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Sunday, February 10, 2013

इलाहाबाद में मौनी अमावस्या के दिन पुलिस लाठीचार्ज से मची भगदड़ में कम से कम 28 लोगों के मारे जाने की खबर !

इलाहाबाद में मौनी अमावस्या के दिन पुलिस लाठीचार्ज से मची भगदड़ में कम से कम 28 लोगों के मारे जाने की खबर !

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​

सुरक्षा के नाम पर इस देश में क्या कुछ हो जाता है,महाकुंभ में मची भगदड़ इसका जीता जागता सबूत है।प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इलाहाबाद में रेलवे फुटओवर ब्रिज की रेलिंग टूटने से हुए हादसे की जांच के लिए राजस्व परिषद अध्यक्ष जगन मैथ्यूज की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी है। यह कमेटी इस मामले के विभिन्न पहलुओं की जांच करेगी।उन्होंने घटना के मारे गए लोगों के आश्रितों को पांच पांच लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को एक-एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की है। साथ ही जिला प्रशासन को राहत और बचाव कार्य में किसी तरह की लापरवाही नहीं करने की हिदायत दी है। भीड़ के दबाव को देखते मुख्यमंत्री ने कुंभ मेले के लिए अतिरिक्त बसें चलाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही केंद्र सरकार से मेले के लिए और अधिक विशेष ट्रेनें चलाए जाने की मांग की है।

महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान का महापर्व यहां आए दर्जनों लोगों के लिए काल बन गया। भगदड़ की दो अलग-अलग घटनाओं में रविवार को यहां 28 लोगों की मौत हो गई।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जंक्शन रेलवे के प्लेटफार्म नंबर छह पर उतरने केलिए बने फुट ओवर पर जब भगदड़ मच गई, तो भीड़ पर काबू पाने केलिए रेलवे पुलिस ने लाठी चलाई। ऐसे में स्थिति और भयावह हो गई। सीढ़ियों से गिरे लोग एक-दूसरे को रौंदते हुए निकले। हादसे में 17 महिला, छह पुरुष और एक बच्ची की मौत हो गई।

अफजल गुरु की फांसी के मद्देनजर कुंभ मेले  कीसुरक्षा को लेकर सबसे ज्यादा चिंता जतायी जा रही थी। सुरक्षा एलर्ट के तहत संघ परिवार से प्रधानमंत्रित्व के दावेदार नरेंद्र मोदी की यात्रा तक रद्द हो गयी। जाहिर है कि सुरक्षा का चाकचौबंद इंतजाम रहा होगा।सुरक्षा व्यवस्था के सख्त इंतजाम किए गए हैं और आईटीबीपी, सीआरपीएफ, बीएसएफ और रैफ जैसे अर्धसैनिक बलों के 15,000 से ज्यादा जवानों को सुरक्षा में जोंक दिया गया। टीवी चैनल वाले कुंभ में व्यव्स्था पर फूले नहीं समा रहे थे और अंतरराष्टीय शोध की खबरें ब्रेक कर रहे थे। फिर भी हादसा हो गयाइलाहाबाद में मौनी अमावस्या के दिन दो अलग-अलग जगहों पर मची भगदड़ में कम से कम 28लोगों के मारे जाने की खबर है।संघ परिवार को हिंदुत्व के खतरे में  होने के बहाने फिर घृणा अभियान छेड़ने का मौका मिल जायेगा।इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 24 लोगों के मारे जाने की खबर है। मरने वालों में महिला, पुरुष और बच्चे शामिल हैं। इससे पहले, सेक्टर 12 में भगदड़ मचने से दो व्यक्तियों की मृत्यु हुई थी।दिन में महाकुंभ के मेले में मची भगदड़ में चार लोगों की जान जाने के बाद भी प्रशासन नहीं चेता और शाम को इलाहाबाद रेलवे जंक्शन का प्लेटफॉर्म नंबर छह बड़े हादसे का गवाह बना। लाखों की भीड़ को नियंत्रित करने में असफल रेलवे प्रशासन की लापरवाही से भगदड़ के कारण 24 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए।यूपी सरकार में मंत्री तथा वरिष्ठ सपा नेता आजम खान ने 20 लोगों के मरने की पुष्टि की है।

आधा दर्जन से अधिक मौतें तो लापरवाही की भेंट चढ़ीं। जख्मी महिलाएं प्लेटफार्म पर पड़ी तड़पती रहीं और तीन घंटे तक उन्हें उठाया नहीं गया। छह लोग एक-एक कर प्लेटफार्म पर तड़प कर मर गए। तीन घंटे तक राहत कार्य न शुरू होने की वजह से यात्रियों ने बवाल कर दिया। मारपीट और तोड़फोड़ की वजह से रेलवे और पुलिस अधिकारी वहां से खिसक गए। साढ़े छह बजे हुए हादसे केबाद रात साढ़े नौ बजे लाशों को उठाने का इंतजाम हुआ।रविवार को मौनी अमावस्या पर स्नान केलिए महाकुंभ में एक करोड़ से अधिक की भीड़ उमड़ी। जंक्शन रेलवे स्टेशन पर भी सुबह से लाखों की भीड़ थी। रात में ट्रेन पकड़ने केचक्कर में भीड़ का रेला जंक्शन पहुंचने लगा।

व्यवस्था न होने की वजह से प्लेटफार्मों पर पैर रखने की जगह भी नहीं बची। प्लेटफार्म नंबर चार और छह पर पहुंचने के लिए फुट ओवर ब्रिज से नीचे यात्रियों को उतारा जा रहा था। शाम करीब साढ़े छह बजे भीड़ में धक्कामुक्की हुई और सीढ़ी पर भगदड़ मच गई।

