Welcome

Website counter
website hit counter
website hit counters

Thursday, October 24, 2013

मरने के बाद कोलकाता न आ सके मन्ना डे,बेटी ने दीदी का अनुरोध ठुकरा दिया

मरने के बाद कोलकाता न आ सके मन्ना डे,बेटी ने दीदी का अनुरोध ठुकरा दिया

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


मृतक के पार्थिव शरीर पर सत्ता पक्ष का पताका फहराना बंगाल में परंपरा सिद्ध है।इसपर किसी की उंगली उठाने की इजाजत नहीं है।शोक संतप्त परिजनों को हाशिये पर रखकर अंत्येष्टि बेदखल हो जाना आम है। दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित मन्ना डे के नाम से लोकप्रिय प्रबोधचंद डे का जन्म एक मई 1919 को कोलकाता में हुआ था। मन्ना डे ने अपनी गायिकी के सफर में कई भारतीय भाषाओं में लगभग 3500 से अधिक गाने गाए।लेकिन मरने के बाद मन्ना डे कोलकाता नहीं आ सके।उनके परिवार ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उनका शव कोलकाता लाकर अंतिम संस्कार करने की अपील ठुकरा दी है। मन्ना का पैतृक घर भी कोलकाता में हैं और उनका जन्म भी इसी शहर में हुआ था।पिछले महीने ही मन्ना डे का 94वां जन्मदिन मनाया गया। इस मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनसे मुलाकात की थी।




Mamata Banerjee

about an hour ago

Manna da (3 photos)

Manna da is no more. I am deeply pained.


To the entire music world, his passing away is an irreparable loss.


He was Bengal's pride. There is no substitute of Manna De.


My memories of one of the biggest singers of our times touch me with deep nostalgia.


I met him last at Bangalore to personally hand over the 'Bisesh Sangeet MahaSamman' award to him. That time I offered him to come to Kolkata and stay with us. He was happy to hear this and expressed his desire to do so.

But it could not happen.


We have lost golden voice and golden era.


Our Government had honoured Manna da with Bengal's highest civilian award, 'Bangabibhusan'.


Today, even after his demise, I spoke to his family members and requested for bringing his body by special flight to Kolkata, at least for 24 hours, to pay our last respect to the legendary singer and then perform the last rites at Bangalore as desired by the family.


But this again could not happen.

Manna da and his immortal creations will remain with us for all times to come.


"হৃদয়ে লেখো নাম, সে নাম রয়ে যাবে..."

410Like ·  · Share




कोलकाता में सत्यजीत राय से लेकर हाल में ऋतुपर्णो गोष के निधन तक यह सिलसिला अविराम जारी रहा है।लेकिन दिंवंगत किंवदंती  संगीत शिल्पी मन्ना डे की बेटी और दूसरे परिजनों ने आनन फानन अंतिम संस्कार संपन्न करके सत्ता की घुसपैठ असंभव कर दी।बंगलुरू के हब्बल में उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में लीन हो गया।हालांकि मन्ना डे का पार्थिव शरीर बैंगलोर के रवींद्र कला क्षेत्र में सुबह 10 बजे से दोपहर 12 तक दर्शनों के लिए रखा गया था।


94 साल की उम्र में  भारतीय सिनेमा जगत के महान पार्श्व गायक ने बंगलुरू में गुरुवार सुबह 3 बजकर 50 मिनट पर आखिरी सांस ली। वे काफी दिनों से बीमार चल रहे थे।नारायण हृदयालय अस्पताल के एक प्रवक्ता के. एस. वासुकी ने बताया कि मन्ना दा को आईसीयू में रखा गया था, गुरुवार तड़के उनकी हालत अचानक बिगड़ गई और चार बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।


