक्षा से वंचित हो गये। बताया गया है कि इस बात को लेकर वंचित परीक्षार्थी हंगामा पर उतर आये और घंटों बवाल करते रहे। वंचित छात्र परीक्षा रद्द करने व प्रश्न पत्र मंगाकर पुन: परीक्षा आयोजित कराने की मांग कर रहे थे। परीक्षार्थी अधिक और प्रश्न पत्र कम आने के कारण उत्पन्न बवाल और हंगामा की स्थिति नगर के एम एस के बी, जिला स्कूल और डीएन हाईस्कूल परीक्षा केन्द्र पर बनी रही। परीक्षार्थियों के भड़के आक्रोश और हंगामा को लेकर परीक्षा केन्द्र पर उत्पन्न अशांति, भगदड़ और तनाव के मद्देनजर संबंधित थाना पुलिस को भीड़ पर बल प्रयोग करना पड़ा। इसी बीच वष्रा शुरू हो गई जिसके कारण हंगामा कर रहे परीक्षार्थी भाग खड़े हुए(राष्ट्रीय सहारा,मुजफ्फरपुर,27.6.11)।

पटनाःआर्ट कॉलेज के छात्रों का प्रदर्शन

Posted: 27 Jun 2011 06:50 AM PDT

राजधानी के कला एवं शिल्प महाविद्यालय के छात्रों ने अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया। इस अवसर पर मानव संसाधन विभाग की नीतियों से गुस्साए छात्रों ने शिक्षा विभाग के सचिव का पुतला दहन किया। छात्र कला एवं शिल्प महाविद्यालय को पटना विवि से स्थानांतरित कर आर्यभट्ट ज्ञान विवि के अधीनस्थ स्थानांतरित किये जाने का विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शन वीरचंद्र एवं राकेश कुमार की संयुक्त नेतृत्व में निकाला गया। आर्ट कॉलेज के छात्रों ने बताया कि वे लोग 30 वर्ष पुराने सिलेबस को रिवाइज करने, महाविद्यालय में रिक्त पदों पर बहाल करने, बुनियादी सुविधाओं को बहाल करने एवं असामाजिक तत्वों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। छात्रों का प्रदर्शन छात्रावास से जुलूस के रूप में निकला, जो प्रदर्शन करते हुए महाविद्यालय के मुख्य गेट पर पहुंचा। जहां छात्रों ने मानव संसाधन विभाग के प्रधानसचिव का पुतला दहन किया। श्री कुमार ने बताया कि हमलोग अंतिम समय पर महाविद्यालय को पटना विवि से आर्यभट्ट विवि स्थानांतरित किये जाने का विरोध करेंगे(राष्ट्रीय सहारा,पटना,27.6.11)।

झारखंड में तीन मॉडल कॉलेज खुलेंगे

Posted: 27 Jun 2011 06:30 AM PDT

मॉडल स्कूल की स्थापना के बाद अब बारी है मॉडल डिग्री कॉलेज खोलने की। केंद्र की पहल से उत्साहित होकर मानव संसाधन विकास विभाग ने राज्य में तीन मॉडल डिग्री कॉलेज खोलने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है। प्रत्येक कॉलेजों की स्थापना पर आठ करोड़ रुपए खर्च होंगे। केंद्र सरकार 2.67 करोड़ रुपए देगी। शेष रुपए राज्य सरकार खर्च करेगी।


केंद्र के निर्देश के मुताबिक अगर राज्य सरकार खर्च वहन करने की स्थिति में नहीं होगी, तो वह पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत भी इन कॉलेजों की स्थापना कर सकती है। 11 और जिलों में ऐसे ही कॉलेज खोले जाने हैं। हालांकि यहां पीपीपी आधार पर कॉलेज खोलने की बात चल रही है।

केंद्र सरकार ने शैक्षिक रूप से पिछड़े जिलों की पहचान के लिए सर्वे किया था। देश भर में ऐसे 374 जिलों की पहचान हुई। इनमें से झारखंड के भी 12 जिले शामिल हैं। यहां पर उच्च शिक्षा प्राप्त लोगों की संख्या अन्य क्षेत्रों की तुलना में काफी कम है। इसी रिपोर्ट के आधार पर इन सभी जिलों में मॉडल डिग्री कॉलेज खोलने का निर्णय हुआ(दैनिक भास्कर,रांची,27.6.11)।

डीयूःथर्ड कट ऑफ लिस्ट जारी, अब भी है चांस

Posted: 27 Jun 2011 06:10 AM PDT

दिल्ली यूनिवर्सिटी ने शनिवार को थर्ड कट ऑफ लिस्ट जारी कर दिया। स्टूडेंट्स के पास बीकॉम कोर्स में 26 कॉलेजों में एडमिशन का चांस है, जबकि बीकॉम ऑनर्स में उन्हें 14 कॉलेजों में थर्ड लिस्ट के आधार पर एडमिशन मिल सकता है।