भीड़ बेकाबू हुई तो रेलवे पुलिस ने आपा खो दिया। लाठी लेकर खड़े जवान भीड़ को पीटकर नियंत्रित करने लगे तो भीड़ कूदते-फांदते निकलने लगी। इसकेबाद तो लोग एक दूसरे को कुचलते हुए गए। कोई सीढ़ी से कूद पड़ा तो कोई कदमों तले रौंद दिया गया। कुछ ही मिनट में प्लेटफार्म नंबर छह पर लाशें ही लाशें दिखाई देने लगीं। महिलाएं और बच्चे चीखने लगे।

दर्जनों यात्री वहीं तड़पते रहे लेकिन रेलवे प्रशासन से मदद नहीं मिली। जिन घायलों केसाथ और लोग थे वह खुद उठाकर अस्पताल भागे लेकिन जो जख्मी अपने घरवालों से अलग हुए वह वहीं तड़प कर मर गए। तीन घंटे तक रेलवे डीआरएम समेत कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौकेपर नहीं पहुंचा। जो दरोगा, सिपाही और टीटी थे वह डर की वजह से निकल गए।

17 महिलाओं की लाश ओवर ब्रिज केनीचे पड़ी थी जबकि एक बच्ची समेत सात लोगों की लाश सीढ़ियों केऊपर पड़ी थी। तीन घंटे बाद रात सवा नौ बजे डीआरएम और अन्य अफसर पहुंचे तो यात्रियों का गुस्सा भड़क उठा। राजधानी समेत कई ट्रेनों को भीड़ ने रोक लिया। ट्रेनों में तोड़फोड़ भी की गई। देर रात तक प्लेटफार्म पर अफरातफरी का आलम रहा।

इससे पहले महाकुंभ नगर के मेले में कई जगह भगदड़ मचने से चार लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों घायल हो गए। सेक्टर 12 में सुबह मची भगदड़ में दो महिलाओं और एक पुरुष की मौत हुई। पुरानी झूंसी रोड पर भी भगदड़ में एक महिला की जान चली गई।

काली सड़क, त्रिवेणी बांध, शाही स्नान घाट पर भगदड़ में बड़ी संख्या में महिलाएं-बुजुर्ग जख्मी हुए। 18 लोगों को सेंट्रल हॉस्पिटल ले जाया गया। पुलिस ने मेले में चार और लोगों की मौत की बात मानी है लेकिन वजह कुछ और बताई।

प्रत्यक्षदशियों के अनुसार सेक्टर 12 में सुबह सवा नौ बजे भीड़ दलदली जमीन से गुजर रही थी तभी कुछ लोग कीचड़ में फंस गए। वे चीखने लगे तो स्नान करने जा रहे लोग घबराकर भागने लगे। हड़बड़ी में लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरकर दब गए जिसमें तीन लोगों-प. बंगाल के 24 परगना निवासी पूर्व बैंक कर्मचारी गोविंद राय (62), तेलू राम (48) करनाल, हरियाणा और 60 वर्षीय एक अज्ञात महिला की मौत हो गई।

वहीं झूंसी की ओर संगम की ओर आ रही सड़क के किनारे बैरिकेडिंग की बल्ली टूटने हुई भगदड़ में बड़ी संख्या में महिलाएं-पुरुष तीन फुट गहरे एक गड्ढे में गिरते गए। भगदड़ में एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। देर रात तक मृतका के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी। कई लोगों के हाथ-पैर टूट गए।

शाही स्नान घाट पर भी मची भगदड़
शाही स्नान घाट पर सुबह दो घंटे में तीन बार भगदड़ की स्थिति बनी। दो बार अखाड़ों का जुलूस आने पर पुलिस ने स्नान घाट पर मौजूद भीड़ को धकेला तो तमाम महिलाएं-पुरुष एक-दूसरे पर गिरकर चोटिल हुए। करीब नौ बजे घाट के पास पड़े लोहे के एंगल में फंसकर गिरे लोग चीखे तो भगदड़ मच गई।

इसमें एक महिला को बेहोशी की हालत में स्ट्रेचर पर उठाकर ले जाया गया। त्रिवेणी रोड बांध पर दिन में 11.30 बजे ट्रैक्टर और दो वीआईपी गाड़ियों के चलते मची भगदड़ में कई महिलाओं को चोट पहुंची। पुलिस ने जैसे-तैसे स्थिति संभाली।

कैसे मची भगदड़
शाम करीब सात बजे प्लेटफॉर्म नंबर 6 के ऊपर बने फुटओवर ब्रिज पर रेलिंग के अचानक टूटने से स्टेशन पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। उस समय हजारों यात्री ट्रेन में चढ़ने के लिए फुटओवर ब्रिज पर मौजूद थे। करीब तीन घंटे तक स्टेशन पर इसी तरह की स्थिति बनी रही।

लाठीचार्ज भी बनी वजह
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो पुलिस के लाठीचार्ज के चलते यह हादसा हुआ। भीड़ को नियंत्रित करने के चक्कर में पुलिस ने लाठी भांजने की कोशिश की और इसी प्रक्रिया में भगदड़ मच गई। हालांकि डीआरएम हरिंदर राव का कहना है कि हादसा उस वक्त हुआ जब स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए यात्रियों को लाइन में लगने को कहा जा रहा था।

