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Friday, May 20, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



---------- Forwarded message ----------
From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/5/20
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों का खुला पिटारा

Posted: 19 May 2011 11:15 AM PDT

राज्य के बेरोजगारों के लिए खुशखबरी। चुनावी वर्ष में सरकार ने नौकरियों का पिटारा खोल दिया है। समूह ग के तहत आठ हजार पदों पर भर्ती होगी। जून के पहले सप्ताह तक इन पदों पर भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी होने के आसार हैं। इसके अलावा छह हजार सरकारी कर्मचारियों को भी पदोन्नति दी जाएगी। पदोन्नति के लिए कार्मिकों को सेवा शतरे में छूट भी मिलेगी। प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष करीब 25-30 हजार नौकरियां दिए जाने की घोषणा की थी। इसके लिए सभी विभागों से सीधी भर्ती के समूह ग के रिक्त पदों का ब्योरा तलब किया गया था। जल्द भर्ती हो सके, इसके लिए प्राविधिक शिक्षा परिषद को इसकी जिम्मेदारी दी गई थी। इस संबंध में विभागों द्वारा रिक्त पदों की जो सूचना परिषद को दी गई उसके अनुसार करीब 2021 पदों के लिए हाल में विज्ञापन जारी हो चुका है, जबकि अभी हजारों पद रिक्त हैं। इन पर भर्ती की जानी है। इस संबंध में मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने बुधवार को समूह क, ख ,व ग के रिक्त पदों को लेकर समीक्षा बैठक की। उन्होंने बताया कि अब तक करीब समूह ग के 5600 पदों और 13,000 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती हो चुकी है, जबकि समूह ग के 2021 पदों की विज्ञप्ति जारी कर दी गई है। इसके अतिरिक्त जून के प्रथम सप्ताह तक 2500 पदों के लिए और विज्ञप्ति जारी की जा रही है। सर्वशिक्षा व निर्वाचन विभाग में 2500 भर्ती की जा रही है। इसके अलावा तीन हजार अन्य पदों पर भी भर्ती की जानी है। उन्होंने कहा कि पदोन्नति के द्वारा 12 हजार पदों को भरा जाना है। इनमें छह हजार कर्मचारियों को पदोन्नति दी जा चुकी है और शेष छह हजार कार्मिकों को आगामी दो सप्ताह में प्रमोशन दे दिया जाएगा। समीक्षा बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नियुक्तियों और पदोन्नतियों के संबंध में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने पदोन्नति के मामले में विभागाध्यक्षों और विभागीय सचिवों को निर्देश दिए कि विभागीय कार्य प्रभावित न हो और सबको प्रमोशन का हक मिले, इसके लिए सेवा अवधि की अर्हता में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है। साथ ही समूह क व ख श्रेणी के रिक्त करीब 1500 पदों के लिए लोक सेवा आयोग को भेज गए प्रस्ताव पर भी जल्द भर्ती कराने को कहा गया है। प्रमुख सचिव, प्राविधिक शिक्षा राकेश शर्मा ने बताया कि परिषद द्वारा आयोजित होने वाली सम्मिलित भर्ती परीक्षा में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है। पद विशेष की प्रकृति के अनुरूप प्रतियोगी परीक्षा होने की वजह से सभी पदोंके लिए अलग-अलग शुल्क जमा करने होंगे। साथ ही निर्धारित उम्र सीमा को बनाए रखा जाएगा(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,19.5.11)।

दिल्लीःबच्चों को नशे से दूर रखने के लिए दिशा-निर्देश जारी

Posted: 19 May 2011 11:00 AM PDT

15 से 20 रुपए में मिलने वाले नेल पॉलिश रिमूवर, बाम, इरेजर, फ्लूड से नशा करने की स्कूली बच्चों की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए शिक्षा निदेशालय ने कई तरह के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के तहत स्कूलों में सोनू की कहानी, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, पेरेंट्स टीर्चस मीटिंग व महीने में एक पीरियड बच्चों को नशे से दूर रहने की नसीहत देने के लिए निर्धारित करने की नसीहत दी गई है। हाईकोर्ट ने इस मामले में दायर याचिका का निपटारा करते हुए यह भी निर्देश दिया है कि स्कूलों, सार्वजनिक जगहों और प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से स्कूली बच्चों को विभिन्न संदेश दिए जाएं, ताकि वह नशे से दूर रह सकें। गौरतलब है कि इस मामले में एडवोकेट संजीव सब्बरवाल ने याचिका दायर की थी। इसमें एक रिपोर्ट व घटना का जिक्र करते हुए कहा गया था कि ग्रेटर नोएडा के एक स्कूल में बच्चों को सीसीटीवी कैमरे में आसानी से उप्लब्ध उक्त चीजों का इस्तेमाल कर नशा करते हुए देखा गया था। याचिका में कहा गया था कि इस तरह से आसानी से मिलने वाली चीजों से बच्चे नशे के आदी हो रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा व संजीव खन्ना की पीठ ने इस मामले में शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिया है कि वह प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया के जरिए स्कूली बच्चों को नशे की लत से दूर रहने व उसके खतरे के प्रति आगाह करे। पीठ ने कहा कि स्कूलों तथा अन्य सार्वजनिक स्थानों पर विभिन्न पोस्टरों के माध्यम से बच्चों को जागरूक किया जाए तथा कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं भी जागरूकता अभियान चलाएं। शिक्षा निदेशालय की ओर से पेश जवाब में कहा गया कि राजधानी के सभी स्कूलों को इस मामले में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। पीठ को बताया गया कि इसके लिए हर माह पांचवीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए एक पीरियड अलग से रखा गया है। इसमें बच्चों को बताया जाएगा कि नशीले पदार्थ किस तरह से स्नायु तंत्र व मस्तिष्क पर असर डालते हैं। स्कूलों में पेरेंट्स टीर्चस मीटिंग के दौरान भी नशीली चीजों से बचने व किसी के इन चीजों के आदी हो जाने के बाद इसे छुड़ाने के उपायों की जानकारी दी जाएगी(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,19.5.11)।