संगीत किंवदंती मन्ना डे कोलकाता से बहुत दूर बंगलूर में एककी उपेक्षित जीवन जीते रहे और बंगाल ने उनकी कोज खबर तक नहीं ली।आखिरी साक्षात्कारों में रागाश्रयी गीतों के मसीहा ने ऐसा बार बार कहा।  सरल स्वभाव वाले मन्ना डे किसी कैम्प का हिस्सा नहीं थे। इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। उस समय रफी, किशोर, मुकेश, हेमंत कुमार जैसे गायक छाए हुए थे और हर गायक की किसी न किसी संगीतकार से अच्छी ट्यूनिंग थी। साथ ही राज कपूर, देव आनंद, दिलीप कुमार जैसे स्टार कलाकार मुकेश, किशोर कुमार और रफी जैसे गायकों से गंवाना चाहते थे, इसलिए भी मन्ना डे को मौके नहीं मिल पाते थे। मन्ना डे की प्रतिभा के सभी कायल थे। लेकिन साइड हीरो, कॉमेडियन, भिखारी, साधु पर कोई गीत फिल्माना हो तो मन्ना डे को याद किया जाता था। कहा तो ये भी जाता था कि मन्ना डे से दूसरे गायक डरे रहते थे इसलिए वे नहीं चाहते थे कि मन्ना डे को ज्यादा अवसर मिले।


वामपंथियों ने उन्हें कोलकाता में घर के लिए जमीन देने का वादा करके ठेंगा दिखा दिया।


परिवर्तन राज में उनकी लंबी अस्वस्थता में किसी ने कुशल क्षेम तक नहीं पूछा।हालांकि इसी साल एक मई को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मन्ना डे को संगीत के क्षेत्र में उनके अपूर्व योगदान के लिए बंगाल के विशेष महा संगीत सम्मान पुरस्कार से नवाजा था।


भारतीय सिनेजगत के बहुभाषी गायक मन्ना दा चार महीनों से बीमार चल रहे थे. उनके परिवार में दो बेटियां रमा और सुमिता हैं। डे की बड़ी बेटी रमा को उनकी स्थिति के बारे अवगत करा दिया गया था, वह अपने पिता के निधन के समय उनके साथ अस्पताल में ही थीं।


पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि डे की दूसरी बेटी सुमिता अमेरिका में रहती हैं। उनकी पत्नी सुलोचना कुमारन की मौत जनवरी 2012 में कैंसर से हुई थी। मन्ना डे को इसी साल जुलाई महीने में फेफड़ें में संक्रमण की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी सांस की बीमारी का इलाज चल रहा था।



किंवदंती गायिका कोकिलकंठी लता मंगेशकर ने कटु सत्य का खुलासा किया है कि जीवन काल में मन्ना डे को उनका प्राप्य सम्मान नहीं मिला।इसका मरते दम तक उन्हें गहरा मलाल है।


और तो और,आयु के साथ आने वाली बीमारियों से अधिक कष्ट उन्हें इस बात का हुआ हो सकता है कि उनकी बेटी और दामाद ने उनके रिश्तेदार पर आरोप लगाया है कि इलाज के नाम पर उसने बैंक से पैसा निकालकर अपनी पत्नी के नाम कर दिया है। मन्ना डे कोलकाता में कुछ जमीन भर छोड़ गए हैं और कुछ महीने पहले तक मात्र बारह लाख रुपए उनके बैंक में जमा थे।


मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दार्जिलिंग में मन्ना डे के निधन की खबर मिली।श्रद्धांजलि देने के बाद दीदी ने मान्ना डे की बेटी से दिवंगत शिल्पी का पार्थिव शरीर कोलकाता लाने के लिए आवेदन किया। जिसपर शोक संतप्त बेटी ने विनम्रता पूर्वक निवेदन किया कि पार्थिव शरीर कोलकाता ले जाना संभव नहीं है।