प्रयाग के महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या के दिन गंगा, यमुना और पौराणिक नदी सरस्वती के संगम पर तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। बारह वर्ष के अंतराल पर होने वाले प्रयाग महाकुंभ में आज के स्नान को सबसे बड़ा पुण्य माना जाता है।सबसे पहले अलग-अलग अखाड़ों के साधुओं ने शाही स्नान किया और उसके बाद आम लोगों को स्नान करने का मौका मिला। हालांकि, पंचांग के मुताबिक शनिवार दोपहर से हीमौनी अमावस्या की शुरुआत हो गई थी। 55 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ की शुरुआत 14 जनवरी को मकर संक्रांति से हुई थी और पहले दिन 80 लाख लोगों ने स्नान किया था।मौनी अमावस्या के स्नान को कुंभ के सभी स्नानों में से सबसे महत्वपूर्ण स्नान माना गया है। माना जाता है कि इस दिन के गृह योग से गंगा का जल अमृत के समान हो जाता है और इस दिन स्नान करने का विशेष पुण्य मिलता है। इस दिन गंगा स्नान से न सिर्फ पाप धुलते हैं बल्कि आरोग्य भी बढ़ता है। डिंपल गर्ल प्रीति ने लगाई महाकुंभ में डुबकी. इलाहाबाद. आस्था के महाकुंभ में मौनी अमावास्या पर स्नान करने वालों में करोड़ों लोगों के बीच बॉलीवुड की डिंपल गर्ल प्रीति जिंटा भी स्नान करने पहुंची। संगम पहुंची प्रीति जिंटा ने स्नान के साथ साथ योग गुरु स्वामी चिदानंद मुनि के आश्रम की ओर से आयोजित विशेष गंगा सफाई अभियान में भी भाग लिया। प्रीति आश्रम में एक विशेष हवन पूजन में भी शामिल हुई। रविवार को मौनी अमावस्या के स्नान पर्व को लेकर प्रशासन ने कड़े इंतज़ाम किये थे।


खबर है कि इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मचने से 20 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए हैं। उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खान ने मरने वालों की संख्या पुष्टि की है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। यह हादसा करीब आठ बजे शाम में हुआ।यह हादसा इलाहाबाद रेलवे स्टेशन के प्लेटफर्म नंबर छह पर हुआ है। पहले बताया गया था कि भारी भीड़ के चलते फुटओवर ब्रिज के एक हिस्से की रेलिंग टूटने से दुर्घटना हुई लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि भीड़ पर पुलिस की तरफ से लाठी चलाई गई जिससे भगदड़ मची और भगदड़ के चलते फुटओवर ब्रिज की रेलिंग टूटी। घटना के बाद रेलवे स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि स्टेशन पर अभूतपूर्व भीड़ थी। भीड़ जब बेकाबू होने लगी तो पुलिस ने उसपर काबू पाने के लिए बलप्रयोग किया। इससे भगदड़ मच गई और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। भारी भीड़ के दबाव के चलते प्लेटफॉर्म नंबर छह पर फुट ओवर ब्रिज की रेलिंग टूट गई इससे कई लोग ट्रैक पर भी गिर गए। जबकि कई लोग प्लेटफॉर्म पर मची भगदड़ के चलते नीचे गिरकर दब गए।

मौनी अमावस्या के अवसर पर महाकुंभ में गंगा स्नान के लिए उमड़ी भीड़ इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर हादसे का शिकार हो गई। हादसे की तस्वीरें देखें
http://khabar.ibnlive.in.com/news/91696/1
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हादसे पर दुख जताया और केंद्रीय एजेंसियों को मदद के निर्देश दिए। हादसे में मृतकों और घायलों के परिजनों को केंद्र सरकार मदद करेगी। रेलवे को तुरंत सभी तरह की मदद के निर्देश दिए गए। उन्होंने रेलवे को राहत और बचाव कार्य के लिए आवश्यक सभी कदम उठाने का निर्देश दिया है।

भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने तथा बसपा नेता मायावती ने भी इस हादसे पर शोक जताया है।
पीएम ने ट्विटर पर लिखा कि इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति मेरी संवेदना है। मैं कामना करता हूं कि जो लोग इस घटना में घायल हुए हैं वे जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाएं। पीएम ने इस हादसे में हताहत हुए लोगों के लिए मुआवजे का भी ऐलान किया।

इलाहाबाद रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर छह पर हुए हादसे को गंभीरता से लेते हुए सरकारी मशीनरी राहत और बचाव में जुट गयी है। पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था बद्री प्रसाद सिंह ने बताया कि स्थिति संभालने और लोगों की मदद के लिए तत्काल प्रभाव से पांच कंपनी पीएसी भेजी गयी है। आपदा प्रबंधन की टीम भी लगाई गयी है। शासन स्थिति को लेकर बेहद संवेदनशील है और इस बात के प्रयास किये जा रहे हैं कि कहीं कोई असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं में अफवाहों से भी स्थिति खराब होती है, इसलिए प्रशासनिक अधिकारियों को हिदायत दी गयी है कि अफवाहों पर नियंत्रण करें। राहत और बचाव में लगी टीम को अफरातफरी पर नियंत्रण करने और घायलों की भरपूर मदद के निर्देश दिए जा रहे हैं।
डॉक्टर मनमोहन सिंह ने केंद्र सरकार के सभी विभागों को निर्देश दिए कि उत्तर प्रदेश सरकार को वो राहत और बचाव कार्य में पूरी मदद मुहैया कराएं ताकि हादसे के शिकार लोगों को सभी संभव सहायता उपलब्ध कराई जा सके।

