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Monday, May 23, 2016

मतुआ माता मारामारी में जख्मी मदन मित्र के समर्थक आपसे में भिड़े रेड अलर्ट!रूपा गांगुली पर हमले के बाद दिलीप घोष ने चुनौती दी है कि तृणमूल सासंद दिल्ली तक कैसे पहुंचेंगे वे देखेंगे! भाजपा नेत्री रूपा गांगुली के पिटे जाने पर जश्न मनाना सरासर गलत है।दीदी मोदी गठबंधन के मद्देनजर यह एक बहुत बड़े खतरे का रेड अलार्म है।खासकर जब दीदी बार बार कार्यकर्ताओ और समर्थकों को सख्ती से आदेश जारी कर रही हैं कि हिंसा का सिलसिला तुरंत बंद होना चाहिए तब संघ परिवार के चेहरे को जख्मी कर देने का मतलब यह है कि बंगाल में अब इतनी ज्यादा अराजकता है कि सत्तादल सुप्रीमो और मुख्यमंत्री का अपने हिंसक बाहुबलि कार्यकर्ताओं और समर्थकों पर कोई नियंत्रण नहीं है। ममता दीदी ने चुनाव के दौरान जो इंच इंच बदला लेने का ऐलान किया ,उसी पर अमल हो रहा है।रूपा गंगागुली और भाजपा के संघी बंगाल अध्यक्ष इस बेलगाम हिंसा और अराजकता के लिए कम जिम्मेदार नहीं है क्योकि दोनों उग्रतम हिंदुत्व का रास्ता अखितयार करके बंगाल में केसरिया सुनामी पैदा करने के चक्कर में इसी हिंसा और अराजकता को लगातार तेज करने में सत्तादल से कोई कम नहीं है।विडंबना तो


তৃণমূল সাংসদরা কীভাবে দিল্লি যান-আসেন, দেখব ; হুঁশিয়ারি দিলীপের

কলকাতা, ২৩ মে : রাজ্যে ক্রমবর্ধমান ভোট পরবর্তী সন্ত্রাস নিয়ে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়কে সরাসরি হুঁশিয়ারি দিলেন BJP রাজ্য সভাপতি, জয়ী প্রার্থী দিলীপ ঘোষ। তিনি বলেন, রাজ্যে হিংসা বন্ধ না হলে তাঁরা চুপ করে বসে থাকবেন না। বলেন, "বাংলায় কী হবে জানি না, বাংলার বাইরে আমরা আছি।…

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मतुआ माता मारामारी में जख्मी

मदन मित्र के समर्थक आपसे में भिड़े

रेड अलर्ट!रूपा गांगुली पर हमले के बाद दिलीप घोष ने चुनौती दी है कि तृणमूल सासंद दिल्ली तक कैसे पहुंचेंगे वे देखेंगे!

भाजपा नेत्री रूपा गांगुली के पिटे जाने पर जश्न मनाना सरासर गलत है।दीदी मोदी गठबंधन के मद्देनजर यह एक बहुत बड़े खतरे का रेड अलार्म है।खासकर जब दीदी बार बार कार्यकर्ताओ और समर्थकों को सख्ती से आदेश जारी कर रही हैं कि हिंसा का सिलसिला तुरंत बंद होना चाहिए तब संघ परिवार के चेहरे को जख्मी कर देने का मतलब यह है कि बंगाल में अब इतनी ज्यादा अराजकता है कि सत्तादल सुप्रीमो और मुख्यमंत्री का अपने हिंसक बाहुबलि कार्यकर्ताओं और समर्थकों पर कोई नियंत्रण नहीं है।

ममता दीदी ने चुनाव के दौरान जो इंच इंच बदला लेने का ऐलान किया ,उसी पर अमल हो रहा है।रूपा गंगागुली और भाजपा के संघी बंगाल अध्यक्ष इस बेलगाम हिंसा और अराजकता के लिए कम जिम्मेदार नहीं है क्योकि दोनों उग्रतम हिंदुत्व का रास्ता अखितयार करके बंगाल में केसरिया सुनामी पैदा करने के चक्कर में इसी हिंसा और अराजकता को लगातार तेज करने में सत्तादल से कोई कम नहीं है।विडंबना तो यह है कि बंगाल में कमसकम सौ सीटों पर भाजपा के भारी वोट काटने से दीदी जो 45 फीसद वोट से जीत गयी कांग्रेस वाम गठभंधन के खिलाफ क्योंकि उन्हें जिताने के मकसद से गठबंधन को हराने के लिए संग परिवार ने अपनी सारी ताकत झोंक दी और दीदी और मोदी नये सिरे से राजग में एकजुट होने की प्रक्रिया में हैं तो ऐसे वक्त में संग परिवार के बंगाली चेहरे पर ही सत्तादल का हमला हो गया।