मन्ना डे ने 1942 में फिल्म तमन्ना से अपने करियर की शुरुआत की। इस फिल्म में उन्होंने सुरैया के साथ गाना गाया था जो काफी चर्चित रहा। हिंदी फिल्मों के अलावा उन्होंने बांग्ला, गुजराती, कन्नड़, मलयालम और असमिया भाषा में गीत गाए हैं। उन्होंने शास्त्रीय, रूमानी, कभी हल्के फुल्के, कभी भजन तो कभी पाश्चात्य धुनों वाले गाने भी गाए। इसलिए उन्हें हरफनमौला गायक भी कहा जाता है।

संगीत में उल्लेखनीय योगदान के लिए मन्ना डे को कई अहम पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्हें 1971 में पद्मश्री और 2005 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था। साल 2007 में उन्हें प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के अवार्ड प्रदान किया गया था। हालांकि उनके पिता चाहते थे कि वो बड़े होकर वकील बने। लेकिन मन्ना डे ने संगीत को ही चुना। कलकत्ता के स्कॉटिश कॉलेज में पढ़ाई के साथ-साथ मन्ना डे ने केसी डे से शास्त्रीय संगीत की बारीकियां सीखीं। कॉलेज में संगीत प्रतियोगिता के दौरान मन्ना डे ने लगातार तीन साल तक ये प्रतियोगिती जीती। आखिर में आयोजकों को ने उन्हें चांदी का तानपुरा देकर कहा कि वो आगे से इसमें हिस्सा नहीं लें।

23 साल की उम्र में मन्ना डे अपने चाचा के साथ मुंबई आए और उनके सहायक बन गए। उस्ताद अब्दुल रहमान खान और उस्ताद अमन अली खान से उन्होंने शास्त्रीय संगीत सीखा। इसके बाद वो सचिन देव बर्मन के सहायक बन गए। इसके बाद वो कई संगीतकारों के सहायक रहे और उन्हें प्रतिभाशाली होने के बावजूद जमकर संघर्ष करना पड़ा।



No comments:

मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha

হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!

मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में OBC Trump Card और जयभीम कामरेड

Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!

हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला हिंदुत्व की राजनीति से नहीं किया जा सकता।

In conversation with Palash Biswas

Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Save the Universities!

RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!

जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।

#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?

Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

Tweet Please

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS BLASTS INDIANS THAT CLAIM BUDDHA WAS BORN IN INDIA

THE HIMALAYAN TALK: INDIAN GOVERNMENT FOOD SECURITY PROGRAM RISKIER

http://youtu.be/NrcmNEjaN8c The government of India has announced food security program ahead of elections in 2014. We discussed the issue with Palash Biswas in Kolkata today. http://youtu.be/NrcmNEjaN8c Ahead of Elections, India's Cabinet Approves Food Security Program ______________________________________________________ By JIM YARDLEY http://india.blogs.nytimes.com/2013/07/04/indias-cabinet-passes-food-security-law/

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN VOICE: PALASH BISWAS DISCUSSES RAM MANDIR

Published on 10 Apr 2013 Palash Biswas spoke to us from Kolkota and shared his views on Visho Hindu Parashid's programme from tomorrow ( April 11, 2013) to build Ram Mandir in disputed Ayodhya. http://www.youtube.com/watch?v=77cZuBunAGk

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE

अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।' http://youtu.be/j8GXlmSBbbk

THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICAL OF BAMCEF LEADERSHIP

[Palash Biswas, one of the BAMCEF leaders and editors for Indian Express spoke to us from Kolkata today and criticized BAMCEF leadership in New Delhi, which according to him, is messing up with Nepalese indigenous peoples also. He also flayed MP Jay Narayan Prasad Nishad, who recently offered a Puja in his New Delhi home for Narendra Modi's victory in 2014.]

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT

THE HIMALAYAN TALK: PALSH BISWAS FLAYS SOUTH ASIAN GOVERNM

Palash Biswas, lashed out those 1% people in the government in New Delhi for failure of delivery and creating hosts of problems everywhere in South Asia. http://youtu.be/lD2_V7CB2Is

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE

अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।' http://youtu.be/j8GXlmSBbbk