आर्थिक सुधारों का कमाल कि देश अब ऑनलाइन है! बाजार बम बम है मंटेक, रंगराजन, निलेकणि, पित्रोदा जैसे तकनीशियनों के अर्थव्यवस्था का कारोबार संभालने की संभावना से।
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
वे लोग जो कप्यूटरीकरण का प्रबल विरोध करते रहे हैं, आज खामोश हैं। आर्थिक सुधारों का कमाल कि देश अब ऑनलाइन है!उपभोक्ता सेवाओं के आधुनिकीकरण से निःसंदेह बैकार का झंझट खत्म है और इसका स्वागत किया ही जाना चाहिए। पर सवाल है कि हर हाथ में मोबाइल दे देने से ही क्या देश ऑनलाइन हो सकता है?आप माने या न माने, जैसे गरीबी रेखा की परिभाषा से बाहर है मंटेक सिंह आहलूवालिया का पैंतीस लाख टकिया शौचालय और उनके विदेश यात्रा के खर्चे, जिससे कि गरीबी हटाने में वैसी ही मदद मिली जैसे राजस्व घाटा की नयी वास्तविक परिभाषा से, उसी तर्ज पर ऑनलाइन जनता को ही देश और वास्तविक जनता मान लिया जाये, तो शाइनिंग इंडिया का लक्ष्य पूरा हो सकता है। बाकी जो बहिष्कृत , सीमांत, अछूत, पिछड़ी , अदक्ष जनता है, उनके लिए फिक्र करने की जरुरत क्या है?शेयर बाजार की ओवर रेटिंग हो गयी। प्रणव मुखर्जी का रायसिनावास तय है और अब बारी मनमोहन के किनारे होने की है। बाजार बम बम है मंटेक, रंगराजन, निलेकणि, पित्रोदा जैसे तकनीशियनों के अर्थव्यवस्था का कारोबार संभालने की संभावना से। ऐसे में अचानक देश के ऑनलाइन हो जाने से बेहतर खबर क्रयशक्ति धारकों के लिए आखिर क्या हो सकती है बाजार में प्रवेश निषेध साइन बोर्ड टांगने या वंचितों की कतारों से निपटने की यह नायाब बंदोबस्त जरूर है! रसोई गैस (एलपीजी) की कालाबाजारी रोकने के लिए सरकार ने शुक्रवार को एक वेब पोर्टल लांच किया। देश के करीब 14 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता इस पोर्टल पर अपना बुकिंग स्टेटस, खपत का पैटर्न तथा अन्य विवरण देख सकते हैं। नए पोर्टल का नाम 'एलपीजी ट्रांसपेरेंसी पोर्टल' है। इस पर बुकिंग और डिलीवरी तिथि, एलपीजी उपयोग का पैटर्न, रियायत और वितरकों के विवरण तथा उपभोक्ताओं को प्रभावित करने वाले अन्य विवरण देखे जा सकते हैं।केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सरकारी वेबसाइट के माध्यम के जरिए इस पोर्टल पर पहुंचा जा सकता है। तीन सरकारी तेल वितरण कम्पनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम ने भी अपने वेबसाइट पर इसे जगह दी है।
दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम पिछले 18 महीने के निम्न स्तर पर आने के बावजूद तेल कंपनियां पेट्रोल के दाम नहीं घटा पा रही हैं क्योंकि उनकी नजर डॉलर के मुकाबले तेजी से गिरते रुपये पर है जिसकी वजह से उनका आयात महंगा हो रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपया इस समय अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर 57.30 रुपये प्रति डॉलर तक गिर चुका है। कच्चे तेल के दाम करीब 125 डॉलर की ऊंचाई से घटकर 90 डॉलर प्रति बैरल तक नीचे आ जाने के बाद जो लाभ हुआ था, रुपये की गिरावट से वह लाभ जाता रहा।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री एस. जयपाल रेड्डी ने कहा, 'तेल कंपनियों पूरी स्थिति से वाकिफ हैं। कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में रुपया..डालर की घटबढ की बराबर निगरानी कर रही हैं। कंपनियां जल्द ही कोई निर्णय लेंगे।'
