कैंसर को हराने में जुटे हैं आलोक तोमर कैंसर को हराने में जुटे हैं आलोक तोमर प्रख्यात पत्रकार आलोक तोमर इन दिनों कैंसर से लड़ रहे हैं. भ्रष्ट व्यवस्था, भ्रष्ट नेताओं, भ्रष्ट मीडिया दिग्गजों की पोल खोलने वाला यह शख्स, अपनी लेखनी से मानवीय त्रासदियों का
भारतीय मीडिया
प्रख्यात पत्रकार आलोक तोमर इन दिनों कैंसर से लड़ रहे हैं. भ्रष्ट व्यवस्था, भ्रष्ट नेताओं, भ्रष्ट मीडिया दिग्गजों की पोल खोलने वाला यह शख्स, अपनी लेखनी से मानवीय त्रासदियों का खुलासा कर सत्ता-संस्थानों को हिलाने वाला यह आदमी, आजकल अपने मुश्किल दिनों में गुजर रहा है. मानसिक और शारीरिक कष्टों को झेल रहा है. पर हौसला देखिए. कैंसर को मात देने में जुटे आलोक तोमर आज अपने सीएनईबी आफिस पहुंच गए, जहां वे काम करते हैं. यह तब जबकि उनकी कीमियो थिरेपी शुरू हो गई है. कई घंटे उन्हें बत्रा अस्पताल में रहना पड़ता है. कीमियो के दौर से गुजरने के बाद आलोक का आफिस जाने के लिए तैयार होना और आफिस पहुंच जाना बताता है कि अगर अंदर जिजीविषा हो तो बड़े से बड़े दुख भगाए जा सकते हैं. कष्टों को मात दिया जा सकता है.
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: फिल्म अभिनेता पर आरोप- अपनी नई फिल्म के प्रमोशन के लिए बिस्तर पर पड़े कार्टूनिस्ट का इस्तेमाल किया : प्रख्यात कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण से पिछले दिनों फिल्म स्टार अक्षय कुमार मिले. आरके लक्ष्मण मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती हैं. उनकी हालत ठीक है. लेकिन अस्पताल से उन्हें छुट्टी नहीं मिली है. उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है. अक्षय अस्पताल पहुंचे और आरके लक्ष्मण से कार्टून बनवाए. अखबार में खबरें छपीं. तस्वीरें छपीं. लक्ष्मण फिर बनाने लगे कार्टून, ऐसी घोषणा हो गई. पर इसका दूसरा पहलू कुछ दिन बाद सामने आए.
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: कथाकार शेखर जोशी चंद्रयान पुरस्कार से सम्मानित : कोलकाता में आयोजित एक समारोह में प्रख्यात आलोचक व जनवादी लेखक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार मिश्र ने कहा कि वर्तमान समय में साहित्य, कला व संस्कृति गहरे संकट के दौर से गुजर रहा है।
Read more... : एक हिंदुस्तानी की 'चिट्ठी' से हुआ खुलासा: 'हिंदुस्तान' में काम करने वाले संग ये कैसा अन्याय हो रहा है? : संपादक महोदय, भड़ास4मीडिया, जहां हिन्दुस्तान में वेतन बढऩे की खुशी वहीं हिन्दुस्तान में कई सौ कर्मचारी बंधुवा मजदूरों की तरह कार्य कर रहे हैं। ये कर्मचारी काम तो हिन्दुस्तान वेंचर्स में ही कर रहे हैं परन्तु वेतन आउटसोर्सिंग कंपनी एडको, लखनऊ से मिल रहा है। जहां इस अखबार के बड़े लोग दूसरों को न्याय दिलाने का दावा करते हैं एवं अच्छे लेख लिख कर वाहवाही लूट रहे हैं वहीं अखबार की दुनिया में काम कर रहे कर्मचारियों के बच्चे दो वक्त की रोटी के लिए प्रत्येक दिन रो रहे हैं, उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। 'हिंदुस्तान' में ठेकेदारी सिस्टम से कर्मचारियों की हालत दिहाड़ी मजदूरों से बदतर हो चुकी है। कहने को तो वे हिन्दुस्तान वेंचर्स में काम कर रहे हैं लेकिन वेतन दिहाड़ी मजदूरों की भी नहीं पा रहे हैं।
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: पेड न्यूज और पैसे की हेराफेरी के बारे में दर्जनों जगह भेजी शिकायत : दैनिक जागरण से चीफ रिपोर्टर पद से इस्तीफा देने वाले राकेश शर्मा ने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं. उन्होंने दैनिक जागरण पर लगे पेड न्यूज के आरोपों को पुख्ता कर दिया है. सेबी को लिखे अपने पत्र में राकेश ने विस्तार से सारी बातें कहीं हैं जिसे नीचे प्रकाशित किया गया है.
