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Saturday, May 21, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



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From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/5/21
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


रत्न-विज्ञान में करिअर

Posted: 20 May 2011 11:00 AM PDT

(नई दुनिया,दिल्ली,16.5.11)

यूपीःस्नातक शिक्षा मित्रों के लिए खाली रहेंगे पद

Posted: 20 May 2011 10:45 AM PDT

बेसिक शिक्षा परिषद से जुड़े स्कूलों में नियुक्ति का इंतजार कर रहे स्नातक शिक्षा मित्रों को निराश होने की जरूरत नहीं है। शासन ने तय किया है कि जिन एक लाख २२ हजार पदों पर स्नातक शिक्षा मित्रों की तैनाती का प्रस्ताव लंबित है, उन पर बीएड डिग्रीधारकों की नियुक्ति नहीं होगी। बीएड डिग्रीधारकों के लिए शासन ने दो वर्ष से अतिरिक्त पद चिन्हित किए हैं। शिक्षा मित्रों के प्रशिक्षण को लेकर उपजे नए हालात पर चर्चा के लिए बृहस्पतिवार को लखनऊ में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में निदेशालय के कई अधिकारियों के साथ पांच डायट्स के अधिकारी भी थे। बैठक में प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में रिक्तियों के साथ बीएड डिग्रीधारकों और स्नातक शिक्षा मित्रों के चयन को लेकर विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा हुई।
तय किया गया कि स्नातक शिक्षा मित्र और बीएड डिग्रीधारकों के लिए सीटें अलग-अलग हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय और एनसीटीई ने स्नातक शिक्षा मित्रों के लिए जो प्रस्ताव तैयार किया, उसके अनुसार शिक्षक दक्षता परीक्षाऔर एक साल के प्रशिक्षण के बाद एक लाख २२ हजार पदों पर स्नातक शिक्षा मित्रों को नियुक्ति दी जानी है। बैठक में सभी बिन्दुओं पर चर्चा के बाद तय किया गया कि मास्टर टे्रनर्स का प्रशिक्षण चलता रहेगा। शिक्षा मित्रों का प्रशिक्षण अभी शुरू नहीं हुआ इसलिए नए हालात से बड़ी रुकावट नहीं होगी। विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बीएड डिग्रीधारकों के रुख को लेकर नाराजगी भी जाहिर की गई। इससे चयन प्रक्रिया पर भी फर्क पड़ने की आशंका जताई जा रही है(अमर उजाला,इलाहाबाद,20.5.11)।

लखनऊ विविःऑनलाइन होंगे सभी पाठ्यक्रम

Posted: 20 May 2011 10:30 AM PDT

लखनऊ विविद्यालय अब अपने सभी पाठ्यक्रमों को ऑन लाइन कर देगा। यह निर्णय गुरुवार को कुलपति प्रो. मनोज कुमार मिश्र के साथ विभागाध्यक्षों की बैठक में लिया गया। कुछ विभाग पहले ही अपने कोर्स के पाठ्यक्रम को ऑन लाइन कर चुके हैं, लेकिन बचे सभी विभागों के अध्यक्षों को अपने कोर्स को ऑन लाइन करने के लिए कहा गया है। विविद्यालय ने इस बार से फिजिकल एजूकेशन की पढ़ाई भी शुरू करने का निर्णय लिया है और इसके पाठ्यक्रम को भी विविद्यालय की वेबसाइट पर दे दिया जाएगा। विविद्यालय के कुलसचिव जीपी त्रिपाठी का कहना है कि पाठ्यक्रम के ऑन लाइन होने के बाद दाखिला लेने वाले छात्रों को यह पता चल सकेगा कि उनके कोर्स में क्या-क्या शामिल है । इसके साथ ही शिक्षकों पर भी पढ़ाई पूरी कराने का दबाव रहेगा। कुलपति प्रो. मनोज कुमार मिश्र की अध्यक्षता में बैठक में संकायाध्यक्षों से स्नातक व विभागाध्यक्षों से परास्नातक के सभी कोर्स का पाठ्यक्रम विविद्यालय की वेबसाइट पर जारी कराने के लिए जरूरी कार्रवाई करने को कहा गया। विविद्यालय के मीटिंग हाल में कुलपति की अध्यक्षता में चली बैठक में विभागाध्यक्षों ने वित्त अधिकारी के स्तर पर लम्बित मामलों को प्रमुखता से उठाया और भुगतान न होने की स्थिति में नियमित कामकाज पर पड़ने वाले प्रभाव की शिकायत भी कुलपति से की। कुछ मामलों पर तो वित्त अधिकारी राजवर्धन ने अपनी सफाई पेश की, लेकिन बाद में विभागाध्यक्षों के तीखे हमलों का सामना करने को विवश रहे और सभी मामलों को जरूरी कार्रवाई करने का आश्वासन देकर मामले को निपटाना ही बेहतर समझा। बैठक में परीक्षा नियंत्रक ने भी परीक्षा से जुड़े मामलों पर विभाग के प्रकरणों को उठाया(राष्ट्रीयसहारा,लखनऊ,20.5.11)।