इस बीच आज के कारोबार में 1 डॉलर रिकॉर्ड 57.30 रुपये तक पहुंचने में कामयाब हो गया है। ये लगातार दूसरा दिन रहा जब रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर गया है। उम्मीद थी कि रुपये की इतनी तेज गिरावट के लिए आरबीआई करेंसी मार्केट में सीधे दखल देगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। बल्कि आरबीआई ने सरकारी तेल कंपनियों से कहा है कि वो अपनी जरूरत का आधा डॉलर किसी एक सरकारी बैंक से खरीदे। रुपये में लगातार गिरावट को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सरकारी तेल कंपनियों को कुल डॉलर आवश्यकताओं का आधा हिस्सा किसी एक सरकारी बैंक से खरीदने के लिए कहा है। तेल रिफाइनरियां कच्चे तेल की आवश्यकताओं का 80 फीसदी से अधिक हिस्सा आयात करती हैं और डॉलर में भुगतान करती हैं।आरबीआई का मानना है कि अगर सरकार नियंत्रित तेल कंपनियां कई सार्वजनिक और निजी बैंकों के बदले किसी एक सरकारी बैंक से अपनी डॉलर आवश्यकता का आधा हिस्सा पूरा करती हैं तो इससे अनिश्चितता में कमी आएगी और रुपये को थामने में मदद मिलेगी। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम हरेक महीने कच्चे तेल के आयात पर भुगतान के लिए 8 अरब डॉलर खरीदती हैं। इस बारे में पेट्रोलियम सचिव जी सी चतुर्वेदी ने संवाददाताओं से कहा, 'आरबीआई का पत्र सरकार को मिल चुका है। आरबीआई के इस निर्देश पर अमल सुनिश्चित करने के लिए हम तेल कंपनियों से बातचीत कर रहे हैं।'भारत सालाना 160 अरब डॉलर मूल्य के कच्चे तेल और पेट्रोलियम पदार्थों का आयात करता है। तेल कंपनियां प्रतिस्पद्र्धात्मक बोली कीमतों के जरिये बैंकों के माध्यम से डॉलर खरीदती हैं। इससे अनिश्चितता को बढ़ावा मिलता है जिससे रुपये को नुकसान पहुंच सकता है।आरबीआई को उम्मीद है कि इससे रुपये में उठापटक कम होगी। वैसे भी डॉलर की मजबती को देखते हुए आरबीआई के लिए रुपये को थामना मुश्किल है। यही वजह है कि आरबीआई ऐसे कदम उठा रहा है जिससे रुपये के भाव में तेज उठापटक कम हो सके। पिछले 1 साल के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपये में करीब 27 फीसदी की कमजोरी आ चुकी है।जानकारों का मानना है कि रुपये में ये गिरावट और गहराएगी। आने वाले दिनों में डॉलर के मुकाबले रुपया 58 के स्तर तक टूट सकता है। लेकिन ये बताना मुश्किल है कि रुपये की ये गिरावट कब थमेगी।
चक्रवर्ती ने कहा, 'तेल कंपनियां विभिन्न बैंकों की डॉलर की मौजूदा कीमतें देखती हैं जिससे डॉलर की उनकी मांग की स्पष्ट तस्वीर सामने नहीं आती है। इससे रुपये के मुकाबले डॉलर को और मजबूती मिल जाती है।'
चतुर्वेदी ने स्पष्ट किया कि आरबीआई ने केवल सरकारी तेल विपणन कंपनियों को डॉलर की रोजाना आवश्यकताओं का आधा हिस्सा एक सरकारी बैंक से खरीदने के लिए कहा है और बाकी हिस्सा प्रतिस्पद्र्धात्मक बोली और निजी एवं सरकारी बैंकों से प्राप्त किया जा सकता है।
आरबीआई का यह निर्देश निजी क्षेत्र की तेल कंपनियों जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज और एस्सार ऑयल पर लागू नहीं है। ये दोनों कंपनियां अपनी नीतियों के तहत डॉलर खरीदना जारी रखेंगी।सरकारी नीतियां किस हद तक निजी कंपनियों के हक में है ,यह एक मिसाल है। दूसरी ताजा मिसाल यह है किकोल इंडिया के लिए मुश्किल आने वाली है। बिजली कंपनियों को कोल सप्लाई के मुद्दे पर आज प्रधानमंत्री कार्यालय की बैठक हुई। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कोल इंडिया से कोयला सप्लाई नहीं करने पर पेनाल्टी बढ़ाने को कहा है।सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री कार्यालय का कोयला सप्लाई नहीं करने पर 10-40 फीसदी पेनाल्टी पर विचार किया जा रहा है। अभी कोल इंडिया 0.01 फीसदी पेनाल्टी देने के लिए तैयार हुआ है। कोयला सप्लाई नहीं करने पर कोल इंडिया को पहले साल से ही जुर्माना देने की बात कही गई है। अभी कोल सप्लाई नहीं करने पर कोल इंडिया को तीसरे साल से जुर्माना देना था।