Read more... श्रद्वेय सहयोगीवृंद, मैं रणदीप दूबे, पत्रकार, दैनिक जागरण, आज की तारीख तक, क्योंकि पता नहीं कब अखबार का फतवा आ जाए कि तुम्हे दिवंगत कर दिया गया। हालांकि दैनिक जागरण के ब्यूरो प्रभारी से लेकर संपादक और मालिक तक में इतनी ताकत नहीं है कि मुझसे नजरें मिलाकर बात कर सके। मैंने अपने अखबार के भीतर पीत पत्रकारिता, (ब्लैकमेलिंग) का खुलासा किया। दो पत्रकारों पर केस भी किया जो जेल भी गये, लेकिन बेशर्मी की हद तब पार कर गई जब उनको फिर से रख लिया गया। मुझे निकाला तो नहीं गया पर मेरी न्यूज नहीं छप रही है। ब्लैकमेलरों की न्यूज बाईलाईन (नाम से) छप रही है ताकि वे संपादक, अखबार के मालिक तक के लिए रुपये जमा कर सकें। मैंने दस्तावेजी सबूत इकट्ठा किये, केस नं. 480/10 सदर थाना हजारीबाग में संलग्न है। केस करने से पहले सारे सबूत मैंने संपादक, ब्यूरो चीफ, अखबार के मालिक तक को उपलब्ध कराये।
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: बड़े अखबारों के पत्रकारों की हर पल पैसे पर होती है निगाह : पैसे के लिए खबरों को मैनेज और मेनूपुलेट करते हैं वे : छोटे अखबारों के पत्रकारों को 'खेल' में शामिल करने के लिए बनाते हैं दबाव : 'सुप्रीम न्यूज' की तरफ से बादलपुर में सेमिनार का आयोजन :
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लगभग एक माह से ऊपर हुए. इस विषय पर कुछेक खबरें पढ़ी थीं. तब से यह विषय या प्रसंग, मन-मस्तिष्क और विचार से उतरा नहीं. प्रसंग है, पड़ोसी देश का. पर इन खबरों के आईने में अपनी धरती, अपना मुल्क, अतीत और वर्तमान उभरे. राष्ट्रकवि मैथिलीशरण जी का कहा याद आया- 'हम कौन थे? क्या हो गये हैं? और क्या होंगे अभी? क्या ये, नहीं याद करना चाहता. अतीत पर किसका बस है? क्या होंगे?, उभरता भविष्य और वर्तमान झिलमिलाते हैं. क्या थी खबर? चीन के श्यानामान चौराहे पर 1989 में छात्र आंदोलन हुआ था. 3-4 जून को. चीन ने टैंकों से छात्र आंदोलन कुचल दिया. तब से हर वर्ष छात्र उस दिन को याद करते हैं. चीन में इस घटना की 21वीं वर्षगांठ थी.
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: एक हिंदुस्तानी की 'चिट्ठी' से हुआ खुलासा : 'हिंदुस्तान' में काम करने वाले सं...
: दो सब एडिटर भी हटाए जाएंगे : हिंदुस्तान, मथुरा से एक विकेट और गिरा : हिंदुस्...
: पेड न्यूज और पैसे की हेराफेरी के बारे में दर्जनों जगह भेजी शिकायत : दैनिक ज...
