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Thursday, June 30, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



---------- Forwarded message ----------
From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/6/30
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


महिला अफसरों के मेडिकल टेस्ट महिला डॉक्टर ही करेंगी

Posted: 29 Jun 2011 11:29 AM PDT

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह सशस्त्र सेनाओं में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत चयनित महिला अधिकारियों के मेडिकल टेस्ट के बारे में बनाई गई नीति का अक्षरश: पालन सुनिश्चित करे। इसके तहत मेडिकल टेस्ट सिर्फ महिला स्त्री रोग चिकित्सकों द्वारा ही कराए जाने की बात कही गई है। जस्टिस पी. सतशिवम और ए.के. पटनायक की अवकाश पीठ ने यह टिप्पणी मंगलवार को उस याचिका पर सुनवाई करते हुए की, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अभी भी पुरुष चिकित्सक ये जांच कर रहे हैं। वर्ष 2004 में लागू नीति में कहा गया है कि महिला अफसरों की जांच अनिवार्य रूप से महिला स्त्री रोग चिकित्सकों द्वारा ही कराई जानी चाहिए। यह याचिका आल इंडिया वूमेन डेमोक्रेटिक एसोसिएशन (एडवा) और एक असफल महिला उम्मीदवार द्वारा दाखिल की गई थी, जिसने आरोप लगाया था कि उसे एक पुरुष चिकित्सक के निरीक्षण में मेडिकल टेस्ट करवाने पड़े थे(दैनिक जागरण,दिल्ली,29.6.11)।

कर्नाटक विवि और आईकेसी में करार

Posted: 29 Jun 2011 11:15 AM PDT

पशु चिकित्सा, प्राणी एवं मत्स्य विज्ञान, कर्नाटक के अंतर्गत आने वाले शहर के बिदर शैक्षणिक संस्थान ने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आईकेसी के साथ मिलकर दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षा के विकास हेतु एक समझौता किया है। समझौते का मुख्य उद्देश्य शिक्षा अधूरी छोड़ने वालों और किसानों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उनमें अद्भूत क्षमताओं का विकास करना है। करार के तहत कर्नाटक विविद्यालय एवं आईकेसी यह कार्य संयुक्त रूप से करेंगे। केवीएएफएस विवविद्यालय के कुलपति डा. सुरेश एस. होनप्पागोल ने कहा कि यह समझौता अगली पीढी़ के लिए रोजगारपरक साबित होगा। इस मौके पर कुलसचिव डा. एस. मल्लिकार्जुनाप्पा ने कहा- ग्रामीण क्षेत्र के उन बेरोजगार युवाओं में जो विशेष रूप से पशु प्रेमी हैं और जो गांव में रहकर अपनी आय में वृद्धि करना चाहते हैं लाभान्वित हो सकते हैं। वे यह शिक्षा अपने घर पर ही प्राप्त कर सकते हैं(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,29.6.11)।

फर्ज़ी जाति प्रमाण-पत्र का मामलाःएससी/एसटी सेल के कर्मियों पर गिर सकती है गाज!

Posted: 29 Jun 2011 11:00 AM PDT

फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर डीयू के कॉलेजों में एडमिशन दिलाने के मामले में डीयू के एससी/एसटी सेल के कर्मियों पर गाज गिर सकती है। क्राइम ब्रांच की टीम ने मंगलवार को भी एससी/एसटी सेल के दो कर्मियों से गहन पूछताछ की है। इनमें एक क्लर्क तथा दूसरा चपरासी शामिल है। सूत्रों का कहना है कि दोनों कर्मियों ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि उनका फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर एडमिशन दिलाने वाले हिमांशु गुप्ता से काफी पुराना संपर्क है और उन लोगों ने एडमिशन दिलाने में भी उसकी खासी मदद की थी। इस खुलासे के बाद क्राइम ब्रांच ने यह साफ कर दिया है कि फर्जीवाड़े के इस रैकेट में डीयू कर्मिर्यों का स्पष्ट तौर पर हाथ है हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि एससी/एसटी सेल के सिर्फ दो कर्मी ही इस रैकेट को चलाने वाले हिमांशु गुप्ता की मदद कर रहे थे या फिर कुछ अन्य डीयू कर्मी इस गोरखधंधे में शामिल थे। इस बीच पुलिस टीम ने महरौली तथा गाजियाबाद के तहसीलदार कार्यालय पर भी छापेमारी की है, जहां से कम्प्यूटर व हार्ड डिस्क जब्त किया गया। फिलहाल पुलिस को गाजियाबाद के तहसीलदार कार्यालय से जाति प्रमाण पत्र बनवाने वाले सतीश नामक कर्मी के बारे में कोई सुराग नहीं मिल पाया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर राजधानी के प्रतिष्ठित कॉलेजों में एडमिशन कराने वाले हिमांशु गुप्ता तथा उसके दोस्त विकास से हुई पूछताछ के बाद मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को डीयू के एससी/एसटी सेल का निरीक्षण किया। सोमवार को जहां इस कार्यालय से करीब आठ फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर डीयू में एडमिशन कराने वाले छात्र-छात्राओं के आवेदन पत्र तथा जाति प्रमाण पत्र जब्त किए गए थे, वहीं मंगलवार को पुलिस टीम ने दोबारा कार्यालय जाकर उन कर्मिर्यों के बारे में जानकारी जुटाई, जो इस रैकेट के सरगना हिमांशु गुप्ता के लगातार संपर्क में थे। पुलिस ने बताया कि सोमवार को जांच टीम को पता चला था कि डीयू के एससी/एसटी सेल में तैनात नीरज शर्मा नामक एक चपरासी हिमांशु गुप्ता के संपर्क में था और उसने कई एडमिशन में उसकी अच्छी खासी मदद की थी। मंगलवार को भी नीरज शर्मा से इस बारे में गहन पूछताछ की गई। पूछताछ में महाजन नामक एक अन्य क्लर्क के बारे में पता चला है जो हिमांशु गुप्ता के संपर्क में था। बताया जाता है कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर डीयू में दाखिला दिलाने वाले हिमांशु गुप्ता से दोनों कर्मियरें ने मिलीभगत की बात स्वीकार कर ली है लेकिन अभी तक के जांच में यह साफ नहीं हो पाया कि दोनों ने अब तक कितने छात्र छात्राओं का दाखिला डीयू में करा चुके हैं और इस काम के लिए उसे क्या लाभ दिया जाता था। एसीपी राजेन्द्र बक्शी की टीम ने मंगलवार को गाजियाबाद तथा महरौली के तहसीलदार कार्यालय जाकर जब्त किए गए कई फर्जी जाति प्रमाण पत्रों को वेरिफाई किया है। पुलिस का कहना है कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने में तहसीलदार तथा उनके कार्यालय में काम करने वाले कर्मियार्ें की भूमिका के बारे में छानबीन की जा रही है। जांच टीम को पता चला है कि महरौली तहसीलदार कार्यालय में जिस तरह अनुबंध के आधार पर केतन मेहता काम कर रहा था, उसी प्रकार सतीश नामक कर्मी भी गाजियाबाद कार्यालय मे अनुबंध के आधार पर पिछले कई माह से वहां काम कर रहा था। पुलिस ने उस कम्प्यूटर और हार्ड डिस्क को जब्त किया है जिस पर जब्त किए गए फर्जी जाति प्रमाण पत्र को अपलोड किया जाता था। पुलिस का कहना है कि हिमांशु गुप्ता तथा विकास के जब्त किए गए लैपटॉप की जांच के लिए साइबर सेल को भेज दिया गया है। जांच टीम को जब्त किए गए लैपटॉप से कई महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तीनों आरोपितों की रिमांड 29 जून को समाप्त हो रही है। क्राइम ब्रांच की कोशिश होगी कि दोबारा से तीनों आरोपितो को रिमांड पर ली जाए ताकि मामले की तह तक जाया जा सके(राजीव रंजन,राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,29.6.11)।

