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Friday, May 13, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



---------- Forwarded message ----------
From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/5/13
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


बिहारी छात्रों ने यूपीएससी परीक्षा में बाजी मारी

Posted: 12 May 2011 10:05 AM PDT

यूपीएससी में बिहारी छात्रों ने एक बार फिर अपनी मजबूत दावेदारी पेश की है। घोड़ासहान के राहुल कुमार ने 36वां स्थान प्राप्त किया है। पटना के ट्रैफिक एसपी रह चुके अजीत कुमार सिन्हा के भतीजे राहुल कुमार सिन्हा ने परीक्षा में 60वां रैंक लाकर राज्य का नाम रौशन किया। पिछले साल राहुल को 142 रैंक मिला था। राहुल फिलहाल हैदराबाद में आईपीएस की ट्रेनिंग कर रहे हैं।

सासाराम के रहने वाले दानिश अशरफ ने यूपीएससी परीक्षा में 145 वां रैंक हासिल किया है। सासाराम से मैट्रिक की परीक्षा और पटना से इंटर करने के बाद दानिश ने दिल्ली के हंसराज कॉलेज से स्नातक किया। आरा की प्रियंका ने परीक्षा में 630वां रैंक पाया है। 

प्रियंका ने स्नातक तक की पूरी शिक्षा आरा में ही पूरी की। इसके बाद तैयारी के लिए दिल्ली चली गई। उसने अपनी सफलता का श्रेय मेहनत, मां-बाप और मौसा को दिया। सिवान के रहने वाले अजहर जमाल ने 857वां रैंक के साथ यूपीएससी निकाली। औरंगाबाद जिले के तरारी के रहनेवाले अजीत ने 756वां स्थान हासिल किया है(दैनिक भास्कर,पटना,12.5.11)।

प्रभात खबर,पटना संस्करण की रिपोर्टः
यूपीएससी ने सिविल सर्विस के लिए चुने गये अभ्यर्थियों की सूची बुधवार को जारी कर दी. इस बार चेन्नई की एस दिव्यदर्शिनी टॉप पर रहीं. दिव्यदर्शिनी ने तमिलनाडु के डॉ आंबेडकर विवि से बीए, बीएल किया है. उन्हें यह सफलता दूसरे प्रयास में मिली.
दूसरे स्थान पर भी महिला अभ्यर्थी ही रहीं. उनका नाम श्वेता मोहंती हैं. मोहंती ने हैदराबाद के गोकाराजू रंगराजू इंजीनियरिंग कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है. श्वेता ने तीसरे प्रयास में सफलता पायी. तीसरे स्थान पर आरवी वरुण कुमार रहे. कुमार ने चेन्नई डेंटल कॉलेज से बीडीएस किया है. वरुण ने भी यह सफलता तीसरे प्रयास में पायी.
पिछले साल आइपीएस के लिए चयनित
नालंदा जिले के मूल निवासी राहुल कुमार सिन्हा को 60 वां स्थान मिला है. यह उनका तीसरा प्रयास था. पिछले वर्ष 142 वां स्थान हासिल कर वह आइपीएस के लिए चयनित हुए थे. उनके पिता विजय कुमार सिन्हा जमुई में जिला जज हैं.
राहुल की सफलता पर उनके चाचा पटना के निवर्तमान ट्रैफिक एसपी अजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि पिछले साल ही मैंने राहुल से यह कहा था कि भारतीय पुलिस सेवा के आगे का पायदान प्रशासनिक सेवा है, तब उसने जो वादा किया, उसे आज सच कर दिखाया है.
- नौकरी करते पायी सफलता -
पटना के अभिषेक आनंद ने 320 वां स्थान हासिल किया है. आइआइटी, दिल्ली से टेक्सटाइल इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद नौकरी करते हुए अभिषेक ने दूसरे प्रयास में यह सफलता पायी. अभिषेक ने सफलता का श्रेय माता - पिता के साथ पत्नी व परिवारवालों को दिया. पिछले वर्ष दिसंबर में ही उनकी शादी हुई थी. पत्नी भी इंजीनियर हैं.
अभिषेक फिलहाल गुड़गांव में एक कंपनी में इंजीनियर हैं. सासाराम सिविल कोर्ट के वरिष्ठ वकील संकठा तिवारी के 30 वर्षीय पुत्र हरि मोहन नीरज ने जहां 476वां स्थान प्राप्त किया है, वहीं दानिश अशरफ को 145वां स्थान मिला है. वहीं, सीवान जिले के मैरवा के दरौली थाने के कुम्हटी गांव के शैलेश पांडेय ने 172वां रैंक प्राप्त किया है.
नवादा के पदमौल गांव के संजय कुमार को 918 वां रैंक मिला है. उनके पिता सुरेंद्र प्रसाद शिक्षक हैं. बेगूसराय के धीरज कुमार जायसवाल को 420 स्थान मिला है, जबकि मधेपुरा के सिंहेश्वर के निवासी कुमार गौरव ने 121 वां स्थान हासिल किया है. मुजफ्फरपुर जिले के बंदरा प्रखंड के मतलुपुर निवासी प्रभात रंजन ने 325वां रैंक प्राप्त किया है. उन्हें यह सफलता चौथी प्रयास में मिली है. भागलपुर के भीखनपुर के मो इमरान को 169 वां रैंक मिला है. उनके पिता कफीलउद्दीन रिटायर्ड प्रोफेसर हैं.
भागलपुर की तिलका मांझी आनंदगढ़ कॉलोनी के कुमार गौतम ने 388वां स्थान हासिल किया है. जमशेदपुर के सिटी एसपी जतिन नरवाल की पत्नी को श्वेता नरवारको 52वां रैंक मिला है. पिता का नाम स्व डॉ सुधीर प्रसाद मेहता है. गौतम ने 1995 में जिला स्कूल से मैट्रिक किया और इसके बाद मारवाड़ी कॉलेज से इंटर परीक्षा पास की. 2002 में टीएनबी कॉलेज से अर्थशास्त्र (ऑनर्स) में टॉप करने के बाद उन्होंने 2004 में भागलपुर विवि से एमए किया. 2007 में डीआरडीए में परियोजना अर्थशास्त्र के पद पर उनकी नियुक्त हुई.