स्थायी कमीशन को लेकर महिला नौसेना अधिकारी पहुंची कोर्ट

Posted: 19 May 2011 10:45 AM PDT

रक्षा सेनाओं में स्थायी कमीशन के लिए जारी कानूनी संघर्ष में अब नौसेना की महिला अधिकारी भी कूद पड़ी हैं। नौसेना की सात महिला अधिकारियों ने अपने अधिकार के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वहीं अगले सप्ताह होने वाली मामले की सुनवाई के दौरान नौसेना को महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन से इंकार के कारणों पर सफाई देनी होगी। न्यायालय में गुहार लगाने वाली पूर्व अधिकारी कमांडर प्रसन्ना इडेलियम दैनिक जागरण से बातचीत में कहती हैं कि 2009 से पहले अस्थायी कमीशन पर सेवा में आई महिलाएं 14 साल की सेवा के बाद बिना किसी लाभ या पेंशन के रिटायर होने को मजबूर हैं। नब्बे के दशक के शुरुआती सालों में नौसेना ने जब शिक्षा, कानून, एयर ट्रैफिक कंट्रोल जैसे क्षेत्र महिलाओं के लिए खोले थे तो यह माना जा रहा था कि स्थायी कमीशन की नीति अगले पांच सालों में स्पष्ट हो जाएगी। लेकिन रक्षा सेनाओं में महिलाओं के स्थायी कमीशन पर सरकार ने 2008 में अपनी नीति स्पष्ट की और यह 2009 के बाद सेवा में आने वाली महिला अधिकारियों पर ही लागू है। लिहाजा वायुसेना की तरह नौसेना को भी स्थायी कमीशन की सुविधा को पिछले सालों से लागू करने का फैसला लेना चाहिए। नौसेना में करीब 250 महिला अधिकारी हैं। सेवानिवृत्त कमांडर सरोज ढाका के अनुसार स्थायी कमीशन के सवाल पर उनकी ओर से गई चिट्ठियों पर नौसेना मुख्यालय ने अयोग्यता का हवाला देते हुए जहां टका से जवाब दे दिया। वहीं रक्षामंत्री एके एंटनी की ओर से तो कोई उत्तर तक नहीं मिला। हालांकि नौसेना मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक इस मामले में महिला अधिकारियों के तर्क कमजोर हैं। सेवा में आते समय भी उन्हें मालूम था कि वे अस्थाई कमीशन पर दाखिल हो रही हैं और उन्हें स्थायी कमीशन का कोई भरोसा भी नहीं दिया गया था। एक नौसेना अधिकारी के मुताबिक अस्थायी कमीशन वाले पुरुष अधिकारियों के लिए भी स्वत: स्थायी कमीशन की कोई व्यवस्था नहीं होती। 27 मई को होने वाली अगली सुनवाई में नौसेना को यह बताना होगा कि महिलाओं को स्थायी कमीशन देने में उसे क्या अड़चन है और इस फैसले को बीते वर्षो से क्यों नहीं लागू नहीं किया जा सकता? इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने मार्च 2010 में दिए फैसले में सेना को महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के आदेश दिए थे। इसके बाद वायुसेना ने बहाली के साथ ही जहां अपने यहां स्थायी कमीशन व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया। वहीं सेना ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है(प्रणय उपाध्याय,दैनिक जागरण,19.5.11)।

सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना कर रेलवे पोर्टर नौकरी से निकाले गए

Posted: 19 May 2011 10:30 AM PDT

पिछले करीब आठ वर्षो से सेवा नियमित कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट के चक्कर काट रहे रेलवे के पार्सल पोर्टरों को नियमित करना तो दूर रेलवे ने उन्हें नौकरी से ही निकाल दिया और पार्सल पोर्टर का ठेका नए ठेकेदार को दे दिया। रेलवे के आदेश से पीडि़त पार्सल पोर्टर एक बार फिर अवमानना याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर न सिर्फ रेलवे अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया, बल्कि निर्देश दिया कि कोर्ट के किसी आदेश की अवहेलना नहीं होनी चाहिए। यह मामला इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर बीसियों साल से काम करने वाले रेलवे के पार्सल पोर्टर कर्मचारियों से जुड़ा है। ये कर्मचारी इसके पहले भी एक अवमानना याचिका दाखिल कर उन्हें नियमित करने के आदेश की अवहेलना का रेलवे पर आरोप लगा चुके हैं। उस याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे के अधिकारियों को नोटिस जारी किया था। लेकिन इस बीच रेलवे ने इन कर्मचारियों को नियमित करना तो दूर पार्सल पोर्टर का काम देखने के लिए नया ठेका दे दिया। हालांकि ठेके पहले भी बदले जाते थे, लेकिन नए ठेके के अनुबंध में एक शर्त होती थी कि नया ठेकेदार पहले से पार्सल पोर्टर का काम देख रहे कर्मचारियों से ही काम लेगा। लेकिन इस बार यह शर्त नहीं लगाई गई है। याचिकाकर्ताओं के वकील डीके गर्ग ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि रेलवे ने न सिर्फ याचिकाकर्ता पार्सल पोर्टर कर्मचारियों को नियमित करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की, बल्कि पिछले 20-30 सालों से काम कर रहे इन कर्मचारियों को नौकरी से भी निकाल दिया है। रेलवे ने नए ठेकेदार को अपने कर्मचारी रखने की छूट दी है। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद रेलवे के अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया और नार्थ सेंट्रल रेलवे के जनरल मैनेजर हरीश चंद्र जोशी को अगली सुनवाई की तिथि 2 अगस्त को अदालत में निजी तौर पर पेश होने का निर्देश दिया है(दैनिक जागरण,दिल्ली,19.5.11)।