जाहिर है कि देश के ऑनलाइन हो जाने से आईटी सेक्टर जो आउटसोर्सिंग पर मंडराते संकट से परेशान है, उसका सिरदर्द खत्म हो जायेगा। गैस से यह पहल हुई है। आगे आगे देखते जाइये नीति निर्माण की नयी कलाबाजियां!सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री कार्यालय ने घरेलू जरूरत के लिए कोल इंडिया को कोयला आयात करने का निर्देश दिया है। साथ ही स्ट्रेट ट्रेडिंग एजेंसियों के जरिए भी कोयले का आयात करने को कहा गया है। 8 जुलाई 2012 को कोल इंडिया की बोर्ड बैठक होने वाली है। माना जा रहा है कि इस बोर्ड बैठक में कोल इंडिया एफएसए से जुड़े मसले पर चर्चा करेगी।
मल्टीब्रैंड रिटेल में एफडीआई को लेकर जल्द सहमति बनने की उम्मीद है। वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा है कि इस बारे में सरकार अगले कुछ हफ्तों में कदम उठा सकती है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति चुनाव के बाद इस पर कोई ठोस फैसला लिया जा सकता है।आनंद शर्मा ने उत्तर प्रदेश, पंजाब और उड़ीसा सरकार को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में मल्टीब्रैंड रिटेल में एफडीआई से किसान, उपभोक्ता और ट्रेडर को फायदे की बात कही गई है।आनंद शर्मा ने मुख्यमंत्रियों से प्रस्ताव के समर्थन की गुजारिश की है और कहा है एफडीआई की छूट का अधिकार राज्यों के पास होगा । वहीं मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआई पर आम सहमति बनाने के लिए वाणिज्य मंत्री खुद उत्तर प्रदेश, पंजाब और उड़ीसा जाकर राज्य के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात करेंगे।
कहा यह जा रहा है कि तकनीक भ्रष्टाचार और धांधली रोकने का सबसे बेहतर उपाय है और केंद्र सरकार ने रसोई गैस की धांधली रोकने के लिए एक नई पहल शुरू की है। एलपीजी पोर्टल नाम की इस सेवा में गैस उपभोक्ता सिलेंडर बुक कराने से लेकर शिकायत करने तक सभी काम कर सकेंगे। इसका पोर्टल का फायदा देश के करीब 14 करोड़ घरों को मिल सकेगा।सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन ने मिलकर इस वेब प्लेटफार्म की शुरुआत की है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री जयपाल रेड्डी ने इस पोर्टल की लॉन्चिग की है। इसके जरिए देश के सभी 14 करोड़ घरों में होने वाली सिलेंडर आपूर्ति के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध होगी।
पोर्टल की मदद से कोई भी उपभोक्ता सिलेंडर के उपयोग, बुकिंग की स्थिति, रिफिल की पिछली जानकारी, कनेक्शन वापस करने तथा कितनी सब्सिडी उसे मिली इसकी जानकारी ले सकता है। इस पोर्टल तक पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट 'डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट पेट्रोलियम डॉट एनआईसी डॉट इन' के जरिये पहुंचा जा सकता है।इसके अलावा तेल विपणन कंपनियों की वेबसाइट 'डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट इंडेन डॉट सीओ डॉट इन' तथा डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट ईभारतगैस डॉट कॉम और डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट हिन्दुस्तानपेट्रोलियम डॉट कॉम' के जरिये भी पहुंचा जा सकता है। उपभोक्ता के नाम, नंबर और वितरक के नाम से पूरी जानकारी मिल सकती है।
