From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/5/17
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com
भाषा,शिक्षा और रोज़गार |
- जेएनयूःबायोटेक की संयुक्त प्रवेश परीक्षा कल से
- डीयूःअंग्रेजी पत्रकारिता में दाखिला प्रक्रिया 18 से
- जामिया में स्थापित होगी हेल्प डेस्क
- डीयू में दाखिलाःछात्रों की उलझनें सुलझाएगी बुकलेट
- डीयू के छात्र फेसबुक पर सुलझा रहे हैं परीक्षा से जुड़ी उलझन
- IIT JEE में दो गलत सवाल, मिलेंगे सबको नंबर
- इग्नू के कोर्स जानने के लिए लगेंगी कक्षाएं
- राजस्थान में खुलेंगे 300 संस्कृत विद्यालय
- पंजाबः351 सीनियर सैकेंडरी स्कूलों पर करोड़ों खर्च पर अध्यापक नहीं!
- आईआईटी में ट्यूशन फीस बढ़ाने का विरोध
- बिहारःभौतिकी शिक्षकों को मिलेंगी टीचिंग किट
- मुफ्त में कॉपी जांचेंगे रांची विवि शिक्षक
- ईपीएफ पर बढ़ सकता है ब्याज
- दिल्लीःज़िला अदालतों में प्रशासनिक कार्य हिंदी में करने का परिपत्र जारी
- बिहारःसरकारी कर्मचारियों को मिलेगा 30 लाख तक का आवास ऋण
- ईरानी यूनिवर्सिटी से करार करेगा अरबी-फारसी विवि
- वेद और रामायण के बारे में नहीं जानते गोरखपुर विवि के छात्र
- यूपी में घटती गईं नौकरियां
- यूईटी-पीईटी परीक्षा के लिए बीएचयू ने बनाए ३८ केंद्र
- यूपीःमदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक आंदोलन के मूड में
- बिहारःइग्नू में आज से नामांकन फार्म मिलने शुरू
- सर्वर फेल होने से एम्स की परीक्षा बाधित
- हरियाणाःकालेजों में प्रोफेसर के पद पर अड़ा पेंच
- बिहारःआसान नहीं होगी इंटर में दाखिले की राह
- पीएयू में शुरू हुआ मुश्किलों का दौर
जेएनयूःबायोटेक की संयुक्त प्रवेश परीक्षा कल से Posted: 16 May 2011 11:00 AM PDT जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय और संयुक्त बायोटेक्नोलॉजी की प्रवेश परीक्षा 17 मई से होगी। प्रवेश परीक्षा की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जेएनयू प्रवक्ता ने बताया कि देशभर में बायोटेक की संयुक्त प्रवेश का आयोजन किया गया है। परीक्षा का आयोजन 17 मई से लेकर 20 तक किया गया है। उन्होंने बताया कि सभी अभ्यार्थियों को प्रवेश पत्र भेज दिया गया है, लेकिन जिन अभ्यार्थियों को प्रवेश पत्र प्राप्त नहीं हो पाया है। वे विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.jnu.ac.in से डाउनलोड किया जा सकता है। इसके अलावा पासपोर्ट साइज का फोटो परीक्षा केंद्र ले जाकर भी बनवाया जा सकता है(हिंदुस्तान,दिल्ली,16.5.11)। |
डीयूःअंग्रेजी पत्रकारिता में दाखिला प्रक्रिया 18 से Posted: 16 May 2011 10:45 AM PDT दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों से अंग्रेजी जर्नलिज्म ऑनर्स में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा फॉर्म 18 मई से भरे जाएंगे। डीयू के पांच कॉलेजों में अंग्रेजी जर्नालिज्म ऑनर्स में दाखिला संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आधार पर होगा। इसकी सारी तैयारियां पूरी कर हो चुकी हैं। परीक्षा का संयोजन महाराजा अग्रसेन कॉलेज कर रहा है। परीक्षा का आयोजन 19 जून को होगा। महाराजा अग्रसेन कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील सोंधी ने बताया कि दाखिला प्रक्रिया की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रवेश परीक्षा फॉर्म की कीमत 600 रुपए रखी गई है। उन्होंने बताया कि इस बार ऑन लाइन फॉर्म भरने की भी व्यवस्था की गई है। प्रवेश परीक्षा का आयोजन 19 जून को किया जाएगा। इस साल फॉर्म की बिक्री चार हजार से अधिक होने की उम्मीद लगाई जा रही है। प्रो. सोंधी ने बताया कि इसके लिए दिल्ली में 10 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। आवेदन पत्रों की संख्या को देखते हुए सेंटर बढ़ाए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि सभी कॉलेजों को मिलाकर करीब 181 सीटों के लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी। प्रो. सुनीलने बताया कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा और इंटरव्यू के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के पांच कॉलेज महराजा अग्रसेन कॉलेज, क मला नेहरू कॉलेज, लेडी श्रीराम कॉलेज, कालिंदी कॉलेज और दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट एंड कॉमर्स में रैंक के हिसाब से दाखिला दिया जाएगा(हिंदुस्तान,दिल्ली,16.5.11)। |
जामिया में स्थापित होगी हेल्प डेस्क Posted: 16 May 2011 10:30 AM PDT जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में विभिन्न कोर्सों में होने वाले दाखिले को ध्यान में रखकर नेशनल सर्विस स्कीम ने एडमिशन हेल्प डेस्क की स्थापना की है। नेशनल सर्विस स्कीम के प्रोग्राम के अधिकारियों के दिशानिर्देश में 24 वालंटियर दाखिले लेने के इच्छुक छात्रों को मदद करेंगे। ये हेल्प डेस्क फैकल्टी ऑफ इंजिनियरिंग एण्ड टेक्नोलोजी के गेट पर लगाए जाएंगे। जामिया मीडिया संयोजक सिमी मलहोत्रा ने बताया कि दखिलों के दौरान छात्रों को होनी वाली परेशानियों को देखते हुए नेशनल सर्विस स्कीम ने डेस्क लगाने का फैसला किया है(हिंदुस्तान,दिल्ली,16.5.11) |
