Welcome

Website counter
website hit counter
website hit counters

Tuesday, March 11, 2014

राजनीतिक संरक्षण के तहत सीमा के आर पार हर तरह की तस्करी बेलगाम,सुरक्षा बंदोबस्त से हालात बदल नहीं रहे हैं

राजनीतिक संरक्षण के तहत सीमा के आर पार हर तरह की तस्करी बेलगाम,सुरक्षा बंदोबस्त से हालात बदल नहीं रहे हैं

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

राजनीतिक हवा गरम बांग्लादेश में हो या भारत में हो,रंग बिरंगे तस्करों के पौ बारह है।बंगाल भर में इन तस्करों के मजबूत राजनीतिक चेहरे हैं और सीमाई इलाकों के तमाम वोटबैंक उनके यहां नजरबंद हैं।इनकी सक्रिय मदद के बिना कोई पार्टी चुनावी जंग फतह कर ही नहीं सकती। हाल में बयालीस करोड़ के सोने के साथ पकड़े गये अब्दुल बारिक विश्वास न सिर्फ स्तानीय पंचायत समिति के नेता हैं,बल्कि वे विधायक फिल्म स्टार देवश्री राय के साथ तस्वीरों में है। अब्दुल बारीक सोने के साथ गायों की तस्करी के लिए भी मशहूर है।यह एक उदाहरण है जो अपवाद नहीं है। दक्षिण 24 परगना से लेकर उत्तरबंगाल तक विस्तृत सीमाई इलाकों में तस्करी रोजगार का सबसे फायदेमंद कुटीरउद्योग है।बेरोजगारी के आलम में लोग या तो बंगाल बाहर चले जाते हैं रोजगार के लिए या फिर तस्करगिरोहों के चपेट में आ जाते हैं।


इन इलाकों में अपहरण,फिरौती और तमाम आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले भी ये राजनेता तस्कर हैं,जिनके खिलाफ पुलिस प्रशासन की कार्रवाई की कोई सूरत नहीं बनती।सोना और विदेशी मुद्रा तो फिर भी गनीमत है,पशु और उपभोक्ता सामग्रियों की तस्करी भी उतनी नुकसान देह नहीं है।लेकिन नारी देह,मादकद्रव्यों की तस्करी का नेटवर्क इतना तगड़ा है कि सीमापार के तमाम गांवों से जिंदा गोशत की सप्लाई घरेलू बाजार और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक में बेरोकटोक होती है।काम दिलाने के बहाने लड़कियां बहुत आसानी से कोलकाता,दिल्ली मुंबई होकर सीध नरक में दाखिल करा दी जाती हैं।इन इलाकों में शादी और रिश्तेदारी की आड़ में भी देहतस्करी का धंधा खूब फल फूल रहा है। सीमा के आर पार के तमाम इलाकों से लड़कियों की तस्करी बाकायदा राजनीतिक मदद से होती है।गाय चोर, देहबाजार के दल्ला,फिरौती मास्टर,सोना करेंसी के महीन तस्कर कारीगर सारे के सारे किसी न किसी राजनीतिक दल से जुड़े हैं।इसके अलावा भारत-बांग्लादेश सीमा पर सक्रिय तस्कर वस्तुओं की तस्करी के लिए बड़े पैमाने पर बच्चों का इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों द्वारा पकड़े जाने पर वे उनकी सहानुभूति हासिल कर सकें। अकेले मुर्शिदाबाद जिले में ही कम से कम 300 बच्चे अवैध सामान को सीमा पार ले जाने के धंधे में लिप्त हैं।जानवरों व चावल की तस्करी अक्सर इसलिए होती है, क्योंकि दोनों देशों में इन वस्तुओं की कीमतों में काफी अंतर है, वहीं बच्चों का इस्तेमाल अक्सर खांसी के सिरप, फेंसेडिल की तस्करी के लिए किया जाता है।



जलपाईगुड़ी ज़िले में पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बांग्लादेश की सीमा के पास एक गांव में गांववालों ने चार लोगों के हाथ-पैर बांध कर उन्हें जिंदा जला दिया।


सिलीगुड़ी के पुलिस आयुक्त जगमोहन ने कहा, "हो सकता है ये मौतें पशु तस्करों के दो गिरोहों की आपसी भिड़ंत का नतीजा हो. पूरी जांच के बाद ही हकीकत सामने आएगी।"


लोगों को संदेह था कि यह चारों लोग गांव में पशुओं को चुराने आए हैं. सीमावर्ती इलाके में पशुओं की तस्करी एक गंभीर समस्या है।


