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Saturday, August 18, 2012

वित्त मंत्री का टोटका, विदेशी पूंजी से होगा हर समस्या का समाधान!

वित्त मंत्री का टोटका, विदेशी पूंजी से होगा हर समस्या का समाधान!

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

वित्त मंत्री का टोटका, विदेशी पूंजी से होगा हर समस्या का समाधान!न वित्तीय नीति जरूरी है और न मौद्रिक कवायद।बहुत आसान है अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाना। सरारी बैंकों के कान उमेठ कर सारी वित्तीय समस्याएं सुलझाने का करताब भी कर रहे हैं वित्तमंत्री। कालाधन घुमाने के केल के हक में ऐसा नायाब तर्क शायद ही अब तक सामने ​​आया  हो। घोटालों में फंसी सरकार कारपोरेट मुक्त बाजार को खुश करके देश की समस्याओं के समाधान का रास्ता बनाने में लगी है। कैग रपटों से तो खुलासा हो ही गया कि कोल इंडिया, बिजली और विमानन क्षेत्र खासकर एअर इंडिया की कैसी सद्गति हो रही है। अब बैंकिंग को पलीता ​​लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं वित्तमंत्री। गार को निपटा दिया गया। घोटालों के बचाव में एकजुट है सत्तावर्ग। सीबीआई ने कामनवेल्थ घोटाला में सुरेश कलमाडी को अभियुक्त बनाया तो कोयला घोचाला में प्रधानमंत्री का इस्तीफा तक मंाग रही भाजपा खामोश है। प्रधानमंत्री के बचाव में कांग्रेस और सरकार समर्थ है। कलमाडी को छूट मिल जाने से तमाम रपटों को हाशिये पर डालने का रास्ता भी तैयार हो गया है।मजे की बात है किमहंगाई की मार से जूझ रहे आम लोगों की कमजोर नब्ज पकड़ते हुए भाजपा ने अब देश की बदहाल अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर भी यूपीए सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। पार्टी का मानना है कि केंद्र द्वारा राजकोषीय अनुशासन का पालन नहीं करने से ही अर्थव्यवस्था की यह दुर्दशा हुई है।प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने चालू वित्त वर्ष में 6.7 फीसदी विकास दर रहने की उम्मीद जताई है। साथ ही, परिषद ने बड़े आर्थिक सुधार लागू करने पर भी जोर दिया है। परिषद के अनुसार सरकार को डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी करने, फर्टिलाइजर और एलपीजी पर दी जा रही सब्सिडी में कटौती करने एवं मल्टी ब्रांड रिटेल में एफडीआई का रास्ता खोलने के साथ-साथ टैक्स नीतियों में बदलाव जैसे कदम उठाने होंगे।कच्चे तेल के लिए ये हफ्ता तेजी भरा रहा। इस हफ्ते कच्चे तेल में 3.4 फीसदी की मजबूती दिखी। अमेरिका में अच्छे आर्थिक आंकड़ों की वजह से आगे चलकर मांग बढ़ने की उम्मीद में कच्चे तेल में खरीदारी आई है।कच्चे तेल में तेजी का ये लगातार तीसरा हफ्ता है। कल के कारोबार में कच्चे तेल का भाव 3 महीने के ऊंचे स्तर पर पहुंच गया और कारोबार के अंत में नायमैक्स पर 96 डॉलर प्रति बैरल के उपर बंद हुआ।

