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Thursday, August 4, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



---------- Forwarded message ----------
From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/8/4
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा

 और रोज़गार


अंग्रेज़ी दुरुह क्यों लगती है?

Posted: 03 Aug 2011 09:00 AM PDT

आज निजीकरण के दौर में भारत जैसे देशों में इंगलिश की मांग बढ़ रही है। निजी स्कूलों व कंपनियों में नौकरी के लिए आए उम्मीदवारों में उन युवक/युवतियों को प्राथमिकता दी जाती है जो इंटरव्यू के समय फर्राटेदार इंगलिश बोल सकते हैं। हरियाणा जैसे राज्यों में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए यही एक बड़ी समस्या बन जाती है। अपने विषय या क्षेत्र से संबंधित ज्ञान होने के बावजूद वे इंटरव्यू से घबराते हैं। ऐसे लोगों के लिए शहरों में जगह-जगह इंगलिश स्पीकिंग कक्षाएं खुली हैं जो एक या दो महीने में इंगलिश सिखाने का दावा करते हैं लेकिन दो महीने बाद भी बहुत सारे विद्यार्थियों को निराश लौटना पड़ता है क्योंकि भाषा एक ऐसी चीज़ है जो तब तक नहीं सीखी जा सकती जब तक कि उसे दिनचर्या में बोला न जाए। हमारे प्रदेशों में बच्चों को घर से लेकर स्कूल तक ऐसा कोई माहौल नहीं मिलता। हालांकि हरियाणा के स्कूलों में इंगलिश पहली कक्षा से स्नातक तक एक अनिवार्य विषय के रूप में रखी गई है लेकिन 15 साल इंगलिश पढऩे के बावजूद ज्यादातर विद्यार्थी इंगलिश बोलना दो दूर, समझते भी नहीं। यह देखकर आश्चर्य होता है कि इंगलिश में मास्टर डिग्री (एमए) हासिल करने के बावजूद भी ज्यादातर विद्यार्थियों का न तो इंगलिश ग्रामर पर अधिकार होता है और न ही इंगलिश बोलना सीख पाते हैं। एक बच्चा जो अपनी मातृभाषा में तीन साल की उम्र तक बिल्कुल पारंगत हो जाता है वही बच्चा 17 साल में इतनी इंगलिश भी नहीं सीख पाता कि इंगलिश में अपनी बात दूसरे को समझा सके।
इसका कारण ढूंढऩे लगें तो शायद सबसे बड़ा दोष हमारी शिक्षाप्रणाली में ही मिलेगा। हमें देखना होगा कि हमारे स्कूलों में इंगलिश सिखायी कैसे जाती है या स्कूलों में पहली कक्षा से लेकर बी.ए. तक का पाठ्यक्रम क्या है? जहां तक भाषा सिखाने के तरीके की बात है तो भाषा को सिखाने का सही क्रम है- लिसनिंग-स्पीकिंग-रीडिंग, राइटिंग। लेकिन हमारे स्कूलों में सिर्फ राइटिंग और रीडिंग पर ही जोर दिया जाता है। लिसनिंग व स्पीकिंग के लिए पाठ्यक्रम में कोई जगह नहीं है। यह भी देखा गया है कि एक कक्षा के पाठ्यक्रम का दूसरी कक्षा के पाठ्यक्रम से बहुत कम संबंध है खासतौर पर ग्रामर के संदर्र्भ में। ग्रामर को एक कक्षा से दूसरी कक्षा में सही क्रमवार नहीं करवाया जाता। ग्रामर को एक व्यावहारिक विषय के रूप में पढ़ाने की बजाय नियमों के रटने पर जोर दिया जाता है। हरियाणा जैसे हिन्दी भाषी राज्य में इंगलिश पढ़ाने के लिए द्विभाषी तरीका काफी कारगार सिद्ध हो सकता है। लेकिन ग्रामर में वाक्य निर्माण व हिन्दी से इंगलिश अनुवाद को कोई महत्व नहीं दिया जाता। पाठ्य पुस्तकों में भी सिर्फ प्रश्नों के रटने पर ज़ोर दिया जाता है न कि समझने पर। और यह प्रक्रिया सिर्फ छोटी कक्षाओं में ही नहीं, बी.ए. व एम.ए. स्तर तक में भी अपनाई जाती है। यानी विद्यार्थी परीक्षोपयोगी कुछ प्रश्नों को रटकर लिख देते हैं। कुल मिलाकर इंगलिश को एक भाषा की बजाय एक विषय के रूप में पढ़ाया जाता है।

भाषा को सीखने के लिए सबसे पहले उसे बोलना सीखना जरूरी है। लेकिन विडम्बना यह है कि ज्यादातर अध्यापक भी इंगलिश बोलने मेंअसमर्थ होते हैं लेकिन इसके लिए अध्यापक दोषी नहीं हैं। असल में इसके लिए दो परिस्थितियां जिम्मेवार हैं। एक तो ये अध्यापक भी उन्हीं स्कूलों और परिस्थितियों में पढ़े हैं जहां इंगलिश रटने पर बल दिया जाता है। दूसरे, हमारे हरियाणा में अध्यापक भर्ती प्रक्रिया बड़ी विचित्र है। यहां सरकारी स्कूलों में दसवीं तक इंगलिश अध्यापक का कोई पद नहीं है, सोशल स्टडी मास्टर के पद पर लगे अध्यापक को ही इंगलिश पढानी पड़ती है। और कई बार तो ऐसा भी देखा गया है कि जिस अध्यापक ने बी.एड. टीचिंग सब्जेक्ट के रूप में हिन्दी और सामाजिक विषय लिए हैं उसे इंगलिश भी पढानी पड़ेगी। ऐसे अध्यापक से हम दसवीं तक इंगलिश पढ़ाने की अपेक्षा नहीं कर सकते। जब अध्यापक को अपने शिक्षण या प्रशिक्षण के दौरान किसी भी स्तर पर इंगलिश बोलने या सीखने का प्रशिक्षण नहीं दिया जाएगा तो वह अपने विद्यार्थियों को क्या सिखाएगा? इस प्रकार हम देखते हैं कि शिक्षा के किसी भी स्तर पर परिस्थितियां इंगलिश सीखने के अनुकूल नहीं हैं।
स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम से लेकर पढ़ाने के तरीके तक और अध्यापक प्रशिक्षण से लेकर अध्यापक भर्ती प्रक्रिया तक हर जगह सुधार की जरूरत है। इंगलिश का पाठ्यक्रम व्यावहारिक हो। विषयवस्तु रटने की बजाय इंगलिश बोलने पर बल दिया जाए। अध्यापक प्रशिक्षण के दौरान अध्यापकों को इंगलिश बोलने का प्रशिक्षण दिया जाए। स्कूलों में अलग से इंगलिश अध्यापकों की भर्ती की जाए। ये सब तरीके अपनाकर शायद हम इंगलिश के पक्ष में माहौल बना सकते हैं वरना विद्यार्थी ताउम्र यूं ही इंगलिश को कोसते रहेंगे(अलका,दैनिक ट्रिब्यून,3.8.11)।