यूपी में बीएड फीस का सीए करेंगे निर्धारण

Posted: 20 May 2011 10:15 AM PDT

शासन की फीस नियमन कमेटी बीएड की फीस तय करने के लिए सीए एसोसिएशन की मदद लेगी। उच्च शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में बनी यह कमेटी प्रदेश के विविद्यालयों से सम्बद्ध बीएड कालेजों की फीस के लिए मामलों की 23 मई को सुनवाई पूरी कर लेगी। इसके बाद सभी बीएड महाविद्यालयों द्वारा प्रस्तुत व्यय व संसाधनों का अध्ययन चाटॅर्ड एकाउंटेंट से कराया जाएगा और 14 जुलाई से प्रस्तावित काउंसलिंग से पहले ही सीए की रिपोर्ट मिलने के बाद शासन बीएड की फीस तय कर देगा। इसके लिए लगातार दस वर्ष तक प्रैक्टिस कर चुके सीए की मदद ली जाएगी। शासन ने इसके लिए सीए एसोसिएशन को पत्र लिखा है और लखनऊ में पंजीकृत सीए से मदद लेने के लिए आग्रह किया गया है। शासन के सूत्रों का कहना है कि विविद्यालयों के वित्त अधिकारियों व बीएड संकाय के अधिष्ठाताओं से भी इस दिशा में बात की जाएगी। उधर स्ववित्तपोषित बीएड महाविद्यालय एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने कहा कि सरकारी महाविद्यालयों में बीएड कोर्स कराने के लिए प्रति छात्र तकरीबन 1.50 लाख रुपये का खर्च आता है। इनमें अध्यापकों की तनख्वाह, शिक्षणोत्तर कर्मचारियों और अध्यापन पर खर्च शामिल है। कानपुर विविद्यालय से सम्बद्ध कालेजों की सुनवाई के दौरान फीस नियमन कमेटी के समक्ष पूरा ब्योरा रखा जा चुका है। उन्होंने कहा कि जब सरकारी खर्च में एक छात्र की फीस 1.50 लाख रुपये आती है, तो बीएड की मौजूदा 30359 रुपये फीस को किसी भी स्तर से मान्य नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने अपने महाविद्यालय की फीस में दो गुने की बढ़ोतरी करके 60 हजार से ज्यादा निर्धारित करने की मांग की कमेटी से की है। शासन के सूत्रों का कहना है कि सीए के स्तर से संसाधनों व शिक्षकों पर खर्च का अध्ययन करने के बाद ही रिपोर्ट पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा और काउंसलिंग से पहले पूरी स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी, ताकि फीस को लेकर कोई भी मामला कोर्ट तक न पहुंचे और छात्रों से की जाने वाली अतिरिक्त फीस की उगाही पर भी रोक लगायी जा सके। सूत्रों का कहना है कि फीस नियमन कमेटी में जिस प्रकार से महाविद्यालयों के सीए से आडिट कराकर ब्योरा आ रहे हैं, ऐसे में तय है कि इस बार एक समान फीस के बजाय महाविद्यालयों या फिर विविद्यालय की अलग-अलग फीस तय होगी(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,20.5.11)।

यूपीःशिक्षामित्र अब सुप्रीम कोर्ट में करेंगे गुहार

Posted: 20 May 2011 10:00 AM PDT

शिक्षामित्रों की जुलाई से प्रस्तावित ट्रेनिंग पर हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश को उच्च न्यायालय व सुप्रीम कोर्ट में आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन चुनौती देगा। एसोसिएशन ने बीएड डिग्रीधारी बेरोजगारों पर कोर्ट के समक्ष तथ्यों को तोड-मरोड़ कर प्रस्तुत करके स्टे लेने का आरोप भी लगाया है और कहा कि शिक्षामित्र अब बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों की प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति किये जाने का विरोध करेंगे। एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए वर्ष 2001 में शिक्षामित्रों की भर्ती की गयी थी। तब से करीब एक दशक तक सफलतापूर्वक प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ अध्यापन किया। केन्द्र सरकार के शिक्षा अधिकार अधिनियम लागू करने से अप्रशिक्षित शिक्षकों के पढ़ाने पर रोक की संभावना को देखते हुए शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण की मंजूरी दी थी और प्रदेश सरकार ने एक जुलाई 2011 से शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण का इंतजाम कर लिया था। देश के दूसरे राज्यों में भी शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण कराने की कवायद चल रही है। उल्लेखनीय है कि बीएड डिग्री की अर्हता माध्यमिक शिक्षा के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में अध्यापकों की नियुक्ति के लिए तय है। एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले से शिक्षामित्रों की पहली जुलाई से होने वाले प्रशिक्षण को झटका लगा है, इससे उनमें आक्रोश है और प्रदेश भर में इनकी 1.74 लाख संख्या अब शांत नहीं बैठेगी। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले का अध्ययन करने के बाद शिक्षा मित्र एसोसिएशन उच्च व सर्वोच्च अदालतों का दरवाजा खटखटाएगा और किसी भी स्थिति में प्रशिक्षण रुकने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब शिक्षामित्र प्राथमिक विद्यालयों में बीएड डिग्री धारी शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होने का ही विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि अनुभव और योग्यता के आधार पर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के मानदण्डों पर प्राथमिक शिक्षामित्रों को अध्यापक पद का हक दिलाकर ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक से इस मामले पर बातचीत की गयी है और जल्द ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय की बड़ी बेंच में मामले को उठाया जाएगा(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,20.5.11)।

राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान में 27 तक जमा होंगे प्रवेश फार्म

Posted: 20 May 2011 09:45 AM PDT

राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान में होने वाली प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदनों का वितरण शुरू हो गया है। आवेदन की अंतिम तिथि 27 मई है। भारत सरकार के कोलकाता स्थित एकमात्र राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद के सदस्य डा. अनिरुद्ध वर्मा ने बताया कि होम्योपैथी के स्नातक पाठय़क्रम प्रवेश के लिए संस्थान केन्द्रीय स्तर पर कराता है। इसके फार्म वेबसाइट से हासिल किये जा सकते हैं। इसके परीक्षा के लिए कोलकाता, भोपाल, चेन्नई, बंगलूरु, दिल्ली व त्रिवेन्द्रम में परीक्षा केन्द्र बनाया गया है। डा. वर्मा ने लखनऊ में भी इसका परीक्षा केन्द्र बनाने की मांग की है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,20.5.11)।

कॉलेज ऑफ आर्ट्स में दाखिले १० जून से

Posted: 20 May 2011 09:30 AM PDT

कला के क्षेत्र में आगे ब़ढ़ने के लिए छात्र कॉलेज ऑफ आर्ट्स को चुन सकते हैं। कॉलेज ऑफ आर्ट्स में बीएफए में दाखिले १० जून से शुरू होंगे। दाखिले के लिए छात्रों का एप्टीट्यूड टेस्ट २ जुलाई को है।

कला के क्षेत्र में जो छात्र करियर बनाना चाहते हैं उनके हुनर को तराशने का काम कॉलेज ऑफ आर्ट्स करता है। बारहवीं के बाद छात्र बीएफए में दाखिला ले सकते हैं। बीएफए में छात्र चार वर्ष में स्नातक की डिग्री ले सकते हैं। कॉलेज में दिल्ली के साथ ही बाहर से आए छात्र भी दाखिला लेते हैं। स्कूल में जो छात्र एप्लाइड ऑर्ट्स, ड्राइंग, पेंटिंग और स्कल्पचर विषयों को प़ढ़ते हैं उन्हें दाखिलों में फायदा भी मिलता है। कॉलेज ऑफ ऑर्ट्स में छात्र व्यवहारिक कला, कला इतिहास, चित्रकला, मूर्ति कला और दृश्य संप्रेक्षण में स्नातक कर सकते हैं। कॉलेज में छात्र सृजनात्मकता और व्यहारिकता का प्रशिक्षण ले सकते हैं। स्नातक के लिए चुने गए स्ट्रीम से ही छात्र आगे के लिए अपनी विशेषज्ञता का आधार तय करेंगे।