कैग की संसद में पेश तीन अलग-अलग रिपोर्टों के अनुसार निजी क्षेत्र की फर्मों को उनकी खुद की परियोजनाओं में इस्तेमाल के लिए कोयला खानों के आवंटन, दिल्ली हवाई अड्डे के विकास के लिए निजी क्षेत्र के साथ अनुबंध और एक वृहद बिजली परियोजना के लिए आवंटित खानों से अधिशेष कोयले का दूसरी परियोजना में इस्तेमाल करने की छूट से सरकारी कंपनियों को अनुचित रुपए भारी लाभ का यह अनुमान लगाते हुए कहा है कि इस लाभ का एक हिस्सा सरकारी खजाने को भी मिल सकता था। कैग की हालांकि, इससे पहले जारी मसौदा रिपोर्ट में कोयला खानों के आवंटन में 10.7 लाख करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया गया था लेकिन संसद में आज पेश अंतिम रिपोर्ट में इसे घटाकर 1.85 लाख करोड़ रुपए बताया गया है।
जुलाई 2004 के बाद देशभर में 142 कोयला खानों का आवंटन किया गया।प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जो कि इस दौरान काफी समय तक कोयला मंत्रालय का कामकाज देख रहे थे, उनके खिलाफ कैग की कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं आई और पूरा दोष इसके लिए गठित अधिकारियों की जांच समिति पर गया।

कैग की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स लिमिटेड (डायल) को दिल्ली हवाईअड्डे की जमीन 58 साल के रियायती पट्टे पर दे दी गई जबकि इस जमीन से 1,63,557 करोड़ रुपए की संभावित आय हो सकती है।
इसमें से जीएमआर के नेतृत्व वाले निजी समूह को 88,337 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे।

वित्तमंत्री का मानना है कि कर्ज  के जरिये उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री बढ़ने से औद्योगिक उत्पादन सुधर जायेगा। वाह। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बैंकों से कर्ज सस्ता करने और ईएमआई को मुनासिब रखने को कहा है तकि टिकाऊ उपभोक्ता सामान की मांग बढे और विनिर्माण उद्योग का पहिया फिर तेजी से घूमने लगे।खराब कर्ज और रेटिंग के दोहरे दबाव में फंसे बैंकों के किलाफ यह मौत का फरमान है। वित्त मंत्री ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों के प्रमुखों के साथ एक समीक्षा बैठक के बाद सूखा प्रभावित राज्यों में एग्रिकल्चर लोन के पुनर्गठन और शिक्षा के लिए बैंक लोन मंजूर करने की प्रक्रिया आसान बनाने की घोषणा की।चिदंबरम ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वह आम आदमी के लिए कर्ज सस्ता करें । घर, कार और कंज्यूमर डयूरेबल से लेकर शिक्षा कर्ज की ब्याज दरों में कटौती की सख्त जरूरत है।ऐसा करने से जहां आम आदमी की क्रय क्षमता बढ़ेगी वहीं उद्योगों में उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकेगी जिसके चलते निवेश का चक्र तेज होगा। आम आदमी की शिकायत है कि उस पर ईएमआई का बोझ बढ़ रहा है और कर्ज चुकाने की अवधि बढ़ रही है। इन दोनों मोर्चों पर राहत का उपाय ब्याज दरों में कटौती है।

चिदंबरम के विकास मंत्र
ईएमआई वाजिब पर स्तर पर रखी जाए, ताकि अदायगी हो आसान
ग्राहकों को कंज्यूमर ड्यूरेबल खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाए
एटीएम की संख्या दो वर्ष में 63000 से बढ़ाकर दोगुनी की जाए
एटीएम मशीनों में नकदी जमा करने की भी सुविधा हो
सभी क्षेत्रों में निवेश का माहौल सुधारने की जरूरत
बैंकों को ई-ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने की जरूरत
सूखे जैसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें बैंक
वर्ष 2012-13 में 6 लाख करोड़ से ज्यादा का कृषि ऋण देने की तैयारी
छात्रों को शिक्षा ऋण देने की प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा

चिदंबरम ने कहा कि मध्य वर्ग फिलहाल ईएमआई ज्यादा होने के चलते सामान नहीं खरीद रहा है, जो उद्योगों के लिए अच्छी बात नहीं है। वित्त मंत्री ने ब्याज दर में कमी के लिए बैंकों को देश के अग्रणी बैंक एसबीआई का अनुसरण करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि एसबीआई ने जब से कार लोन की ईएमआई कम की है, तब से उसके ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
पहले एक लाख रुपये के कार लोन पर ईएमआई 1766 रुपये थी तो रोजाना 400 कारें बिक रही थीं, अब इसके घटकर 1725 रुपये रह जाने से यह आंकड़ा 700 कारों पर पहुंच गया है। जब ईएमआई 1699 कर दी गई तो रोजाना 1200 कारें बिकने लगीं। कृषि ऋण की बात करते हुए चिदंबरम ने यह भी भरोसा दिलाया कि सभी किसान क्रेडिट कार्ड को अब डेबिट और एटीएम कार्ड में तबदील किया जाएगा।

मालूम हो कि देश भर के सभी सार्वजनिक, निजी और विदेशी बैंकों के कर्मचारी तथा अधिकारी विभिन्न मांगों को लेकर 22-23 अगस्त तक दो दिन की हड़ताल करेंगे। हड़ताल से पहले 21 अगस्त को तिलक मार्ग सी स्कीम स्थित एसबीबीजे प्रधान कार्यालय पर सांय 5.15 बजे बैंक कर्मियों द्वारा प्रदर्शन किया जाएगा।यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेश मिश्रा ने बताया कि लंबित मांगों को शीघ्र सुलझाए जाने, मानव संसाधन नीतियों को एकतरफा लागू नहीं किए जाने, खंडेलवाल कमेटी सिफारिशों को एक तरफा लागू नहीं किए जाने, बैंक कार्यो की आउटसोर्सिंग बंद करने, बैंकिग क्षेत्र में कथित सुधार के नाम पर निजीकरण की मुहिम बंद किए जाने और ग्रामीण शाखाओं को बंद नहीं किए जाने आदि मांगों को लेकर बैंकों के 10 लाख कर्मचारी तथा अधिकारी दो दिन की हड़ताल पर रहेंगे।

रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर केसी चक्रवर्ती ने कहा है कि यदि महंगाई की दर में गिरावट का सिलसिला बना रहता है, तो बैंक इसके अनुरूप ब्याज दरों में कमी करने का फैसला करेगा। आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम से मुलाकात करने के बाद चक्रवर्ती ने कहा कि महंगाई दर के नीचे आने पर रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कमी करने पर विचार करेगा।गौरतलब है कि ताजा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में थोक मूल्य सूचकांक पर महंगाई की दर जून के 7.25 प्रतिशत के मुकाबले 32 माह के न्यूनतम स्तर पर 6.87 प्रतिशत रह गई। रिजर्व बैंक चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई का अनुमान सात प्रतिशत का अनुमान व्यक्त कर चुका है। चक्रवर्ती ने कहा कि महंगाई दर पांच प्रतिशत पर आती है, तो हमारे लिए सहज स्थिति होगी।
महंगाई दर के अपेक्षा से ऊंचे स्तर पर रहने के चलते रिजर्व बैंक ने 31 जुलाई को चालू वित्त वर्ष के लिए घोषित पहली तिमाही की ऋण एवं मौद्रिक नीति की समीक्षा में रेपो दर को आठ प्रतिशत पर स्थिर रखा था। साथ ही आरबीआई ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर का लक्ष्य घटाकर साढे़ छह प्रतिशत कर दिया। बैंक अगली समीक्षा 17 सितंबर को घोषित करेगा।

केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने शनिवार को कहा कि निवेश के बढ़ते ही देश की अधिकतर आर्थिक समस्याओं का समाधान हो जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर निष्पादित परिसम्पत्तियां (एनपीए) पिछले कारोबारी साल में मामूली बढ़ी हैं और यह खतरे के स्तर पर नहीं हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों से एक मुलाकात के बाद चिदम्बरम ने कहा, निवेश बढ़ाना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। (निवेशक) रुझान एकमात्र मुद्दा नहीं है..अन्य मुद्दों के साथ रुझान में बदलाव आएगा .. एक बार निवेश बढ़ना शुरू हो जाए, तो मेरे खयाल से हमारी अधिकतर समस्याएं सुलझ जाएंगी।इस बैठक में वित्त मंत्री ने बैंकों के प्रदर्शन का जायजा लिया।वित्त मंत्री ने संवाददाताओं को बैठक के बारे में कहा, हमारे पास कई महत्वपूर्ण मुद्दे थे, जिनमें शामिल हैं कृषि ऋण, अल्पसंख्यकों को ऋण और बैंकिंग क्षेत्र की स्थिति। ईंधन आपूर्ति की शिकायतों और भूमि अधिग्रहण के मुद्दों पर भी विचार किया गया, जो निवेश में बाधक बन रहे हैं। मैं निवेश बढ़ाने के लिए इन सभी मुद्दों पर मंत्रालयों से चर्चा करुंगा।उन्होंने कहा कि देश के बैंकिंग क्षेत्र की स्थिति अच्छी है और गैर निष्पादित परिसम्पत्तियों में मामूली वृद्धि हुई है।

चिदम्बरम ने कहा, सभी सरकारी बैंकों का एनपीए मार्च 2012 को समाप्त हुए वर्ष के लिए 3.17 फीसदी है। मुझे पूर्ण भरोसा है कि आर्थिक तेजी लौटते ही एनपीए भी बेहतर होगा।उन्होंने कहा कि बैंकों को जरूरतमंद क्षेत्रों को ऋण देने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने साथ ही लोगों को बैंकों में धन रखने की अपील की।उन्होंने कहा, लोगों के पास 11 लाख करोड़ रुपये की नकदी है, जो बैंकों के पास होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंक एटीएम मशीनों में यह सुविधा लगवाएं कि वे सिर्फ नकदी दे ही नहीं, बल्कि नकदी स्वीकार भी कर सकें।

वित्त मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि देश में निवेश का माहौल सुधारने के लिए बाजार नियामक सेबी अगले महीने सुधारों की दिशा में कुछ और कदम उठाएगा। वित्त मंत्री ने निवेशकों को सोने के बजाय वित्तीय क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की जरूरत जताते हुए इस दिशा में उठाए जा रहे कदमों से हालात बेहतर होने की उम्मीद जताई।

वित्त मंत्री ने बृहस्पतिवार को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा म्यूचुअल फंड तथा अन्य क्षेत्रों में उठाए गए व्यापक कदमों पर संतोष जताते हुए कहा कि उन्होंने सेबी के चेयरमैन यूके सिन्हा से कहा है कि निवेशकों के हितों को बढ़ावा देने के लिए और भी कदम उठाए जाने चाहिए। वित्त मंत्री ने बताया कि इस दिशा में कई उपयोगी सुझावों पर विचार किया जा रहा है और अगले दो सप्ताह में इसमें कुछ फैसला हो जाएगा।

सेबी के चेयरमैन से इन सुझावों पर चर्चा करने के लिए सितंबर के पहले सप्ताह में बोर्ड के सदस्यों की बैठक बुलाने के बारे में भी कहा गया है, ताकि उपयोगी पाए जाने वाले सुझावों को लेकर कुछ कदम उठाए जा सकें। वित्त मंत्री ने सेबी द्वारा उठाए गए ताजा कदमों से घरेलू बचत को बढ़ावा मिलने और म्यूचुअल फंड कारोबार में तेजी आने की उम्मीद जताते हुए कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को सोने के बजाय निवेश के वित्तीय विकल्पों में पैसा लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

चिदंबरम ने राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम (आरजीईएसएस) के तहत इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश करने वाले निवेशकों को करछूट संबंधी लाभ दिए जाने को सरकार की ओर से जल्द ही मंजूरी मिल जाने की उम्मीद जताई। गौरतलब है कि सेबी ने आईपीओ, ई-आईपीओ और म्यूचुअल फंड में निवेश को बढ़ावा देने के लिए बृहस्पतिवार को व्यापक सुधारों की घोषणा की है, जिससे बाजार में एक नई उम्मीद जगी है।