समय-समय पर भारी तादाद में पशुओं को चुरा कर सीमा पार भेजने के मामले सामने आते रहते हैं। आमबाड़ी के जिस बलरामपुर गांव में यह वारदात हुई, वहां भी पशुओं की चोरी के मामले बढ़ रहे हैं। गांव वालों ने पुलिस से कई बार इसकी शिकायत की थी।



पुलिस तो इन्हें हाथ भी नहीं लगाती।स्थानीय लोग होने के कारण वे सुरक्षा इंतजामात के अनेक छेद निकाल लेते हैं और आसानी से मिस्टर इंडिया की तर्ज पर अदृश्य तौर पर सीमा के आर पार होते हैं।सीमा पर तैनात दोनों ओर के कुछ लोगों को नकद भुगतान करके रियायतें हासिल कर लेना भी आम बात है।


सीमा क्षेत्रों से लेकर कोलकाता तक विदेशी मुद्रा और नकली नोट का कारोबार जोरों पर है।सोना तो कहीं भी पिघलकर आर पार होता है।बांग्लादेश सीमा से इन दिनों बड़े पैमाने पर सोने की तस्करी हो रही है। बांग्लादेश सीमा पर तैनात बॉर्डर सिक्यूरिटी फोर्स (बीएसएफ) साउथ बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने पिछले महीने में सीमा के नजदीक से लगभग 7 किलोग्राम सोना (अनुमानित मूल्य 1 करोड़ 83 लाख) जब्त किया था। यही नहीं,हाल में कोलकाता के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक यात्री के यहां से 611.6 ग्राम सोना बरामद किया गया। कस्टम्स की एयर इंटेलीजेंस यूनिट के सहायक आयुक्त आर. मीणा ने बताया कि नन्दलाल भागुमल कृष्नानी नामक यात्री इंडिगो एयरलाइन्स की उड़ान से बैंकाक से यहां आया था। उसने हाथ में सोने का बेस्लेट पहन रखा था। उसके पास सोने के चार बार थे। जूते की एड़ी में एक को छुपा रखा था। एयर इंटेलीजेंस यूनिट ने सोना को जब्त कर लिया है। इसकी कीमत 18 लाख 67 हजार 320 रूपए है।पिछले तीन महीनों में यहां 80 किलो से ज्यादा सोना जब्त किया गया है।


इससे पहले कस्टम्स अधिकारियों ने पिछले सप्ताह ही एयरपोर्ट पर खड़े एक विमान के टायलेट से 7.22 करोड़ रुपये कीमत का लगभग 24 किलो सोना जब्त किया था। यह सोना एक-एक किलो वजन के बिस्किटों की शक्ल में था। सफाई कर्मचारियों ने विमान की सफाई के दौरान टायलेट में दो बैग पड़े देखे। उनको खोलने पर सोना बरामद हुआ। इस सोने का कोई दावेदार सामने नहीं आया ।वह विमान दुबई और बैंकॉक समेत देश के कई शहरों की उड़ान भरने के बाद कोलकाता पहुंचा था। उसके दो दिन बाद फिर साढ़े तीन किलो सोना बरामद किया गया। असिस्टेंट कस्टम्स कमिश्नर आर.एस. मीना ने तब कहा,, "यह सोना पैकेटों में बंद था और इसे एक कूरियर कंपनी के जरिए अवैध तरीके से मुंबई भेजा जा रहा था।" जांच के दौरान संदेह होने पर अधिकारियों ने उन पैकेटों को खोला। उनमें सोना भरा था। इन दोनों मामलों में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई।



जाहिर है कि कोलकाता सोने की तस्करी के केंद्र के तौर पर उभर रहा है। सोने पर आयात शुल्क बढ़ाने के बाद इसकी तस्करी में अचानक तेजी आई है।


दो चार छापे ,दो चार गिरप्तारियों से तंत्र नहीं टूटता। देह बाजार के अलावा मादकद्रव्यों का जो कारोबार अबाध चल रहा है,उसका ताजा सबूत कोलकाता के पीजी मेडिकल कालेज में  एक इंटर्न की मौत के बाद ड्रग नेटवर्क के खुलासे से हुआ है।सबसे खतरनाक बात तो यह है कि इलीट शैक्षणिक संस्थानों के हास्टलों से लेकर रैव पार्टियों और फिल्मी दुनिया तक में भी इस बेलगाम नेटवर्क की गहरी पैठ है।