पंजाबःपुलिस भर्ती में नवविवाहिताओं की कतार

Posted: 19 May 2011 10:15 AM PDT

इसे बेरोजगारी व गुरबत की मार कहा जाए या खाकी वर्दी पहनने का खुमार। पंजाब पुलिस में कांस्टेबल बनने के लिए बुधवार को 40 नवविवाहिताएं व तीन गर्भवती महिलाएं भी फिजिकल फिटनेस टेस्ट देने पहुंच गईं। 44 डिग्री तापमान के बीच वे पुलिस लाइन की परेड ग्राउंड में घंटों कतार में खड़ी रहीं। कतार में वकालत व इंजीनियरिंग डिग्रीधारी लड़कियां भी अपना दमखम दिखाने पहुंची थीं। पंजाब से बाहर के आवेदन भी पहुंचे जिनमें हरियाणा से 28 व राजस्थान से 18 हैं। सूबे में महिला पुलिस कांस्टेबल भर्ती की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास है, लेकिन आवेदक लड़कियों की डिग्रियां राज्य में रोजगार अवसरों के दावों को मुंह चिढ़ा रही हैं। महिला कांस्टेबल के 47 पदों के लिए पुलिस विभाग के पास 1440 आवेदन पहुंचे थे। पुलिस लाइन में 18 मई तक फिजिकल फिटनेस टेस्ट चला। आवेदकों में 3 ऐसी नवविवाहिताएं थीं जो 3 से 4 माह की गर्भवती थीं। वह टेस्ट देने भी पहुंच गई थीं, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने बच्चे को नुकसान होने के डर से उन्हें रोक दिया। 192 लड़कियां तय आयु से कम की थीं जबकि 10 ओवरएज निकलीं। करीब 40 लड़कियां ऐसी थीं जिनका 3 से 6 माह के अंदर विवाह हुआ था। फिर भी वे फिटनेस टेस्ट देने पहुंच गई। आवेदकों में जुझार सिंह नगर बठिंडा की रमनप्रीत का बायोडाटा देखने से पता चला कि उन्होंने बीए व एलएलबी कर रखा है। गांव चुग्घे कलां की किरना, बंगी कलां की अमरजीत, जंडावाला की अमनप्रीत, जोगानंद की सर्बजीत, झंडूके की जतिंदर व बंबीहा की सुखराज के पास एमसीए की डिग्री है। माइसरखाना की परमजीत व भोखड़ा की अमनजीत के पास बीटेक डिग्री है। गांव नागला की रमनदीप, गोनियाना की नवदीप, कोटफत्ता की रमनदीप, जियोंद की सुखपाल, झंडूके की सुखवीर, नागला की गुरदीप, इंद्रजीत, बंबीहा की किरनदीप, हमीरगढ़ की अर्शदीप, मेहमा सरजा की हरप्रीत व रामपुरा की कमलदीप कौर बीसीए डिग्रीधारी हैं। नई बस्ती की ऋचारान, मानसा कलां की सोनप्रीत कौर ने बी कॉम किया है। अमृतसर की वीरपाल, मंडी कलां की हरप्रीत, चुग्घे कलां की रजिया, दूलेवाली की किरनदीप व जलाल की वीरपाल बीएड की डिग्री लेकर नौकरी मांगने पर पुलिस की लाठियां खाने के बजाय खुद भर्ती होने की आस में हैं। मौड़ मंडी की कुलविंदर के पास बीबीए की डिग्री है। बीएससी की डिग्री वाली 15 व एमए की 19 लड़कियां हैं। तलवंडी की सुखजीत कौर, बंगी रुघु की मनजीत, अकलियां कलां की लखवीर ने एमपीएड किया हुआ है। दस के पास एमएससी की डिग्री है(मनीष शर्मा,दैनिक जागरण,बठिंडा,19.5.11)।

बिहारःव्याख्याता नियुक्ति का फैसला एक महीने में लेने का निर्देश

Posted: 19 May 2011 10:00 AM PDT

व्याख्याताओं की बहाली मामले में पटना उच्च न्यायालय ने कुलाधिपति व मानव संसाधन विभाग से कहा कि वे दोनों बैठक कर नियुक्ति पर विचार-विमर्श कर लें। उसने कुलाधिपति से कहा कि वे एक हफ्ते में बैठक की तिथि निर्धारित कर नियुक्ति पर आपस में विचार-विमर्श कर लें। साथ ही विचारिवमर्श के बाद लिये गये फैसले की जानकारी राज्य सरकार को एक महीने में दे दें जिससे जल्द नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जा सके। कुलाधिपति की तरफ से न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह व न्यायमूर्ति डा. रवि रंजन की पीठ को कहा गया कि प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर दी गयी है। वह कमेटी राज्य सरकार से परामर्श कर नियुक्ति पर फैसला कर लेगा। इसपर राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता लालित किशोर ने कहा कि मंत्री प्रधान सचिव के सहयोगी नहीं है जो उसके अधीन गठित कमेटी के समक्ष पेश होकर राय-मशविरा करेंगे। इसपर पीठ ने टिप्पणी की कि बातों से दोनों के बीच सामांजस्य नहीं होना लगता है। खैर न्यायालय को इस विवाद में नहीं पड़ना है। उसने शिक्षा विभाग से भी कहा कि वे भी बैठक को लेकर कमेटी गठित कर बातचीत आगे बढ़ा सकते हैं(राष्ट्रीय सहारा,पटना,19.5.11)।

