From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/6/17
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com
भाषा,शिक्षा और रोज़गार |
- यूपीःपालीटेक्निक में एक नम्बर पाकर भी हो गया चयन
- बिहारःप्रतिनियुक्त शिक्षकों को मूल विद्यालय में भेजने का निर्देश
- डीयू में दाखिलाःआधे छात्रों को मिलती है मायूसी
- बिहारः सूचना एवं जन संपर्क विभाग में अनुबंध पर होगी बहाली
- बीपीएससी पीटी का परिणाम अगले सप्ताह,सितम्बर-अक्टूबर में होगी मेन्स परीक्षा
- डीयूःस्टीफंस की कट ऑफ 5% तक बढ़ी
- डीयूःकट-ऑफ बढ़ने से स्टूडेंट्स थोड़ा निराश
- डीयूःटॉपर्स बढ़े हैं तो कट ऑफ भी बढ़ी
- एम्स में एमडी पाठ्यक्रमों की सारी परीक्षाएं रद नहीं
- पश्चिम बंगालःआलिया विवि में मदरसा नाम जोड़ने पर विवाद गहराया
- डीयूःदाखिले को लेकर परेशान छात्र
- डीयू में दाखिला शुरू, दूसरी कटऑफ 21 को
- बिहारःसाढ़े आठ हजार गोपाल मित्रों की होगी नियुक्ति
- डीयूःवीसी ने कहा,कटऑफ होगी कम
- उत्तराखंड में पंजाबी को द्वितीय भाषा का दर्जा देने की मांग
- पंजाबःईटीटी अध्यापकों ने कहा,भर्ती प्रक्रिया को लटकाना सरकार की एक साजिश का हिस्सा
- यूपीःपॉलीटेक्निक प्रवेश परीक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित
- उत्तराखंडःनया पैटर्न बढ़ा सकता है अभ्यर्थियों की दुश्वारियां !
- डीयू की कट ऑफ लिस्ट में उलझन ही उलझन
- संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालयःपरीक्षा के साथ ही होगा मूल्यांकन कार्य भी
- लखनऊ विविःसत्र भी गया, फीस भी हाथ नहीं आयी
- थैलेसीमिया पीड़ित को सिविल सेवा में न लेने के खिलाफ सोसाइटी जाएगी सुप्रीम कोर्ट
- उत्तराखंडःकोषागार कार्मिकों को मिलेगा एसीपी का लाभ
- डीयूःएससी, एसटी की लिस्ट जारी
- डीयू का श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स 100 प्रतिशत पर अड़ा
यूपीःपालीटेक्निक में एक नम्बर पाकर भी हो गया चयन Posted: 16 Jun 2011 11:30 AM PDT पालीटेक्निक में एक नम्बर पाने वाले अभ्यर्थियों का भी चयन हो गया। इस श्रेणी के लिए सामान्य वर्ग की छात्राओं से लेकर सभी आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को तरजीह दी गयी, सिर्फ सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए ही न्यूनतम 45 अंकों का कटआफ रखा गया था। पालीटेक्निक की ग्रुप ए की परीक्षा में शामिल करीब 4744 छात्राएं तो एक अंक भी नहीं हासिल कर सकी और प्रवेश परीक्षा में असफल घोषित कर दी गयी। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद ने सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 15 फीसद का कटआफ रखा गया था। तीन सौ अंक की प्रवेश परीक्षा का मूल्यांकन ऋणात्मक था। न्यूनतम 45 अंक लाने वाले छात्रों को अर्ह घोषित किया गया है। सामान्य वर्ग की छात्राओं के साथ अनुसूचित जाति की छात्र-छात्राएं, ओबीसी और अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के आरक्षित कोटा भरने के लिए एक-एक अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को भी चयनित घोषित कर दिया गया है। सामान्य वर्ग के बालक वर्ग में 44 अंक पाने वालों को फेल कर दिया गया। नतीजतन प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले सामान्य वर्ग के 96241 अभ्यर्थियों में सिर्फ 29648 अभ्यर्थी ही प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण हो सके हैं, इनमें भी 8325 सामान्य वर्ग की छात्राएं शामिल हैं। पालीटेक्निक की संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद में ए ग्रुप की परीक्षा में शामिल होने वाले 3.88 लाख अभ्यर्थियों में सिर्फ 29939 छात्राएं थीं, इनमें 4744 छात्राएं प्रवेश परीक्षा से ही बाहर हो गयी हैं। प्रवेश परीक्षा में सर्वाधिक 14417 छात्राएं अन्य पिछड़ा वर्ग की शामिल हुई थीं, इनमें 12252 छात्राएं सफल रही हैं। अनुसूचित जाति में 5596 छात्राओं में 4169 छात्राएं सफल रही। एसटी की 190 में 149 तथा सामान्य श्रेणी में 9736 में 8324 छात्राएं उत्तीर्ण हो सकी हैं। इस बार ओबीसी में सर्वाधिक 172972 अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की है, जबकि एससी में 67820 तथा एसटी में 2149 अभ्यर्थी कामयाब घोषित हुए हैं(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,16.6.11)। |
बिहारःप्रतिनियुक्त शिक्षकों को मूल विद्यालय में भेजने का निर्देश Posted: 16 Jun 2011 11:01 AM PDT मानव संसाधन विकास विभाग ने राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के प्रतिनियुक्ति को गंभीरता से लिया है। उच्च शिक्षा निदेशक कमल किशोर सिन्हा ने राज्य के सभी पदाधिकारियों को पत्र लिख कर इसकी सूची विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। उच्च शिक्षा निदेशक ने पत्र में कहा है कि आरोप प्रमाणित होने पर संबंधित पदाधिकारियों और शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा है कि नवउत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षण कार्य हेतु की गयी प्रतिनियुक्ति को छोड़कर माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को अन्य विद्यालयों, कार्यालयों में शिक्षण कार्य या गैर शिक्षण कार्य हेतु प्रतिनियुक्ति किये जाने का प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसी लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि शिक्षकों का प्रतिनियोजन क्षेत्रीय पदाधिकारियों द्वारा विभागीय दिशा-निर्देश के प्रतिकूल अपने स्तर से किया जा रहा है(राष्ट्रीय सहारा,पटना,16.6.11)। |
