Welcome

Website counter
website hit counter
website hit counters

Saturday, September 24, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



---------- Forwarded message ----------
From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/9/22
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


पटना कॉलेज में होगा नामांकन टेस्ट

Posted: 21 Sep 2011 05:18 AM PDT

पटना कॉलेज में अब नामांकन के लिए छात्रों को टेस्ट देना पड़ सकता है। पटना कॉलेज ने इसकी कवायद शुरू कर दी है। जल्द ही इस पर विविद्यालय की मुहर लगने की भी उम्मीद है। कॉलेज प्रशासन का मानना है कि अंकों के आधार पर नामांकन लेने से कई छात्र ऐसे आ जाते हैं जो नकल करके परीक्षाएं पास कर जाते हैं और कॉलेज में आकर गुंडागर्दी करते हैं। पटना कॉलेज के प्राचार्य लालकेर प्रसाद के अनुसार कॉलेज परिसर में रैगिंग या मारपीट की घटना इसी की देन है। उनका कहना है कि अगर छात्रों का नामांकन टेस्ट लिया जायेगा तो मेधावी छात्रों का ही प्रवेश कॉलेज में होगा। इस पर पटना विावि के कुलपतिडॉ शंभूनाथ सिंह से भी बातचीत हुई है ,उन्होंने भी जल्द उचित कदम उठाने का आासन दिया है। उन्होंने कहा कि संभवत: अगले वर्ष से ऐसा होगा जायेगा(राष्ट्रीय सहारा,पटना,21.9.11)।

बिलासपुरः10 बीएड कालेजों की काउंसिलिंग निरस्त

Posted: 21 Sep 2011 05:16 AM PDT

सेंट्रल यूनिवर्सिटी को सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिलने के बाद एससीईआरटी ने दस बीएड कालेजों की काउंसिलिंग निरस्त कर दी है। इन कालेजों को हाईकोर्ट के निर्देश के बाद एससीईआरटी ने काउंसिलिंग में शामिल किया था।

एससीईआरटी (स्टेट कौंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) ने कार्रवाई करते हुए काउंसिलिंग में शामिल दस बीएड कालेजों की काउंसिलिंग ही निरस्त कर दी है। एससीईआरटी की यह कार्रवाई गुरू घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी को सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिलने के बाद हुई है। इस कार्रवाई से 1000 सीटें प्रभावित होंगी। इससे पहले ये कालेज हाईकोर्ट के आदेश के बाद एससीईआरटी की काउंसिलिंग में शामिल हुए थे।


हाईकोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया था कि एडमिशन लेने वाले छात्रों का यह एडमिशन जरूरी नहीं कि रेगुलर हो, इसलिए वे अपने रिस्क पर एडमिशन लें। इसके बाद सभी बीएड कालेजों को एससीईआरटी ने काउंसिलिंग में शामिल कर लिया था और इसके बाद सीट भी आबंटित हो गई थी। सीट आबंटन के बाद कई बीएड कालेजों में एडमिशन भी शुरू कर दिया गया। इस बार नियामक आयोग के फीस फिक्सेशन के बाद एडमिशन राशि करीब 28,200 रुपए नियत की गई थी। काउंसिलिंग निरस्त होने के बाद एडमिशन ले चुके छात्र अब इन बीएड कालेजों में पढ़ाई नहीं कर पाएंगे।

हर तरफ बीएड की मांग: सरकारी और प्राइवेट कालेजों के साथ ही ओपन यूनिवर्सिटी भी बीएड का कोर्स करा रही है। हर साल हजारों स्टूडेंट्स बीएड के लिए पहुंच रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह शिक्षाकर्मी भर्ती है। बीएड कॉलेजों में पढ़ाने वालों की कमी हो गई है। रिसर्च स्कॉलर और पीएचडी में कम संख्या होने के कारण ही यह स्थिति बनी है। सुप्रीम कोर्ट में मामला चले जाने के बाद अब इन बीएड कालेजों में अंतिम फैसला होने तक पढ़ाई बाधित रह सकती है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ही इन्हें काउंसिलिंग में शामिल करने या नहीं करने के बारे में तस्वीर साफ हो पाएगी।

वर्जन
हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन बीएड कालेजों को काउंसिलिंग में शामिल किया गया था। सुप्रीम कोर्ट का स्टे मिलने के बाद इनकी काउंसिलिंग निरस्त कर दी गई है। छात्र यदि एडमिशन ले चुके हैं, तब वे कालेज से अपनी एडमिशन फीस वापस ले सकते हैं। 
अनिल राय, डायरेक्टर 
एससीईआरटी

यह है मामला
अतिरिक्त फीस वापस नहीं करने पर एससीईआरटी में शिकायत के बाद इन कालेजों का नाम सेंट्रल यूनिवर्सिटी से मांगा गया था। सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने इन बीएड कालेजों की संबद्धता समाप्त कर काउंसिलिंग भी निरस्त करने की सिफारिश एससीईआरटी से की थी। एससीईआरटी ने इन बीएड कालेजों की काउंसिलिंग समाप्त कर दी थी। इसके बाद बीएड कालेज हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन्हें फिर काउंसिलिंग में शामिल किया गया लेकिन सेंट्रल यूनिवर्सिटी को सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिलने के बाद इनकी काउंसिलिंग पुन: निरस्त कर दी गई।

ये कालेज प्रभावित
बिलासपुर में सिद्धपीठ महामाया एजुकेशन कालेज, शुभम् शिक्षण समिति, डीएलएस कालेज के अलावा हरिशंकर एजुकेशन कालेज जांजगीर, राहौद एजुकेशन सोसायटी राहौद, कोनार्क कालेज ऑफ एजुकेशन, खोखसा-जांजगीर, श्री महंत लाल दास एजुकेशन कालेज शिवरीनारायण, ज्ञानोदय एजुकेशन कालेज जांजगीर व ज्ञानदीप एजुकेशन कालेज जांजगीर पर यह कार्रवाई की गई है। 

क्या होगा स्टूडेंट्स का
काउंसिलिंग में शामिल होने और सीट आबंटन के बाद भी कई लोगों को हाईकोर्ट के फैसले की सही जानकारी नहीं थी। इस वजह से कई कालेजों में छात्र एडमिशन ले चुके थे। इसके लिए उन्होंने एडमिशन के लिए तय 28,200 रुपए की फीस भी जमा की थी। काउंसिलिंग निरस्त होने के बाद अब इन छात्रों का क्या होगा? उनकी पढ़ाई और समय दोनों बर्बाद हो चुका है और फीस भी उन्हें उन बीएड कालेजों से वापस लेनी होगी, जो पहले ही अतिरिक्तफीस वापस नहीं करने के आरोपों से जूझ रहे हैं(दैनिक भास्कर,बिलासपुर,21.9.11)।

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्डःहर कर्मी को मिलेगा 50 हजार रुपए का ओवरटाइम

Posted: 21 Sep 2011 05:13 AM PDT

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 2012 में होने वाली परीक्षाओं के दौरान प्रत्येक बोर्डकर्मी को औसतन करीब 50 हजार रुपए का ओवरटाइम मिलेगा।