More: - दलालों की खबर छप रही, मेरी नहीं
- उज्जैन में विनोद प्रभारी, इंदौर से दो का तबादला
- अमर उजाला से पुष्पेंद्र शर्मा का इस्तीफा
- हिन्दुस्तान, इटावा में घमासान, तीन गए
- 'रांची में बहुत पैसा झोंक दिया है योर आनर'
- जागरण का न्यूज रूम इनपुट-आउटपुट में बंटा
- जवाब तलब करने पर इस्तीफा सौंपा
- सूखे को सैलाब बताने वाला उर्दू अखबार
- हिंदुस्तान, मथुरा को दिलीप व बबलू ने कहा गुडबाय
- भास्कर, उज्जैन के संपादक विवेक का इस्तीफा
- कल्पतरू एक्सप्रेस का प्रकाशन लटका
- जागरण, पानीपत के संपादक सलूजा का इस्तीफा
- पीपुल्स ग्वालियर से दो और इस्तीफे
- नीरज सिंह, अमित गर्ग और राजीव रंजन की नई पारी
- अमर उजाला, नोएडा के ब्यूरो चीफ पहुंचे जागरण
- डा. राजेंद्र रत्नेश उपनिदेशक (शोध) पद पर आसीन
- भास्कर, जम्मू की टीम फाइनल
- सुधीर सक्सेना आए हैं, नई खबर लाए हैं
- जागरण के संजय सिंह कोलकाता के आरई बने
- नईदुनिया में असिस्टेंट मैनेजर बने नरेश सिंह शेखावत
- एनई बनकर प्रभात खबर पहुंचे रंजन राजन
- मयंक मिश्रा को 'सहारा टाइम' की जिम्मेदारी
महुआ के नए एंटरटेनमेंट चैनल 'बांग्ला महुआ' को आज लांच कर दिया गया. इस चैनल ...
: एंडरसन के बारे में राजीव को कुछ न पता था : तत्कालीन गृहमंत्री नरसिंह राव व...
एडिर, भड़ास4मीडिया, मान्यवर आपके न्यूज़ पोर्टल में खबर लगी की 'कमल इंडिया न...
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लगभग एक माह से ऊपर हुए. इस विषय पर कुछेक खबरें पढ़ी थीं. तब से यह विषय या प्रसंग, मन-मस्तिष्क और विचार से उतरा नहीं. प्रसंग है, पड़ोसी देश का. पर इन खबरों के आईने में अपनी धरती, अपना मुल्क, अतीत और वर्तमान उभरे. राष्ट्रकवि मैथि...
: आजतक वाले सक्षम हैं यह काम करने में : संघियों से पूछें कुछ कठिन सवाल : याद रखें, फासिस्ट ही करते हैं मीडिया पर हमला : आजतक के नयी दिल्ली दफ्तर में आरएसएस के कुछ कार्यकर्ता आये और तोड़फोड़ की. आरएसएस की राजनीतिक शाखा, बीजेपी क...
More: : प्रमोद वर्मा स्मृति आलोचना सम्मान 2010-11 हेतु प्रविष्टियाँ आमंत्रित : रायपुर : द्वितीय प्...
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: फिल्म अभिनेता पर आरोप- अपनी नई फिल्म के प्रमोशन के लिए बिस्तर पर पड़े कार्टूनिस्ट का इस्त...
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प्रख्यात पत्रकार आलोक तोमर इन दिनों कैंसर से लड़ रहे हैं. भ्रष्ट व्यवस्था, भ्रष्ट नेताओं, ...
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: कथाकार शेखर जोशी चंद्रयान पुरस्कार से सम्मानित : कोलकाता में आयोजित एक समारोह में प्रख्यात...
More: भारत के दो हिंदी पत्रकार इन दिनों विदेश में हैं. हिंदुस्तान, लखनऊ के विशेष संवाददाता दयाशं...
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: साहित्य में शोषितों की आवाज मद्धिम पड़ी : अब कोई पक्ष लेने और कहने से परहेज करता है : अंधड़-तूफान के बाद भी जो लौ बची रहेगी वह पंक्ति में स्थान पा लेगी : समाज को ऐसा बनाया जा रहा है कि वह सभी विकल्पों, प्रतिरोध करने वाली शक्तिय...