डीयू में दाखिलाःआधे छात्रों को मिलती है मायूसी Posted: 16 Jun 2011 11:00 AM PDT डीयू में स्नातक की करीब 54 हजार सीटें और करीब 1.25 लाख छात्र दाखिले के लिए आवेदन करते हैं। मतलब हर साल दाखिले के लिए आवेदन करने वाले छात्रों में आधे से भी कम को दाखिला मिल पाता है। कुलपति प्रो. दिनेश सिंह का कहना है कि समस्या के समाधान के लिए नए विश्वविद्यालय खोलने होंगे। दैनिक जागरण से बातचीत में प्रो. दिनेश सिंह ने कहा कि डीयू के 64 कॉलेजों में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होती है। अच्छी शिक्षा की चाह में देश भर के युवा डीयू में दाखिले के लिए आवेदन करते हैं। वर्ष 2007 में डीयू के स्नातक कोर्सो में सीटों की संख्या करीब 43 हजार थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए गत तीन वर्षो में 9-9 फीसदी सीटें बढ़ाई गई। इससे अब सीटों की संख्या बढ़कर 54 हजार हो गई है। उन्होंने कहा कि अधिकांश कॉलेजों को ढांचागत विकास के लिए विभिन्न विभागों से अनापत्ति नहीं मिल रही। किसी कॉलेज का नक्शा पास नहीं हो रहा, तो कहीं पर पुरातत्व विभाग की आपत्ति है। प्राचार्य इस बात को लेकर परेशान हैं कि अगर सीटों से ज्यादा दाखिले हो गए तो छात्रों को बिठाएंगे कहां? प्रो. सिंह ने कहा कि समस्या के समाधान के लिए सरकार को दिल्ली, एनसीआर और अन्य राज्यों में नए विश्वविद्यालय खोलने होंगे। जिससे वहां के छात्र यहां दाखिले के लिए परेशान न हों। 2007 में ज्ञान आयोग और मोइली रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र है कि देश में उच्च शिक्षा के ढांचागत विकास के लिए नए विश्वविद्यालय खोलने अत्यंत आवश्यक हैं(एस के गुप्ता,दैनिक जागरण,दिल्ली,16.6.11)। |
बिहारः सूचना एवं जन संपर्क विभाग में अनुबंध पर होगी बहाली Posted: 16 Jun 2011 10:58 AM PDT सूचना एवं जन संपर्क विभाग में पदाधिकारियों की कमी को दूर करने के लिए संविदा के आधार पर पदाधिकारियों की नियुक्ति होगी। इसके साथ ही विभाग के पुनर्गठन के लिए कमेटी बनायी गयी है। यह निर्णय बुधवार को विभाग के सचिव राजेश भूषण ने समीक्षा बैठक में लिया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभाग के सचिव राजेश भूषण ने बताया कि सूचना तंत्र के बढ़ते विस्तार को ध्यान में रखते हुए विभाग को पुनर्गठन की आवश्यकता है। विभाग में जरूरत के मुताबिक पदाधिकारियों की संविदा के आधार पर नियुक्ति होगी। विभाग में पदाधिकारियों की नियमित प्रोन्नति होगी। उन्होंने विभाग के पुनर्गठन के लिए कैबिनेट नोट तैयार करने के लिए निदेशक की अध्यक्षता में टीम का गठन किया है। कमेटी में संयुक्त निदेशक (प्रेस), संयुक्त निदेशक (विज्ञापन), उप निदेशक कमलाकांत उपाध्याय, उप निदेशक (स्थापना) के अतिरिक्त क्षेत्रीय इकाइयों के उप निदेशक मुंगेर, डीपीआरओ रोहतास, डीपीआरओ गया, सेवानिवृत्त डीपीआरओ देवेन्द्र कुमार सिंह, मुश्ताक अहमद नूरी तथा सहायक डीपीआरओ स्तर के पदाधिकारियों में से मुख्यालय स्थित दो पदाधिकारियों को शामिल किया गया है(राष्ट्रीय सहारा,पटना,16.6.11)। |
बीपीएससी पीटी का परिणाम अगले सप्ताह,सितम्बर-अक्टूबर में होगी मेन्स परीक्षा Posted: 16 Jun 2011 10:54 AM PDT राज्य सरकार के विभिन्न सेवाओं में 550 से अधिक राजपत्रित पदों पर सीधी नियुक्ति हेतु बिहार लोक सेवा आयोग की 53वीं से 55वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा, 2011 (पीटी) का परिणाम अगले सप्ताह आना अवश्यंभावी है। 17 अप्रैल को पीटी परीक्षा ली गयी है। आयोग की 17 जून को होने वाली बैठक में परिणाम घोषित किये जाने की चर्चा हो सकती है। आयोग के सूत्रों के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा में दो लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए हैं। जितने पदों पर नियुक्ति होगी, उससे दस गुना अधिक अभ्यर्थियों को अंतिम परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिलेगा। इसी वर्ष सितम्बर-अक्टूबर में संयुक्त मेंस परीक्षा होगी। उसके बाद साक्षात्कार लिया जायेगा। मेंस परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों में से स्वीकृत पदों के विरुद्ध ढाई गुना अधिक संख्या में अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया जायेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में दूसरी बार आयोग द्वारा संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा ली जा रही है। मौजूदा सरकार के कार्यकाल में पहली बार पांच वर्षो के लिए संयुक्त परीक्षा ली गयी थी। पहली संयुक्त परीक्षा के आधार पर लगभग 370 राजपत्रित पदों पर नियुक्ति की गयी है(राष्ट्रीय सहारा,पटना,16.6.11)। |
