At first We would like to extend our gratitude for your over whelming response for our simple 'Expected Pay Calculator as per 7th Pay Commission' provided here by us. This was done by assuming that how the Pay and Allowances will be recommended by 7th Pay Commission almost one year before.
Like it was done before, now we have prepared a New Pay Scale Calculator based on 7th Pay Commission recommendations and You can use this calculator to know your Revised Pay and Allowances with effect from 1.1.2016.
Enter Your Current (6th CPC) Basic Pay (Band Pay + Grade Pay) and Select Your Pay Band with Grade Pay
Select Your Present HRA% and Select your Transport Allowance and also select your city as per the recommendations of 7th CPC
Click the 'Calculate' button to get your 7th CPC Revised Basic Pay, Matrix Level, Index Level, Revised amount of HRA, Revised amount of Travelling Allowance and the Total Revised Pay per month as per the recommendations of 7th Pay Commission.
Write us your comments about this calculator.
7th Pay Commission Pay Scale Calculator
Basic Pay as on 1.1.2016 (Including Grade Pay)
Select Your Pay Band and Grade Pay
Select Your Transport Allowance
Select Your House Rent Allowance
Select Your City Details given below*
Non Practicing Allowance
Note*: 7th CPC refers 19 Cities as Higher TPTA Cities:Delhi, Hyderabad, Bengaluru, Greater Mumbai, Chennai, Kolkata, Ahmedabad, Surat, Nagpur, Pune, Jaipur, Lucknow, Kanpur, Patna, Kochi, Kozhikode, Indore, Coimbatore and Ghaziabad Click to view the Bunching Increment Benefit Tables
Disclaimer: This calculator gives only approximate value on the basis of the recommendations of 7th Central Pay Commission and also shown the estimate figures only basis on your inputs. Reader are requested to refer 7th Pay Commission Report]
कर्मचारियों की सेलरी में करीब 23.6 फीसद का इजाफा मंजूर!
कर्मचारी भविष्य निधि कोष संगठन (ईपीएफओ) ईटीएफ के जरिये शेयर बाजारों में अपेक्षाकृत अधिक अनुपात में धन निवेश करने के बारे में 7 जुलाई की बैठक में निर्णय।
हर मंत्री पांच सौ करोड़ तक की परियोजना बेखटके मंजूर करें तो अबाध पूंजी की गंगा बहने लगेगी सर्वत्र!
रेलवे कर्मचारियों ने हड़ताल की धमकी दी है। 11 जुलाई से हड़ताल में जाने का एलान।
भारत में संसदीय प्रणाली का मजा यह है कि राजकाज में और नीतिगत फैसलों में संसद की कोई भूमिका नहीं है।
मतलब यह कि जनता के अच्छे दिन जब आयेंगे,तब आयेंगे, मंत्रालयों और मंत्रियों के दिन सुनहरे हैं और राजकाजा और राजधर्म की स्वच्छता पर मंतव्य राष्ट्रद्रोह भी हो सकता है,इसलिए यह कहना जोखिमभरा है कि अब हर मंत्री चाहे तो देश में कहीं भी नियमागिरि या बस्तर या दंडकारण्य में कहीं भी आदिवासियों के सीने पर या अन्यत्र कहीं भी समुद्र तट,अभयारण्य या उत्तुंग हिमाद्रिशिखर पर स्थानीय जनगण या स्थानीय निकायों की कोई सुनवाई किये बिना, पर्यावरण हरी झंडी के बिना, किसी संस्थागत मंजूरी के बिना,संसदीय अनुमति के बिना अबाध पूंजी की निरमल गंगा बहा सकते हैं और उस गंगा में हाथ धोने की आजादी भी होगी।
पलाश विश्वास
भारत में संसदीय प्रणाली का मजा यह है कि राजकाज में और नीतिगत फैसलों में संसद की कोई भूमिका नहीं है।खास खबर फिर वहीं है कि संसद का मॉनसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होगा। कैबिनेट की बैठक में आज इस बात का फैसला लिया गया। 12 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र में सरकार जीएसटी संविधान संशोधन बिल पास कराने की कोशिश करेगी। इसके अलावा 25 और बिल भी मॉनसून सत्र में पेश किए जाएंगे।