डीयू के सिख कॉलेज में पंजाबी पढ़ने वालों को छूट

Posted: 29 Jun 2011 10:45 AM PDT

दिल्ली विविद्यालय के कॉलेजों में जहां एक तरफ .1 फीसद कम होने पर भी विद्यार्थियों को दाखिला नहीं मिल रहा है, वहीं डीयू के सिख कॉलेजों में सिख समुदाय के लोगों को 5 फीसद तक की छूट का लाभ मिल रहा है। विविद्यालय से सम्बद्ध सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कॉलेजों में सिख समुदाय के लोगों को दाखिले में अलग-अलग छूट दी जा रही है। हालांकि कमेटी से जुड़े एक कॉलेज में पंजाबी भाषा पढ़ने वालों को छूट दी जा रही है। दरअसल, इन कॉलेजों के अल्पसंख्यक कॉलेज का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इस कारण डीयू भी इस संबंध में फिलहाल दखल नहीं दे रही है। हालांकि यहां खास बात यह भी है कि तीन कॉलेजों में तो सिख समुदाय के लोगों को अलग-अलग छूट दी जा रही, वहीं एक कॉलेज ने पंजाबी पढ़ने वालों को छूट देने की घोषणा की हुई है दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के डीयू से संबद्ध चार कॉलेज हैं। इनमें एसजीटीबी खालसा कॉलेज, एसजीएनडी खालसा कॉलेज, एसजीजीएस कॉलेज ऑफ कॉमर्स और माता सुंदरी कॉलेज शामिल हैं। गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में अलग-अलग कोर्स में अलग-अलग छूट दी जा रही है। कॉलेज प्राचार्य डॉ. जसविंदर सिंह ने बताया कि कॉलेज द्वारा सिख समुदाय के बच्चों को 3 से 5 फीसद तक की छूट दी जा रही है। वहीं, एसजीएनडी खालसा कॉलेज की प्राचार्य डॉ. मनमोहन कौर ने कहा कि कॉलेज में पंजाबी पढ़ने के इच्छुक सभी सिख समुदाय के छात्र- छात्राओं को 3 प्रतिशत कटऑफ में छूट दी जा रही है। डॉ. कौर ने बताया कि जिन विद्यार्थियों ने स्कूल में पंजाबी नहीं पढ़ी है और यदि वे पंजाबी लिखकर और पढ़कर दिखाते हैं, तो उन्हें भी 3 फीसद तक की छूट दी जा रही है। उन्होंने कहा कि यह राहत सिर्फ पंजाबी में हीं नहीं, बल्कि संस्कृत व गणित विषयों की पढ़ाई करने के इच्छुक विद्यार्थियों को भी दी जा रही है। इसके अलावा छात्राओं को 3 प्रतिशत की छूट कॉलेज दे रहा है। इस संबंध में डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. जेएम खुराना ने कहा कि दाखिला प्रक्रिया शुरू होने से पूर्व विविद्यालय ने सभी कॉलेजों से दाखिला क्राइटेरिया मांगी थी। सिख कॉलेजों ने अपनी क्राइटेरिया में सिख विद्यार्थियों को राहत देने की बात कही थी(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,29.6.11)।