एम बी ए : यानी डिग्री लेते ही नियुक्ति पत्र हाथ में

Posted: 03 Aug 2011 08:30 AM PDT

भारत में उदारीकरण के चलते काफी सारी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपने पांव पसार लिए हैं। जिसके चलते पिछले एक दशक में एमबीए की शिक्षा में सबसे ज्यादा उछाल आया है। बिजनेस शिक्षा के क्षेत्र में भारत में पहले दो एमबीए स्कूलों में आते हैं। आईआईएम अहमदाबाद और आईआईएम कोलकाता जो कि 1961-1962 के दौरान शुरू किए गए थे और जिनका पहले हार्वड बिजनेस स्कूल के साथ फिर बाद में मेसाच्यूसेट्स इंस्टीच्यूशन आफ टैक्रोलाजी से भी गठबंधन हुआ।
बाजार की स्थिति को देखते हुए भारत में आज 750 से भी ज्यादा संस्थान हैं जिसे इंडियन इंस्टीच्यूट आफ टैक्रीकल एजुकेशन (भारती तकनीकी शिक्षा संस्थान) से मान्यता प्राप्त है।
सुरक्षित व्यावसायिक भविष्य और बढ़ी संख्या में नौकरियों की उपलब्धता। एमबीए करवाने वाले संस्थान स्वयं ही कैम्पस साक्षात्कार कराते हैं।
स्नातक के बाद अच्छी जॉब नहीं मिलती और एमएससी, एमए और एम.कॉम के बाद भी बहुत कम अवसर हाथ में होते हैं।
एमबीए करने वालों के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं है।
एमबीए एक रोजगारपरक कोर्स है और लगभग सभी संस्थान प्लेसमैंट उपलब्ध करवाते हैं। आईआईएम्स, ईएक्स एलआरआई, आईआईएफटी, एफएमएस, जेबीआईएमएस, एसपी जैन, आईआईटी (एमओएम) और एनआईटी (एसओएम) और एनआईटीआईई कुछ अच्छे संस्थानों में आते हैं जो अच्छी नौकरी दिलाते हैं। एमबीए के विद्यार्थी मार्केटिंग, वित्तीय, ह्यूमन रिसोर्स, सिस्टम और आप्रेशन में अपना भविष्य बना सकते हैं। एमबीए के लिए विशेषज्ञता क्षेत्र है मार्केटिंग जिसमें आते हैं सेल्स एंड डिस्ट्रीब्यूशन, प्राडक्ट/ब्रांड मैनेजमेंट, विज्ञापन, बाजार शोध इत्यादि।
सेल्स और उत्पाद प्रबंधन क्षेत्र बहुत व्यापक है। अधिकतर कंपनियां इस क्षेत्र के प्रशिक्षुओं को लेने में रुचि दिखलाती हैं। विज्ञापन और बाजार शोध की सेवा क्षेत्र में काफी आवश्यकता होती है।
वित्त : वित्तीय क्षेत्र में एमबीए धारी को सीए से काफी स्पर्धा करनी पड़ती है इसमें सात स्तर होते हैं जैसे उपभोक्ता बैंकिंग, विकसित बैंकिंग, निवेशित बैंकिंग, गैरबैंकिंग वित्तीय क्षेत्र और अंतर्राष्ट्रीय वित्त।
उपभोक्ता बैंक, निवेशित बैंक व संस्थागत बैंक में कार्पोरेट क्लाइंट के साथ काम होता है।
विकसित बैंकिंग के क्षेत्र में कुछ विशेष संस्थाएं आती हैं जैसे आईसी आईसीआई, आईडीबीआई और आईएफसीआई। इनका कार्य क्षेत्र काफी चुनौतीपूर्ण होता है।
गैर बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र में दो तरह की कंपनी होती है एक तो निजी बैंक, खरीदना बेचना और दूसरे में कुछ विशेष निजी क्षेत्र के संस्थान जो जहाज रानी में हाउसिंग में पैसा लगाते आते हैं। मूल्य नियंत्रण के लिए, लेखांकन और वित्तीय योजना तैयार करने के लिए इनका अपना इन हाउस विभाग होगा है। अंतर्राष्ट्रीय वित्त शेयर बाजार में काम आता है जो आज की परिस्थिति में अर्थव्यवस्था के उतार-चढ़ाव में अह्म भूमिका निभाता है।
मानव संसाधन : यह क्षेत्र भारत में काफी उभर कर सामने आ गया है। इसके अंतर्गत तीन वृह्द अवसर हैं मानव संसाधन विभाग, पर्सनल मैनेजमेंट और औद्योगिक संबंध।
एक मानव संसाधन विभाग का व्यक्ति कंपनी के कर्मचारियों का आईना होता है। वही उनकी कौंसलिंग करता है उन्हें प्रशिक्षित व जागरूक करता है। उसकी गतिविधियां सीधे संगठन को प्रभावित करती हैं।

पर्सनल एक्जीक्यूटिव रोजमर्रा के गतिविधियों पर ध्यान देता है जैसे नियुक्ति, जॉब की परिभाषा, वेतन, कर्मचारी कल्याण से संबद्ध होता है।
औद्योगिक संबंध रखने वाला सीधे श्रमिक संबंध से जुड़ा होता है जो उनकी समस्याओं पर ध्यान देता है। इसमें कानून परिदृश्य वाले व्यक्ति को रखा जाता है।
सिस्टम प्रबंध : सिस्टम प्रबंध आजकल नौकरी बाजार में सबसे उच्च स्थान पर है। इसके जरिए सिस्टम कन्सलटेंसी व्यवसाय विकास/सेल्स और मार्केटिंग लेखा प्रबंध/प्रोजेक्ट प्रबंध सिस्टम डिपार्टमेंट आफ आर्गनाइजेशन में जाया जा सकता है।
आप्रेशन : इसके अंतर्गत उत्पाद आधारित व्यवसाय पर ध्यान दिया जाता है। कोर्स करने के समय काफी उत्पादों और आप्रेशनों में तकनीकों और सिद्धांतों का प्रयोग मैनेजमेंट स्कूलों में सिखाया जाता है। यह तकनीक इंजीनियर स्नातकों के लिए प्रभावी होती है। इसमें काफी अवसर मिलते हैं जैसे उत्पादकता में सुधार, क्वालिटी कंट्रोल, इन्वैंटरी कंट्रोल और उत्पाद की योजना। इसमें व्यावहारिक, तकनीकी और सांख्यिकी विशेषज्ञता को उभारा जाता है जो आगे चल कर विद्यार्थियों के काफी काम आती है।
नई आने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए उपलब्ध एमबीए विद्यार्थी काफी लाभदायक होते हैं क्योंकि इनमें पहले से ही वे सारी तकनीकें संस्थाओं द्वारा डाल दी जा चुकी होती हैं, जिसके लिए उन्हें ज्यादा मगजमारी नहीं करनी पड़ती है। विद्यार्थियों को भी शुरुआती दौर में अच्छा पैकेज मिलता है जो उनके आगे बढऩे के मार्ग को और भी फैला देता है(राहुल भारद्वाज,दैनिक ट्रिब्यून,3.8.11)।

