Welcome

Website counter
website hit counter
website hit counters

Thursday, January 7, 2016

कबूलिये इस्लाम ...कि हो जाये सारे काम !

कबूलिये इस्लाम ...कि हो जाये सारे काम !


_________________________________
आपका अगर कोई भी काम नही हो पा रहा हो ।
सरकार मुख्य सचिव नही बना रही हो या प्रमोशन में देरी हो रही हो । आपका ट्रान्सफर नहीं किया जा रहा हो । आप पर करप्शन का कोई असली या फर्जी केस चल रहा हो । हर तरह की निजी परेशानी तथा सरकारी परेशानी का एक पुख्ता इलाज़ मिल गया है । यह अचूक औषधि उमराव सालोदिया उर्फ़ उमराव खान साहब ने हाल ही में खोजी है। उनको इसका काफी फायदा हुआ है। अब श्रवण लाल जो कि दलित पुलिस ऑफिसर है ।वे भी इसका फायदा लेने वाले है। सुना है कि उन्होंने भी श्रवण लाल नहीं रहने का फैसला करने का मन बना लिया है ।वे भी शायद जल्द ही श्रवण लाल के बजाय सरवर खान बन जायेगे। दलित समुदाय के कतिपय अफसरों ने प्रगति की नयी राह पकड़ ली है। वे जाति से रहित समाज का हिस्सा बनने का भी दावा करते दिखाई पड़ रहे है। उनके लिए इस्लाम कोई धर्म नहीं हो कर एक अनलिमिटेड ऑफर की तरह है या किसी सरकारी स्कीम की तरह कि यह ना मिले तो वह ले लो जैसा। पद न मिले ,प्रमोशन ना मिले और यहाँ तक कि मनचाही जगह पर पोस्टिंग या ट्रान्सफर नहीं मिले तो इस्लाम कबूल कर लो। सरकार की अकल ठिकाने आ जायेगी। मनुवादी हिन्दू डर के मारे थर थर कांपने लगेंगे। संघ मुख्यालय नागपुर में भूचाल आ जायेगा। भाजपा का अध्यक्ष दढ़ियल अमित शाह भी ख़ौफ़ खायेगा। सो मर्ज की एक ही दवा है। वर्तमान युग का परखा हुआ नुस्खा है। देर मत कीजिये ....इस्लाम कबूल फरमाईये। मीडिया को बुलाइए।अपनी तकलीफ बयां कीजिये और लगे हाथों मासूमियत से यह भी बता दीजिये कि परेशानियां तो खूब रही ज़िन्दगी में ,पर जब से इस्लाम में रूचि बढ़ी है।तब से अल्लाह तआला का ऐसा करम फ़रमा है कि हर परेशानी से निज़ात हासिल हो गयी है। यहाँ तक कि जिस सड़ी ,गली ,गन्दी वाली जाति में जन्म लिया और जिसकी वजह से नौकरी वौकरी मिली।उस जात समाज से भी मुक्ति मिल गयी है। 
अब हम समानता के साथ जिएंगे इन गलीज़ दलितों से दूर । वैसे तो पहले भी हम तो इन गंदे लोगों से दूर ही रहे। नौकरी मिलते ही इनके गली मौहल्ले तक छोड़ दिये थे। कभी मज़बूरी में जाना भी पड़ा तो गए बाद में ,आये उससे भी जल्दी । बच्चों को तो वैसे भी इन लोगों के बीच हमारा जाना कभी रास नहीं आया। मूर्ति पूजा के भी हम शुरू से ही घोर विरोधी ही रहे है । हमने तो उस काली कलूटी मूरत वाले अम्बेडकर की मूरत पर कभी दो फूल तक नहीं चढ़ाये। जिन इलाकों में पोस्टेड रहे वहां मूर्ति तक नहीं लगने दी। हम तो सदैव क्रांतिकारी ही रहे। किसी तरह गिन गिन कर दिन निकाले कि कब यह दलित होने के नाते मिली नौकरी का अभिशाप हमारा पीछा छोड़े। पेंशन के हक़दार हो जायें तो अपनाएं इस्लाम ।
राजस्थान की फिजाओं में आजकल यही सब चल रहा है।सरकारी भेदभाव से नाराज दलित अफसरों में नाराज़गी ज़ाहिर करने का सबसे सुगम समाधान इस्लाम धर्म स्वीकार करना हो गया है।वह भी सिर्फ प्रचार पाने के लिए।मीडिया की लाइम लाइट में आने के लिए।हिंदूवादी सरकार के साथ बार्गेनिंग करने के लिए।
सच तो यह है कि इन अवसरवादी अफसरों की इस तरह की हरकतों ने इस्लाम को ही एक मजाक जैसा बना डाला है। हर कोई कह रहा है।मेरी यह बात मानो ,वह बात मानो वरना मैं इस्लाम कबूल कर लूंगा। इन लोगों की इस्लाम को लेकर इतनी सतही समझ है कि इन्होंने इस्लाम को शांति के बजाय बदला लेने का धर्म बना दिया है। ऐसा सन्देश जा रहा है कि इस्लाम की दावत कबूलने के लिए इस्लाम को समझने की कोई जरुरत नहीं है ,सिर्फ किसी से नाराज होना ही काफी है।इस्लाम इतना सस्ता हो गया है कि कोई भी सरकारी अफसर अपने दफ्तर में जाये ,थोड़ी देर बैठे।मौलवी को बुलाने के बजाय खबरनवीसों को बुलाये और इस्लाम कबूल कर ले। हालात ऐसे हो गए है कि अब दलित अफसरान बिना कलमा पढ़े ही ख़बरें गढ़ कर ही मुसलमान हुये जा रहे है।आज की इस ताजा खबर पर भी लगे हाथों मुलाहिज़ा फरमाइए-