इंटरव्यू : हृदयनाथ मंगेशकर (मशहूर संगीतकार) : मास एक-एक सीढ़ी नीचे लाने लगता है : जीवन में जो भी संघर्ष किया सिर्फ ज़िंदगी चलाने के लिए किया, संगीत के लिए नहीं : आदमी को पता चलता ही नहीं, सहज हो जाना : बड़ी कला सहज ही हो जाती है, सो...
More: लगभग एक माह से ऊपर हुए. इस विषय पर कुछेक खबरें पढ़ी थीं. तब से यह विषय या प्रसंग, मन-मस्तिष्क और विचार से उतरा नहीं. प्रसंग है, पड़ोसी देश का. पर इन खबरों के आईने में अपनी धरती, अपना मुल्क, अतीत और वर्तमान उभरे. राष्ट्रकवि मैथिलीशरण जी का कहा याद आया- 'हम कौन थे? क्या हो गये हैं? और क्या होंगे अभी? क्या ये, नहीं याद करना चाहता. अतीत पर किसका बस है? क्या होंगे?, उभरता भविष्य और वर्तमान झिलमिलाते हैं. क्या थी खबर? चीन के श्यानामान चौराहे पर 1989 में छात्र आंदोलन हुआ था. 3-4 जून को. चीन ने टैंकों से छात्र आंदोलन कुचल दिया. तब से हर वर्ष छात्र उस दिन को याद करते हैं. चीन में इस घटना की 21वीं वर्षगांठ थी. Read more... |
 शेषजी : आजतक वाले सक्षम हैं यह काम करने में : संघियों से पूछें कुछ कठिन सवाल : याद रखें, फासिस्ट ही करते हैं मीडिया पर हमला : आजतक के नयी दिल्ली दफ्तर में आरएसएस के कुछ कार्यकर्ता आये और तोड़फोड़ की. आरएसएस की राजनीतिक शाखा, बीजेपी के प्रवक्ता ने कहा कि इससे टीवी चैनलों को अनुशासन में रहने की तमीज आ जायेगी यानी हमला एक अच्छे मकसद से किया गया था, उम्मीद की जानी चाहिए कि आगे से लोग अनुशासन में रहें तो यह नौबत की नहीं आयेगी. Read more... : Task Force presents its Black draft : "A judge cannot sit in his own judgment" thus goes the argument preferred by the Union Information and Broadcasting Ministry officials who have prepared a draft for regulating media under the soothing phrases like "co-regulation" "independent body" and Broadcast Authority. Read more... : हेडलाइंस टुडे पर कथित हमला : भोपाल में एक थे (पता नहीं अब हैं या नहीं) राजा बुन्देला. उनकी एक कथित फिल्म थी 'प्रथा'. फिल्म में तथाकथित तौर पर हिंदू भावनाओं को भड़काने का मसाला था, जैसा कि बुंदेला जी का स्वयम्भू मानना था. लेकिन सवाल है कि दर्शक का जुगाड कैसे हो? अच्छी-भली फिल्मों को तो दर्शकों का टोटा झेलना पड़ता है या क्या-क्या ना सहना और झेलना पड़ता है तो आखिर 'बुंदेलों-हरबोलों' के मुंह कही कहानी सुनने की फुर्सत आजकल किसे? Read more... महाशय चिरकुट शब्द पढऩे में आपको जरूर कुछ अटपटा लग रहा होगा। वैसे तो चिरकुट शब्द लगभग सभी लोगों ने सुना होगा पर 'महाशय चिरकुट' शायद पहली बार सुन रहे होंगे। हमारा यह नायक ऐसा ही है। उसको ऐसे कहना मेरी मजबूरी है। शायद इसके अलावा मेरे पास कोई और शब्द नहीं हैं जिससे इस 'महान' आदमी को नवाज सकूं। महाशय के महान कार्यों को कागजों पर उकेर रहा हूं तो ऐसा मत समझ लीजिएगा कि यह कार्य खुशी-खुशी करने जा रहा हूं। यह भी मेरी मजबूरी है। Read