दूसरी ओर, भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर सुबीर गोकर्ण का मानना है कि देश की आर्थिक वृद्धि दर बहुत कुछ औद्योगिक क्षेत्र के प्रदर्शन पर निर्भर करती है, फिर भले ही सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में औद्योगिक क्षेत्र का अनुपात कम हो।

गोकर्ण ने शनिवार को कहा, भारत के संदर्भ में उच्च और निम्न आर्थिक वृद्धि का दौर औद्योगिक क्षेत्र में आने वाले उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। हालांकि अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी तुलनात्मक रूप से कम है।

भारतीय प्रबंधन संस्थान, बेंगलूर द्वारा सार्वजनिक नीति और प्रबंधन पर आयोजित सातवें वाषिर्क अंतरराष्ट्रीय परिचर्चा को संबोधित करते हुए उन्होंने 2003-2008 के दौर को उच्च आर्थिक वृद्धि का 'स्वर्णिम दौर' बताया। उन्होंने कहा कि उस अवधि में औद्योगिक उत्पादन में तेज गति से वृद्धि के चलते ऐसा संभव हुआ।गोकर्ण ने कहा कि लंबे समय से सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर में कोई बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं आया है।

घरेलू अर्थव्यवस्था को लेकर हाल के दिनों में कई वित्तीय संस्थाओं की ओर से पेश की गई निराशाजनक स्थिति के बीच प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने कुछ बेहतर तस्वीर दिखाई है। पीएमईएसी के अनुमान के मुताबिक चालू वित्तवर्ष में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.7 फीसदी और महंगाई दर 6.5-7 फीसदी रहेगी।

पीएमईएसी के चेयरमैन सी. रंगराजन ने कहा कि चालू वित्तवर्ष में जीडीपी 6.7 फीसदी रहेगी। खराब मानसून के चलते महंगाई दर 6.5-7 फीसदी के उच्च स्तर पर बनी रहेगी। मानसून की बेरुखी के चलते कृषि विकास दर पिछले साल के 2.8 फीसदी से घटकर 0.5 फीसदी रह सकती है। वित्तवर्ष 2012-13 का आर्थिक पूर्वानुमान पेश करते हुए रंगराजन ने आर्थिक मोर्चे पर सुधारों की जोरदार वकालत की।

रंगराजन ने कहा कि सरकार सब्सिडी के बोझ को कम करने के लिए डीजल की कीमतों बढ़ोतरी करने का कदम उठाए। अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने के लिए मल्टी ब्रांड रिटेल को विदेशी निवेश के लिए जल्द से जल्द खोल देना चाहिए। इसके साथ ही रंगराजन ने सोने के आयात को हतोत्साहित करने और म्यूचुअल फंड व बीमा सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए नियामकीय व्यवस्था में सुधार की सिफारिश की।

मालूम हो कि, रिजर्व बैंक ने चालू वित्तवर्ष के लिए जीडीपी के अनुमान को पहले के 7.3 फीसदी से घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया है। ग्लोबल अस्थिरता और कमजोर मानसून के चलते मूडीज और क्रिसिल द्वारा देश की जीडीपी के अनुमान को चालू वित्तवर्ष के लिए 5.5 फीसदी किए जाने के बावजूद रंगराजन विकास दर को लेकर बेहद आशावादी हैं।

विमानन में सुधार, इंफ्रा को दें प्रोत्साहन
विमानन सेक्टर में सुधार की जोरदार वकालत करते हुए रंगराजन ने कहा कि विदेशी एयरलाइंस को घरेलू एयरलाइंस में 49 फीसदी विदेशी निवेश की अनुमति देने के बारे में सरकार को विचार करना चाहिए। इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार को खास ध्यान देना होगा। सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर पर कैबिनेट कमेटी फिर से बनानी चाहिए। साथ ही 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को तत्काल मंजूरी दिए जाने के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए।