कई पाठ्यक्रमों के दाखिले की अंतिम तिथि नोट करें

Posted: 03 Aug 2011 08:00 AM PDT

पाठ्यक्रम : बीपीएड, एमपीएड
संस्थान : डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद
आवेदन : संस्थान की वेबसाइट www.rmlau.ac.in से प्राप्त कर सकते हैं
अंतिम तिथि : 3 अगस्त
पाठ्यक्रम : पीएचडी के लिए आईसीएआरएसआरएफ
संस्थान : नार्म, हैदराबाद
न्यूनतम शैक्षिक योग्यता : सम्बंधित विषय में मास्टर्स डिग्री
आवेदन : वेबसाइट www.naarm.ernet देख सकते हैं
चयन : दिनांक 4 दिसंबर को आयोजित की जाने वाली परीक्षा के आधार पर
अंतिम तिथि : 30 अगस्त
पाठ्यक्रम : एमबीए (इंटरनेशनल बिजनेस)
संस्थान : इंडियन इंस्टिच्यूट ऑफ फौरन ट्रेड, बी21 इंस्टिच्यूशनल एरिया, दिल्ली-16
अवधि : दो वर्ष
न्यूनतम शैक्षिक योग्यता : बैचलर्स डिग्री
चयन : 27 नवंबर को 20 से अधिक शहरों में आयोजित की जाने वाली परीक्षा के आधार पर
आवेदन : संस्थान की वेबसाइट www.iift.edu पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं
अंतिम तिथि : 5 सितम्बर
पाठ्यक्रम : मास्टर ऑफ टेक्निकल एजुकेशन
संस्थान : नेशनल इंस्टिच्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च, भोपाल
अवधि : दो वर्ष
न्यूनतम शैक्षिक योग्यता : बीई
आवेदन : संस्थान की वेबसाइट www.nittrbpl.ac.in से प्राप्त कर सकते हैं
पाठ्यक्रम;- एम् फिल और पी एच डी
संस्थान ;-सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ गुजरात,गांधीनगर
दाखिले;- 10 अगस्त को आयोजित किये जाने वाले एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर
आवेदन- संस्थान की वेबसाइट www.cug.ac.in देख सकते हैं.
अंतिम तिथि;-8 अगस्त
पाठ्यक्रम;-बी टेक एवं एम् टेक ड्युअल डिग्री
संस्थान ;-राजीव गाँधी प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय ,भोपाल
अवधि- 5 वर्ष
न्यूनतम शैक्षिक योग्यता;- कम से कम 60 प्रतिशत अंकों सहित 10+2 साइंस विषयों के साथ
दाखिले- 21 अगस्त को आयोजित की जाने वाली चयन परीक्षा के आधार पर

आवेदन;- संस्थान की वेबसाइट www.rgpv.ac.in देखें
पाठ्यक्रम;-पी जी प्रोग्राम (डाईरेक्शन एंड स्क्रीन प्ले, सिनेमेटोग्राफर, एडिटिंग, ऑडियोग्राफी)
संस्थान;- सत्यजित रे फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट, कोलकाता
अवधि;-3 साल प्रत्येक
न्यूनतम शैक्षिक योग्यता;-ग्रेजुएट
दाखिले- दिल्ली सहित देश के 15 शहरों में 11 सितम्बर को आयोजित की जाने वाली चयन परीक्षा के आधार पर
आवेदन;- संस्थान की वेबसाइट www.srfti.gov.in से डाउन लोड कर सकते हैं.
अंतिम तिथि;- 24 अगस्त
पाठ्यक्रम;-एम् एफ ए (एप्लाइड आर्ट,पेंटिंग, ग्राफिक्स, स्कल्पचर)
संस्थान;-गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट्स ,चंडीगढ़
अवधि- दो वर्ष
आवेदन- संस्थान की वेबसाइट www.artcollegechandigarh.org से डाउन लोड कर सकते हैं.
अंतिम तिथि;- 8 अगस्त
पाठ्यक्रम;-बीए, बी कॉम, एम् ए, एम् एस सी, एम् कॉम, एम् बी ए, एम् सी ए,बी एड, एल एल एम्, पी जी डिप्लोमा (एक्सपोर्ट मार्केटिंग, जर्नलिज्म, ट्रांसलेशन, कंप्यूटर एप्लीकेशन आदि)
संस्थान : डाईरेक्ट्रेट ऑफ डिस्टेंस एजुकेशन, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कुरुक्षेत्र
विशेष- सभी कोर्स डिस्टेंस एजुकेशन से संचालित
आवेदन:- संस्थान की वेबसाइट www.kuk.ac.in से डाउन लोड कर सकते हैं.
अंतिम तिथि;-21 अक्टूबर(अशोक सिंह,दैनिक ट्रिब्यून,दिल्ली,3.8.11)