यह जानकारी पेट्रोलियम उत्पादों की खुदरा बिक्री करने वाली सरकारी कंपनियों द्वारा सिलेंडर आपूर्ति को पारदर्शी बनाने की पहल के तहत शुरू किए गए इस इंटरनेट पोर्टल से सामने आई है कि गरीबों को दी जाने वाली सब्सिडी में सरकार जहां आए दिन कटौती करने की बात कह रही है, वहीं यह बात भी सामने आई है कि देश के अति विशिष्ट व्यक्ति (वीवीआईपी) सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की सबसे ज्यादा खपत करते हैं।पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी ने आज इस पोर्टल को शुरू किया। इसका मकसद ग्राहकों को अपनी बुकिंग की स्थिति की जानकारी देना और साथ ही यह देखना भी है कि किसी को अपनी पारी से पहले सिलेंडर तो नहीं मिल रहा है। रेड्डी के निवास पर महीने में दो से अधिक यानी साल के दौरान कुल 26 सिलेंडरों की खपत हुई।नियमानुसार आम जनता को 21 दिन से पहले गैस सिलेंडर बुक कराने की अनुमति नहीं है। रेड्डी ने मजाकिया लहजे में कहा, इन आंकड़ों से पता चलता है कि मैं लोकप्रिय नेता हूं। मेरा यहां रोजाना काफी लोग आते हैं। कई बार तो 200 से 300 तक। निश्चित रूप से खपत अधिक होगी।
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री एस. जयपाल रेड्डी पोर्टल लांच करने के बाद संवाददाताओं से कहा, "सिर्फ एक क्लिक से उपभोक्ता अब अपना एलपीजी उपयोग पैटर्न, एलपीजी बुकिंग स्टेटस, एलपीजी रिफील इतिहास, सर्वाधिक खपत उपभोक्ता, उपलब्ध रियायत जैसी जानकारी हासिल कर सकते हैं।"उन्होंने कहा कि घरों में इस्तेमाल की जाने वाली एलपीजी की सप्लाई के लिए इस पहल के एक शक्तिशाली व्यवस्था के रूप में सामने आने की उम्मीद है। ऐसी गैस एजेंसियां और उसके डिलीवरी मेन जो कम खपत वाले उपभोक्ता के नंबर पर सिलेंडर जारी करके उन्हें काला-बाजार में बेच देते थे, अब ऐसा नहीं कर पाएंगे। इस तरह की समस्या को लेकर लगातार बढ़ रही शिकायत को देखते हुए पेट्रोलियम मंत्रालय ने विशेष वेब पोर्टल बनाया है। इस पर कोई भी उपभोक्ता अपना कंज्यूमर नंबर, गैस एजेंसी का नाम लिखकर यह जान पाएगा कि उसके नाम से कितने सिलेंडर कब जारी किए गए हैं। उपभोक्ता घर बैठे ही यह पता लगा सकेंगे कि उनके नाम से बुक किया गया एलपीजी सिलेंडर उन तक सही समय पर पहुंचा है या नहीं। जबकि रसोई गैस बुकिंग और डिलीवरी की तिथि के बीच का अंतराल भी पारदर्शिता के साथ मालूम हो सकेगा।
इस पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के आधिकारिक निवास पर 31 मई तक एक साल की अवधि में 171 एलपीजी सिलेंडरों का इस्तेमाल हुआ।
वहीं विदेश राज्यमंत्री प्रणीत कौर के निवास पर इस दौरान 161 सिलेंडरों की खपत हुई।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के मथुरा लाइन निवास पर 14.2 किलोग्राम के 83 गैस सिलेंडरों की खपत हुई, जबकि भाजपा नेता राजनाथ सिंह ने एक साल में 80 तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.एस. गिल ने 79 सिलेंडरों का इस्तेमाल किया।
पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, उद्योगपति नवीन जिंदल के 6 पृथ्वीराज रोड निवास पर प्रतिदिन एक से ज्यादा रसोई गैस सिलेंडरों की खपत हुई। जिंदल के पास दो कनेक्शन हैं। एक उनके स्वर्गीय पिता ओ पी जिंदल तथा दूसरा राधा देवी रावत के नाम पर है। जिंदल के निवास पर साल के दौरान 369 गैस सिलेंडर भेजे गए।
पोर्टल की निगरानी केंद्र सरकार के अधीन होगी और इन पर दर्ज शिकायतों पर मंत्रालय गंभीरता से कार्रवाई भी करेगा। गौरतलब है कि जिन घरों में पाइपलाइन गैस की सुविधा उपलब्ध है, उन घरों से एलपीजी कनेक्शन हटाने का निर्देश सरकार पहले ही तेल कंपनियों को दे चुकी है।
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, 'इस पोर्टल से एलपीजी उपभोक्ता और ज्यादा समर्थ और जागरूक बनेगा। इसके साथ ही सिलेंडर आपूर्ति के बारे में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।'