बोर्ड को राज्य सरकार की ओर से ओवर टाइम के लिए 1 करोड़ 80 लाख रुपए की राशि की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। लेकिन वित्त विभाग की शर्त के मुताबिक संभव है इस राशि में कुछ कमी भी हो जाए।

राज्य सरकार के शिक्षा (ग्रुप-5) विभाग के उप शासन सचिव की ओर से बोर्ड सचिव को भेजे आदेश के मुताबिक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में कार्यरत कर्मचारियों को ओवरटाइम का मानदेय वित्त विभाग की राय के अनुसार दिए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

वित्त विभाग ने प्रत्येक परीक्षार्थी पर 9 रुपए मेहनताना के हिसाब से यह राशि अधिकतम 1 करोड़ 80 लाख रुपए स्वीकृत किए हैं। बोर्ड की 2012 की परीक्षाओं में कितने परीक्षार्थी प्रविष्ट होंगे, उसी हिसाब से ओवरटाइम का बजट भी तय होगा।


बोर्ड सूत्रों के मुताबिक बोर्ड की सैकंडरी व सीनियर सैकंडरी परीक्षाओं में 20 लाख परीक्षार्थियों के प्रविष्ट होने पर बोर्ड को 1 करोड़ 20 लाख रुपए का बजट मानदेय के लिए उपलब्ध होगा। 

इन परीक्षाओं में परीक्षार्थियों का आंकड़ा कम होगा, तो ओवरटाइम बजट भी उसी अनुपात में कम होने की संभावना है। 

"ओवरटाइम के बजट की स्वीकृति राज्य सरकार ने प्रदान कर दी है। प्रत्येक परीक्षार्थी पर 9 रुपए व्यय की दर से अधिकतम 180 लाख रुपए का बजट की स्वीकृति मिली है। अगर परीक्षार्थियों की संख्या कम होती है, तो स्वीकृत राशि में कमी भी आ सकती है। फार्म चैकिंग, नाइट ड्यूटी के आदि के रूप में ओवरटाइम प्रदान किया जाता है। प्रत्येक कर्मी को अच्छी खासी रकम इस मद में मिल जाती है।"

मिरजूराम शर्मा, सचिव, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर

50 हजार प्रत्येक कार्मिक को

बोर्ड सूत्रों के मुताबिक बोर्ड में करीब 500 कर्मचारी-अधिकारियों का स्टाफ है। इनमें से अधिकारी वर्ग व चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों को निकाल दिया जाए, तो करीब 400 बोर्ड कार्मिकों को सीधे तौर पर ओवरटाइम का लाभ मिलने वाला है। 

ऐसे में करीब 45 से 50 हजार रुपए तक एक बोर्ड कार्मिक को वेतन के अतिरिक्त ओवरटाइम के रूप में मिलने वाले हैं। अर्थात 4 हजार रुपए से ज्यादा हर महीने का फायदा बोर्ड कार्मिकों को होगा। बोर्ड सूत्रों का कहना है कि कई कार्मिकों का ओवर टाइम इस राशि से भी अधिक बैठ जाता है। 

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी अवकाश के दिन ड्यूटी पर लगाया जाता है, लेकिन उन्हें केवल उनके कार्य का ही एक दिन का अतिरिक्त वेतन मिल पाता है। अन्य संवर्ग के कार्मिकों को फार्म चैकिंग तथा परीक्षा संबंधी आदि कार्यो में लगाया जाता है।

अब तक 10 लाख आवेदन

बोर्ड की सैकंडरी व सीनियर परीक्षाओं के लिए इन दिनों ऑन लाइन आवेदन की प्रक्रिया जारी है। बोर्ड सचिव के मुताबिक अब तक करीब 10 लाख परीक्षार्थियों के ऑन लाइन आवेदन पत्र जमा हो चुके हैं। बिना विलंब शुल्क के 26 सितंबर तक आवेदन पत्र जमा किए जा सकेंगे। 

इसके बाद विलंब शुल्क के साथ फार्म जमा करने की तिथि भी शेष है। नवक्रमोन्नत विद्यालयों के आवेदन पत्र ऑन लाइन जमा नहीं हो रहे हैं(आरिफ कुरैशी,दैनिक भास्कर,अजमेर,21.9.11)।

बिहारःएनआईटी में बिन मान्यता चल रहा कोर्स

Posted: 21 Sep 2011 05:11 AM PDT

वर्ष 2004 में बिहार अभियंत्रण कालेज का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी (एनआइटी) में अपग्रेडेशन होते ही आर्किटेक्चर कोर्स के दुर्दिन शुरू हो गये। एनआइटी बनने के पूर्व जिस आर्किटेक्चर कोर्स की विदेशों तक में धाक थी वहीं अब उन्हें कोई घर में भी नहीं पूछ रहा है। संसाधनों के अभाव को देखते हुए वर्ष 2008 में काउंसिल आफ आर्किटेक्चर (सीओए) ने 2005 से ही इस कोर्स की मान्यता समाप्त कर दी थी। बावजूद इसके दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर एनआइटी बदस्तूर इस कोर्स को संचालित कर रहा है। संस्थान की इस नीति का खामियाजा अब छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। छात्रों की माने तो अब उनकी डिग्री पर ही सवाल उठाये जाने लगे हैं। सीओए से रजिस्ट्रेशन न होने के कारण छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए देश-विदेश के संस्थानों में दाखिला नहीं मिल पा रहा है। सरकारी नौकरी मिलना तो बहुत दूर की बात है। बताते चलें कि केन्द्र सरकार ने 28 जनवरी 2004 को बिहार अभियंत्रण कालेज को 18वें एनआइटी के रूप में अपग्रेड किया था। एनआइटी का दर्जा मिलते ही पटना विवि से मुक्त होकर संस्थान केन्द्र सरकार के अधीन हो गया हालांकि, दो साल तक पटना विवि ही परीक्षा और डिग्री देने का दायित्व संभालता रहा। इसके बाद संस्थान को डीम्ड विवि की मान्यता दे गयी। किंतु कद बढ़ने के साथ ही आर्किटेक्चर विभाग की बदकिस्मती शुरू हो गयी। 2008 में शिक्षकों एवं आधारभूत संरचना की कमी के कारण सीओए ने एनआइटी के आर्किटेक्चर कोर्स की मान्यता खत्म करते हुए इसे 2005 से ही लागू कर दिया। मान्यता न रहने के बावजूद संस्थान पूर्व की भांति आर्कि टेक्चर कोर्स में दाखिला लेता रहा(दैनिक जागरण,पनटा,21.9.11)।