डीयूःआउट ऑफ कैम्पस में ज्यादा हुए दाखिले

Posted: 29 Jun 2011 10:30 AM PDT

तीसरी कट ऑफ के तहत शुरू हुई दाखिला प्रक्रिया के पहले दिन कॉलेजों में भीड़ कम नजर आई। तीसरी कट ऑफ में सबसे ज्यादा मौके ओबीसी वर्ग के लिए है, इस वर्ग के लिए अमूमन सभी कॉलेजों ने अपना दरवाजा खोला हुआ है। उधर, एससी-एसटी विद्यार्थियों की दूसरी दाखिला सूची घोषित होने के बाद काफी विद्यार्थियों की भीड़ कला संकाय परिसर में नजर आया। डीयू प्रशासन द्वारा मंगलवार से विद्यार्थियों को दाखिला स्लिप जारी करना शुरू कर दिया गया। जिसके आधार पर विद्यार्थियों ने कॉलेज पहुंचकर दाखिला लेना शुरू कर दिया। मंगलवार को र्थड-डे कट ऑफ वाले विद्यार्थियों के लिए शुरू हुई दाखिला प्रक्रिया में कट ऑफ और कोर्स क्राइटेरिया पूरी करने वाले विद्यार्थियों के खुशी का ठिकाना नहीं था। कॉलेजों में सोमवार को किसी तरह की भीड़ न होने से चलते विद्यार्थियों में दाखिले को लेकर तनाव भी कम दिखा। विद्यार्थी आराम से दाखिले की औचारिकताएं पूरी करते दिखें। रामजस कॉलेज की बात करें तो यहां की कुल 1500 सीटों पर 2073 दाखिले हो चुके हैं। कॉलेज में मंगलवार तक कुल 250 विद्यार्थियों ने अपने दाखिले रद्द करवाएं। वहीं दाखिले लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या की बात करें तो रामजस में मंगलवार को केवल 13 दाखिले हुए। वहीं यदि आउट ऑफ कैम्पस कॉलेज की बात करें तो दयाल सिंह कॉलेज के प्राचार्य डॉ आईएस बख्शी ने बताया कि कॉलेज की 1406 सीटों में से 1700 दाखिले हो गए हैं। डॉ. बख्शी ने बताया कि कॉलेज में मंगलवार को पहले दिन कुल 30 दाखिले हुए। वहीं कॉलेज में अभी तक 225 विद्यार्थियों ने अपने दाखिले रद्द करवा दिए हैं। इसी प्रकार आउट ऑफ कैम्पस कॉलेज दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसके गर्ग ने बताया कि कॉलेज में कुल 632 सीटों पर 789 दाखिले हो गए। वहीं मंगलवार को एक दिन में करीब 80 दाखिले हुए। कॉलेज में अब तक करीब 36 विद्यार्थियों ने अपने दाखिले रद्द करवा दिए हैं। कॉलेजों में विद्यार्थी बीए प्रोग्राम बीकॉम ऑनर्स, बीए प्रोग्राम और इकोनॉमिक्स ऑनर्स कोर्सेज में दाखिले के लिए दिखा। कॉलेजों में दाखिले देने के लिए हर कोर्स के अलग- अलग कमरों में विद्यार्थी और अभिभावक जुटे रहे। कमरों शिक्षकों विद्यार्थियों की कट ऑफ जांच कर दाखिले की औपचारिकताएं पूरी करने में लगे रहे। कॉलेजों विद्यार्थियों की कम संख्या के चलते कैम्पस की सड़कों पर सुबह से लेकर दोपहर दो बजे तक यातायात जाम की स्थिति नहीं बनी। किरोड़ीमल कॉलेज बीएससी स्टैटिक्स में दाखिले के लिए कमरे के बाहर विद्यार्थी कतार में खड़े दिखे। जबकि बीकॉम ऑनर्स, अंग्रेजी ऑनर्स और बीकॉम में विद्यार्थी दाखिले के लिए पहुंचे। रामजस कॉलेज इतिहास ऑनर्स, हिन्दी ऑनर्स और राजनीति शास्त्र ऑनर्स में विद्यार्थी जुटे दिखे। कॉलेज ने अपने चार पाठय़क्रमों में हाउसफुल का बोर्ड लगा दिया है। इसी प्रकार दौलतराम कॉलेज में अंग्रेजी ऑनर्स, इतिहास, फिलॉस्फी और साइकोलॉजी ऑनर्स में दाखिले के लिए विद्यार्थी जुटे दिखे। इसी प्रकार राजधानी कॉलेज, वेंकटेर कॉलेज, शिवाजी कॉलेज, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, पीजीडीएवी, देशबंधु कॉलेज, श्यामलाल कॉलेज, मोती लाल नेहरु कॉलेज में र्थड कट ऑफ में ओबीसी विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा थी(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,29.6.2011)।

डीयूःदाखिला संबंधी शिकायत करें ग्रीवांस कमेटी को

Posted: 29 Jun 2011 10:15 AM PDT

दाखिले में सभी तरह से विद्यार्थी चाहे वे सामान्य या आरक्षित वर्ग के हों, उनकी दाखिला संबंधी शिकायत को न सिर्फ कॉलेज स्तर पर बल्कि डीयू स्तर पर भी देखा जाएगा। डीयू ने इसके लिए सभी कॉलेजों को ग्रीवांस कमेटी बनाने की हिदायत दे चुकी है। डीयू स्तर पर ग्रीवांस कमेटी नॉर्थ व साउथ कैम्पस में काम करेंगी। इसके अलावा हर कॉलेज की ग्रीवांस कमेटी होगी, जहां विद्यार्थी अपनी दाखिला संबंधी शिकायत कर सकते हैं। शिकायत के लिए सबसे पहले विद्यार्थी को पहले कॉलेज की कमेटी में शिकायत करनी होगी। यदि उन्हें यहां न्याय नहीं मिलता है तो ही वे डीयू स्तर की कमेटी में शिकायत कर सकते हैं।

दाखिले के लिए ले जाएं ये दस्तावेज दसवीं का प्रमाणपत्र (डेट ऑफ बर्थ वाला) बारहवीं कक्षा की मार्कशीट बारहवीं का प्रोविजनल/ करेक्टर सर्टिफिकेट छह (पासपोर्ट साइज) कलर फोटोग्राफ स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट ओबीसी(नॉन क्रीमी लेयर का प्रमाणपत्र विद्यार्थी के नाम पर होना चाहिए एससी-एसटी और विकलांग वर्ग- विविद्यालय की ओर से प्रदान की गई एडमिशन स्लिप अवश्य लाएं। नोट: सभी मूल प्रमाणपत्र और फोटोकॉपी दोनो लेकर जाएं(राष्ट्रीयसहारा,दिल्ली,29.6.11)।

दिल्ली में 3 जुलाई को होगी सुपर-30 की परीक्षा

Posted: 29 Jun 2011 10:00 AM PDT

पटना के सुपर-30 नाम से मशहूर आईआईटी की तैयारी कराने वाली संस्था होनहार छात्रों के चयन के लिए मोहन गार्डन स्थित मुनि इंटरनेशनल स्कूल में 3 जुलाई को परीक्षा आयोजित करेगी। परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र मुनि इंटरनेशनल स्कूल से फार्म ले सकते हैं या डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट सुपर 30 डॉट आरजी पर फार्म डाउनलोड कर भर सकते हैं। मुनि इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंधक अशोक कुमार सिंह ने बताया है कि दिल्ली के अलावा हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व राजस्थान से छात्र फार्म लेने आ रहे हैं। परीक्षा में पास छात्रों को सुपर-30 में दाखिला मिलेगा, जहां आनंद कुमार की देखरेख में आईआईटी की तैयारी कराई जाती है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,29.6.11)।