जीएसटी बिल को इस मॉनसून सत्र में पारित करने के लिए संसदीय कार्य मंत्री वेकैंया नायडू ने विपक्ष से सहयोग की मांग की है। उनका कहना है कि इसके पारित होने से भारत की अर्थव्यवस्था को सुधारने में मदद मिलेगी।
भाड़ में जाये आम जनता,वोटों के अलावा उनके जीने मरने का क्या क्या और पढ़े लिखे जो हैं,उन्हें उनकी खास परवाह करने की कोई जरुरतभी नहीं हैं क्योंकि आज का दिन केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशियों भरा रहा। सरकार ने वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है।ब्रेक्सिट से निपटने का आसार तरीका बाजार में मांग बनाये रखने के लिए नकदी की सप्लाई जारी रहे।कर्मचारियों के वेतन में बढ़तरी से बाजार में भारी जोश इसीलिए हैं और शेयर बाजर बल्ले बल्ले है।मुनाफावसूली मस्तकलंदर खेल है।
बताया जा रहा है कि कर्मचारियों की सेलरी में करीब 23.6 फीसद का इजाफा होगा। कर्मचारियों को 1 जनवरी, 2016 से बढ़ी हुई सैलरी का एरियर भी मिलेगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने ट्वीट कर बताया कि केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 23 फीसद से ज्यादा का इजाफा होगा। इसीके साथ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने देश के सभी कर्मचारियों को 2030 तक भविष्य निधि, पेंशन और जीवन बीमा के दायरे में लाने का लक्ष्य तय किया है। ईपीएफओ ने बयान में कहा कि संगठन की ओर से तैयार विजन लेटर में अनिवार्य आधार पर भविष्य निधि, पेंशन तथा बीमा के जरिये सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा कवरेज का उल्लेख किया गया है।
इसके साथ खबर यह भी है कि कर्मचारी भविष्य निधि कोष संगठन (ईपीएफओ) ईटीएफ के जरिये शेयर बाजारों में अपेक्षाकृत अधिक अनुपात में धन निवेश करने के बारे में 7 जुलाई की बैठक में निर्णय कर सकता है। ईटीएफ के जरिये निवेश पर संगठन को मुनाफा होने लगा है। यह बात आज श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कही। दत्तात्रेय ने कामकाज की जगह सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर एक कार्यक्रम में कहा, 'ईटीएफ में ईपीएफओ के निवेश पर एक रपट केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) के समक्ष रखी जाएगी। रिपोर्ट अब अच्छी है। हम निवेश का अनुपात बढ़ाने पर फैसला करेंगे और इससे निवेश की मात्रा भी बढ़ेगी।' कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ): की बैठक 7 जुलाई को होनी है। उसकी अध्यक्षता श्रम मंत्री करेंगे। निवेश पर 7 जुलाई को विस्तृत विश्लेषण होना है।
अब केंद्रीय कर्मचारियों को कम से कम 18000 रुपये सैलरी मिलेगी, जबकि बढ़ा हुआ वेतन 1 जनवरी 2016 से मिलेगा। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से सरकारी खजाने पर 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बोझ पड़ेगा। सरकार के इस कदम से 48 लाख कर्मचारी और 55 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा। साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों के ग्रैच्युएटी की रकम 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है। केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन बढ़ोतरी से इकोनॉमी में 1 लाख करोड़ रुपये आएंगे। इक्रा की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर का कहना है कि 7वें वेतन आयोग के सुझावों के लागू होने से कंज्यूमर डिमांड बढ़ेगी जिससे जीडीपी को सपोर्ट मिलेगा।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से नागपुर के कर्मचारी काफी खुश नजर आए, हालांकि लुधियाना के कर्मचारी 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों से नाखुश दिखें। इधर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का विरोध भी शुरू हो गया है।
रेलवे कर्मचारियों ने हड़ताल की धमकी दी है। उन्होंने 11 जुलाई से हड़ताल में जाने का एलान भी किया है।