उत्तर चोबीस परगना ,दक्षिण 24 परगना से लेकर मालदह मुर्शिदाबाद तक के सीमाई गांवों में नशा कारोबार का कैंसर इतना लाइलाज है कि हेरोइन और ब्राउन शुगर नाश्ता है रोज का।खेतों खलिहानों में कामकाजी हाथों की शिराओं धमनियों में यह कैंसर बहता है तो घर की जवान औरतें भी नशा की शिकार हैं।आपको सबूत चाहिए तो ज्यादा दूर जाने की जरुरत नहीं है, हासनाबाद या वनगांव,माजदिया या लालगोला के आसपास किसी भी गांव में दो चार दिन रहकर देखें कि कैसे हर रोज मौत दबं पांव बिना आहट इस कैंसर की आड़ में आखेट करती है।


पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के सीमाई इलाकों से हर साल करोड़ों रुपए के नकली नोट भारत आ रहे हैं। पश्चिम बंगाल का मालदा जिला नकली नोटों की तस्करी का सबसे आसान जरिया बन गया है। यहां सीमा के दोनों तरफ घनी आबादी है। बीच में बांस और बल्लियों की दीवार खड़ी की गई है। काम के सिलसिले में गांववाले यहां से वहां जाते रहते हैं इसके लिए हर गांव में एक दरवाजा बनाया गया है। बीएसएफ जवानों की निगरानी में इस गेट से लोगों का आना-जाना होता रहता है लेकिन सीमा पर हो रही हर हरकत पर नजर रख पाना मुमकिन नहीं है और इसी का फायदा उठाकर बांग्लादेश से नकली नोटों की खेप भारत पहुंचाई जा रही ।


पुलिस इन्हें छूने की हिम्मत भी नहीं करती क्योंकि राजनीतिक चेहरे की चमक की चकाचौंध में इन इलाकों में दिशाएं गुम हैं।


हालत कितनी संगीन है कि इसीसे अंदाजा लगाइये कि भारत सरकार ने भी माना है कि उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के निकट अनेक स्थानों से भारत में नकली नोटों की तस्करी की जा रही है।लेकिन भारत सरकार भी स्थानीय राजनीति के तिलिस्म को तोड़ने के बारे में कोई हस्तक्षेप करने के काबिल नहीं है।

   

गौरतलब है कि वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने राज्यसभा को बताया है कि गह मंत्रालय के अनुसार, ऐसी कोई विशिष्ट सूचना नहीं है जिससे पता चले कि आजमगढ़ और उसके निकटवर्ती क्षेत्र देश में नकली नोटों के प्रसार के केंद्र बने हुए हैं। लेकिन सूचना से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट अनेक स्थानों से भारत में नकली नोटों की तस्करी की जा रही है।

   

उन्होंने नंदी येल्लैया के प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा उपलब्ध सूचना के अनुसार इस साल 30 जून तक जब्त नकली भारतीय नोटों का अंकित मूल्य 16.29 करोड़ रूपये था। उन्होंने बताया कि 2012 में जब्त नकली भारतीय नोटों का अंकित मूल्य 32.63 करोड़ रूपये और 2011 में 29.40 करोड़ रूपये था।

   

चिदंबरम ने बताया कि नकली भारतीय नोटों की समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं और गृह मंत्रालय में एक विशेष एफआईसीएन समन्वय समूह भी गठित किया गया है ताकि देश की विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच जानकारी साक्षा की जा सके।


उत्तर 24 परगना जिले के बसीरहाट इलाके में विशेष अभियान चलाकर डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेन्स (डीआरआई) ने 45 किलोग्राम सोना बरामद किया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत लगभग 13 करोड़ रूपए आंकी गई है। इस सिलसिले में अब्दुल बारिक और मक्साद मंडल नामक दो लोगों को गिरफ्तार किया है। अब्दुल स्थानीय तृणमूल नेता है। मक्साद उसका वाहन चालक है। दोनों को रविवार को कोलकाता के बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया।


अदालत ने हिरासत में भेज दिया। दोनों से पूछताछ की जा रही है। डीआरआई सूत्रों के अनुसार सोना बांग्लादेश से तस्करी कर लाया गया था। इतना सोना कैसे और किसके मार्फत मंगाया गया? इसका पता नहीं चल पाया है। जांच की जा रही है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि अब्दुल लम्बे समय से तस्करी के धंधे में लिप्त था। वह पशुओं की तस्करी भी करता था। एक समय वह इलाके का कुख्यात समाजकंटक था। पुलिस में उसके खिलाफ मामले भी दर्ज हैं।