डीयूःएससी-एसटी दाखिले में फर्जीवाड़े के खिलाफ प्रदर्शन

Posted: 29 Jun 2011 09:45 AM PDT

दिल्ली विविद्यालय में बीते दिनों एससी-एसटी दाखिले में फर्जीवाड़े को लेकर और इस वर्ग के विद्यार्थियों को राहत देने की मांग को लेकर यूथ फोर सोशल जस्टिस ने मंगलवार को डीन स्टूडेंट्स कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। इसी क्रम में ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स आग्रेनाइजेशन ने भी हॉस्टल फीस बढ़ोतरी को लेकर यहां प्रदर्शन किया। यूथ फोर सोशल जस्टिस के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में मंगलवार को संगठन कार्यकर्ताओं ने कैम्पस में प्रदर्शन कर एससी-एसटी दाखिले के फर्जीवाड़े में शामिल विद्यार्थियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के साथ इस तरह के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए कोई सख्त नियम बनाने की मांग की। श्री सिंह ने मांग की कि एससी-एसटी की पंजीकरण प्रक्रिया 8 जून को समाप्त कर दी गई है। लेकिन कई राज्यों के विद्यार्थियों को अभी तक मार्कशीट नहीं मिली है, जिससे कई विद्यार्थी दाखिले से वंचित हो रहे हैं। संगठन कार्यकर्ताओं ने मांग की कि एससी-एसटी कोटे के विद्यार्थियों को फीस में पूर्ण रुप से छूट दी जाए। इस संबंध में संगठन ने डीन कार्यालय को अपनी मांगों का ज्ञापन दिया। उधर, ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स आग्रेनाइजेशन के बैनर तले इकाई के अध्यक्ष भास्करानंद व सचिव प्रशांत कुमार के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कैम्पस में प्रदर्शन कर हॉस्टल फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर इसे वापस लेने की मांग की। प्रदर्शनकारी कला संकाय पर एकत्र हुए और यहां से प्रदर्शन करते हुए डीन कार्यालय तक गए और यहां पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शकारियों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि फीस वृद्धि सरकार द्वारा अपनाई जा रही शिक्षा के व्यापारीकरण के नीति का ही परिणाम है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,29.6.11)।

डीयूःपरीक्षा से वंचित छात्रों को मिलेगा रेगुलर दाखिला

Posted: 29 Jun 2011 09:30 AM PDT

कॉलेज में कक्षा से गैरहाजिर रहने वाले छात्रों को बेशक विश्वविद्यालय की परीक्षा में इस बार न बैठने दिया गया हो, लेकिन डीयू प्रशासन ऐसे छात्रों को एक्स स्टूडेंट की बजाए रेगुलर दाखिले का रास्ता बनाने में लगा है। कारण नए सत्र से डीयू के स्नातक कोर्सो में सेमेस्टर सिस्टम लागू होने जा रहा है, जिसका लाभ प्रथम वर्ष की परीक्षा देने से वंचित रहे छात्रों को भी मिलेगा। डीयू के डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. जेएम खुराना ने बताया कि विवि प्रशासन इस दिशा में सेमेस्टर प्रणाली को ध्यान में रखकर कॉलेज प्राचार्यो से मंत्रणा करेगा, क्योंकि प्रथम वर्ष के जिन छात्रों को कॉलेजों ने कम उपस्थिति के चलते परीक्षा में बैठने नहीं दिया है। वह एक प्रकार से कॉलेज के एक्स स्टूडेंट हो गए हैं। उन्हें नए सत्र में प्रवेश लेने वाले छात्रों के साथ कैसे परीक्षा दिलाई जाए? छात्रों को एक्स करने पर शिक्षण और परीक्षण प्रणाली को दो तरह से चलाना होगा। पहली, जो अभी तक चल रही है, दूसरी सेमेस्टर सिस्टम। अभी छात्रों को साल में एक बार परीक्षा देनी होती है। सेमेस्टर सिस्टम के तहत साल में दो बार परीक्षाएं होंगी। ऐसे में डीयू प्रशासन यही चाहता है कि जो छात्र गत सत्र में उपस्थिति के कारण परीक्षा नहीं सके, उन्हें कॉलेज दोबारा रेगुलर स्टूडेंट के तौर पर दाखिला दे। जिससे नए सत्र के साथ सभी छात्रों की पढ़ाई सेमेस्टर सिस्टम पर आधारित हो सके। जहां तक द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्रों की बात है तो उनकी उपस्थिति कम होने पर उन्हें भी एक्स स्टूडेंट बनाया जाता रहा है। इस बारे में दयाल सिंह सांध्य कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दीपक मल्होत्रा कहते हैं कि छात्रों के लिए यह अच्छी खबर है, लेकिन कुछ कॉलेजों के लिए परेशानी भी हो सकती है। इस बार कॉलेज में दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या निर्धारित सीटों से ज्यादा हैं। ऐसे में नए और पुराने छात्रों को जोड़कर कॉलेज नए सेक्शन बना इस व्यवस्था को लागू कर सकते हैं(दैनिक जागरण,दिल्ली,29.6.11)।

डीयूःदाखिले में कैरेक्टर सर्टिफिकेट का बड़ा महत्व

Posted: 29 Jun 2011 09:25 AM PDT

दिल्ली विविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेजों में दाखिले लेने के लिए विद्यार्थी का चरित्र अच्छा है, इसका भी काफी महत्व है। दाखिले के दौरान विद्यार्थियों को सभी प्रमाणपत्रों के अलावा करेक्टर सर्टिफिकेट देना होता है। यह प्रमाणपत्र बारहवीं करने के बाद स्कूल द्वारा जारी किया जाता है। दाखिला प्रक्रिया के दौरान कॉलेजों में दाखिला लेने आ रहे विद्यार्थी जिनके पास यह प्रमाणपत्र नहीं है, उन्हें अमूमन कॉलेज दाखिला नहीं दिया जा रहा है। हालांकि कुछ कॉलेज हलफनामा लेकर भी दाखिले देते हैं, फिर भी दिए गए वक्त में करेक्टर प्रमाणपत्र जमा कराना जरूरी है। डीयू के सत्यवती कॉलेज के प्राचार्य डॉ शम्सुल इस्लाम ने कहा कि इस सर्टिफिकेट को दाखिले के लिए दिया जाना जरूरी है। डॉ. इस्लाम ने कहा कि रोजाना कई ऐसे विद्यार्थी आते हैं, जिनके पास करेक्टर सर्टिफिकेट नहीं होता है। प्राइवेट तौर पर बारहवीं पास विद्यार्थियों के साथ और महाराष्ट्र और झारखंड से आने वाले विद्यार्थी के पास करेक्टर सर्टिफिकेट नहीं है। ऐसे में उनसे हलफनामा लेकर दाखिले करवाए जा रहे हैं लेकिन बाद में सर्टिफिकेट देना जरूरी है। कैम्पस कॉलेज में दाखिला लेने के लिए पहुंचे छात्र निलेश, विकास व समीर ने कहा कि उनके पास करेक्टर सर्टिफिकेट नहीं है, इस कारण कॉलेज ने उन्हें दाखिले के लिए किसी राजपत्रित अधिकारी से करेक्टर सर्टिफिकेट लाने को कहा है। डॉ. इस्लाम ने बताया कि रोजाना एक दर्जन विद्यार्थी ऐसे आ हैं, जिनके पास करेक्टर सर्टिफिकेट नहीं है, विविद्यालय के दाखिले के नियमों के तहत यह प्रमाणपत्र देना जरूरी है। उन्होंने बताया कि ओपन स्कूल और प्राइवेट कैंडिडेट के तौर पर विद्यार्थियों को सबसे ज्यादा करेक्टर सर्टिफिकेट को लेकर दिक्कत होती है। दयाल सिंह कॉलेज के प्राचार्य डॉ आईएस बख्शी ने कहा कि दाखिले में बाहर से आने वाले विद्यार्थी के लिए यह बड़ी समस्या है। जिनका कट ऑफ तो दाखिले की मांग को पूरी कर रहा है, लेकिन करेक्टर सर्टिफिकेट न होने के चलते दाखिले को लेकर परेशानी हो रही है(राकेश नाथ,राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,29.6.11)।

