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Saturday, June 23, 2012

Fwd: उत्पीड़न की गाँठ : गढ़वळी कहानी



---------- Forwarded message ----------
From: Bhishma Kukreti <bckukreti@gmail.com>
Date: 2012/6/23
Subject: उत्पीड़न की गाँठ : गढ़वळी कहानी
To: kumaoni garhwali <kumaoni-garhwali@yahoogroups.com>


 गढ़वळी कहानी
               उत्पीड़न की गाँठ
                            कथा--- भीष्म कुकरेती
                  इथगा सालू मा श्रीकंठा बनर्जी न ब्रज, ब्रजमोहन 'साकेत' या बिरजू को यू रूप कबि नि देखी छौ. आज तक वींन बिरजू तै शराब का नशा मा इन बरड़ान्द , नशा क इन बेसुधि मा बकबक करद नि देखी छौ. बिरजू शराब बि उथगा इ पीन्दो छौ जथगा उ पचै जाओ अर होश मा राउ. शराबौ नशा मा बि बिरजू उथगा इ बुल्दु छौ जथगा हैन्काक समज मा आऊ या हौरुं तै बुरु नि लगो. पण आज श्रीकंठा खौंळयाणि छे कि बिरजू तै क्या ह्व़े जु इथगा बड़बड़ाणु अर साफ लगणु च बल बिरजू अपडि दगड इ छ्वीं लगाणु च. आज ऐत्वारो दुफरा मा त्रिपुरा कि बंगालन श्रीकंठा बनर्जी न बिरजू क पसंदी बखरौ रान अर भट्युड़ो शिकार गढवळि हिसाब से बणायूँ छौ अर बासमती ना म्वाट चौंळ बणयाँ छया. जब त्रिपुरा ढंग क माछ या शिकार बणद त तब बि यि द्वी म्वाटा चौंळ इ पसंद करदन.
बिरजू या ब्रजमोहन 'साकेत' अर श्रीकंठा बनर्जी चार साल बिटेन चार बंगला , मुंबई मा दगड़ी रौंदन. दुयु न अबि तलक सैत च ब्यावक बारा मा कतै स्वाच इ नी छ. मुंबई क फिल्म नगरी मा ब्यौ बच्चा से जादा महत्वपूर्ण 'रात के अँधेरे में सितारागिरी' बवालों या चमकण जादा महत्वपूर्ण च. फिल्म उद्योगौ स्पोट बौय बि यादगार भूमिका की तलाश मा रौंद. त यि द्वी सोचि नि सकदन बल यि ब्यौ बान जनम्यां छन.
 