देश में महिला तस्करी की समस्या सुलझाने की दिशा में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। खासकर भारत बांग्लादेश सीमा से सटे इलाकों में महिलाओं की तस्करी का धंधा कुटीर उद्योग की तरह बेरोकटोक चल रहा है। सीमा के आर पार तस्करों की अबाध आवाजाही से सामान्य कानून व्यवस्था की समस्या के तौर पर इस समस्या से निजात पाना मुश्किल है। बहरहाल इस दिशा में पहली बार भारत और बांग्लादेश ने मिलकर हालात सुधारने का बीड़ा उठाया है। आतंकवाद से निपटने के लिए दोनों देशों के बीच जो सहयोग हैए उसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए भारत और बांग्लादेश ने महिलाओं की तस्करी से निपटने के लिए एक समझौता पत्र पर दस्तखत कर दिये हैं।साफ जाहिर है कि छिटपुट धरपकड़ और दबिश, छापेमारी से इस समस्या का हल निकालना मुश्किल है।आतंकविरोधी अभियान की जैसी द्विपक्षीय मुश्तैदी के बिना महिलाओं की व्यापक तस्करी रोकने का उपाय नहीं है, ढाका और दिल्ली ने यह महसूसते हुए इस मउ के तहत पीड़ित महिलाओं के पुनर्वास के लिए भी प्रावधान किये हैं ताकि बचायी गयी महिलाएं फिर गलत हाथों में इस्तेमाल न हों।


गौरतलब है कि महिलाओं की तस्करी का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव बंगाल में है।भारत में कहीं भी बंगाल से उठायी गयी महिलाएं खुले बाजार में दिखती और बिकती हैं।पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता शहर पूर्वी भारत में महिलाओं की तस्करी और खरीद.फ़रोख्त के सबसे बड़े केंद्र के तौर पर उभरा है। राज्य के ग्रामीण इलाकों में गरीबी व पड़ोसी बांग्लादेश व नेपाल से लगी लंबी सीमा इसकी बड़ी वजह है।नेशनल क्राइम रिकार्डस ब्यूरो के जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार राज्य में महिलाओं की खरीद.फ़रोख्त का धंधा तेजी से फ़ल.फ़ूल रहा है। वर्ष 2011 में राज्य में महिलाओं की खरीद.फ़रोख्त का आँकड़ा आठ हजार तक पहुँच गया। लेकिन गैर सरकारी संगठनों के मुताबिक असली तादाद इससे कहीं बहत ज्यादा हैए यह आंकड़ा तो उन मामलों के आधार पर तैयार किया गया है जो पुलिस तक पहंचे हैं। राज्य सरकारें इसे रोक पाने में अभीतक नाकाम हैं। सीमांतवर्ती गांवों में सर्वत्र महिलातस्कर अंतरराष्ट्रीय गिरोह सक्रिय है और घर घर में लापता महिलाओं की दास्तां सुनी जा सकती है।राज्य पुलिस और प्रशासन में बैठे लोग अबतक दूसरे राज्यों और बांग्लादेश के अधिकारियों के साथ बैठक करके ही तस्कर गिरोहों से निपटने की कोशिश करते थे, लेकिन सीमा के आरपार धड़ल्ले से जारी इस कारोबार के संदर्भ में कोई द्विपक्षीय समझौता न होने कारण कामयाबी कम ही मिल पा रही थी।अब हुए समझौते के तहत द्विपक्षीय रणनीति तस्करी रोकने और उद्धार की गयी महिलाओं के पुनर्वास के लिए बनायी गयी है।


बंगाल में समाज कल्याणए नारी व शिशुकल्याण सचिव रोशनी सेन ने जानकारी दी है किइस समझौते पत्र पक दस्तखत हो गये हैं।अब स्टैंडर्डआपरेशनल प्रोसिडिउर के मसविदे पर बांग्लादेश की हरी झंडी मिलते ही इस रणनीति पर तेजी से अमल शुरु हो जायेगा।गौरतलब है कि बंगाल के सीमावर्ती इलाकों से ही भारत में सबसे ज्यादा महिलाओं की तस्करी होती हैं। जिन्हें सीधे महाराष्ट्र बेज दिया जाता है। इस सिलसिले में महाराष्ट्र पुलिस से भी बात हो चुकी है और बंगाल के अफसरान दिल्ली में बैठक कर आये हैं,इसी मंथन के तहत यह द्विपक्षीय समझौता हो गया।​

​​

​बंगाल के समाज कल्याम विभाग के मुताबिक हाल में महाराष्ट्र के निषिद्ध इलाकों से ५६ महिलाओं को बरामद कर बंगाल लाया गया तो पाया गया कि इनमें से ज्यादातर बांग्लादेशी हैं।इस तरह अनेक महिलाओं को कानूनी जटिलता की वजह से वापस बांग्लादेश भेजना असंभव है। समझौते में इस समस्या से निपटने के उपाय किये गये हैं।