इसी बीच असम के भावी मुख्यमंत्रियों ने असम के बांग्लादेशियों को खदेड़ने के लिए युद्ध घोषणा कर दी है।

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

हस्तक्षेप


भाजपा नेत्री रूपा गांगुली के पिटे जाने पर जश्न मनाना सरासर गलत है।दीदी मोदी गठबंधन के मद्देनजर यह एक बहुत बड़े खतरे का रेड अलार्म है।खासकर जब दीदी बार बार कार्यकर्ताओ और समर्थकों को सख्ती से आदेश जीरी कर रही हैं कि हिंसा का सिलसिला तुरंत बंद होना चाहिए तब संघ परिवार के चेहरे को जख्मी कर देने का मतलब यह है कि बंगाल में अब इतनी ज्यादा अराजकता है कि सत्तादल सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का अपने हिंसक बाहुबलि कार्यकर्ताओं और समर्थकों पर कोई नियंत्रण नहीं है।


हालात इतने भयंकर है कि मतुआ आंदोलन की दखलदारी के लिए ठाकुरबाड़ी में अभूतपूर्व हंगाम हो गया और इस मारामारी में नब्वे साल से ज्यादा उम्र की मतुआ माता बड़ो मां जख्मी हो गयी तो कमरहट्टी में जेल में बंद पूर्व मंत्री मदन मित्र की हार के बाद वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में तृणमूल बाहुलि आपस में भिड़ गये।भाजपा ने ममता बनर्ज के घर तक जुलूस निकालने की कोशिश की तो पुलिस ने रोक दिया तो वाम कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों की जान माल बचाने के लिए राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से एकसाथ वाम नेता सूर्यकांत मिश्र और प्रदेश कांगेर्स अध्यक्ष गुहार लगाकर आये हैं।फिरभी हमले थमने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।


इसी बीच असम के संघी सिपाहसालार सर्बानंद सोनोवाल ने असम के बांग्लादेशियों को खदेड़ने के लिए युद्ध घोषणा कर दी है।गौरतलब है कि असम विधानसभा चुनावों में शानदार जीत दर्ज करने वाली बीजेपी के विधायकों ने रव‍िवार को सर्बानंद सोनोवाल को विधायक दल के नेता के रूप में चुना। सर्बानंद 24 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।


असम के भावी मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शनिवार को कहा कि घुसपैठ पर रोक लगाने के लिए बांग्लादेश से लगती सीमा को दो साल के अंदर सील कर दिया जाएगा. 1980 के दशक के दौरान हुए विदेशी विरोधी आंदोलन के दौरान हुए छात्र आंदोलन से राजनीतिक पटल पर उभरे सोनोवाल ने चुनाव में बीजेपी को जीत दिलाई। उन्होंने घुसपैठ और उसे रोकने की कोशिश के मुद्दे को अपनी सरकार की प्राथमिकता में रखा है।


बहरहाल ममता बनर्जी चुनाव के दौरान जो इंच इंच बदला लेने का ऐलान किया ,उसी पर अमल हो रहा है।रूपा गंगागुली और भाजपा के संघी बंगाल अध्यक्ष इस बेलगाम हिंसा और अराजकता के लिए कम जिम्मेदार नहीं है क्योकि दोनों उग्रतम हिंदुत्व का रास्ता अखितयार करके बंगाल में केसरिया सुनामी पैदा करने के चक्कर में इसी हिंसा और अराजकता को लगातार तेज करने में सत्तादल से कोई कम नहीं है।विडंबना तो यह है कि बंगाल में कमसकम सौ सीटों पर भाजपा के भारी वोट काटने से दीदी जो 45 फीसद वोट से जीत गयी कांग्रेस वाम गठभंधन के खिलाफ क्योंकि उन्हें जिताने के मकसद से गठबंधन को हराने के लिए संग परिवार ने अपनी सारी ताकत झोंक दी और दीदी और मोदी नये सिरे से राजग में एकजुट होने की प्रक्रिया में हैं तो ऐसे वक्त में संग परिवार के बंगाली चेहरे पर ही सत्तादल का हमला हो गया।