वहीं मिनरल एक्सप्लोरेशन पॉलिसी को कैबिनेट ने हरी झंडी दिखाई है, इससे माइनिंग कंपनियों को फायदा होगा। इसके अलावा मॉडल शॉप एंड इस्टैब्लिशमेंट एक्ट को भी मंजूरी दी गई है। मॉडल शॉप एंड इस्टैब्लिशमेंट एक्ट लागू होने से शॉपिंग मॉल्य और रेस्टोरेंट 24 घंटे खुले रहेंगे। मॉडल शॉप एंड इस्टैब्लिशमेंट एक्ट को मंजूरी मिलने से रेस्टोरेंट, मल्टीप्लेक्स और रिटेल शेयरों में तेजी देखने को मिली। मिनरल एक्सप्लोरेशन पॉलिसी मिलने के बाद माइनिंग शेयरों में खासी तेजी देखने को मिली। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी मिलने के बाद डिमांड बढ़ने की उम्मीद में रियल एस्टेट, ऑटो और सीमेंट कंपनियों के शेयरों में खासी तेजी देखने को मिली।
नई दिल्ली में केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सातवां वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के कैबिनेट के फैसले के बारे में मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस आयोग की रिपोर्ट को लागू करने से सरकार पर सालाना 1.02 लाख करोड़ रुपये का सालाना भार आएगा।
मीडिया के मुताबिक जेटली की कही बातों का मुख्य अंश -
3 बड़े हाइवे प्रोजेक्टस को कैबिनेट की मंजूरी।
पंजाब, ओडिशा और महाराष्ट्र में हाइवे का प्रस्ताव।
महिलाओं के लिए रोजगार का अवसर बढ़ाने की कोशिश।
महिलाओं को देर तक काम करने की इजाजत का प्रस्ताव।
5वां पे कमिशन आया था तो सरकार को उस पर निर्णय लेने के लिए 19 महीने लगे, जबकि 6वें में 36 महीने लगे थे।
पे और पेंशन के संबंध में कमिशन की सिफारिशों को सरकार ने स्वीकार किया है। 1 जनवरी 2016 से लागू होंगी।
47 लाख सरकारी कर्मचारी और 56 लाख पेंशनर्स पर प्रभाव पड़ेगा।
निजी सेक्टर से सरकारी सेक्टर की सैलरी की तुलना की गई। निजी सेक्टर से तुलना के आधार पर सिफारिश की गई।
कमेटी की सिफारिशें आने तक मौजूदा भत्ते जारी रहेंगे।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अधिकतर स्वीकार किया गया है।
ग्रुप इंश्योरेंस के लिए सैलरी से कटौती की सिफारिश नहीं मानी।
इस साल एरियर का 12 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
क्लास वन की सैलरी की शुरुआत 56100 रुपये होगी।
वेतन आयोग रिपोर्ट में जो भी कमी है उसे एक समिति देखेगी।
ग्रैच्युटी को 10 लाख बढ़ाकर 20 लाख किया गया।
एक्स ग्रेशिया लंपसम भी 10-20 लाख से बढ़ाकर 25-45 लाख रुपये किया गया।
वेतन आयोग द्वारा सुझाए गए भत्तों पर वित्त सचिव अध्ययन करेंगे और फिर इस अंतिम निर्णय होगा।
कुछ कर्मचारी संगठनों के विरोध के प्रश्न पर जेटली ने कहा कि विरोध का कोई औचित्य नहीं है।
इससे पहले जेटली ने ट्वीट कर कहा था कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशनभोगियों के पेंशन में ऐतिहासिक वृद्धि करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जेटली ने एक ट्वीट में कहा, "सातवें केंद्रीय वेतन आयोग द्वारा केंद्र सरकार के अधिकारियों, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उनके वेतन और भत्तों में ऐतिहासिक वृद्धि पर बधाई।" वेतन आयोग की सिफारिशों को मिली मंजूरी का लाभ केंद्र सरकार के करीब 47 लाख कर्मचारियों और 52 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा। जेटली बुधवार को ही बाद में अन्य विवरणों की और जानकारी देंगे।
बहरहाल आम नागरिकों के हक हकूक और उनके संवैधानिक, नागरिक और मानवाधिकारों के मामले में कहीं भी संसदीय हस्तक्षेप नहीं है।
आर्थिक सुधार हों या विदेशी पूंजी निवेश या विदेशी मामलों में राष्ट्रहित या सीधे तौर पर देश के प्राकृतिक संसाधनों का मामला,हमारे जनप्रतिनिधि हाथ पांव कटे परमेश्वर हैं और अब शत प्रतिशत निजीकरण और शत प्रतिशत विनिवेश के कायाकल्प के दौर में सनातन भारत के आधुनिक यूनान बनने की पागल दौड़ में भारतीय संसद की बची खुची भूमिका भी खत्म है।
केंद्र सरकार तो संसद की परवाह करती ही नहीं है,किसी मंत्री को भी किसी की परवाह नहीं करनी है।