बिहारःशिक्षक नियुक्ति का कोटिवार आरक्षण रोस्टर तैयार

Posted: 21 Sep 2011 05:09 AM PDT

मानव संसाधन विकास विभाग ने 34,540 प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कोटिवार आरक्षण रिक्तियां कर्मचारी आयोग को भेज दी है। विभाग ने ऐसा सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के आलोक में किया है। मामले की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को सर्वोच्च न्यायालय में होनी है। आयोग को भेजे पत्र में प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि किसी आरक्षित श्रेणी में निर्धारित पदों की संख्या के बराबर अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं हुए तो अदालत के आदेश के अनुरूप उन शेष पदों को सामान्य कोटि के अभ्यर्थियों से भरा जाएगा। विभाग आयोग को कुल योग्य 944205 अभ्यर्थियों की कोटिवार सूची उपलब्ध करा चुका है। विभाग ने आयोग को 34,540 पदों की जो आरक्षण-कोटिवार रिक्ति भेजी है उसके मुताबिक 177270 पद अनारक्षित, 5526 पद अनुसूचित जाति, 345 पद अनुसूचित जनजाति, 6217 पद अति पिछड़ा वर्ग, 4145 पद पिछड़ा वर्ग तथा 1037 पद पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए है। विभाग के संयुक्त निदेशक व प्रवक्ता आर.एस.सिंह ने बताया कि कोर्ट के निर्देशानुसार अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की सामान्य वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग , पिछड़ा वर्ग व पिछड़ा वर्ग महिला के अधीन ही नियुक्ति की जायेगी(दैनिक जागरण,पटना,21.9.11)।

मध्यप्रदेशःएमफिल व शोध विद्यार्थी भी लड़ सकेंगे चुनाव

Posted: 21 Sep 2011 05:08 AM PDT

छात्रसंघ चुनाव को लेकर हो रही विसंगतियों को दूर करने का प्रयास उच्च शिक्षा विभाग कर रहा है। यही वजह है कि चुनावी नियमावली में रोजाना संशोधन किया जा रहा है। किये गये नये संशोधन के तहत अब एमफिल व शोध विद्यार्थी भी चुनाव लड़ सकेंगे, बशर्ते उनकी उम्र 28 वर्ष से अधिक न हो।

गौरतलब है कि चुनावी नियमावली आने के साथ ही विभिन्न छात्र संगठन एमफिल व रिसर्च स्कॉलर को भी चुनाव में शामिल करने की मांग कर रहे थे। इसकी वजह विश्वविद्यालय सहित महाविद्यालयों में एक खास वर्ग रिसर्च स्कॉलर छात्रों का होना है, इसी तरह एमफिल विषयों में भी छात्रों की संख्या अधिक है। यही कारण था कि उच्च शिक्षा को नियमावली में संशोधन करना पड़ा। मगर डिप्लोमा, सर्टिफिकेट व स्नातकोत्तर डिप्लोमा कक्षाओं को चुनावी प्रक्रिया से दूर रखा गया है।


आयुक्त ने चुनावी प्रक्रिया समाप्त होने तक सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यो को चौबीसों घंटे अपना मोबाइल फोन चालू रखने के आदेश दिये हैं। इसके अलावा अग्रणी महाविद्यालय एवं अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा को महाविद्यालयों में चुनावी प्रक्रिया दिशानिर्देशों के अनुरूप कराने की बात उन्होंने कही। साथ ही यह बताया गया कि होने वाली समस्याओं के समाधान हेतु भोपाल में एक नियंत्रण प्रकोष्ठ खोला गया है। प्रकोष्ठ से प्रात: 9 बजे से शाम 6 बजे तक संपर्क कर चुनावी समस्याओं का निराकरण किया जा सकता है(दैनिक भास्कर,जबलपुर,21.9.11)।

उत्तराखंडःपहली पोस्टिंग या प्रमोशन दुर्गम क्षेत्र में

Posted: 21 Sep 2011 05:05 AM PDT

पर्वतीय और दुर्गम इलाकों में खाली पड़े सरकारी दफ्तर, अस्पताल और स्कूल कर्मचारियों और शिक्षकों से गुलजार होंगे। कैबिनेट ने तबादलों की पारदर्शी व्यवस्था को अमलीजामा पहना दिया है। सूबे के 80 फीसदी पर्वतीय भू-भाग और दूरदराज इलाकों में तैनाती को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने ना-नुकुर की तो पदोन्नति और प्रोत्साहन भत्ता दोनों से हाथ धोने पड़ेंगे। पहली नियुक्ति और पदोन्नति पर दुर्गम में जाना होगा। दुर्गम में चार साल गुजारने पर सुगम में स्वत: तैनाती हो जाएगी। पारदर्शी प्रशासन की मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूड़ी की घोषणा का अक्स नई तबादला नीति के तौर पर सामने है। इसमें छोटे राज्य में उद्योग बन चुके तबादले और उसमें सरकारी मशीनरी के सहयोग से माननीयों और रसूखदारों के दबदबे का खात्मा किया गया है। कैबिनेट ने इस नीति के दायरे में विभाग विशेष को नहीं, बल्कि सभी सरकारी सेवकों को लिया है। तबादला को महज नीति तक सीमित रखने के बजाए उसे कानूनी जामा पहनाकर कैबिनेट ने जिस एक्ट के मसौदे पर मुहर लगाई है, उसके दूरगामी नतीजे निकलेंगे। तकरीबन दो लाख सरकारी सेवक इसके दायरे में आएंगे। प्रस्तावित एक्ट में हर साल तबादला नीति बनाने के झंझट से सरकार और महकमों को मुक्ति मिलेगी। वहीं जनता जनार्दन को दुर्गम और दूरदराज के सरकारी दफ्तरों, स्कूलों और अस्पतालों में कर्मचारियों, गुरुजी और डाक्टरों-स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती को गुहार नहीं लगानी पड़ेगी। इस कानून की खास बात यह है कि दुर्गम क्षेत्र में एक बार तैनाती के बाद सुगम में आने के लिए एडि़यां चटकाने की नौबत नहीं आएगी। दुर्गम में तैनाती की तय अवधि पूरी होते ही सुगम क्षेत्र में खुद-ब-खुद तैनाती हो जाएगी। दुर्गम में तबादले अनिवार्य किए गए हैं। सुगम में पांच साल और पूरे सेवाकाल में 10 वर्ष से ज्यादा समय तक तैनात कर्मियों को दुर्गम में अनिवार्य भेजा जाएगा। दुर्गम में चार वर्ष से अधिक समय तक तैनात कार्मिकों का सुगम में स्वत: स्थानांतरण होगा। अनुरोध के आधार पर तबादलों पर सुगम से दुर्गम में जाने, पति और पत्‍‌नी के एक ही स्थान और दुर्गम में तैनाती के इच्छुक होने, गंभीर बीमारी और विकलांगता और रिटायरमेंट में दो साल या उससे कम अवधि शेष रहने की दशा में ही विचार किया जाएगा। 55 साल से अधिक उम्र के शिक्षकों को भी अनिवार्य तबादलों से छूट रहेगी(रविंद्र बड़थ्वाल,दैनिक जागरण,देहरादून,21.9.11)।

यूपीःबीटीसी के बाद नौकरी के लिए करना होगा छह माह इंतजार!