जाहिर है कि बजरंगियों और संघियों के लिए भी निरंकुश सत्ता उसीतरह खतरनाक है जैसे कि बाकी नागरिकों के लिए।बंगाल में जनादेस के बाद भाजपा समेत समूचे विपक्ष को तहस नहस करने का जो माहौल बना है,वह गणतंत्र के लिए खतरा तो है ही,अलग विचारधारा अलग राजनीति करने वाले तमाम नागरिकों की जान माल की सुरक्षा के लिए भी बेहद खतरनाक है।बजरंगियों और संघियों के लिए भी।


गौरतलब है कि  भाजपा ने बंगाल में  सिर्फ  तीन ही सीटें जीत सकी है लेकिन ममता बनर्जी ने जीएसटी बिल का समर्थन किया है। ममता बनर्जीने कहा कि भारतीय जनता पार्टी से उनकी पार्टी के वैचारिक मतभेद हैं, लेकिन वह मोदी सरकार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित करने में सहयोग देगी। जाहिर है कि पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के विधानसभा चुनावों में भाजपा बेशक कोई खास करिश्मा न कर सकी हो लेकिन वहां ममता और जया की जीत ने केंद्र में उसकी राह जरूर आसान कर दी है।


गौरतलब है कि चुनाव जीतने के बाद ममता बनर्जी ने घोषणा कि तृणमूल कांग्रेस राज्‍य सभा में जीएसटी बिल का समर्थन करेगी। कांग्रेस और वामपंथी पार्टियां इस बिल की सबसे बड़ी विरोधी हैं।जाहिर है कि लगातार दो चुनावी जीत के बाद ममता बनर्जी और जयललिता की केंद्र में धमक बढ़ना तय माना जा रहा है। केंद्र सरकार को तृणमूल और अन्नाद्रमुक से राज्यसभा में अटके पड़े जीएसटी समेत कई महत्वपूर्ण बिलों पर समर्थन की जरूरत पड़ेगी।


हालांकि लेफ्ट केरल में सत्‍ता पाने में कामयाब रही लेकिन कांग्रेस को असम और केरल दोनों गंवाने पड़े। इसके चलते उनकी स्थिति राज्‍य सभा में कमजोर होगी।


ममता की पार्टी अगर राज्‍य सभा में जीएसटी का समर्थन करती है तो एनडीए के पास 12 सांसदों का समर्थन और मिल जायेगा।बाकी लटके हुए विधेयकों को पास कराने में दीदी की भूमिका अहम होगी।इसी के मद्देनजर केंद्र  सरकार राज्यसभा में वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) बिल के पारित होने को लेकर आश्वस्त है। वित्त मंत्री अरुण जेटली का मानना है कि देश का राजनीतिक समीकरण अब बदल चुका है लिहाजा कांग्रेस समर्थन करे या न करे संसद के अगले सत्र में जीएसटी बिल पारित होकर रहेगा।


बहराहल 2011 के विधानसभा चुनाव में चार प्रतिसत के बदले दस फीसद वोट हासिल कर लेने और असम समेत पूर्वोत्तर में केसरिया सुनामी रच देने के बाद ंबगल के केसरियाकरण अभियान को तेज करने की ताकीद के कारण रूपा गांगुली पर इस हमले के बावजूद संघ परिवार हर हालत में उग्र हिंदुत्व का विकल्प चुन रहा है।


पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में करारी हार के बावजूद कांग्रेस और माकपा के नेताओं ने कहा है कि राज्य में उनका गठबंधन बना रहेगा।


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा, ''हमने केवल इस चुनाव के लिए गठबंधन नहीं बनाया। आने वाले दिनों में गठबंधन बना रहेगा। हम भविष्य में भी साथ लड़ेंगे।'' उनके साथ माकपा के प्रदेश सचिव सूर्यकांत मिश्रा मौजूद थे।