दिल्लीःसंदिग्ध बोर्ड बांट रहे फर्जी डिग्री

Posted: 29 Jun 2011 08:58 AM PDT

राजधानी में नकली जाति प्रमाण पत्र ही नहीं मिल रहे, बल्कि समानांतर नकली शिक्षा बोर्ड भी चलाया जा रहा है। बोर्ड ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन, दिल्ली धड़ल्ले से ऐसी मार्कशीट बांट रहा है जिनका कोई मूल्य नहीं है। फर्जी बोर्ड ने अपनी वेबसाइट भी बनाई हुई है, जिस पर फोन नंबर और बोर्ड कार्यालय का पता दर्शाया हुआ है। लेकिन छानबीन के दौरान न तो बोर्ड का कार्यालय मिला और न ही फोन करने पर वेबसाइट पर दिए दिल्ली के नंबर लग रहे हैं। यह स्थिति तब है जब सरकारी महकमों को इस बारे में पता है लेकिन कार्रवाई के बजाय वे जिम्मेदारी एक-दूसरे के ऊपर डाल रहे हैं। इस फर्जी बोर्ड की मार्कशीट लेकर एक छात्र दयाल सिंह कॉलेज में दाखिला लेने पहुंच गया। डीयू के ज्वाइंट डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. सुमन वर्मा ने बताया कि कुछ समय पहले दयाल सिंह कॉलेज ने जांच के लिए बोर्ड ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन, दिल्ली की मार्कशीट और अन्य प्रमाणपत्र भेजे थे। इसे रजिस्ट्रार कार्यालय के एकेडमिक विभाग में भिजवा दिया है। यह बोर्ड नकली है, इसलिए यहां की मार्कशीट लाने वाले छात्र को दाखिला नहीं मिलेगा। आपको बता दें कि दिल्ली राज्य का अपना कोई बोर्ड नहीं है, इसलिए सीबीएसई के तहत ही सरकार के स्कूलों को भी मान्यता मिली है। इस बारे में देश भर के सरकारी शिक्षा बोर्डो के संगठन काउंसिल ऑफ बो‌र्ड्स ऑफ स्कूल एजुकेशन (कोबसे) के संयुक्त सचिव पूरनचंद बताते हैं कि 45 शिक्षा बोर्ड कोबसे के सदस्य हैं। ये वे बोर्ड हैं, जो केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। पूरनचंद का कहना है कि बोर्ड ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन दिल्ली और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद दिल्ली नाम से फर्जी बोर्ड चल रहे हैं। इन बोर्ड का कहीं कोई क्षेत्रीय कार्यालय नहीं है, और न ही परीक्षा आयोजित करने के लिए इनके पास स्कूल हैं। जिन स्कूलों का नाम वेबसाइट पर दर्शाया गया है, वे भी फर्जी हैं। पूरनचंद का कहना है कि उनके यहां इन नकली बोर्ड की फर्जी मार्कशीट और प्रमाण पत्रों की फाइल तैयार है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय और दिल्ली सरकार को भी वह कई बार कार्रवाई के लिए कह चुके हैं। मंत्रालय की ओर से कोबसे को 10 महीने पहले पत्र लिखकर कहा गया कि आप ही इन फर्जी बोर्ड के विरुद्ध कार्रवाई करें। नियम के अनुसार मानव संसाधन मंत्रालय के तहत काम करने वाले कोबसे का काम पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार कराना, ग्रेडिंग प्रणाली के बारे में बोर्ड को अवगत कराना और शिक्षा पद्धति में सुधार के प्रति सुझाव देना है। कार्रवाई कराने की जिम्मेदारी केंद्र व राज्य सरकार की है। पंजाब से चल रहा है दिल्ली का बोर्ड? : इस बारे में वेबसाइट पर जारी पंजाब के एसबीएस नगर के बंगा स्थित उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद, दिल्ली के प्रशासनिक कार्यालय में संपर्क किया गया। वेबसाइट (डब्लूडब्लूडब्लू. बीएचएसई.को.इन) पर एक मोबाइल नंबर 09592878500 दिया था, जिसे हरभजन सिंह नाम के शख्स ने उठाया। पूछने पर उसने बताया कि वह बोर्ड का सचिव है। उसने कहा कि उसका बोर्ड मान्यता प्राप्त है। यह पूछने पर कि कहां से तो उसने कहा कि उसे अभी मालूम नहीं है। जब उससे पूछा कि उसके बोर्ड का ऑफिस दिल्ली में क्यों नहीं है, जवाब में उसने कहा कि यह जरूरी नहीं है। जबकि कोबसे के अनुसार दिल्ली बोर्ड के लिए दिल्ली में क्षेत्रीय कार्यालय होना जरूरी है। बोर्ड ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन, दिल्ली की वेबसाइट www.bhsedelhi.co.in पर जारी सभी नंबर बंद हो चुके हैं। बोर्ड के क्षेत्रीय केंद्र का पता डी-281, कम्युनिटी सेंटर, शाहदरा-93, दिल्ली बताया गया है, लेकिन संवाददाता द्वारा की छानबीन में यहां कोई कार्यालय नहीं मिला। वेबसाइट में दिल्ली स्थित आनंद विहार में दर्शाया गया स्कूल भी कहीं नहीं मिला(एस. के. गुप्ता,दैनिक जागरण,दिल्ली,29.6.11)।