यूपीःकाउंसलिंग से ही भरी जाएंगी बीएड की सभी सीटें

Posted: 03 Aug 2011 07:43 AM PDT

बीएड की प्रथम चरण की काउंसलिंग के बाद रिक्त सीटों को 3 से 7 अगस्त के बीच होने वाली द्वितीय काउंसलिंग से भरा जाएगा। इसके बाद भी सीटें खाली रही तो उन्हें भी काउंसलिंग से भरने का निर्णय सरकार ने लिया है। यानी किसी भी सीट पर प्रवेश अब निजी कालेज प्रबंधन के स्तर से नहीं होगा। अभी तक मिले आंकड़ों के मुताबिक 14 हजार बीएड की सीटें रिक्त रह गयी हैं, लेकिन इन सीटों पर एक बार आवंटन पा चुके अभ्यर्थियों को दोबरा मौका नहीं दिया जाएगा। बीएड काउंसलिंग के लिए जारी कार्यक्रम के मुताबिक नये अभ्यर्थियों को छह व 7 अगस्त को ही प्रवेश का मौका मिलेगा। बीएड में द्वितीय काउंसलिंग के बाद रिक्त सीटों पर प्रवेश 5000 छात्रों के पूल बना कर दिये जाएंगे। इस बाबत 8 अगस्त को ही रुहेलखण्ड विविद्यालय को विज्ञापन प्रकाशित कराने को कहा गया है। इसके बाद विविद्यालय व उसके केन्द्रों के स्तर पर पांच हजार छात्रों का पंजीकरण होगा।उनकी विविद्यालय स्तर पर मेरिट बनेगी और अवरोही क्रम में प्रवेश के लिए रिक्त सीटों वाले महाविद्यालयों को सुपुर्द कर दी जाएगी। सूबे के उच्च शिक्षा सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि पंजीकरण कराने वाले अभ्यर्थियों से 13 अगस्त तक अंडरटेकिंग ली जाएगी, और बाद में रिक्त सीट पर उन्हें प्रवेश दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले पांच हजार पंजीकृत छात्रों को प्रवेश देने के बाद रिक्त सीटों की तादाद पांच हजार से ज्यादा होगी तो द्वितीय पूल 5000 छात्रों को बनेगा और इसके लिए 14 अगस्त को फिर से अखबारों में विज्ञापन जारी होगा और उनको भरने के लिए 18 अगस्त तक पंजीकरण होगा। इन छात्रों से भी अंडरटेकिंग लेकर सीट भरी जाएगी। उन्होंने बताया कि पंजीकरण कराने वाले छात्रों को बीएड की पूरी फीस 15250 रुपये का ड्राफ्ट वित्त अधिकारी एमजेपी रुहेलखण्ड विवि बरेली के नाम का लाना होगा। उन्होंने बताया कि छात्रों से ली जाने वाली धनराशि बाद में आवंटित महाविद्यालय के पक्ष में भेज दी जाएगी। श्री अवस्थी ने कहा कि पूल में पंजीकृत छात्रों को आवंटित महाविद्यालय में न जाने की स्थिति में बीएड की पूरी फीस जब्त कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थी के महाविद्यालय में प्रवेश न लेने की सूचना तीन दिनों के बाद आती है, तो महाविद्यालय को रिक्त सीट के सापेक्ष दूसरे अभ्यर्थी को आवटित किया जाएगा, लेकिन दूसरा छात्र भी आवंटित महाविद्यालय में प्रवेश लेने नहीं पहुंचता है तो उसकी जमा फीस को जब्त कर बीएड डिग्री कालेज के सुपुर्द कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पूल में पंजीकरण कराने वाले छात्रों की स्टेट रैंकिंग के अनुसार सूची एनआईसी द्वारा 14 अगस्त तक तैयार करके वेबसाइट पर जारी कर दी जाएगी(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,3.8.11)।

बिहारःउप-मुख्यमंत्री ने कहा,'सरकार से परामर्श के बिना हुई कुलपतियों की नियुक्तियां'

Posted: 03 Aug 2011 07:16 AM PDT

बिहार में छह विश्वविद्यालयों में स्थाई कुलपति की नियुक्ति के संबंध में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि कुलाधिपति कार्यालय ने इस संबंध में राज्य सरकार से कोई परामर्श नहीं किया है।
जनता दरबार में उपमुख्यमंत्री कार्यक्रम से इतर मोदी ने संवाददाताओं से कहा,'छह विश्वविद्यालयों में कुलपतियों तथा चार प्रतिकुलपतियों की नियुक्ति के संबंध में बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 का उल्लंघन हुआ है। राज्यपाल सह कुलाधिपति ने कुलपतियों की नियुक्ति के संबंध में राज्य सरकार से कोई परामर्श नहीं किया है।' मोदी ने कहा कि इससे पहले राज्य सरकार से परामर्श के बिना वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा और मगध विश्वविद्यालय, गया में कुलपतियों की नियुक्ति होने पर न्यायालय ने नियुक्तियों को अवैध करार दिया था।

उन्होंने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखा था। राज्य सरकार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की मदद के बाद अपने कोष से राज्य के विश्वविद्यालयों पर प्रतिवर्ष 1100 करोड़ रुपए व्यय करती है। लेकिन सरकार की समिति में से सुझाए गए नामों को मंजूरी नहीं दी जाती।

उन्होंने राजभवन के फैसले पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। मोदी ने कहा कि इस मामले को लेकर राज्य सरकार का अदालत की शरण में जाने का कोई विचार नहीं है। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल सह कुलाधिपति देवानंद कुंवर ने कल राज्य में छह विश्वविद्यालयों में नए कुलपतियों की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी थी(दैनिक ट्रिब्यून,पटना,3.8.11)।