डीयू में दाखिलाःछात्रों की उलझनें सुलझाएगी बुकलेट Posted: 16 May 2011 10:15 AM PDT दिल्ली विश्वविद्यालय में इस बार कटऑफ लिस्ट जारी करके खुले रूप से दाखिले की प्रक्रिया चलाई जाएगी। इस नई व्यवस्था में छात्रों को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो, इसके लिए एक बुकलेट तैयार की जा रही है। इस बुकलेट के द्वारा नई व्यवस्था का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इसके अलावा भी नई व्यवस्था से छात्रों को रू-ब-रू कराने के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर कॉल सेंटर से लेकर ओपन काउंसलिंग जैसे कार्यक्रमों की तैयारी की गई है। छात्रों की सुविधा को ध्यान में रख कर डीयू के दाखिले की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। लेकिन, नई व्यवस्था को लेकर छात्रों में असमंजस की स्थिति को देखते हुए प्रचार प्रसार के लिए विश्वविद्यालय नई पहल करने जा रहा है। डीयू के डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. जेएम खुराना ने बताया कि दाखिले की नई प्रक्रिया की सही जानकारी छात्रों को उपलब्ध कराने के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर कई तरह की तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए बुकलेट तैयार किए जा रहे हैं। बुकलेट में दाखिले से संबंधित हर तरह का जानकारियां प्रदान की जाएंगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए विश्वविद्यालय स्तर पर कई सेंटर भी बनाए जाने की योजना है। नॉर्थ और साऊथ कैंपस के अलावा बाहरी दिल्ली के कॉलेजों में भी बुकलेट सेंटर बनाए जाएंगे। प्रो. खुराना ने बताया कि छात्रों को लिए ओपन काउंसलिंग की भी व्यवस्था करने की योजना है। हालांकि उन्होंने बताया कि इसकी तिथियां अभी तय नहीं की गई हैं। लेकिन, छात्रों को दाखिले की नई प्रक्रिया की जानकारी देने के लिए यह सहायक साबित होता है। उन्होंने बताया कि ओपन काउंसलिंग की वीडियो बनवाया जाएगा और वेबसाइट पर उसे लोड किया जाएगा। ताकि दिल्ली से बाहर के छात्रों को दाखिले की प्रक्रिया समझने में मदद मिल सके। उन्होंने बताया कि दाखिला प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए ही सभी कॉलेजों से दाखिले से संबंधित अतिरिक्त योग्यता मापदंड के बारे में जानकारी देने को कहा है। फिलहाल 50 कॉलेजों ने विश्वविद्यालय को दाखिले के लिए अपनाए जाने वाले मापदंड की जानकारी भेज दी है। डीयू और कॉलेज आयोजित करेंगे ओपन डेज दिल्ली विश्वविद्यालय के अलावा इस बार कई कॉलेज अपने ओपन डेज आयोजित करेंगे। इससे छात्रों को अधिक से अधिक जानकारी पहुंच सकेगी। ओपन डेज में छात्रों को कॉलेज के बारे में और कोर्सों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी ताकि दाखिलों के दौरान किसी तरह की असुविधा न हो। श्रीराम कॉलेज ऑफ कामर्स, स्टीफंस कॉलेज, जाकिर हुसैन कॉलेज, किरोड़ीमल कॉलेज, हिंदू कॉलेज और मिरांडा ने फिलहाल इस बात का ऐलान कर दिया है कि वह छात्रों के लिए ओपन डेज का आयोजन करेंगे। चूंकि इस बार विश्वविद्यालय ने फॉर्म की व्यवस्था पूरी तरह खत्म कर दी है इससे छात्र सीधे कॉलेजों में मार्कशीट दिखाकर दाखिला ले सकेंगे। इस वजह से ही अब केंद्रीयकृत व्यवस्था समाप्त हो गई है। जिस वजह से ओपन डेज के माध्यम से कॉलेज अपनी यूएसपी के बारे में कॉलेजों से साझा कर सकेंगे। ई-ओपन डेज दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र अब ई-ओपन डेज के मार्फत विश्वविद्यालय की दाखिला प्रक्रिया की जानकारी पा सकेंगे। ई-ओपन डेज शुरू होने के बाद उनके लिए ये तलाशना आसान हो जाएगा कि डीयू कौन सा कोर्स कराता है और वहां दाखिले की प्रक्रिया क्या है। खासतौर पर इन्हें उन छात्रों को ध्यान में रखकर बनाया गया है जो कि दिल्ली के नहीं है। कॉल सेंटर: इस वर्ष डीयू आवेदकों को कॉल सेंटर के जरीए जानकारी देगा। यह कॉल सेंटर कोर्स, दाखिले आदि सभी जरूरी बातों की जानकारी देगा। यही नहीं पहली कटऑफ आदि की जानकारी इस कॉल सेंटर से प्राप्त की जा सकेगी। (हिंदुस्तान,दिल्ली,16.5.11) |
डीयू के छात्र फेसबुक पर सुलझा रहे हैं परीक्षा से जुड़ी उलझन Posted: 16 May 2011 10:00 AM PDT दिल्ली विश्वविद्यालय में चल रही परीक्षाओं की प्रतिक्रिया फेसबुक पर दिख रही है। छात्र परीक्षा देने के बाद फेसबुक पर परीक्षा के बारे में लिख रहे हैं। यही नहीं, छात्र अगली परीक्षा की तैयारी कैसे करें, यह भी फेसबुक पर डाल रहे हैं। डीयू में सेमेस्टर की परीक्षा चल रही है। छात्रों के लिए यह परीक्षा पहले की परीक्षा से अलग है। इसकी एक मात्र वजह है सेमेस्टर सिस्टम। लेकिन छात्र अपनी सभी दिक्कतें और सलाह फेसबुक के जरिए एक दूसरे तक पहुंचा रहे हैं। डीयू के एक छात्र ने 11 मई को होने वाला फिजिकल कैमिस्ट्री की परीक्षा को एक भूत बताया है। उसके जवाब में अन्य छात्रों ने लिखा है कि यह सबसे कठिन परीक्षा है। यहां तक कि छात्रों ने इसे छोड़ने की बात तक लिख दी है। वहीं दूसरी ओर सेमेस्टर की परीक्षा पर विजेता कोचर ने बताया कि सेमेस्टर परीक्षाओं में छात्रों को समय विभाजित करके प्रश्नों के उत्तर लिखना चाहिए। यही नहीं समान अंक वाले प्रश्नों को एक बार में एक समय में करने चाहिए। इससे परीक्षा के आखिर में समय बच जाएगा। डीयू ने छात्रों ने परीक्षा में सवालों को सुलझाने के लिए फेसबुक का इस्तमाल कर रहे हैं। छात्र अपनी समस्या फेसबुक पर डालते हैं जिसके बाद उसका जवाब या हल उसको फेसबुक के जरीए ही दे देते हैं। इससे छात्रों को बिना परेशानी हल मिल जाता है(हिंदुस्तान,दिल्ली,16.5.11)। |