बीकॉम ऑनर्स कोर्स डीयू के करीब 53 और बीकॉम कोर्स 42 कॉलेजों में है। हंसराज कॉलेज, किरोड़ीमल कॉलेज और श्री वेंकटेश्वर कॉलेज में अब भी कॉमर्स कोर्स में एडमिशन के चांस स्टूडेंट्स को मिल रहे हैं। किरोड़ीमल कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स कोर्स में जनरल कैटिगरी की 43 सीटों के लिए अभी तक महज 6 एडमिशन हुए हैं क्योंकि इस कॉलेज ने पहली लिस्ट एसआरसीसी, हिंदू व हंसराज कॉलेज से भी हाई रखी थी।


केएमसी ने थर्ड लिस्ट में बीकॉम ऑनर्स के कट ऑफ मार्क्स में 0.25 की कमी करते हुए इसे 95.25 तय किया है। बीकॉम का कट ऑफ मार्क्स भी 0.25 नीचे होकर 94.25 तक आ गया है। बीकॉम में जनरल कैटिगरी के अभी 26 एडमिशन हुए हैं। केएमसी में इंग्लिश ऑनर्स कोर्स में 1 फीसदी की कमी करते हुए कट ऑफ मार्क्स 74.50 फीसदी रखा गया है। 

थर्ड लिस्ट का सरप्राइज पैकेज श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) रहा, जहां पर जनरल कैटिगरी के लिए इकनॉमिक्स ऑनर्स कोर्स में एडमिशन रीओपन हो गया है। एसआरसीसी ने इको ऑनर्स की सेकंड लिस्ट जारी नहीं की थी लेकिन फर्स्ट लिस्ट में एडमिशन लेने वाले 8 स्टूडेंट्स दूसरी जगह शिफ्ट हो गए। इस कारण कॉलेज को थर्ड लिस्ट में इको ऑनर्स कोर्स ओपन करना पड़ा। एसआरसीसी में इको ऑनर्स में जनरल कैटिगरी को 95-98 फीसदी पर ऐडमिशन मिल सकता है(भूपेंद्र,नभाटा,दिल्ली,27.6.11)। 

छत्तीसगढ़ में शिक्षा का अधिकार कानून ध्वस्त, नियमों की उड़ीं धज्जियां

Posted: 27 Jun 2011 05:50 AM PDT

शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) राजधानी में ही ध्वस्त हो गया। पूरी ताकत झोंकने के बावजूद शिक्षा विभाग छोटे-मोटे स्कूलों में ही गरीब बच्चों का दाखिला करवा सका। बड़े प्राइवेट स्कूलों ने कानून की धज्जियां उड़ाते हुए प्रवेश देना तो दूर खाली सीटों की जानकारी तक नहीं दी। सरकारी नोटिस को कूड़ेदान में फेंक दिया। अब कलेक्टर ने कानूनी कार्रवाई करने के लिए नोटिस जारी की है।

नोटिस के माध्यम से निजी स्कूलों से इस बारे जवाब मांगा गया है। अफसरों ने कानून का पालन न करने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि छोटे-बड़े सारे स्कूलों को तीन मर्तबा नोटिस जारी किया गया था। इसमें उनसे कक्षा पहली में खाली सीटों का ब्यौरा मांगा गया था।

नोटिस के बाद केवल छोटे और मंझोले स्कूलों ने ही प्रवेश दिया। प्रतिष्ठित स्कूलों ने रुचि नहीं ली। न तो गरीब वर्ग के बच्चों को प्रवेश दिया और न ही सीटों के बारे में जानकारी दी। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत प्रवेश दिलाने की अंतिम तारीख 24 जून तय की गई थी। इस वजह से प्रशासनिक अधिकारी अब तक चुप्पी साधकर बैठे रहे। हालांकि 23 जून को प्रवेश की मियाद खत्म होने के एक दिन पहले कलेक्टर ने नोटिस जारी किया।

परेशान थे कई निजी स्कूल

-25 फीसदी सीटों को आरक्षित करने से निजी स्कूलों को डोनेशन से लेकर अन्य मदों में मिलने वाली मोटी रकम से हाथ धोना पड़ता।

-हर महीने की फीस के रूप में भी सालभर घाटा होता क्योंकि राज्य सरकार मूल फीस की रकम तो देने से रही।