Posted: 21 Sep 2011 05:04 AM PDT

बीटीसी परीक्षा पास करने के बाद अभ्यर्थियों को अब सीधे नौकरी नहीं मिलेगी। इसके लिए उन्हें कम से कम छह माह तक इंतजार करना होगा। उसके बाद ही नौकरी मिलेगी यानी टीईटी की परीक्षा पास करने के बाद ही नौकरी मिलेगी। शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि शीघ्र ही यह नई व्यवस्था लागू होने जा रही है कि बीटीसी पास करने के बाद अभ्यर्थी जब टीईटी पास कर लेगा,तभी उसे नौकरी मिलेगी(राष्ट्रीय सहारा,इलाहाबाद,21.9.11)।

लखनऊ विविःबीए आनर्स तृतीय वर्ष की काउंसलिंग 23 से

Posted: 21 Sep 2011 04:53 AM PDT

लखनऊ विश्वविद्यालय में बीए आनर्स (अंग्रेजी) तृतीय वर्ष आनर्स की काउंसलिंग 23 सितम्बर को होगी। यह जानकारी अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष ने दी। उन्होंने बताया कि काउंसलिंग का फार्म कैशियर कार्यालय से लेना होगा और इसके लिए बीए आनर्स प्रथम व द्वितीय वर्ष की फीस की रसीद भी लगानी होगी(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,21.9.11)।

देहरादूनःसुद्घोवाला पालिटेक्निक बनेगा इंजीनियरिंग कालेज

Posted: 21 Sep 2011 04:49 AM PDT

तकनीकी शिक्षा मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि महिलाओं का तकनीकी शिक्षा की ओर बढ़ते रुझान को देखते हुए पिथौरागढ़ में इंजीनियरिंग कालेज की स्थापना की जाएगी और सुद्धोवाला महिला पालिटेक्निक को ग‌र्ल्स इंजीनियरिंग कालेज बनाया जाएगा। तकनीकी शिक्षा मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत विधान सभा में विभागीय कार्यो की समीक्षा कर रहे थे। श्री रावत ने कहा कि पालिटेक्निक संस्थानों में 50 सीटों वाले महिला छात्रावास भी बनाए जा रहे हैं। भारत सरकार की एक योजना के अंतर्गत 38 प्रस्ताव भेजे गए हैं, जिनमें पालिटेक्निक संस्थानों का सुदृढ़ीकरण, आधुनिक उपकरण क्रय की योजना है। तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि फिलहाल दो पालिटेक्निक कुमाऊं तथा दो गढ़वाल में आदर्श पालिटेक्निक के रूप में विकसित किए जाएं, जिन्हें अन्य के लिए प्रेरणा के रूप में प्रदर्शित किया जा सके, जो सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में पहचान बना सकें। उन्होंने तकनीकी विश्र्व विद्यालय का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। समय पर काम पूरा न होने पर निर्माण एजेंसी पर पेनल्टी लगाई जाए। तकनीकी विवि में प्रतिनियुक्ति के बजाय नियमित नियुक्ति की जाए। विभागीय ढांचा पूरा किया जाए(दैनिक जागरण,देहरादून,21.9.11)।

दिल्लीःरोजगार कार्यालय की कारस्तानी से ग्रुप-डी कर्मियों की भर्ती खटाई में

Posted: 21 Sep 2011 04:47 AM PDT

अगले वर्ष निगम चुनाव होने से पहले दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के विद्यालयों में ग्रुप डी के 650 कर्मचारियों की भर्ती का मामला खटाई में पड़ता दिख रहा है। इन कर्मचारियों की भर्ती के लिए रोजगार कार्यालय द्वारा की गई सिफारिश को एमसीडी ने फिलहाल खारिज कर दिया है। खास बात यह है कि इन पदों पर भर्ती के लिए निगम ने 3250 बेरोजगारों की सूची की मांग की थी, पर रोजगार कार्यालय ने इसके विपरीत 63000 लोगों की फेहरिस्त सौंप दी।


गौरतलब है कि एमसीडी विद्यालयों में ग्रुप डी कर्मचारियों की भर्ती शिक्षा समिति द्वारा की जाती थी, पर पिछले साल भर्ती प्रक्रिया को शिक्षा समिति से अलग करते हुए इसकी जिम्मेदारी केंद्रीय संस्थापना विभाग को सौंप दी गई। बाद में केंद्रीय संस्थापना विभाग ने इन कर्मचारियों की सीधी भर्ती के बजाय रोजगार कार्यालय के जरिए करने का फैसला किया। शिक्षा समिति के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता का कहना है कि एमसीडी ने 3250 अभ्यार्थियों की सूची की मांग की थी। रोजगार कार्यालय ने 63000 बेरोजगार अभ्यार्थियों की सूची भेज दी। इसलिए केंद्रीय संस्थापना विभाग ने इस सूची को वापस रोजगार कार्यालय को भेज दिया है। उन्होंने बताया कि अब 31 मार्च 2012 तक भर्ती प्रक्रिया किसी भी हालत में पूरी नहीं हो सकती है।

इस मामले में एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि हमने तो सरकारी संस्थान, रोजगार कार्यालय से एक पद के अनुपात में 5 लोगों की सूची मांगी थी, पर रोजगार कार्यालय ने इसके विपरीत एक पद के लिए 100 लोगों की सूची भेज दी। अत: कार्यालय से अनुरोध किया गया है कि एमसीडी को जितनी जरूरत है, उतने ही लोगों की सूची भेजी जाए(बलिराम सिंह,दैनिक भास्कर,दिल्ली,21.9.11)।

डीयूःरामजस कॉलेज में मार्क्‍सशीट फर्जीवाड़े में पूर्व छात्र का हाथ

Posted: 21 Sep 2011 04:45 AM PDT

सीबीएसई की फर्जी मार्क्‍सशीट के सहारे रामजस कॉलेज में 25 फर्जी दाखिले कराने के पीछे कॉलेज के ही एक पूर्व छात्र का नाम सामने आया है। कॉलेज में पढ़े और सेंट्रल काउंसिल का चुनाव लड़ चुके इस पूर्व छात्र नरेश यादव उर्फ ताऊ की पहचान उन अभिभावकों ने की है, जिनके बच्चों के दाखिले फर्जी मार्क्‍सशीट के चलते रद्द कर दिए गए हैं।

अभिभावकों की ओर से कॉलेज को सौंपे गए लिखित बयान में साफ किया गया है कि मार्क्‍सशीट के एवज में उनसे 3 से 4 लाख रुपए वसूले गए हैं और उन्हें इस छात्र से कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स द्वितीय वर्ष में पढ़ रहे एक छात्र ने मिलवाया है। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ.राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि अभिभावकांे के लिखित बयान ले लिए गए हैं और बुधवार को जब समूची रिपोर्ट उनके पास पहुंचेगी तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।


