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Monday, April 27, 2015

आंध्र प्रदेश में राज्यपोषित कृषक संहार को अंततः कौन रोकेगा

आंध्र प्रदेश में राज्यपोषित कृषक संहार को अंततः कौन रोकेगा

hastakshep | हस्तक्षेप

नंदीग्राम की डायरी के लेखक और यायावर प्रकृति के पत्रकार पुष्पराज हाल ही में विजयवाड़ा और गुंटूर कीलंबी यात्रा से वापिस लौटे हैं। आंद्र प्रदेश की नयी राजधानी बनाने को लेकर किस तरह किसानों की जमीन की लूट चंद्रबाबू नायडू की सरकार कर रही है, उस पर पुष्पराज ने एक लंबी रिपोर्ट समकालीन तीसरी दुनिया में लिखी है। हम यहां उस लंबी रिपोर्ट को चार किस्तों में प्रकाशित कर रहे हैं। सभी किस्तें अवश्य पढ़ें और मित्रों के साथ शेयर करके उन्हें भी पढ़वाएं।

-संपादक "हस्तक्षेप" 

लैंड पुलिंग स्कीम-फार्मर्स किलिंग स्कीम -4

लैंड पुलिंग – देश का सबसे बड़ा 'राजधानी घोटाला'साबित होगा विजयवाड़ा

Inter-cropping-Yam+Maize-copy-300x200 आंध्र प्रदेश में राज्यपोषित कृषक संहार को अंततः कौन रोकेगातेलुगूदेशम सरकार के पूर्व कृषि मंत्री वड्डे शोभनाद्रिश्वर राव मानते हैं कि राजधानी के निर्माण के नाम पर यह देश का सबसे बड़ा 'राजधानी घोटाला' साबित होगा। नायडू को ऐसी घोटाला-योजना के बजाय शिक्षा, सिंचाई और छोटे-छोटे बंदरगाहों के निर्माण और विकास को प्राथमिकता देना चाहिए था। चंद्रबाबू नायडू अपनी ही पार्टी के पूर्व कृषि मंत्री के सुझाव पर विचार करने के लिए तैयार नहीं हैं। डोंडापाड्डु गांव में लगाये गये बड़े -बड़े होर्डिंग – बैनरों में भूमिरक्षक, कृषक उद्धारक और ईश्वर के अवतारक के रूप में जिन्हें प्रस्तुत किया गया है वे कौन हैं? ये जनबा चंद्रबाबू नायडू ही हैं। आंध्र प्रदेश के मशहूर फिल्म अभिनेता पवन कल्याण ने 8 मार्च 2015 को हैदराबाद में प्रेस कांफ्रेस कर "लैंड पुलिंग स्कीम" का विरोध किया। कल्याण ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने लैंड पुलिंग स्कीम को तत्काल स्थगित नहीं किया तो हम सरकार के खिलाफ आमरण अनशन के लिए बाध्य होंगे। कल्याण ने नायडू से सवाल किया है कि क्या मैंने चुनाव में आपका इसीलिए समर्थन किया था कि आप सत्ता में आयें तो किसानों को उजाड़ देंगे।

भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने ए० पी० रिऑर्ग्नाइजेशन एक्ट के तहत राज्य के विभाजन और तेलंगाना की घोषणा के बाद आंध्र प्रदेश के लिए नयी राजधानी के विकल्प के अध्ययन के लिए सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च, दिल्ली के अध्यक्ष पूर्व आई० ए० एस० शिवराम कृष्णन के नेतृत्व में एक कमिटी गठित की थी। इस कमिटी ने 31 अगस्त 2014 को भारत सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दिया था। शिवराम कृष्णन कमिटी की अनुशंसा है कि "आंध्र प्रदेश के लिए ग्रीन फील्ड कैपिटल सिटी उपयुक्त और हितकर नहीं हो सकता है। सरकार को कैपिटल सिटी के लिए वैसे स्थल का चयन करना चाहिए, जहां सरकारी जमीन ज्यादा से ज्यादा उपलव्ध हो।" वी० जी० टी० एम० (विजयवाड़ा-गुंटूर-तेनाली-मंगलगिरी) का इलाका फूडबॉल (खाद्य का कटोरा) है। इस स्थल को कमिटी 'कैपिटल सिटी' के उपयुक्त नहीं मानती है। इस कमिटी की अनुशंसाऐं किसानों और आम नागरिकों की बुनियादी प्राथमिकताओं के आधार पर केन्द्रित है।"