डीयूःस्टीफंस की कट ऑफ 5% तक बढ़ी Posted: 16 Jun 2011 10:36 AM PDT डीयू के सेंट स्टीफंस कॉलेज की पहली कट ऑफ 0.5 से 5 पर्सेंट तक हाई रही है। ह्यूमैनिटीज स्ट्रीम के स्टूडेंट्स की कट ऑफ में सबसे ज्यादा इजाफा किया गया है। मसलन, मैथ्स ऑनर्स कोर्स में ह्यूमैनिटीज सब्जेक्ट के साथ 12वीं करने वाले स्टूडेंट्स की कट ऑफ 5 पर्सेंट बढ़कर 90 तक पहुंच गई है। हालांकि हर साल की तरह इस बार भी कॉमर्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स को एडमिशन में मुश्किल होगी क्योंकि उनके लिए ओवरऑल कट ऑफ सबसे हाई है। मैथ्स ऑनर्स में कॉमर्स और साइंस स्ट्रीम के स्टूडेंट्स को 95 पर्सेंट पर एडमिशन मिलेगा। स्टीफंस में कॉमर्स कोसेर्ज नहीं हैं और दूसरे कोसेर्ज में कॉमर्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए कट ऑफ इस बार भी साइंस व ह्यूमैनिटीज स्ट्रीम से ऊपर है। कॉलेज में 420 सीटों के लिए 21,000 से भी अधिक ऐप्लीकेशन आई हैं। इस कट ऑफ के आधार पर स्टूडेंट्स को इंटरव्यू प्रोसेस से गुजरना होगा और उसके बाद फाइनल एडमिशन लिस्ट जारी की जाएगी। सबसे पॉपुलर कोर्स इकनॉमिक्स ऑनर्स में साइंस स्टूडेंट्स के लिए कट ऑफ में 1.25 की बढ़ोतरी की गई है और इसे 96.50 पर रखा गया है, जबकि इस कोर्स में कॉमर्स के स्टूडेंट्स की कट ऑफ 97.50 और आर्ट्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए कट ऑफ 96 है। मैथ्स ऑनर्स में साइंस स्टूडेंट्स की कट ऑफ डेढ़ पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 95 है, जबकि आर्ट्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए कट ऑफ 5 प्रतिशत बढ़कर 90 हो गई है। वहीं कॉमर्स स्ट्रीम की कट ऑफ 1 पर्सेंट के इजाफे के साथ 95 है। जनरल कैटिगरी में साइंस स्टूडेंट्स के लिए इंग्लिश ऑनर्स की कट ऑफ 94.50 पर्सेंट रही है, वहीं कॉमर्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स को इंग्लिश ऑनर्स में 97 पर्सेंट व आर्ट्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स को 94.50 पर्सेंट पर एडमिशन मिलेगा। हिस्ट्री ऑनर्स में साइंस के स्टूडेंट्स को पिछले साल की तरह ही 95 पर्सेंट पर एडमिशन मिलेगा जबकि आर्ट स्ट्रीम स्टूडेंट्स के लिए कट ऑफ में 3.50 पर्सेंट की बढ़ोतरी की गई है। बीए प्रोग्राम में साइंस स्टूडेंट्स को 92 और कॉमर्स स्टूडेंट्स को 95 पर्सेंट पर एडमिशन मिल सकता है। फिजिक्स ऑनर्स की कट ऑफ एक पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 95.33 पर्सेंट रही है। बीएससी प्रोग्राम विद कंप्यूटर साइंस की कट ऑफ 92 है। इस कट ऑफ लिस्ट में नाम आने वाले स्टूडेंट्स को ही इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा। केमिस्ट्री ऑनर्स की कट ऑफ में 0.33 पर्सेंट की बढ़ोतरी की गई है। संस्कृत ऑनर्स में जनरल कैटिगरी के सभी स्ट्रीम के स्टूडेंट्स को 65 पर्सेंट पर एडमिशन मिल सकता है। इस कोर्स की कट ऑफ में 1 पर्सेंट की बढ़ोतरी की गई है। जनरल कैटिगरी की कट ऑफ लिस्ट Economics (Hons.) (85% in Maths for the General Candidates) Science 96.50 % Commerce 97.50 % Humanities 96.00 % History (Hons.) Science 95 % Commerce 95 % Humanities 91.50 % English (Hons.) 85% in Elective English 90% in Core English Science 94.50 % Commerce 97 % Humanities 94.5 % Philosophy (Hons.) Science 84 % Commerce 96 % Humanities 83 % B.A. Programme Science 92 % Commerce 95 % Humanities 88 % Mathematics (Hons.) (Include Maths in BFS) Science 95.00 % Commerce 95 % Humanities 90 % Physics (Hons.) 95.33 % PCM Chemistry (Hons.) 93.00 % PCM B.Sc. Programme with Computer Science 92.00 % PCM B.Sc. Programme with Chemistry 88.00% PCM (नवभारत टाइम्स,दिल्ली,16.6.11) |
डीयूःकट-ऑफ बढ़ने से स्टूडेंट्स थोड़ा निराश Posted: 16 Jun 2011 10:33 AM PDT डीयू की र्फस्ट कट ऑफ ने स्टूडेंट्स की टेंशन को और भी बढ़ा दिया है। इस बार 100 पसेंर्ट तक पहुंचा कट ऑफ का आकड़ा स्टूडेंट्स के लिए मुश्किलें लेकर आया है। ज्यादातर स्टूडेंट्स की उम्मीदें अब सेकंड कट ऑफ पर हैं। सेकंड कट ऑफ में कुछ राहत की उम्मीद स्टूडेंट्स कर रहे हैं। स्टूडेंट्स को इस बार 100 पसेंर्ट तक आंकड़ा पहुंचने की उम्मीद भी नहीं थी। स्टूडेंट्स का यह भी कहना है कि सिर्फ कैंपस ही नहीं नॉन-कैंपस कॉलेज की कट ऑफ ने भी झटका दिया है। एडमिशन की फाइट और भी मुश्किल हो गई है। डीयू में एडमिशन की उम्मीद रखने वाली आरती का मानना है कि डीयू में एडमिशन अब इतना आसान नहीं दिखता। 