लखनऊःक्रिश्चियन ट्रेनिंग कालेज में बीएड की मेरिट तय करने में धांधली का आरोप

Posted: 03 Aug 2011 07:10 AM PDT

लखनऊ क्रिश्चियन ट्रेनिंग कालेज में सोमवार को बीएड की पचास फीसद सीटों पर मेरिट जारी होते ही बवाल मच गया। छात्रों ने महाविद्यालय के बाहर घण्टों हंगामा किया और प्रबंधन पर मेरिट में धांधली का आरोप लगाया है। छात्रों का कहना है कि जिन अभ्यर्थियों की प्रबंधन से सेटिंग हो गयी है, उन्हीं के नामों को चयनित अभ्यर्थियों की सूची में शामिल किया गया है। क्रिश्चियन ट्रेनिंग कालेज में चस्पा की गयी बीएड चयनित छात्रों की सूची में सिर्फ नाम और अनुक्रमांक दिया गया है। मेरिट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी है। छात्रों का कहना है कि मेरिट में काफी खामी हैं। अव्वल तो बीएड की मेरिट डिग्री प्रबंधक के हस्ताक्षरों से जारी की गयी है, जबकि महाविद्यालय में सभी काम प्राचार्य के स्तर से होने चाहिए। दूसरे अब छात्रों ने बीएड के लिए लखनऊ क्रिश्चियन ट्रेनिंग कालेज के अल्पसंख्यक संस्थान होने पर भी सवाल खड़े कर दिये हैं। उनका कहना है कि शासन से इसे जब अल्पसंख्यक श्रेणी के संस्थान का दर्जा ही नहीं मिला है तो फिर अल्पसंख्यक श्रेणी के लिए प्रबंधन कोटे की निर्धारित पचास फीसद सीटों पर प्रवेश किस स्तर से करने का निर्णय लिया गया है। महाविद्यालय के प्रबंधन से जुड़े लोगों का कहना है कि प्रबंधन की सीटों पर दाखिला के लिए बड़ी संख्या में अभ्यर्थी आवेदक हैं, प्रबंधन पर दाखिले के लिए दबाव बना रहे थे,मेरिट में जगह न बना पाने की वजह से अब वहीं छात्रों को भड़का रहे हैं और हंगामा पर आमादा हैं। दूसरी ओर लखनऊ क्रिश्चियन कालेज के पूर्व छात्रों ने इन अनियमितताओं के खिलाफ आन्दोलन की धमकी दी है और वह बुधवार को शासन में भी मेरिट की अनदेखी और बीएड प्रवेश में धांधली के खिलाफ गुहार लगाएंगे। क्रिश्चियन ट्रेनिंग कालेज के प्रभारी डा. डीबी सिंह ने बताया कि परीक्षाफल शनिवार को घोषित किया गया था। इसके लिए प्रवेश परीक्षा करायी गयी थी, लेकिन मेरिट न जारी होने के सवाल पर उन्होंने पल्ला झाड़ लिया और कहा कि काउंसलिंग शुरू करा दी गयी है, इसकी का कुछ लोग विरोध कर रहे हैं(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,3.8.11)।

देश में एमबीबीएस की 4542 सीटें बढ़ेंगी

Posted: 03 Aug 2011 07:09 AM PDT

देश में मेडिकल शिक्षा की स्थिति में सुधार के लिए मेडिकल कौसिंल ने शिक्षण सत्र 2011-12 के दौरान 21 नये और 33 मौजूदा कालेजों में एमबीबीएस की 4542 सीटें बढ़ाने का फैसला किया है।
उधर केन्द्र सरकार ने कौसिंल का कार्यकाल मौजूदा एक साल से बढ़ाकर दो साल करने केउद्देश्य से लोकसभा में विधेयक पेश किया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने गुंडु सुधारानी के सवाल के लिखित जवाब में आज राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ऐसे कालेजों में निजी और सरकारी दोनों प्रकार के कालेज शामिल हैं। उन्होंने मेडिकल कालेजों में पीजी सीटें बढ़ाने के लिए केंद्र ने शिक्षक और छात्र के अनुपात को एक अनुपात एक से बदलकर एक अनुपात दो करने सहित कई कदम उठाये हैं। इन पहल के परिणामस्वरूप 2010-11 और 2011-12 के दौरान करीब 6400 सीटों की वृद्धि हुई है।
इस बीच केन्द्र सरकार ने मेडिकल कौंसिल का कार्यकाल बढ़ाने के मकसद से विधेयक पेश किया। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री ई गांधीसेल्वन ने लोकसभा में 'भारतीय चिकित्सा परिषद ( संशोधन) विधेयक 2011′ पेश किया। इसमें भारतीय चिकित्सा परिषद के बोर्ड आफ गवर्नर्स का कार्यकाल मई 2012 तक बढ़ाने का प्रावधान किया गया है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मानव संसाधन आयोग (एनसीएचआरएच) की स्थापना के लिए प्रस्तावित विधेयक के क्रियान्वयन में देरी के चलते यह विधेयक लाया गया है। सरकार ने एनसीएचआरएच की स्थापना की पहल की है। यह एक ऐसी ईकाई होगी जो अपने में भारतीय चिकित्सा परिषद और भारतीय दंत चिकित्सा परिषद को समाहित कर लेगी। इसकी स्थापना के लिए एक मसौदा विधेयक तैयार किया है लेकिन इसे क्रियान्वयन के स्तर पर नहीं लाया जा सका है। भारतीय चिकित्सा परिषद उस समय विवादों के घेरे में आ गई थी जब इसके अध्यक्ष केतन देसाई को अप्रैल 2010 में सीबीआई ने दो करोड़ की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने यह रिश्वत पंजाब स्थित ज्ञान सागर मेडिकल कालेज को मान्यता प्रदान करने के एवज में ली थी।
इसके बाद सरकार ने एमसीआई को भंग करके इसके स्थान पर बोर्ड आफ गवर्नर्स को बिठाया था। एमसीआई के सात सदस्यीय बोर्ड का इस वर्ष मई में पुनर्गठन किया गया था(दैनिक ट्रिब्यून,दिल्ली,3.8.11)।

यूपीःग्रेड टू (टेक्निकल) बिजली कर्मियों का ग्रेड पे 1200 रु. बढ़ा

Posted: 03 Aug 2011 07:08 AM PDT

उत्तरप्रदेश पावर कारपोरेशन के क्लर्क तथा ग्रेड टू (टेक्नीकल) कर्मियों के ग्रेड पे में 1200 रुपये की वृद्धि करने का फैसला किया गया है। इस बारे में चार अगस्त को विद्युत बोर्ड की होने वाली बैठक में मंजूरी प्रदान की जाएगी। ग्रेड पे में यह बढ़ोतरी एक जनवरी 2006 से लागू मानी जाएगी। पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष नवनीत सहगल की अध्यक्षता में मंगलवार को शक्ति भवन में बैठक हुई जिसमें श्री सहगल के अलावा कार्मिक एवं प्रशासन के निदेशक तथा वित्त निदेशक उपस्थित थे। बैठक में विभाग के कर्मचारियों द्वारा ग्रेड पे वेतन में वृद्धि को लेकर लगातार मांग की जा रही थी जिसके बारे में निर्णय लिया गया। बैठक में वित्त निदेशक ने बताया कि 8550 वेतनमान वाले क्लर्क तथा ग्रेड टू टेक्नीकल के कर्मियों को 5400 रुपये ग्रेड पे मिल रहा था जिसे बढाकर 6600 रुपया कर दिया गया है। इस निर्णय से पावर कारपोशन के पन्द्रह हजार कर्मियों को लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि पावर कारपोरेशन इस समय बारह हजार करोड़ रुपये के घाटे में है। कारपोरेशन को प्रति वर्ष एक हजार करोड़ रुपये का घाटा होता है। यह भी बताया गया कि बिजली खरीद के रूप में पावर कारपोरेशन को 3400 करोड़ रुपये का भुगतान अगस्त में करना है। पावर कारपोरेशन 105 मिलियन यूनिट बिजली की आपूर्ति करता था जो इस समय बढ़कर 225 मिलियन यूनिट हो गयी है। इस प्रकार कारपोरेशन पर लगातार वित्तीय घाटा बढ़ रहा है। इसके बावजूद संस्थान ने कर्मचारियों की मांगों पर सहानूभूति पूर्वक विचार कर ग्रेड पे बढ़ाने का फैसला किया है। कारपोरेशन के अध्यक्ष के नतृत्व में हुई बैंक में लिए गए फैसले पर वृहस्पतिवार को बोर्ड के निदेशक मंडल की बैठक में मोहर लगायी जाएगी(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,3.8.11)।