सोनिया गांधी का प्रस्तावित महाकुंभ दौरा रद्द


कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के महाकुंभ के प्रस्तावित दौरे को रद्द कर दिया गया है। कांग्रेस की राज्य इकाई ने रविवार को आरोप लगाया कि सुरक्षा प्रबंध करने के मामले में उत्तर प्रदेश की एसपी सरकार द्वारा सहयोग नहीं मिल पाने के कारण यह कार्यक्रम रद्द किया गया है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रवक्ता किशोर वार्ष्णेय ने बताया, 'कल (शनिवार) रात यह सूचना मिलने के बाद हम खिन्न हो गए कि राज्य सरकार ने सोनियाजी के प्रस्तावित दौरे में आवश्यक सुरक्षा इंतजाम मुहैया करवाने में अपनी अक्षमता जताई है।'

वार्ष्णेय ने कहा कि राज्य की एसपी सरकार से इस व्यवहार की कभी उम्मीद नहीं थी, जिसे इस विशाल धार्मिक आयोजन के लिए केन्द्र से उदारतापूर्वक सहायता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष पिछले एक हफ्ते से अपनी यात्रा की योजना बना रही थीं। वह राज्य सरकार के जवाब का इंतजार कर रही थी लेकिन प्रतीत होता है कि सरकार का कुछ और इरादा था।पार्टी प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की अंतरात्मा साफ नहीं है क्योंकि वह कुंभ के लिए दिए गए धन का समुचित उपयोग करने में विफल रही है और वह इसका दुरुपयोग अपने प्रचार के लिए कर रही है।

जबकि इससे पहले इलाहाबाद में कुंभ मेले के दौरान सेक्टर 12 में भगदड़ मचने से 2 लोगों की मौत हो गई। इस दौरान मौनी अमावस्या के मौके पर तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में डुबकी लगाई।

इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म नंबर छह पर सीढ़ियों की रेलिंग टूटने से हादसा हुआ। हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। कुंभ में मौनी अमावस्या के मौके पर तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र संगम में डुबकी लगाने आए हुए थे।

हालांकि सेक्टर मजिस्ट्रेट अभय राज ने बताया कि भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई और इस दौरान दो व्यक्तियों की कुचले जाने से मौत हो गई। इनमें एक महिला वाराणसी की है, जबकि एक अधेड़ पुरूष पश्चिम बंगाल से कुंभ स्नान के लिए यहां आए थे।

उधर कुंभ मेला कमिश्नर देवेश चतुर्वेदी ने आज यहां मीडिया सेंटर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भगदड़ में एक व्यक्ति के मारे जाने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि एक अन्य व्यक्ति की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई।

अभय राज ने बताया कि भगदड़ में कुछ लोगों को मामूली चोटें भी आई हैं। उन्होंने बताया कि शाम को मौनी अमावस्या के स्नान के बाद घाटों से लौट रही भारी भीड़ में अचानक भगदड़ मच गई।


कुंभ मेला अधिकारी मणिप्रसाद मिश्रा ने बताया, ''हमारे अनुमानों के अनुसार अपराह्न तीन बजे तक तीन करोड़ से अधिक लोग डुबकी लगा चुके थे। उसके बाद से श्रद्धालुओं के तांते में कुछ कमी आयी है लेकिन यह संख्या हमारे अनुमानों को पार कर गयी है।'' उन्होंने कहा कि कुंभ के किसी क्षेत्र से किसी अप्रिय घटना की कोई जानकारी नहीं मिली है।

करीब छह हजार एकड़ में तंबुओं से बनी इस नगरी को आज के दिन दुनिया की सबसे आबादी वाला शहर माना जाता है। हालांकि यह स्थिति बहुत कम समय के लिए मानी जाती है। कुंभ में आज तड़के संगम पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा गया। कुंभ के दूसरे शाही स्नान के कारण आज 13 अखाड़ों ने अपने जुलूस निकाले।

इस जुलूस को देखने के लिए विदेशियों सहित लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। जुलूस में पूरे शरीर पर भभूत मले और गले में गेंदे सहित विभिन्न फूलों एवं रूद्राक्ष की माला पहने नागा साधु झमूते और गाते हुए जा रहे थे। उन्हें देखकर श्रद्धालु बीच बीच में ''हर हर गंगे '' का उद्घोष कर रहे थे। जुलूस में अखाड़ों के महंत, महामंडलेश्वर एवं अन्य वरिष्ठ संत रथों, घोड़ों एवं हाथियों पर सवार होकर चल रहे थे।

महाकुंभ में दरअसल, कल दोपहर से ही पवित्र स्नान शुरू हो गया क्योंकि हिन्दू पंचांग के अनुसार अमावस्या तिथि उसी समय से शुरू हो गयी थी। लेकिन स्नान का दौर आज सुबह से समय ही अपने चरम पर पहुंचा क्योंकि अधिकतर श्रद्धालु सूर्योदय के समय पवित्र स्नान करना पसंद करते हैं। रेलवे स्टेशनों और बस अड्डांे पर श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला बन हुआ था। साथ ही लोग अपने साधनों से सड़क मार्ग के जरिये महाकुंभ में पहुंच रहे हैं।

रेलवे ने आज के स्नान के लिए विशेष ट्रेनें चलायी हैं। साथ ही सरकारी एवं निजी परिचालकों ने भी श्रद्धालुओं को लाने के लिए अतिरिक्त बसें लगायी थी। यहां प्राप्त खबरों के अनुसार पड़ोसी प्रतापगढ़ जिले के रेलवे स्टेशन पर आज सुबह लोगों ने तोड़फोड़ की क्योंकि उन्हें पवित्र संगम ले जाने के लिए विशेष ट्रेन उपलब्ध नहीं थी।