स्कूल में ड्रॉइंग, पेंटिंग और स्कल्पचर करने वाले छात्रों, अनुसूचित जाति-जनजाति और विकलांग छात्रों को पांच प्रतिशत की छूट दी जाएगी। कॉलेज में दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर होगा। एप्टीट्यूड टेस्ट में ५० प्रतिशत लाने वाले छात्र को ही दाखिले के लिए चुना जाएगा। ६० प्रतिशत का वेटेज एप्टीट्यूड टेस्ट का और ४० प्रतिशत बारहवीं के नतीजों को होगा। चयनित छात्रों की सूची ९ जुलाई को कॉलेज में लगाई जाएगी। चुने गए छात्रों को दाखिले की औपचारिता १२ जुलाई तक पूरी करनी है। नए सत्र की कक्षाएं २१ जुलाई से शुरू होंगी। वहीं एमएफए के दाखिले भी १० जून से ही शुरू हो रहे हैं। एमएफए में फॉर्म जमा करने की आखिरी तारीख ३० जून है। 

प्रक्रिया

छात्रों को प्रॉस्पेक्टस लेना होगा और फॉर्म के साथ डिमांड ड्राफ्ट जमा करवाना होगा। फॉर्म २५ जून के बाद जमा नहीं किए जाएंगे। छात्र कॉलेज की वेबसाइट से भी फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं। 

बीएफए में दाखिले के लिए महत्वपूर्ण कागजात

- बारहवीं कक्षा की मार्कशीट

- उम्र के लिए प्रमाणपत्र

- अनुसूचित जाति-जनजाति का प्रमाणपत्र

- अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए आय प्रमाण पत्र। पासपोर्ट साइज फोटो 

दाखिले का कैलेंडर

- १० से २५ जून : फॉर्म की बिक्री

- २५ जून : फॉर्म जमा करने की आखिरी तारीख

- २७ जून : रजिस्ट्री, स्पीडपोस्ट और कोरियर से आने वाले फॉर्म की आखिरी तारीख

- २८ जून : चुने गए योग्य छात्रों की सूची

- २ जुलाई : एप्टीट्यूड टेस्ट

- ९ जुलाई : टेस्ट के नतीजे

- ११/१२ जुलाई : फीस जमा

- १३ जुलाई : वेंटिंग लिस्ट, खाली सीटों की सूची

(महुआ बोस,नई दुनिया,दिल्ली,16.5.11)

अमर उजाला में पत्रकार बनने का अवसर

Posted: 20 May 2011 09:15 AM PDT

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स्कूटर्स इंडिया का होगा निजीकरण

Posted: 20 May 2011 09:00 AM PDT

सरकार ने लखनऊ की कंपनी स्कूटर्स इंडिया लि. (एसआईएल) में अपनी समूची 95 प्रतिशत की हिस्सेदारी किसी चुनिंदा कंपनी को बेचने का निर्णय लिया है। यह बिक्री विनिवेश विभाग के माध्यम से की जाएगी और सरकार स्कूटर्स इंडिया के पुनर्गठन की प्रक्रिया में कंपनी के बही-खातों को स्पष्ट करने में मदद करेगी। वित्तीय संकट में फंसी यह कंपनी इस समय मुख्य रूप से तिपहिया बनाती है। कंपनी 2002-03 से लगातार घाटे में है। इसे नए सिरे से खड़ा करने के उद्देश्य से सरकार ने यह फैसला किया गया है। यहां केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी से संवाददाताओं से कहा, 'सरकार ने स्कूटर्स इंडिया को फिर से खड़ा करने का फैसला किया है। सरकार की समूची 95 प्रतिशत की हिस्सेदारी बेचकर और रणनीतिक भागीदार को शामिल कर कंपनी को उबारने का प्रस्ताव है।' कंपनी की शेष पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बैंकों, वित्तीय संस्थानों, कंपनियों तथा अन्य के पास रहेगी। सोनी ने कहा कि कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी की बिक्री विनिवेश विभाग के जरिए की जाएगी। सरकार रणनीतिक भागीदारी की पहचान और उसे शामिल करने के लिए संसद की मंजूरी लेगी। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने विनिवेश के साथ ही कंपनी वेतन बकाए का निपटना करने और बही खाते को 'स्वच्छ' करने के लिए सहयोग जारी रखने की योजना को भी मंजूरी दी है। सोनी ने कहा, 'हमारा मकसद विनिवेश विभाग के जरिए सरकार की समूची हिस्सेदारी उचित रणनीतिक भागीदार को देना है।' स्कूटर्स इंडिया 2002-03 से लगातार घाटे में चल रही है और 2008-09 में उसका समूचा नेटवर्थ समाप्त हो गया। मार्च, 2009 में कंपनी को बीमार इकाई घोषित कर दिया गया है और उसे सार्वजनिक क्षेत्र उपक्र म पुनर्गठन बोर्ड (बीआरपीएसई) को भेज दिया गया। 2009-10 की स्थिति के अनुसार कंपनी का शुद्ध घाटा 22.03 करोड़ रुपए था। सूचना एवं प्रसारण मंत्री सोनी ने कहा कि कंपनी की आंतरिक अक्षमता, कम उत्पादकता और पुरानी संयंत्र प्रौद्योगिकी तथा अधिक उम्र के कर्मचारियों की वजह से उसका संकट सुलझने के बजाय बढ़ता गया। उन्होंने बताया कि स्कूटर्स इंडिया कर्मचारियों का वेतन तथा अन्य जरूरी खर्चे भी नहीं निकाल पा रही थी। स्कूटर्स इंडिया की स्थापना 1972 में की गई थी। कंपनी ने विजय सुपर ब्रांड नाम से घरेलू बाजार के लिए स्कूटरों का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू किया। साथ ही यह विदेशी बाजारों के लिए लम्बरेटा स्कूटर बनाती थी। बाद में कंपनी विक्र म ब्रांड नाम के साथ तिपहिया बाजार में उतर गई। कंपनी ने 1997 में दोपहिया का उत्पादन बंद कर दिया और उसके बाद से वह सिर्फ तिपहिया ही बना रही है। पिछले साल 31 दिसम्बर तक स्कूटर्स इंडिया में सरकार की हिस्सेदारी 95.38 प्रतिशत की थी। बीआरपीएसई की स्कूटर्स इंडिया को फिर से खड़ा करने की सिफारिश के बाद अतुल आटो, बजाज आटो, महिंद्रा एंड महिंद्रा या पियाजियो जैसी कंपनियों को उसकी हिस्सेदारी बेची जा सकती है। राजकोट की तिपहिया कंपनी अतुल आटो ने कहा कि वह स्कूटर्स इंडिया में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की इच्छुक है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,20.5.11)।