IIT JEE में दो गलत सवाल, मिलेंगे सबको नंबर Posted: 16 May 2011 09:45 AM PDT आई आई टी संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) 2011 का आयोजन करने वाली संस्था आईआईटी कानपुर ने इस बार गणित के पर्चे में दो गलतियां पाये जाने के बाद फ़ैसला किया है कि इन दोनों सवालों के लिए अंक काटने के बजाय सभी छात्रों को इन सवालों में समान अंक दिये जायेंगे. आईआईटी प्रवेश परीक्षा की मॉडल उत्तर पुस्तिका भी आज संस्थान की वेबसाइट पर डाल दी गयी है. आई आई टी कानपुर ने एक बार फ़िर कहा है कि परीक्षा के परिणाम तय समय पर यानी 25 मई को घोषित कर दिये जाएंगे. इस बार पूरे देश में जेईई परीक्षा आयोजित कराने वाली आई आई टी कानपुर के निदेशक प्रो संजय गोविंद धांडे ने आज प्रेस ट्रस्ट को बताया कि कुछ छात्रों ने लिखित शिकायत की थी कि इस बार गणित के पर्चे में दो सवाल गलत थे. प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुये ये शिकायतें जेईई का पेपर सेट करने वाली समिति को भेजी जिसकी रिपोर्ट अब आई है. उन्होंने बताया कि समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जेईई 2011 के गणित के पर्चे में एक सवाल में तो प्रिंटिंग की गलती थी, जबकि दूसरे सवाल का वाक्य ही गलत था. इसके बाद जेईई बोर्ड ने तय किया कि सवाल गलत होने के कारण परीक्षार्थियों का नुकसान न हो इसलिये इन दोनों सवालों में सभी छात्रों को समान नंबर दिये जायेंगे(प्रभात खबर,कानपुर). |
इग्नू के कोर्स जानने के लिए लगेंगी कक्षाएं Posted: 16 May 2011 09:30 AM PDT इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) अब छात्रों को नए कोर्सों की जानकारी देने के लिए कक्षाओं का आयोजन करेगा। इग्नू के सीपी स्थित सिटी सेंटर में इन कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है। क्षेत्रीय निदेशक डॉं केडी प्रसाद ने बताया कि इस सेंटर से इग्नू के छात्रों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस साल से इग्नू में कई रोजगारपरक कोर्स शुरू किए गए हैं। जिसकी जानकारी देने लिए ओपन हाउस का आयोजन किया जाएगा। कक्षाओं में छात्रों को हर तरह की जानकारी दी जाएगी। ताकि उन्हें विषय चुनने के दौरान किसी तरह की कोई परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि यह सेंटर इग्नू के छात्रों को फॉर्म प्राप्त करने, शुल्क जमा करने, प्रमाण पत्र प्राप्त करने आदि सुविधाओं की जानकारी देता है। इस सेंटर से प्रयास किया जाता है कि यहां आने के बाद छात्रों को दोबारा से विश्वविद्यालय के चक्कर न लगाने पड़े। (हिंदुस्तान,दिल्ली,16.5.11) |
राजस्थान में खुलेंगे 300 संस्कृत विद्यालय Posted: 16 May 2011 09:15 AM PDT राज्य में संस्कृत शिक्षा का आधार माने जाने वाले संस्कृत प्राथमिक विद्यालय मात्र 10 ही रह गए हैं। ऎसे में जमीनी स्तर पर लोगों को संस्कृत से जोड़ने के लिए सरकार अब प्राथमिक विद्यालय खोलने पर जोर देगी। सरकार संभवत: सत्र 2011-12 के लिए हर विधानसभा क्षेत्र में एक या दो संस्कृत विद्यालय स्वीकृत करने जा रही है। जनप्रतिनिधियों और जिलों के संस्कृत शिक्षा अधिकारियों तथा संभागीय शिक्षा अधिकारियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। प्राथमिकता के आधार पर प्रथम चरण में पूरे राज्य में 300 संस्कृत प्राथमिक विद्यालय शुरू किए जाएंगे। सभी हो गए थे क्रमोन्नत राज्य में करीब 1300 संस्कृत के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय थे। लेकिन सालों से चल रहे विद्यालयों का निरन्तर क्रमोन्नयन होता रहा और क्रमोन्नत होते-होते उच्च प्राथमिक विद्यालयों की संख्या तो 1215 तक पहुंच गई लेकिन प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 10 ही रह गई। ऎसे में प्राथमिक कक्षाओं पर जोर देने और नामांकन बढ़ाने जैसे प्रयासों में कमी आई और विद्यार्थियों की संख्या भी अपेक्षानुरूप नहीं रही। हाड़ौती में 196 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं, जिसमें विद्यार्थियों की संख्या 23496 है। प्रदेश में करीब सवा दो लाख संस्कृत विद्यार्थी हैं। कोटा संभागीय कार्यालय से 62 प्राथमिक विद्यालयों के लिए प्रस्ताव संस्कृत शिक्षा विभाग को भेजे गए हैं। इसमें कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़, करौली व सवाईमाधोपुर जिले शामिल हैं। योजना बना ली है, प्रस्ताव भी ले लिए राज्य में तीन सौ प्राथमिक विद्यालय शुरू करने की तो योजना बना ली है, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से प्रस्ताव ले लिए हैं। यदि सर्व शिक्षा अभियान से भी सहयोग मिलता है तो विद्यालय अधिक भी हो सकते हैं, इससे विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा संस्कृत पढ़ने का अवसर मिलेगा। -मण्डन शर्मा, संयुक्त निदेशक, संस्कृत शिक्षा, जयपुर बढ़ सकती है संख्या राज्य सरकार संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं रखना चाहती, इसके लिए प्राथमिक विद्यालय शुरू करने की यह संख्या 300 से भी अधिक हो सकती है। सर्व शिक्षा अभियान की ओर से मिलने वाली मदद के चलते सामान्य शिक्षा के अधिकारियों से बात करके भी सर्व शिक्षा अभियान के 10 प्रतिशत बजट से संस्कृत शिक्षा में विद्यालय शुरू किए जा सकते हैं। ऎसे में करीब 200 विद्यालय और संस्कृत के शुरू होने का अनुमान है। ऎसा हुआ तो प्राथमिक विद्यालयों की यह संख्या बढ़कर 500 तक पहुंच सकती है। प्रमोद मेवाड़ा(राजस्थान पत्रिका,कोटा,16.5.11) |