डॉ.प्रसाद ने स्पष्ट किया है कि मामला गंभीर है और जिस सफाई से मार्क्‍सशीट तैयार की गई है, उसके पीछे किसी गिरोह के काम करने का संदेह होता है। दाखिला समिति व तमाम दस्तावेजों की जांच कर रही स्क्रीनिंग कमेटी से समूचे प्रकरण की रिपोर्ट तलब की गई है। बुधवार सुबह रिपोर्ट को देखने के बाद तय होगा कि आखिरी इस प्रकरण में क्या कार्रवाई की जाए। पुलिस की सामान्य जांच के साथ-साथ क्राइम ब्रांच से जांच कराने का विकल्प हमारे समक्ष खुला है।

कॉलेज सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक फर्जी मार्क्‍सशीट के चलते रद्द हुए 25 दाखिलों में 18 बीकॉम ऑनसर्, 2 बीकॉम पास, एक बीए प्रोग्राम और 4 ईकोनॉमिक्स ऑनर्स के हैं। इनमें से 19 छात्रों के अभिभावकों ने कॉलेज पहुंचकर इस बात की मांग की है कि उनके बच्चे को बख्श दिया जाए। वे फर्जी मार्क्‍सशीट को मुहैया कराने वाले व्यक्ति के खिलाफ लिखित बयान देने को तैयार हैं। कॉलेज की ओर से जारी कार्रवाई के तहत समूचे फर्जीवाड़े पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी जारी है और इसमें शामिल बी.कॉम ऑनर्स द्वितीय वर्ष के छात्र का दाखिला भी कॉलेज रद्द कर सकता है। दरअसल, दस्तावेजों की जांच मंे पता चला है कि इस छात्र का दाखिला भी फर्जी मार्क्‍सशीट के सहारे हुआ था(शैलेन्द्र सिंह,दैनिक भास्कर,दिल्ली,21.9.11)।

यूपीःअब विश्वविद्यालयों में भी लगेंगी वर्चुअल कक्षाएं

Posted: 21 Sep 2011 04:44 AM PDT

राज्य सरकार की मदद से अब विश्वविद्यालयों में भी वर्चुअल कक्षाएं लगेंगी। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी इन कक्षाओं का बुधवार को उद्घाटन करेंगे। यह कक्षाएं यूजीसी के एकेडमिक ब्लाक के दो कमरों में बनायी गयी हैं। इनकी देखरेख की जिम्मेदारी भी एकेडमिक स्टाफ कालेज के कार्यकारी निदेशक प्रो. पद्मकांत को दी गयी हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन इन कक्षाओं के निर्माण और वर्चुअलाइजेशन पर करीब 2.88 करोड़ खर्च कर रहा है। इसके साथ ही उच्च शिक्षा मंत्री विश्वविद्यालय में बन रही सेंट्रल मेस के निर्माण का भी निरीक्षण कर सकते हैं। इस प्रोजेक्ट पर भी विश्वविद्यालय 2.75 रुपये खर्च कर रहा है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव जीपी त्रिपाठी ने बताया कि उच्च शिक्षा मंत्री को वर्चुअल कक्षाओं के उद्घाटन के लिए आमंत्रितकिया गया है। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय में वर्चुअल कक्षाएं जून से बनकर तैयार हैं। जून में ही उच्च शिक्षा मंत्री इसका उद्घाटन करने वाले थे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने तैयारी भी पूरी कर ली थी, लेकिन ऐन वख्त पर उद्घाटन कार्यक्रम टल गया था। अब उच्च शिक्षा मंत्री को दोबारा उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया गया है। इन कक्षाओं के शुरू हो जाने के बाद इग्नू की तर्ज पर विश्वविद्यालय में ऑन लाइन पढ़ाई भी शुरू हो सकेगी(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,21.9.11)।

जम्मू के सैकड़ों स्कूलों में ताले लटकने की नौबत

Posted: 21 Sep 2011 04:42 AM PDT

शिक्षा विभाग की एकतरफा नीतियों के चलते संभाग के कई प्राइवेट मिडिल स्कूलों में ताला जड़ने की नौबत आ गई है। विभाग ने इन स्कूलों से नए मापदंडों के अनुसार ढांचागत सुविधाओं को अपग्रेड करने के आदेश दिए हैं लेकिन स्कूल वाले सुविधाएं अपग्रेड करने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में कई स्कूलों में मौजूदा सत्र खत्म होते ही ताले लगने की आशंका बढ़ गई है। इसका सीधा असर उन बच्चों पर पड़ेगा, जो इन स्कूलों में पढ़ रहे हैं। उधर प्राइवेट स्कूल वालों का आरोप है कि विभाग सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को लेकर दोहरे मापदंड अपना रहा है।
फाइलें 3 साल से अटकी : जानकारी अनुसार निजी स्कूलों की मान्यता बढ़ाने से संबंधित 500 से अधिक फाइलें पिछले तीन सालों से धूल फांक रही हैं। इस दौरान कई निदेशक आए और चले गए परंतु किसी ने इनका निपटारा करने के प्रयास नहीं किए। विदित रहे कि विभाग द्वारा हर तीन साल बाद निजी स्कूलों का निरीक्षण कर उनकी मान्यता बढ़ाने का ऑर्डर दिया जाता है। इसके तहत कई स्कूलों का 2008-09 में एसआरओ 259 के अंतर्गत फाइलों का निपटारा नहीं किया गया।


एसआरओ की शर्ते पूरी कर पाना कठिन : एसआरओ 123 के तहत मिडिल स्कूलों के लिए 17 कमरे, 100 स्कवेयर मीटर प्रधानाचार्य कार्यालय, 100 स्कवेयर मीटर स्टाफ रूम, 150 स्कवेयर मीटर इंडोर गेम हाल, 150 स्कवेयर मीटर लेबोरेट्री तथा बड़ा परीक्षा हॉल होना अनिवार्य है। इन शर्तो को पूरा करना निजी स्कूल प्रबंधकों के असंभव हो गया है। निवर्तमान निर्देशक ने विभागीय अधिकारियों से बैठक कर एसआरओ 259 के तहत निरीक्षण किए गए स्कूलों से एफिडेविट लेकर अगली बार एसआरओ 123 लागू करने के निर्देश दिए थे। लेकिन स्कूल धारकों द्वारा एफिडेविट देने पर भी फाइलों का निपटारा नहीं किया गया है। 

दोहरे मापदंड अपना रहा विभाग : जम्मू प्राइवेट स्कूल एंड ईटीटी इंस्टीच्युट एसोसिएशन (प्रोग्रेसिव) के प्रधान दीप सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग दोहरे मापदंड अपना रहा है। प्राइवेट स्कूलों पर एसआरओ 123 लागू करने की बजाय इसकी शुरूआत सरकारी स्कूलों से होनी चाहिए। सरकारी स्कूलों की खस्ताहाल पर पर्दा डालने के लिए निजी स्कूलों पर मनमानी थोपी जा रही है। 