महाकुंभ की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान किये गये थे। बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी और आरएएफ के 15 हजार कर्मियों को सुरक्षा प्रबंधों में लगाया गया था। इसके अलावा उत्तर प्रदेश पुलिस, उसकी पीएसी एवं आतंकवाद निरोधक दस्ते के कर्मियों की सेवाएं भी ली गयी। इसके अलावा सेना ने कुछ कुछ मिनटों के बाद हवाई निगरानी करके सुरक्षा प्रबंधों में अपना योगदान दिया। सेना का आयुध डिपो कुंभ क्षेत्र के समीप ही स्थित है।

सेना सू़त्रों ने बताया कि उन्होंने कुछ क्षेत्रों को अस्थायी तौर पर खोलने की पेशकश की जो आम जनता के लिए खुले से नहीं हैं। सूत्रों ने कहा कि सेना ने पेशकश की थी कि यदि कुंभ प्रशासन सामान्य मार्गों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पर नियंत्रण रखने में असुविधा महसूस करते हैं तो वे अपने कुछ क्षेत्र खोल सकते हैं।

पिछले कुछ दिनों में कई नेता, फिल्म अभिनेता एवं प्रमुख व्यवसायी कुंभ में आये हैं। इनमें राजनाथ सिंह, श्रीप्रकाश जायसवाल, सुबोधकांत सहाय, मुख्तार अब्बास नकवी, हिन्दुजा बंधु, अनिल अंबानी एवं उनकी मां कोकिलाबेन, फिल्म निर्मात एकता कपूर, शिल्पा शेट्टी, इमरान हाशमी, राजपाल यादव, आशुतोष राणा एवं राजू श्रीवावस्त शामिल हैं। कुंभ के दौरा पंडित जसराज, हरिप्रसाद चौरसिया और मालिनी अवस्थी जैसे लोगों ने कुंभ के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों अपनी संगीत प्रस्तुति दी।

बहरहाल, प्रशासन ने कुंभ क्षेत्र में फिल्म प्रचार गतिविधियों को अनुमति नहीं ताकि किसी जगह पर अनावश्यक भीड़ जमा होने से रोका जा सके। ऐसे हालात में भगदड़ की आशंका रहती है। कुंभ के दौरान खोये व्यक्तियों का पता लगाने के लिए बनाये गये शिविरों में काफी भीड़ देखी गयी। इन शिविरों में लोग अपने लापता परिजनों विशेषकर महिलाओं एवं बच्चों का पता लगाने के लिए जा रहे थे।

शहर में कुंभ श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने के कारण सामान्य जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है। इलाहाबाद के जिलाधिकारी ने इंटरमीडिएट तक के सभी कालेजों एवं स्कूलों को 16 फरवरी तक बंद रखने का आदेश दिया है। परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों से कहा गया है वे पैदल या संभव होने पर दुपहिया पर बैठकर परीक्षा स्थल तक जा सकते हैं। इसके अलावा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में कल छुट्टी रहेगी। प्रयाग महाकुंभ में पहला शाही स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन हुआ। तीसरा शाही स्नान 15 फरवरी के दिन बंसत पंचमी को होगा।

मौनी अमावस्या के स्नान के लिए शनिवार को ही लाखों श्रद्घालु पहुंच गए थे। मेला और पुलिस प्रशासन को भी अनुमान नहीं था कि शाही स्नान पर्व की पूर्व संध्या पर इस कदर भीड़ उमड़ पड़ेगी। भीड़ का आलम यह था कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दिनभर घोड़े पर बैठकर निरीक्षण करना पड़ा।

प्रशासन का दावा है कि भीड़ अपेक्षित थी लेकिन एक दिन पहले नहीं। इसके बावजूद पहले से पर्याप्त इंतजाम कर लिए गए थे, सो व्यवस्था में किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई। स्नानार्थियों के लिए 18 हजार फीट में 22 घाटों की व्यवस्था की गई है। शाही स्नान के लिए हर अखाड़े के साथ पुलिस अफसरों की ड्यूटी भी लगा दी गई है।

सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए सात हजार सफाई कर्मियों की तैनाती की गई है। मेलाधिकारी मणि प्रसाद मिश्र का कहना है कि कुछ दिनों पहले बारिश के कारण गंगा में साफ जल न होने की शिकायत आई थी, उम्मीद है कि मौनी अमावस्या पर स्नानार्थियों को साफ गंगाजल मिलेगा।

दिनभर हुई घोषणा, नहाएं और जाएं
मौनी अमावस्या का मुहुर्त भले ही शनिवार से लग गया हो लेकिन स्नान कर लौटने वालों की संख्या काफी कम है। ज्यादातर श्रद्धालु रविवार को ही स्नान करना चाहते हैं जबकि प्रशासन की कोशिश है कि भीड़ स्नान करे और लौटती जाए ताकि अचानक भीड़ न हो जाए।

इसी वजह से शनिवार को दिनभर लाउडस्पीकर पर घोषणा की जाती रही, 'स्नान का मुहुर्त शनिवार दोपहर 2.40 बजे से शुरू हो चुका है। आप स्नान करें और अपने गंतव्यों की ओर लौट जाएं। स्टेशन पर स्पेशन ट्रेन आपके इंतजार में खड़ी है।'