पंजाबः351 सीनियर सैकेंडरी स्कूलों पर करोड़ों खर्च पर अध्यापक नहीं! Posted: 16 May 2011 09:00 AM PDT पंजाब सरकार द्वारा नाबार्ड स्कीम तहत राज्य में 175 करोड़ 50 लाख की लागत से 351 सीनियर सैकेंडरी स्कूल तैयार किये गये,परंतु करोड़ों रुपए खर्च के बाद भी इन स्कूलों में कथित तौर पर अध्यापक भर्ती नहीं किये गये। जिसके चलते यह सभी सरकारी स्कूल तीन वर्षों से बंद पड़े हैं और बच्चे शिक्षा से वंचित चल रहे है जबकि सरकार प्रतिदिन यह दावे कर रही है कि उन्होंने राज्य में शिक्षा के उत्थान के लिए नाबार्ड की सहायता से 351 स्कूल खोलकर शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांति ला दी है। आंकड़े बताते हैं कि राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक(नाबार्ड) ने 351 उन सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को नई जिंदगी प्रदान की थी जिन स्कूलों को राज्य ने बीमार व कमजोर घोषित कर दिया था,क्योंकि इन स्कूलों में अध्यापकों व साजोसामान की कमी थी। परंतु राज्य सरकार ने इन अपग्रेड स्कूलों में पिछले समय काफी संख्या में आवेदन पत्र प्राप्त होने के बावजूद कोई भर्ती नहीं की है। शिक्षा विभाग द्वारा 77 प्रिंसीपल,1900 लैक्चरर, लगभग 2000 वोकेशनल अध्यापक, 500 सीनियर सब अध्यापक तथा 351 लाइब्रेरीयन की नियुक्ति हेतु सितंबर 2009 में इश्तिहार दिया गया था परंतु यह अपग्रेड स्कूल अभी भी अध्यापकों के इंतजार में हंै नाबार्ड ने इन बीमार 351 स्कूलों को अपनाया और इन स्कूलों में नई बिल्डिंग, लेबोरेटरी,खेल मैदान व साजोसामान के लिए प्रति स्कूल को 50 लाख रुपए की राशि प्रदान की। दोआबा क्षेत्र में नाबार्ड द्वारा केवल 70 बीमार स्कूलों को सहायता राशि प्रदान की गई। अब यह स्कूल साईंस, कामर्स, आट्र्स व अन्य वोकेशनल कोर्स शुरु करने को तैयार है परंतु अध्यापकों की कमी इनकी तरक्की में रोड़े अटका रही है। यह पाया गया है कि पिछले कुछ वर्षों में 700 स्कूल मैट्रिक कक्षा के बाद साइंस की पढ़ाई प्रदान करते थे लेकिन इनमें से 300 स्कूलों ने साइंस की शिक्षा देनी बंद कर दी है क्योंकि इन स्कूलों में अध्यापकों और साजो सामान की कमी थी। इन स्कूलों में अध्यापकों की सेवानिवृति के बाद नये अध्यापकों की नियुक्ति ही नहीं हो पाई। इन स्कूलों में 11वीं,12वीं साइंस के विद्यार्थी की भी कमी पाई गई है। 2007-08 में 10,000 साइंस विद्यार्थियों के मुकाबले 6000 विद्यार्थी ही रह गये। जब डीपीआई(सीनियर स्कूल) नीलम भगत से संपर्क किया जोकि नियुक्ति संबंधी प्रक्रिया को देख रही हैं, ने बताया कि नाबार्ड द्वारा अपग्रेड स्कूलों में लेक्चरर व अन्य स्टाफ की भर्ती हेतु पिछले वर्ष विज्ञापन देने के बाद लाख से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए है। आवेदकों के दस्तावेजों की जांच के बाद ही नियुक्ति हो सकेगी(रवि पाठक,दैनिक ट्रिब्यून,कपूरथला,16.5.11)। |
आईआईटी में ट्यूशन फीस बढ़ाने का विरोध Posted: 16 May 2011 08:45 AM PDT भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में व्यापक सुधार पर सुझाव देने के लिए गठित अनिल काकोडकर समिति की संस्थान के पाठ्यक्रमों के ट्यूशन फीस को वर्तमान 50 हजार रूपए से बढ़ाकर दो से ढाई लाख रूपए करने की सिफारिश का शिक्षाविदों ने विरोध किया है, हालांकि सरकार का रूख अभी भी इस पर साफ नहीं है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि यह अभी सिफारिश है। छात्रों पर पडऩे वाले प्रभाव समेत अन्य पहलुओं पर गहराई से अध्ययन करने के बाद आईआईटी परिषद कोई निर्णय करेगी। देश के इस प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी शिक्षण संस्थान में फीस में इस अप्रत्याशित वृद्धि के प्रस्ताव पर शिक्षाविद एन श्रीनिवास ने कहा, 'ग्रामीण क्षेत्र और समाज के कमजोर वर्ग से भी बड़ी संख्या में बच्चे अपनी मेधा की बदौलत प्रवेश प्राप्त करते हैं। लेकिन ट्यूशन फीस में अप्रत्याशित वृद्धि का प्रस्ताव उनके सपनों पर कुठाराघात के समान है।' परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनिल काकोडकर के नेतृत्व वाली समिति ने कहा है कि आईआईटी द्वारा लिए जाने वाले शुल्क में शिक्षा प्रदान करने में आई पूर्ण लागत शामिल होनी चाहिए। आईआईटी स्नातकों की भारी मांग तथा आईआईटी से बीटेक करने वालों को मिलने वाले उच्च वेतन की संभावना को ध्यान में रखकर इस वृद्धि को बिल्कुल तर्कसंगत बताया गया है(दैनिक ट्रिब्यून,दिल्ली,16.5.11)। |