" राजस्थान में इस्लाम क़ुबूल करेगा एक और दलित अफ़सर !
(January 6, 2016) जयपुर : राजस्थान के आईएएस अफ़सर उमरावमल सालेदिया के बाद अब पुलिस अफ़सर श्रवण लाल भी इस्लाम मज़हब अपनाना चाहते हैं.श्रवणलाल ने ये इलज़ाम लगाया कि उनके दलित होने की वजह से उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ता है. मीडिया को बुला कर उन्होंने कहा कि उनका बेवजह तबादला कर दिया गया जबकि वो डेढ़ साल के बाद रिटायर होने वाले हैं और वो भी ऐसी हालत में जबकि उनकी बीवी अक्सर बीमार रहती हैं, अफ़सरों से अपनी परेशानी साझा करने के बाद भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली. उनका कहना है कि हाई कोर्ट का हुक्म भी यहाँ लोग मानना नहीं चाहते.श्रवण लाल इस बीच इस्लाम से ख़ास प्रभावित हुए और अमन के मज़हब के क़रीब आने लगे. इस्लाम में ज़ात-पात का भेद ना होने की वजह से वो इस्लाम क़ुबूल करना चाहते हैं."
( साभार: कोहराम डॉटकॉम)

सवाल ये है कि व्यवस्था से नाराज ये लोग कल इस्लाम में भी किसी बात से नाराज हो जायेगे। मान लें की वे हज़ के लिए आवेदन करें और उनका नम्बर नहीं लगे तो नाराज हो कर क्या घर वापसी कर लेंगे ? अनुभव बताते है कि आवेश और बदले की नियत से ,गुस्से में किसी को चिढ़ाने या दिखाने की गरज से किये जाने वाले धर्म परिवर्तन अक्सर परावर्तन में बदल जाते है।
इस्लाम के अनुयायियों और इस्लामिक विद्वानों के लिए यह महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने का समय है।उनकी ज़िम्मेदारी है कि वे इस्लाम को इस्तेमाल होने से बचाये। जिस तरह से भौतिक पद प्रतिष्ठाओं के मिलने या नहीं मिलने के कारण इस्लाम का सरे आम बेहूदे तरीके से गलत इस्तेमाल हो रहा है ,यह इस्लाम की तौहीन से कम नहीं है।इस पर इस्लामिक स्कॉलर्स को गहन चिंतन मनन करना चाहिए कि इस्लाम को बदनाम करने के प्रयासों पर कैसे रोक लगे।सिर्फ अखबारी इस्लामिक कबूल मात्र नहीं हो ,बल्कि इस्लाम की न्यूनतम अर्हताओं की पूर्ति करने वाला सच्चा खोजी ही दीन की दहलीज़ तक पंहुच पाये।
रही बात हर मूर्खतापूर्ण धर्मान्तरण या मजहब बदलने की घोषणा मात्र पर सड़कों पर आ कर ख़ुशी से नाचने वाले अति उत्साही मूलनिवासी बहुजन दलितों की तो यह उनके लिए भी आत्म चिंतन और मंथन का समय है। ब्राह्मणवादियों को सबक सिखाने के नाम पर कही वे बाबा साहब जैसे महामानवों के मिशन से खिलवाड़ तो नहीं कर रहे है ? आज यह सवाल जरुरी है कि जो बाबा साहब को तो मानने का ढोंग करें किन्तु बाबा साहब की एक ना माने,ऐसे लोग दलित बहुजन मूवमेंट के दोस्त है या दुश्मन ?
यह वक़्त उन भगौडे दलित अधिकारी -कर्मचारियों के लिए भी सोचने और समझने का है कि कहीं उनकी जरा सी चूक पूरे इतिहास और बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर के संघर्ष को बर्बाद तो नहीं कर देगी ? वैसे भी एक -दो राव ,उमराव अथवा श्रवण लालों के इधर उधर हो जाने से समाज में कुछ भी व्यापक बदलाव आने वाला नहीं है। सच यह है कि सभी दलित वंचित वक़्त ,व्यवस्था और समाज नामक बहेलियेे के जाल में फंसे हुए पखेरू है,अगर उन्होंने सामूहिक उड़ान ली तो जाल सहित उड़ सकते है,वरना तो स्वर्ग- नर्क को छोड़कर जन्नत तथा दोजख में गिरने जैसा ही है । देखा जाये तो यह बदलाव कुछ भी नहीं है। यह एक फालतू की कवायद है। जिसके पक्ष में नारे,ज्ञापन,रैलियां करके उसे प्रोत्साहित करने के बजाय हतोत्साहित किये जाने की जरुरत है।
-भंवर मेघवंशी 
( स्वतंत्र पत्रकार । संपर्क-bhanwar meghwanshi@gmail.com)