लखनऊ विवि : बीए, बीकाम, एलएलबी आनर्स की कट-आफ मेरिट

Posted: 29 Jun 2011 07:30 AM PDT

लखनऊ विविद्यालय ने मंगलवार को स्नातक के बीए व बीकाम व एलएलबी आनर्स के साथ बीबीए व बीटीए की कटआफ मेरिट जारी कर दी है। इनमें चयनित छात्रों की काउंसलिंग पहली जुलाई को लविवि के सीतापुर रोड स्थित द्वितीय परिसर में होगी। चयनित छात्रों के प्रवेश लेने के बाद रिक्त सीटों पर प्रतीक्षा सूची के चयनित छात्र-छात्राओं को प्रवेश मिलेगा। विविद्यालय के मुख्य प्रवेश समन्वयक प्रो. पद्मकांत ने बताया कि बीए आनर्स में यूपी बोर्ड के सामान्य श्रेणी में यूपी बोर्ड के 76.4 फीसद, आईएससी में 80 फीसद और सीबीएससी में 79.6 फीसद अंक वालों को चयनित सूची में शामिल किया है। ओबीसी में यूपी बोर्ड के 60 प्रतिशत, आईएससी के 63.16 व सीबीएसई के 63.4 फीसद अंक पाने वाले चयनित हुए हैं। अनुसूचित जाति वर्ग में यूपी बोर्ड से 58.2, आईएससी के 64.66 व सीबीएसई में 60.8 फीसद अंक लाने वाले छात्र चयनित सूची में शामिल किये गये हैं। बीए आनर्स की सौ सीटों को भरने केलिए सामान्य वर्ग में दो प्रतीक्षा सूची जारी की गयी हैं जबकि आरक्षित वर्ग के लिए एक-एक प्रतीक्षा सूची होगी। इसी प्रकार बीकाम आनर्स के लिए सामान्य श्रेणी में यूपी बोर्ड के 87 फीसद, आईएससी के 89.33 फीसद, सीबीएसई के 89.8 फीसद अंक लाने वाले छात्र चयनित सूची में शामिल हैं(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,29.6.11)।

लखनऊ में हाल समाज कल्याण शिक्षण संस्थाओं काःएडमिशन हुए नहीं, कैसे होगी पहली से पढ़ाई

Posted: 29 Jun 2011 07:00 AM PDT

समाज कल्याण विभाग द्वारा राजधानी में संचालित आधा दर्जन शिक्षण संस्थाओं में भारी अव्यवस्थाओं के बीच एक जुलाई से नये सत्र की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि इन शिक्षण संस्थाओं में अभी तक खाली सीटों पर छात्रों के प्रवेश प्रक्रिया ही पूरी नहीं की जा सकी है। मोहान रोड पर महात्मा ज्योतिबा राव स्वच्छकार राजकीय विद्यालय व राजकीय आश्रम पद्धति बालिका इण्टर कालेज में अभी तक नये छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया ही पूरी नहीं की जा सकी हैं। आलम है कि ज्योतिबा स्वच्छकार विद्यालय में अभी सिर्फ आवेदनपत्रों का वितरण का कार्य ही किया जा रहा हैं यहां पर प्रवेश परीक्षा पांच जुलाई को होगी। इसी तरह आश्रम पद्धति बालिका इण्टर कालेज में कक्षा एक, नौ व ग्यारह की कक्षाओं में खाली सीटे नहीं भरी जा सकी है जबकि विभागीय अधिकारी इन शिक्षण संस्थाओं में पढ़ाई एक जुलाई से शुरू करा देने का दावा कर रहे हैं। इसी तरह का हाल विकलांग कल्याण विभाग की शिक्षण संस्थाओं स्पर्श राजकीय दृष्टिबाधित इण्टर कालेज बालक व बालिका तथा राजकीय विकलांग विद्यालय का है। इन शिक्षण संस्थाओं में भी प्रवेश परीक्षा पांच व आठ जुलाई को आयोजित की गयी है। ऐसे में नये शिक्षण सत्र की पढ़ाई आखिर कैसे शुरू होगी, इसका जवाब विभागीय अफसरों के पास नहीं है। इस बाबत जिला विकलांग कल्याण अधिकारी अखिलेश बाजपेयी कहते हैं कि सभी शिक्षण संस्थाओं में एक जुलाई से पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,29.6.11)।

यूपीःमदरसा शिक्षा बोर्ड का परीक्षा परिणाम लटका

Posted: 29 Jun 2011 06:30 AM PDT

कापियां जांचने में हो रहे विलम्ब के चलते यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड का परीक्षा परिणाम आठ जुलाई को आने की कोई संभावना नहीं है। उधर परीक्षा परिणाम की प्रगति जानने के लिए बोर्ड के चेयरमैन अनवर जलालपुरी ने 30 जून को सदस्यों की बैठक बुलाई है। परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मदरसा शिक्षा बोर्ड द्वारा आठ जुलाई को परीक्षा परिणाम आने की घोषणा की गयी थी। बोर्ड ने उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्याकंन के लिए प्रदेश के चालीस जिलों में सेन्टर बनाये थे। इनमें से अभी तक सिर्फ 25 जिलों ने ही उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्याकंन कर कापियां बोर्ड को भेजी हैं। 15 मूल्याकंन केन्द्र ऐसे हैं जहां उत्तर पुस्तिकाएं जांचने का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्याकंन होने के बाद बोर्ड रिजल्ट और मार्कशीट तैयार करेगा। इस वर्ष बोर्ड की परीक्षाओं में एक लाख 80 हजार लोग शामिल हुए थे, जो एक रिकार्ड है। ऐसे में परीक्षा परिणाम बनाना और अंकपत्र तैयार करना बोर्ड के लिए एक बड़ी चुनौती है। जानकार बताते हैं कि इस काम में कम से कम 15 दिन का समय लग सकता है। ऐसी परिस्थिति में आठ जुलाई को परीक्षा परिणाम घोषित करना बोर्ड के लिए टेढी खीर है।इस सम्बन्ध में बोर्ड के चेयरमैन अनवर जलालपुरी ने बताया कि 30 जून को बोर्ड की बैठक बुलाई गयी है। इस बैठक में उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्याकंन और परीक्षा परिणाम घोषित करने की प्रगति की समीक्षा होगी। इस बैठक के बाद परीक्षा परिणाम की तिथि घोषित होगी। श्री जलालपुरी ने बताया कि बोर्ड का प्रयास होगा कि परीक्षा परिणाम आठ जुलाई को ही घोषित हो। ताकि पास होने वाले छात्र-छात्राओं को अगली कक्षा में प्रवेश लेने में कोई दिक्कत न हो(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,29.6.11)।

यूपीःखाली रह जाएंगी इंजीनियरिंग की 50 सीटें,फैकल्टी से कराया जा रहा छात्रों का जुगाड़