बिहारःशिक्षक पात्रता परीक्षा 17 व 24 जुलाई को

Posted: 19 May 2011 09:45 AM PDT

राज्य के सरकारी विद्यालयों में करीब एक लाख शिक्षकों की नियुक्ति के लिए होने वाली पात्रता परीक्षा की तिथि में सरकार ने परिवर्तन कर दिया है। अब प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा 17 जुलाई तथा उच्च विद्यालयों में शिक्षक बनने के इच्छुक अभ्यर्थियों की पात्रता परीक्षा में 24 जुलाई को होगी। पहले पात्रता परीक्षा की तिथि 10 एवं 17 जुलाई निर्धारित की गयी थी। परीक्षा संचालन की जिम्मेवारी विहार विद्यालय परीक्षा समिति और एनसीआरटी को दी गयी है। इस बाबत 20 मई तक विज्ञापन प्रकाशित होने की संभावना है। सरकार अब तक करीब सवा दो लाख शिक्षकों की नियुक्ति कर चुकी है। शिक्षक नियुक्ति को लेकर मानव संसाधन विकास विभाग ने नियमावली में भी फेरबदल शुरू कर दी है। इस पात्रता परीक्षा में प्रशिक्षित के साथ अप्रशिक्षित अभ्यर्थी भी शामिल होंगे। सामान्य कोटि के अप्रशिक्षित अभ्यर्थियों की उम्र सीमा 37 वर्ष रखी गयी है, जबकि प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की उम्र सीमा में पांच वर्ष की छूट दी गयी है। यानि 42 वर्ष के प्रशिक्षित अभ्यर्थी भी इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। एससी एवं एसटी के लिए 42 वर्ष एवं पिछड़े वर्ग के महिला/पुरुष के लिए 40 वर्ष की उम्र सीमा तय की गयी है। पात्रता परीक्षा में कम से कम साठ प्रतिशत अंक लाने वाले ही अभ्यर्थियों के ही नियोजन पर विचार किया जायेगा। पात्रता परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों से परीक्षा शुल्क भी लिया जायेगा। सामान्य और ओबीसी के अभ्यर्थियों को सौ रुपये तथा एससी/एसटी और विकलांग अभ्यर्थियों को पचास रुपये परीक्षा शुल्क के रूप में देने होंगे। पात्रता परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए मानव संसाधन विकास विभाग अलग से सिलेबस बना रहा है। इसी सिलेबस के आधार पर परीक्षा होगी। परीक्षा कुल 150 अंकों की होगी। परीक्षा में दो पेपर होंगे। पेपर एक में वर्ग एक से पांच वर्ग तक के स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए प्रश्न पूछे जायेंगे वही पेपर दो में वर्ग छह से आठ तक के स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए प्रश्न पूछे जायेंगे। एक साथ दो स्तर के स्कूलों में भाग्य अजमाने वाले अभ्यर्थियों को तीन सौ अंक का परीक्षा देना होगा। डेढ़ सौ अंक वाले प्रश्न पत्र में बाल विकास और शिक्षण पद्धति से 30 अंक, भाषा से 60 अंक, गणित से 30 अंक और पर्यावरण अध्ययन से 30 अंक के प्रश्न पूछे जायेंगे। परीक्षा में न्यूनतम साठ अंक लाना अनिवार्य होगा(राष्ट्रीय सहारा,पटना,19.5.11)।

अब नहीं बढ़ेंगी पंजाब यूनिवर्सिटी में सीटें

Posted: 19 May 2011 09:30 AM PDT

पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) के सेंट्रली फंडेड संस्थान बनने की घोषणा के सात महीने बाद भी केंद्र सरकार की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी न किए जाने से पीयू की दिक्कतें बढ़ गई हैं। नए सत्र के लिए दाखिला प्रक्रिया शुरू होने की तिथि जब करीब आ गई और केंद्र सरकार की ओर से पत्र नहीं आया
तो पीयू ने फिलहाल नए सत्र में ओबीसी और सामान्य वर्ग के लिए सीटें न बढ़ाने का फैसला लिया। पीयू के अधिकारियों का कहना है केंद्र सरकार से पत्र आने के बाद ही सीटें बढ़ाई जाएंगी।
पीयू के सेंट्रली फंडेड बनने की घोषणा के तुरंत बाद पीयू प्रशासन ने उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर नए सत्र (२०११-१२) में ओबीसी कोटा लागू करने की तैयारी शुरू कर दी। समिति ने यह फैसला भी ले लिया था कि ओबीसी कोटा लागू करने के लिए पीयू को हर विभाग में ५४ प्रतिशत सीटें बढ़ानी होंगी। इनमें २७ प्रतिशत सीटें ओबीसी और २७ प्रतिशत सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए होंगी। साथ ही पीयू ने ओबीसी कोटा लागू करने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय से ३८६ करोड़ रुपये की मांग की थी।

पीयू ने वर्ष २००८-०९ में ओबीसी कोटा लागू करने की तैयारी की थी और सभी कोर्सों में १४ प्रतिशत सीटें बढ़ा दी थीं। ओबीसी कोटा तो लागू नहीं हो सका, लेकिन सीटें बढ़ गई थीं। इसलिए नए सत्र में पीयू ने हर विभाग में ४० प्रतिशत सीटें बढ़ाने का फैसला लिया था। पीयू ने समितिकी सिफारिश पर ओबीसी कोटा लागू करने के लिए कुछ और भी शिक्षक भरती करने का भी फैसला लिया था। लेकिन, पीयू की सारी तैयारी अधूरी रह गई। तीन माह पहले पीयू के कुछ शिक्षकों की ओर से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने को लेकर दायर याचिका भी रद कर दी गई थी। अधिसूचना जारी न होने से हाईकोर्ट में यह साबित नहीं हो सकता था कि पीयू सेंट्रली फंडेड है। इस बारे में पीयू के डीयूआई प्रो.बीएस बराड़ ने कहा कि फिलहाल ओबीसी और सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए सीटें नहीं बढ़ाई जा रही हैं। केंद्र सरकार से पत्र आने के बाद ही इस बारे में कुछ हो सकेगा।
पीयू के सेंट्रली फंडेड बन जाने से पीयू को केंद्र सरकार से ९० प्रतिशत अनुदान मिलना था। १० प्रतिशत राशि पंजाब सरकार को देनी थी। सेंट्रली फंडेड बनने से पहले पीयू को केंद्र सरकार से ६० प्रतिशत और पंजाब सरकार से ४० प्रतिशत अनुदान मिलता था। सूत्रों का कहना है कि ९० और १० के अनुपात पर पंजाब सरकार ने आपत्ति जताई है(अमर उजाला,चंडीगढ़,19.5.11)