        बिरजू जनम गढवाल मा एक शिल्पकार घराना मा ह्व़े जख बिरजू क बाडा, चचा, दादा, बुबा जी, ब्व़े , काकी -बोडि, बच्चा कच्चा सौब काठो - कारपेंटरी, पठळ गडण, छजा गडण अर कुर्याण-बणाण , छ्जौं छपट्टी -दास बणाण , दबल, पथोड़, चंगर्या, ठुपर बुणण जणदा छ्या. पढाई जमानो आई अर स्कोलरशिप बि मिल्दो ग्याई कि ब्रजमोहन आर्य न बी.ए करी. गाँव वळु अर परिवार तै पूरो भरवस छौ कि ब्रजमोहन आर्य आई.ए. एस ना सै पण पी.सी एस. परीक्षा पास कौरी द्याल. पण यार दगड्यो क दिखण मा ब्रजमोहन आर्य आई.ए.एस ना अमिताभ को असली उत्तराधिकारी छयो अर सब्यूँन उकसाई कि ब्रज मोहन आर्य क बान उत्तराखंड की धरती बंजर धरती च ब्रजमोहन खुणि इ त मुंबई शहर की रचना ह्व़े. बी.ए. की परीक्षा आज पूरी ह्वेन अर ब्रजमोहन आर्य ब्रजमोहन 'साकेत' मा बदलेक मुंबई ऐ गे पण मुंबई बि क्या कार ! इख मुंबई फिल्म नगरी मा लाखों भविष्य का अमिताभ छन .इख चार साल तलक भूको तीसो रैकि ब्रजमोहन 'साकेत' की समज मा ऐ गे कि शरीर या गात की भूक इ जादा महत्वपूर्ण होंद मन की भूक अर गतिविधि बि शरीर इ कंट्रोल करद , नचांद, अर फिल्म मा आणै इच्छा मन की परेशानी च ना की शरीर की आवश्यकता। शरीर इ मन तै काबू करद. अर अब ब्रज मोहन 'साकेत' उर्फ़ बिरजू एक आर्ट डाइरेक्टर क दगड सहायक च. त्रिपुरा कि बंगालन श्रीकंठा बनर्जी बि श्रीदेवी कि उत्तराधिकारी बणणो वाया कोलकत्ता मुंबई ऐ छै. अर इख मुंबई मा तीन निर्माताओं की रखैल राई फिर कुछ दिन शरीर बि ब्याच. अब एक नामी प्रोड्यूसरो क प्रोडक्सन कंट्रोल विभाग मा नियमित नौकरी करदी. श्रीकंठा बनर्जी अर बिरजू इनी मिलेन अर फिर दगड़ी किराया क फ्लैट लेक रौण बिसे गेन. दुई बेरहम फ़िल्मी दुनिया मा बिसरी गेन कि यूंक भूतकाल क्या छौ अर ब्व़े बाब कु छ्या. यि पति-पत्नी तरां दगड़ी बि रौंदन अर अलग बि रौंदन किलैकि यूँन ब्यौ जि नि कर्यु च . आज दुयूं क विचार छौ कि बढिया ब्रैंड की व्हिस्की प्योला सुखो मटन चखना रल अर गढवळी ढंगौ शिकार -भात खौंला. पन उलटो इ ह्वाई . बिरजू नशा मा बेसुध च अर बड़बड़ाणु च.
 
                   नितर्सि चारेक बजी जब बिरजु न एक अजीब सी पिंजडा अर उख पिंजड़ा भितर कळु (तोता), तोत्याण अर कळु क एक बच्चा बणैक तैयार कौर त बिरजू बि खौंळे गे कि अरे वैन यि क्या बणै द्याई. बाळापन इ बिटेन वै तै पथरू या लोखर से जादा प्रेम , लगाव या हौस काठ से छौ . बिरजू कबि कबि इन चंगर्या या दबल बणै दीन्दो छौ कि चंगर्या या दबल बणाण वाळो समाज म नी आन्दो छौ कि ये चंगर्या से मोंळ धोळे जाउ या चौक मा लोगुं दिखणो धरे जाउ. पिंजडा पर हालांकि कुछ थ्वडा भौत फिनिशिंग टच कु काम छौ पण दिखेंदेरूं कुण त काम पुरो इ छौ. अच्काल आर्ट डाईरेकटरो म काम नि छौ त बिरजू बि खाली छौ . वैन वैबरी श्रीकंठा कुणि फोन कार ,' सीरू ! आज मि त्रिपुरा स्टाइल मा माछ भात बणौलु . त इन बथा कि तु जिन पेली कि व्हिस्की ? ' श्रीकंठा समजी गे कि बिरजू आज खुश च. इ द्वी खुश हून्दन त एक हैंकाक पसंद का खाणक बणान्दन . बिरजू खुश च याने श्रीकंठा क पसंद को खाणक-पीणक अर श्रीकंठा खुश च माने बिरजू क पसंद को खाणक-पीणक . नितर्सि रात जब आठेक बजि श्रीकंठा काम परन आई त बिरजू न सब खाणक तैयार कर्यु छौ. टेबल मा जिन कु पवा अर अफु कुण व्हिस्की क पवा बोतल बि धरीं छे.
 