सिविल सर्विसेज में झारखंड की प्रतिभाएं

Posted: 12 May 2011 09:06 AM PDT

संघ लोकसेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा 2010 में झारखंड के होनहारों ने भी बाजी मारी है। जमशेदपुर के सिटी एसपी जतिन नरवाल की पत्नी श्वेता नरवाल को जहां 52वीं रैंक मिली, वहीं रांची में पढ़े-लिखे राहुल कुमार सिन्हा को 60 वीं रैंक हासिल हुई है। आदित्यपुर में तैनात ट्रैफिक इंस्पेक्टर नग नारायण पाण्डेय के पुत्र शैलेष पाण्डेय को 172वां स्थान मिला है। उधर, देश में लड़कियों ने लड़कों को पछाड़ते हुए पहले दो स्थानों पर कब्जा जमाया।

शैलेष पाण्डेय
रैंकिंग : 172वीं
प्रयास : तीसरा
पिता : टीआई एनएन पाण्डेय
लक्ष्य : ईमानदारी से फर्ज निभाना

इंस्पेक्टर का बेटा बनेगा एसपी
आखिरकार शैलेष पाण्डेय ने इंस्पेक्टर पिता की इच्छा पूरी कर दिखाई। तीसरे प्रयास में 172वीं रैंक हासिल करने वाले शैलेष को आईपीएस कैडर मिला है। 2009 में 414वीं रैंक मिलने पर वे आईआरएस के लिए चयनित हुए थे। फिलहाल वे कोलकाता में प्रशिक्षण ले रहे हैं। शैलेष ने बताया कि उन्हें उनकी मंजिल मिल गई है। वे गुरुवार को घर पहुंचेंगे। पिता के चरण छूकर उन्हें इस सफलता का श्रेय देंगे। उनका एक भाई व बहन इंजीनियर व दूसरा भाई नेवी में अफसर है।

राहुल कुमार 
रैंकिंग : 60वीं
प्रयास : दूसरा
पिता : विजय कुमार जिला जज, जमुई
लक्ष्य : समाज सेवा 

आईपीएस नहीं, अब आईएएस 
रांची के सेंट जेवियर्स, डोरंडा से सातवीं तक और हजारीबाग संत जेवियर्स स्कूल से दसवीं करने वाले राहुल आईएएस बनना चाहते थे। बोकारो से इंटरमीडिएट करने के बाद राहुल ने पुणो के भारती विद्यापीठ से इंजीनियरिंग की डिग्री ली। 2009 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा देने पर उन्हें आईपीएस कैडर मिला था। वे हैदराबाद में आईपीएस की ट्रेनिंग ले रहे हैं। उन्होंने हार नहीं मानी। इस बार आईएएस कैडर हासिल किया।

श्वेता नरवाल
रैंकिंग : 50वीं
प्रयास : दूसरा
पति : एसपी जतिन नरवाल
लक्ष्य : महिलाओं व बच्चों की सेवा

फूड क्रिटिक बन गईं आईएएस
मेरठ से स्कूलिंग करने वालीं श्वेता शुरुआत में मुंबई के एक अखबार में फूड क्रिटिक के रूप में लिखती थीं। इसके बाद उन्होंने जमशेदपुर में रहकर यूपीएससी की तैयारी की। पहले प्रयास में उन्हें अच्छी रैंक नहीं मिली तो उन्होंने दोबारा कोशिश की, जिसमें उन्हें मन मुताबिक सफलता मिली। इस सफलता के लिए उन्होंने अपनी बहन शगुन को श्रेय दिया, क्योंकि शगुन ने परीक्षा में काफी मदद की थी। पति और माता-पिता ने भी परीक्षा देने के लिए प्रेरित किया। 

(दैनिक भास्कर,रांची-जमशेदपुर,12.5.11)।

दैनिक जागरण की रिपोर्टः
झारखंड से जमशेदपुर एसपी जतिन नरवाल की पत्नी श्वेता नरवाल ने 52वां, जमशेदपुर के शैलेश पांडेय ने 172वां, गढ़वा के सत्य प्रकाश ने 234वां, बोकारो के अवकाश कुमार ने 276वां, बोकारो के चंद्रमोहन ठाकुर ने 292वां, बोकारो के मनीष विजय ने 443वां स्थान प्राप्त किया है।

झारखंड के सफल प्रतियोगियों का स्थान महेंद्र कुमार (रांची) 37वां श्वेता नरवाल (जमशेदपुर) 52वां राहुल कुमार सिन्हा (रांची) 60वां शैलेष पंडित (जमशेदपुर) 172वां सत्यप्रकाश (गढ़वा) 234वां अवकाश कुमार(बोकारो) 276वां चंद्रमोहन ठाकुर(बोकारो) 292वां मनीष विजय(बोकारो) 443वां

प्रभात खबर की रिपोर्ट भी देखिएः
सिविल सेवा परीक्षा 2010 में अब तक मिली जानकारी के अनुसार, झारखंड से चार लोगों का चयन हुआ है. इनमें एक महिला है.
रांची के एक, हजारीबाग के एक और जमशेदपुर के दो लोगों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है. रांची में बसंत बिहार हरमू निवासी अनिमेष चौधरी ने 124 वां रैंक हासिल किया है. 23 वर्षीय अनिमेष को पहले ही प्रयास में सफलता मिली है. इसके लिए उन्होंने किसी कोचिंग का भी सहारा नहीं लिया.
हजारीबाग के राहुल कुमार सिन्हा को 60 वां रैंक हासिल हुआ है. पिछली बार उन्हें 138 वां रैंक मिला था. फिलहाल वह नेशनल पुलिस अकादमी हैदराबाद में प्रशिक्षण पा रहे हैं. शुरू से ही उनकी इच्छा प्रशासनिक सेवा में जाने की रही थी. इसलिए इस बार भी परीक्षा में शामिल हुए.
जमशेदपुर से दो का चयन : सिविल सेवा परीक्षा में जमशेदपुर के दो लोगों का चयन हुआ है. जमशेदपुर के सिटी एसपी जतिन नरवाल की पत्नी श्वेता को 52 वां रैंक प्राप्त हुआ है. उन्होंने दूसरे प्रयास में यह सफलता प्राप्त की. 2008 में भी उन्होंने परीक्षा दी थी. उस समय उनका चयन आयकर विभाग में हुआ था.
आदित्यपुर में यातायात सब इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थापित नग नारायण पांडेय के पुत्र शैलेश कुमार पांडेय को 172 वां रैंक मिला है. शैलेश का पिछली बार भी चयन हुआ था. उन्हें 414 वां रैंक मिला था. उन्हें आइआरएस के लिए चुना गया था. फिलहाल वह फरीदाबाद में प्रशिक्षण ले रहे हैं. शैलेश ने बीपीएससी की परीक्षा भी उत्तीर्ण की थी. उनका चयन डीएसपी के लिए हुआ था.