100 पर्सेंट मार्क्स लाना कोई आसान काम नहीं है। अब सभी उम्मीदें सेकंड कट ऑफ पर हैं। ऐसा नहीं है कि स्टूडेंट्स कट ऑफ को लेकर सिर्फ निगेटिव हैं। डीयू में एडमिशन की इच्छा रखने वाली स्टूडेंट आकांक्षा का मानना है कि कट ऑफ इतनी ज्यादा करने के पीछे कुछ तो अच्छा ही होगा। पर इसके साथ यह भी सोचना जरूरी था कि बाकी स्टूडेंट्स का क्या होगा। अगर इतनी ऊंची कट ऑफ रखनी भी है तो जरूरी है कि जो एवरेज स्टूडेंट्स हैं उनके लिए भी कुछ सोचा जाए। अब सारी उम्मीद बची हुई कट ऑफ पर हैं। डीयू की इस बढ़ी कट ऑफ को देखने के बाद स्टूडेंट्स करियर को सेटल करने के लिए नए रास्ते खोजने में लग गए हैं। ऐसे ही एक स्टूडेंट दीप्ती का मानना है कि स्टूडेंट्स के पास और भी कई रास्ते हैं जिनके जरिए करियर बनाया जा सकता है। डीयू में बदलाव की तरफ यह काफी अच्छा कदम है। यह कॉलेजों के लिए भी काफी अच्छा है। सेकंड लिस्ट का वेट करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है। इस तरह से तो टॉप लेयर को एडमिशन मिल जाएगा पर एक एवरेज स्टूडेंट का क्या होगा? ग्रैजुएशन किसी भी स्टूडेंट के लिए बेसिक है, अगर वह ही मिलने में उसको इतनी परेशानी होगी तो स्टूडेंट आगे क्या सोच सकते हैं। सिर्फ कैंपस ही नहीं कैंपस के बाहर के कॉलेजों का भी बुरा हाल है। - श्वेता इतनी च्यादा कट ऑफ ठीक नहीं है। जिन स्टूडेंट्स के कम मार्क्स हैं वह कहां एडमिशन लेंगे। इतनी ज्यादा कट ऑफ की किसी ने भी उम्मीद नहीं की थी। मैं डीयू में इंग्लिश ऑनर्स में एडमिशन लेना चाहती हूं और मुझे उम्मीद थी कि मेरा र्फस्ट कट ऑफ में हो जाएगा पर ऐसी कट ऑफ ने टेंशन दे दी है। - निधि इस बार पांच कट ऑफ आनी हैं, तो हो सकता है कि इसलिए पहली कट ऑफ को इतना हाई रखा गया है। मुझे पूरी उम्मीद है कि आने वाली कट ऑफ स्टूडेंट्स को कुछ राहत जरूर देंगी। मेरा भी र्फस्ट कट ऑफ में एडमिशन नहीं हो पा रहा है। अब सारी उम्मीद सेकंड कट ऑफ पर हैं। - नकुल इस तरह से कट ऑफ आना काफी गलत हुआ है। अब तो सिर्फ वही स्टूडेंट्स एडमिशन ले सकते हैं जिनके बहुत ज्यादा मार्क्स हैं या फिर जिनके पास प्राइवेट इंस्टीट्यूट्स की फीस भरने के लिए पैसा है। एक एवरेज स्टूडेंट के लिए क्या बचा है। डीयू के बाद ज्यादातर स्टूडेंट्स के पास प्राइवेट में बी जाने का रास्ता बचता है, जोकि काफी महंगा पड़ता है और सभी स्टूडेंट अफोर्ड नहीं कर सकते-शादी(शिल्पी भारद्वाज,नभाटा,दिल्ली,16.6.11)। |
डीयूःटॉपर्स बढ़े हैं तो कट ऑफ भी बढ़ी Posted: 16 Jun 2011 10:25 AM PDT ' अगर कट ऑफ के इस सिस्टम को बदलना है तो फिर नैशनल लेवल पर टेस्ट कंडक्ट होना चाहिए और इंटरडिसिपिलनरी सब्जेक्ट का कॉन्सेप्ट लागू ह-'डॉ. पी. सी. जैन,प्रिंसिपल, एसआरसीसी 100 पर्सेंट कट ऑफ का क्या आधार है ? एसआरसीसी में पिछले 20 सालों से कट ऑफ तैयार करने का फॉर्म्युला है और उसी को इस साल फॉलो किया गया है। जिन स्टूडेंट्स ने 12वीं में अकाउंट्स, बिजनेस स्टडीज, मैथ्स व इकनॉमिक्स पढ़ी होगी, उनको 96 पर्सेट पंर एडमिशन मिलेगा और जिन्होंने इनमें से किसी भी सब्जेक्ट को नहीं पढ़ा होगा, उन्हें 100 पर्सेंट पर एडमिशन मिलेगा। पिछले साल बीकॉम ऑनर्स की पहली लिस्ट 95.25 से 98.75 थी। कॉलेज में सीटों की संख्या निश्चित होती है और उसी हिसाब से कट ऑफ तय होती है। कट ऑफ बढ़ने की वजह क्या है? सीबीएसई के रिजल्ट में टॉपर्स बढ़े हैं तो कॉलेज की कट ऑफ भी बढ़ानी पड़ी है। एजुकेशन सिस्टम में स्पेशलाइजेशन का कॉन्सेप्ट है। 11वीं क्लास में ही स्टूडेंट्स साइंस, कॉमर्स या आर्ट स्ट्रीम में से कोई एक चुन लेता है और यह स्पेशलाइजेशन पीजी लेवल, पीएचडी तक जारी रहती है। कॉमर्स का स्टूडेंट इंजीनियरिंग या मेडिकल की फील्ड में नहीं जा सकता और अगर उसे कॉमर्स कोसेर्ज में भी वेटेज नहीं दी जाएगी, तो वह कहां जाएगा। इसी को ध्यान में रखते हुए कॉमर्स स्टूडेंट्स को बीकॉम ऑनर्स में 96 पर्सेंट पर एडमिशन देने का फैसला किया गया है। अगर कट ऑफ के इस सिस्टम को बदलना है तो फिर नैशनल लेवल पर टेस्ट कंडक्ट होना चाहिए और इंटरडिसिपिलनरी सब्जेक्ट का कॉन्सेप्ट लागू हो, ताकि स्टूडेंट्स जिस सब्जेक्ट को पढ़ना चाहे, वह पढ़ ले। मौजूदा सिस्टम में इस तरह की समस्याएं सामने आती रहेंगी। अगर किसी कोर्स में स्टूडेंट्स को अकाउंट पढ़ना है तो कॉलेज में एडमिशन के समय यह देखा जाता है कि अकाउंट सब्जेक्ट के साथ 12वीं करने वाले स्टूडेंट को एडमिशन में वेटेज दी जाए। अगली कट ऑफ से क्या उम्मीद रखें? स्टूडेंट्स को निराश नहीं होना चाहिए। जहां तक एसआरसीसी कॉलेज की बात है तो सेकंड कट ऑफ लिस्ट अगर आती है तो निश्चित तौर पर कट ऑफ डाउन होगी। र्फस्ट कट ऑफ लिस्ट के एडमिशन पर काफी कुछ निर्भर करेगा। अगर एडमिशन कम होते हैं तो कट ऑफ भी उसी हिसाब से कम होगी। अगले साल क्या होगा? केंद सरकार एजुकेशन की फील्ड में सुधारों पर जोर दे रही है और हो सकता है कि अगले साल एडमिशन का सिस्टम ही बदल जाए। एजुकेशन सिस्टम में बड़े बदलावों की जरूरत है। जब तक ये बदलाव नहीं होंगे तब तक कट ऑफ की समस्या आती रहेगी(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,16.6.11)। |