ताजा अध्ययनों से साफ है कि राज्य में महिलाओं की बढ़ती तस्करी में पड़ोसी देशों की भी अहम भूमिका है। वर्ष 2001 की जनगणना के मुताबिक, देश में सबसे ज्यादा आबादी वाले दस जिलों में से पांच इसी राज्य में हैं और इनमें से तीन.उत्तर व दक्षिण 24.परगना और मुर्शिदाबाद बांग्लादेश की सीमा से सटे हैं।राज्य की लगभग एक हजार किमी लंबी सीमा बांग्लादेश से सटी है। इसके जरिए गरीबी की मारी बांग्लादेशी महिलाओं को कोलकाता स्थित दक्षिण एशिया में देह व्यापार की सबसे बड़ी मंडी सोनागाछी में लाया जाता है और यहां से उनको मुंबई व पुणे जैसे शहरों के दलालों के हाथों बेच दिया जाता है। सीमा सुरक्षा बल ;बीएसएफ के एक अधिकारी कहते हैं कि सीमा पार से आने वाली महिलाओं को देख कर यह पता लगाना मुश्किल है कि कौन घुसपैठिया है और किसको तस्करी के जरिए यहां लाया जा रहा है। इसी तरह नेपाल से सिलीगुड़ी कॉरीडोर से युवतियों को बेहतर नौकरियों का लालच देकर यहां लाया जाता है।


राज्य खुफिया विभाग की एक रिपोर्ट और महिला तस्करों के चंगुल में पड़ने वाली एक युवती जरीना खातून की मां जहूरा बीबी की ओर से दायर एक याचिका के आधार पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने मई, 2010 में महिला तस्करी के मुद्दे का संज्ञान लिया था। तब एडवोकेट जनरल बलाई राय ने अदालत को बताया था कि वर्ष 2009 के दौरान राज्य के विभिन्न जिलों से ढाई हजार नाबालिग युवतियां गायब हुई थीं।जरीना भी उसी साल गायब हुई थी और तबसे से आज तक उसका कोई पता नहीं चल सका है। उसके बाद के वर्षों में तमाम कोशिशों के बावजूद यह तादाद और बढ़ी है। सरकार वर्ष 2011 में गायब होने वाली युवतियों और महिलाओं का कोई आंकड़ा अब तक तैयार नहीं कर सकी है।अब सरकार ने खुफिया विभाग में यूनाइटेड नेशन्स ऑफिस ऑफ ड्रग एंड क्राइम ;यूएनओडीसी के सहयोग से एक मानव तस्करी निरोधक शाखा का गठन किया है। इसकी एक इकाई बांग्लादेश सीमा से लगे मुर्शिदाबाद जिले में स्थापित की जाएगी।




19 फरवरी 2013

आईबीएन 7


बांग्लादेश की जमीन से आईएसआई एक नई साजिश रच रहा है। भारत की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाने की खतरनाक साजिश और अपने इस नापाक मकसद के लिए पाकिस्तान पश्चिम बंगाल के उन इलाकों का इस्तेमाल कर रहा है, जो बांग्लादेश की सीमा से सटे हैं। पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के सीमाई इलाकों से हर साल करोड़ों रुपए के नकली नोट भारत आ रहे हैं। पश्चिम बंगाल का मालदा जिला नकली नोटों की तस्करी का सबसे आसान जरिया बन गया है। पश्चिम बंगाल का मालदा जिला नकली नोटों की तस्करी की पड़ताल के लिए आईबीएन7 देश की सीमा पर बसे मालदा के उन गांवों में जा पहुंचा। जहां हमारे और पड़ोसी मुल्क के गांव महज कुछ कदमों की दूरी पर हैं। सबसे आईबीएन7 का कारवां पहुंचा चुरिअंतपुर गांव में। यहां सीमा के दोनों तरफ घनी आबादी है। बीच में बांस और बल्लियों की दीवार खड़ी की गई है। काम के सिलसिले में गांववाले यहां से वहां जाते रहते हैं इसके लिए हर गांव में एक दरवाजा बनाया गया है। बीएसएफ जवानों की निगरानी में इस गेट से लोगों का आना-जाना होता रहता है लेकिन सीमा पर हो रही हर हरकत पर नजर रख पाना मुमकिन नहीं है और इसी का फायदा उठाकर बांग्लादेश से नकली नोटों की खेप भारत पहुंचाई जा रही ।


बीएसएफ के जवान इस तरीके से तस्करी रोकने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं लेकिन हर बार तस्कर कोई नया रास्ता निकाल लेते हैं, लेकिन कहानी इतनी सीधी नहीं है। बांग्लादेश से नोटों के बंडल भला कोई क्यों फेंकेगा। आखिर गांववालों को पैसा क्यों दिया जाता है। इन सवालों की तफ्तीश करते हुए कुछ नए खुलासे सामने आए। पता चला कि भारत से हर रोज करीब 5 हजार जानवर बांग्लादेश भेजे जा रहे हैं। सीमा से सटे 260 गांवों में कौन-कौन इस तस्करी में शामिल है, पता कर पाना मुश्किल है लेकिन जानवरों की इस तस्करी के बदले हर रोज करोड़ों रुपए के नकली नोट भारत आ रहे हैं।