तकनीकी शिक्षा और स्वरोज़गार

Posted: 12 May 2011 06:30 AM PDT

भारत में तकनीकी शिक्षा के वर्तमान स्वरूप को देखकर यह प्रतीत होता है कि हम अभी तक उसे व्यवहारिक और रोजगारपरक नहीं बना पाए हैं। हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा है कि स्नातक विद्यार्थियों को सरकारी नौकरियों का इंतजार करने के बजाय अपना उद्यम शुरू करने का साहस दिखाना चाहिए। अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर किस दिशा में रोजगार के विकल्प तलाशे जाएं जबकि भारत की बेरोजगारी कृषि व्यवसाय, परंपरागत व्यापार, जाति व्यवस्था, पूंजी प्रधान विकास की अवधारणा, सरकारी नौकरियों की तरफ अधिक झुकाव तथा उद्यमशीलता और जोखिम उठाने की क्षमता के अभाव के साथ जुड़ी हुई है। आज का युवक चाहता है कि उसे डिग्री नहीं रोजगार चाहिए। भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी से विकास के बावजूद रोजगार के अवसर नहीं बढ़ रहे हैं। रोजगार के क्षेत्र से संबंधित जो आंकड़े उपलब्ध हैं उनसे पता चलता है कि संगठित क्षेत्र की रोजगार बढ़ाने की क्षमता शून्य तक चली गई है और सरकारी क्षेत्र में तो यह उससे भी नीचे यानी नकारात्मक है। इन परिस्थितियों से निपटने के लिए हमें अपनी क्षमताओं को पहचानना होगा तथा शिक्षा को व्यावहारिक बनाना होगा। तकनीकी शिक्षा प्राप्त तथा कुशल प्रबंधन में दक्ष छात्रों को अपनी योग्यता के अनुसार अपने स्तर पर रोजगार की नई संभावनाओं का सृजन करते हुए स्वरोजगार को बढ़ावा देना होगा। सृजनात्मक तकनीकी शिक्षा प्राप्त तथा कुशल प्रबंधन में दक्ष छात्रों को अपनी योग्यता के अनुसार अपने स्तर पर रोजगार की नई संभावनाओं का सृजन करते हुए स्वरोजगार को बढ़ावा देना होगा और अपने साथ-साथ दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर जुटाने होंगे। इसके लिए जरूरी है कि हमें सबसे पहले इस भावना को अपने मन-मस्तिष्क से निकालना चाहिए कि सुरक्षित सरकारी नौकरी ही जीविकोपार्जन का सबसे अच्छा माध्यम है। इस भावना को त्यागते हुए हमारी शिक्षण व्यवस्था को युवा वर्ग की रचनात्मकता तथा सृजन करने की क्षमता को बढ़ावा देते हुए उन्हें कॉलेज स्तर पर स्वरोजगार पैदा करने तथा व्यापारिक जोखिम उठाने की भावना को प्रोत्साहन देना चाहिए। जापान को भारत के सामने आर्थिक विकास के उदाहरण के रूप में पेश किया जाता है। उसकी स्थिति यह है कि वहां 78 प्रतिशत रोजगार छोटे व मध्यम श्रेणी के उद्यमों से ही उपलब्ध हैं। दक्षिण कोरिया में कुल रोजगार में 62.2 प्रतिशत अंशदान असंगठित क्षेत्र का ही है। यहां तक कि चीन में भी शहरों में जो रोजगार के जो अवसर हैं उनमें 75 प्रतिशत निजी क्षेत्र के छोटे व मध्यम श्रेणी के उद्योगों से हैं। भारत में भी स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए हमें शैक्षणिक व्यवस्था में उद्यमिता के महत्व को रेखांकित करना चाहिए और तकनीकी छात्रों को कॉलेज शिक्षा के स्तर से ही उद्यम स्थापित करने के लिए प्रेरित करना चाहिए जो उनमें रचनात्मकता और स्वतंत्रता की भावना का विकास करे। उचित प्रशिक्षण तथा वित्तीय उद्यम के खतरे उठाने के बाद ही रोजगार के नए अवसर जरूर पैदा होंगे। हमें विकास की नई सृजनात्मक नीति अपनानी होगी जिसमें पूंजी आधारित तकनीकी की बजाय श्रम आधारित तकनीकों पर अधिक बल दिया जाए। कृषि आधारित उद्योगों और लघु उद्योगों को कुशल तकनीकी प्रबंधन के आधार पर बढ़ावा दिया जाए। महानगरों के साथ-साथ छोटे शहरों में भी आधारभूत ढांचा विकसित किया जाए ताकि लोग अपने-अपने शहरों में ही रहकर विकास कर सकें। बेरोजगारी के विरुद्ध हमें संघर्षपूर्ण अभियान चलाना होगा तथा ऐसे सभी कारणों को दूर करते हुए हमें रोजगार बढ़ाने के लिए बहुआयामी रणनीति बनानी होगी और स्वरोजगार के उपायों के बारे में एकाग्रता से विचार भी करना होगा(शशांक द्विवेदी,दैनिक जागरण,12.5.11)।