एम्स में एमडी पाठ्यक्रमों की सारी परीक्षाएं रद नहीं Posted: 16 Jun 2011 10:14 AM PDT केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने एम्स के रेजीडेंट डाक्टरों की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के सुपर स्पेशिएलिटी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए एम्स द्वारा ली गई परीक्षा को रद करने की मांग की थी। न्यायाधिकरण ने नए सिरे से परीक्षा लेने का आदेश देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि परीक्षा नियंत्रक और परीक्षा लेने वाली कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की ईमानदारी पर संदेह नहीं किया जा सकता। कैट की मुख्य पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति वी के बाली ने कहा कि न्यायालय उन दलीलों से सहमत नहीं हैं कि परीक्षा केंद्रों पर गंभीर कदाचार हुआ। एम्स की ओर से दाखिल हलफनामे में दिए गए स्पष्टीकरण के मद्देनजर परीक्षा नियंत्रक और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की ईमानदारी पर संदेह करने का कोई कारण नहीं पाते। न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि एम्स ने पहले ही मामले की जांच की है और कुछ पाठ्यक्रमों में दोबारा परीक्षा लेने का फैसला किया है। एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स ऑफ एम्स और दो चिकित्सकों की ओर से दायर याचिका में डीएम, एमसीएच में सुपर स्पेशिएलिटी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए फरीदाबाद के मानव रचना विश्वविद्यालय में 15 मई, 2011 को आयोजित परीक्षा में कदाचार और अनुचित साधनों का इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगाया गया था(दैनिक जागरण,दिल्ली,16.6.11)। |
पश्चिम बंगालःआलिया विवि में मदरसा नाम जोड़ने पर विवाद गहराया Posted: 16 Jun 2011 06:23 AM PDT मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नई सरकार द्वारा आलिया विश्वविद्यालय के साथ मदरसा जोड़े जाने पर सच्चर कमेटी के सदस्य अबु सालेह शरीफ ने आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे गैरजरूरी बताते हुए मसले पर सरकार से जल्द बात करने को कहा है। बुधवार को महानगर के एक कार्यक्रम में मौजूद शरीफ संवाददाताओं से कुछ देर के लिए रुबरू हुए। राज्य में दो दलों की राजनीति में फंसा आलिया विश्वविद्यालय फिलहाल अपने नामकरण को लेकर सुर्खियों में है। तृणमूल की नई सरकार ने वाम शासन में मदरसे से विकसित किए गए आलिया विश्वविद्यालय के साथ मदरसा शब्द दोबारा जोड़ दिया है, जिससे नए सिरे से विवाद शुरू हो गया है। आलिया विश्वविद्यालय के छात्रों का ही एक गुट लगातार इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किए हुए है, जिससे विश्वविद्यालय में पढ़ाई बाधित हो रही है। छात्रों का तर्क है कि जब आलिया को विवि बना दिया गया है तब फिर इसके नाम के मदरसा लिखने का कोई तुक नहीं है। वहीं सच्चर कमेटी के सदस्य अबु सालेह शरीफ द्वारा भी इस तर्क को सही साबित ठहराए जाने से आंदोलन को धार मिलने की संभावना है। शरीफ के मुताबिक सच्चर कमेटी का मानना है कि मुसलमानों के समग्र विकास के लिए सामाजिक और आर्थिक स्थितियों को अनुकूल बनाने की जरूरत है। किसी संस्था का इसमें सीमित योगदान है। किसी संस्था के साथ किसी शब्द को जोड़ने से अधिक जरूरी उसके वास्तविक विकास पर गंभीरता दिखाना है। आलिया विवि के दोबारा नामकरण के अगले दिन से ही इस पर विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया है। वामो के चेयरमैन विमान बोस ने भी सरकार से आलिया विवि में पठन पाठन के बिगड़ते माहौल पर चिंता जताई है(दैनिक जागरण,कोलकाता,16.6.11)। |
डीयूःदाखिले को लेकर परेशान छात्र Posted: 16 Jun 2011 05:10 AM PDT दिल्ली विश्वविद्यालय में पहली कटऑफ आने के बाद गुरुवार को कैंपस का पारा पूरी तरह चढ़ गया। जहां छात्र कटऑफ देख सन्न रह गए। वहीं अभिभावकों ने इसे कॉलेज और विश्वविद्यालय की मनमानी बताया। छात्रों का कहना है कि इतना हाई कटऑफ का क्या मतलब हो सकता है। कैंपस में जितने छात्र उतनी तरह की चर्चा हो रही थी। हालांकि डीयू प्रशासन का कहना है कि अभी चार कटऑफ आने बाकी है। डीयू में कटऑफ देखने आई छात्र स्नेहा का कहना है कि कटऑफ देखकर हम लोग दंग रह गए हैं। इतना हाई कटऑफ को देखने के बाद समझ में नहीं आ रहा है कि अब क्या किया जाए। पहले तो डीयू में फॉर्म नहीं भरने दिया गया। फॉर्म भरने की प्रक्रिया को बंद किया गया। अगर फॉर्म भरे गए होते तो कॉलेजों को पता तो चलता कि कॉलेज में कितने कटऑफ के वाले छात्र दाखिला लेंगे। डीयू में दाखिले का सपना लिए आई सोनी ने बताया कि डीयू में पढ़ना तो अब सपना हो गया है। अब लग रहा है कि दूसरे विश्वविद्यालय का दरवाजा ही देखना होगा। छात्र महेश अरोड़ा ने बताया डीयू में एडमिशन लेना मुश्किल है क्योकि वहां का इस साल इतना हाई कटऑफ गया है कि आम छात्र दाखिला नहीं ले सकते हैं। वहीं रमेश का कहना है कि अब नहीं लगता कि दिल्ली विश्वविद्यालय आम छात्रों के लिए है। पहली कटऑफ ने साबित कर दिया कि डीयू से कम अंक लाने वाले छात्र दाखिला नहीं ले सकते हैं। सोनिया ने बताया कि कि डीयू जैसे संस्थान में एडमिशन लेना हरेक का सपना होता है। लेकिन, अब नहीं पूरा होगा(हिंदुस्तान,दिल्ली,16.6.11)। |
