लोकलुभावन छलावों के बावजूद नया वित्तीय वर्ष भारी पड़ेगा
मुंबई से एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी के बजट प्रावधानों का असर, उनकी उदारता बनाम क्रूरता का असली नजारा अब सामने है। खूब लुत्प उठाइये या फिर अपनी किस्मत को रोइये। पर आर्थिक हालात बदलने वाले नहीं हैं। लोकलुभावन छलावों के बावजूद नया वित्तीय वर्ष भारी पड़ेगा! विदेशी निवेशकों और उद्योग जगत को शायद इस खबर से थोड़ी राहत मिल सकती है किजीएएआर को लेकर चिंता को देखते हुए सरकार पी-नोट्स पर सफाई जल्द जारी करने वाली है। छोटे निवेशकों के लिए नया वित्त वर्ष यानि 2012-13 काफी फायदेमंद होने जा रहा है।सरकार ने सोने के गहने वाले वास्तविक उपयोगकर्ताओं को सीधे सोने के आयात की छूट देने का फैसला लिया है।सरकार के इस फैसले से खुद सोने का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों को छूट मिलेगी। साथ ही कंपनियों को सस्ते में सोना मिलने में मदद होगी। वहीं अब कंपनियों को मनपसंद सोने के लिए भटकना भी नहीं पड़ेगा। 1 अप्रैल से पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड या नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एसएससी) जैसे सेविंग्स इंस्ट्रूमेंट में निवेश पर आपको ज्यादा ब्याज मिलेगा। अब पीपीएफ पर 8.8 फीसदी और मंथली इंकम स्कीम या एमआईएस पर 8.5 फीसदी ब्याज मिलेगा। वहीं पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट पर 0.5 फीसदी ज्यादा ब्याज मिलेगा। अलग-अलग अवधि के पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट पर 8.2 फीसदी से लेकर 8.5 फीसदी तक ब्याज मिलेगा। इसी तरह 5 साल के एनएससी पर ब्याज दर 8.6 परसेंट और 10 साल के एनएससी पर 8.9 फीसदी हो जाएगी। इसके अलावा सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में भी पहले से ज्यादा 9.3 फीसदी रिटर्न मिलेगा।लेकिन अब नए वित्त वर्ष में इंश्योरेंस पॉलिसी महंगी पड़ सकती है। नए बजट प्रावधानों के मुताबिक टैक्स छूट के लिए लाइफ कवर सालाना प्रीमियम का कम से कम 10 गुना होना जरूरी है। लाइफ इंश्योरेंस के साथ मोटर इंश्योरेंस भी 1 अप्रैल से और महंगा होने जा रहा है। इंश्योरेंस रेगुलेटर आईआरडीए के नियम बदलने के बाद अब थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस के लिए आपको टू-व्हीलर पर 6-8 फीसदी, कारों पर 4-6 फीसदी और कमर्शियल गाड़ियों पर 10-30 फीसदी तक ज्यादा प्रीमियम देना पड सकता है।
ईंधन संकट से राजकोषीय घाटा से कैसे नपटेंगे, प्रणव दादा इसका कोई हल नहीं निकाल पाये हैं। पर नये वित्तवर्ष के आगाज के साथ ही आपको और हमें आम आदमी और कारपोरेट जगत गोनों को बड़ी हुई ईंधन कामतों से जूझना होगा।पेट्रोल की बढ़ी कीमत के लिए फिर तैयार हो जाइए। आज रात से पेट्रोल की कीमतों में तीन से पांच और डीजल में एक-दो रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो सकती है। रसोई गैस के रेट में भी बढ़ोतरी मुमकिन है।तेल कंपनियों द्वारा पेट्रोल कीमत की शनिवार को समीक्षा की जानी है। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम हर महीने की पहली और 16 तारीख को पेट्रोल मूल्यों की समीक्षा करती हैं। लेकिन इस बार 1 अप्रैल को छुट्टी होने की वजह से यह बैठक आज ही हो रही है। तेल कंपनियों का कहना है कि इंपोर्ट और दूसरी तरह की लागत के हिसाब से पेट्रोल में हर लीटर पर सात-आठ रुपए का नुकसान हो रहा है, इसलिए बढ़ोतरी जरूरी है। हालांकि बीजेपी ने गोवा में पेट्रोल को 11 रुपए सस्ता करके केंद्र को दबाव में ला दिया है।