Posted: 29 Jun 2011 06:07 AM PDT

प्रदेश के साढ़े छह सौ इंजीनियरिंग कालेजों की आधी सीटें खाली रह जाएंगी। सूबे में पिछले सात दिनों तक इंजीनियरिंग की काउंसलिंग के लिए चले कागजात सत्यापन में 45 हजार छात्र-छात्राएं ही शरीक हुए। इसमें भी सभी काउंसलिंग के दौरान केन्द्रों पर आएंगे, इसको लेकर प्रवेश प्रक्रिया में लगे शिक्षकों को भी भरोसा नहीं है। गौरतलब है कि जुलाई के पहले हफ्ते से शुरू होने वाली कांउसलिंग में कागजातों का सत्यापन करा चुके छात्र-छात्राओं को ही शामिल किया जाएगा। ऐसे में इंजीनियरिंग की आधी सीटें ही भर सकेंगी। छात्रों की यह बेरुखी निजी क्षेत्र के कालेजों को भारी पड़ सकती है और कालेजों पर ताला लगाना पड़ सकता है। प्रदेश के मुख्य शहरों में चली सत्यापन प्रक्रिया में सभी श्रेणी के छात्रों के कागजातों का सत्यापान किया गया। इसके लिए छात्रों से पांच सौ रुपये शुल्क लिया गया। मंगलवार को सुबह तक 41 हजार छात्रों के कागजातों का सत्यापन हो चुका था। सोमवार को दस हजार छात्रों ने सत्यापन प्रक्रिया में हिस्सा लिया, लेकिन मंगलवार को यह रफ्तार सुस्त पड़ गयी। इसके मुश्किल से 45 हजार के पार होने की उम्मीद है। 22 से 28 जून तक चले कागजातों के सत्यापन में इंजीनियरिंग, एमबीए तथा एमसीए सहित सभी पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रिया का पहला चरण पूरा किया गया। सभी पाठ्यक्रमों को मिलाकर 650 इंजीनियरिंग कालेजों में एक लाख 20 हजार सीटें हैं। इनमें 82 हजार से ज्यादा सीटों को काउंसलिंग के जरिये भरा जाना है। इन सीटों को भरने के लिए सात दिनों तक चली सत्यापन प्रक्रिया में 45 हजार से ज्यादा छात्र शामिल हुए। इन सभी के प्रवेश लेने के बाद भी 37 हजार से ज्यादा सीटें खाली रह जाएंगी। इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी (आईईटी) के एक प्रोफेसर का कहना है कि यही नौबत रही तो इंजीनियरिंग कालेजों में ताला लग जाएगा। छात्रों की इस बेरुखी की वजह पर उनका कहना है कि जब हर तीन किमी. पर इंजीनियरिंग कालेज खुलेगा तो फिर दाखिलों की यह स्थिति होगी ही। काउंसलिंग में शामिल होने वाले छात्रों को पूरा जोर एक दर्जन सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों तथा 20 से ज्यादा निजी क्षेत्र के कालेजों में रहेगा। सूत्रों का कहना है कि कुछ वर्ष पूर्व इसी तरह फाम्रेसी के संस्थान थोक के भाव खुले थे, लेकिन कुछ समय बाद कई बंद हो गये।

राजधानी सहित प्रदेश के कई हिस्सों में खुले इंजीनियरिंग कालेजों ने छात्रों का दाखिला लेने के लिए जुगाड़ शुरू कर दिया है। इन संस्थानों ने छात्रों को लाने के लिए अपनी- अपनी फैकल्टी को लगा दिया है। आईईटी के बाहर काउंसलिंग के दौरान लगने वाली संस्थानों की स्टालों पर भी फैकल्टी यही काम करते देखे जा सकेंगे। सीतापुर रोड स्थित एक संस्थान की फैकल्टी सुप्रिया (बदला नाम) ने बताया कि उन्हें पांच छात्रों के प्रवेश की जिम्मेदारी दी गयी है। संस्थान में बने रहने के लिए वह छात्रों को मैनेज करने में लगी हैं। आईईटी के एक वरिष्ठ शिक्षक ने कहा कि कई संस्थानों ने काउंसलिंग शुरू होने से पहले ही दाखिले शुरू कर दिये हैं। वे छात्रों का प्रवेश लेने की बजाय उनका पंजीकरण करा ले रहे हैं। मनमाफिक ब्रांच देने के नाम पर इन छात्रों से 50-50 हजार रुपये की मोटी रकम जमा करायी जा रही है। यही हाल फैजाबाद रोड स्थित इंजीनियरिंग कालेजों का भी है। हाईप्रोफाइल इंजीनियरिंग कालेजों में शामिल संस्थान अभी वेट एण्ड वाच की रणनीति पर चल रहे हैं(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,29.6.11)।

उत्तराखंडःकम्बाइंड पीजी इंस्टीटय़ूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की विवि से सम्बद्धता बरकरार

Posted: 29 Jun 2011 03:30 AM PDT

कम्बाइंड पीजी इंस्टीटय़ूट ऑफ मेडिकल साइन्सेज की गढ़वाल केन्द्रीय विविद्यालय से सम्बद्धता बरकरार है। इंस्टीटय़ूट में डिप्लोमा, स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर के विभिन्न पाठय़क्रमों में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इंस्टीटय़ूट द्वारा छात्रों को व्यवहारिक ज्ञान देने के लिए करीब पांच बड़े अस्पतालों से अनुबंध किया गया है। कुंआवाला स्थित कम्बाइंड पीजी इंस्टीटय़ूट ऑफ मेडिकल साइन्सेज में बैचलर ऑफ फिजियोथैरेपी (बीपीटी), बैचलर ऑफ मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी, रेडियो इमेजिंग टेक्नोलॉजी, एमएससी माइक्रोबायोलॉजी, बीएससी-एमएससी नर्सिग समेत अनेक पाठय़क्रमों में एडमिशन प्रक्रिया की शुरू हो चुकी है। शुरूआती दौर में कुलाधिपति व राज्यपाल ने जुलाई 09 तक के लिए इंस्टीटय़ूट को मान्यता दी थी। इसी दौरान जनवरी09 में गढ़वाल विविद्यालय को केन्द्रीय दर्जा मिल गया जिसके बाद सम्बद्धता आदि मामले में प्रदेश सरकार की कोई भूमिका नहीं रह गई है। विविद्यालय पहले ही साफ कर चुका है कि 15 जनवरी 09 तक जो संस्थान सम्बद्ध थे उनकी सम्बद्धता विविद्यालय के साथ बनी रहेगी। निदेशक व प्राचार्य डा. जीएस जादौन ने बताया कि उत्तराखण्ड में नर्सिग पाठय़क्रम सबसे पहले कम्बाइंड पीजी इंस्टीटय़ूट ऑफ मेडिकल साइन्सेज ने शुरू किया था। पाठय़क्रम शुरू करने से पहले ही निर्धारित मानकों को पूरा करने के साथ ही विविद्यालय के साथ सम्बद्धता व नर्सिग काउंसिल से मान्यता ले गई थी। केन्द्रीय विविद्यालय से सम्बद्धता होने कारण प्रदेश सरकार अब कोई लेना-देना नहीं रह गया है(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,29.6.11)।