more... : भाग 27 : 'दैनिक जागरण' और 'अमर उजाला' ने मेरठ की पत्रकारिता का परिदृश्य ही बदल दिया था। पहली बार मेरठ के पाठकों को अपने शहर और उसके आसपास की खबरें इतने विस्तार से पढऩे को मिलीं। अपने बीच की हस्तियों का पता चला, जिनके बारे में दिल्ली के अखबारों में कुछ नहीं छपता था। मेरठियों को इन अखबारों की आदत पड़ गयी। इससे इन अखबारों का सर्कुलेशन तेजी से बढ़ा। Read more... : निंदनीय है पत्रकारिता पर हमला, किन्तु...! : खबरिया चैनल 'आज तक' कार्यालय पर संघ कार्यकर्ताओं के हमले को जब पत्रकारिता पर हमला निरूपित किया जा रहा है तो बिल्कुल ठीक। पत्रकारों की आवाज को दबाने, गला घोंटने की हर कार्रवाई की सिर्फ भत्र्सना भर न हो, षडय़ंत्रकारियों के खिलाफ दंडात्मक कदम भी उठाए जाएं। दंड कठोरतम हो। Read more... : बेनामी की टिप्पणी-2 : भेड़िया आया.... शाम को एक एसएमएस आया कि झंडेवालान पर क्या करा दिया.... करा दिया ऐसे जैसे झंडेवालान हमारे दद्दा वसीयत में छोड़ गए थे और वहां कुछ भी हो ज़िम्मेदारी हमारी होगी.... खैर रास्ते में थे... तो घर पहुंच कर टीवी खोला... इतने तो समझदार हैं ही कि जानते हैं कि झंडेवालान में सबसे तेज़ चैनल का दफ्तर है.... Read more... | |
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प्रख्यात पत्रकार आलोक तोमर इन दिनों कैंसर से लड़ रहे हैं. भ्रष्ट व्यवस्था, भ्रष्ट नेताओं, भ्रष्ट मीडिया दिग्गजों की पोल खोलने वाला यह शख्स, अपनी लेखनी से मानवीय त्रासदियों का खुलासा कर सत्ता-संस्थानों को हिलाने वाला यह आदमी, आजकल अपने मुश्किल दिनों में गुजर रहा है. मानसिक और शारीरिक कष्टों को झेल रहा है. पर हौसला देखिए. कैंसर को मात देने में जुटे आलोक तोमर आज अपने सीएनईबी आफिस पहुंच गए, जहां वे काम करते हैं. यह तब जबकि उनकी कीमियो थिरेपी शुरू हो गई है. कई घंटे उन्हें बत्रा अस्पताल में रहना पड़ता है. कीमियो के दौर से गुजरने के बाद आलोक का आफिस जाने के लिए तैयार होना और आफिस पहुंच जाना बताता है कि अगर अंदर जिजीविषा हो तो बड़े से बड़े दुख भगाए जा सकते हैं. कष्टों को मात दिया जा सकता है. Read more... |
 कमल नौ महीने से बीमार चल रहे 43 वर्षीय वरिष्ठ पत्रकार कमल शर्मा का शनिवार को निधन हो गया. उनका अंतिम संस्कार रविवार सुबह 11 बजे गीता कालोनी स्थित श्मशान घाट पर किया जाएगा. मोटरसाइकिल से दुर्घटनाग्रस्त होने से उनके पैर में मल्टीपल फ्रैक्चर हुआ था. इससे उबरते ही दो माह बाद उन्हें ब्रेन ट्यूमर हो गया. इसका इलाज चल रहा था. शनिवार दोपहर तबियत खराब होने पर उन्हें लाइफ लाइन, फिर मैक्स बालाजी और अंत में लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. Read more... इलाहाबाद में हुए बम धमाके में यूपी के एक मंत्री के साथ घायल हुए इंडियन एक्सप्रेस के वरिष्ठ पत्रकार विजय प्रताप सिंह को इलाज के लिए दिल्ली ले आया गया है. सूत्रों के मुताबिक इंडियन एक्सप्रेस समूह ने इस संकट की घड़ी में अपने पत्रकार विजय प्रताप सिंह का जमकर साथ दिया है और उन्हें विमान से इलाजा के लिए दिल्ली ले आया गया. Read more...  