बिहारःभौतिकी शिक्षकों को मिलेंगी टीचिंग किट Posted: 16 May 2011 08:30 AM PDT स्कूली छात्र-छात्राओं की भौतिकी की पढ़ाई में रुचि बढ़ाने की कवायद की जा रही है. आइआइटी, कानपुर के प्रोफेसर हाइस्कूल के भौतिकी के शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे. इन प्रोफेसरों द्वारा ईजाद की गयी शिक्षण किट भी शिक्षकों को दी जायेगी. इसके बाद शिक्षक छात्रों को आधुनिक तरीके से भौतिकी की बेसिक जानकारी दे सकेंगे. पहले चरण में 80 शिक्षक शामिल राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीइआरटी) के माध्यम से प्रथम चरण में हाइस्कूलों के भौतिकी शिक्षकों का प्रशिक्षण 3 से 6 जून को होगा. एससीइआरटी के अधिकारी ने बताया कि आइआइटी, कानपुर के भौतिकी प्रोफेसर एचसी वर्मा के नेतृत्व में प्रोफेसर की टीम प्रशिक्षण देगी. साथ ही, किट के उपयोग से आसानी से शिक्षक छात्रों को भौतिकी के कठिन सवालों को हल करने के तरीके बता सकेंगे. इससे छात्रों की भौतिकी की पढ़ाई में अधिक रुचि बढ़ेगी. विज्ञान में छात्रों का बेस मजबूत होगा. ऐसे में बिहार के छात्र इंजीनियरिंग और मेडिकल में अधिक-से-अधिक सफल हो सकेंगे. साथ ही वैज्ञानिक शोध के प्रति भी छात्रों का रुझान बढ़ेगा.प्रथम चरण में राज्य के विभिन्न जिलों के 80 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. बाद में अन्य शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जायेगा. आइआइटी, कानपुर से आनेवाली टीम में लगभग 12 भौतिकी विशेषज्ञ प्रोफेसर होंगे. भौतिकी की नयी अवधारणाओं पर भी चर्चा होगी(प्रभात खबर,पटना,16.5.11). |
मुफ्त में कॉपी जांचेंगे रांची विवि शिक्षक Posted: 16 May 2011 08:15 AM PDT रांची विवि के शिक्षकों ने विवि द्वारा उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन पारिश्रमिक दर बढ़ोतरी को खारिज कर दिया है. साथ ही स्नातक पार्ट थ्री की उत्तरपुस्तिकाएं नि:शुल्क मूल्यांकन करने का निर्णय लिया है. शिक्षकों ने कहा है कि पारिश्रमिक दर बढ़ाने के नाम पर विवि छात्रों की परीक्षा शुल्क में बढ़ोतरी कर रहा है, जो अनुचित है. विवि शिक्षक नि:शुल्क कार्य करेंगे. ऐसे में विवि को चाहिए कि वे विद्यार्थियों से परीक्षा शुल्क नहीं ले और जो राशि ले ली गयी है, उसे छात्रवृत्ति के रूप में वितरित कर दे. इधर विवि प्रशासन द्वारा रांची वीमेंस कॉलेज मूल्यांकन केंद्र से बची हुई उत्तरपुस्तिकाएं समेटने का काम शुरू कर दिया गया है. ट्रक लगा कर उत्तरपुस्तिकाएं लोड करने का काम किया जा रहा है. विवि ने इन उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन बाहर के विवि से कराने का निर्णय लिया है. वीमेंस कॉलेज मूल्यांकन केंद्र पर रविवार को सभी शिक्षक जुटे. यहां पर डॉ हरिओम पांडेय की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि विवि में अनियमितता की जानकारी कुलाधिपति को लिखित व प्रत्यक्ष के साथ दी जायेगी. इसके लिए शीघ्र ही एक प्रतिनिधिमंडल कुलाधिपति से मिलेगा. शिक्षकों ने कहा है कि पहले भी उत्तरपुस्तिकाएं बाहर भेजी जाती थी, लेकिन मूल्यांकन किसने किया, इसका वास्तविक रिकार्ड विवि के पास नहीं रहता था. इसके बाद ही विवि ने स्थानीय स्तर पर उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य शुरू कराया. बैठक में पीजी समाजशास्त्र विभाग के एक शिक्षक सह परीक्षक की भर्त्सना की गयी, जिसने उत्तरपुस्तिका बाहर भिजवाने के लिए विवि के लिए ट्रक आदि का इंतजाम किया. 16 मई को सभी शिक्षकों से वीमेंस कॉलेज केंद्र पर सुबह आठ बजे उपस्थित रहने का आग्रह किया गया है(प्रभात खबर रांची,16.5.11). |
Posted: 16 May 2011 07:59 AM PDT भविष्य निध पर ब्याज दरों में और वृद्धि कर सकती है. केन्द्रीय श्रम मंत्रालय इसकी संभावना तलाश रहा है. श्रम एवं रोजगार मंत्री मल्लिकार्जुन खडगे ने आज यहां कहा कि सरकार भविष्य निधि पर ब्याज दर मौजूदा 9.5 प्रतिशत से भी उपर करने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा''हम भविष्य निधि की ब्याज दर 9.5 प्रतिशत से और उपर करने पर विचार कर रहे हैं.'' खान सुरक्षा महानिदेशालय के दक्षिणी क्षेत्र कार्यालय का उद्घाटन करते हुये खडगे ने कहा ''इस बार भी हम कर्मचारियों को और ज्यादा देना चाहते हैं, हम इस दिशा में काम कर रहे हैं.'' उल्लेखनीय है कि कर्मचारी भविष्य निधि (इपीएफ़) पर पिछले वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर बढाकर 9.5 प्रतिशत कर दी गयी है. उन्होंने कहा मंत्रालय वर्ष 1952 में बने खान सुरक्षा अधिनियम में कई संशोधन ला रही है, जिसमें खान कर्मियों की सुरक्षा के लिये कई तरह के ठोस उपाय किये जायेंगे. ''इन उपायों में खान सुरक्षा उपायों की अनदेखी करने पर 1,000 रुपये का जुर्माना बढाकर एक लाख रुपये और 5,000 रुपये का जुर्माना बढाकर पांच लाख रुपये किया जाएगा.'' इसी प्रकार सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने पर जहां एक साल का दंड देने का प्रावधान है उसे बढाकर पांच साल और जहां व्यक्ति को तीन साल की जेल का प्रावधान है उसे बढाकर सात साल किया जायेगा. उन्होंने कहा कि इस सब के पीछे सबसे बड मुद्दा ''खनन क्षेत्र से जुडे सभी लोगों, मालिक से लेकर एजेंट और निदेशक, सभी को खनन कर्मचारियों की सुरक्षा के प्रति जबावदेह बनाना है.'' खान कानून में प्रस्तावित संशोधन संबंधी विधेयक राज्य सभा में पेश कर दिया गया है और इस समय इस पर स्थायी समिति विचार कर रही है(प्रभात खबर,बैंगलुरू,16.5.11). |