डीयू में दाखिला शुरू, दूसरी कटऑफ 21 को Posted: 16 Jun 2011 04:50 AM PDT दिल्ली विश्वविद्यालय में पहली कटऑफ के बाद दाखिला गुरवार से शुरू हो जाएगा। छात्र डीयू द्वारा जारी कटऑफ देखकर कॉलेजों में सीधे दाखिला ले सकते हैं। दाखिला लेने के लिए कटऑफ के पूर्व कॉलेज में किसी तरह के फॉर्म नहीं भरे गए हैं। पहली कटऑफ में दाखिले के लिए छात्रों को चार दिन का मौका मिलेगा। दाखिले के लिए छात्रों को पहले से ही कागजातों की तैयारी कर लेनी चाहिए।डीयू के सभी कॉलेजों को मिलाकर करीब 54 हजार सीटों के लिए दाखिला होगा। पहली कटऑफ में आने वाले छात्रों का दाखिला 20 जून तक होगा। डिप्टी डीन डॉ. गुरप्रीत सिंह टूटेजा ने बताया कि छात्र कटऑफ देखकर कॉलेज में दाखिला ले सकते हैं। छात्र अगर कटऑफ के अंदर आते हैं तो उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं ङोलनी पड़ेगी। अगर छात्रों को दाखिले के दौरान दिक्कत होती है वे सीधे कॉलेज स्तर पर या विश्वविद्यालय स्तर पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि सुबह वाले कॉलेज में दाखिला एक बजे तक होगा। जबकि सांध्य कॉलेजों में शाम चार बजे से सात बजे तक दाखिला होगा। इस समय में छात्र कॉलेज में जाकर फीस जमा करा सकते हैं। कॉलेज में दाखिला लेने से पहले छात्रों को कागजात तैयार कर लेने चाहिए ताकि दाखिले के दौरान परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। विश्वविद्यालय की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि छात्र को अपने प्रमाण पत्र की मूल कॉपी दाखिले के दौरान साथ में होनी चाहिए। इसके अलावा सभी मूल प्रमाण पत्र की एक सेट फोटो कॉफी भी होने चाहिए। हाल में ही खीचा हुआ फोटो की दो या दो से अधिक कॉपी रखनी चाहिए। दाखिले में दाखिल करने वाले सभी कागजातों की फोटोकॉपी को छात्र द्वारा ही प्रमाणित किया जाएगा। छात्रों को चार दिन तक दाखिले का मौका मिलेगा(हिंदुस्तान,दिल्ली,16.6.11)। |
बिहारःसाढ़े आठ हजार गोपाल मित्रों की होगी नियुक्ति Posted: 16 Jun 2011 04:29 AM PDT राज्य सरकार 8428 पंचायतों में गोपाल मित्र की नियुक्ति करेगी। गोपाल मित्र पशु चिकित्सा के अंतर्गत अन्य सेवाएं देने के साथ-साथ कृत्रिम गर्भाधान का कार्य भी करायेंगे। इसके साथ ही पशु चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए संविदा पर 121 पशु चिकित्सकों की नियुक्ति की जायेगी। राज्य में अभी 773 नियमित एवं 404 संविदा पर नियुक्त पशु चिकित्सक कार्यरत हैं। इसमें 389 नियमित पशु चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग को अधियाचना भेज दी गयी है। यह निर्णय बुधवार को पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि गोपाल मित्र की नियुक्ति होने के बाद कृत्रिम गर्भाधान का प्रशिक्षण देने के लिए चार प्रशिक्षण केन्द्र डुमरांव, पूर्णिया, गोपालगंज और पटना में स्थापित किये जा रहे हैं। डुमरांव का प्रशिक्षण केन्द्र तीन माह में और पटना का 'ट्रोजेन सिमिन बैंक' जुलाई से शुरू होगा। उन्होंने बताया कि राज्य पशु प्रजनन नीति भी बनकर तैयार है। पशु प्रजनन नीति पर राज्य मंत्रिपरिषद की स्वीकृति के बाद कार्रवाई की जायेगी। पशु चिकित्सकों की चिकित्सालयों में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित कराने का निर्देश विभाग को दिया गया है। बैठक में अधिकारियों ने उप मुख्यमंत्री को बताया कि 20 एमब्यूलेटरी वान (मोबाइल भान) खरीदी जायेगी। इस मोबाइल भान पर पशु चिकित्सक एवं पशुधन सहायक प्रतिनियुक्त होंगे जो गांवों में घूम कर पशु चिकित्सा का कार्य करेंगे। इस कार्यक्रम की सफलता के मूल्यांकन के बाद सरकार अन्य जिलों के लिए ऐसे पशु चिकित्सा मोबाइल भान खरीदने पर विचार करेगी। अधिकारियों ने बताया कि 527 पशु चिकित्सालयों का निर्माण भवन निर्माण विभाग द्वारा कराया जायेगा। इसके लिए 51 लाख रुपये की लागत से 254 पशु चिकित्सालय बनकर तैयार हो गये हैं। प्रत्येक पशु चिकित्सालय में कम्प्यूटर सेट भी स्थापित किये जा रहे हैं ताकि पशु चिकित्सा एवं वितरित दवाइयों से जुड़े अभिलेख संधारित हो सके। श्री मोदी ने बताया कि राज्य में 20 से 30 जून तक पशु स्वास्थ्य पखवारा आयोजित किया जायेगा। इस दौरान पशु चिकित्सक ग्राम पंचायतों में घर-घर जाकर पशुओं के रोग-निरोधी टीकाकरण का कार्य करेंगे। इस दौरान पशुधन सहायकों निजी क्षेत्र में कार्यरत पशु-चिकित्सकों एवं सेवानिवृत्त पशु चिकित्सकों की भी सेवाएं ली जायेगी। टीकाकरण का कार्य गलाघोंटू एवं लंगड़ी बीमारी से पशुओं के बचाव के लिए होगा(राष्ट्रीय सहारा,पटना,16.6.11)। |
Posted: 16 Jun 2011 04:10 AM PDT दिल्ली विश्वविद्यालय में श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में कटऑफ सौ प्रतिशत पहुंचने पर हंगामा मच गया है। पर डीयू ने स्पष्ट कर दिया है कि छात्रों को कोर्स चुनने पर जोर देना चाहिए। उनके सामने कई कॉलेजों के विकल्प है, किसी विशेष कॉलेज में दाखिला लेने के लिए परेशान नहीं होना चाहिए। दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइसचांसलर दिनेश सिंह ने छात्रों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। अभी कटऑफ आनी बाकी है। कटऑफ में गिरावट होगी। छात्रों को परेशान होने के बजाए जहां दाखिला मिल रहा हो वहां ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कॉलेज पहली सूची में थोड़ा सावधान रहते हैं, दूसरी और तीसरी सूची में फर्क देखने में आएगा। विवि अधिकारियों का कहना है कि पहली कटऑफ सूची आने के बाद ये सोचना सही नहीं है कि नॉर्थ कैंपस के द्वारा बंद हो गए। वाइसचांसलर का कहना था कि सिर्फ एक या दो कॉलेजों में ऐसा हुआ है। इसकी बड़ी वजह छात्रों के बारहवीं परीक्षा में आए बेहतर अंक है। श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्राचार्य पी.