स्कूल वालों के पास एक साल का समय : शिक्षा निदेशक जीए कुरैशी ने कहा कि स्कूल वालों को ढांचागत सुविधाएं बढ़ाने के लिए एक वर्ष का समय दिया गया है। यदि अगला सत्र शुरू होने से पहले वे एसआरओ की शर्तें पूरी कर लेते हैं तो उनकी मान्यता अगले ३ साल के लिए बढ़ा दी जाएगी लेकिन अगर ऐसा नहीं कर पाते तो उस पर भी गौर किया जा सकता है। सरकारी स्कूलों में ढांचागत सुविधाओं को लेकर उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में सुविधाएं बेहतर करने के प्रयास किए जा रहे हैं(देवेन्द्र पाधा,दैनिक भास्कर,जम्मू,21.9.11)।

उत्तराखंडःआकाश इंस्टीट्यूट देगा 14 करोड़ की छात्रवृत्ति

Posted: 21 Sep 2011 04:40 AM PDT

आर्थिक रूप से कमजोर मेधावियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की निशुल्क तैयारी कराने के लिए आकाश इंस्टीट्यूट ने बीते वर्ष नेशनल टैलेंट हंट एग्जाम शुरू किया। इस वर्ष के लिए आकाश टैलेंट हंट एग्जाम 27 नवंबर को आयोजित किया जा रहा है। हंट के माध्यम से देशभर से 800 छात्र-छात्राओं का चयन किया जाएगा, इन्हें नजदीकी आकाश इंस्टीट्यूट केंद्र पर दो वर्ष की निशुल्क कोचिंग दी जाएगी। इंस्टीट्यूट के निदेशक आकाश चौधरी ने आशा जताई कि इस वर्ष परीक्षा में लगभग 15 हजार छात्र शामिल होंगे। मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए आकाश चौधरी ने कहा कि बीते वर्ष संस्थान ने आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को बेहतर कोचिंग सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से यह परीक्षा शुरू की थी। पहले ही वर्ष में परीक्षा में लगभग 12 हजार छात्रों ने भाग लिया। परीक्षा के माध्यम से चुने जाने वाले 800 छात्र-छात्राओं को लगभग 14 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि 27 नवंबर को होने वाली परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 20 नवंबर है। 10वीं कक्षा में अध्ययनरत सभी छात्र परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। 10वीं पास करने के बाद चुने गए छात्रों को दो वर्ष तक मेडिकल या इंजीनियरिंग की निशुल्क कोचिंग प्रदान की जाएगी। इतना ही नहीं परीक्षा में सफल होने वाले 100 टॉपर्स को निशुल्क छात्रावास की सुविधा भी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि परीक्षा दो चरणों में होगी, पहले चरण में 3200 छात्रों का चयन किया जाएगा। इनमें से आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी छात्रों का साक्षात्कार के माध्यम से चयन किया जाएगा(दैनिक जागरण,देहरादून,21.9.11)।

जीबीटीयू में पीएचडी का एप्टीट्यूट टेस्ट नौ अक्टूबर को

Posted: 21 Sep 2011 04:36 AM PDT

गौतम बुद्ध प्राविधिक विश्वविद्यालय (जीबीटीयू) में पीएचडी में प्रवेश के लिए एप्टीट्यूट टेस्ट नौ अक्टूबर को होगा। इस टेस्ट में 490 अभ्यर्थी शामिल होंगे। प्रवेश परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को चार श्रेणी के प्रश्नपत्रों के उत्तर देने होंगे। प्रवेश परीक्षा जीबीटीयू के सहयुक्त इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी में होगी। इसका सकरुलर जीबीटीयू की वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है। विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. बीके सिंह ने बताया कि सर्वाधिक 177 अभ्यर्थी प्रबंधन के क्षेत्र में पीएचडी के लिए आवेदक हैं। इसके साथ ही कम्प्यूटर साइंस में 61, फाम्रेसी में 58, बायोटेक्नोलॉजी में 56 सहित 17 विषयों में पीएचडी के लिए टेस्ट कराया जाएगा। अन्य विषयों में गणित में 21, केमिस्ट्री में 16 और केमिकल टेक्नोलॉजी में 13 अभ्यर्थी शामिल हैं। इन अभ्यर्थियों के लिए चार श्रेणी में एप्टीट्यूट टेस्ट होगा। इनमें मैनेजमेंट, फाम्रेसी, बेसिक साइंसेज व इंजीनियरिंग वर्ग मुख्य हैं। पीएचडी में टेस्ट देने वाले अभ्यर्थियों से 50 सवाल पूछे जाएंगे। हर सवाल के लिए 4 अंक निर्धारित हैं। टेस्ट का मूल्यांकन ऋणात्मक होगा या नहीं इसका निर्धारण अभी नहीं हो सका है और जल्द ही जीबीटीयू के कुलपति प्रो. कृपाशंकर के साथ बैठक के बाद इस पर भी निर्णय होने की उम्मीद है। पीएचडी में सीटों के सवाल पर उन्होंने कहा कि यहां के छात्र देश भर में किसी भी विशेषज्ञ को गाइड बनाकर अपना शोध शुरू कर सकते हैं। विश्वविद्यालयों की तरह जीबीटीयू में प्रोफेसर, रीडर व लेक्चरर के अधीन शोध की संख्या भी निर्धारित नहीं है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,21.9.11)।

जामिया मिल्लिया को अल्पसंख्यक दर्जे का समर्थन गलत : मल्होत्रा

Posted: 21 Sep 2011 04:35 AM PDT

दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा ने जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक दर्जा दिए जाने पर केंद्र सरकार के समर्थन की कड़ी निंदा की। प्रो. मल्होत्रा ने इसे असंवैधानिक बताया। केंद्र सरकार का यह कदम संविधान व सर्वधर्म समभाव के विरुद्ध तो है ही, साथ ही अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़े वर्ग के भी खिलाफ है। जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय जो पहले सद्भावना की मिसाल होता था, अब धीरे-धीरे सांप्रदायिक व कट्टरपंथी ताकतों का गढ़ बनता जा रहा है। प्रो. मल्होत्रा ने कहा कि जामिया को अल्पसंख्यक दर्जा मिलने से सबसे अधिक नुकसान अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़े वर्ग को हुआ है। पहले इनके दाखिले और शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण था, जो अब समाप्त कर दिया गया है। अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्ग के सैकड़ों छात्रों को भी अब दाखिला नहीं मिलेगा। प्राध्यापकों की भर्ती का कोटा भी समाप्त हो गया और वर्तमान शिक्षकों की पदोन्नति के अवसर भी समाप्त हो गए। प्रो. मल्होत्रा ने कहा कि जामिया विश्वविद्यालय केंद्रीय विश्वविद्यालय है और उसका पूरा खर्चा केंद्र सरकार वहन करती है। यह विश्वविद्यालय अपनी स्थापना से ही आम विश्वविद्यालय रहा है। आजादी से पहले और बाद भी इसका धर्मनिरपेक्ष रूप कायम रहा, परंतु आजादी के 63 वर्ष बाद अचानक राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग ने इसे अल्पसंख्यक संस्थान घोषित कर दिया, जो काम जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के प्रधानमंत्री काल में नहीं हुआ, वह मनमोहन सिंह व सोनिया गांधी के कार्यकाल में हो गया(दैनिक जागरण,दिल्ली,21.9.11)।