पंजाब यूनिवर्सिटीःईवनिंग स्टडीज विभाग में गेस्ट टीचर भर्ती रद्द

Posted: 03 Aug 2011 07:06 AM PDT

पंजाब विश्वविद्यालय प्रशासन ने इवनिंग स्टडीज विभाग में दो दिन पहले की गयी गेस्ट फैकल्टी की भर्ती को रद्द कर दिया है और विभाग से खाली पदों का ब्यौरा मांगा है ताकि इन पदों पर वाक-इन-इंटरव्यू कराकर नये टीचर भर्ती किये जा सकें।
उल्लेखनीय है कि इवनिंग स्टडीज विभाग में गेस्ट टीचर्स की नियुक्तियों को अप्रूवल के लिए कल एकेडमिक एवं एडमिनिस्ट्रेटिव कमेटियों की एक संयुक्त बैठक में इस मामले को लेकर जोरदार हंगामा हुआ था। कमेटियों ने इन भर्तियों में अनियमितताओं का आरोप लगाया था और इन सभी नियुक्तियों को खारिज करने की मांग की थी। विभाग की चेयरपर्सन डा. इंदु तिवारी ने बताया कि विभाग में कुल 46 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 18 पद इस समय खाली पड़े हैं।
इन खाली पदों पर 29 व 30 जुलाई को 10 अलग-अलग विषयों में करीब 30 गेस्ट टीचरों की नुयक्ति की गयी थी। बताया जाता है कि इसमें कई गेस्ट टीचर पीयू में लगे प्रोफेसरों की पत्नियां अथवा निकट संबंधी थे। कुलपति प्रो. आरसी सोबती ने संयुक्त कमेटियों की मांग पर इन भर्तियों को रद्द कर दिया और विभाग से पूरा ब्यौरा तलब किया है कि उनका वर्कलोड कितना है और कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने इस समय खाली हैं। कुलपति ने कहा कि अगले 10 दिनों के भीतर इन पदों को वाक-इन-इंटरव्यू के जरिये भर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि पीयू हर मामले में पारदर्शिता को तरजीह देती आयी है लिहाजा जहां भी उन्हें कुछ गड़बड़ी की सूचना मिलती है वे तुरंत उस पर कार्रवाई करते हैं(दैनिक ट्रिब्यून,चंडीगढ़,3.8.11)।

DU: फर्जी एडमिशन में सख्त सजा

Posted: 03 Aug 2011 07:04 AM PDT

दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज में झूठे सर्टिफिकेट के सहारे एडमिशन लेना एक स्टूडेंट पर काफी भारी पड़ गया। इसका एडमिशन तो कैंसल हुआ ही, साथ ही उस पर कानूनी कार्रवाई की तलवार भी लटक गई है। कॉलेज प्रिंसिपल ने यूनिवर्सिटी से कानूनी राय मांगी थी। सूत्रों के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ने कॉलेज को एफआईआर दर्ज करवाने को कहा है।

यह मामला ओबीसी कैटिगरी के एडमिशन से जुड़ा हुआ है। बीए वोकेशनल कोर्स में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट ने नॉन क्रीमी लेयर का सर्टिफिकेट पेश किया था। इस आधार पर उसे ओबीसी कैटिगरी में एडमिशन मिल गया लेकिन एडमिशन के कुछ दिन बाद ही कॉलेज को शिकायत मिली, जिसमें उसके ओबीसी सर्टिफिकेट को फर्जी बताया गया।


कॉलेज ने जांच की और उससे पैरंट्स का इनकम सटिर्फिकेट भी मांगा पर उसने सबूत नहीं दिया। यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट और उसके पैरंट्स को बुलाया। पैरंट्स ने तर्क दिया कि सर्टिफिकेट बनवाते वक्त वे नॉन क्रीमी लेयर में आते थे लेकिन अब क्रीमी लेयर में आ गए हैं। लेकिन कॉलेज अधिकारियों का तर्क था कि सटिर्फिकेट इसी साल जून का बना हुआ है, तो ऐसे में एक महीने में इनकम स्टेटस कैसे बदल सकता है। 

कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. इंद्रजीत ने बताया कि इसके बाद पैरंट्स ने एडमिशन कैंसल करने की दरख्वास्त की और एडमिशन कैंसल कर दिया गया। लेकिन कॉलेज ने यूनिवर्सिटी से आगे की कार्रवाई को लेकर राय मांगी। यूनिवर्सिटी सूत्रों के मुताबिक, दो दिन पहले ही रजिस्ट्रार ऑफिस से कॉलेज को लेटर भेजा गया है, जिसमें इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाने को कहा गया है। उधर, प्रिंसिपल का भी कहना है कि यूनिवर्सिटी का लेटर मिलने के बाद वे एफआईआर दर्ज करवा देंगे। 

हिंदू कॉलेज में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया था। ओबीसी कैटिगरी में एक स्टूडेंट फजीर् कास्ट सटिर्फिकेट के सहारे एडमिशन लेने पहुंची थी, लेकिन एडमिशन ऑफिसर ने उसके सर्टिफिकेट का फर्जीवाड़ा पकड़ लिया। उस कैंडिडेट ने अपने पैरंट्स की सालाना इनकम तीन लाख रुपये बताई थी, जबकि कैंडिडेट के पिता एक नामी कंपनी में बड़ी पोस्ट पर हैं और उनकी सालाना इनकम 10 लाख से ज्यादा ही थी। इसी तरह से कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कॉलेज अपने लेवल पर कुछ एडमिशन की जांच भी करवा रहे हैं(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,3.8.11)।

गाजियाबादःकॉलेजों में एडमिशन की रफ्तार हुई तेज

Posted: 03 Aug 2011 07:03 AM PDT

सिटी के डिग्री कॉलेजों में एडमिशन की रफ्तार तेज होने लगी है। एमएमएच कॉलेज और एसडी डिग्री कॉलेज में मंगलवार को फर्स्ट कट ऑफ लिस्ट चस्पा कर दी गई। मेरिट लिस्ट में अपना नाम देखने के लिए काफी संख्या में स्टूडेंट्स कॉलेज पहुंचे और एडमिशन के नियमों की जानकारी ली। साथ ही पहले दिन जितनी उम्मीद की जा रही थी उससे कहीं अधिक एडमिशन हुआ। एडमिशन के लिए कांउटर दोपहर एक बजे तक खुले रहे।