नाइट विजन कैमरे से ली गईं तस्वीरों से देखने पर पता चलता है कि रात के अंधेरे में कैसे गांववाले बीएसएफ जवानों को चकमा देने की कोशिश करते हैं। पहले कुछ लोग फेंसिंग के पास जाकर टोह लेते हैं, रास्ता साफ दिखने पर वो अपने कुछ और साथियों को बुला लेते हैं। फेंसिंग के दूसरी तरफ भी हलचल होने लगती है फिर तस्करों ने चुटकियों में तीन बड़े-बड़े बांसों की मदद से क्रेन तैयार कर लिया और फिर जानवरों को रस्सी से बांस की इस क्रेन से बांध दिया जाता है। मिनटों में बांस-बल्ली की ऊंची दीवार पार करा दी जाती है।बीएसएफ के जवानों के लिए ये रोज की बात है। बीएसएफ के जवान तस्करों पर धावा भी बोलते हैं लेकिन स्थानीय लोगों की मदद मिलने की वजह से ज्यादा तस्कर बच निकलते हैं।


बीएसएफ ने सीमा से सटे गांवों में 2010 में 21 लाख रुपए, 2011 में 40 लाख रुपए, 2012 में 60 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किया था। लेकिन सूत्रों के मुताबिक ये बरामदगी भारत आने वाले नकली नोटों का पांच फीसदी भी नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक हर दिन 50 करोड़ रुपये का नकली नोट भारत में आ रहा है जिसमें ज्यादातर मालदा के रास्ते से आता है।

मालदा के गांवों से हो रही तस्करी ने भारत सरकार को चिंता में डाल दिया है। हालत ये है कि एनआईए की टीम ने मालदा में डेरा डाल लिया है। दरअसल एनआईए की चिंता इसलिए बढ़ गई है क्योंकि जानवरों की तस्करी और नकली नोटों के इस खेल में बांग्लादेश का प्रशासन भी तस्करों की मदद कर रहा है। नकली नोट का भारत आना कोई नई बात नहीं है, लेकिन नकली नोटों की तस्करी के जो नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं, उसने सुरक्षाबलों को परेशानी में डाल दिया है। सीमा पर बीएसएफ और तस्करों के बीच डाल-डाल और पात-पात का खेल चल रहा है। तमाम खतरों को दरकिनार कर लोग सिर्फ इसलिए इस खेल में शामिल हैं, क्योंकि इससे उन्हें कम वक्त में मोटा मुनाफा हासिल होता है।


मालदा से बांग्लादेश भेजे जाने वाले जानवरों में से सबसे सस्ता जानवर भी कम से कम 20 हजार रुपए में बिकता है। हमारे यहां 5 हजार में मिलने वाला बैल बांग्लादेश पहुंचते-पहुंचते 50 हजार रुपए का हो जाता है। अब अगर हर रोज करीब 5 हजार जानवर सीमा पार भेजे जाते हैं तो ये कारोबार करीब 10 करोड़ रुपए का हो जाता है। अगर इतना ही होता तो ये मामला सिर्फ जानवरों की अवैध तस्करी का होता, लेकिन सीमा पार से तस्करों को एक खास ऑफर दिया जाता है। उन्हें असली नोटों के साथ नकली नोट मिलाकर दिया जाता है और असली कीमत से तीन गुना ज्यादा रकम दी जाती है। यानी 4 करोड़ के जानवर भेजने पर सीमापार से 12 करोड़ के नोट आते हैं, जिसमें करीब आधे नकली नोट होते हैं। तीन गुना ज्यादा कमाई के चक्कर में गांववाले हर खतरा उठाने को तैयार रहते हैं।


मालदा-बांग्लादेश की सीमा पर 44 किलोमीटर हिस्से में नदी है। तस्करों ने नदी के तेज बहाव को भी अपने कारोबार का हिस्सा बना लिया है। पानी का बहाव तेज होने पर भारत से जानवरों को नदी के रास्ते बांग्लादेश भेज दिया जाता है। तस्करी की ये भी बड़ी वजह है कि बांगलादेश खुद तस्करी को बढ़ावा दे रहा है। भारत से तस्करी कर लाए गए जानवरों पर बंगलादेश बाकायदा टैक्स लेता है। टैक्स देते ही तस्करी के जानवर बिल्कुल लीगल हो जाते है। मालदा से सटे गांवों में फैली गरीबी भी यहां के लोगों को तस्करों की मदद के लिए मजबूर कर देती है। गांव के ज्यादातर लोग बीड़ी बनाकर अपना गुजारा करते हैं। ऐसे में तस्करों की ओर दिए जाने वाले लालच को वो ठुकरा नहीं पाते और यही वजह है कि तमाम एहतियात के बावजूद सीमा पार से नकली नोटों का भारत आना जारी है।