यूपीःशिक्षा मित्रों के प्रशिक्षण पर रोक

Posted: 19 May 2011 09:15 AM PDT

प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक बनने का सपना फिलहाल पूरा होता नजर नहीं आ रहा। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने उन्हें सहायक अध्यापक बनाने के लिए प्रस्तावित प्रशिक्षण पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने कहा है कि शिक्षामित्र किसी भी प्रकार के अध्यापक की श्रेणी में नहीं आते हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी ने प्रदेश के बीएड डिग्रीधारकों की ओर से संतोष कुमार मिश्र द्वारा दाखिल याचिका पर दिया है। न्यायालय के इस आदेश से प्रदेश के करीब एक लाख २२ हजार स्नातक शिक्षा मित्रों की उम्मीदों को गहरा झटका लगा है।
याचिका में कहा गया है कि शिक्षा मित्रों की नियुक्ति बेसिक शिक्षा नियुक्ति अधिनियम १९८१ के विरुद्ध की गई है। इसलिए इनको प्रशिक्षण देकर सहायक अध्यापक बनाए जाने का कोई औचित्य नहीं है। याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे ने दलील दी कि सुप्रीमकोर्ट ने कहा है कि यदि प्रशिक्षित लोग उपलब्ध हैं तो अप्रशिक्षित लोगों को उनके स्थान पर नहीं रखा जा सकता है। एनसीटीई की २३ अगस्त २०१० की गाइड लाइन का हवाला दिया गया कि अप्रशिक्षित लोगों की नियुक्ति नहीं की जा सकती है। प्रदेश में लगभग छह लाख बीएड डिग्री धारक हैं जिनको सरकार सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त कर सकती है। न्यायालय ने अपने आदेश में शिक्षा मित्रों के प्रशिक्षण पर रोक लगाते हुए कहा कि शिक्षा मित्र अध्यापकों की श्रेणी में नहीं आते हैं इसलिए इनको प्रशिक्षण देने का औचित्य नहीं है। गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर प्रदेश सरकार ने एक योजना के तहत शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण देकर सहायक अध्यापक बनाए जाने की योजना बनाई है। इसके लिए मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण भी शुरू कर दिया गया है। शिक्षा मित्रों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा की भी तैयारी हो गई। योजना थी कि शिक्षा मित्रों के प्रशिक्षण के बाद बीएड डिग्रीधारकों को प्रशिक्षण देकर उन्हें नियुक्ति दी जाए लेकिन कोर्ट के नए आदेश से पूरी योजना खटाई में पड़ गई है(अमर उजाला,इलाहाबाद,19.5.11)।

वाराणसीःअध्यापकों को पीटा, बोर्ड की कापियां फाड़ने की कोशिश

Posted: 19 May 2011 09:00 AM PDT

वाराणसी से हाईस्कूल की जांची हुई कापियां लेकर इलाहाबाद जा रहे शिक्षकों के एक दल पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। घटना भदोही के औराई टोल टैक्स बैरियर के पास हुई। शिक्षकों से कापियां खोलकर दिखाने को कहा। उनके इंकार करने पर उन लोगों ने लाठी-डंडे से शिक्षकों की पिटाई कर दी और कापियां फाड़ने की कोशिश की। किसी तरह जान बचाकर भागे शिक्षकों ने मामले की जानकारी बोर्ड सचिव प्रभा त्रिपाठी को दी है।
कमलाकर चौबे आदर्श सेवा इंटर कालेज से शिक्षकों का एक दल हाईस्कूल की जांची गई कापियां लेकर ट्रक से इलाहाबाद जा रहा था। ट्रक पर आन गवर्नमेंट ड्यूटी लिखा था। शिक्षकों में कमलापति, रामचंद्र उपाध्याय, राजेश त्रिपाठी, अतुल गोस्वामी, बाबूलाल, कमलेशचंद्र शामिल थे। ट्रक जब औराई टोल टैक्स बैरियर के पास पहुंचा तो आधा दर्जन लोगों ने रुकने का इशारा किया। गाड़ी रुकने पर उन लोगों ने कापियां दिखाने को कहा जिस पर शिक्षकों ने इंकार कर दिया। इस पर कहासुनी होने लगी। तभी दर्जन भर लोग लाठी-डंडा लेकर आ गए और शिक्षकों को मारने-पीटने लगे। तीन-चार लोग ट्रक में घुसकर कापियां बाहर खींचने लगे। इसी बीच चालक ने सूझबूझ दिखाते हुए ट्रक आगे बढ़ा दी। इलाहाबाद पहुंचने पर शिक्षकों ने इसकी शिकायत सचिव प्रभा त्रिपाठी और कालेज के प्रधानाचार्य से की। ट्रक में इलाहाबाद, मेरठ और बरेली मंडल की कापियां थीं(अमर उजाला,वाराणसी,19.5.11)।

ऋषिकेशःपरीक्षा से वंचित छात्रों का हंगामा

Posted: 19 May 2011 08:45 AM PDT

राजकीय स्नातकोत्तर स्वायत्तशासी महाविद्यालय में स्नातक द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा में ६५ फीसदी हाजिरी की अनिवार्यता के चलते परीक्षा में शामिल होने से वंचित छात्र-छात्राओं ने कालेज में जमकर हंगामा काटा। उन्होंने कालेज प्रशासन पर उनके भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। छात्र नेताओं के उपद्रव से निबटने को कालेज परिसर में पहले से ही भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात थी। लिहाजा परीक्षाएं बिना व्यवधान के शांतिपूर्वक संपन्न हुई।
बुधवार को बीएससी और बीए की द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएं शुरू हुई। प्रथम पाली की विज्ञान संकाय और द्वितीय पाली कला संकाय की सामाजिक शास्त्र की परीक्षा में ऑटोनामी नियमावली के तहत निर्धारित ६५ फीसदी से कम उपस्थिति वाले छात्रों को परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया गया।

इससे परीक्षा से वंचित आधा दर्जन से अधिक छात्रों का पारा चढ़ गया। उनके समर्थन में आए छात्र नेताओं ने कालेज परिसर में जमकर बवाल काटा। प्राचार्य से तीखी नोकझोंक हुई। हालांकि कालेज प्रशासन ने छात्र नेताओं के उपद्रव की आशंका के चलते पहले से ही एहतियातन पुलिस फोर्स लगा रखी थी। जिससे छात्र नेताओं के विरोध प्रदर्शन का व्यापक असर नहीं रहा। तीनों पाली की परीक्षाएं शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई।
धर, प्राचार्य एसके डबराल ने बताया कि परीक्षा शुरू होने से पूर्व अतिरिक्त कक्षाओं का संचालन कर छात्र-छात्राओं को ६५ फीसदी उपस्थिति के अवसर प्रदान किए गए थे। जिसका छात्रों ने लाभ भी उठाया।
उपस्थिति पंजिका की जांच करवाई
परीक्षा से वंचित छात्रों द्वारा कालेज प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाए जाने पर एसडीएम प्रताप सिंह शाह और सीओ टीडी वैला की मौजूदगी में उपस्थिति पंजिका में हाजिरी की जांच की गई। जिसमें छात्रों की उपस्थिति ६५ फीसदी से कम निकली। इस दौरान कालेज परिसर पुलिस छावनी में तब्दील रहा(अमर उजाला,ऋषिकेश,19.5.11)।