सिटी के डिग्री कॉलेजों में एडमिशन शुरू हो चुके है। मंगलवार को एमएमएच कॉलेज और एसडी कॉलेज में भी स्टूडेंट्स ने एडमिशन लिए। कॉलेज सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को स्टूडेंट्स कॉलेज में ग्रुप बनाकर मेरिट लिस्ट देखने के लिए पहुंचे। सबसे पहले नोटिस बोर्ड पर उन्होंने अपना रोल नंबर देखा। फिर एडमिशन के लिए कौन-कौन से डॉक्युमेंट्स जरूरी है इसकी जानकारी ली। सूत्रों की मानें तो विभिन्न कोर्स में करीब 50 एडमिशन हुए है। इसके अलावा अधिकतर स्टूडेंट्स एडमिशन फीस के बारे में जानकारी लेने पहुंचे। 

दूसरी तरफ, एसडी कॉलेज में पहले दिन 20 एडमिशन हुए। प्रिंसिपल नरसिंह पाल ने बताया कि पहले दिन अकसर स्टूडेंट्स जानकारी लेने के मकसद से ही आते है। काउंटर पर बैठे कर्मचारी स्टूडेंट्स को पूरी जानकारी दे रहे हैं। टीचर्स में स्टूडेंट्स को सपोर्ट कर रहे हैं। इसके अलावा कांशीराम गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज में एडमिशन के दूसरे दिन स्टूडेंट्स का रिस्पांस थोड़ा अच्छा रहा। पहले दिन सिर्फ छह ही एडमिशन हो पाए थे, लेकिन मंगलवार को यह संख्या बढ़कर 20 से ऊपर पहुंच गई(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,3.8.11)।

MMH: एमएससी के तीन सब्जेक्ट की मेरिट लिस्ट जारी

Posted: 03 Aug 2011 07:02 AM PDT

एमएमएच कॉलेज में मंगलवार को एमएससी केमिस्ट्री, फिजिक्स और बॉटनी कोर्स में एडमिशन के लिए पहली कट ऑफ लिस्ट जारी कर दी गई। लिस्ट के मुताबिक तीनों ही सब्जेक्ट में जनरल और ओबीसी कैटिगरी में फर्स्ट डिविजन वाले स्टूडेंट को ही एडमिशन के लिए पहले बुलाया गया है।

एमएमएच कॉलेज में ग्रैजुएशन और पोस्ट ग्रैजुएशन कोर्स के करीब सभी सब्जेक्ट की पहली कट ऑफ लिस्ट जारी कर दी गई है। कॉलेज के पिंसिपल डॉ. के.एन. अरोड़ा ने बताया कि ग्रैजुएशन और पोस्ट ग्रैजुएशन कोर्स की कट ऑफ लिस्ट सोमवार देर शाम जारी हुई थी। इनके एडमिशन मंगलवार से शुरू हो गए हैं। पोस्ट ग्रैजुएशन में कुछ सब्जेक्ट रह गए थे, जिनकी कट ऑफ मंगलवार देर शाम जारी की गई है। इन तीनों सब्जेक्ट की कट ऑफ हाई गई है।


डॉ. अरोड़ा ने बताया कि पीजी में सेमेस्टर सिस्टम होने की वजह से कम ही स्टूडेंट्स एडमिशन के लिए आ रहे हैं। पिछले वर्ष भी स्टूडेंट का रिस्पांस ठंडा ही रहा था। संभावना है कि इस वर्ष भी ऐसा हो, लेकिन कॉलेज प्रशासन अपने स्तर से स्टूडेंट्स को समझाने की कोशिश कर रहा है कि सेमेस्टर सिस्टम उनके लिए कितना फायदेमंद है। उन्होंने बताया कि यदि फर्स्ट कट ऑफ लिस्ट में सीटें बचती हैं तो सेकंड लिस्ट निकाली जाएगी। 
एमएमएच में पीजी की कट ऑफ लिस्ट 

कोर्स- जनरल -ओबीसी-एससी 

एमएससी फिजिक्स 68.14 64.47 54.8 

एमएससी बॉटनी 69.35 66.57 61.52 

एमएससी केमिस्ट्री 66.31 63.5 60.14 (नवभारत टाइम्स,दिल्ली,3.8.11)

CCS: स्टूडेंट्स को भरना पड़ा खामियाजा

Posted: 03 Aug 2011 07:01 AM PDT

स्टूडेंट्स को सीसीएस यूनिवर्सिटी के निर्देशों का पता न होने का खमियाजा उठाना पड़ा है। यूनिवर्सिटी ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और एडमिशन फॉर्म जमा करने की लास्ट डेट 30 जुलाई निर्धारित की थी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि यदि कोई स्टूडेंट इस तारीख को रजिस्ट्रेशन करता है तो वह फॉर्म कब जमा करेगा। इस पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मौखिक रूप से 1 और 2 अगस्त तक फॉर्म जमा करने का निर्देश दिया था, लेकिन अधिकांश कॉलेजों को इसकी जानकारी न होने से दर्जनों स्टूडेंट्स एडमिशन की दौड़ से बाहर हो गए हैं।


एमएमएच कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. के.एन. अरोड़ा ने बताया कि लास्ट डेट पर ऑनलाइन रजिस्टर्ड हुए स्टूडेंट्स का फॉर्म 2 अगस्त को जमा किया गया है। जानकारी मिलने पर आखिरी दिन 12 स्टूडेंट्स ने फॉर्म जमा कराए। हालांकि, कॉलेज में काउंटर दोपहर 1 बजे तक खुले रहे, लेकिन अधिक स्टूडेंट नहीं आए। 
वैसे वीसी के इस मौखिक आदेश से कुछ स्टूडेंट्स का एक साल बर्बाद होने से बच गया। दूसरी तरफ, एसडी कॉलेज समेत अन्य कॉलेजों में इसकी जानकारी न होने पर स्टूडेंट्स को बैरंग लौटा दिया गया। स्टूडेंट्स कैंपस में देर तक भटकते रहे, लेकिन कर्मचारियों व टीचर्स ने उन्हें टका सा जवाब दे दिया कि लास्ट डेट खत्म हो चुकी है, इसलिए अब फॉर्म जमा नहीं हो पाएगा। 