পাচারের সোনা রুখতে গোয়েন্দাদের গুলি করতে চেয়েছিল আব্দুল


অমিত চক্রবর্তী ও অতনু দাস


কলকাতা ও বারাসত: অল্পের জন্য বড় বিপদ থেকে বেঁচে এখন কিছুটা স্বস্তিতে কেন্দ্রীয় রাজস্ব গোয়েন্দা অফিসাররা৷ রবিবার সকালে বেলিয়াঘাটায় শাসনে কালিয়ানিবিলের কাছে দ্রুত বেগে আসা গাড়িটা দাঁড় করাতেই চালকের পাশে বসা ব্যক্তি নিজের কোমরে পিছনে হাত দিয়ে ছিলেন৷ এক অফিসার প্রায় ঝাঁপিয়ে পড়ে হাত চেপে ধরেন তার৷ অন্য অফিসাররা তাঁর কোমর থেকে বের করে আনেন লোডেড নাইন এমএম পিস্তল৷ কয়েকটি ব্যাগে প্রায় ৪৪ কেজি সোনা সমেত বসিরহাটের কুখ্যাত পাচারকারী আব্দুল বারিক বিশ্বাসকে ধরতে গিয়ে এমনই অভিজ্ঞতা কেন্দ্রীয় সংস্থার অফিসারদের৷ ধৃতের বিরুদ্ধে খুনের চেষ্টার অভিযোগও এনেছে কেন্দ্রীয় সংস্থাটি৷


জেলে গিয়ে ধৃত বারিককে এখন জেরা করে কয়েকটি নাম পেয়েছেন তদন্তকারীরা৷ যদিও বসিরহাটের সংগ্রামপুর এলাকায় বারিকের প্রাসাদপোম বাড়ি আর সেখানে পৌছোনোর রাস্তা এখন ঘিরে রেখেছে তার গ্যাংয়ের ছেলেরা৷ নেতা-মন্ত্রী-পুলিশকে পকেটে পুরে রাখা বারিক যে কখনও গ্রেপ্তার হতে পারে তা কল্পনাও করেনি বসিরহাট৷ কিন্ত্ত সত্যি-ই এখন তা ঘটায় আতঙ্ক ছড়িয়েছে গোটা এলাকায়৷


গরু পাচারের পান্ডা আব্দুল বারিক বিশ্বাস যে বেশ কিছুদিন ধরেই ও-পার থেকে সোনা আনছে, সে খবর ছিল রেভিনিউ ইনটেলিজেন্সের গোয়েন্দাদের কাছে৷ বারিককে ধরার পর কিছুটা বিস্মিত রেভিনিউ ইনটেলিজেন্সের অফিসাররাও৷ এক অফিসার বলেন, 'এর আগে বহরমপুরে প্রায় ৫৮ কেজি সোনা ধরা পরেছিল৷ সেই সোনা গাড়ির মেঝেতে আলাদা খাপ তৈরি করে রাখা ছিল৷ ফলে তা উদ্ধার করতে বেশ বেগ পেতে হয়েছিল৷ কিন্ত্ত এ ক্ষেত্রে, ছোট ছোট ব্যাগে ভর্তি করে চালকের পাশে, গাড়ির পিছনের আসনের নীচে রাখা ছিল সোনা৷ এত খোলাখুলি তা রেখে দেওয়ায় সোনা উদ্ধার করতে অসুবিধা হয়নি৷ কিন্ত্ত এ ক্ষেত্রে বোঝা গিয়েছে, কোনও তল্লাশি হবে না বলে পাচারকারী আত্মবিশ্বাসী ছিল৷' ধরা পরার মূহুর্তে সে যে আগ্নেয়াস্ত্র বের করার চেষ্টা করেও সফল হয়নি সে জন্য নিজেদের বরাতকেও বাহবা দিচ্ছেন অফিসাররা৷ যদিও ওই আগ্নেয়াস্ত্র লাইসেন্সড বলে দাবি করেছে আব্দুল৷ তার কাগজপত্রের খোঁজ করছেন অফিসাররা৷