अंधाधुंध विकास के बहाने अबाध पूंजी के लिए सारे दरवाजे और खिड़कियां खोल दिये गये हैं। परियोजनाओं की मंजूरी में तेजी लाने के लिये सरकार ने विभागों और मंत्रालयों के वित्तीय अधिकार बढ़ा दिये हैं।केंद्र सरकार के मंत्री अब 500 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं को मंजूरी दे सकेंगे। अब तक उन्हें केवल 150 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं और कार्यक्रमों को मंजूरी देने की शक्ति प्राप्त थी।
निरंकुश सत्ता ने अभिनव आर्थिक सुधार के तहत सत्ता का अभूतपूर्व विकेंद्रीकरण कर दिया है और इसके तहत अत्यधिक केंद्रीयकरण के आरोप का सामना करने वाली केंद्र सरकार ने अपने मंत्रालयों को चार गुना अधिक वित्तीय अधिकार प्रदान कर दी है।
मतलब यह कि जनता के अच्छे दिन जब आयेंगे,तब आयेंगे, मंत्रालयों और मंत्रियों के दिन सुनहरे हैं और राजकाजाऔर राजधर्म की स्वच्छता पर मंतव्य राष्ट्रद्रोह भी हो सकता है,इसलिए यह कहना जोखिमभरा है।
बहरहाल अब हर मंत्री चाहे तो देश में कहीं भी नियमागिरि या बस्तर या दंडकारण्य में कहीं भी आदिवासियों के सीने पर या अन्यत्र कहीं भी समुद्र तट,अभयारण्य या उत्तुंग हिमाद्रिशिखर पर स्थानीय जनगण या स्थानीय निकायों की कोई सुनवाई किये बिना, पर्यावरण हरी झंडी के बिना, किसी संस्थागत मंजूरी के बिना,संसदीय अनुमति के बिना अबाध पूंजी की निरमल गंगा बहा सकते हैं और उस गंगा में हाथ धोने की आजादी भी होगी।
गौरतलब है कि उदारीकरण के ईश्वर की विदाई के लिए वैश्विक व्यवस्था का महाभियोग नीतिगत विकलांगकता का रहा है जिसकी वजह से अरबों अरबों डालर की परियोजनाएं लटकी हुई थीं।
जाहिर है कि अब लंबित और विवादित परियोजनाओं को चालू करने के लिए कहीं किसी अवरोध को खत्म करने के लिए सरकार या संसद के हस्तक्षेप की जरुरत भी नहीं होगी।
कोई भी केंद्रीय मंत्री अपने स्तर पर पांच सौ करोड़ की परियोजना मंजूर करने की स्थिति में दिशा दिशा में विकास के जो अश्वमेधी घोड़े कारपोरेट लाबिंग और हितों के मुताबिक दौड़ा सकेंगे,उसपर संसद या भारतीय जनगण का कोई अंकुश नहीं होगा,मंत्री के हाथ मजबूत करने का मतलब यही है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार मंत्रियों को गैर-योजनागत परियोजनाओं को मंजूरी देने के संबंध में प्रशासनिक मंत्रालयों के प्रभारी मंत्री के लिए सीमा बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये तक दी है। अब केंद्रीय मंत्री 500 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं को मंजूरी दे सकेंगे।
अब तक यह सीमा 150 करोड़ रुपये थी। मंत्रालय का कहना है कि 500 करोड़ रुपये से 1,000 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं को मंजूरी देने की शक्ति वित्त मंत्री के पास होगी। वहीं 1000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को मंजूरी के लिए कैबिनेट या कैबिनेट की आर्थिक मामलों संबंधी समिति के पास जाना पड़ेगा।
सरकार ने यह फैसला सरकार के अलग-अलग स्तरों पर परियोजनाओं को मंजूरी देने के संबंध में प्रक्रिया में बदलाव कर लिया है। मंत्रालय का कहना है कि केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों के सभी प्रकार के गैर-योजनागत व्यय के संबंध में मंजूरी देने का काम करने वाली समिति अब 300 करोड़ रुपये तक के व्यय के प्रस्तावों को मंजूरी दे सकेगी। अब तक इस समिति को 75 करोड़ रुपये तक के प्रस्ताव को मंजूरी देने का अधिकार था।
वहीं संबंधित मंत्रालय की स्थाई वित्त समिति अब 300 करोड़ रुपये तक की गैर-योजनागत परियोजनाओं के प्रस्तावों पर विचार करेगी। सरकार ने परियोजनाओं की बढ़ी लागत के संबंध में भी सचिवों और फाइनेंशियल एडवाइजर्स के अधिकार बढ़ाए हैं।