पिछले दो कारोबारी दिनों से भारतीय मु्द्रा यानी रुपया डॉलर के मुकाबले लगातार नए रेकॉर्ड बनाता जा रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार कमजोरी दर्ज की जा रही है। शुक्रवार की सुबह रुपया 56.80 के स्तर पर खुला था, लेकिन दिन आगे बढ़ने के साथ-साथ इसमें और गिरावट बढ़ रही है। पूंजी निकासी और आयातकों की अमेरिकी डॉलर की मांग बढ़ने के मद्देनजर रुपया शुरुआती घंटे में 57 पैसे फिसलकर 56.87 के नए रेकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था।
सुबह करीब 11 बजकर 45 मिनट पर रुपया 57 रुपये प्रति डॉलर के पार नजर आया। वहीं, दोपहर बाद करीब 12 बजकर 15 मिनट पर 57.15 प्रति डॉलर के स्तर पर देखा गया। वहीं, दोपहर बाद 2 बजे के आसपास रुपया नया लो बनाते हुए 57.33 के स्तर पर कारोबार करता देखा गया। साधारण शब्दों में कहें तो एक डॉलर की कीमत 57.33 रुपए हो गई है।
रुपये की कमजोरी का सीधा असर आयात और निर्यात पर देखने को मिलता है। डॉलर की तुलना में रुपया कमजोर होने का मतलब है कि कच्चे तेल के लिए कंपनियों को ज्यादा रकम चुकानी होगी। इसके अलावा, सॉफ्टवेयर निर्यातक आईटी कंपनियों को रुपये की कमजोरी से फायदा मिलेगा। साथ ही, फार्मा कंपनियों को भी फायदा होगा क्योंकि इस इंडस्ट्री के कुल रेवेन्यू का 60-80 फीसदी हिस्सा एक्सपोर्ट पर निर्भर करता है। इसके अलावा, यूरो के मुकाबले डॉलर में मजबूती ने भी रुपये पर दबाव डाला।
पिछले दो कारोबारी दिनों से भारतीय मु्द्रा यानी रुपया डॉलर के मुकाबले लगातार नए रेकॉर्ड बनाता जा रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार कमजोरी दर्ज की जा रही है। शुक्रवार की सुबह रुपया 56.80 के स्तर पर खुला था, लेकिन दिन आगे बढ़ने के साथ-साथ इसमें और गिरावट बढ़ रही है। पूंजी निकासी और आयातकों की अमेरिकी डॉलर की मांग बढ़ने के मद्देनजर रुपया शुरुआती घंटे में 57 पैसे फिसलकर 56.87 के नए रेकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था।
सुबह करीब 11 बजकर 45 मिनट पर रुपया 57 रुपये प्रति डॉलर के पार नजर आया। वहीं, दोपहर बाद करीब 12 बजकर 15 मिनट पर 57.15 प्रति डॉलर के स्तर पर देखा गया। वहीं, दोपहर बाद 2 बजे के आसपास रुपया नया लो बनाते हुए 57.33 के स्तर पर कारोबार करता देखा गया। साधारण शब्दों में कहें तो एक डॉलर की कीमत 57.33 रुपए हो गई है।
रुपये की कमजोरी का सीधा असर आयात और निर्यात पर देखने को मिलता है। डॉलर की तुलना में रुपया कमजोर होने का मतलब है कि कच्चे तेल के लिए कंपनियों को ज्यादा रकम चुकानी होगी। इसके अलावा, सॉफ्टवेयर निर्यातक आईटी कंपनियों को रुपये की कमजोरी से फायदा मिलेगा। साथ ही, फार्मा कंपनियों को भी फायदा होगा क्योंकि इस इंडस्ट्री के कुल रेवेन्यू का 60-80 फीसदी हिस्सा एक्सपोर्ट पर निर्भर करता है। इसके अलावा, यूरो के मुकाबले डॉलर में मजबूती ने भी रुपये पर दबाव डाला।
Friday, June 22, 2012
आर्थिक सुधारों का कमाल कि देश अब ऑनलाइन है! बाजार बम बम है मंटेक, रंगराजन, निलेकणि, पित्रोदा जैसे तकनीशियनों के अर्थव्यवस्था का कारोबार संभालने की संभावना से।
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मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha
হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!
मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में OBC Trump Card और जयभीम कामरेड
Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!
हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला हिंदुत्व की राजनीति से नहीं किया जा सकता।
In conversation with Palash Biswas
Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg
Save the Universities!
RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!
जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।
#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি
अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास
ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?
Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION!
Published on Mar 19, 2013
The Himalayan Voice
Cambridge, Massachusetts
United States of America
BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7
Published on 10 Mar 2013
ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH.
http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM
http://youtu.be/oLL-n6MrcoM
Download Bengali Fonts to read Bengali
Imminent Massive earthquake in the Himalayas
Palash Biswas on Citizenship Amendment Act
Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003
Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003
http://youtu.be/zGDfsLzxTXo
Tweet Please
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS BLASTS INDIANS THAT CLAIM BUDDHA WAS BORN IN INDIA
THE HIMALAYAN TALK: INDIAN GOVERNMENT FOOD SECURITY PROGRAM RISKIER
http://youtu.be/NrcmNEjaN8c
The government of India has announced food security program ahead of elections in 2014. We discussed the issue with Palash Biswas in Kolkata today.
http://youtu.be/NrcmNEjaN8c
Ahead of Elections, India's Cabinet Approves Food Security Program
______________________________________________________
By JIM YARDLEY
http://india.blogs.nytimes.com/2013/07/04/indias-cabinet-passes-food-security-law/
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA
THE HIMALAYAN VOICE: PALASH BISWAS DISCUSSES RAM MANDIR
Published on 10 Apr 2013
Palash Biswas spoke to us from Kolkota and shared his views on Visho Hindu Parashid's programme from tomorrow ( April 11, 2013) to build Ram Mandir in disputed Ayodhya.
http://www.youtube.com/watch?v=77cZuBunAGk
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE
अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।'
http://youtu.be/j8GXlmSBbbk
THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST
We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas.
http://youtu.be/7IzWUpRECJM
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICAL OF BAMCEF LEADERSHIP
[Palash Biswas, one of the BAMCEF leaders and editors for Indian Express spoke to us from Kolkata today and criticized BAMCEF leadership in New Delhi, which according to him, is messing up with Nepalese indigenous peoples also.
He also flayed MP Jay Narayan Prasad Nishad, who recently offered a Puja in his New Delhi home for Narendra Modi's victory in 2014.]
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT
THE HIMALAYAN TALK: PALSH BISWAS FLAYS SOUTH ASIAN GOVERNM
Palash Biswas, lashed out those 1% people in the government in New Delhi for failure of delivery and creating hosts of problems everywhere in South Asia.
http://youtu.be/lD2_V7CB2Is
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE
अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।'
http://youtu.be/j8GXlmSBbbk
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