डीयू का विवेकानंद कॉलेज है छात्राओं की पहली पसंद

Posted: 20 May 2011 08:40 AM PDT

डीयू कैंपस के बाहर के कॉलेजों में विवेकानंद कॉलेज छात्राओं की पहली पसंद है। खास कर यमुनापार की छात्राएं तो पहली च्वाइस में इसी कॉलेज को पसंद करती हैं। तभी तो यहां 10 कोर्सो की करीब 670 सीटों के लिए काफी मारा-मारी रहती है। खिलाड़ी छात्राओं के लिए यहां 200 मीटर का सिंथेटिक ट्रैक होने के साथ ही, सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए कॉलेज का अपना सभागार भी है। कॉलेज प्राचार्य डॉ. रेणु साहनी बताती हैं कि छात्राओं के लिए कॉलेज 13 छात्रवृत्तियां चला रहा है। यह वार्षिक छात्रवृत्तियां अलग-अलग गतिविधियों में श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए छात्राओं को प्रदान की जाती हैं। जिसमें स्पो‌र्ट्स, सांस्कृतिक गतिविधि, पढ़ाई आदि शामिल है। डॅा.साहनी कहती हैं कि सेंट्रलाइज्ड दाखिला फॉर्म खत्म करके डीयू ने अच्छी पहल की है। कॉलेज के विभिन्न कोर्सो में दाखिले के लिए अलग-अलग मानक हैं। जैसे बीए प्रोग्राम कोर्स में दाखिला के लिए आवेदन करने वाली छात्राओं में म्यूजिक पढ़ने वाली को पांच फीसदी अंको की छूट दी जाती है। जबकि कॉमर्स और साइंस स्ट्रीम की छात्राओं के दो फीसदी अंक काट लिए जाते हैं। बीकॉम ऑनर्स में दाखिले के लिए छात्रा ने 12वीं में गणित और एकाउंटेंसी की पढ़ाई जरूर की हो। जबकि बीकॉम में दाखिले के लिए दसवीं तक गणित और बारहवीं में एकाउंटेंसी की पढ़ाई जरूरी है। बीएससी गणित में दाखिले के लिए छात्रा के गणित में 12 वीं में 70 फीसदी अंक होने जरूरी हैं। राजनीति विज्ञान ऑनर्स में दाखिला चाहिए तो इस विषय में 60 फीसदी अंक होने चाहिए। जबकि एप्लाइड साइक्लॉजी में दाखिले के लिए छात्रा ने अंग्रेजी जरूर पढ़ी हो। इस कोर्स में आवेदन के समय वैकल्पिक विषयों के रूप में इंजीनियरिंग, होम साइंस, फाइन आटर््स और कृषि विषय से पढ़ाई करने वाली छात्रा के पांच फीसदी अंक काट लिए जाते हैं(दैनिक जागरण,दिल्ली,20.5.11)।

डीयूःबीएलएड व जर्नलिजम में ऐडमिशन

Posted: 20 May 2011 08:22 AM PDT

डीयू में बैचलर ऑफ एलिमेंट्री एजुकेशन (बीएलएड) और बीए (ऑनर्स) जर्नलिजम कोर्स का ऐडमिशन प्रोसेस शुक्रवार से शुरू हो रहा है। इन दोनों कोर्सेज में ऐडमिशन के लिए स्टूडेंट्स को एंट्रेंस टेस्ट क्लियर करना होगा। बीएलएड का एंट्रेंस टेस्ट 25 जून को होगा और 5 जुलाई को काउंसलिंग के लिए सिलेक्ट हुए कैंडिडेट की मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी। जर्नलिजम कोर्स का एंट्रेंस टेस्ट 19 जून को होगा।

बीएलएड कोर्स चार साल का है। इस कोर्स में अप्लाई करने के लिए स्टूडेंट्स एसबीआई के नॉर्थ कैंपस, गार्गी कॉलेज, शाहदरा, प्रशांत विहार, द्वारका सेक्टर 11, बी-ब्लॉक, कनॉट प्लेस की ब्रांचों से 350 रुपये देकर ऐप्लीकेशन फॉर्म ले सकते हैं। बीएलएड के फॉर्म 4 जून तक मिलेंगे। इस कोर्स में करीब 375 सीटें हैं और यह 8 कॉलेजों में चल रहा है। यह कोर्स डीयू के जिन कॉलेजों में है, उनमें अदिति महाविद्यालय, गार्गी कॉलेज, जीसस एंड मेरी कॉलेज, इंस्टिट्यूट ऑफ होम इकनॉमिक्स, लेडी श्रीराम कॉलेज, माता सुंदरी कॉलेज, मिरांडा हाउस और एसपीएम शामिल हैं। ये सभी गर्ल्स कॉलेज हैं।

बीए (ऑनर्स) जर्नलिजम कोर्स के लिए इस बार जॉइंट एंट्रेंस टेस्ट होगा। यह कोर्स डीयू के दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट एंड कॉमर्स, कालिंदी कॉलेज, कमला नेहरू कॉलेज, लेडी श्रीराम कॉलेज और महाराजा अग्रसेन कॉलेज में है। अभी तक हर कॉलेज अपना अलग-अलग टेस्ट करवाता था, लेकिन इस बार जॉइंट टेस्ट के जरिए एडमिशन होंगे। जॉइंट एंट्रेंस टेस्ट कंडक्ट करवाने की जिम्मेदारी महाराजा अग्रसेन कॉलेज को मिली है। अप्लाई करने की लास्ट डेट 5 जून है और टेस्ट 19 जून को सुबह 10 से 12:30 बजे तक होगा। टेस्ट की वेटेज 50 पर्सेंट और इंटरव्यू की 15 पर्सेंट होगी वहीं 12वीं के मार्क्स की वेटेज 35 पर्सेंट होगी। दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट एंड कॉमर्स में 31 सीटें हैं। कालिंदी कॉलेज में 45, कमला नेहरू कॉलेज में 39, लेडी श्रीराम कॉलेज में 23 और महाराजा अग्रसैन कॉलेज में 45 सीटें हैं(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,20.5.11)।