Sadik Ali really -2 good thought .....I totally agree .
Like · Reply · 1 · 12 hrs
Ashafaque Kayamkhani
Ashafaque Kayamkhani कोई भी मजहब व्यक्तिगत होता है जो चाहे वो माने पर गुस्से या किसी को चिढाने,सबक सिखाने या कोई लाभ ना मिलने पर पुकार पुकार कर धर्म बदलना या अपनाना ठीक नही। जो बेहतर समझे वो अपने जीवन मे उतारे पर जो कारण भंवर ने बताये उन कारणो से धर्म परिवर्तन ठीक नही है।
Like · Reply · 2 · 12 hrs · Edited
Abdul Haleem
Abdul Haleem Fraud kar rahe hain log... Meghwanshi sir aap bilkul sahi keh rahe...
Like · Reply · 1 · 6 hrs
Ahsan Siddiqui
Ahsan Siddiqui Sachchai se parda utha diya aapne sir.
Like · Reply · 1 · 6 hrs
Ramesh Pataliya
Ramesh Pataliya वाह सर,,,,क्या बात है,,,,,अंधे की भी आंखे खुल जाये,,,,एसी कटाक्षता है,,,,तो अपने IAS भी समज जाये तो अच्छा रहेगा,,,,
उन्हे भी मेघवंश को मजबूत बनाने के लिये काम करने का और मानवधमॅ अंगिकार करने का निणॅय लेना चाहिए,,,, यु टनॅ ,,,,सिफॅ अपने बाबासाहेब के लिये ले लेना चाहिए,,,,,भगवान बुध्द उन्हे सद्बुद्धि देगे हि,,,,,
Like · Reply · 1 · 6 hrs
Manu Thagriya
Like · Reply · 1 · 5 hrs
Ashok Vyas
Ashok Vyas बहुत खूब Bhanwar जी..।
काम निकालू मानसिकता पर तगडा प्रहार।
Like · Reply · 1 · 5 hrs
Shailendra Verma
Shailendra Verma Dumdaar Lekh.
Like · Reply · 1 · 5 hrs
AjAy Kumar Bohat
AjAy Kumar Bohat बहुत सही बात कही भंवर जी।
Like · Reply · 1 · 4 hrs
Harish Solanki
Harish Solanki एकदम समाज को प्रेरित करने वाली पोस्ट हैं
बहुत बढिया सर
इन एक दो खुदगर्ज लोगो के समाज के प्रति उपेक्षित व्यवहार से कुछ भी हो नही पायेगा...See More
Like · Reply · 1 · 3 hrs
Naresh Chand
Naresh Chand Chalo buddh ki aur
Like · Reply · 1 · 30 mins

--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments:

मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha

হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!

मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में OBC Trump Card और जयभीम कामरेड

Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!

हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला हिंदुत्व की राजनीति से नहीं किया जा सकता।

In conversation with Palash Biswas

Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Save the Universities!

RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!

जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।

#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?

Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

Tweet Please

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS BLASTS INDIANS THAT CLAIM BUDDHA WAS BORN IN INDIA

THE HIMALAYAN TALK: INDIAN GOVERNMENT FOOD SECURITY PROGRAM RISKIER

http://youtu.be/NrcmNEjaN8c The government of India has announced food security program ahead of elections in 2014. We discussed the issue with Palash Biswas in Kolkata today. http://youtu.be/NrcmNEjaN8c Ahead of Elections, India's Cabinet Approves Food Security Program ______________________________________________________ By JIM YARDLEY http://india.blogs.nytimes.com/2013/07/04/indias-cabinet-passes-food-security-law/

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN VOICE: PALASH BISWAS DISCUSSES RAM MANDIR

Published on 10 Apr 2013 Palash Biswas spoke to us from Kolkota and shared his views on Visho Hindu Parashid's programme from tomorrow ( April 11, 2013) to build Ram Mandir in disputed Ayodhya. http://www.youtube.com/watch?v=77cZuBunAGk

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE

अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।' http://youtu.be/j8GXlmSBbbk

THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICAL OF BAMCEF LEADERSHIP

[Palash Biswas, one of the BAMCEF leaders and editors for Indian Express spoke to us from Kolkata today and criticized BAMCEF leadership in New Delhi, which according to him, is messing up with Nepalese indigenous peoples also. He also flayed MP Jay Narayan Prasad Nishad, who recently offered a Puja in his New Delhi home for Narendra Modi's victory in 2014.]

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT

THE HIMALAYAN TALK: PALSH BISWAS FLAYS SOUTH ASIAN GOVERNM

Palash Biswas, lashed out those 1% people in the government in New Delhi for failure of delivery and creating hosts of problems everywhere in South Asia. http://youtu.be/lD2_V7CB2Is

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE

अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।' http://youtu.be/j8GXlmSBbbk