बिहारःमेडिकल कॉलेजों में 434 डॉक्टर नियुक्त

Posted: 12 May 2011 05:30 AM PDT

भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) की टीम के निकट भविष्य में दौरे के मद्देनजर बिहार सरकार ने चिकित्सा महाविद्यालयों में शिक्षकों के वर्षो से खाली पदों को एक माह के अंदर भरने की कार्रवाई तेज कर दी है। विभाग ने 20 अलग- अलग अधिसूचना जारी कर करीब 434चिकित्सकों की मेडिकल कॉलेजों के विभिन्न विभागों में चार वर्षो के लिए टय़ूटर व सीनियर रेजिडेंट के रूप में नियुक्ति की है। स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा है कि मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर,एसोसियेट प्रोफेसर और प्रोफेसर के 250 से अधिक खाली पदों को भी प्रोन्नति से एक माह के अंदर भरने की कार्रवाई हो रही है। श्री चौबे ने बुधवार को यहां कहा कि राज्य सरकार ने तीन नये मेडिकल कॉलेजों - वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान, पावापुरी (नालंदा) और आईजीआईएमएस में इसी वर्ष से एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करने हेतु सभी विभागों में शिक्षकों के पदों को भरने की कार्रवाई तेज कर दी है। मधेपुरा मेडिकल कॉलेज में अगले वर्ष से पढ़ाई शुरू होगी। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा के स्तर में गुणवत्तापूर्ण सुधार के लिए शिक्षकों के खाली पदों को भरने के साथ मेडिकल कॉलेजों में वांछित सभी संसाधन मुहैया कराने की कार्ययोजना बनी है। इसके साथ राज्य भर के अस्पतालों में चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने की कार्रवाई हो रही है। सभी 533 प्रखंडस्तरीय अस्पतालों में चार विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की जानी है। 2332 चिकित्सकों की जरूरत है। अभी बीपीएससी से 375 चिकित्सकों की सूची मिली है और लगभग दो हजार चिकित्सकों की नयी नियुक्ति की जानी है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बिभिन्न मेडिकल कॉलेजों में पहले से टेन्योर पदों पर कार्यरत शिक्षक फिलहाल यथावत बने रहेंगे। उनके समक्ष वेतन भुगतान की समस्या नहीं आये, इसके लिए दूसरे विभागों के रिक्त पदों के विरु द्ध वेतन भुगतान किया जायेगा। विभाग ने टय़ूटर व सीनियर रेजिडेंट के टेन्योर पदों पर 9300-34800 रुपये वेतनमान में नियुक्ति की गयी है। अधिसूचना के अनुसार टेन्योर अवधि की समाप्ति के बाद वैसे पदधारक जो बिहार स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के सदस्य हैं, उनके द्वारा धारित टेन्योर पद स्वत: समाप्त हो जायेंगे और वे पैतृक संवर्ग में वापस हो जायेंगे। वैसे चिकित्सक जो राज्य स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के नहीं हैं, उटेन्योर समाप्ति के बाद वे उस टेन्योर पद अथवा किसी अन्य पद पर लगातार बने रहने का दावा नहीं कर सकेंगे जब तक कि उन्हें किसी नये पद पर नियुक्त नहीं किया जाता है(राष्ट्रीय सहारा,पटना,12.5.11)।

बिहारःसहकारी बैंकों में बहाल होंगे 20 हजार कर्मचारी

Posted: 12 May 2011 01:30 AM PDT

सभी सहकारी बैंकों में विभिन्न पदों पर 20 हजार कर्मियों की बहाली होगी। इसके लिए सहकारिता विभाग कार्मिक नीति बनायेगी। यह काम जून माह तक पूरा किया जाना है। सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह ने बुधवार को यहां राज्य के सभी केन्द्रीय सहकारी बैंकों के अध्यक्षों और महाप्रबंधकों की बैठक में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि कार्मिक नीति बनाने के पहले विभाग के अधिकारी राजस्थान और गुजरात जाकर अध्ययन करेंगे। सरकार गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं करेगी। बेहतर कार्य करने वाले बैंकों को पुरस्कृत किया जाएगा। इस मौके पर उन्होंने प्रत्येक बैंक को एक-एक वाहन उपलब्ध कराने की भी घोषणा की। उन्होंने एफसीआई के असहयोग करने के मामले को गंभीरता से लिया और विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में बातचीत का निर्देश दिया। वर्ष 2011-12 कृषि मौसम के लिए सहकारिता विभागीय लक्ष्य 4 लाख एटीएम निर्धारित किया है। बैठक में वर्तमान में राज्य सहकारी बैंक द्वारा उपलब्ध 53 करोड़ व पैक्सों की लगभग 20 करोड़ की कार्यशील पूंजी की उपलब्धता का आकलन किया गया। मंत्री ने कहा कि उक्त पूंजी के ससमय उपयोग पर 60 प्रतिशत तक लक्ष्य की प्राप्ति संभव है। समझौता ज्ञापन के प्रावधानों के आलोक में बिहार सहकारी समितियां अधिनियम में आवश्यक संशोधन किया गया है। इस संशोधन के आलोक में केन्द्रीय सहकारी बैंकों की उप विधियों में भी संशोधन किया जाना है। अनेक पत्राचार के बावजूद अभी तक किसी भी बैंक द्वारा उपविधियों में संशोधन नहीं किया गया है। उन्होंने केन्द्रीय सहकारी बैंकों से अनुरोध किया वे आम सभा बुलाकर अपनी उप-विधियों में आवश्यक संशोधन की कार्रवाई करने की पहल करें। उन्होंने कहा कि पैक्सों को मजबूत करने एवं उनकी व्यावसायिक क्षमता बढ़ाने हेतु दक्ष प्रबंधकों की आवश्यकता है। नाबार्ड द्वारा पैक्सों में प्रबंधकों की नियुक्ति हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। उन्होंने बैंकों से अनुरोध किया वे अपने क्षेत्रांतर्गत पैक्सों में प्रबंधकों की बहाली करने हेतु पैक्सों को प्रेरित करें एवं इसका अनुश्रवण करें, ताकि उन्हें प्रशिक्षित किया जा सके। मंत्री ने सभी केन्द्रीय सहकारी बैंकों में कोर बैंकिंग पण्राली अपनाने में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक बैंकों से प्रतिस्पर्धा करने एवं सहकारी बैंकों की कार्य-संस्कृति में सुधार लाने हेतु यह आवश्यक है कि सहकारी बैंकों का भी कम्प्यूटरीकरण किया जाये। 2- 4 बैंकों को छोड़कर किसी भी बैंक द्वारा दैनिक कायरे के संचालन हेतु पूर्ण कम्प्यूटरीकरण नहीं किया गया है। यदि बैंकों का कम्प्यूटरीकरण हो जाता है तो कोर बैंकिंग पण्राली अपनाने में सुविधा होगी(राष्ट्रीय सहारा,पटना,12.5.11)।