राष्ट्रीय सहारा की रिपोर्टः
दिल्ली विश्वविद्यालय में बीएलएड कोर्स में दाखिले के लिए आवेदन प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो रही है। जबकि बीएड के लिए आवेदन प्रक्रिया 1 जून से शुरू होगी। इसी प्रकार एमएड के लिए आवेदन 6 जून से किये जा सकेंगे। इन कोर्सेज में दाखिले प्रवेश परीक्षा के जरिये होंगे। प्रवेश परीक्षाएं फैलक्टी ऑफ एजुकेशन द्वारा कराई जाती हैं। विश्वविद्यालय का बीएलएड कोर्स केवल छात्राओं के लिए आठ कॉलेजों में चलाया जाता है। यह कोर्स डीयू के अदिति महाविद्यालय, लेडी श्रीराम कॉलेज फोर वूमेन, गार्गी कॉलेज, माता सुंदरी कॉलेज, इंस्टीटय़ूट ऑफ होम इकोनॉमिक्स, मिरांडा हाऊस, जीसस एंड मेरी कॉलेज, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और विवेकानंद कॉलेज में उपलब्ध है। इस कोर्स में दाखिले के लिए आवेदन पत्र नार्थ कैम्पस, गार्गी कॉलेज, शाहदरा, प्रशांत विहार, सेक्टर-11 द्वारका और बी ब्लॉक कनाट प्लेस में स्थित स्टेट बैंक ऑफ इडिया की शाखा से 350 रुपये नकद देकर हासिल किया जा सकता है। इसके अलावा डाक द्वारा फैकल्टी ऑफ एजुकेशन से 425 रुपये का बैंक ड्रॉफ्ट रजिस्ट्रार, दिल्ली विश्वविद्यालय के नाम पर दिल्ली में देय भेजकर हासिल किया जा सकता है। डॉक द्वारा आवेदन पत्र मंगाने की अंतिम तिथि 30 मई रखी गई है। इस कोर्स में आवेदन करने की अंतिम तिथि 4 जून शाम चार बजे तक की रखी गई है। आवेदन फॉर्म डीय के एजुकेशन विभाग, गागर्ाी कॉलेज, सीरी फोर्ट और श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज में जमा कराये जा सकते हैं। इस कोर्स में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा 25 जून को सुबह 9.30 बजे से होगी। बीएड कोर्स में दाखिले के लिए आवेदन पत्र 1 से 15 जून और एमएड के लिए 6 से 15 जून तक एसबीआई की शाखाओं मे मिलेंगे। बीएड के लिए प्रवेश परीक्षा 3 जुलाई और एमएड कोर्स में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा 2 जुलाई को आयोजित की जाएगी।


डीटीयू में नियम ताक पर रख बनाए जा रहे प्रोफेसर

Posted: 20 May 2011 08:04 AM PDT

दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (डीटीयू) में प्रोफेसर पद पर पदोन्नति देने की प्रक्रिया में नियमों को ताक पर रखने का मामला प्रकाश में आया है। मापदंडों को पूरा न करने वाले लोगों को भी प्रोफेसर बनाने की संस्तुति की गई है। संबंधित फाइल उप राज्यपाल के कार्यालय में है। डीटीयू प्रशासन को मामले की जानकारी हो चुकी है, लेकिन कुलपति प्रो.पीबी शर्मा ने कुछ भी कहने और करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि विवि प्रशासन के अधिकार सीमित हैं। डीटीयू में कैरियर एडवांसमेंट स्कीम (केस) के लिए मानकों को ताक पर रखकर 11 सहायक और एसोसिएट प्राध्यापकों को प्रोफेसर बनाने की संस्तुति प्रदान की गई है। सूत्र बताते हैं कि दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव (उच्च शिक्षा) और डीटीयू सदस्य सचिव आनंद प्रकाश के निर्देश के अनुसार प्राध्यापकों की पदोन्नति के लिए कमेटी का गठन किया गया। 12 सदस्यीय इस कमेटी में पांच विशेषज्ञ जामिया के प्राध्यापक, तीन एनआइटी जालंधर और चार विशेषज्ञ अन्य विश्वविद्यालय से बुलाए गए। आठ अप्रैल 2011 को साक्षात्कार नोटिस जारी किया गया। बैठक नोटिस नंबर एफ.1(833)/2011-एसबी/701-715 प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकी शिक्षा विभाग के अधीक्षक अजय कुमार शर्मा ने जारी किया। जिसमें 11 अप्रैल को साक्षात्कार होने की सूचना जारी की गई। खास बात यह रही की साक्षात्कार लेने वाले सभी विशेषज्ञों के नाम के आगे उनके पते और मोबाइल नंबर बैठक नोटिस में जारी किए गए। सूत्र बताते हैं कि पहले ऐसा नहीं होता था। नोटिस के माध्यम से जब विश्वविद्यालय प्रशासन को इस बात की सूचना मिली तो प्रशासन ने नौ अप्रैल को पत्र संख्या एफ.वीसी/डीओ/ 2010-11/73 के माध्यम से प्रधान सचिव आनंद प्रकाश से मांग की कि केस के साक्षात्कार के लिए आइआइटी विशेषज्ञों को बुलाया जाना चाहिए। जिन विशेषज्ञों को साक्षात्कार बैठक में बुलाया जा रहा है, उनके निर्णय से सीधे तौर पर शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन के तर्को पर ध्यान नहीं दिया गया और साक्षात्कार आयोजित कर 11 प्राध्यापकों को प्रोफेसर के पद पर पदोन्नत करने की संस्तुति प्रदान कर दी गई। खास बात यह है कि पदोन्नति पाने वालों में ऐसे प्राध्यापक भी शामिल हैं, जिन्होंने अपनी पीएचडी आठ से 10 सालों में उत्तीर्ण की है और संघ लोक सेवा आयोग की प्रोफेसर परीक्षा में भी अयोग्य घोषित किए जा चुके हैं। साथ ही 2007 में भी केस के तहत इनमें से कुछ को अयोग्य करार दिया गया था। अब ऐसे प्राध्यापकों के प्रोफेसर बनने से इस प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में किस गुणवत्ता की शिक्षा मिलेगी? इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है(एस. के.गुप्ता,दैनिक जागरण,दिल्ली,20.5.11)