कमल शर्मा कमल शर्मा को सिर्फ क्राइम रिपोर्टर कहना उचित न होगा. उन्हें जानने वाले लोग उन्हें 'दिल्ली की क्राइम रिपोर्टिंग का बादशाह' कहते थे. ब्रिलियेंट. लेबोरियस. चौबीसों घंटे चौकन्ने. कोई छुट्टी नहीं. खबर आते ही स्पाट पर. खबर मिलते ही आफिस में. ऐसे कमल शर्मा हमारे बीच नहीं रहे. कहने वाले कहते हैं कि अतिशय काम, अतिशय तनाव, अतिशय मोबाइल पर बातचीत से वे न्यूरो प्राब्लम के शिकार हो गए थे. Read more... मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में कार्यरत पत्रकारों को इस समय पुलिस जबरन फसा रही है. पत्रकारों पर एक के बाद एक फर्जी मुक़दमे लगाकर प्रताड़ित किया जा रहा है. जबकि कई बार पत्रकार समाचार संकलन करने के उद्देश्य से क्षेत्र में गए थे मगर बिना जाँच पड़ताल उन पर मुकदमे लगा जेल तक भेज दिया. विगत कई माह से कई पत्रकार पुलिस द्वारा लगाये गए फर्जी मुक़दमे से परेशान हैं. जिले की पुलिस ने पत्रकारों पर लूट व डकैती जैसे गंभीर अपराध भी लगाये हैं. Read more... भुवनेश्वर : ओडिशा में मीडियाकर्मियों के साथ हमलों की बढ़ रही संख्या के बावजूद राज्य सरकार द्वारा कोई कदम न उठाने के खिलाफ राज्य के मीडियाकर्मियों ने शुक्रवार को एक घंटा के लिए विधानसभा कार्यवाही की रिपोर्टिंग का बहिष्कार किया। Read more... वरिष्ठ पत्रकार अनवर चौहान आजकल परेशान हैं. उन्हें फोन पर धमकियां मिल रही हैं. अनवर को कहा जा रहा है कि उन्हें हलाल कर दिया जाएगा. इसके पीछे वजह अनवर द्वारा लिखी गई एक किताब है जिसमें मुसलमानों के बारे में काफी कुछ लिखा गया है. किताब का नाम है ''मैं मुसलमान और मेरा हिंदुस्तान''. धमकियां मिलने के बाद डरे अनवर ने पुलिस को पूरी कहानी लिखकर बताई है. अनवर का दिल्ली पुलिस को लिखा पत्र पढ़ेंगे तो पूरा माजरा खुद ब खुद समझ जाएंगे. -एडिटर Read more... : श्रद्धांजलि के बाद मौन जुलूस निकाला : काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन किया : पडरौना : पत्रकार तेज बहादुर की नृशंस हत्या किए जाने के विरोध में जिले के समस्त पत्रकार संगठनों से जुडे पत्रकार रविवार को नगर के डाकबंगले में जुटे और अपने गुस्से का इजहार किया। श्रद्धांजलि देने के बाद पत्रकारों ने काली पट्टी बांधकर मौन जुलूस निकाला। Read more... | |
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 : कथाकार शेखर जोशी चंद्रयान पुरस्कार से सम्मानित : कोलकाता में आयोजित एक समारोह में प्रख्यात आलोचक व जनवादी लेखक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार मिश्र ने कहा कि वर्तमान समय में साहित्य, कला व संस्कृति गहरे संकट के दौर से गुजर रहा है। Read more... |