सी.जैन का कहना है कि विज्ञान के छात्रों को निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि उनके पास कई विकल्प मौजूद होते हैं। देश में कई आईआईटी, आईआईएम खुल रहे हैं। क्या कॉमर्स के छात्र इंजीनियरिंग और मेडिकल में जा सकते हैं। हमने एक पैमाना बनाया है और उसी के आधार पर काम किया है। जैन का कहना है कि वास्तविक कटऑफ 96 प्रतिशत है। छात्रों को धैर्य रखना चाहिए, कटऑफ नीचे जाएगी। पहली कटऑफ सूची में नॉन कॉमर्स छात्रों के लिए कटऑफ सौ प्रतिशत है और कॉमर्स छात्रों के लिए 96 प्रतिशत है(हिंदुस्तान,दिल्ली,16.6.11)। |
उत्तराखंड में पंजाबी को द्वितीय भाषा का दर्जा देने की मांग Posted: 16 Jun 2011 03:50 AM PDT पटेलनगर स्थित गुरुद्वारा हरकिशन साहिब में आयोजित पत्रकार वार्ता में उत्तराखंड पंजाबी क्रांति मोर्चा के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह खालसा ने दिल्ली, हिमाचल, बंगाल व हरियाणा की तर्ज पर उत्तराखंड में भी पंजाबी को दूसरी भाषा का दर्जा दिए जाने की मांग की है। मोर्चा के संयोजक कुंवर जपेंदर सिंह ने कहा कि इस बाबत मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक को ज्ञापन भी भेजा गया है(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,16.6.11)। |
पंजाबःईटीटी अध्यापकों ने कहा,भर्ती प्रक्रिया को लटकाना सरकार की एक साजिश का हिस्सा Posted: 16 Jun 2011 03:30 AM PDT बेरोजगार ईटीटी अध्यापक फ्रंट की जिला स्तरीय बैठक बुधवार को स्टेट गुरुद्वारा कपूरथला में जिलाध्यक्ष गुरप्रीत सिंह मंगूपुर के नेतृत्व में हुई। इस मौके पर जिलाध्यक्ष गुरप्रीत सिंह ने पंजाब सरकार पर आरोप लगाया कि वह भरती प्रक्रिया को लटकाने की खातिर इसको कानूनी दांव पेचों में उलझाना चाहती है। यह सब सरकार की एक साजिश का हिस्सा है। गुरप्रीत सिंह ने कहा कि बेरोजगार अध्यापकों के सरकार से हुए समझौते के तहत 26 अप्रैल को ईटीटी पोस्टों की भरती का विज्ञापन जारी किया गया था। इसके खिलाफ जाकर कुछ शरारती तत्वों की ओर से पंजाब तथा हरियाणा हाईकोर्ट में एक रिट पिटीशन दाखिल की गई है। इस कारण भरती प्रक्रिया के लटकने के आसार पैदा हो गए हैं। इस मौके स्टेट कमेटी सदस्य वरिंदर सिंह टिब्बा ने घोषणा की कि यदि विज्ञापन में कोई भी शर्त बदलने की कोशिश की गई तो बेरोजगार ईटीटी अध्यापकों की ओर से इसका डटकर विरोध किया जाएगा(अमर उजाला,कपूरथला,16.6.11)। |
यूपीःपॉलीटेक्निक प्रवेश परीक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित Posted: 16 Jun 2011 03:10 AM PDT संयुक्त प्रवेश परीक्षा (पॉलीटेक्निक)-२०११ का परिणाम बुधवार को घोषित कर दिया गया । गु्रप-ए में अंबेडकर नगर के छात्र सूरज यादव ओबीसी वर्ग में तीन सौ में से २४७ अंक हासिल कर प्रदेश के टॉपर बने हैं । जबकि बी-गु्रप में वाराणसी के विवेक कुमार सिंह, सी-गु्रप में इलाहाबाद के राकेश कुमार, गु्रप-डी में बरेली के हिमांशु दत्त मिश्र, गु्रप-ई में वाराणसी के विवेक चंद्र, ग्रुप-एफ में लखनऊ के अर्जुमन तिवारी, गु्रप-जी में यहीं के अखिलेश कुमार पांडेय, गु्रप-एच में देवेंद्र प्रताप सिंह, गु्रप-आई में बरेली के अमित कुमार सिंह, गु्रप-जे में कानपुर के अमन दीप तथा गु्रप-के में लखनऊ के आदित्य कुमार ने प्रथम स्थान हासिल किया है। बुधवार को संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के सचिव एस.के.गोविल ने पत्रकारों को परीक्षा परिणाम की जानकारी देते हुए बताया कि परीक्षा में ४,६६,०४३ आवेदन पंजीकृत हुए थे और ४,३६,३०४ अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे । इनमें से सभी गु्रप में ३,१२,९१७ अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं । उन्होंने बताया कि मूल्यांकन में ऋणात्मक मूल्यांकन प्रक्रिया अपनाई गई थी । श्री गोविल ने बताया कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में १३१ निजी, ७९ राजकीय और १८ सहायता प्राप्त पॉलीटेक्निक संस्थानों में डिप्लोमा पाठ्यकमों के तहत ६४६२८ सीटें उपलब्ध हैं । जल्द ही सीटों की संख्या में इजाफा होगा । उधर बुधवार को मप्र में घोषित पीपीटी-२०११ के नतीजों में छोटे शहरों ने बाजी मारी है। प्रावीण्य सूची में रीवा के राम सिंह १५० में से १२५ अंकों के साथ अव्वल स्थान पर हैं। जबकि विदिशा, सतना, खण्डवा जैसे छोटे शहरों के विद्यार्थियों ने भी प्रावीण्य सूची में अपना स्थान बनाया है(नई दुनिया,दिल्ली संस्करण,16.6.11 में लखनऊ की रिपोर्ट)। |