डीजल के दाम बढ़ाएं सरकार
पेट्रोलियम सेक्टर के बारे में रंगराजन ने कहा कि डीजल की कीमतों में एक या दो दफा वाजिब बढ़ोतरी किए जाने की आवश्यकता है। इसे साथ ही सब्सिडी युक्त घरेलू एलपीजी के इस्तेमाल की अधिकतम सीमा भी निर्धारित की जानी चाहिए। इन उपायों से पेट्रोलियम सब्सिडी कम करने ओर ग्लोबल बाजार में क्रूड को लेकर हो रही समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी। रंगराजन ने कहा कि महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकार को सप्लाई साइड की दिक्कतों को दूर करने के साथ मार्केटिंग और भंडारण सुविधा को बेहतर बनाने की जरूरत है।

कराधान पर आशंकाएं दूर की जाएं
नीतिगत स्तर पर व्याप्त पूर्वाग्रह के बारे में रंगराजन ने स्पष्ट किया कि कराधान संबंधी मुद्दों को लेकर व्याप्त आशंकाओं को स्पष्ट किए जाने की आवश्यकता है। टैक्स व अन्य मुद्दों पर एकतरफा कार्रवाई को लेकर फैली डर की अवधारणा को दूर करने पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। बजट में प्रस्तावित आयकर कानून में पूर्व प्रभावी संशोधनों को लेकर इस तरह कई मामले सामने आए हैं। जनरल एंटी एवायडेंस रूल्स (गार) को लेकर निवेशकों द्वारा जमाई गई चिंताओं को देखते हुए सरकार ने इसे फिलहाल स्थगित कर दिया है। विदेशी निवेशकों द्वारा जताई गई चिंताओं के बाद प्रधानमंत्री ने इस पर फिर से अध्ययन के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।

मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में आएगा सुधार
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रंगराजन ने कहा कि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है। इलेक्ट्रिसिटी, ऑटोमोटिव, स्टील और सीमेंट सेक्टर में अप्रैल-जून की अवधि के दौरान सुधार देखा गया है। लो बेस के लाभ के चलते इस साल की दूसरी छमाही में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में सुधार आएगा। खनन सेक्टर की वृद्धि दर 4.4 फीसदी रहने का अनुमान है।

टैक्स-जीडीपी अनुपात में सुधार के हों उपाय
राजकोषीय स्थिति पर चिंता जताते हुए रंगराजन ने जीएसटी लागू करने, सब्सिडी घटाने और टैक्स-जीडीपी अनुपात में सुधार लाने की जोरदार वकालत की है। उन्होंने कहा कि कर सुधार की दिशा में जीएसटी बहुत बड़ा कदम साबित होगा। इसके ढांचागत और कर संबंधी मुद्दों पर बातचीत, समझौता और शुरुआती कार्य पूरा करने की आवश्यकता है।

शेयर बाजारों में लगातार तीसरे सप्ताह तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज [बीएसई] का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स गत साप्ताहिक कारोबार में 0.76 फीसद या 133.34 अंकों की तेजी के साथ 17,691.08 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स पिछले सप्ताह 2.09 फीसद या 359.81 अंकों की तेजी के साथ 17,557.74 पर बंद हुआ था। उससे पिछले सप्ताह यह 2.13 फीसद या 358.74 अंकों की तेजी के साथ 17,197.93 पर बंद हुआ था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज [एनएसई] का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी गत साप्ताहिक कारोबार में 0.86 फीसद या 45.9 अंकों की तेजी के साथ 5366.30 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह निफ्टी 2.00 फीसद या 104.70 अंकों की तेजी के साथ 5,320.40 पर बंद हुआ था। उससे पिछले सप्ताह यह 2.27 फीसद या 115.85 अंकों की तेजी के साथ 5,215.70 पर बंद हुआ था।

आलोच्य अवधि में बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में लगभग एक फीसद तेजी रही। मिडकैप 0.96 फीसद या 58.35 अंकों की तेजी के साथ 6,157.96 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह मिडकैप में 0.45 फीसद तेजी रही थी।

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In conversation with Palash Biswas

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Save the Universities!

RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!

जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।

#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?

Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

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