दिल्लीःशिक्षा निदेशालय ने स्कूली बसों के लिए जारी किए नए निर्देश

Posted: 20 May 2011 07:44 AM PDT

स्कूलों में क्लास मॉनीटर की तर्ज पर अब बस मॉनीटरों की भी नियुक्ति की जाएगी। इनका काम स्कूली बसों में आने जाने वाले छात्रों का सारा रिकॉर्ड रखना व ड्राइवर द्वारा बस के सही परिचालन पर निगाह रखना होगा। इससे संबंधित रिपोर्ट उन्हें स्कूल को सौंपनी होगी। बस मॉनीटरों की रिपोर्ट के आधार पर ही स्कूल प्रशासन बस सेवा प्रदाता व ड्राइवरों की सेवा जारी रखने पर फैसला लेगा। ऐसे में बस चलाते वक्त ड्राइवरों की थोड़ी सी भी लापरवाही उनके व बस मालिक दोनों के लिए नुकसानदायक साबित होगी। शिक्षा निदेशालय ने स्कूल ट्रांसपोर्टेशन को छात्रों के लिए सुरक्षित बनाने के मद्देनजर स्कूलों, बस सेवा प्रदाता कंपनी व ड्राइवरों के संबंध में नए विस्तृत नियम तैयार किए हैं। बृहस्पतिवार को जारी नए नियमों के तहत अब सभी स्कूलों को अपनी स्कूल बसों में दो-दो बस मॉनीटरों की तैनाती सुनिश्चित करानी होगी। ये मॉनीटर 11वीं व 12वीं कक्षा के छात्र होंगे, जो बस में यात्रा करने वाले सभी छात्रों के नाम, पते, उतरने का स्टैंड व उन्हें लेने आने वाले व्यक्ति के नाम आदि की पूरी जानकारी रखेंगे। इसके अलावा वे ड्राइवर द्वारा सड़क नियमों के पालन व परिचालन के तौर तरीकों पर भी नजर रखेंगे। निदेशालय द्वारा बस सेवा प्रदाता कंपनी के लिए जारी निर्देशों के तहत उन्हें अब स्कूल बसों के अगले हिस्से को सुनहरे पीले रंग से रंगवाना होगा। उस पर 400 एमएम लंबे व 25 एमएम चौड़े अक्षरों में स्कूल बस लिखवाना होगा। बस पांच वर्ष से ज्यादा पुरानी नहीं होगी। बसों की पहली सीढ़ी जमीन से 325 एमएम से उंची नहीं होंगी। गेट पर लगे हैंडल भी फिसलने वाले नहीं होंगे व इनपर रबर अथवा प्लास्टिक का कवर लगाना आवश्यक होगा। बस ड्राइवरों की नियुक्ति से पहले यह ध्यान रखना होगा कि एक वर्ष के भीतर उनका दो बार से ज्यादा चालान न हुआ हो। इसके अतिरिक्त ड्राइवर का नंदनगरी बस डिपो से प्रशिक्षण प्राप्त होना भी आवश्यक होगा। बस मालिक व स्कूलों को प्रत्येक छह माह पर बस सर्विस की रिपोर्ट जारी करनी होगी। ड्राइवर को प्रतिदिन आठ घंटे व प्रति सप्ताह 48 घंटे से अधिक ड्यूटी करने की अनुमति नहीं होगी। इसके अतिरिक्त निदेशालय द्वारा कई पृष्ठों की विस्तृत निर्देशिका भी जारी की गई है(दैनिक जागरण,दिल्ली,20.5.11)

हरियाणाःजुलाई से मानेसर में पहला कम्यूनिटी कॉलेज

Posted: 20 May 2011 07:10 AM PDT

मानेसर पॉलीटेक्निक के कैंपस में जुलाई माह से प्रदेश सरकार से मान्यता प्राप्त हरियाणा का पहला कम्यूनिटी कॉलेज शुरू होने जा रहा है। यह कॉलेज यूएस की बेस्ट कम्यूनिटी कॉलेज सोसायटी मोंट गोमरी की तर्ज पर खुल रहा है। इस कॉलेज में कम्यूनिटी से जुड़े सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स कराए जाएंगे।

फिलहाल इस कॉलेज में पांच कोर्स उपलब्ध होंगे। एडमिशन लेने के इच्छुक छात्र 25 जून तक आवेदन कर सकते हैं। हरियाणा इग्नू सोसायटी फॉर कम्यूनिटी एजुकेशन एंड ट्रेनिंग की पहल से शुरू होने वाले इस कम्यूनिटी कॉलेज में सभी कोर्स इग्नू द्वारा संचालित किए जाएंगे।


कम्यूनिटी कॉलेज में वैसे तो 50 से ज्यादा शॉर्ट टर्म और डिग्री-व्यवसायिक कोर्स कराए जाएंगे। लेकिन फिलहाल शुरुआत पांच कोर्सो के साथ की जा रही है। अभी किसी कोर्स में सीटों की संख्या भी तय नहीं की गई है। आवेदन आने के बाद छात्रों के रुझान को देखते हुए ही सीटों की संख्या तय की जाएगी। फिलहाल शुरू होने वाले पांच कोर्सो में से फ्रंट ऑफिस मैनेजमेंट ऑपरेशन, फायर सेफ्टी मैनेजमेंट, हाउस कीपिंग ऑपरेशंस, सिक्योरिटी मैनेजमेंट छह-छह महीने के सर्टिफिकेट कोर्स हैं। जबकि बीपीओ फाइनेंस एंड अकाउंट्स एक साल का डिप्लोमा कोर्स होगा। 