तगड़ी सुरक्षा के घेरे में अखाड़े
अखाड़ों के स्नान के समय सुरक्षा व्यवस्था चौकस रखने के लिए अपर पुलिस अधीक्षक अखाड़ा गंगानाथ त्रिपाठी के नेतृत्व में आठ पुलिस उपधीक्षक, दो सहायक पुलिस अधीक्षक, चार कंपनी आरएएफ, छह कंपनी पीएसी और पर्याप्त संख्या में नागरिक पुलिस बल लगाया है। साथ ही 48 घोड़े, एक टीम बीडीडीएस एवं एक टीम एएस की नियुक्त की गई है।

अखाड़ों को शाही स्नान वाले मार्ग से संगम तक ले जाने और वहां से अखाड़ा में वापस लाने के लिए चार टीमें गठित की गई हैं। हर टीम में दो पुलिस अफसरों के साथ एक कंपनी पीएसी, एक प्लाटून आरएएफ, 10 उप निरीक्षक और 40 आरक्षी तैनात किए गए हैं।

घूम रहे बम निरोधक दस्ते
मौनी अमावस्या पर उमड़ी करोड़ों स्नानार्थियों तथा सैलानियों की हिफाजत के लिए महाकुंभ की किले की तरह घेराबंदी है। मेले के भीतर पहुंचने के सभी संभावित रास्तों पर हथियारबंद कमांडो तैनात हैं। एडीजी कानून-व्यवस्था के साथ एटीएस, एसटीएफ, इंटेलीजेंस के भी आईजी ने टीम के साथ कुंभ मेले में डेरा डाला है।

सीसीटीवी के जरिए भी मेले में चप्पे-चप्पे की निगरानी हो रही है। तीन करोड़ से ज्यादा स्नानार्थियों के आने की संभावना के चलते कुंभ में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी है।

एडीजी कानून-व्यवस्था अरुण कुमार सुरक्षा की कमान संभाल रहे हैं। शनिवार से मेले में एंटी टेररिस्ट स्कवॉयड के 150 ब्लैक हॉक कमांडो की टुकड़ियां मुस्तैद हैं। 19 डॉग स्कवॉयड और छह बम निरोधक दस्तों संग पुलिस-पैरा मिलेट्री फोर्स की टीम ने अखाड़ों और अहम शिविरों में जांच की।

पुलिस, प्रशासन और लापरवाही
- फुट ओवर ब्रिज से उतरने केदौरान हुई भगदड़, पुलिस केलाठी चलाने से बेकाबू हुए हालात
- आधा दर्जन लोगों ने तड़प कर दम तोड़ा, तीन घंटे तक नहीं शुरू हुआ राहत कार्य
- यात्रियों ने किया बवाल, ट्रेनों में तोड़फोड़, तीन घंट बाद पहुंचे अफसर

सेक्टर-12 में भगदड़ की सूचना है। उस घटना में कितने लोगों की मौत हुई, ये जानकारी ली जा रही है। अभी एक ही मौत की खबर मिली है।-देवेश चतुर्वेदी, कमिश्नर, इलाहाबाद


थम नहीं रहे हादसे
14 जनवरी, 2011 : केरल के सबरीमाला के अयप्पा मंदिर के निकट भगदड़, 104 की मौत।
14 अप्रैल, 2010 : हरिद्वार में कुंभ में भगदड़, सात लोगों की मौत और 20 घायल।
4 मार्च, 2010 : यूपी के प्रतापगढ़ के मनगढ़ स्थित कृपालु जी महाराज के आश्रम में भंडारे के दौरान भगदड़, 63 की मौत।
25 जनवरी, 2005 : महाराष्ट्र के सतारा में धार्मिक समारोह में भगदड़ में 340 लोग मारे गए।
27 अगस्त, 2003 : नासिक में कुंभ मेले में बैरिकेड के टूटने के बाद भगदड़ में 39 मरे।
1989 : हरिद्वार कुंभ मेले में भगदड़ से 350 लोग तीर्थयात्री मारे गए।
1986 : हरिद्वार में भगदड़ में 50 श्रद्धालुओं की जान गई।
1984 : हरिद्वार में भगदड़ में 200 की मौत।
1954 : इलाहाबाद कुंभ मेले के दौरान मची भगदड़ में 800 की जान गई।

प्रशासन के लिए महाकुंभ के पर्व की तैयारी का अर्थ ही एक नया शहर बसाने जैसा होता है। जिस तरह जिलों की व्यवस्था के लिए तहसीलों का निर्माण हुआ, ठीक उसी तरह कुंभ क्षेत्र को व्यवस्थित करने के लिए मेला क्षेत्र को सेक्टरों में कर दिया गया है विभाजित..

आठ हजार बीघे में फैले कुंभ क्षेत्र को व्यवस्थित करने के लिए इसे चौदह सेक्टरों में बांटा गया है। यहां के लिए एक डीएम और एसएसपी भी नियुक्त है। इसी तरह अन्य विभागों के मुखिया और हजारों कर्मचारी तैनात हैं। प्रत्येक सेक्टर में प्रशासनिक और पुलिस व्यवस्था की जिम्मेदारी मजिस्ट्रेट और एएसपी रैंक के अधिकारी पर दी गई है। इसी तरह बिजली विभाग के लिए हर सेक्टर में एक एसडीओ की तैनाती की गई है। स्वास्थ्य, पेयजल, सिंचाई, पीडब्ल्यूडी और खाद्य आपूर्ति की जिम्मेदारी संभालने के लिए भी अधिकारियों की तैनाती की गई है। प्रमुख घाटों के नाम

इस बार कुंभ पर्व पर स्नान के लिए प्रमुख रूप से 19 घाट हैं। इनके नाम क्रमश: इस तरह हैं।