दिल्लीःज़िला अदालतों में प्रशासनिक कार्य हिंदी में करने का परिपत्र जारी Posted: 16 May 2011 07:40 AM PDT अदालतों में प्रशासनिक स्तर पर हिन्दी की उपेक्षा पर जिला जज ने नाराजगी जाहिर की है। बाकायदा सभी जिला अदालतों में सरकुलर जारी करके कहा है कि प्रशासनिक दीवानी न्यायधीशों के कार्यालयों में हिन्दी में कामकाज करने के पिछले आदेशों का गंभीरता से पालन नहीं हो रहा है। जिला जज ने एक बार फिर आदेश दिया है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए प्रशासनिक स्तर पर अधिक से अधिक कामकाज हिन्दी में करें। दूसरी तरफ कानून के जानकारों का कहना है कि सरकुलर की भाषा जरूर हिन्दी की हितैषी लगती है, लेकिन कथनी और करनी में बड़ा फर्क है। यह कड़वी सच्चाई है कि अदालतों की मौजूदा व्यवस्था में इस सरकुलर से हिन्दी का कुछ भला नहीं होने वाला। अदालत कर्मियों का कहना है कि हिन्दी में काम करने का सरकुलर तो कई बार आ चुका है, लेकिन हिन्दी में काम कैसे करना है, इस बारे में कोई व्यवहारिक कदम नहीं उठाया जाता। जब न्यायालयों के कंप्यूटरों पर हिन्दी में कामकाज की तकनीकी व्यवस्था ही नहीं होगी, तो अदालत कर्मी आदेश का पालन कैसे करेंगे। जिला जज प्रतिभा रानी की ओर जारी सरकुलर में कहा गया है कि जिला न्यायालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से प्रशासनिक कामकाज हिन्दी में शुरू किया जा चुका है। प्रायः देखा गया है कि विभिन्ना जिला न्यायालयों में स्थापित प्रशासनिक दीवानी न्यायधीशों के कार्यालय द्वारा इस संदर्भ में जारी पिछले आदेशों का गंभीरता से पालन नहीं किया जा रहा है। आदेश दिया जाता है कि प्रशासनिक कार्यों तथा मुख्य तौर पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से जुड़े प्रशासनिक मामलों में राजभाषा हिन्दी का प्रयोग सुनिश्चित करते हुए अधिक से अधिक प्रशासनिक कामकाज हिन्दी भाषा में किया जाए। प्रशासनिक अनुभागों के कर्मचारियों के लिए हिन्दी टंकण और राजभाषा हिन्दी का प्रशिक्षण अनिवार्य करें व इन अनुभागों में ऐसे कर्मचारियों को तैनात करें जो हिन्दी टंकण व हिन्दी भाषा में कार्य करने में सक्षम हों। तभी हिंदी की यह कवायद सफल हो पाएगी। उपरोक्त के संबंध में कोई कठिनाई आती है तो राजभाषा अनुभाग तीस हजारी न्यायालय में संपर्क किया जा सकता है। कानून के जानकारों का कहना है कि हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए यह सरकुलर बेशक महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके निर्देशों पर अमल करने में तमाम व्यवहारिक दिक्कते हैं, जिनसे वाकिफ होते हुए न्यायिक अधिकारी अंजान बने हैं। एक तो जिला अदालतों के कंप्यूटरों में हिन्दी टंकण करने की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके लिए कई बार कर्मचारियों ने संबंधित विभाग को पत्र लिखे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कर्मचारियों को हिन्दी में कामकाज का प्रशिक्षण देने का सिर्फ निर्देश दिया जाता है, प्रशिक्षण कभी नहीं। यह कैसे होगा, कब होगा, इस बारे में कभी दिशा-निर्देश तक जारी नहीं हुए(अवनीश चौधरी,नई दुनिया,दि्ल्ली,16.5.11)। |
बिहारःसरकारी कर्मचारियों को मिलेगा 30 लाख तक का आवास ऋण Posted: 16 May 2011 07:20 AM PDT वेतन में जबर्दस्त इजाफे के बाद सरकारी कर्मचारियों के लिए सुविधा का नया पिटारा खोला गया है। नई गृह निर्माण अग्रिम व्यवस्था के तहत अब राज्यकर्मी गृह निर्माण, मकान या फ्लैट खरीदने के लिए अधिकतम 30 लाख रुपये ऋण के तौर पर सीधे अपने जिला मुख्यालय स्थित सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया बैंक शाखा से प्राप्त कर सकते हैं। यदि कर्मी का वेतन खाता उस बैंक में हो तो ऋण के लिए प्रोसेसिंग फीस भी माफ कर दी जायेगी। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि अभी तक कर्मचारियों को इस मद में वित्त विभाग द्वारा अग्रिम के रूप में अधिकतम साढ़े सात लाख स्वीकृत किये जाते थे जो आज की महंगाई के दौर में पर्याप्त नहीं हैं। लिहाजा राज्य प्रशासनिक सुधार आयोग के सुझावों के आलोक में सरकार ने नई अग्रिम व्यवस्था लागू कर दी है। यह देश में अपनी तरह की पहली योजना होगी। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में सरकार ने सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के साथ एकरारनामा कर लिया है। कर्मियों को ऋण का भुगतान बैंक आधार दर पर ही होगा। अर्थात, बैंक न्यूनतम दर पर ऋण उपलब्ध करायेगा जिसकी घोषणा बैंकों द्वारा आरबीआई के निर्देश पर समय-समय पर करते रहते हैं। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि बैंक द्वारा दिये जाने वाले ऋण के इकरारनामे का एक मानक फारमेट भी तैयार किया गया है। उस पर हस्ताक्षर करने पर बैंक शाखा में अनावश्यक दौड़-धूप किये बिना कर्मी 15 दिनों के अंदर ऋण प्राप्त करेंगे। ऋण जमीन खरीद कर मकान बनाने, मकान या फ्लैट खरीदने अथवा मकान की मरम्मत-वृहदीकरण के लिए उपलब्ध कराया जायेगा। मोदी ने कहा कि योजना यदि सफल रही तो अन्य बैंकों के साथ भी करार किया जा सकता है। उन्होंने साफ किया कि 7.50 लाख अग्रिम ऋण की पुरानी व्यवस्था भी लागू रहेगी। नई ऋण योजना में सरकार की भूमिका जमानती की होगी। वह अपने निकासी व व्ययन पदाधिकारियों के जरिये संबंधित ऋणी सरकारी सेवक के वेतन से बैंक द्वारा निर्धारित समान मासिक किश्त की नियमित कटौती सुनिश्चित करेगी। मोदी ने बताया कि गृह निर्माण के अलावा कर्मियों को मोटर साइकिल, स्कूटर, मोटर कार तथा कंप्यूटर क्रय के लिए भी बैंकों से ऋण दिलाने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है(दैनिक जागरण,पटना,16.5.11)। |