फायर सेफ्टी मैनेजमेंट और सिक्योरिटी मैनेजमेंट के लिए छात्रों की योग्यता 10वीं पास और अन्य तीनों कोर्सो के लिए 12वीं पास रखी गई है। इसके लिए छात्र 25 जून तक आवेदन कर सकेंगे। इनके अलावा कॉलेज में छात्रों के लिए सॉफ्ट स्किल, आईटी, मैन्यूफेक्चरिंग, सर्विसिंग, टेलीकॉम, एयरोनॉटिक्स, मैकेनिकल, अकाउंट्स, रिटेल, ऑटोमोबाइल, एयर सर्विसेज, टिकटिंग, रेफ्रिजरेशन व अन्य कोर्स कराए जाएंगे। कम्यूनिटी कॉलेज के लिए 73 हजार वर्ग फुट में बनी मानेसर बहुतकनीकी संस्थान की बिल्डिंग ली गई है। संस्थान को नई बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया गया है।

ऐसे काम करता है कम्यूनिटी कॉलेज

कम्यूनिटी कॉलेज में सोसायटी की जरूरतों से संबंधित कोर्स चलाए जाते हैं। इनका लर्निग मैटीरियल आम डिप्लोमा और डिग्री कोर्सो से अलग होता है। कम्यूनिटी में बदलते स्टैंडर्ड के हिसाब से समय-समय पर विषय वस्तु में बदलाव भी होता रहता है। इन कोर्सो का अधिकांश भाग प्रैक्टिकल होता है। इन कोर्सो में छात्रों को आस-पास के माहौल और इंडस्ट्री में ट्रेनिंग देकर एक्सपर्ट बनाया जाता है। कोर्स करने के बाद ये छात्र कम्यूनिटी सर्विस में स्किल्ड वर्कर के रूप में काम करते है। कम्यूनिटी कोर्सो का मुख्य मकसद लोगों को स्किल्ड बनाना होता है।

देश में बहुत से छात्र ऐसे हैं जो 10वीं या 12वीं कक्षा से आगे नहीं पढ़ पाते। ऐसे छात्रों के लिए ये शॉर्ट टर्म कोर्स वरदान सिद्घ होंगे, ये कोर्स करने के बाद छात्रों के लिए जॉब की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।

रविन आहूजा, रजिस्ट्रार, कम्यूनिटी कॉलेज, मानेसर
(जतिन जैन,दैनिक भास्कर,गुड़गांव,20.5.11)

अच्छी ग्रेडिंग के लिए केवल पढ़ाई काफी नहीं

Posted: 20 May 2011 06:50 AM PDT

सतत समग्र मूल्यांकन यानी ग्रेडिंग सिस्टम पर इस बार पूरी तरह अमल होगा। इसको अपनाए जाने से अब छात्रों का पढ़ाई में अव्वल रहना ही काफी नहीं है। उनको अब जो अंक दिए जाएंगे, उसमें पढ़ाई के अलावा स्कूल की अन्य गतिविधियों का अध्ययन भी देखा जाएगा। इस ग्रेडिंग सिस्टम में इस बार पहली से 8वीं तक के अंक ग्रेडिंग आधार पर ही मिलेंगे।

बतौर प्रयोग पिछली बार ग्रेडिंग सिस्टम के आधार पर परीक्षा परिणाम निकालने का प्रयास किया गया था, मगर इस बार ही पूरी तरह से अमल हो पाएगा। इसमें स्कूल परिसर में होने वाली हर गतिविधि से बच्चे को गुजरना होगा और उसी पर उसका परिणाम निर्भर करेगा। प्राइमरी से मिडिल स्कूलों में इस पर शिक्षकों को विशेष ध्यान देने को कहा गया है तथा मासिक आधार पर उनकी रिपोर्ट बनेगी।


क्या होगा ग्रेडिंग सिस्टम का आधार

ग्रेडिंग सिस्टम का आधार पढ़ने और लेखन कौशल के अलावा गणित में उसकी परफॉर्मेंस भी देखी जाएगी। अंकों की मौखिक और लिखित जानकारी के अलावा बच्चे की श्रवण व बोलने के कौशल को भी पढ़ाई का अहम हिस्सा माना जाएगा। सहपाठियों के साथ संवाद, कक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देने की कला एवं प्रात:कालीन सभा की गतिविधि को भी उसमें देखा जाएगा। 

स्कूल की प्रात:कालीन सभा यानि प्रार्थना में अब पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी शामिल किया गया है, जिसमें मुख्य रूप से नौ पहलुओं को देखा जाएगा। इसमें पर्यावरण को साफ रखना और प्लास्टिक का प्रयोग न करना भी शामिल है। बच्चों के स्मृति कौशल को आंकना और सामूहिक गतिविधियों में उसके भाग लेने इत्यादि पर भी नजर रहेगी। सार्वजनिक संपत्ति का ख्याल रखना और विद्यालय की संपत्ति की देखभाल रखना भी स्कूली गतिविधि का हिस्सा रहेगी। 

इस तरह मिलेंगे अंक

ए प्लस में 90 से 100 के बीच अंक माने जाएंगे और यह असाधारण श्रेणी होगी। 80 से 89 अंक के लिए ए ग्रेड को उत्कृष्ट श्रेणी, 70 से 79 के बीच के अंक को बी प्लस यानी अच्छा, 55 से 69 अंक को सामान्य श्रेणी यानि बी ग्रेड, 45 से 54 श्रेणी के लिए सी ग्रेड को औसत श्रेणी, 35 से 44 अंक को डी श्रेणी यानि औसत से कम, 20 से 34 अंक को ई प्लस यानि असंतोषजनक और एक से 19 अंक को ई ग्रेड यानि सबसे कम न्यूनतम स्तर पर आंका जाएगा।
(दैनिक भास्कर,शिमला,20.5.11)

पर्यटन में करिअर

Posted: 20 May 2011 06:30 AM PDT

(नई दुनिया,दिल्ली,16.5.11)

छत्तीसगढ़ःलोको पायलट के रिजल्ट को मिली हरी झंडी

Posted: 20 May 2011 06:26 AM PDT

बिलासपुर.असिस्टेंट लोको पायलट की भर्ती में शामिल होने वाले उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर है। इसके नतीजे जारी करने पर लगी रोक को हटा ली गई है। परिणाम जून के पहले सप्ताह में जारी करने की तैयारी की जा रही है। आरआरबी बिलासपुर ने रिटर्न और साइको टेस्ट की ओएमआर शीट अंतिम जांच के लिए बोर्ड
को भेज दी है।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में असिस्टेंट लोको पायलट के 1151 और सेंट्रल रेलवे के 450 रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (आरआरबी) बिलासपुर द्वारा जारी है। रिटर्न और साइको टेस्ट की प्रक्रिया पूरी हो गई है। अब 3586 उम्मीदवारों को नतीजे का इंतजार है।