1. संगम घाट

2. गंगा-यमुना घाट

3. सरस्वती घाट

4. नेहरू घाट

5. मनकामेश्वर घाट

6. मिंटो पार्क घाट

7. किला घाट

8. रामघाट

9. हनुमान घाट

10. समुद्र कूप घाट

11. छतनाग घाट

12. अरैल घाट

13. गजिया घाट

14. महेवा घाट

15. दशाश्वमेघ घाट

16. नागवासुकी घाट

17. सलोरी घाट

18. गऊ घाट

19. बलुआ घाट 15 अस्पताल, 500 डॉक्टर

किसी भी आकस्मिक चिकित्सा या मरीजों को देखने के लिए मेला क्षेत्र में पंद्रह अस्पताल हैं। इनमें पांच सौ चिकित्सक तैनात हैं और दो दर्जन से अधिक एंबुलेंस लगाई गई हैं। दो लाख राशन कार्ड

सुदूर क्षेत्रों से आने वाले कल्पवासियों के लिए मेला प्रशासन ने दो लाख राशन कार्ड बनाए हैं। एक कार्ड पर पांच से सात लोगों के अन्न से लेकर मिट्टी के तेल की व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए दी गई है। पुलिस व्यवस्था

प्रशासनिक और अन्य व्यवस्थाओं के लिए मेला क्षेत्र को चौदह सेक्टर और पुलिसिंग व्यवस्था के लिए मेला क्षेत्र को सात जोन में बांटा गया है। सेक्टरों का नामकरण भले ही न किया गया हो, मगर पुलिस विभाग ने अपने जोन का नामकरण भी कर रखा है। जोन एक को परेड का नाम दिया है। इसी तरह जोन दो को संगम, जोन तीन को अखाड़ा, जोन चार को आइजट ब्रिज, जोन पांच को उत्तरी झूंसी, जोन छह को दक्षिणी झूंसी तथा सातवें जोन को अरैल नाम दिया है। इस तरह से सात जोन में तीस थाने हैं। सभी के प्रभारी इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी हैं। अखाड़ों पर एसपी

सेक्टर चार में साधुओं के सारे अखाड़े हैं। ऐसे में इस सेक्टर में एसपी रैंक के अधिकारी को तैनात किया गया है, जबकि दूसरे सेक्टरों में एएसपी रैंक के पुलिस अधिकारी तैनात किए गए हैं। तीस फायर स्टेशन

मेले में आग को नियंत्रित करने के लिए तीस फॉयर स्टेशन बनाए गए हैं। यानी प्रत्येक थाने में एक फायर स्टेशन बनाया गया है। 24 फायर वॉच टॉवर

मेले में जैसे ही कहीं से धुंआ उठने लगे तो तत्काल उसकी सूचना फायर ब्रिगेड को लग जाती है। इसके लिए मेला क्षेत्र में 24 फायर वॉच टॉवर बनाए गए हैं। घोड़ा पुलिस

मेले में सबसे मुख्य भूमिका निभाने वाले घुड़सवार पुलिस पर नजर डालें तो एक निरीक्षक, पांच उप निरीक्षक, 35 मुख्य आरक्षी तथा 137 आरक्षी तैनात हैं। वहीं मेले में कुल 129 घोड़े भी तैनात हैं। सतर्कता

कुंभ पर्व पर किसी आतंकी साजिश से बचने के लिए पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया है। सुरक्षा की दृष्टि से घाटों के किनारे रह रहे 6 हजार 301 किरायेदारों, 3 हजार 971 मजदूरों तथा 203 ठेकेदारों का सत्यापन कराया गया है। 11 पार्किग स्थल

मेला की सीमा में प्रवेश के लिए 11 पार्किग स्थल बनाए गए हैं। 100 गोताखोर

पीएसी की बाढ़ राहत कंपनी और जल पुलिस के अलावा 100 गोताखोर भी लगाए गए हैं। स्नान के दौरान किसी भी दुर्घटना में ये गोताखोर अहम रोल निभाते हैं।

-आशुतोष तिवारी अंकों में महाकुंभ 10 करोड़ लोग अनुमानत: इस कुंभ मेले में भाग लेंगे। 10 लाख से ज्यादा विदेशियों के मेले में भाग लेने की उम्मीद है। 1200 करोड़ रुपये महाकुंभ के लिए कुल बजट। यह 2001 के कुंभ से 200 करोड़ रुपये ज्यादा है। 6 लाख लोगों को इस मेले से रोजगार मिल रहा है। 156 किलोमीटर नई सड़कें बनाई गई, स्टील प्लेट्स नदियों के किनारे लगीं। 571 किलोमीटर वाटर पाइप लाइन डाली गई। 800 किलोमीटर इलेक्ट्रिक वायर डाली गई। 48 पॉवर सबस्टेशन बनाए गए। 30 हजार पुलिस कर्मी, 30 नए पुलिस स्टेशन और 72 मिलिट्री कंपनियां मेला क्षेत्र की सुरक्षा में लगी हैं।

50.83 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में लगा है मेला। 2001 में लगे मेले से लगभग दोगुना क्षेत्र है। 120 सीसीटीवी कैमरा मेला क्षेत्र और इलाहाबाद शहर में लगाए गए हैं। 2500 देश-विदेश के धार्मिक और सामाजिक संगठन भाग ले रहे हैं।