            श्रीकंठा न पिंजड़ा, तोता, तोत्याण अर कळु बच्चा द्याख़ त भौत देर तलक वा बि बिस्मिरण म चली गे। श्रीकंठा बि बिरजू क काम देखिक खूब पुळयाई . नौ बजि बिटेन यून पीण शुरू कौर त अग्यारा बजि तलक पीणा रैन . बिरजू तीन पैग से जादा अर श्रीकंठा द्वी पैग से बिंडी एक बूँद बि नि पेंदी छे. शराब तै इ पींदा नि छया बल्कण मा धीरे धीरे कौरिक चुसदा सि छ्या. जन कि हरेक फिल्म लाइन वळ इक तलक कि थेटरो चौकीदार बि पींद दै फिल्म क बान कथा सुणान्दू आज बिरजू बारी छे, खुस वो छौ त बिरजून बि ओस्कार अवार्ड लैक एक फ़िल्मी कथा सुणाइ. हरेक फिल्म वाळ कुण वैकी कथा ओस्कार लैकि इ होंद. आजै कथा मा बिरजू न बताई बल एक उच्च कुलो एक अदिमौक छ्वटि जातिक विधवा से शारीरिक प्रेम ह्व़े ग्याई. वीं जनानी क गर्भ रै ग्याई. वै उच्च कुलक आदिमन न वीं विधवा तै भौत समझाई कि गर्भ गिरै दे. वां नि माणदि . त इथगा मा यू उच्च कुल को निर्दयी आदिम वीं विधवा तै डांड बिटेन रयाड़ोमा . पथरोंमा उन्धारी खुण रगोडिक लांद अर इन मा विध्वा क गात बिटेन ल्वे की छळाबळि हूंद जांदी . रस्ता का ढुंग-पत्थर लाल ह्व़े जान्दन. अंत मा गर्भ गिर इ जान्द.
कथा सुणाणो बाद बिरजू जोर से बुल्दु , साले! निर्दयी पुरुष ,इन ह्यूमन ! औरतों को इस्तेमाल करते हैं और फिर उत्पीडन करते हैं...दुनिया में उत्पीडन सबसे बुरी बात है "
श्रीकंठा न कथा की खूब बडै करदी कि औरत उत्पीडन की या कथा भौति सेंसिटिव च. फिर साडे अग्यारा बजी क बाद दुयूंन खाणक खाई अर से गेन.
चार बंगला मा फिलम वाळ, फ़िल्मी स्ट्रगलर अर आधुनिक समाज का लोग रौंदन. भौत पैलि जब बिरजू स्ट्रगल करणो छौ त एक गैरेज मा चार पांच फ़िल्मी स्ट्रगलरों दगड रौंद छौ त वैन कारपेंटरी क काम से अपण पुटुक भौर त चार बंगला अर सात बंगला मा वैकी पछ्याण क भौत ह्व़े गे छे. परसि सुबेर वैन पैल ख़ास दगड्यो तै अपण बणयू पिंजड़ा मय तोतों समेत दिखाई त सौब खौंळे क रै गेन कि पिंजड़ा क बडै करे जाव कि तोता, तोतयाण अर तोताक बच्चा क बडै करे जाव! सब्युं क मुखन आई," एक्सलेंट! कुडोज! मार्वेलस ! व्हट ए पीस ऑफ़ आर्ट विद इमोसंस! .."
 
                  अर फिर त चार बंगला अर सात बंगला मा बात सौरिगे /फैली गे कि बिरजू न अजीब पिंजड़ा बणयूँ च. जाण पछ्याण क वाळ क्या हौर बि पिंजड़ा दिखणो आण मिसे गेन.
तिसर दिन सुबेर श्रीकंठा न पूछ, " कथगा चार्ज करील तू ?
बिरजू न ब्वाल,' मेरी त क्वी लागत लग नी च . अच्काल खाली छौं. पिंजड़ा अर कळु (तोतों ) क माल मसालो बी मेरी कम्पनी क स्क्रैप् बिटेन आयी , मीन जन ब्वाल आर्ट कलाकारों न तार अर काठ क कठगा मोड़ी माड़िक, काठ/लकड़ी छीलि छालिक, रंदा मारिक, गूंद चिपकैक पिंजड़ा अर कळु बणाइ . हाँ पिंजड़ा अर कळुऊँ पर रंग मीन चढ़ाई जख पर मेरी असली जान लग ."
श्रीकंठा न बोली," जानू ! रंग से यि त ये बड़ो पिंजड़ा मा भाव अयाँ छन जां बुल्यां यू पिंजड़ा हंसणो ह्वाऊ अर कळु ! मरद कळु क जिराफ जन गौळ ! जु इन लगाद बल जन बुल्यां कि यू धुर्या कळु अपण कज्याणि अर बच्चा तै हर समौ खैड़ा क कटांग लगाणु रौंद! अर जनानी कळु अर बेबी कळु क फंकर भ्युं पड्या छन वूं फंकरो परेन जु आंसू आणै छन ... त्रास अर एक अजीब सेंसिटिविटी च ये पिंजड़ा अर कळुउ मा ..तरास दिखे नि सक्यांदी , जिकुडि जळी जांद पण फिर बि बार बार दिखणो ज्यू बि बुल्यांद . क्रूड क्रुवलिटी एंड वैरी सोफ्ट सेंसिटिविटी ! अर बेबी कळु क फंकर किलै तीन मोर का फंकरूं सतरंगी जन बणैन धौं! "
 