मध्यप्रदेशःसरकारी वेबसाईट से मिलेगी नौकरियों की जानकारी

Posted: 12 May 2011 01:10 AM PDT

शासन-प्रशासन को चुस्त दुरुस्त और सीधे जनता से जोड़ने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा बनाई गई वेबसाइट आइडियाज फॉर सीएम की पहली सौगात प्रदेश के शिक्षित बेरोजगारों को मिली है। प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को अब घर बैठे दुनियाजहां की नौकरी की जानकारी सरकार ही देगी। इसका माध्यम बनेगा सरकार का एडवरटाइजमेंट पोर्टल। राज्य सरकार ने विद्यार्थियों और शिक्षित युवाओं को रोजगार अवसरों की जानकारी देने और जागरूकता बढ़ाने के लिए एमपी गवर्मेन्ट वेकेन्सी एडवरटाइजमेंट पोर्टल विकसित किया है। यह पोर्टल वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग द्वारा लांच किया गया है। इस तरह की व्यवस्था करने का सुझाव अलीराजपुर जिले के ग्राम इनमकोंडा के अच्युत रेड्डी ने आइडियाज फॉर सीएम में भेजा था। श्री रेड्डी का कहना था कि विद्यार्थियों को रोजगार समाचारों, कैरियर अवसरों तथा अकादमिक अवसरों के प्रति जागरूक बनाने के लिए शासन स्तर से कदम उठाए जाएं। इस पर अमल करते हुए शासन ने पोर्टल तैयार किया है। इसके माध्यम से राज्य शासन के विभिन्न विभागों और उनके अधीनस्थ कार्यालयों द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति के लिए विज्ञापन की अधिसूचना अनिवार्य रूप सेलोड की जाएगी। पोर्टल के उपयोग के लिए प्रशासकीय विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को उपयुक्त प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है। इसमें प्रदेश के विभिन्न महकमों के अलावा देश के समस्त राज्यों और आस्ट्रेलिया, स्विटजरलैंड, नार्वे, अफ्रीका, दुबई में रोजगार के अवसरों की जानकारी दी गई है। इसमें सूचना प्रौद्योगिकी, बैंकिंग तथा अन्य विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित रोजगार तलाश करने वालों के लिए उपयोगी जानकारी उपलब्ध कराई गई है। गैर शासकीय संगठनों में रोजगार के अवसरों का विवरण भी इसमें दिया गया है। रोजगार अवसरों से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए इस पोर्टल पर निशुल्क पंजीयन की व्यवस्था भी है(दैनिक जागरण,भोपाल,12.5.11)।

हरियाणाःआईटीआई में शुरू होगा नवीनतम पाठ्यक्रम

Posted: 12 May 2011 12:55 AM PDT

शिक्षा एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआइ) में प्रशिक्षण के नवीनतम पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे तथा इन संस्थानों में सभी आवश्यक बुनियादी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। भुक्कल मगलवार को पंचकूला में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के प्रधानाचार्यों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थी। उन्होंने व्यावहारिक प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन परिणाम अपेक्षा अनुरूप नहीं रहे। हरियाणा में औद्योगिक विकास के साथ-साथ कुशल औद्योगिक श्रमिकों की आवश्यकता बढ़ रही है लेकिन पर्याप्त अवसरों के बावजूद प्रदेश के युवा इसका लाभ नहीं उठा पा रहे। उन्होंने कहा कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में युवाओं को शिक्षा के साथ-साथ अधिक से अधिक व्यवहारिक प्रशिक्षण की आवश्यकता है। प्रधानाचार्यों को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार लाने की अपील करते हुए मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कुल 119 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हैं। इसमें से 30 संस्थान महिलाओं के लिए हैं और लगभग प्रत्येक खंड स्तर में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किया गया है। बैठक में प्रध्यापकों से सुझाव आमंत्रित करते हुए औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री ने कहा कि वे अपने क्षेत्र में स्थापित औद्योगिक इकाईयों की आवश्यकताओं के अनुसार नए पाठ्यक्रमों चयन कर विभाग को अवगत करवाएं ताकि पुराने पाठ्यक्रमों को बदलकर समय की मांग के अनुसार नए पाठ्यक्रम शुरू किये जा सके। बैठक में निर्णय किया गया कि प्रशिक्षुओं की कुशलता बढ़ाने के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षण मीडिया संस्थान चेन्नई की पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाए जोकि सरल हिंदी एवं अंग्रेजी में उपलब्ध हैं(दैनिक जागरण,चंडीगढ़,12.5.11)।

मध्यप्रदेशःइंग्लिश के लिए शिक्षकों के आवेदन 20 जून तक

Posted: 12 May 2011 12:30 AM PDT

राज्य शिक्षा केंद्र ने एक वर्षीय सेवाकालीन प्रशिक्षण, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन टीचिंग इंग्लिश के लिए सभी डीईओ को उनके जिले के कम से कम दो शिक्षकों/ व्याख्याताओं का विवरण 20 जून तक भेजने के निर्देश दिए हैं। ऐसे व्याख्याता/ शिक्षक/ अध्यापक अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त तथा जिनकी आयु एक जुलाई को 50 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए। प्रशिक्षणार्थी को संबंधित विवरण निर्धारित प्रपत्र में भरवा कर संचालक, आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान, पुस्तक भवन, बी विंग, अरेरा हिल्स भोपाल को भेजना होगा। प्रशिक्षणार्थियों के लिए छात्रावास की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। प्रशिक्षण के बाद इन शिक्षकों को अंग्रेजी शिक्षण-प्रशिक्षण व पाठ्य पुस्तक लेखन के कार्य में नियोजित किया जा सकेगा। बरकतउल्ला विश्र्वविद्यालय से संबद्ध उक्त पाठ्यक्रम इस साल 5 जुलाई 2011 से 30 अप्रैल 2012 तक चलेगा। उक्त पाठ्यक्रम में 50 स्थान हैं। ज्ञात है कि राज्य शिक्षा केंद्र के अंतर्गत आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान एक राज्य स्तरीय संस्था है, जहां प्रतिवर्ष सेवाकालीन प्रशिक्षण, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन टीचिंग इंग्लिश आयोजित किया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को अंग्रेजी भाषा शिक्षण की नवीन पद्धतियों, नवाचारों, भाषा के विभिन्न कौशलों तथा दसवीं एवं बारहवीं बोर्ड के बेहतर परिणाम के लिए प्रश्न पत्रों को हल करने की सरल विधियों से अवगत कराया जाता है(दैनिक जागरण,भोपाल,12.5.11)।