इसके बावजूद ऐसा लगता नहीं कि सरकार कीमतों में बढ़ोतरी रोक पाएगी क्योंकि पेट्रोल की कीमतें तेल कंपनियां ही तय करती हैं। इसके अलावा फाइनैंस मिनिस्टर प्रणब मुखर्जी कई बार कह चुके हैं कि डीजल और रसोई गैस की सब्सिडी घाटे को बुरी तरह बढ़ा रही है और बर्दाश्त से बाहर होती जा रही है। सार्वजनिक क्षेत्र की तीनों खुदरा तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को डीजल, एलपीजी और केरोसिन पर अंडररिकवरी (लागत मूल्य व बिक्री मूल्य के बीच अंतर) की भरपाई के लिए वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को 35000 करोड़ रुपये जारी किए। इसमें 20000 करोड़ रुपये 2011 12 की पहली तिमाही के और 15000 करोड़ रुपये दूसरी तिमाही के हैं।
दूसरी ओर पीनोट्स धारकों को टैक्स से रिहाई की घोषणा पर बाजार में जश्न का माहौल है। नये साल की नयी उम्मीद और सरकारी भरोसे के दम पर बाजार के सभी 13 सेक्टोरल इंडेक्स लाभ के साथ बंद हुए। इसके अलावा, सेंसेक्स के 30 में से 28 के शेयर लाभ के साथ बंद हुए। सेंसेक्स की दो भारी भरकम कंपनियां रिलायंस इंडस्ट्रीज एवं इंफोसिस ने लगभग 100 अंक जोड़े।दो दिनों की गिरावट के बाद बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 346 अंक चढ़कर दो सप्ताह के उच्चतम स्तर 17,404.20 अंक की ऊंचाई पर पहुंच गया। बाजार में आई इस शानदार तेजी की मुख्य वजह सरकार द्वारा पार्टिसिपेट री नोट्स (पी-नोट्स) पर छाई अनिश्चितता को दूर करने की घोषणा रही जिसमें सरकार ने कहा कि जो फंड इंडियन इक्विटीज में पी नोट्स के जरिये निवेश कर रहे हैं उनपर देश में कर बाध्यता नहीं होगी। इसके अलावा, निवेशकों का मूड 11 सप्ताह से निचले स्तर पर बने रुपये में सुधार होने तथा मजबूत वैश्विक बाजारों की वजह से भी बेहतर हुआ।निवेशक पिछले कुछ समय से इन खबरों को लेकर चिंतित थे कि सरकार पी नोट्स पर टैक्स लगा सकती है। पी नोट्स वे इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं जो ऐसे एफआईआई को, जो सेबी के पास रजिस्टर्ड नहीं हैं, इंडियन इक्विटी मार्केट में निवेश करने की अनुमति देते हैं।इस मुद्दे पर छाई अनिश्चितता को समाप्त करते हुए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि इंडियन टैक्स अथॉरिटी पी नोट्स धारकों के बारे में तफ्तीश करने के लिए फाइनेंशियल इंवेस्टर (एफआईआई) से आगे नहीं जाएगी। जाहिर है, भारत में पी नोट्स धारकों के लिए टैक्स बाध्यता का सवाल ही नहीं उठता।उन्होंने कहा कि आवश्यक अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी।उनकी इस टिप्पणी से बाजार में लिवाली की तेज शुरूआत हो गई तथा सभी 13 सेक्टोरल इंडेक्स लाभ के साथ बंद हुए। इसके अलावा, सेंसेक्स के 30 में से 28 के शेयर लाभ के साथ बंद हुए। सेंसेक्स की दो भारी भरकम कंपनियां रिलायंस इंडस्ट्रीज एवं इंफोसिस ने लगभग 100 अंक जोड़े।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान के तेल खरीदारों पर नए प्रतिबंधों को मंजूरी दे दी है। इस मंज़ूरी के बाद भारत, दक्षिण कोरिया, चीन, तुर्की और दक्षिण अफ्रीका जैसे 12 देशों पर दबाव पड़ेगा। ये सभी देश बड़े पैमाने पर ईरान से तेल का आयात करते हैं। मालूम हो कि ब्रिक्स देशों ने घोषणा की है कि इरान को परमाणु उर्जा का शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए प्रयोग करने का पूरा अधिकार है। संबंधित मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल करने का भी समर्थन किया है। घोषणा में साफ कहा गया है कि इरान से संबंधित परिस्थितियों को और अधिक तनावपूर्ण नहीं होने दिया जा सकता है। राजधानी के ताज पैलेस होटल में दुनिया की पांच उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की सदस्यता वाले ब्रिक्स समूह का चौथा सम्मेलन शुरू हो गया। अमेरिका की ताजा घोषणा से साफ जाहिर है कि तेल युद्ध में उसे ब्रिक्स की कोई परवाह नहीं है। बल्कि इस फैसले से अमेरिका उन विदेशी बैंकों पर भी प्रतिबंध लगा सकेगा जो ईरान के साथ तेल के व्यापार में अभी भी शामिल हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान पर प्रतिबंध लगाने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि बाजार में पर्याप्त तेल है और इसलिए उस पर प्रतिबंध लगाने में डरने की जरूरत नहीं है।उन्होंने कहा कि भारत और चीन जैसे देश जिन्हे अपनी ऊर्जा जरूरतों के एक हिस्से के लिए ईरान पर निर्भर रहना पड़ता है, उन्हें ईरान पर प्रतिबंध लगाने से हिचकना नहीं चाहिए, क्योंकि विश्व बाजार में इतना तेल है कि उनकी जरूरतें पूरी हो सकें।उन्होंने इस बात का भरोसा दिलाया कि अमेरिका यह सुनिश्चित करेगा कि ईरान पर प्रतिबंध के बाद पेट्रोलियम उत्पादों की कमी की सूरत में सभी देशों की ऊर्जा जरूरतें पूरी हो सकें।अमेरिका ने पहले ही 11 देशों को इस प्रतिबंध से मुक्त कर दिया है और अन्य देशों को भी इससे मुक्त किया जा सकता है। व्हाइट हाउस प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रपति ने ईरान के तेल व्यापार पर प्रतिबंध संबंधित प्रतिबद्धता दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दिया है, और यह भरोसा दिया है कि विश्व बाजार में ईरान के अलावा भी पर्याप्त मात्रा में तेल है।
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि पी-नोट्स धारकों पर कोई टैक्स जवाबदेही नहीं होगी। साथ ही, सरकार पी-नोट्स धारकों के नाम का पता नहीं लगाएगी। आयकर विभाग सिर्फ पी-नोट्स जारी करने वाले एफआईआई की जांच कर सकता है।
प्रणव मुखर्जी के मुताबिक जीएएआर का मकसद ईमानदार निवेशकों को परेशान करना नहीं है। जनरल एंटी अवॉइडेंस रूल (जीएएआर) के जरिए सरकार उन सौदों पर नकेल कसना चाहती है, जिनका मकसद टैक्स बचाना है।आयकर विभाग को एफआईआई या विदेशी सब्सिडियरी के जरिए होने वाले सौदों की जांच करने का अधिकार दिया जाएगा। दोषी पाए जाने पर कंपनियों या एफआईआई को भारी टैक्स चुकाना पड़ेगा।
खबर है कि सरकार ने बिजली की किल्लत मिटाने के लिए एशियाई विकास बैंक [एडीबी] के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए है। इस समझौते के तहत अधिक बिजली वाले इलाकों से बिजली की किल्लत झेल रहे इलाकों में बिजली वितरित की जाएगी। इसके लिए सरकार ने एडीबी के साथ कुल 82.6 करोड़ डालर का ऋण समझौता किया है। इसमें से 50 करोड़ डालर का सरकारी गारंटी शुदा ऋण है, जबकि 25 करोड़ डालर का गैरसरकारी कॉरपोरेट ऋण है।
अब आप बिना खाता बदले ही अपना बैंक बदल सकते हैं। एक्सक्लूसिव जानकारी मिली है कि वित्त मंत्रालय ने सरकारी बैंकों मे सेविंग अकाउंट नंबर पोर्टबिलिटी लाने को मंजूरी दे दी है।
सेविंग अकाउंट पोर्टबिलिटी के तहत ग्राहक केवाईसी की प्रक्रिया दोपहराए बिना एक बैंक से दूसरे बैंक में खाता ट्रांसफर कर सकेंगे। पोर्टबिलिटी लागू करने के लिए बैंकों ने कोर बैंकिंग सॉल्यूशन पर काम शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक निजी बैंकों में भी सेविंग अकाउंट पोर्टबिलिटी शुरू करने के लिए वित्त मंत्रालय ने आरबीआई को चिट्ठी लिखी है।
सरकारी बैंक आईडीबीआई ने होम लोन सस्ता कर दिया है। आईडीबीआई बैंक ने फ्लोटिंग रेट स्कीम के तहत होम लोन की ब्याज दरों में 0.75 फीसदी तक की कटौती कर दी है।
