---------- Forwarded message ----------
From: Hindi Water portal <hindi@lists.indiawaterportal.org>
Date: 2010/4/13
Subject: [Hindi IWP] नर्मदा घाटी फिर हो रही गर्म
To: Hindi@lists.indiawaterportal.org
जीवन अधिकार यात्राइंदौर समर्थक समूह की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि नर्मदा घाटी में बन रहे सरदार सरोवर बांध डूब क्षेत्र के निवासियों पर पुनः हमला हुआ है। घाटी के 248 गांवों में बसे 2 लाख पहाड़ी आदिवासी और पश्चिमी निमाड़ के किसान मजदूर, मछुआरे, छोटे व्यापारी आदि जो कि यहां के प्राकृतिक संसाधनों और हरे-भरे खेतों पर निर्भर हैं, को डुबोने की तैयारी हो गई है। पर्यावरण मंत्रालय द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति को विपरीत रिपोर्ट के बावजूद बांध की ऊँचाई 122 मीटर से 17 मीटर और बढ़ाकर 139 मीटर करने हेतु गेट लगाने की अनुमति दे दी गई है। इसके पीछे जहां एक ओर गुजरात की राजनीति सक्रिय है वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश सरकार अपने निवासियों और गांवों के हित की अनदेखी करते हुए गुजरात सरकार की हाँ में हाँ मिला रही है।
सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत हासिल हुई यह रिपोर्ट वास्तव में सरदार सरोवर परियोजना के लिए चार राज्य सरकारों, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों एवं आईएसपी के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज पर आधारित है। रिपोर्ट में इन दो महाकायी परियोजनाओं के जलग्रहण क्षेत्र उपचार, लाभ क्षेत्र विकास, जीव, जंतुओं एवं वहन क्षमता,
भीष्म जी कहते हैं, ''युधिष्ठिर ! जिन वृक्षों के फल खाने के काम आते हैं, उनको तुम्हारे राज्य में कोई काटने न पावे-इसका ध्यान रखना।'' - 'महाभारत-शान्तिपर्व'
जिस समय दिल्ली में सरदार सरोवर बांध की ऊँचाई को 122 मीटर से बढ़ाकर 139 मीटर किए जाने की बैठक चल रही थी, ठीक उसी समय इंदौर के विसर्जन आश्रम में नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री सुश्री मेधा पाटकर 11 अप्रैल 2010 से प्रारंभ होने वाली जीवन अधिकार यात्रा एवं इंदौर स्थित नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण (एनसीए) पर होने वाले अनिश्चितकालीन धरने की रूपरेखा समझा रहीं थीं। बैठक में शहर के नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। एकाएक फोन बजा और खबर आई कि देवेन्द्र पांडे की अध्यक्षता में केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा गठित पर्यावरणीय उप समिति जो कि सरदार सरोवर एवं इंदिरा सागर परियोजनाओं में पर्यावरणीय सुरक्षा से संबंधित दिशानिर्देशों के अनुपालन की स्थिति के आकलन के लिए गठित की गई थी, द्वारा बांध के जलाशयों में और अधिक पानी भरने से रोक की अनुशंसा के बावजूद सरदार सरोवर बांध में 17 मीटर ऊँचाई के गेट लगाने की अनुमति दे दी गई है।
hindi.indiawaterportal.orgMinakshi Arora
Chairperson
Water Community India
hindi.indiawaterportal.org
Delhi-91
91 9250725116
_______________________________________________
Hindi mailing list
Hindi@lists.indiawaterportal.org
http://lists.indiawaterportal.org/cgi-bin/mailman/listinfo/hindi
From: Hindi Water portal <hindi@lists.indiawaterportal.org>
Date: 2010/4/13
Subject: [Hindi IWP] नर्मदा घाटी फिर हो रही गर्म
To: Hindi@lists.indiawaterportal.org
मित्रों आज नर्मदा बचाओ आन्दोलन की यात्रा इंदौर पहुंच जाएगी। इस यात्रा के मर्म, वर्तमान और वहां नई परिस्थितियां क्या बन रही हैं, इन पर कुछ अपडेट भेज रहा हूं
आप इन्हें प्रकाशित कर सकते हैं, इंडिया वाटर पोर्टल को क्रेडिट देंगे तो अच्छा लगेगा।
जीवन अधिकार यात्रा शुरू
Source:
सप्रेससरदार सरोवर का सबक
Author:
शिरीष खरेयह सच है कि सरदार सरोवर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है, जो 800 मीटर नदी में बनी अहम परियोजना है। सरकार कहती है कि वह इससे पर्याप्त पानी और बिजली मुहैया कराएगी। मगर सवाल है कि भारी समय और धन की बर्बादी के बाद वह अब तक कुल कितना पानी और कितनी बिजली पैदा कर सकी है और क्या जिन शर्तों के आधार पर बांध को मंजूरी दी गई थी वह शर्तें भी अब तक पूरी हो सकी हैं ?