उत्तराखंडःनया पैटर्न बढ़ा सकता है अभ्यर्थियों की दुश्वारियां ! Posted: 16 Jun 2011 02:50 AM PDT समूह 'ग' के अन्तर्गत अधीनस्थ रिक्त पदों पर परीक्षा को लेकर उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद रुड़की द्वारा लिया गया नए पैटर्न का निर्णय अभ्यर्थियों की दुश्वारियां बढ़ा सकता है। यदि तय निर्णय के तहत ही परीक्षा संपन्न कराई गई तो काफी संभावना है कि एक से ज्यादा ग्रुप भरने वाले अभ्यर्थी किसी एक ग्रुप की परीक्षा दे ही न पाएं। इसके अलावा नए पैटर्न के तहत यदि पूर्व की तरह रविवार को ही परीक्षा तिथि तय की गई तो सभी ग्रुप के लिए परीक्षा करवाने में महीनों का समय लगना भी तय है। उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद रुड़की के उपसचिव मुकेश पाण्डे ने कहा कि परिषद ने सभी ग्रुप के अभ्यर्थियों के लिए अलग-अलग परीक्षा करवाने का निर्णय लिया है। मई के प्रथम सप्ताह में समूह 'ग' के अन्तर्गत दो हजार से अधिक पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की गई। विभिन्न पदों के लिए कुल 27 ग्रुप तय किए गए। एक ग्रुप में अधिकतम दो या तीन पद रखे गए हैं। इस तरह यदि अभ्यर्थी अलग-अलग ग्रुप के पदों के लिए आवेदन करना चाहे तो उसे सभी ग्रुप के लिए अलग-अलग आवेदन फार्म भरने होंगे। यहां तक तो फिर भी ठीक था परंतु अब सभी ग्रुप के लिए अलग-अलग परीक्षा हो तो अभ्यर्थियों की परेशानी बढ़ जाएगी। मान लें की किसी अभ्यर्थी ने अलग-अलग तीन ग्रुप के तहत आवेदन किया है और दो ग्रुप की परीक्षा एक ही दिन और समय पर हों तो अभ्यर्थी की एक परीक्षा छूटनी तय है। दूसरी ओर यदि पूर्व की भांति रविवार को ही परीक्षा की तिथि तय की गई और हर रविवार को एक ग्रुप की परीक्षा संपन्न कराई गई तो कुल 27 रविवारों तक परीक्षा का आयोजन करना होगा। इस हिसाब से सभी परीक्षाएं सम्पन्न कराने में करीब सात माह का समय लग जाएगा। बहरहाल अलग-अलग परीक्षा करवाने के लिए अभी अन्य विषयों पर भी निर्णय लिया जाना बाकी है। मसलन परीक्षा ग्रुप के आधार पर होगी, पदों के आधार पर होगी या फिर कोई अन्य रास्ता निकाला जाएगा। स्थिति चाहे जो हो वर्तमान में तो समूह 'ग' की परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों में संशय ही बना हुआ है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 जून है। उपसचिव मुकेश पाण्डे ने कहा कि इस तिथि के बाद ही बताया जा सकता है कि दो हजार से अधिक पदों के लिए कुल कितने अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,16.6.11)। |
डीयू की कट ऑफ लिस्ट में उलझन ही उलझन Posted: 16 Jun 2011 02:30 AM PDT दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए जारी की गई कट ऑफ लिस्ट छात्रों के लिए खासा उलझन भरा रहा। बुधवार को कट ऑफ देखकर कोई बेस्ट फोर में फंसता नजर आया तो कोई किसी विषय को लेकर बनाई गई क्राइटेरिया में। हालांकि ऐसे कॉलेजों की संख्या कम ही है। बहुत सारे छात्र कट ऑफ ऊंची होने के कारण अब दूसरी लिस्ट का इंतजार कर रहे हैं। कॉलेजों की कट ऑफ की बात करें तो इंद्रप्रस्थ कॉलेज में बीए आनर्स अर्थशास्त्र के लिए ९३.५ से लेकर ९४.२४ फीसदी कट ऑफ है। लेकिन इसमें दाखिला पाने के इच्छुक छात्रों से अंग्रेजी में ७० फीसदी और गणित ७५ फीसदी की अनिवार्यता रखी गई है। कई छात्र कट ऑफ देखकर तो कुछ हुए लेकिन क्राइटेरिया ने उन्हें मायूस कर दिया। वेंकटेश्वर कॉलेज में गणित में दाखिले के इच्छुक रोहित प्रकाश ने बताया कि यहां ८७ फीसदी का कट ऑफ मेरी पहुंच के अंदर था लेकिन क्राइटेरिया में गणित में ९२ फीसदी की मांग की गई है। इसी तरह राजधानी कॉलेज में भी बहुत सारे छात्र इस कोर्स में ७३-७५ फीसदी का कट ऑफ देखकर पहले तो खुश हुए पर जैसे ही पता चला कि गणित में ८५ और ९० फीसदी की शर्त रखी गई है वे निराश होकर कॉलेज को कोसने लगे। हिन्दू कॉलेज में भी बीकॉम आनर्स में दाखिला पाने वालों से एकाउंटेंसी में ९५ फीसदी अंक की मांग की गई है जो कई छात्रों के दाखिले में बाधक है। कॉलेजों के इस क्राइटेरिया से बहुत सारे छात्र नाखुश नजर आए। इसमें दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन भी कुछ खास नहीं कर पा रहा है क्योंकि यह दाखिले की प्रक्रिया कॉलेज अपने स्तर पर अपनाती है। कट ऑफ लिस्ट में शामिल होने से दूर रहने वाले छात्र अब दूसरी लिस्ट का इंतजार कर रहे हैं। किरोड़ीमल कॉलेज के प्राचार्य भीमसेन सिंह ने बताया कि इस बार जो सिस्टम तैयार किया गया है उसमें कॉलेज में दूसरी और तीसरी लिस्ट आने की पूरी उम्मीद है। इसी में दाखिले होंगे। ऐसे में छात्र निराश न हों(अनुपम कुमार,नई दुनिया,दिल्ली,16.6.11)। |
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालयःपरीक्षा के साथ ही होगा मूल्यांकन कार्य भी Posted: 16 Jun 2011 02:10 AM PDT संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की दूसरे चरण की परीक्षा के साथ ही साथ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए पहले आसपास के मंडलों से परीक्षक बुलाए जाएंगे। यह निर्णय बुधवार को विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति की बैठक में किया गया। कुलपति प्रो. बिंदा प्रसाद मिश्र की अध्यक्षता में हुई बैठक में उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन और परीक्षा परिणाम घ |
--
Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/
No comments:
Post a Comment