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) की यूनिटों को बाजार में शेयरों की तरह ही खरीदा बेचा जा सकता है। इस फंड का पैसा चुनिंदा शेयरों, बांड, जिंस और सूचकांक आधारित अनुबंधों में लगाया जाता है। ईपीएफओ ने पिछले साल अगस्त में ईटीएफ में निवेश शुरू किया था पिछले वित्त वर्ष के दौरान ईपीएफओ में बढ़े हुए कोष का पांच प्रतिशत ईटीएफ में जमा किया गया था। अब इस अनुपात को और बढ़ाने का विचार चल रहा है। मंत्री ने कहा, 'ईपीएफओ के न्यासी विभिन्न संबद्ध पक्षों के साथ परामर्श करने के बाद ईटीएफ में निवेश का अनुपात बढ़ाने के संबंध में फैसला करेंगे।'
दत्तात्रेय ने कहा, 'रपट के विश्लेषण पर विचार के बाद मैं अध्यक्ष के तौर पर सीबीटी के अन्य सदस्यों के साथ ईटीएफ में निवेश का अनुपात बढ़ाने पर चर्चा करुंगा। पिछले साल यह पांच प्रतिशत था। वित्त मंत्रालय के निवेश पैटर्न के लिहाज से यह 15 प्रतिशत तक जा सकता है।' मंत्री ने कहा कि 31 मार्च 2016 तक 6,577 करोड़ रुपये की राशि का निवेश किया था जो 0.37 प्रतिशत बढ़कर 6,602 करोड़ रुपये हो गया। 30 अप्रैल 2016 को 6,674 करोड़ रुपये का निवेश 1.68 प्रतिशत बढ़कर 6,786 करोड़ रुपये हो गया। यह प्रस्ताव कानून विभाग के पास जाएगा जिसके बाद यह मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा।
मंत्री ने कहा कि फैक्ट्री अधिनियम में पेशवर सुरक्षा एवं स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा आकलनकर्ताओं के लिए नए प्रावधान पेश करने की भी जरूरत है। सुरक्षा आकलनकर्ताओं से जुड़ा प्रस्ताव कानून मंत्रालय के पास जाएगा और फिर यह मंत्रिमंडल के पास जाएगा। श्रम मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा आकलनकर्ता की अवधारणा पेश करने के लिए संबंध में त्रिपक्षीय परामर्श पेश किया जा चुका है क्योंकि इस संबंध में दो दौर की वार्ता हुई है।
ब्रेक्सिट के बाद से दुनियाभर के बाजारों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। और अब भारत पर इसका कितना असर होगा इसपर बात करते हुए एचडीएफसी के वाइस चेयरमैन और सीईओ केकी मिस्त्री ने कहा कि ब्रेक्सिट का भारत पर सीधा असर होने की आशंका नहीं है। लेकिन आगे रुपया कुछ कमजोर हो सकता है। आरबीआई ने फॉरेक्स का अच्छा इस्तेमाल किया है।
केकी मिस्त्री ने ये भी कहा कि करेंसी पर करेंट अकाउंट डेफिसिट का असर दिख सकता है। पूरी दुनिया में कहीं ग्रोथ नहीं हुई है, लेकिन भारत में हालात बेहतर नजर आ रहे हैं। बाजार में अब भी लिक्विडिटी बनी हुई है। रुपया 5-7 फीसदी और कमजोर होना चाहिए। आगे निवेश बढ़ने से एनपीए घटेगा और ग्रोथ बढ़ेगी।
इसी बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दुकानों, शॉपिंग मॉल व अन्य प्रतिष्ठानों को साल के 365 दिन खुला रखने की अनुमति देने वाले एक मॉडल कानून को आज मंजूरी दे दी। इस कानून से इन प्रतिष्ठानों को अपनी सुविधा के अनुसार कामकाज करने यानी खोलने व बंद करने का समय तय करने की सुविधा मिलेगी। इस कानून के दायरे में विनिर्माण इकाइयों के अलावा वे सभी प्रतिष्ठान आएंगे जिनमें 10 या अधिक कर्मचारी हैं पर यह विनिर्माण इकाइयों पर लागू नहीं होगा।
यह कानून इन प्रतिष्ठानों को खुलने व बंद करने का समय अपनी सुविधा के अनुसार तय करने तथा साल के 365 दिन परिचालन की अनुमति देता है। इसके साथ ही इस कानून में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ महिलाओं को रात्रिकालीन पारी में काम पर लगाने की छूट तथा पेयजल, कैंटीन, प्राथमिक चिकित्सा व क्रेच जैसी सुविधाओं के साथ कार्यस्थल का अच्छा वातावरण रखने का प्रावधन किया गया है।
सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया, 'द मॉडल शॉप्स ऐंड इस्टेबलिशमेंट (रेग्यूलेशन ऑफ इंप्लायमेंट ऐंड कंडीशन ऑफ सर्विसेज) बिल 2016 को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है।' इस मॉडल कानून के लिए संसद की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। श्रम मंत्रालय द्वारा रखे गए प्रस्ताव के तहत राज्य अपनी जरूरत के हिसाब से संशोधन करते हुए इस कानून को अपना सकते हैं। इस कानून का उद्देश्य अतिरिक्त रोजगार सृजित करना है क्योंकि दुकानों व प्रतिष्ठानों के पास ज्यादा समय तक खुले रहने की आजादी होगी जिसके लिए अधिक श्रमबल की जरूरत पड़ेगी।