मध्यप्रदेशःगरीब बच्चों को निजी स्कूल में दाखिले का एक और मौक़ा

Posted: 12 May 2011 12:10 AM PDT

गरीब व वंचित वर्ग के बच्चों को निजी शिक्षण संस्थाओं की पच्चीस फीसदी सीटों पर प्रवेश के लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने दोबारा मौका दिया है। इसके तहत पंद्रह जून तक निजी शिक्षण संस्थाओं में आवेदन जमा होंगे। बीस मई को लाटरी पद्धति के माध्यम से बच्चों का चयन किया जाएगा। शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी शिक्षण संस्थाओं की नर्सरी या पहली कक्षा की पच्चीस फीसदी सीटों पर गरीब व वंचित वर्ग के बच्चों को प्रवेश दिया जा रहा है। इसके लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने पूर्व में 5 मई को निजी स्कूलों में आवेदन जमा करने की तिथि घोषित की थी। निजी शिक्षण संस्थाओं में प्राप्त आवेदन में लाटरी पद्धति से छात्रों का चयन दस मई को किया गया। बावजूद इसके प्रदेश के पचास फीसदी से अधिक निजी स्कूलों में गरीब व वंचित वर्ग के बच्चों के आवेदन ही प्राप्त नहीं हुए है। इसके अलावा बहुत सी निजी शिक्षण संस्थाएं हंै, जिसमें पच्चीस फीसदी सीटें गरीब व वंचित वर्ग के बच्चों से भरी ही नहीं है। इसे देखते हुए राज्य शिक्षा केंद्र ने बच्चों को दोबारा आवेदन भरने का मौका दिया है। गरीब व वंचित वर्ग के यह छात्र उन निजी शिक्षण संस्थाओं में आवेदन कर सकते है, जिसमें पच्चीस फीसदी सीटें भरी नहीं हैं। इसके लिए छात्र 16 जून तक स्कूलों में आवेदन कर सकते हैं। जिन निजी शिक्षण संस्थाओं में पच्चीस फीसदी से ज्यादा आवेदन प्राप्त होंगे, उनमें लाटरी के माध्यम से छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा(दैनिकजागरण,भोपाल,12.5.11)।

मध्यप्रदेश में पीइसीःपहले राउंड में गरीब छात्रों की काउंसिलिंग

Posted: 11 May 2011 11:50 PM PDT

इंजीनियरिंग में प्रवेश का पहला अधिकार इस बार गरीब छात्र-छात्राओं का होगा। इनके लिए तकनीकी शिक्षा विभाग अलग से काउंसलिंग आयोजित करेगा। इस राउंड में वे छात्र-छात्राएं शामिल हो सकेंगे, जिन्होंने पीईटी के फार्म में फीस वेबर स्कीम का विकल्प दिया है। तकनीकी शिक्षा संचालनालय ने सत्र 2011-12 के लिए होने वाली पीईटी काउंसलिंग की तैयारी शुरू कर दी है। इन तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए काउंसलिंग कमेटी की बैठक बुधवार को आयोजित की गई। इसमें काउंसलिंग प्रक्रिया में किए जा रहे बदलाव एवं नए नियमों पर चर्चा की गई। सूत्रों के मुताबिक एआईसीटीई ने इस बार सभी कालेजों में पांच फीसदी सीटें गरीब छात्र-छात्राओं के लिए अनिवार्य कर दी हैं। इन सीटों में केवल गरीब छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जाना है। प्रदेश में गरीब 4500 सीटें फीस वेबर स्कीम के तहत आरक्षित हैं। इन सीटों के लिए विभाग द्वारा अलग से काउंसलिंग आयोजित की जाएगी। विभाग के इस कदम से गरीब प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को प्रदेश के नामचीन कालेजों में प्रवेश मिल सकेगा। बैठक में संचालक श्री डोंगरे ने नई प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। वहीं कालेज संचालकों ने काउंसलिंग के व्यापक प्रचार-प्रसार के सुझाव दिए। इस बार केवल दो राउंड: इस बार पीईटी की मुख्य काउंसलिंग के मात्र दो राउंड होंगे। काउंसलिंग की शुरुआत पीईटी का रिजल्ट आने के दस दिन बाद हो जाएगी। पहले राउंड में पीईटी की मेरिट पर प्रवेश दिए जाएंगे। जबकि दूसरे राउंड में पीईटी की मेरिट से छूटे छात्र-छात्राओं के अलावा बारहवीं के अंकों के आधार पर प्रवेश का मौका दिया जाएगा। 

अपग्रेडेशन केवल एक बार : 
ऑन लाइन काउंसलिंग में आवंटित कालेज से असंतोष जताने का मौका भी अब बार-बार नहीं मिलेगा। इस बार विभाग ने केवल एक बार ही अपग्रेडेशन का विकल्प देने का फैसला किया है। यह मौका पहले राउंड के बाद ही मिलेगा। पिछले साल हर राउंड के बाद अपग्रेडेशन का विकल्प भी दिया गया था। इस बदलाव से काउंसलिंग प्रक्रिया जल्दी खत्म होने की उम्मीद है(दैनिक जागरण,भोपाल,12.5.11)।