जिले के निजी स्कूलों को कितना घाटा

-औसत फीस प्रति छात्र- 600 रुपए/महीना

- औसत एडमिशन फीस प्रति छात्र- 2 हजार/महीना

- डोनेशन के रूप में करीब 7.50 करोड़ रुपए

- फीस के रूप में 1.60 करोड़ रुपए।

मंत्री के पीए को एक घंटा गेट पर खड़ा रखा

होलीक्रॉस स्कूल प्रबंधन ने पिछले दिनों एक घंटे तक शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के पीए रघुवेंद्र सिंह को गेट के बाहर खड़ा कर दिया। आधा घंटा खड़े रहने के बाद उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी सहित आधा दर्जन अफसरों व कोतवाली पुलिस बल को बुलवा लिया। इसके बावजूद आधा घंटे बाद गेट खोला गया। अफसरों ने प्राचार्य की जमकर क्लास ली। 

दरअसल श्री सिंह आधा दर्जन बच्चों को प्रवेश देने की सिफारिश लेकर गए थे। उसी स्कूल से 10वीं पास करने के बावजूद स्कूल प्रबंधन ने उन बच्चों को कक्षा 11वीं में प्रवेश देने से इनकार कर दिया था। प्राइवेट स्कूल जब अपने ही स्टूडेंट को दाखिला देने में आना कानी कर रहे हैं, ऐसे हालात में यह अनुमान ही लगाया जा सकता है कि वे शिक्षा का अधिकार कानून के तहत गरीब बच्चों को कैसे प्रवेश देंगे?

अधिकारी का काम

राज्य शासन ने सरकारी स्कूल के प्राचार्यो को अपने इलाके का नोडल अधिकारी बनाया था। उनका काम था-

- बस्तियों में प्रचार कर पालकों को प्रोत्साहित करना और बताना कि फीस शासन अदा करेगा।

- योजना के प्रचार के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मदद लेना। 

- घर के पास की निजी शाला में प्रवेश के लिए पालकों से आवेदन लेना।

- निजी स्कूलों से बातचीत कर प्रवेश सुनिश्चित करना। 

मैदानी हालात यह रही

नोडल अधिकारी गरीब बस्तियों में गए ही नहीं।

प्रचार-प्रसार के लिए राज्य शासन से एक धेला नोडल अधिकारी को नहीं मिला। पूरा प्रचार स्कूल के शिक्षकों के भरोसे किसी तरह चला। 

तारीख नहीं बढ़ाई गई तो हजारों बच्चे अपना हक पाने से वंचित रह जाएंगे। 

"स्कूलों में प्रवेश का समय 30 जून तक बढ़ाया जाएगा। बड़े स्कूलों को कानूनी नियमों का पालन करते हुए हर हाल में प्रवेश देना होगा, बशर्ते कि उन स्कूलों के सीमाक्षेत्र में निर्धारित मापदंड के अनुसार बच्चे मिलें।" 

डॉ. आर बाम्बरा, जिला शिक्षा अधिकारी(सुधीर उपाध्याय,दैनिक भास्कर,रायपुर,27.6.11)

ऋषिकेशःस्वायत्त कॉलेज में प्रवेश परीक्षा के फार्म सात तक जमा होंगे

Posted: 27 Jun 2011 05:30 AM PDT

राजकीय स्नातकोत्तर आटोनामस कालेज में बीए, बीएससी व बीकॉम प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश फार्म जमा करने की अंतिम तिथि 7 जुलाई निर्धारित की गई है। प्राचार्य डा. एसके डबराल ने बताया कि सेमेस्टर पण्राली के अंतर्गत परीक्षा में बैठने के लिए 75 प्रतिशत उपस्थिति एवं क्लास टेस्ट में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। अत: उन्हीं छात्रों को बीए, बीएससी व बीकॉम प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश लेना चाहिए जो लगातार कक्षाओं में उपस्थिति दे सकें। उन्होंने बताया कि प्रथम सेमेस्टर में सात जुलाई के बाद प्रवेश फार्म जमा नहीं किए जाएंगे। प्रवेश के लिए 9 जुलाई से साक्षात्कार होंगे। प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश वरीयताक्रम से होंगे परन्तु बीए व बीकॉम में प्रवेश हेतु आवेदन करने के लिए इंटरमीडिएट में न्यूनतम 40 प्रतिशत तथा बीएससी के लिए न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक आवश्यक है। बताया कि उत्तराखंड के अनुसूचित जाति के प्रवेशार्थी को प्रमाण पत्र संलग्न करने पर 5 प्रतिशत की छूट मिलेगी। उत्तराखंड के पिछड़ी जाति के छात्रों को जनवरी 2011 के बाद का प्रमाणपत्र संलग्न करने पर ही आरक्षण का लाभ मिलेगा(राष्ट्रीय सहारा,ऋषिकेश,27.6.11)।
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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha

হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!

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अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

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Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

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