यह आईटी व जैव प्रौद्योगिकी जैसे उच्च दक्ष कर्मचारियों के लिए दैनिक कामकाजी घंटों (नौ घंटे) तथा साप्ताहिक कामकाजी घंटों (48 घंटे) में भी छूट देता है। इस कानून को विधाई प्रावधानों में समानता लाने के लिए डिजाइन किया गया है जिससे सभी राज्यों के लिए इसे अंगीकार करना आसान होगा और देश भर में समान कामकाजी माहौल सुनिश्चित होगा।
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION!
Published on Mar 19, 2013
The Himalayan Voice
Cambridge, Massachusetts
United States of America
BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7
Published on 10 Mar 2013
ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH.
http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM
http://youtu.be/oLL-n6MrcoM
Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003
Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003
http://youtu.be/zGDfsLzxTXo
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS BLASTS INDIANS THAT CLAIM BUDDHA WAS BORN IN INDIA
THE HIMALAYAN TALK: INDIAN GOVERNMENT FOOD SECURITY PROGRAM RISKIER
http://youtu.be/NrcmNEjaN8c
The government of India has announced food security program ahead of elections in 2014. We discussed the issue with Palash Biswas in Kolkata today.
http://youtu.be/NrcmNEjaN8c
Ahead of Elections, India's Cabinet Approves Food Security Program
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By JIM YARDLEY
http://india.blogs.nytimes.com/2013/07/04/indias-cabinet-passes-food-security-law/
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA
THE HIMALAYAN VOICE: PALASH BISWAS DISCUSSES RAM MANDIR
Published on 10 Apr 2013
Palash Biswas spoke to us from Kolkota and shared his views on Visho Hindu Parashid's programme from tomorrow ( April 11, 2013) to build Ram Mandir in disputed Ayodhya.
http://www.youtube.com/watch?v=77cZuBunAGk
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE
अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।'
http://youtu.be/j8GXlmSBbbk
THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST
We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas.
http://youtu.be/7IzWUpRECJM
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICAL OF BAMCEF LEADERSHIP
[Palash Biswas, one of the BAMCEF leaders and editors for Indian Express spoke to us from Kolkata today and criticized BAMCEF leadership in New Delhi, which according to him, is messing up with Nepalese indigenous peoples also.
He also flayed MP Jay Narayan Prasad Nishad, who recently offered a Puja in his New Delhi home for Narendra Modi's victory in 2014.]
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT
THE HIMALAYAN TALK: PALSH BISWAS FLAYS SOUTH ASIAN GOVERNM
Palash Biswas, lashed out those 1% people in the government in New Delhi for failure of delivery and creating hosts of problems everywhere in South Asia.
http://youtu.be/lD2_V7CB2Is
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE
अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।'
http://youtu.be/j8GXlmSBbbk
1 comment:
thus this central pay commission is reliable and very interesting it how it works and how they calculate are really interesting.
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