गौरतलब है कि सीसीएसयू की हर जानकारी वेबसाइट पर जारी की जाती है। अब कॉलेजों को लिखित में कोई आदेश नहीं मिलता है। यदि बीच में कोई निर्देश यूनिवर्सिटी को देना होता है तो वह मौखिक ही दिया जाता है। ऐसा ही कुछ इस बार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में हुआ है, जिसका खमियाजा स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ा(नवभारत टाइम्स,गाजियाबाद,3.8.11)।

जामिया में लैपटॉप से दे सकेंगे परीक्षा

Posted: 03 Aug 2011 01:38 AM PDT

जामिया मिलिया इस्लामिया के ऐसे छात्र जो लिखने में सक्षम नहीं हैं, उनको परीक्षा में लेखक (राइटर) के साथ-साथ लैपटॉप की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। विश्वविद्यालय की ओर से लागू इस फैसले का मूल उद्देश्य विशेष श्रेणी के तहत आने वाले छात्रों को बेहतर सुविधा प्रदान करना है।


विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. एसएम साजिद के अनुसार नई सुविधा को लागू करने के लिए एकेडमिक और एग्जीक्यूटिव काउंसिल की मंजूरी ले ली गई है। इस व्यवस्था के तहत ऐसे छात्र जो लैपटॉप के माध्यम से परीक्षा देना चाहते हैं, उन्हें सबसे पहले अपनी शारीरिक अक्षमता को साबित करने वाला आधिकारिक दस्तावेज पेश करना होगा। 

इसके पश्चात जो इस सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें दो सप्ताह पूर्व ही इसके लिए विश्वविद्यालय को सूचित करना होगा। लैपटॉप में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी(शैलेन्द्र सिंह,दैनिक भास्कर,दिल्ली,3.8.11)।

मगध विश्वविद्यालयःसौ नंबर के प्रश्नपत्र में एक सौ पैतीस अंकों के सवाल

Posted: 03 Aug 2011 01:37 AM PDT

सौ नंबर का प्रश्नपत्र और एक सौ पैतीस अंकों के सवाल। सुनकर थोड़ा अटपटा जरूर लगता है पर ऐसा हुआ सोमवार को मगध विश्वविद्यालय के स्नातक पार्ट वन की परीक्षा में। पहले छात्रों को समझ में नहीं आया। अंग्रेजी ऑनर्स के पहले पेपर में छात्रों को प्रश्नपत्र मिला तो पहले तो उन्होंने गौर नहीं किया। जब परीक्षा देने के बाद पूरे प्रश्नों के अंक जोड़े जाने लगे तो पता चला कि एक सौ पैतीस अंकों के सवाल पूछे गये हैं।

एएन कॉलेज के छात्रों का परीक्षा केन्द्र बीडी कॉलेज को बनाया गया था। इस केन्द्र पर परीक्षा देने आए छात्र यशलोक, शिवम, गुंजन, पूजा कुमारी, अर्चना सहित कई छात्र-छात्राओं ने बताया कि इसके बारे में पता चलते ही उनके होश उड़ गये। छात्रों का कहना था परीक्षा विलंब से ली जा रही है इसके बाद भी गलत प्रश्न-पत्र भेजे जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डा. सुनील कुमार ने बताया कि प्रिंटर में गड़बड़ी की वजह से ऐसा हुआ है। छात्रों की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन एक सौ अंकों पर ही किया जाएगा(हिंदुस्तान,पटना,2.8.11)।

डीयू : छात्रसंघ चुनाव चुनाव की तैयारियां तेज

Posted: 03 Aug 2011 12:22 AM PDT

दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले के दौड़ खत्म होने के साथ ही छात्रसंघ चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन जहां चुनाव कार्यक्रम तैयार करने में जुटा है, वहीं छात्र संगठनों ने वोट बटोरने की जुगत भिड़ानी तेज कर दी है।
बीते साल करारी हार झेलनी वाली एनएसयूआई जहां दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) पर काबिज होने के लिए सक्रिय नजर आ रही है, वहीं एबीवीपी का पूरा जोर अपना वर्चस्व कायम रखने पर है। अन्य संगठनों की बात करें तो इस बार भी आइसा, एसएफआई, एआईएसएफ सरीखे संगठन अपनी जमीन मजबूत करने और डूसू चुनाव के इतिहास में उलटफेर की कोशिशों में जुटे हैं।
डिप्टी प्रोक्टर डॉ. मनोज अरोड़ा से जब छात्रसंघ चुनाव की तैयारियों के विषय में पूछा गया तो उनका कहना था कि प्रॉक्टर कार्यालय इसके लिए प्रयासरत है और सम्भवत: इस सप्ताह के अंत तक चुनाव अधिकारियों व चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी जाएगी। सूत्रों की मानें तो इस बार डूसू चुनाव के लिए मतदान दो सितम्बर, यानि शुक्रवार को होगा।

प्रशासन से परे छात्र संगठनों के स्तर पर बात करें तो एनएसयूआई दिल्ली के अध्यक्ष वर्धन चौधरी ने बताया कि बीते साल की हार से सबक लेते हुए इस बार हम पूरी तैयारी व ताकत के साथ विरोधियों पर धावा बोलने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हॉस्टल फीस बढ़ोतरी की बात हो या फिर छात्रसंघ फंड के खर्च का हिसब, इन तमाम मुद्दों पर सत्तासीन एबीवीपी को घेरा जाएगा और छात्रों के बीच ले जाया जाएगा।
वर्धन चौधरी ने बताया कि कॉलेज स्तर पर उनकी यूनिट तैयार है और अंदरूनी स्तर पर नए-पुराने छात्रों के बीच प्रचार भी शुरू कर दिया गया है। इस बार मतदान उम्मीदवार देखकर नहीं बल्कि संगठन के लिए होगा। उधर, एबीवीपी के प्रदेश मंत्री रोहित चहल का कहना है कि हमारी तैयारी तो उसी दिन से जारी है, जिस दिन हम बीते साल डूसू चुनाव जीते थे। सदस्य बनाना हम 25 जुलाई से ही शुरू कर चुके हैं।
उन्होंने बताया कि उपलब्धियों के नाम पर हमारे पास बहुत कुछ है और हमारा यही काम हमें फिर जीत दिलाएगा। चहल ने बताया कि इस बार भी उम्मीदवारों के चुनाव के मोर्चे पर पैरवी को छोड



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha

হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!

मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में OBC Trump Card और जयभीम कामरेड

Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!

हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला हिंदुत्व की राजनीति से नहीं किया जा सकता।

In conversation with Palash Biswas

Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Save the Universities!

RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!

जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।

#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?

Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

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