बादल और दृश्यता सीमा कम होने के बावजूद हवाई बचाव अभियान जारी
बादल और दृश्यता सीमा कम होने के बावजूद हवाई बचाव अभियान जारी
Wednesday, 26 June 2013 16:35 |
देहरादून। बाढ़ से प्रभावित उत्तराखंड में आसमान में बादल छाए होने के बावजूद आज हवाई बचाव अभियान बाधित नहीं हुआ हालांकि सुबह में कोहरा होने के कारण थोडे समय के लिए सहस्त्रधारा हेलीपैड और हेलीकाप्टरों की उड़ानों में देरी हुयी। गोचर में राहत एवं बचाव कार्य में शामिल पवन हंस के एक पायलट ने कहा कि उत्तरकाशी में मौसम ठीक है और हवाई बचाव अभियान में कोई बड़ी बाधा नहीं है। केदारनाथ में बरामद शवों का कल खराब मौसम के कारण अंतिम संस्कार नहीं हो सका। पुलिस यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि यह प्रक्रिया आज शुरू हो जाए क्योंकि महामारी फैलने की आशंका पैदा हो गयी है। एयरचीफ मार्शल एनएक ब्राउन आज सुबह यहां पहुंचे। रूद्रप्रयाग जिले में कल हुयी हेलीकाप्टर दुर्घटना में वायुसेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ के 20 लोगों की मौत के बाद वह जवानों का मनोबल बढ़ाने आए हैं। स्थिति का जायजा लेने के लिए गौचर रवाना होेने के पूर्व संवाददाताओं से बातचीत में ब्राउन ने कहा कि वह कल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद बचाव कार्य में शामिल कर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए यहां आए हैं। ब्राउन ने कहा कि हालांकि उस दुर्घटना में हमने वायुसेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ के बहादुर लोगों को खोया है लेकिन इससे बचाव अभियान जारी रखने के लिए हमारी प्रतिबद्धता प्रभावित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सुनिश्चित करेंगे कि बदरीनाथ और हरसिल सेक्टरों में फंसे सभी लोगों को बाहर निकाला जाए। बचाव मिशन में जवानों की मौत पर शोक जताते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि यह राष्ट्र के लिए नुकसान है और उन्होंने आज एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की। उन्होंने मारे गए लोगों के परिजनों को 10..10 लाख रूपए का मुआवजा देने की घोषणा की है। बहुगुणा का पिथौरागढ़ जिले में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने का कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि अगर मौसम में सुधार होता है तो वह अपने तय कार्यक्रम के अनुसार जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि बचावकर्मियों ने 2,403 फंसे लोगों को बचाया है हालांकि करीब 8,000 लोगों को बचाए जाने की प्रतीक्षा है। फंसे लोगों में अधिकतर बदरीनाथ और हरसिल में हैं। इस बीच 142 शव मिलने के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 822 हो गयी है। इनमें केदारनाथ में मिले 127 शव शामिल हैं। इस बीच एसडीएम :गुप्तकाशी: लक्ष्मी राज चौहान ने कहा कि आज हल्की बारिश हुयी है लेकिन क्षेत्र में फिर से भूस्खलन नहीं हुआ है। एक आधिकारिक अनुमान के अनुसार हर्सिल, भटवारी, मनेरी और बदरीनाथ सहित विभिन्न स्थानों से जहां सड़क संपर्क बाधित है, करीब एक हजार लोगों को कल शाम तक हवाई मार्ग से निकाला गया वहीं सड़क मार्ग से भी करीब एक हजार लोगों को निकाला गया। बदरीनाथ और उसके आसपास के इलाकों से आज सुबह से पांच हेलीकाप्टरों के जरिए 204 लोगों को बचाया गया। इसमें कहा गया है कि बचाव अभियान शुरू होने के बाद से राज्य में विभिन्न स्थानों से अब तक 99,000 लोगों को सड़क और हवाई मार्ग से निकाला जा चुका है। इसमें कहा गया है कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है लेकिन इसके हजारों करोड़ रूपए में पहुंचने की आशंका है। मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री घाटी का दौरा कर मनेरी और भटवारी इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया तथा मातिल और चिनयालिसौर में प्रभावित लोगों से मुलाकात की। उन्होंने जिला अधिकारियों, थलसेना, वायुसेना और अर्धसैनिक बलों के अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। गंगोत्री घाटी में फंसे लोगों के बचाने के लिए अभियान में पांच एमआई..17 हेलीकाप्टरों और छह असैनिक हेलीकाप्टरों को लगाया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अगर मौसम अनुकूल रहा तो गंगोत्री, मातिल, मनेरी और भटवारी से आज सभी फंसे लोगों को निकाल लेने की अनुमति है। बदरीनाथ में छह एमआई..17 और पांच असैनिक हेलीकाप्टर लगाए गए हैं। कुमायूं क्षेत्र में 2 एमआई..17, एक एएलएच और दो असैनिकल हेलीकाप्टर लगाए गए हैं। इन हेलीकाप्टरों के जरिए खाद्य सामान, मेडिकल और अन्य राहत सामग्री मुहैया कराए जा रहे हैं। सभी जिलाधिकारियों को तत्काल राहत वितरण शुरू करने को कहा गया है। इसके साथ ही अपने क्षेत्रों में केरोसिन और एलपीजी का पर्याप्त भंडारण करने को कहा गया है। (भाषा) |
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