ईरानी यूनिवर्सिटी से करार करेगा अरबी-फारसी विवि Posted: 16 May 2011 07:00 AM PDT पठन-पाठन में सहयोग के लिए कांशीराम उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय ईरान की अल-मुस्तफा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के साथ सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की कवायद में जुटा है। उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति अनीस अंसारी ने शासन को पत्र लिखकर इस मंशा से अवगत कराया है। अकादमिक सहयोग के मकसद से दोनों विश्वविद्यालयों के बीच एमओयू को अंजाम देने के सिलसिले में बीती 11 अप्रैल को नई दिल्ली में अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति अनीस अंसारी और अल-मुस्तफा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि डॉ. गुलाम रजा मेंहदी के बीच बातचीत हुई थी। वार्ता में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय में उर्दू के कोआर्डिनेटर और उर्दू, अरबी-फारसी विवि की कार्य परिषद के सदस्य प्रो. नसीर अहमद खां भी मौजूद थे। बातचीत के दौरान दोनों विश्वविद्यालयों के बीच होने वाले एमओयू के प्रारूप पर सहमति बनी। यह भी तय हुआ कि अल-मुस्तफा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के सहयोग से उर्दू, अरबी-फारसी विवि में इंडो-इस्लामिक कल्चरल सेंटर भी स्थापित किया जाए। इस बात पर भी सहमति बनी कि अल मुस्तफा यूनिवर्सिटी और ईरान सहयोग से सेंटर की स्थापना के लिए वांछित धनराशि दिए जाने की स्थिति में सेंटर का नाम ईरान के किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति जैसे आयतुल्लाह खुमैनी, आदि के नाम पर किया जाए। उर्दू, अरबी-फारसी विवि के कुलपति ने दोनों विश्वविद्यालयों के बीच होने वाले एमओयू के पर्याप्त प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से लखनऊ में एक सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने की मंशा से भी शासन को अवगत कराया है। उन्होंने बताया है कि प्रस्तावित कार्यक्रम में डॉ. गुलाम रजा मेंहदी के साथ ही भारत में ईरान के राजदूत डॉ. सैय्यद मेंहदी नबीजादे भी शिरकत करेंगे। उधर, शासन ने उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति अनीस अंसारी से पूछा है कि ईरान के विश्वविद्यालय से करार करने के लिए केंद्र सरकार से अनापत्ति हासिल की गई है या नहीं(दैनिक जागरण,लखनऊ,16.5.11)। |
वेद और रामायण के बारे में नहीं जानते गोरखपुर विवि के छात्र Posted: 16 May 2011 06:40 AM PDT अगर आपको यह पता चले कि गोरखपुर विश्वविद्यालय के परीक्षार्थी वेद और रामायण के बारे में नहीं जानते हैं तो हैरत में पड़ जाएंगे। रविवार को विवि में राष्ट्रगौरव की परीक्षा में वेद और रामायण से जुड़े कई सवाल आए जिसका जवाब लिखने में परीक्षार्थियों को पसीने छूट गए। छात्र यह नहीं लिख पाए कि रामायण महाकाव्य है और वेदों की संख्या चार है। विश्वविद्यालय एवं उससे संबद्ध कालेजों में करीब २०० केंद्रों पर राष्ट्रगौरव की परीक्षा रविवार को थी। इन केंद्रों पर करीब डेढ़ लाख परीक्षार्थी शामिल हुए । परीक्षा में वैसे सवाल तो आसान आए थे लेकिन उनका जवाब लिखने में परीक्षार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। रामायण कौन सा काव्य (महाकाव्य है या खंडकाव्य या आदिकाव्य) है। वेदों की संख्या कितनी है। दशमलव की खोज किसने की थी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष कौन है, इसके सदस्यों का चयन कैसे होता है? इस तरह के सवाल देकर बाहर निकले परीक्षार्थी आपस में जवाब को लेकर चर्चा कर रहे थे। रामायण को आदिकाव्य लिखा गोरखपुर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर परीक्षा देकर बाहर आए छात्र चंद्रेश द्विवेदी ने बताया कि रामायण कौन सा काव्य है यह सवाल तो आया था। चार जवाब भी पेपर में छपा था उसमें किसी एक पर सही का निशान लगाना था। हमने तो आदिकाव्य लिखा है। बाहर आए तो पता चला कि रामायण महाकाव्य है। अब रामायण और वेद के बारे में भी जानकारी रखनी पड़ेगी। हिंदी ने बढ़ाई मुश्किल गोरखपुर विश्वविद्यालय में राष्ट्रगौरव की परीक्षा देने आई कुछ छात्राएं तो हिंदी में आए पेपर को देखकर परेशान हो गइर्ं। बीकाम प्रथम प्रश्न पत्र की छात्रा अंजलि सिंह, संध्या चौरसिया और सोनम ने बताया कि उन्होंने सब पेपर अंग्रेजी माध्यम से दिया है। राष्ट्रगौरव का पेपर हिंदी में आने के कारण उसे हल करने में बड़ी मुश्किल हुई(अमर उजाला,गोरखपुर,16.5.11)। |