हिमाचलःनौणी यूनिवर्सिटी पर चल रही जांच, दस्तावेज हुए सील

Posted: 21 Sep 2011 04:34 AM PDT

डॉ. वाईएस परमार यूनिवर्सिटी नौणी के एक विभाग में अनियमितताओं की शिकायत की जांच कर रही विजिलेंस विभाग की टीम ने मंगलवार को तथ्यों से जुड़े दस्तावेजों को सील कर कब्जे में ले लिया।
विजिलेंस की टीम ने सोमवार को यूनिवर्सिटी में पूरे दिन शिकायत से संबंधित रिकॉर्ड की पड़ताल की थी। विजिलेंस को एक शिकायत पर नौणी यूनिवर्सिटी के फ्लोरीकल्चर विभाग एंड लैंड स्केपिंग विभाग में जांच कर रही है। आरोप है कि उपकरणों की खरीद, गोबर खाद खरीद के अलावा, मार्च 2010 में नेशनल सिम्पोजियम के आयोजन, रेत की खरीद, कोकोपिट और स्मारिका आदि में अनियमितताएं बरती गई है।
इस संबंध में विभाग की टीम पिछले दो-तीन दिन से यूनिवर्सिटी में रिकॉर्ड की जांच कर रही है। विजिलेंस विभाग सोलन के डीएसपी रमेश शर्मा ने इस मामले में कहा कि अनियमितताओं की शिकायत मिलने पर फ्लोरीकल्चर विभाग के दस्तावेजों की जांच की जा रही है(दैनिक भास्कर,शिमला,21.9.11)।

राजस्थान हाईकोर्ट ने कहाःआरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नहीं रखा जा सकता सामान्य सूची में

Posted: 21 Sep 2011 04:32 AM PDT

हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती मामले में आरक्षित वर्ग के उन अभ्यर्थियों के सामान्य वर्ग की सूची में जाने पर रोक लगा दी है, जिन्होंने पहले ही फीस के अलावा आयु, शारीरिक दक्षता परीक्षण या अन्य कोई छूट या लाभ लिया हो।

इस मामले में हाईकोर्ट ने गृह सचिव, कार्मिक सचिव, डीजीपी व आईजी भरतपुर सहित सात को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। न्यायाधीश एम.एन.भंडारी ने यह अंतरिम आदेश प्रदीप कुमार की याचिका पर दिया।

अधिवक्ता जितेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि सरकार ने धौलपुर जिले में पुलिस कांस्टेबल (सामान्य) के 58 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी की। प्रार्थी लिखित व शारीरिक दक्षता परीक्षण में सफल रहा, लेकिन मेरिट में नहीं आया।


जब उसने आरटीआई कानून के तहत जानकारी ली तो पाया कि मेरिट में उसका नंबर 59 था और सामान्य वर्ग की सूची में अधिकतर अभ्यर्थी आरक्षित वर्ग के हैं। 

याचिका में कहा कि सामान्य वर्ग की सूची में आरक्षित वर्ग के जिन अभ्यर्थियों को शामिल किया है, वे फीस लाभ के अलावा आयु छूट व अन्य लाभों को पहले ही ले चुके हैं। ऐसे में उन्हें सामान्य वर्ग की सूची में शामिल नहीं किया जा सकता, चाहे उनके अंक सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी से अधिक ही क्यों न हो।

न्यायाधीश ने याचिका पर सुनवाई करते हुए लाभ ले चुके आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के सामान्य वर्ग की सूची में जाने पर रोक लगाते हुए गृह सचिव, कार्मिक सचिव सहित अन्य से जवाब मांगा(दैनिक भास्कर,जयपुर,21.9.11)।

यूपीः26 से मिलेंगे टीईटी के फार्म

Posted: 21 Sep 2011 04:31 AM PDT

टीचर इजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी)के लिए आवेदन पत्र 26 सितम्बर से प्रदेश में सभी पंजाब नेशनल बैंक में सुबह दस बजे से कार्य दिवस तक मिलेंगे। आवेदन पत्र 26 सितम्बर से 20 दिन तक मिलेंगे। जरूरत पड़ने पर आवेदन पत्रों की बिक्री की तिथि बढ़ाई जा सकती है। इस परीक्षा में करीब दस लाख अभ्यर्थियों के शामिल होने की संभावना है। परीक्षा संभवत: दिसम्बर में होगी प्रदेश सरकार ने इस महत्वपूर्ण परीक्षा को कराने की जिम्मेदारी यूपी बोर्ड को सौंपी है क्योंकि यूपी बोर्ड ही इतनी बड़ी संख्या वाले अभ्यर्थियों की परीक्षाएं कराता रहा है जबकि अन्य विभागों के पास इस तरह की परीक्षा कराने की जानकारी और व्यवस्था नहीं है। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इण्टरमीडिए की परीक्षा में वर्ष 2010 में करीब 50 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इसी आधार पर शासन यूपी बोर्ड से टीईटी की परीक्षा कराने में लगा हैं। इस परीक्षा में बीएड, बीपीएड, डीपीएड और बीटीसी अभ्यर्थी शामिल होंगे। यूपी बोर्ड 25 सितम्बर को टीईटी परीक्षा से संबंधित कार्यक्रम विस्तार से जारी करेगा(राष्ट्रीय सहारा,इलाहाबाद,21.9.11)।

हिमाचलःसाइंस में 45 और कॉमर्स में 33 फीसदी अंक पर ही दाखिला

Posted: 21 Sep 2011 04:30 AM PDT

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की तरफ से दस जमा एक कक्षा में साइंस व कॉमर्स विषय में प्रवेश के लिए अंक प्रतिशतता को घटा दिया गया है। इसके तहत सामान्य वर्ग के जिस छात्र के दसवीं में 50 फीसदी की बजाए 45 फीसदी अंक होंगे, उसे साइंस जमा एक कक्षा में प्रवेश मिल जाएगा।


अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के लिए इसमें पांच फीसदी अंक की और छूट दी जाएगी। इसके अलावा कॉमर्स में प्रवेश के लिए जो पहले 45 फीसदी अंकों की शर्त को रखा गया था, अब सिर्फ 33 फीसदी अंकों के साथ दसवीं कक्षा पास छात्र जमा एक में दाखिला प्राप्त कर सकेगा। इस आदेश के जारी होते ही हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है। 

हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अश्विनी कुमार ने जमा एक प्रवेश के लिए अंक प्रतिशतता को घटाने पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि विभाग एक तो शिक्षकों पर 50 फीसदी वार्षिक परीक्षा परिणाम देने की शर्त थोप रहा है, जबकि इसके विपरीत प्रवेश प्रक्रिया को आसान कर रहा है। संघ के नेताओं ने प्रवेश प्रतिशतता को कम करने पर ऐतराज जताया और इस निर्णय को तुरंत वापस लेने की मांग की।