बीपीएससी को न्यायिक सेवा कट ऑफ में 25 अंक कम करके रिजल्ट निकालने का निर्देश

Posted: 11 May 2011 11:29 PM PDT

पटना उच्च न्यायालय ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से कहा है कि वह 27वीं बिहार न्यायिक सेवा की प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट कट ऑफ में 25 अंक कम कर निकाले। यह सभी श्रेणियों के अभ्यर्थियों के साथ किया जाय। न्यायालय के इस आदेश से सैकड़ों अभ्यर्थी अब लिखित परीक्षा में बैठ सकेंगे। बीपीएससी ने उत्तरों में विरोधाभास होने के कारण 25 प्रश्नों को छांटकर प्रारंभिक रिजल्ट निकाला था। मुख्य न्यायाधीश रेखा एम. दोशित व न्यायमूर्ति ज्योति शरण की पीठ ने कई याचिकाओं पर सुनवाई के बाद बीपीएससी से कहा कि वह अपने प्रारंभिक परीक्षा के कट ऑफ में 25 अंक कम कर दे क्योंकि बिना किसी पूर्व सूचना के 25 प्रश्नों को हटाया गया है। अंक कम किये जाने के बाद लिखित परीक्षा के लिए मेधावी अभ्यर्थियों का रिजल्ट निकाला जाय और यह काम सभी श्रेणियों के साथ किया जाय। इसे करने में अगर उसे कोई परेशानी हो रही हो तो उसके बारे में कल सूचित करे। न्यायालय के इस आदेश से अब सामान्य श्रेणी में 129 अंक लेने वाले अभ्यर्थी भी लिखित परीक्षा में बैठने के योग्य हो गये हैं। इसी तरह अनुसूचित जाति श्रेणी में 90 अंक तथा अनुसूचित जनजाति श्रेणी में 86 अंक लाने वाले छात्र लिखित परीक्षा के योग्य हो गये हैं। न्यायालय के इस फैसले में अभ्यर्थी वकीलों में खुशी दौड़ गयी। न्यायिक सेवा के लिए प्रारंभिक परीक्षा वर्ष 2009 में हुई थी जिसका रिजल्ट गत वर्ष के फरवरी में निकाला गया था। न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं के उस मांग को ठुकरा दिया जिसमें रिक्तियों के 10 गुणो अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा के लिए योग्य ठहराने जाने की मांग की गयी थी। साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग को भी आरक्षण दिये जाने की बात को नहीं माना। सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि परीक्षा के लिये जिन्होंने प्रश्न पत्र बनाये थे, उनके उत्तर व विशेषज्ञों के उत्तर में विविधता के कारण विवादित 25 प्रश्नों को प्रारंभिक रिजल्ट निकाले जाने में शामिल नहीं किया गया था। बीपीएससी में मुख्य परीक्षा के लिए सभी श्रेणियों से 1752 अभ्यर्थियों को चुना था। अब अभ्यर्थियों की संख्या और बढ़ जाएगी। मालूम हो कि इस परीक्षा के जरिये निचली अदालत में जजों की नियुक्ति की जानी है। यह याचिका रंजीत रंजन व अमरदीप लोकप्रिय सहित कई ने दाखिल कर कहा था कि सिविल जजों के जुनियर पद के लिए जो 27वीं बिहार न्यायिक सेवा की प्रारंभिक परीक्षा 30 दिसंबर, 2009 को ली गयी थी, उसके रिजल्ट में त्रुटियां है। क्योंकि 25 प्रश्नों को छांटकर रिजल्ट निकाला गया है। बीपीएससी से उन प्रश्नों को जोड़कर नये शिरे से रिजल्ट निकालने को कहा जाय। परीक्षा के जरिये जजों के 217 पद भरे जाने हैं। बीपीएससी ने परीक्षा का रिजल्ट 11 मार्च, 2011 को निकाला जिसमें उसने 1752 को मुख्य परीक्षा देने के लिए पास किया। याचिकाकर्ता ने कहा है कि प्रारंभिक परीक्षा में 250 प्रश्न पूछे गये थे जो सभी एक-एक नंबर के थे। रिजल्ट निकाले जाने के समय उसमें से 25 प्रश्नों को छोड़ दिया गया और उसका कारण नहीं बताया गया जबकि सभी प्रश्न सही थे। मुख्य परीक्षा के लिए रिक्त पदों का 10 गुणा अभ्यर्थियों को पास किया जाता है। उसका भी पालन नहीं किया गया है क्योंकि 2170 के बदले 1752 अभ्यर्थी को ही पास किया गया है। इसलिए सरकार से सभी मानदंडों को पूरा करते हुए रिजल्ट निकालने को कहा जाय। इसके अलावा सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा में आठ अभ्यर्थियों के साथ प्रतियोगिता करनी पड़ेगी वहीं पिछड़ा वर्ग के एक अभ्यर्थी को तीन के साथ प्रतियोगिता करनी पड़ेगी। ऐसा किया जाना भेदभाव बरतने के सामान है। इसलिए बीपीएससी से गलतियों को सुधार कर परीक्षा लेने को कहा जाय(राष्ट्रीयसहारा,पटना,12.5.11)।

दैनिक जागरण की रिपोर्टः
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा संचालित 27 वीं न्यायिक सेवा में असफल प्रत्याशियों को पटना हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है। न्यायालय ने लोक सेवा आयोग को न्यायिक सेवा की प्रारंभिक जांच, यानी पीटी में 25 अंक घटा कर उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन करने का निर्देश दिया है।
इस बीच मामले पर सुनवाई कर रहीं मुख्य न्यायाधीश रेखा एम.दोषित की खंडपीठ ने बुधवार को न्यायिक सेवा में आरक्षण के सवाल पर किसी प्रकार का बदलाव लाने से इनकार कर दिया। साथ ही पीटी रद कर नये सिरे से परीक्षा लिये जाने से भी मना किया। अदालत ने आरक्षण के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश पर ही चलने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने पिछड़ों को 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण दिये जाने से इनकार कर दिया था।
बताते चलें कि 27 वीं बिहार न्यायिक सेवा में नियुक्ति के लिए 31 दिसंबर 2009 को प्रारंभिकजांच परीक्षा हुई थी। काफी विवाद के बाद इस साल मार्च में पीटी का रिजल्ट निकला। इस प्रतियोगिता परीक्षा में कुल मिला कर 15583 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इसमें से 1625 सामान्य कोटि के 12एसी एवं 6 एसटी के अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था।

लखनऊ विविःआज तय होगी प्रवेश नीति

Posted: 11 May 2011 11:10 PM PDT

लखनऊ विश्वविद्यालय में नये शैक्षिक सत्र 2011-12 के लिए प्रवेश नीति गुरुवार को तय होगी। विविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज कुमार मिश्र की अध्यक्षता में गुरुवार को प्रवेश समिति की बैठक बुलायी गयी है। इसमें प्रतिकुलपति, कुलसचिव, सभी संकायाध्यक्ष, दो महाविद्यालयों के प्राचार्य, मुख्य समन्वयक प्रवेश सहित अन्य सदस्यों के भाग लेने के लिए पत्र जारी किये गये हैं। प्रवेश समिति मेरिट से दाखिला लेने, प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने व उसकी तिथियों का एलान करेंगी। इसके साथ ही कला संकाय में बीए की घटायी गयी सीटों पर भी मुहर लगायी जा सकती है। विविद्यालय ने इस बार बीए प्रथम वर्ष में साढ़े पांच सौ सीटों को घटाने का फैसला लिया था, इसके साथ विषयों के काम्बीनेशन भी सीमित कर दिये गये थे। विविद्यालय के कुलसचिव जीपी त्रिपाठी का कहना है कि प्रवेश समिति में वर्ष 2011-12 की प्रवेश नीति को अंतिम रूप से तय किया जाएगा, ताकि दाखिला शुरू किये जा सकें। इसमें नये शैक्षिक सत्र के 16 जुलाई से शुरू होने के पहले प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने की कोशिश की जाएगी(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,12.5.11)।