कुमाऊँ विवि में एलएलबी एलएलएम प्रवेश प्रक्रिया शुरू

Posted: 29 Jun 2011 03:00 AM PDT

कुमाऊं विवि में एलएलबी व एलएलएम हेतु प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। कुलसचिव डा. कमल के पांडे ने बताया कि विवि के अल्मोड़ा परिसर में उपलब्ध एलएलबी की 100 सामान्य व 30 स्ववित्तपोषित तथा एलएलएम की 20 सामान्य व 20 स्ववित्तपोषित सीटों के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये हैं। प्रवेश हेतु स्नातक स्तर पर 45 फीसद अंक अनिवार्य हैं। एससी-एसटी के छात्रों हेतु पांच फीसद की छूट है। कुलसचिव ने साफ किया कि भारतीय विधिज्ञ परिषद के नियमानुसार दूरस्थ शिक्षा पद्धति से बिना इंटर किए स्नातक उपाधि हासिल करने वाले अभ्यर्थी एलएलबी हेतु अर्ह नहीं होंगे। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 22 जुलाई रखी गई है(राष्ट्रीयसहारा,नैनीताल,29.6.11)।

उत्तराखंडःपीजी स्तर पर सेमेस्टर सिस्टम लागू, शिक्षक व छात्र नहीं मार सकेंगे कक्षाओं से बंक

Posted: 29 Jun 2011 02:30 AM PDT

कक्षाओं से जी चुराना अब शिक्षकों व छात्रों के लिए आसान नहीं होगा। गढ़वाल केंद्रीय विवि ने सत्र 2011-12 से सम्बद्ध महाविद्यालयों में भी पीजी स्तर पर सेमेस्टर सिस्टम लागू करने जा रहा है। इस संबंध में विविद्यालय से विधिवत जानकारी मिलने के बाद कालेजों के होश उड़ गए हैं। सेमेस्टर सिस्टम को लेकर अभी तक कालेजों में कोई तैयारी नहीं है। कालेज इस स्थिति के लिए विवि को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। गढ़वाल केंद्रीय विविद्यालय के साथ-सम्बद्ध महाविद्यालयों में पीजी पाठय़क्रमों की पढ़ाई में कई तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। पहले की तरह कक्षाओं से न तो छात्र गायब मिलेंगे और न शिक्षक । परीक्षा देने के लिए छात्रों को कक्षाओं में आना ही पड़ेगा, क्योंकि 75 प्रतिशत उपस्थिति होने पर ही संबंधित छात्र-छात्रा को परीक्षा में बैठने दिया जाएगा। अलबत्ता विशेष परिस्थिति में संबंधित विषय का विभागाध्यक्ष 10 प्रतिशत की छूट दे सकता है। सेमेस्टर सिस्टम में 40 प्रतिशत अंक कालेज के शिक्षकों के पास रहेगा, जबकि 60 प्रतिशत अंक के लिए सेमेस्ट की समाप्ति पर मुख्य परीक्षा होगी। इसके लिए शिक्षकों को हर सेमेस्टर में दो बार छात्रों का मूल्यांकन करना होगा। यह मूल्यांकन लिखित टेस्ट अथवा सेमिनार में लेक्चर के आधार पर किया जाएगा। इन सबके लिए शिक्षकों को कक्षाओं में जाकर पढ़ाना एवं छात्रों की हाजिरी भी लेनी पड़ेगी। मूल्यांकन के आधार पर मिले अंक को विभागाध्यक्ष द्वारा विवि को भेजा जाएगा। कालेज स्तर पर होने वाले मूल्यांकन व मुख्य परीक्षा के अंकों को जोड़कर ही छात्रों का परिणाम घोषित किया जाएगा, जिसमें अंकों की जगह ग्रेड प्वाइंट दिया जाएगा। इससे जाहिर होता है कि सेमेस्टर पण्राली पूरी तरह छात्रों के हित में है लेकिन डीएवी जैसे कालेजों के लिए सेमेस्टर सिस्टम किसी मुसीबत से कम नहीं होगा। सेमेस्टर सिस्टम को लेकर विवि ने सभी कालेजों को पत्र भेज दिया है जिसमें नई व्यवस्था से संबंधित सभी आवश्यक नियमों की जानकारी दी गई है। इसके साथ ही विवि ने विस्तृत वार्ता के लिए एक जुलाई को सभी कालेजों को प्राचार्य को श्रीनगर बुलाया है। उक्त बैठक में सेमेस्टर सिस्टम में आने वाली संभावित दिक्कतों पर चर्चा होने के आसार हैं। बहरहाल विवि के पत्र से अनेक कालेजों के होश उड़े हुए हैं। सेमेस्टर सिस्टम को लेकर कालेजों के सामने बड़ी दिक्कत शिक्षकों की कमी है। सरकारी के गैर सरकारी महाविद्यालयों में शिक्षकों के पद बड़ी सख्यां में रिक्त हैं। ऐसे में प्रत्येक प्रश्न पत्र के लिए सेमेस्टर के दौरान दो मर्तबा टेस्ट व मूल्यांकन करना आसान नहीं होगा। कालेज स्तर पर पूर्ण कालिक परीक्षा प्रभारी न होने से भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही टेस्ट के लिए आवश्यक बजट कौन उपलब्ध कराएगा इस पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कालेज के मूल्यांकन के आधार पर मिलेंगे 40 प्रतिशत अंक एक सेमेस्टर में दो बार देना होगा छात्र- छात्राओं को टेस्ट ' विविद्यालय को इतना बड़ा निर्णय लेने से पहले कालेजों को विास में लेना चाहिए था। सेमेस्टर सिस्टम में किस तरह की दिक्कतें आ सकती हैं, उन्हें कैसे दूर किया जाएगा पहले इस पर चर्चा होनी चाहिए थी। विवि ने यह निर्णय दो-तीन माह पहले ले लिया था, लेकिन कालेजों में अब जानकारी दी जा रही है जब सत्र शुरू होने वाला है। सेमेस्टर सिस्टम के प्रभावी क



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha

হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!

मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में OBC Trump Card और जयभीम कामरेड

Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!

हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला हिंदुत्व की राजनीति से नहीं किया जा सकता।

In conversation with Palash Biswas

Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Save the Universities!

RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!

जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।

#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?

Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

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