मिश्रा ने कहा, ''हम जनमोर्चे के साथ बने रहेंगे। हमें तृणमूल कांग्रेस के आतंक के खिलाफ मिलकर लड़ना होगा। तृणमूल कांग्रेस बंगाल में विपक्ष के सफाए की कोशिश कर रही है और हम सब को उसके खिलाफ मिलकर लड़ना होगा।'' माकपा नेतृत्व वाला वाम मोर्चा और कांग्रेस के नेताओं ने आज संयुक्त रूप से राज्यपाल के एन त्रिपाठी से मुलाकात की जिसके बाद दोनों नेताओं ने संवाददाताओं से बात की।


दोनों दलों ने राज्य में 'चुनाव के बाद हुई हिंसा' को लेकर राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपा।


यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों दल ममता बनर्जी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे, चौधरी और मिश्रा ने कहा, ''राज्य में जिस तरह की स्थिति है, विपक्षी कार्यकर्ताओं पर हमला हो रहा है, वह किसी भी तरह के समारोह में शामिल होने के अनुकूल नहीं है। हालांकि हमें अब तक किसी भी तरह का निमंत्रण नहीं मिला है। हम समारोह में शामिल ना हो पाएं।'' तृणमूल कांग्रेस ने 294 सदस्यीय विधानसभा की 211 सीटें जीतकर हालिया चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया जबकि कांग्रेस-वाम गठबंधन को महज 76 सीटों से संतोष करना पड़ा।


खड़गपुर से विधानसभा पहुंचने वाले बंगाल भाजपा के संघी अध्यक्ष दिलीप घोष ने यादवपुर विश्वविद्यालय के बजरंगी हमले के अपने बेहया बयान का सिलसिला जारी रखकर अब चुनौती दी है कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद नई दिल्ली कैसे पहुंचेंगे,वे देख लेगे जबकि दूसरी तरफ भाजपा समेत समूचे विपक्ष पर सत्ता दल का सिलसिलेवार हमले जारी है।


गौरतलब है कि छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाली यादवपुर विश्व विद्यालय (जेयू) की छात्राओं को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की ओर से बेहया कहे जाने पर भाजपा नेता रुपा गांगुली और लॉकेट चटर्जी ने अलग-अलग रास्ता अपनाया है।भाषाई शालीनता बरतने की नसीहत देते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोषको खुद सीमाएं लांघते देखे गये जब उन्होंने छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाली यादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) की छात्राओं को बेहया कहा।गौरतलब है कि उनके इस तेवर के मद्देनजर इस मुद्दे पर संघपरिवार की महिला नेताओं को भी मुंह चुराना पड़ रहा है।दिलीप घोष ने कहा कि ऐसे छात्रों की पिटाई की जानी चाहिए. एहसानफरामोश की तरह हैं कुछ छात्र।


घोष ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गठबंधन के उम्मीदवार ज्ञान सिंह सोहनपाल को हराकर खडगपुर सदर सीट जीती है। इसके अलावा भाजपा ने मालदा की वैष्णवनगर सीट और मादारीहाट सीट पर गठबंधन के उम्मीदवारों को हराकर जीत हासिल की है।


बहरहाल सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास की तरफ मार्च करने का असफल प्रयास किया। वे पार्टी नेता रूपा गांगुली पर कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के कल के हमले के विरोधस्वरूप मुख्यमंत्री आवास की तरफ जा रहे थे।


दक्षिण कोलकाता के हाजरा चौराहे पर बड़ी संख्या में पुलिस मौजूद थी जहां भाजपा के नेताओं ने रैली की जिनमें बंगाल इकाई के पूर्व अध्यक्ष राहुल सिन्हा और वर्तमान अध्यक्ष दिलीप घोष मौजूद थे। इन नेताओं ने कालीघाट स्थित मुख्यमंत्री के आवास की तरफ मार्च करने का प्रयास किया।


पुलिस ने रैली को आशुतोष मुखर्जी मार्ग के पास रोक दिया जिसमें रूपा गांगुली और लॉकेट चटर्जी भी शामिल थे।