डीयूःअब अंग्रेजी जर्नलिज्म में होंगे पेपरलेस दाखिले

Posted: 19 May 2011 08:30 AM PDT

दिल्ली विश्वविद्यालय में उपलब्ध बीए (ऑनर्स) जर्नलिज्म में दाखिले के इच्छुक छात्रों को इस बार अलग-अलग कॉलेजों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए दौड़ नहीं लगानी होगी। विश्वविद्यालय प्रशासन की सहमति से इस बार महाराजा अग्रसेन कॉलेज, कालिंदी कॉलेज, दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स, कमला नेहरू कॉलेज और लेडी श्रीराम कॉलेज ने अपने यहां उपलब्ध बीए (ऑनर्स) जर्नलिज्म में संयुक्त दाखिला प्रक्रिया अंजाम देने जा रहा है।

पहली बार लागू की जा रही इस व्यवस्था के तहत सबसे बड़ी उपलब्धि है आवेदन प्रक्रिया का पूरी तरह से पेपरलेस होना। ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध कराते हुए इन कॉलेजों ने आवेदन फॉर्म व प्रोस्पेक्ट्स की मौजूदगी को खत्म कर दिया है।

पांच कॉलेजों में उपलब्ध करीब 185 सीटों पर दाखिले के लिए अंजाम दी जा रही इस संयुक्त प्रवेश प्रक्रिया के विषय में कम्बाइंड टेस्ट कमेटी के संयोजक डॉ. संगीत कुमार रागी ने बताया कि संयुक्त आधार पर अंजाम दी जा रही इस प्रवेश प्रक्रिया के तहत दाखिले के लिए तैयार होने वाली मेरिट लिस्ट में 50 प्रतिशत महत्व प्रवेश परीक्षा को मिलेगा।

इसके अलवा, 35 प्रतिशत 12वीं के अंकों के लिए और शेष 15 प्रतिशत साक्षात्कार के लिए होगा। उन्होंने बताया कि 20 मई से शुरू हो रही आवेदन प्रक्रिया पांच जून तक चलेगी। इसके बाद, नौ केन्द्रों पर 19 जून को सुबह साढ़े नौ बजे से दोपहर 12 बजे के बीच संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सी-जेईटी) ली जाएगी।

ऑनलाइन आवेदन के विषय में डॉ. संगीत कुमार का कहना था कि इस प्रक्रिया के माध्यम से कागज की भारी बचत होगी। पेपरलेस आवेदन होने से प्रवेश परीक्षा तक कागजी कार्रवाई से भी राहत रहेगी।

बीए अंग्रेजी जर्नलिज्म के दाखिलों की इस प्रक्रिया में नोडल कॉलेज के तौर पर काम कर रहे महाराजा अग्रसेन कॉलेज के शिक्षक डॉ. नीरज सिंह ने बताया कि प्रवेश परीक्षा के नतीजे 29 जून को जारी कर दिए जाएंगे और दो से आठ जुलाई के बीच साक्षात्कार की प्रक्रिया अंजाम दी जाएगी।

इसके बाद 11 जुलाई को दाखिला सूची जारी कर काउंसलिंग के माध्यम से दाखिले दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि यह पहला ऐसा मौका होगा जब बीए (ऑनर्स) जर्नलिज्म में दाखिले के लिए आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन की सुविधा दी जा रही है।


इस प्रक्रिया में आवेदक क्रेडिट कॉर्ड, डेबिट कॉर्ड व एक्सिस बैंक के माध्यम से फीस का भुगतान कर सकते हैं। इसके अलावा, आवेदन करते समय किसी भी तरह की गलत जानकारी को ठीक करने का विकल्प भी आवेदक को उपलब्ध रहेगा। 

डॉ. सिंह ने बताया कि सामान्य व ओबीसी उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क 700 रुपए है। जबकि, अनुसूचित जाति-जनजाति व शारीरिक रूप से विकलांग श्रेणी के उम्मीदवारों को 350 रुपए का भुगतान करना होगा। 

फर्स्ट क्लास पास को ही मिलेगा मौका 

बीए ऑनर्स जर्नलिज्म (अंग्रेजी) में दाखिले के लिए आयोजित की जा रही संयुक्त प्रवेश प्रक्रिया में केवल फस्र्ट क्लास में 12वीं पास छात्र-छात्राओं को मौका दिया जाएगा। पांच कॉलेजों के लिए अंजाम दी जा रही इस प्रक्रिया में निर्धारित 12वीं में न्यूनतम 70 प्रतिशत अंकों की योग्यता के चलते दाखिला प्रक्रिया की घोषणा भर से हजारों छात्रों के सपने चूर हो गए हैं। 

12वीं में 70 प्रतिशत अंक और अंग्रेजी विषय में 60 अंकों की अनिवार्यता के विषय में जब कम्बांइड टेस्ट कमेटी के संयोजक डॉ. संगीत कुमार रागी से पूछा गया तो उनका कहना था कि कमेटी ने बीते सालों के एडमिशन कटऑफ को देखते हुए ही यह योग्यता निर्धारित की है, यानि इससे कम प्रतिशत के छात्र पहले से ही इस कोर्स में दाखिले के लिए नहीं पहुंच रहे हैं, इसलिए किसी के साथ अन्याय होने जैसी कोई बात ही नहीं है(दैनिक भास्कर,दिल्ली,19.5.11)।