इसलिए खफा
हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ का कहना है कि शिक्षकों को पिछले वर्ष एक माह पंचायत चुनाव, 60 दिन जनगणना कार्य, 15 दिन आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण एवं सर्वशिक्षा अभियान की कार्यशालाओं के लिए समय देना पड़ रहा है, जिससे सीधे तौर पर पढ़ाई में बाधा पड़ रही है। इसके विपरीत सरकार कम अंक लाने वाले छात्रों को जटिल विषय पढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है, जो सही नहीं है(दैनिक भास्कर,शिमला,21.9.11)।

राजस्थानः ग्रेड सैकंड शिक्षक भर्ती परीक्षा में होगा एक ही जीके

Posted: 21 Sep 2011 04:25 AM PDT

राजस्थान लोक सेवा आयोग ग्रेड सैकंड शिक्षक भर्ती परीक्षा में सभी विषयों में सामान्य ज्ञान का एक ही पर्चा लेगा। अब तक अलग अलग विषयों के पदों की परीक्षा में अलग-अलग सामान्य ज्ञान के परचे लिए जाते रहे हैं।

आयोग के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस मामले में सैद्धांतिक रूप से सहमति हो गई है। आयोग एक दो दिन में ही इस बारे में अंतिम निर्णय लेगा। आयोग सचिव डॉ. केके पाठक के मुताबिक परीक्षा के लिए करीब सवा छह लाख आवेदन आए हैं।

इतने अधिक अभ्यर्थियों के लिए अलग -अलग सामान्य ज्ञान परीक्षा कराने की बजाय एक ही दिन कॉमन सामान्य ज्ञान परीक्षा कराए जाने पर आयोग ने गंभीरता से विचार किया है। उन्होंने बताया कि परीक्षा नवंबर में प्रस्तावित है, विस्तृत कार्यक्रम जल्दी ही जारी किया जाएगा(दैनिक भास्कर,अजमेर,21.9.11)।

अब वकील देश की किसी भी कोर्ट में कर सकेंगे वकालत

Posted: 21 Sep 2011 05:21 AM PDT

अब वकील देश की किसी भी अदालत, श्रम अदालत, उपभोक्ता फोरम, ट्रिब्यूनल, एमएसीटी की विशेष अदालत और यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में भी बिना किसी रुकावट के पेश हो सकते हैं। लगभग 50 सालों के बाद कानून मंत्रालय ने एडवोकेट एक्ट 1961 के सेक्शन 30 को लागू कर दिया है।


इस सेक्शन के मुताबिक वकीलों को किसी भी अथारिटी, अदालत, ट्रिब्यूनल इत्यादि के समक्ष पेश होने का अधिकार है। जब से एक्ट बना है, तब से सेक्शन 30 को लागू ही नहीं किया गया था। इससे सबसे ज्यादा परेशानी दूसरे राज्यों में जाकर प्रैक्टिस करने वाले वकीलों को उठानी पड़ती थी। इस प्रक्रिया में 6 माह का समय लग जाता था लेकिन अब वह सीधा कहीं भी जाकर प्रैक्टिस कर सकते हैं। उपभोक्ता अदालत में सिर्फ उपभोक्ता को पेश होने की इजाजत थी। 

राइट टू प्रैक्टिस के लिए जरूरी था संशोधन

यह संशोधन वकीलों के राइट टू प्रैक्टिस को सही मायनों में लागू करने के लिए बहुत ही जरूरी था। इससे पहले वकीलों को दूसरे राज्यों में जाकर प्रैक्टिस करने और सुप्रीम कोर्ट में पेश होने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। 

बृज मोहन विनायक, मेंबर, बार काउंसिल आफ इंडिया।

होती थी परेशानी

सेक्शन 30 के नोटिफिकेशन से पहले वकीलों को बहुत परेशानी होती थी। इस नोटिफिकेशन से वकीलों को आ रही समस्याएं कम होंगी।

नवतेज सिंह तूर, मेंबर, पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल(विकास वोहरा,दैनिक भास्कर,जालंधर,20.9.11)।
You are subscribed to email updates from भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To stop receiving these emails, you may unsubscribe now.
Email delivery powered by Google
Google Inc., 20 West Kinzie, Chicago IL USA 60610



--
Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

No comments:

मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha

হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!

मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में OBC Trump Card और जयभीम कामरेड

Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!

हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला हिंदुत्व की राजनीति से नहीं किया जा सकता।

In conversation with Palash Biswas

Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Save the Universities!

RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!

जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।

#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?

Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

Tweet Please

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS BLASTS INDIANS THAT CLAIM BUDDHA WAS BORN IN INDIA

THE HIMALAYAN TALK: INDIAN GOVERNMENT FOOD SECURITY PROGRAM RISKIER

http://youtu.be/NrcmNEjaN8c The government of India has announced food security program ahead of elections in 2014. We discussed the issue with Palash Biswas in Kolkata today. http://youtu.be/NrcmNEjaN8c Ahead of Elections, India's Cabinet Approves Food Security Program ______________________________________________________ By JIM YARDLEY http://india.blogs.nytimes.com/2013/07/04/indias-cabinet-passes-food-security-law/

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN VOICE: PALASH BISWAS DISCUSSES RAM MANDIR

Published on 10 Apr 2013 Palash Biswas spoke to us from Kolkota and shared his views on Visho Hindu Parashid's programme from tomorrow ( April 11, 2013) to build Ram Mandir in disputed Ayodhya. http://www.youtube.com/watch?v=77cZuBunAGk

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE

अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।' http://youtu.be/j8GXlmSBbbk

THE HIMALAYAN DISASTER: TRANSNATIONAL DISASTER MANAGEMENT MECHANISM A MUST

We talked with Palash Biswas, an editor for Indian Express in Kolkata today also. He urged that there must a transnational disaster management mechanism to avert such scale disaster in the Himalayas. http://youtu.be/7IzWUpRECJM

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICAL OF BAMCEF LEADERSHIP

[Palash Biswas, one of the BAMCEF leaders and editors for Indian Express spoke to us from Kolkata today and criticized BAMCEF leadership in New Delhi, which according to him, is messing up with Nepalese indigenous peoples also. He also flayed MP Jay Narayan Prasad Nishad, who recently offered a Puja in his New Delhi home for Narendra Modi's victory in 2014.]

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS CRITICIZES GOVT FOR WORLD`S BIGGEST BLACK OUT

THE HIMALAYAN TALK: PALSH BISWAS FLAYS SOUTH ASIAN GOVERNM

Palash Biswas, lashed out those 1% people in the government in New Delhi for failure of delivery and creating hosts of problems everywhere in South Asia. http://youtu.be/lD2_V7CB2Is

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS LASHES OUT KATHMANDU INT'L 'MULVASI' CONFERENCE

अहिले भर्खर कोलकता भारतमा हामीले पलाश विश्वाससंग काठमाडौँमा आज भै रहेको अन्तर्राष्ट्रिय मूलवासी सम्मेलनको बारेमा कुराकानी गर्यौ । उहाले भन्नु भयो सो सम्मेलन 'नेपालको आदिवासी जनजातिहरुको आन्दोलनलाई कम्जोर बनाउने षडयन्त्र हो।' http://youtu.be/j8GXlmSBbbk