दूसरी ओर नई दिल्ली में दिल्ली प्रदेश भाजपा प्रभारी श्याम जाजू व प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय के नेतृत्व में रविवार को पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने गोल मार्केट में स्थित मॉर्क्‍सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के कार्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा के पदाधिकारी व कार्यकर्ता पार्टी व स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ताओं पर केरल में हो रहे हिंसक घटनाओं के विरोध सीपीएम कार्यालय के बाहर हल्ला बोला था।

प्रदर्शन के दौरान स्थिति पर काबू करने के लिए भारी संख्या में सुरक्षा बल की तैनाती की गई थी, लेकिन जब प्रदर्शनकारी उग्र होने लगे और कार्यकर्ता वहां लगे तीनों बैरिकेट्स को तोड़ कर कार्यालय की और बढ़ने लगे, तो इसी बीच पुलिस ने पानी की बौछार की। इस पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश उपाध्याय के साथ पार्टी के कार्यकर्ता सीपीएम ऑफिस से चंद कदमों की दूरी पर धरने पर बैठ गए और सीपीएम के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

सतीश उपाध्याय ने कहा कि केरल एवं पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा का लंबा इतिहास है और पिछले 25 वर्ष में वामपंथियों ने 200 से अधिक संघ कार्यकर्ताओं की हत्या की है। केरल में सीपीएम की जीत के बाद से भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ हिंसा में तेजी आई है और दो कार्यकर्ताओं की हत्या के अलावा 60 अलग-अलग घटनाओं में कार्यकर्ताओं और उनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन जब नहीं मानें तो मंदिर मार्ग थाना पुलिस ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं समेत पार्टी के पदाधिकारियों को हिरासत में ले लिया। हालांकि, कुछ समय बाद सभी को रिहा कर दिया गया। इस बीच भाजपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उन पर कार्यालय के अंदर से बोतल व पत्थर फेंकी गई।


इसी बीच बंगाल में भाजपा के राज्य प्रमुख ने कहा, ''हम यहां मुख्यमंत्री से मिलने और राज्य में चुुुनावों के बाद भी जारी हिंसा के बारे में बताने आए। लेकिन पुलिस ने हमें रोक लिया.. लेकिन मैं उन्हें :पुलिस: सलाह देता हूं कि हमें रोकने के बजाए उन्हें गुंडों को रोकना चाहिए।'' उन्होंने कहा कि अगर राज्य प्रशासन ''चुनाव बाद हिंसा पर रोक लगाने के लिए उपयुक्त कदम'' नहीं उठाता है तो भाजपा जिलों में धरना..प्रदर्शन करेगी।


घोष ने कहा कि पार्टी 27 मई को ममता बनर्जी के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने और इसे ''काला दिवस'' के तौर पर मनाने का विचार कर रही है।


गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद कुछ हद तक अपना प्रभाव खो चुकी भाजपा ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया है और इस बार उसने 70 से अधिक सीटों पर विपक्षी वाम मोर्चे और कांग्रेस के गठबंधन का खेल बिगाडने का काम किया है। हालांकि पश्चिम बंगाल में भाजपा को हासिल हुए मतों का प्रतिशत वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों के 17.5 प्रतिशत की तुलना में गिरकर इन विधानसभा चुनावों में 10.2 प्रतिशत पर आ गया लेकिन पहली बार पार्टी ने इस राज्य में अपने दम पर चुनाव लडकर तीन सीटें हासिल की हैं। इससे पहले, भाजपा वर्ष 2011 में उपचुनावों में दो बार जीत चुकी है और उसका मत प्रतिशत 4.06 रहा था।


आंकडों और भाजपा के मतप्रतिशत से पार्टी के प्रदेश नेतृत्व का हौसला बुलंद है जो उनके अभूतपूर्व आक्रामक तेवर से साफ है।क्योंकि इन्होंने पिछले दो साल में अपने प्रभाव में काफी कमी आती देखी है। इन विधानसभा चुनाव में, भाजपा ने वर्ष 2011 के 19.5 लाख मतदाताओं की तुलना में कहीं ज्यादा यानी 56 लाख मतदाताओं का वोट हासिल किया। इसके साथ ही साथ इसने 294 विधानसभा क्षेत्रों में से 262 में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. इन स्थानों पर भाजपा को 10 हजार से ज्यादा वोट मिले।