Posted: 16 May 2011 06:20 AM PDT छठे वेतन आयोग के चलते सरकार पर आर्थिक दबाव भी बढ़ा और इसका असर रोजगार सृजन पर भी पड़ा। सेवायोजन कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, 2007 में 2508, 2008 में 2322, 2009 में 1943 और 2010 में मात्र 1166 लोगों को ही नौकरी मिल सकी। इसी तरह 2007 से हर वर्ष क्रमश: 9078, 4690, 3922 और 3437 लोग स्वत: रोजगार में लगे। यानी यह संख्या भी साल दर साल घटी ही है। इसकी वजह क्या है, सेवायोजन विभाग के अधिकारियों के पास इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं है। आयोजित किया जाता है रोजगार मेला सेवायोजन विभाग का कहना है कि बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए रोजगार मेले का आयोजन होता है। इसमें बेरोजगारों और नियोजकों को एक ही स्थान पर एकत्र किया जाता है। नियोजकअपनी जरूरत के हिसाब से बेरोजगारों का चयन करते हैं। वर्ष 2010 में ऐसे 459 रोजगार मेले आयोजित किए गए, जिसमें लगभग एक लाख बेरोजगारों और 498 नियोजकों ने हिस्सा लिया। विभाग द्वारा बेरोजगारों को स्वत: रोजगार के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने और ऋण संबंधी सुविधाओं के लिए सहायता प्रदान करने का काम किया जाता है(दैनिक जागरण,लखनऊ,16.5.11)। |
यूईटी-पीईटी परीक्षा के लिए बीएचयू ने बनाए ३८ केंद्र Posted: 16 May 2011 06:00 AM PDT राष्ट्रीय स्तर पर स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स में दाखिले के लिए बीएचयू के प्रति क्रेज बढ़ा है। बीते वर्ष की तुलना में इस बार करीब ४० हजार आवेदक बढ़े हैं। इस वर्ष कुल १.९६ लाख आवेदक हैं। दोनों स्तर पर विभिन्न कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा (यूईटी और पीईटी) की तैयारी को विश्वविद्यालय प्रशासन ने अंतिम रूप दे दिया है। इसके लिए कुल ३८ केंद्र बनाए गए हैं। वाराणसी में बनाए गए ३६ केंद्रों में २१ विश्वविद्यालय परिसर में जबकि १५ परिसर से बाहर बनाए गए हैं। इसके अलावा कोलकाता और दिल्ली में एक-एक परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षाएं १८ मई से शुरू हो रही हैं। हैदराबाद और चेन्नई में काफी कम आवेदक होने के चलते वहां केंद्र नहीं बनाया गया है। सहायक रजिस्ट्रार (परीक्षा) प्रशांत कुमार सिन्हा के अनुसार, इन दोनों स्थानों का आप्शन भरने वालों के उनकी दूसरी च्वायस के आधार पर केंद्र अलाट कर दिए गए हैं। एडमिट कार्ड सभी अभ्यर्थियों को भेजे जा चुके हैं। गलत विषय कोड भरने वाले अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड में संशोधन भी अंतिम दौर में है। इस वर्ष सभी पेपर सुबह आठ से दिन के साढ़े १० बजे तक होंगे। पहले दो दिन बीएड और बीएड स्पेशल कोर्स में प्रवेश के लिए परीक्षाएं होंगी। इनमें आवेदकों की संख्या सबसे ज्यादा (करीब ४४.९ हजार) है। प्रवेश परीक्षाएं आठ जून तक चलेंगी। प्रमुख कोर्स में आवेदकों की स्थिति एक नजर में कोर्स सीटें (संबद्ध कालेजों के भी) आवेदकों की संख्या बीएड/ बीएड स्पेशल ७११ ४४९७६ एमएड ३८ ६४२४ बीएससी कृषि १२३ १०२२७ बीएससी आनर्स बायो ४६१ ८०७९ बीएससी आनर्स मैथ ५३७ २८०३४ बीकाम आनर्स ५६८ १६९५५ बीए आनर्स १९५७ १०४१३ बीए आनर्स सोशल साइंस १५५१ १०१०३ बीपीएड ७७ ६८३(अमर उजाला,वाराणसी,16.5.11) |
यूपीःमदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक आंदोलन के मूड में Posted: 16 May 2011 05:40 AM PDT दो साल से वेतन नहीं मिलने से क्षुब्ध मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों की नाराजगी अब फूट पड़ी है। शिक्षकों ने ऐलान किया है कि १७ मई को वे जिला मुख्यालय पर वेतन भुगतान की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करेंगे। उधर, टीचर्स एसोसिएशन ने उनके आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की है। मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों को २६ महीने से तनख्वाह नहीं मिली है। जिससे उनमें गुस्सा बढ़ता जा रहा है। उनका कहना है कि अरसे से वेतन न मिलने से वे भुखमरी के कगार पर पहुंच गए है। शिक्षकों आगा जमाल, मोहम्मद रफीक और नसीम अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार ने उनकी तनख्वाह का बजट तो भेज दिया है लेकिन प्रदेश सरकार उन्हें तनख्वाह देने में हीलाहवाली कर रही है। आक्रोशित शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द उनको तनख्वाह का भुगतान नहीं किया गया तो वह आंदोलन को बाध्य होंगे। उधर, टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया के सचिव नबी जान ने मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों की मांग को जायज ठहराते हुए कहा शिक्षकों के आंदोलन को एसोसिएशन पूरा समर्थन देगी। दर्जनभर ऐसे मदरसे हैं जिनमें मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों का २६ महीने का बकाया है जबकि ५७ मदरसों के शिक्षकों का १४ महीने का वेतन बकाया है। केंद्र सरकार की ओर से आए बजट को प्रदेश सरकार ने जिलों को आवंटित कर दिया है। उसी सिलसिले में २६ महीने के |
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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/
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