यूपीपीसीएस (प्री.) का परिणाम रुका, पहले होगी जांच

Posted: 19 May 2011 08:15 AM PDT

पीसीएस-२०१० प्रारंभिक परीक्षा के तकरीबन दो लाख अभ्यर्थियों को रिजल्ट के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। पिछले साल दो मई को हुई परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों ने कई विषयों के दो दर्जन से अधिक सवालों के जवाब पर आपत्ति जताई है। इसके मद्देनजर आयोग ने पहले जांच कराने का निर्णय लिया है। इसके बाद ही रिजल्ट घोषित किया जाएगा। इतना ही नहीं अभ्यर्थियों की मांग पर आयोग ने उनकी शिकायतों के मद्देनजर हुई कार्रवाइयों को सार्वजनिक करने का भी निर्णय लिया है।
आयोग ने पिछले महीने ही पीसीएस-२०१० में पूछे गए सवालों का उत्तर जारी किया था। साथ ही अभ्यर्थियों से आपत्ति मांगी थी। प्रतियोगियों के अनुसार सामान्य अध्ययन, इतिहास आदि विषयों के कई सवालों के उत्तर आयोग ने गलत जारी किए हैं। उन्होंने अपनी आपत्तियों के समर्थन में पुस्तकों का भी हवाला दिया। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। आयोग पहले भी आपत्तियां मांगता रहा है लेकिन अभ्यर्थियों को मालूम नहीं हो पाता कि उनकी शिकायत के मद्देनजर क्या कार्रवाई हुई। इसके अलावा आयोग ने कौन से उत्तर को सही मानकर रिजल्ट जारी किया है। इसे भी अभ्यर्थियों को नहीं बताया जाता। इससे शुचिता को लेकर लगातार उंगली उठती रही है। इसलिए आयोग ने इस बार पूरी तरह से पादर्शिता का निर्णय लिया है। इसके मद्देनजर गलत उत्तर जारी करने वाले पैनल को आयोग पहले ही भंग कर चुका है। इसी क्रम में अभ्यर्थियों की आपत्तियों के मद्देनजर जांच का निर्णय लिया है। इसके लिए सभी विषयों के लिए अलग-अलग विशेषज्ञ समिति गठित की गई है। समितियां सवाल और जवाब की नए सिरे से जांच करेंगी। आयोग के सचिव बीबी सिंह भी मानते हैं कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित होने में देरी हो रही है। उनका कहना है कि परीक्षार्थियों की आपत्ति के निराकरण के बाद परीक्षाफल घोषित कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि परीक्षाफल तैयार होने की प्रक्रिया में है(अमर उजाला,इलाहाबाद,18.5.11)।

ज्योतिष में करिअर

Posted: 19 May 2011 07:30 AM PDT

एस्ट्रोलॉजर यानी ज्योतिषी, जन्म कुंडलियों का अध्ययन करता है और जन्मपत्रियां बनाता है। ज्योतिषी किसी व्यक्ति की जन्म के समय की ग्रह स्थितियों के आधार पर बनी पत्री को पढ़ कर उस व्यक्ति को अपने संबंध में बेहतर समझ उत्पन्न करने में मार्गदर्शन देता है। वह लोगों को उनके निजी विकास, संबंध, वित्त, करियर और सेहत से जुड़े मुद्दों पर सलाह देता है और उन्हें विभिन्न आयोजनों का शुभ समय बताता है।

वेतनमान
एक ज्योतिषी दस हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये हर माह तक कमा सकता है। हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कहां काम करते हैं और आपकी नेटवर्किंग स्किल्स कैसी हैं। बतौर ज्योतिषी आप ज्योतिष की सामग्री उपलब्ध कराने का काम भी कर सकते हैं, किसी पांच सितारा होटल के ज्योतिषी बन सकते हैं या अपनी कंसल्टेंसी चला सकते हैं।

स्किल्स
ज्योतिषी में जन्मकुंडलियों के विश्लेषण की समझ होनी चाहिए। यह समझ अभ्यास और अनुभव के साथ बढ़ती जाती है।
काउंसलिंग करने का कौशल होना चाहिए।
उसमें ग्रहस्थितियों का अध्ययन कर परेशानी उत्पन्न करने वाले कारकों का समाधान करने का कौशल होना चाहिए।
अपने क्लाइंट्स को बिना दुखी किए या डराए, जानकारी का आदान-प्रदान करने का कौशल होना चाहिए।
गणना में अच्छा होना चाहिए।
अच्छे मूल्यों पर विश्वास रखें, लोगों को धोखा देने में नहीं।
लोग आप तक सहज पहुंच बनाने में सक्षम होने चाहिए।

प्रवेश का तरीका
एस्ट्रोलॉजी में रुचि रखने वाले लोग इस क्षेत्र को अपना करियर बना सकते हैं। इस क्षेत्र में प्रवेश करने की कोई आयु-सीमा नहीं है। जो इस विषय को गंभीरता से पढ़ने में रुचि रखते हैं, वे इस विषय में बीए और एमए तक की पढ़ाई कर सकते हैं। अपने रुझान को देखते हुए इस क्षेत्र में शोध कर सकते हैं।

संस्थान
भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली
लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, नई दिल्ली
इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ वैदिक एस्ट्रोलॉजी, इंदौर



पक्ष व विपक्ष
बतौर ज्योतिषी आप किसी को भावी आशंकाओं के प्रति सावधान कर सकते हैं और उन्हें उनकी परेशानियों से निकलने में मदद कर सकते हैं।
करियर की जगह हॉबी के रूप में अध्ययन करें तो बेहतर होगा। 
किसी को आने वाले बुरे समय से अवगत कराने का मुश्किल काम करना होता है। 
लोग आप पर बहुत विश्वास करते हैं और उनकी आपसे काफी उम्मीदें होती हैं(हिंदुस्तान,दिल्ली,10.5.11)।

जामिया स्कूलों में दाखिला सूची 13 जून को होगी घोषित

Posted: 19 May 2011 07:10 AM PDT

जामिया स्कूलों में अपने नौनिहालों के दाखिले की बाट जोह रहे अभिभावकों के लिए राहत की खबर है। जामिया स्कूलों में पहली और छठी कक्षाओं में दाखिले की सूची 13 जून को जारी होगी। जामिया द्वारा तीसरी बार हुए फेरबदल के तहत यह तिथि घोषित की गई है। जामिया स्कूलों में दाखिले की सूची पहले चार मई को घोषित होनी थी लेकिन फिर यह तिथि बदलकर 12 मई कर दी गई लेकिन इस बीच जामिया में अल्संख्यक विश्वविद्यालय के दज्रे के तहत दाखिले की नई संशोधित अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिसूचना के तहत जामिया स्कूलों में मुस्लिम समुदाय के विद्यार्थियों के लिए 50 फीसद आरक्षण का क्राइटेरिया लागू कर दिया गया। जिसके बाद जामिया स्कूलों में घोषित होने वाली दाखिला सूची में आरक्षण लागू हुआ और 12 मई की तिथि पर जारी होने वाली दाखिला सूची रोक दी गई। जिसके तहत अब 13 जून को दाखिला सूची घोषित होगी(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,19.5.11)।

