Sunday, 17 February 2013 12:42 |
इलाहाबाद । संत-धर्माचार्यों ने राम मंदिर मुद्दे जैसी सियासत का विरोध करते हुए कहा है कि अयोध्या में मंदिर राजनीति करने से नहीं बन सकता। लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ भारतीय जनता पार्टी :भाजपा: के राम मंदिर मुद्दे को फिर हवा देने की कोशिशों के बीच संत-धर्माचार्यों ने ऐसी सियासत का विरोध करते हुए कहा है कि अयोध्या में मंदिर राजनीति करने से नहीं बन सकता तथा मंदिर-मस्जिद की राजनीति करने वालों को प्रभु और खुदा सद्बुद्धि दे। प्रख्यात धर्मगुरु सेनाचार्य अचलानंदगिरि जी महाराज ने 'भाषा' से विशेष बातचीत में कहा कि अयोध्या में राम मंदिर पर राजनीति दोबारा सरगर्म की जा रही है। मंदिर का निर्माण हम सभी चाहते हैं लेकिन आस्था के उस केन्रद का निर्माण राजनीति से नहीं बल्कि रामजी की कृपा से ही होगा। राजस्थान की शिक्षा मंत्री नसीम अख्तर द्वारा हर साल अपने जन्मदिन पर पुष्कर में संत सम्मेलन आयोजित कराए जाने और खुद के अजमेर स्थित ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत करने का हवाला देते हुए अचलानंदगिरि ने कहा कि हिन्दू-मुस्लिम सद्भाव हमारे देश की तहजीब की निशानी है। नसीम ने 'भाषा' से टेलीफोन पर बातचीत में कहा ''सभी धर्म आदर के पात्र हैं। हमें सभी का आशीर्वाद प्राप्त है। अपने जन्मदिन पर मैं सभी धर्मा के आचार्यों से आशीर्वाद लेती हूं। यह मुहब्बत ही भारत की संस्कृति और धरोहर भी है।'' सेनाचार्य ने एक सवाल पर कहा कि गंगा नदी को निर्मल बनाए रखने से ही हमारा कल सुरक्षित होगा। इस कार्य में सरकार के साथ सभी धर्मों तथा वर्गों के लोगों को आगे आकर सहयोग करना चाहिये। महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि नारी का अपमान सनातन धर्म का अपमान है। मीडिया की चमक के इस युग में फर्जी बाबाओं और धर्माचार्यों की बाढ़ आने के सवाल पर सेनाचार्य ने कहा कि धन बुद्धि को भ्रष्ट कर रहा है। हालांकि पहले भी ऐसा होता था लेकिन अब टेलीविजन ने उस दस्तूर को दुनिया के सामने ला दिया है। (भाषा) |
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