Thursday, 18 April 2013 17:50 |
नयी दिल्ली। विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) परियोजनाओं के विकास में निवशकों की घटी रूचि के मद्देनजर सरकार ने आज इस योजना के लिए एक सुधार पैकेज की घोषणा की जिसमें भूमि अधिग्रहण के मानदंड को उदार बनाने और परियोजनाएं छोड़ने से संबंधी एक नीति शामिल है। उन्होंने कहा ''हमने विभिन्न प्रकार के सेज के न्यूनतम भूमि की अनिवार्यता आधी कर दी है।'' बहु-उत्पाद सेज के लिए न्यूनतम भूमि अनिवार्यता 1000 हेक्टेयर से घटाकर 500 हेक्टेयर कर दी गई है और क्षेत्र विशेष से जुड़े सेज के लिए इसे 100 हेक्टेयर से घटाकर 50 हेक्टेयर कर दिया गया है। न्यूनतम निर्मित क्षेत्र की अनिवार्यता को उदार बनाया गया है। इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी संवर्द्धित क्षेत्र सेज की स्थापना के लिए न्यूनतम भूमि अनिवार्यता की जरूरत नहीं होगी। शर्मा ने कहा कि सरकार को सेज इकाइयों से प्रतिक्रिया मिली है और उन्होंने सुझाव दिया है कि परियोजना छोड़ने की व्यवस्था के अभाव में वे अलाभप्रद स्थिति में हैं। उन्होंने कहा ''हमने अब सेज इकाई की बिक्री समेत स्वामित्व के हस्तांतरण की मंजूरी देने का भी फैसला किया है।'' |
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