दिल्लीःईडब्ल्यूएस दाखिले का ब्योरा न देने पर नहीं मिलेगा खर्च

Posted: 19 May 2011 06:50 AM PDT

ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत प्रत्येक विद्यार्थी के हिसाब से खर्च मिलने की बाट जोह रहे गैर सहायता प्राप्त पब्लिक स्कूलों को पांच दिनों में ईडब्ल्यूएस दाखिले का ब्योरा शिक्षा निदेशालय को देना होगा। ब्योरा न देने पर ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत मिलने वाले खर्च स्कूलों को नहीं मिलेगा। इस बाबत निदेशालय ने स्कूलों को आदेश जारी किया है। दरअसल शैक्षणिक सत्र-2011-12 में ईडब्ल्यूएस कोटे में 10 फीसद बढ़ोतरी कर इसे 25 फीसद कर दिया गया और दिल्ली सरकार ने इसका खर्च देने का फैसला किया था। दाखिला प्रक्रिया के दौरान ही स्कूलों को ईडब्ल्यूएस कोटे का ब्योरा मांगा गया था लेकिन ज्यादातर स्कूलों ने यह ब्योरा अभी तक निदेशालय को नहीं दिया है। ऐसे में निदेशालय ने अब स्कूलों को सख्त आदेश जारी किया है। राजधानी में कुल 1257 गैर सहायता प्राप्त पब्लिक स्कूल हैं। जिसमें से 914 स्कूलों ने ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत किए गए दाखिले का ब्योरा नहीं दिया है। जबकि कुल 313 स्कूलों ने ईडब्ल्यूएस कोटे का ब्योरा आंशिक तौर पर दिया है। स्कूलों को कहा गया है कि वे किसी भी हालत में 23 मई तक इस कोटे के तहत हुए दाखिले का ब्योरा दे दें। निदेशालय ने स्कूलों को कहा है कि वे ऑनलाइन निदेशालय की बेबसाइट से ईडब्ल्यूएस दाखिले का ब्योरा दे दें। निदेशालय ने सभी जोन के उपशिक्षा निदेशकों को यह जिम्मेदारी दी है कि वे अपने जिले के अंतर्गत आने वाले स्कूलों को आदेश का पालन करवाएं(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,19.5.11)।

डीयू में सिखाए जाएंगे मंदी से उबरने के गुर

Posted: 19 May 2011 06:30 AM PDT

दिल्ली विश्वविद्यालय में बीबीई (बैचलर ऑफ बिजनेस इकोनॉमिक्स), बीबीएस (बैचलर ऑफ बिजनेस स्टडीज) और बीएफआईए (बैचलर ऑफ फायनेंशियल इंवेस्टमेंट और एनालिसिस) में छात्र अब मंदी से निपटने के गुर सीख सकेंगे। हालांकि पिछली बार ही छात्रों के सिलेबस में इसे शामिल किया गया था पर इस बार इसमें केस स्टडीज को बढ़ाया गया है।
इस बार इन विषयों के कोर्स में छात्र जहां प्रायोगिक स्टडी के द्वारा मंदी आने के कारणों के बारे में जान सकेंगे वहीं इसके निदान के बारे में भी जानकारी पा सकेंगे। कोर्स में कोलेटरल डेट ऑब्लीगेशन का चैप्टर आया है जिसमें अमेरिका ने फाइनेंस और रियल इस्टेट सेक्टर को मंदी से बाहर कैसे निकाला इस बारे में जानकारी दी जाएगी। दिल्ली विश्वविद्यालय में बीबीई (बैचलर ऑफ बिजनेस इकोनॉमिक्स), बीबीएस (बैचलर ऑफ बिजनेस स्टडीज) और बीएफआईए बैचलर ऑफ फायनेंशियल इंवेस्टमेंट और एनालिसिस की प्रवेश परीक्षा पांच जून को होनी है। बीबीएस और बीएफआईए में चयनित छात्रों का ग्रुप डिस्कशन और पर्सनल इंटरव्यू की सूची 13 जून को प्रकाशित की जाएगी। 30 जून को परीक्षा परिणाम की घोषणा की जाएगी और पहली काउंसलिंग 2 जुलाई से शुरू हो जाएगी।

दोहराव को हटाया गया
उपरोक्त कोर्सों को रिवाइज करते समय उनमें मौजूद दोहराव को हटाया गया है। ये दोहराव स्पष्ट रूप से तो नहीं था परंतु कुछ टॉपिक विषय में एक बार से अधिक आ जा रहे थे ऐसे में इस बार सिलेबस बनाते समय इसका ध्यान रखा गया है। इसके लिए आईआईएम के पूर्व प्रोफेसर जे.डी.सिंह, एमडीआई, गुड़गांव के प्रोफेसर और आईएमटी के प्रोफेसरों की मदद ली गई है।
फॉर्म भरने की पूरी प्रकिया ऑनलाइन थी। ऐसे में आपको अब परिणाम से लेकर अन्य जरूरी सूचनाएं ई-मेल और मोबाइल में एसएमएस के माध्यम से मिल जाएगी। ऐसे में यह जरूरी है कि फॉर्म भरते समय आप सही ई-मेल आईडी और फोन नंबर प्रदान करें।


फर्जी प्रमाणपत्र में पकड़े छात्रों को दी राहत
दिल्ली विश्वविद्यालय ने छात्रों द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति के फर्जी प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने वाले छात्रों को फौरी राहत दे दी है। डीयू ने कुछ दिनों पहले फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के इल्जाम में 85 छात्रों को पकड़ा था जिनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। डीयू ने फैसला किया है कि फिलहाल ये छात्र परीक्षा में बैठ सकते हैं लेकिन इसके पहले इनको अंडरटेकिंग फॉर्म भरना होगा और असली प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।

डीयू को नोटिस
डीयू ने कर्मचारी का पहले वेतन बढ़ाया और फिर 11 साल बाद इसे गलत बताकर उनसे चार लाख रुपये वसूलने का फरमान जारी कर दिया। हाईकोर्ट ने फैसले पर रोक लगाते हुए किरोड़ी मल कॉलेज के लैब असिस्टेंट शाहजी कुमार को फिलहाल



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha

হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!

मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में OBC Trump Card और जयभीम कामरेड

Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!

हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला हिंदुत्व की राजनीति से नहीं किया जा सकता।

In conversation with Palash Biswas

Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Save the Universities!

RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!

जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।

#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?

Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

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