शिवराम कृष्णन कमिटी के अनुसार राज्य के दूसरे क्षेत्रों के विकास को "ग्रीनफील्ड कैपिटल सिटी" बुरी तरह प्रभावित करेगा और रियल स्टेट बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। केन्द्रीकृत राजधानी और तमाम संसाधनों का एक तरफा दोहन दूसरे क्षेत्रों में असंतोष पैदा करेगा।" प्रमाण बता रहे हैं कि आंध्र प्रदेश सरकार ने सी० आर० डी० ए० एक्ट की परिकल्पना तैयार करते हुए शिवराम कृष्णन कमिटी की रिपोर्ट की अनुशंसाओं पर अमल करना जरूरी नहीं समझा। आखिर एक नयी राजधानी के लिए अधिकतम कितने जमीन की दरकार होती है। छतीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नया रायपुर विकसित करने के लिए 750 एकड़ जमीन और झारखंड की राजधानी रांची के विस्तार के लिए 2300 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया। चंडीगढ़ के निर्माण और विस्तार के लिए 15 हजार एकड़ जमीन की दरकार हुई। नयी राजधानी के लिए आवश्यक हाइकोर्ट, राजभवन, विधानसभा, सचिवालय और कर्मचारियों के आवासीय परिसर के लिए 700 एकड़ जमीन पर्याप्त है। तथ्य बताते हैं कि चंद्रबाबू नायडू नयी राजधानी के नाम पर रियल स्टेट के धंधे के लिए लैंड पुलिंग का जुल्म ढा रहे हैं। विधान सभा चुनाव में लोगांे ने गुड गर्वनेंस और जीवन स्तर उन्नत करने की मांग चद्रबाबू नायडू से की थी। नायडू से किसी ने "सुपर कैपिटल" की मांग नहीं की थी। क्या हमारे वोट से चुने गये हमारे मुख्यमंत्री को हमारी जमीन छीन कर रियल स्टेट बिजनेस करने का हक प्राप्त है?

आंध्र प्रदेश में "नूतन सिंगापुर" का अवतरण होगा तो लोगों की जिंदगी क्या खुशहाल हो जायेगी। सिंगापुर का झांसा देकर नायडू ने मीडिया को भ्रमित कर दिया है। सिंगापुर के पास आर्थिक संपदा के अलावा अपना क्या है? मलेशिया से पानी, दूध, साग व सब्जियां न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया से दाल, चावल और थाइलैंड, इंडोनेशिया से अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं के आयात पर सिंगापुर टिका हुआ है। आंध्र प्रदेश में नयी राजधानी के शगल में कृषि और प्राकृतिक संसाधन को नष्ट करने का अभियान इसी तरह जारी रहा तो "नूतन राजधानी" सिंगापुर की तरह परजीवी ही हो जाये तो आश्चर्य क्या है?

हमारे पास कैपिटल सिटी परियोजना के पीछे जारी षडयंत्रों की जानकारी प्राप्त हुई है। इसमें कुछ खबरें ऐसी हैं, जिससे भारतीय मीडिया ने हमें परिचित नहीं कराया था। सिंगापुर के पूर्व प्रधानमंत्री और एमेरिट्स मंत्री गोह चोक टांग 7 सितंबर से 11 सितंबर 2014 तक भारत की यात्रा पर थे। भारत यात्रा के दौरान गोह चोक टांग ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के० चंद्रशेखर राव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से आंध्र की विकास योजना पर विमर्श किया। गोह ने आंध्र की नयी राजधानी की स्थापना और विकास पर विशेष विमर्श किया। गोह ने नायडू और उनके सविवालय को सिंगापुर की यात्रा का आमंत्रण दिया ताकि वे सिंगापुर के विकास कार्यक्रमों का अध्ययन कर सकें और वहां के निवेशकों के नेटवर्क को ठीक से समझ सकें। यह खबर सिंगापुर के अंग्रेजी समाचार पत्र एशिया वन में 12 सितंबर 2014 को प्रकाशित हुई थी।


सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री नायडू  की पहली विदेश यात्रा सिंगापुर की हुई। 13 सदस्यीय उच्चस्तरीय अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ नायडू 12 नवंबर 2014 से 14 नवंबर 2014 तक सिंगापुर में रहे। नायडू ने साउथ एशियन बिजनेश कांफ्रेस में मुख्य अतिथि के रूप में अपना वक्तव्य दिया। पूर्व प्रधानमंत्री और एमेरिटस मंत्री गोह ने नायडू के स्वागत में रात्री भोज आयोजित किया। यहां सिंगापुर के उपप्रधानमंत्री सह वित्तमंत्री थरमनशन मुगरतनम भी मौजूद थे। सिंगापुर की सरकार ने आंध्र की नयी राजधानी के संरचनात्मक विकास में सहयोग का प्रस्ताव दिया और 'स्मार्ट सिटी' विकसित करने के लिए नायडू को प्रोत्साहित किया।

सिंगापुर के समाचार पत्र एशिया वन में 13 जनवरी 2015 को प्रकाशित समाचार के अनुसार सिंगापुर के प्रधानमंत्री कार्यालय के मंत्री एवं गृह व्यापार और औद्योगिक विकास मंत्री एस० ईश्वरन और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू ने हैदराबाद में प्रेस कांफ्रेस कर सिंगापुर और आंध्र प्रदेश के मध्य कैपिटल सिटी के विकास के लिए एम०ओ०यू० साइन की पुष्टि की है। नायडू ने सिंगापुर के 'सुरबना इंटरनेशनल कंसलटेंट एंड जूसेंग इंटरनेशनल को मास्टर प्लानर घोषित किया है। सिंगापुर के अधिकारी अब इस न्यू कैपिटल सिटी की बुनियादी संरचना को साकार करने में लग जायेंगे। सिंगापुर के 'अरबन गर्वनेंस – 2015' के 20 उच्च अधिकारियों को इस कार्य में लगाया जा रहा है। सिंगापुर के मंत्री ने कहा कि 'विश्व स्तरीय कैपिटल सिटी' की स्थापना के लिए सिंगापुर के विशेषज्ञ आंध्र प्रदेश के अधिकारियों के साथ पार्टनरशिप के बाद बेहतर नतीजे के लिए कृत संकल्पित हैं। इंडस्ट्रीयल इंफ्रास्ट्रकचर सिंगापुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टे० इन० चेओंग ने न्यू कैपिटल सिटी के विकास में सिंगापुर के पार्टनरशिप का स्वागत किया है। चेओंग ने कहा कि सिंगापुर की कई कंपनियों को आंध्र प्रदेश के विकास में सहयोग का अवसर मिलेगा। हमें जानकारी मिली है कि नायडू ने सिंगापुर के साथ जिस एम०ओ०यू० पर हस्ताक्षर किया है, उस एम०ओ०यू० पर किसी तरह की कानूनी बाध्यता लागू नहीं होगी। विवाद होने की स्थिति में किसी ट्रिब्यूनल या अदालत की मघ्यस्थता के बिना आपसी संवाद से विवाद दूर करने का प्रावधान है। यह एम०ओ०यू० आर्किटेक्ट एक्ट 1972 का उल्लंघन करता है। आर्किटेक्ट कौंसिल ने इस एम०ओ०यू० का विरोध किया है।