25 लाख रुपये तक के होम लोन पर 0.25 फीसदी, 25 लाख-75 लाख रुपये तक के होम लोन पर 0.5 फीसदी और 75 लाख रुपये से ज्यादा के होम लोन पर 0.75 ब्याज दरें घटा दी हैं। नई ब्याज दरें 2 अप्रैल से लागू होंगी। अब आईडीबीआई बैंक के 25 लाख रुपये तक के होम लोन पर 10.75 फीसदी, 25 लाख रुपये से ज्यादा और 30 लाख रुपये तक के लोन पर 11 फीसदी, 30 लाख रुपये से ज्यादा और 75 लाख रुपये से कम तक के लोन पर 11.25 फीसदी और 75 लाख रुपये से ज्यादा के होम लोन पर 11.5 फीसदी ब्याज देना होगा।
वाणिज्य मंत्रालय ने सबसे पहले टाइटन को सोने से सीधे आयात के लिए छूट दी है। सरकार की मंजूरी के बाद अब टाइटन खुद सोने का आयात कर सकेगा। लेकिन कंपनियों को सोने के आयात से पहले से सरकार को आवेदन देना जरूरी होगा।फिलहाल चुनिंदा बैंकों को ही सोने का सीधे आयात करने की छूट मिलती है। इसके अलावा अभी चुनिंदा एक्सपोर्टर्स को ही सोने के आयात की छूट मिली हुई है। गौरतलब है कि बजट में सरकार ने स्टैंडर्ड सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी 2 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी कर दी है। वहीं नॉन-स्टैंडर्ड सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी 5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी कर दी गई है।
दूसरी ओर बजट में सोने पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने और फिर ज्वेलर्स को आश्वासन देने के बाद भी जौहरियों का गुस्सा सरकार के खिलाफ शांत नहीं हो रहा है। वहीं अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दे चुके जौहरियों ने अब कहा है कि सरकार के द्वारा एक्साइज ड्यूटी वापस लेने के बाद ही वह अपनी दुकानें खोलेंगे।
जौहरियों ने शु्क्रवार साफ कर दिया है कि जब तक सरकार एक्साइज ड्यूटी वापस नहीं लेती है तब तक उनकी दुकानें नहीं खुलेंगी। हालांकि सरकार ने एक्साइज ड्यूटी लगाए जाने के खिलाफ आंदोलन कर रहे ज्वेलर्स को कुछ राहत देने की कोशिश की है। इससे पहले वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने भी जौहरियों की समस्याओं को सुलझाने के संकेत दिए थे।
वित्त मंत्रालय ने ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन को चिट्ठी लिखकर आश्वासन दिया है कि उनकी मांग पर विचार किया जा रहा है और जल्दी ही सीबीईसी इस बारे में सफाई देगा। साथ ही सरकार ने एक्साइज डिपार्टमेंट के अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है कि वह ज्वेलरी बनानेवालों पर जबरन रजिस्ट्रेशन के लिए दबाव न डालें, सिर्फ जो ज्वैलर अपनी मर्जी से रजिस्ट्रेशन के लिए आगे आएं उन्हीं का रजिस्ट्रेशन किया जाए।
इस बीच आयात और निर्यात के बीच की खाई अब 20 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। वित्त वर्ष 2012 की तीसरी तिमाही में व्यापार घाटा बढ़कर जीडीपी के 4.3 फीसदी तक पहुंच गया है।तीसरी तिमाही में व्यापार घाटे में दोगुने की बढ़त देखी गई है और ये बढ़कर 19.5 अरब डॉलर के पार चला गया है। पिछले साल इसी अवधि में व्यापार घाटा करीब 10 अरब डॉलर था। पिछले साल के मुकाबले इस साल तीसरी तिमाही में आयात में तो मामूली कमी आई है लेकिन एक्सपोर्ट बहुत तेजी से घटा है।व्यापार घाटा बढ़ने से बैलेंस ऑफ पेमेंट की स्थिति भी बिगड़ गई है। आरबीआई से जारी एक बयान के मुताबिक व्यापार घाटा बढ़ने और विदेशी निवेश घटने से फॉरेक्स रिजर्व में दबाव देखने को मिला है। जानकारों के मुताबिक अगर हालात ऐसे ही रहे तो डॉलर के मुकाबले रुपये में और कमजोरी देखने को मिलेगी।
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जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।