महाकुंभ

http://hi.wikipedia.org/s/27z

मुक्त ज्ञानकोष विकिपीडिया से
महाकुम्भ हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह मेला प्रति १२ वर्षों के अन्तराल पर आयोजित किया जाता है। खगोल गणनाओं के अनुसार, यह मेला मकर संक्रांति के दिन प्रारम्भ होता है, जब सूर्य और चन्द्रमाँ, वृश्चिक राशी में, और वृहस्पति, मेष राशी में प्रवेश करते हैं। मकर संक्रांति के होने वाले इस योग को "कुम्भ स्बान-योग" कहते हैं और इस दिन को विशेष मंगलिक माना जाता है, क्योंकि यह माना जाता है कि इस दिन पृथ्वी से उच्च लोकों के द्वार इस दिन खुलते हैं और इस प्रकार इस दिन स्नान करने से आत्मा को उच्च लोकों की प्राप्ति सहजता से हो जाती है।

[संपादित करें]समयरेखा


  • १०,००० ईसापूर्व (ईपू) - इतिहासकार एस बी रॉय ने अनुष्ठानिक नदी स्नान को स्वसिद्ध किया।
  • ६०० ईपू - बौद्ध लेखों में नदी मेलों की उपस्थिति।
  • ४०० ईपू - सम्राट चन्द्रगुप्त के दरबार में यूनानी दूत ने एक मेले को प्रतिवेदित किया।
  • ईपू ३०० ईस्वी - रॉय मानते हैं की मेले के वर्तमान स्वरूप ने इसी काल में स्वरूप लिया था। विभिन्न पुराणों, और अन्य प्रचीन मौखिक परम्पराओं पर आधारित पाठों में पृथ्वी पर चार विभिन्न स्थानों पर अमृत गिरने का उल्लेख हुआ है।
  • ५४७ - अभान नामक सबसे प्रारम्भिक अखाड़े का लिखित प्रतिवेदन इसी समय का है।
  • ६०० - चीनी यात्री ह्यान-सेंग ने प्रयाग (वर्तमान इलाहाबाद) पर सम्राट हर्ष द्वारा आयोजित कुम्भ में स्नान किया।
  • ९०४ - निरन्जनी अखाड़े का गठन।
  • ११४६ - जूना अखाड़े का गठन।
  • १३०० - कानफटा योगी चरमपंथी साधु राजस्थान सेना में कार्यरत।
  • १३९८ - तैमूर, हिन्दुओं के प्रति सुल्तान की सहिष्णुता के दण्ड स्वरूप दिल्ली को ध्वस्त करता है, और फिर हरिद्वार मेले की ओर कूच करता है और हजा़रों श्रद्धालुओंका नरसंहार करता है। विस्तार से - १३९८ हरिद्वार महाकुम्भ नरसंहार
  • १५६५ - मधुसूदन सरस्वती द्वारा दसनामी व्यव्स्था की लड़ाका इकाइयों का गठन।
  • १६८४ - फ़्रांसीसी यात्री तवेर्निए नें भारत में १२ लाख हिन्दू साधुओं के होने का अनुमान लगाया।
  • १६९० - नासिक मे शैव और वैष्णव साम्प्रदायों में संघर्ष; ६०,००० मरे।
  • १७६० - शैवों और वैष्णवों के बीच हरिद्वार मेलें में संघर्ष; १,८०० मरे।
  • १७८० - ब्रिटिशों द्वारा मठवासी समूहों के शाही स्नान के लिए व्यवस्था की स्थापना।
  • १८२० -हरिद्वार मेले में हुई भगदड़ से ४३० लोग मारे गए।
  • १९०६- ब्रिटिश कलवारी ने साधुओं के बीच मेला में हुई लड़ाई में बीचबचाव किया।
  • १९५४ - चालीस लाख लोगों अर्थात भारत की १% जनसंख्या ने इलाहाबाद में आयोजित कुम्भ में भागीदारी की; भगदड़ में कई सौ लोग मरे।
  • १९८९ - गिनिज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने ६ फ़रवरी के इलाहाबाद मेले में १.५ करोड़ लोगों की उपस्थिति प्रमाणित की, जोकी उस समय तक किसी एक उद्देश्य के लिए एकत्रित लोगों की सबसे बड़ी भीड़ थी।
  • १९९५ - इलाहाबाद के "अर्धकुम्भ" के दौरान ३० जनवरी के स्नान दिवस को २ करोड़ लोगों की उपस्थिति।
  • १९९८ - हरिद्वार महाकुम्भ में ५ करोड़ से अधिक श्रद्धालु चार महीनों के दौरान पधारे; १४ अप्रैल के एक दिन में १ करोड़ लोग उपस्थित।
  • २००१ - इलाहाबाद के मेले में छः सप्ताहों के दौरान ७ करोड़ श्रद्धालु, २४ जनवरी के अकेले दिन ३ करोड़ लोग उपस्थित।
  • २००३ - नासिक मेले में मुख्य स्नान दिवस पर ६० लाख लोग उपस्थित।
  • २००४ - उज्जैन मेला; मुख्य दिवस , १९, २२, २४ अप्रैल और ४ मई
  • २००७ - इलाहाबाद मे अर्धकुम्भ। पवित्र नगरी इलाबाद में अर्धकुम्भ का आयोजन ३ जनवरी २००७ से २६ फ़रवरी २००७ तक हुआ।
  • २०१० - हरिद्वार में महाकुम्भ प्रारम्भ। १४ जनवरी २०१० से २८ अप्रैल २०१० तक आयोजित किया जाएगा। विस्तार से - २०१० हरिद्वार महाकुम्भ

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Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!

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In conversation with Palash Biswas

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Save the Universities!

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जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।

#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?

Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

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