11 जनवरी 2015 को आंध्र प्रदेश सरकार के आई० टी० मंत्री रघुनाथ रेड्डी जब विजयवाड़ा के एक रेस्टोरेंट में चाय पी रहे थे तो अचानक सिंगापुर के अधिकारियों की एक टीम से उनका साक्षात्कार हुआ। सिंगापुर के अधिकारियों की इस टीम ने लैंड पुलिंग से प्रभावित गांवों की गुप्त यात्रा कर किसानों के आक्रोश और प्रतिरोध को समझने की कोशिश की। गुंटूर जिला के ठुल्लुर मंडल और अमरावती की यात्रा के बाद उस विशेषज्ञ समूह को सुखद आश्चर्य के साथ सुकून हुआ कि गांवों में अधिग्रहण के विरूद्ध हवा नहीं है। आंध्र सरकार के माननीय मंत्री सिंगापुर के अधिकारियों की गुप्त यात्रा से पहले चकित हुए फिर उन्होंने राहत की सांस ली कि इस गुप्त यात्रा के दौरान उनके साथ कुछ अप्रिय तो नहीं हुआ।

सिंगापुर सरकार और आंध्र प्रदेश सरकार के साथ एम०ओ०यू० साइन होने के बाद 26 फरवरी 2015 को दूसरी बार नायडू ने सिंगापुर के राजदूत और मंत्री समूह के साथ प्रेस कांफ्रेस कर कैपिटल सिटी की दिशा में हो रहे विकास की अद्यतन जानकारी दी। सिंगापुर के कानून व विदेशी मामलों के मंत्री के० शंभुगम ने कहा कि सिंगापुर की एजेंसी कैपिटल सिटी के मास्टर प्लान का पहला ड्राफ्ट जून माह में आंध्र सरकार को सौंप देगी। जानकारी मिली है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री इसी 29 मार्च को सिंगापुर की यात्रा पर रवाना हो रहे हैं। अभी यात्रा कार्यक्रम सार्वजनिक नहीं किया है ताकि सिंगापुर यात्रा को विवादित होन से बचाया जाये। इधर 15 मार्च 2015 को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्टाइन लगार्डे ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री अरूण जेटली से मुलाकात कर भारत के विकास दर में गति लाने के लिए भूअधिग्रहण प्रक्रिया को ज्यादा लचीला और आसान बनाने की सलाह दी है

आई०एम०एफ० प्रमुख लगार्डे को आंध्र सरकार की "लैंड पुलिंग स्कीम" से अवगत होकर सुखद संतोष हुआ होगा। आंध्र प्रदेश सरकार की न्यू कैपिटल सिटी मैराथन यात्रा को आप देख रहे हैं तो गौर करें, भारत के विकास का मार्गदर्शक कौन है। आंध्र प्रदेश में भूअधिग्रहण के लिए अपनाये गये "लैंड पुलिंग" का मॉडल सफल हो गया तो केन्द्र की भाजपा सरकार "लैंड पुलिंग" के आंध्रा मॉडल का अनुसरण करते हुए दुनिया के उद्योगपतियों के चरणों में भारतीय कृषि भूमि को समर्पित कर सकती है। सत्ता के शातिर दिमाग पर कड़ी निगरानी की जरूरत है।

एम० जी० देवसहायम ने आंध्र प्रदेश सरकार की कृषक-विरोधी नीति पर अंग्रेजी का एक मुहावरा तैयार किया है। "एलीफेंट इन द रूम, फार्म लैंड इन रियल स्टेट, टोटल विन-विन फॉर रिएलटरस" (हाथी कमरे में घुस गया और कृषि क्षेत्र में रियल स्टेट का प्रवेश हो गया, मतलब रियल स्टेट की पूरी जीत हो गयी)। अगर आप "लैंड पुलिंग स्कीम" को "फार्मर्स किलिंग स्कीम" मानने के तैयार हैं तो आपको इस सवाल का जवाब भी ढ़ूँढना होगा कि आंध्र प्रदेश में राज्यपोषित कृषक संहार को अंततः कौन रोकेगा?

गुंटूर-विजयवाड़ा से लौटकर – पुष्पराज

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THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

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