वैसे तो आरआरबी बिलासपुर अप्रैल 2011 तक रिजल्ट जारी करने की तैयारी में था। बताया जाता है कि बंगाल चुनाव के चलते दूसरी भर्ती परीक्षा में रोक के साथ असिस्टेंट लोको पायलट के नतीजे पर भी विराम लगा दिया गया। बोर्ड ने स्थगित परीक्षाओं के लिए नई समय-सारिणी तो जारी नहीं की है, पर असिस्टेंट लोको पायलट के नतीजे पर लगी रोक हटा ली गई है। 

संभवत: यही कारण है कि आरआरबी बिलासपुर अब नतीजे घोषित करने की तैयारी में है। 3586 उम्मीदवारों के रिटन से साइको टेस्ट तक की ओएमआर शीट रेलवे बोर्ड को भेजी जा रही है।

रिजल्ट से पहले होगा मिलान

आरआरबी की परीक्षा में परीक्षार्थियों को दो-दो ओएमआर शीट दी जाती है। एक शीट की जांच भर्ती बोर्ड, तो दूसरी की जांच रेलवे बोर्ड द्वारा कराई जाती है। आरआरबी बिलासपुर अपने द्वारा जांची गई ओएमआर शीट बोर्ड को भेजेगा। 

बोर्ड अपने द्वारा जांची गई शीट से मिलान करेगा कि कहीं किसी ओएमआर शीट की जांच में गड़बड़ी तो नहीं हुई? जांच से संतुष्ट होने के बाद बोर्ड आरआरबी को नतीजे घोषित करने की अनुमति देगा।(दैनिक भास्कर,बिलासपुर,19.5.11)

सिविल सेवा परीक्षा का नया प्रारूप है गरीब व पिछड़े छात्रों के खिलाफ

Posted: 20 May 2011 05:38 AM PDT

इस वर्ष से सिविल सेवा परीक्षा के प्रारूप में बदलाव किया गया है। नए प्रारूप की घोषणा के समय ही हिंदी पट्टी के कुछ शिक्षाविदों व बुद्धिजीवियों ने इस पर सवाल उठाए थे, लेकिन उनकी आपत्तियों पर ध्यान नहीं दिया गया। पिछले दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नए प्रारूप के सबसे विवादस्पद पहलू-प्रारंभिक परीक्षा में अंग्रेजी की अनिवार्यता, पर सवाल उठाकर इस विवाद को फिर से जिंदा कर दिया है। पूरे विवाद को समझने से पहले इस परीक्षा के प्रारूप को समझ लेना उपयुक्त होगा। सिविल सेवा परीक्षा में तीन चरण होते हैं। पहले चरण की परीक्षा में अब तक दो प्रश्नपत्र होते थे। एक सामान्य ज्ञान और दूसरा ऐच्छिक विषय। ऐच्छिक विषयों की संख्या 23 थी, जिनमें भौतिकी से लेकर दर्शन, इतिहास या मनोविज्ञान आदि कोई भी विषय लेने की छूट थी। दूसरे चरण, जिसे मुख्य परीक्षा कहा जाता है, में सामान्य ज्ञान, निबंध, भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी के अनिवार्य पचरें के साथ-साथ दो ऐच्छिक विषय लेने पड़ते हैं। इसमें सफल विद्यार्थियों का साक्षात्कार होता है और फिर अंतिम परिणाम घोषित किया जाता है। विवाद पहले चरण को लेकर उठा है, जबकि समस्या तीनों ही चरणों में है। 2001 में वाईके अलघ कमेटी ने सिविल सेवा परीक्षा पर विचार किया था। इसकी रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया था कि विभिन्न ऐच्छिक विषयों को लेने से उम्मीदवारों का सही आकलन नहीं हो पाता। व्यावहारिक तौर पर देखें तो इन ऐच्छिक विषयों की प्रासंगिकता समझ से परे थी। भौतिकी, भूगर्भ विज्ञान, इतिहास या दर्शनशास्त्र के गहरे ज्ञान का अर्थ यह कतई नहीं कि व्यक्ति में एक श्रेष्ठ प्रशासकीय योग्यता भी मौजूद है। प्रारंभिक परीक्षा के नए प्रारूप में सबके लिए समान कुछ सामान्य विषय रखे गए हैं। इसमें उम्मीदवार की बौद्धिक क्षमता, किसी मुद्दे के विश्लेषण-विवेचन की योग्यता, समस्याओं का सही आकलन और समाधान करने का कौशल, अंकगणितीय योग्यता और निर्णय लेने की क्षमता के साथ-साथ अभिव्यक्ति कौशल आदि का परीक्षण होगा। यहां तक तो ठीक है, लेकिन अंग्रेजी को भी इसमें शामिल करना उचित नहीं है। यह सिर्फ उच्चवर्गीय कॉन्वेंट पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों के ही हित में है। गांवों, कस्बों और छोटे शहरों के गरीब और पिछड़े लेकिन प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की अंग्रेजी वैसी नहीं होगी जैसी कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़े उच्चवर्गीय छात्रों की होती है। यहां यह बता देना जरूरी है कि मुख्य परीक्षा में भी अंग्रेजी का परचा है लेकिन वहां इसे सिर्फ उत्तीर्ण करना जरूरी है और इसके नंबर जोड़े नहीं जाते हैं। परंतु नई प्रारंभिक परीक्षा में इसके अंक जोड़े जाएंगे। सिविल सेवा परीक्षा के प्रारूप में बदलाव सिर्फ प्रारंभिक परीक्षा को लेकर किया गया है। मुख्य परीक्षा को जस का तस छोड़ दिया गया है। जबकि इसमें भी गंभीर त्रुटियां हैं। यहां अन्य अनिवार्य पत्रों के साथ-साथ दो ऐच्छिक विषय लेने होते हैं और इनका भारांक भी ज्यादा होता है। कोई उम्मीदवार अनिवार्य सामान्य ज्ञान और निबंध आदि पचरें में अच्छा प्रदर्शन न करे, तो भी वह ऐच्छिक विषयों में अच्छे नंबर लाकर उत्तीर्ण हो सकता है।



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha

হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!

मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में OBC Trump Card और जयभीम कामरेड

Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!

हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला हिंदुत्व की राजनीति से नहीं किया जा सकता।

In conversation with Palash Biswas

Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Save the Universities!

RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!

जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।

#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?

Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

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