'हंस' के सालाना आयोजन की जो रूप-रेखा प्रचारित की गई है, उसमें सबको यह आभास दिया गया कि इस बार पुलिस अधिकारी विश्वरंजन और अरुंधति राय को एक ही मंच पर लायेंगे. कई लोगों में इस पर बड़ा आक्रोश था. खासकर वाम खेमे के लोग तमाशा खड़ा करने के राजेंद्र यादव के मंसूबे से बेहद क्षुब्ध दिखे. कुछ लोगों ने अरुंधति राय को खबर कर इस संभावित तमाशे की ओर ध्यान खींचा. Read more...  नंद बाबू 1960 के पहले और बाद के दौर में अपनी रचनाओं के जरिये कभी समाजवादी तो कभी कलावादी सोच को सींचने वाले 87 साल उम्र के प्रख्यात साहित्यकार और कवि नन्द चतुर्वेदी आज भी सार्थकता के साथ बने हुए हैं। उन्होंने वाद प्रतिवादों के झंझटों से स्वयं को मुक्त मानते हुए समानान्तर रूप में आशावादी चिन्तन की द्योतक अपनी कविताओं को आगे बढ़ाया है। Read more...  वीरेनदा वीरेन डंगवाल उर्फ वीरेनदा बरेली कालेज से रिटायर हो गए. 30 जून का दिन वीरेन डंगवाल के लिए कई मायनों में न भूलने वाला रहा. एक तो यह कि उनका उनके प्यारे बरेली कालेज से कई दशकों का सीधा नाता टूट गया. अब भावनात्मक रिश्ता ही रहेगा. और, इसी 30 जून के दिन वीरेन दा ने अपने शहर बरेली में पहली बार कविता पाठ किया. गर्मी की छुट्टियों के कारण 30 जून को बरेली कालेज बंद रहा, सो, वीरेन डंगवाल के रिटायरमेंट पर कोई आयोजन नहीं किया जा सका. Read more... : उदयपुर में बनास का लोकार्पण समारोह : साहित्य संस्कृति के संचयन 'बनास' के विशेषांक ''गल्पेतर गल्प का ठाठ'' का लोकार्पण फतहसागर झील के किनारे स्थित बोगेनवेलिया आर्ट गेलेरी परिसर में एक गरिमामय आयोजन में हुआ. काशीनाथ सिंह के उपन्यास 'काशी का अस्सी' पर केन्द्रित इस अंक का लोकार्पण सुविख्यात चित्रकार पीएन चोयल, चर्चित चित्रकार अब्बास बाटलीवाला, वरिष्ठ कवि नन्द चतुर्वेदी और वरिष्ठ समालोचक नवल किशोर ने किया. Read more... राजस्थान के कवि एवं मीडियाकर्मी राजेन्द्र बोहरा की स्मृति में स्थापित पांचवे राजेन्द्र बोहरा स्मृति काव्य पुरस्कार के लिये आवेदन आमंत्रित हैं. यह पुरस्कार हिंदी कविता के प्रथम प्रकाशित काव्य संग्रह के लिये दिया जाता है. पुरस्कार की राशि पांच हजार रुपये है. Read more... : नागपुर में गडकरी बोले- हाथ से निकल गई है कश्मीर की समस्या : आज कश्मीर की स्थिति हाथ से निकल चुकी है। चीन ने भी भारत में अतिक्रमण शुरू कर दिया है। इसमें मासूम जनता बेवजह पिस रही है। कुछ दिनों बाद आसाम व तिब्बत के हालात भी ऐसे ही हो जाएंगे। यह कहना है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी का। वे पत्रकार रविंद्र दाणी की पुस्तक 'मिशन कश्मीर' के विमोचन कार्यक्रम में बोल रहे थे। Read more... विशेषांक ''गल्पेतर गल्प का ठाठ'' का लोकार्पण : साहित्य संस्कृति के संचयन 'बनास' के विशेषांक ''गल्पेतर गल्प का ठाठ'' का लोकार्पण उदयपुर के फतहसागर झील के किनारे स्थित बोगेनवेलिया आर्ट गेलेरी परिसर में एक गरिमामय आयोजन में हुआ. Read more... | |
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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/
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