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अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास
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Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION!
Published on Mar 19, 2013
The Himalayan Voice
Cambridge, Massachusetts
United States of America
BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7
Published on 10 Mar 2013
ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH.
http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM
http://youtu.be/oLL-n6MrcoM
Download Bengali Fonts to read Bengali
Imminent Massive earthquake in the Himalayas
Palash Biswas on Citizenship Amendment Act
Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003
Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003
http://youtu.be/zGDfsLzxTXo
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THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS BLASTS INDIANS THAT CLAIM BUDDHA WAS BORN IN INDIA
THE HIMALAYAN TALK: INDIAN GOVERNMENT FOOD SECURITY PROGRAM RISKIER
http://youtu.be/NrcmNEjaN8c
The government of India has announced food security program ahead of elections in 2014. We discussed the issue with Palash Biswas in Kolkata today.
http://youtu.be/NrcmNEjaN8c
Ahead of Elections, India's Cabinet Approves Food Security Program
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By JIM YARDLEY
http://india.blogs.nytimes.com/2013/07/04/indias-cabinet-passes-food-security-law/
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA
THE HIMALAYAN VOICE: PALASH BISWAS DISCUSSES RAM MANDIR
Published on 10 Apr 2013
Palash Biswas spoke to us from Kolkota and shared his views on Visho Hindu Parashid's programme from tomorrow ( April 11, 2013) to build Ram Mandir in disputed Ayodhya.
http://www.youtube.com/watch?v=77cZuBunAGk
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE
अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।'
http://youtu.be/j8GXlmSBbbk
THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST
We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas.
http://youtu.be/7IzWUpRECJM
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICAL OF BAMCEF LEADERSHIP
[Palash Biswas, one of the BAMCEF leaders and editors for Indian Express spoke to us from Kolkata today and criticized BAMCEF leadership in New Delhi, which according to him, is messing up with Nepalese indigenous peoples also.
He also flayed MP Jay Narayan Prasad Nishad, who recently offered a Puja in his New Delhi home for Narendra Modi's victory in 2014.]
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT
THE HIMALAYAN TALK: PALSH BISWAS FLAYS SOUTH ASIAN GOVERNM
Palash Biswas, lashed out those 1% people in the government in New Delhi for failure of delivery and creating hosts of problems everywhere in South Asia.
http://youtu.be/lD2_V7CB2Is
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE
अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।'
http://youtu.be/j8GXlmSBbbk
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