কোনও নির্দিষ্ট ডেরায় নয়, কলকাতার রাস্তায় কয়েকজন এজেন্টের কাছে পেঁৗছে দেওয়ার জন্যই ছোট ছোট ব্যাগে সোনা ভাগ করে রাখা হয়েছিল বলে জেরায় জেনেছেন তদন্তকারীরা৷ যাদের কাছে পৌঁছে দেওয়ার কথা বলেছে ধৃত, তাদের সন্ধানে এখন হন্যে হয়ে ঘুরছেন গোয়েন্দারা৷ কেন না কোনও শপিং মলের সামনে বা কোনও রেস্তোঁরার পাশে সোনা হাতবদল হওয়ার কথা ছিল৷ ফলে এজেন্টদের নাম বললেও কোনও ঠিকানা না পাওয়ায় তাদের খুঁজে পাওয়া দুষ্কর বলে মনে করছেন অফিসাররা৷ যে সোনা পাওয়া গিয়েছে তার অধিকাংশেই সুইজারল্যান্ডের ছাপ মারা৷ কিছু দুবাইয়েরও রয়েছে৷ রবিবারই বসিরহাটের সংগ্রামপুরে বাড়িতে হানা দিয়ে বেশ কিছু জিনিস আটক করেছেন তদন্তকারীরা৷ একটি মারুতিতে সেইসব জিনিস কলকাতায় নিয়ে যাওয়া হয়৷


এদিন বারিকের বাড়ির দিকে এগোতেই বাধা দিলেন স্থানীয় ভ্যানচালকরা৷ একটা চাপা ভয় কাজ করছে গোটা এলাকায়৷ দুর্গাপুজোর সময় স্থানীয় প্যারাডাইস ক্লাবের ছেলেরা সীমান্তে পাচারের জন্য যাওয়ার পথে ট্রাক বোঝাই গরু আটকে চাঁদা চায়৷ কিছুক্ষণের মধ্যে শ'দেড়েক স্বশস্ত্র দুষ্কৃতী এসে হামলা করে গোটা এলাকায়৷ চলে মারধর৷ গত বছর ঘোজাডাঙা সীমান্ত দিয়ে গরু পাচার করতে না চাওয়ায় এক ট্রাক মালিক ও তাঁর পরিবারকে ব্যাপক মারধরের অভিযোগ ওঠে পাচারকারীদের বিরুদ্ধে৷ দুটি ঘটনাতেই নাম জড়ায় বারিকের৷ ভোটের মুখে সেই বারিক ধরা পরার পর নতুন গন্ডগোলের আশঙ্কা এখন বসিরহাট জুড়ে৷


No comments:

मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha

হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!

मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में OBC Trump Card और जयभीम कामरेड

Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!

हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला हिंदुत्व की राजनीति से नहीं किया जा सकता।

In conversation with Palash Biswas

Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Save the Universities!

RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!

जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।

#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?

Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

Tweet Please

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS BLASTS INDIANS THAT CLAIM BUDDHA WAS BORN IN INDIA

THE HIMALAYAN TALK: INDIAN GOVERNMENT FOOD SECURITY PROGRAM RISKIER

http://youtu.be/NrcmNEjaN8c The government of India has announced food security program ahead of elections in 2014. We discussed the issue with Palash Biswas in Kolkata today. http://youtu.be/NrcmNEjaN8c Ahead of Elections, India's Cabinet Approves Food Security Program ______________________________________________________ By JIM YARDLEY http://india.blogs.nytimes.com/2013/07/04/indias-cabinet-passes-food-security-law/

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN VOICE: PALASH BISWAS DISCUSSES RAM MANDIR

Published on 10 Apr 2013 Palash Biswas spoke to us from Kolkota and shared his views on Visho Hindu Parashid's programme from tomorrow ( April 11, 2013) to build Ram Mandir in disputed Ayodhya. http://www.youtube.com/watch?v=77cZuBunAGk

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE

अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।' http://youtu.be/j8GXlmSBbbk

THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICAL OF BAMCEF LEADERSHIP

[Palash Biswas, one of the BAMCEF leaders and editors for Indian Express spoke to us from Kolkata today and criticized BAMCEF leadership in New Delhi, which according to him, is messing up with Nepalese indigenous peoples also. He also flayed MP Jay Narayan Prasad Nishad, who recently offered a Puja in his New Delhi home for Narendra Modi's victory in 2014.]

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT

THE HIMALAYAN TALK: PALSH BISWAS FLAYS SOUTH ASIAN GOVERNM

Palash Biswas, lashed out those 1% people in the government in New Delhi for failure of delivery and creating hosts of problems everywhere in South Asia. http://youtu.be/lD2_V7CB2Is

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE

अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।' http://youtu.be/j8GXlmSBbbk