भाजपा के संघी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने बताया, ''वर्ष 2014 में हमें देशभर में नरेंद्र मोदी की लहर के कारण 17 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। हमारा बंगाल में कोई सांगठनिक आधार नहीं था. इस बार ऐसा कोई आधार नहीं था। हमने जो कुछ भी हासिल किया है, वह हमारी पार्टी की सांगठनिक ताकत की वजह से है। सबसे अच्छी बात सिर्फ तीन सीटें नहीं हैं, सबसे अच्छी बात तो यह है कि हमने अधिकतम सीटों पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है और सात सीटों पर हम दूसरे स्थान पर रहे हैं।''



घोष ने कहा, ''यह वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव और 2021 के विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए हमारा आधार बनेगा। उत्तर बंगाल से दक्षिण बंगाल तक हमारे मत प्रतिशत में बढोत्तरी हुई है और हम अपने आधार को विस्तार देंगे।''


गौरतलब है कि  इस बार भाजपा ने 66 सीटों पर 20 से 30 हजार वोट हासिल किए हैं। 16 सीटों पर इसे मिले वोटों की संख्या 30 से 40 हजार रही है और छह सीटों पर इसे मिले वोटों की संख्या 40 से 50 हजार रही है।


भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ''हमने भले ही ज्यादा सीटें न जीती हों, लेकिन गठबंधन के लिए और कई सीटों पर तृणमूल कांग्रेस के लिए हमने खेल बिगाड दिया है। बंगाल में भाजपा को अब और अधिक नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।''


भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने विधानसभा चुनावों के नतीजों को संतोषजनक बताया है और उम्मीद जताई है कि ये नतीजे बंगाल में पार्टी के लिए एक लॉन्चिंग पैड का काम करेंगे।


गौरतलब है कि बेलगाम हिंसा के मध्य जीत का जश्न माने में दीदी कोई कसर छोड़ नहीं रही हैं।पश्चिम बंगाल में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का शपथ ग्रहण समारोह भी इतिहास रचने वाला होगा। राज्य में पहली बार रेड रोड पर मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह होगा। राज्य में अब तक जितने भी मुख्यमंत्री हुए सभी ने राजभवन में ही शपथ ली थी।


इस बेलगाम हिंसा के क्रम में गौरतलब है कि उन्होंने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली, कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना सहित देश की बड़ी राजनीतिक हस्तियों को आमंत्रित किया है। इसके जरिए वे राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पैठ बनाने के लिए राजनीतिक दलों से रिश्ते मजबूत करने की कोशिश में हैं। . ममता के इन्विटेशन लिस्ट में नरेंद्र मोदी, सोनिया गांधी, नीतीश कुमार, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल, देवेंद्र फड़णवीस, जयललिता, लालू यादव भी शामिल हैं।


गौरतलब है कि भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे 27 मई को दूसरी बार पश्चिम बंगाल की सत्ता संभाल रही ममता बनर्जी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। बनर्जी लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए 27 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी।


तोबगे ने ट्विटर पर कहा कि कोलकाता में ममता दी के शपथ ग्रहण समारोह में निजी तौर पर उन्हें बधाई देने की उम्मीद करता हूं। इसके जवाब में, बनर्जी ने उनका आभार प्रकट करते हुए ट्विटर पर कहा कि आपकी सहृदयता के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद। उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की 180 किलोमीटर लंबी सीमा भूटान से लगी हुई है।


नरेंद्र मोदी के साथ सोनिया गांधी भी इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो सकती हैं। इन दोनों के अलावा कई राज्यों के सीएम, बड़े नेता और इंडस्ट्रियलिस्ट्स को भी इनविटेशन भेजा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लेफ्ट फ्रंट के किसी नेता को इस प्रोग्राम में शामिल होने के लिए न्योता नहीं भेजा जाएगा।



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THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

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Palash Biswas, lashed out those 1% people in the government in New Delhi for failure of delivery and creating hosts of problems everywhere in South Asia. http://youtu.be/lD2_V7CB2Is

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE

अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।' http://youtu.be/j8GXlmSBbbk