लेखक:
बिपिन चन्द्र चतुर्वेदीउपयुक्त पुनर्वास न होने के कारण जब महेश्वर बांध परियोजना के सैकड़ो प्रभावितों ने नई दिल्ली में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के समक्ष अचानक धरना दिया तो केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री जयराम रमेश ने महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए पर्यावरण मंत्रालय के अधिनियम 5 के तहत परियोजनाकार को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। बांध से प्रभावित गांववासी सालों से यह कहते रहे हैं कि उनका पुनर्वास उस गति से नहीं हो पा रहा है जिस गति से बांध का निर्माण हो रहा है। जबकि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा परियोजना को दी गई सशर्त मंजूरी में यह कहा गया है कि बांध का निर्माण और पुनर्वास साथ-साथ होने चाहिए।
सरदार सरोवर एवं इंदिरा सागर के पर्यावरणीय उपायों के शर्तों का घोर उल्लंघनः विशेषज्ञ समिति का अहम निष्कर्ष
लेखक:
बिपिन चन्द्र चतुर्वेदीभारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा भारतीय वन सर्वेक्षण के पूर्व महानिदेशक डा. देवेन्द्र पांडेय की अध्यक्षता एवं 9 अन्य सदस्यों वाली नियुक्त की गई विशेषज्ञ समिति ने नर्मदा घाटी में अति विवादास्पद सरदार सरोवर परियोजना (एसएसपी) और इंदिरा सागर परियोजना (आईएसपी) के सुरक्षा उपायों से संबंधित सर्वेक्षण, अध्ययन व योजनाओं एवं उनके कार्यान्वयन पर हाल ही में मंत्रालय को अपनी दूसरी अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत हासिल हुई यह रिपोर्ट वास्तव में सरदार सरोवर परियोजना के लिए चार राज्य सरकारों, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों एवं आईएसपी के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज पर आधारित है। रिपोर्ट में इन दो महाकायी परियोजनाओं के जलग्रहण क्षेत्र उपचार, लाभ क्षेत्र विकास, जीव, जंतुओं एवं वहन क्षमता,
नर्मदा के छाती पर एक नया पत्थर
Author:
चिन्मय मिश्रजिस समय दिल्ली में सरदार सरोवर बांध की ऊँचाई को 122 मीटर से बढ़ाकर 139 मीटर किए जाने की बैठक चल रही थी, ठीक उसी समय इंदौर के विसर्जन आश्रम में नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री सुश्री मेधा पाटकर 11 अप्रैल 2010 से प्रारंभ होने वाली जीवन अधिकार यात्रा एवं इंदौर स्थित नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण (एनसीए) पर होने वाले अनिश्चितकालीन धरने की रूपरेखा समझा रहीं थीं। बैठक में शहर के नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। एकाएक फोन बजा और खबर आई कि देवेन्द्र पांडे की अध्यक्षता में केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा गठित पर्यावरणीय उप समिति जो कि सरदार सरोवर एवं इंदिरा सागर परियोजनाओं में पर्यावरणीय सुरक्षा से संबंधित दिशानिर्देशों के अनुपालन की स्थिति के आकलन के लिए गठित की गई थी, द्वारा बांध के जलाशयों में और अधिक पानी भरने से रोक की अनुशंसा के बावजूद सरदार सरोवर बांध में 17 मीटर ऊँचाई के गेट लगाने की अनुमति दे दी गई है।
--
Chairperson
Water Community India
hindi.indiawaterportal.org
Delhi-91
91 9250725116
_______________________________________________
Hindi mailing list
Hindi@lists.indiawaterportal.org
http://lists.indiawaterportal.org/cgi-bin/mailman/listinfo/hindi
--
Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/
No comments:
Post a Comment