यूपीःसचिवालयकर्मियों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन

Posted: 11 May 2011 10:45 PM PDT

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 15 दिन के भीतर सचिवालय में समीक्षा अधिकारी के खाली पदों पर सहायक समीक्षा अधिकारियों की पदोन्नति की जाएगी। सचिवालय संवर्ग के अधिकारियों का पुनर्गठन जून तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ की कई मांगों को शासन से शीघ्र पूरा करने का आश्वासन मिला है। संघ के सचिव ओंकार नाथ तिवारी ने बताया कि संघ के पदाधिकारियों के साथ सचिव सचिवालय प्रशासन अवनीश कुमार अवस्थी की बैठक हुई, जिसमें मांगों को पूरा करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि पीजीआई में रजिस्ट्रेशन के लिए सचिवालय कर्मियों को लाइन नहीं लगानी होगी। सचिवालय में ही कैम्प लगाकर उनका पंजीकरण किया जाएगा। मृतक संवर्ग कम्प्यूटर सहायकों को सहायक समीक्षा अधिकारी के पद पर मर्जर करने का निर्णय लिया गया है। बैठक में सचिवालय सेवा के समूह ख कार्मिकों को राजपत्रित करने, वित्त व स्वास्थ्य विभाग से संबंधित मांगों को पर उनके अधिकारियों से बैठक कर शीघ्र निर्णय लेने, सचिवालय कर्मियों के लिए सचिवालय में रेलवे आरक्षण काउंटर खोलने आदि मांगों को पूरा करने पर निर्णय लिया गया(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,12.5.11)।

बिहारःहाईकोर्ट सहायकों का परीक्षाफल घोषित

Posted: 11 May 2011 10:34 PM PDT

पटना हाईकोर्ट में 114 सहायकों की नियुक्ति के लिये हुई लिखित परीक्षा का परीक्षाफल प्रकाशित कर दिया गया है। सफल 446 उम्मीदवारों का इंटरव्यू होना है। परीक्षाफल, हाईकोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध है। पता है- www.patnahighcourt.bih.nic.in 
मालूम हो कि सहायक की परीक्षा में कुल 13,626 उम्मीदवार शामिल हुए थे। 10 अप्रैल को लिखित परीक्षा हुई थी। 2003 के बाद हाईकोर्ट में सहायकों की यह पहली नियुक्ति होगी(दैनिक जागरण,दिल्ली,12.5.11)।

डीयूःएसओएल में दाखिला 16 से

Posted: 11 May 2011 10:00 PM PDT

डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) में एमए लेवल पर हिंदी, पॉलिटिकल साइंस, हिस्ट्री, संस्कृत और एमकॉम कोर्स में एडमिशन लिया जा सकता है। एसओएल ने इन कोर्सेज के एडमिशन का शेडयूल जारी कर दिया है। इन सभी कोर्सेज में एंट्रेंस टेस्ट के जरिए एडमिशन होता है। 16 मई से फॉर्म लिए जा सकते हैं। फॉर्म एसओएल के नॉर्थ कैंपस और साउथ स्टडी सेंटर (ओल्ड मोती लाल नेहरू कॉलेज बिल्डिंग, साउथ मोती बाग, नानकपुरा) से लिए जा सकते हैं। इसके अलावा अंडरग्रैजुएट कोर्सेज के फॉर्म 1 जून से मिलेंगे। ग्रैजुएशन लेवल पर एसओएल में बीए प्रोग्राम, बीकॉम, बीए ऑनर्स इंग्लिश, बीए ऑनर्स पॉलिटिकल साइंस, बीकॉम ऑनर्स कोर्स में एडमिशन लिया जा सकता है। फॉर्म सुबह 9 से शाम 5 बजे तक लिए जा सकते हैं। एसओएल के असिस्टेंट रजिस्ट्रार (एडमिशन) डॉ. ओ. पी. शर्मा के मुताबिक एसओएल में पिछले साल रेकॉर्ड 1.17 लाख स्टूडेंट्स ने अलग-अलग कोर्सेज में एडमिशन लिया था।



कॉलेजों में जहां स्टूडेंट्स की पहली पसंद कॉमर्स के कोर्सेज थे तो ओपन लर्निंग में बीए कोर्स में सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स ने दाखिला लिया। डीयू का कहना है कि रेगुलर स्टडी करने वाले और ओपन लर्निंग द्वारा कंडक्ट कोर्सेज को करने वाले स्टूडेंट्स को मिलने वाली डिग्री की वैल्यू एक जैसी है और ऐसे स्टूडेंट्स की कमी नहीं है, जो रेगुलर के बदले एसओएल से ग्रैजुएशन करना पसंद करते हैं। एसओएल से ग्रैजुएशन करने के साथ-साथ वे कुछ और कोर्सेज भी करते हैं। 


पीजी कोर्सेज का शेडयूल 

कोर्स रजिस्ट्रेशन एंट्रेंस टेस्ट 

एमए (हिंदी) 16 मई- 13 जून 19 जून 

एमए (हिस्ट्री) 1 जून- 16 जून 20 जून 

एमए ( पॉलिटिकल साइंस ) 16 मई से 20 जून 26 जून 

एमकॉम 20 मई से 17 जून 1 जुलाई 

एमए ( संस्कृत ) 16 जून - 5 जुलाई 11 जु लाई(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,12.5.11)

एमसीडी स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं बहाल करने का निर्देश

Posted: 11 May 2011 09:30 PM PDT

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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha

হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!

मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में OBC Trump Card और जयभीम कामरेड

Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!

हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला हिंदुत्व की राजनीति से नहीं किया जा सकता।

In conversation with Palash Biswas

Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

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जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।

#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?

Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

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