                 तै दिन बि श्रीकंठा क काम पर जाणो बाद दिन भर लोग आणा रैन
एक दगड्या न बोलि, " यार बीस पचीस हजार मा त बिकी जालो यू पिंजड़ा ..'
हैंकान ब्वाल,' न्है , नही बै ! साठ हजार से बिंडी मा जालो."
सात आठ लोग ड्रवाइंग रूम मा छ्या .
इथगा मा डा. लोखंडवाला आई. बिरजू न स्ट्रगल क टैम पर डा लोखंडवाला क इक भौत काम करी छौ अर अबि बि डा. लोखंडवाला जब बि कारपेंटरी क क्वी काम ह्वाऊ त बिरजू की सलाह लेई लींद.
लोखंडवाला न आदतन पैल मुख मड़काई अर ब्वाल," हाँ ! पिंजडा बड़ो छ.'
हौरू न ब्वाल," है क्या बुलणा छंवां ?"
बिरजू तै पता छौ की लोखंडवाल कै बि चीज तै खरीदण /मूल्याण से पैल वीं चीजो बडे नि करदो उल्टो कबि कबि त मीन मेख निकाल्दो
डा.लोखंडवाला न समौ पछ्याणिक, देखिक ब्वाल," हाँ ऊँ त ठीकि च ."
एक पुराणो ख़ास दगड्या न बोल," अजी क्या बात करणा छंवां ? पिंजड़ा तै आर्ट गैलरी मा धरे जाओ त लाखों मा जालो."
हैंकान ब्वाल,' कैक बि ड्रवाइंग रूम मा खाली यू इ पिंजड़ा आर्ट लविंग नेचर को काम करी ल्यालो'
डा. लोखंडवाला न बोलि द्याई,' हाँ पिंजड़ा, पिंजड़ा क आकार, तोता, तोत्याणि, तोतौ बच्चा , भ्युं पड्या फंकर अर यूँ पर लग्युं रंग कथगा इ कथा बुलणा छन. "
पुराणो ख़ास दगड्या न पुळेक ब्वाल्,' जी अब आप सै बुलणा छंवां ।'
डा. लोखंडवाला न ब्वाल," ठीक च कीमत ब्वालो . कथुग दीण ? मीन खरीदणाइ ."
बिरजू से पैलि खन्ना सेठन उत्तर द्याई," अरे डा साहेब ! यि बुलणा छन बल वै कंजूस भंवरी लाल न खरीद याल बल."
लोखंडवाला तै भर्वस नि ह्वाई,' हाउ कम दैट कंजूस .....!"
फिर कुछ देर चुप्पी रै त डा.लोखंडवाला न पूछ,' क्या ! भंवरी लाल न कुछ एडवांस दे क्या ?"
बिरजू क उत्तर छौ," ना "
डा. लोखंडवाला न फिर पूछ,' त क्या वैन क्वी डिजाइन दे छौ ?"
बिरजू न बोली," ना"
डा लोखंडवाला क जबाब छौ,' बस त ठीक च ! ये पिंजड़ा तै मी तै देदी वै कुणि क्वी हौर पिंजड़ा बणै देन ।"
बिर्जुक क जबाब छौ, " न्है जी ! पिंजड़ा बणाणो ऑर्डर उखी बिटेन ऐ छौ. त यू पिंजड़ा ऊंको इ च "
डा. लोखंडवाला अफु बि संवेदनशील छौ , वै तै पिंजड़ा की संवेदन्शीलता अर बणाण वळ क संवेदन्शीलता को ज्ञान ह्व़े गे छौ कि अब इन पिंजड़ा दुबर नि बौण सकुद .
लोखंडवाला न ब्वाल,' ठीक च मी साठ हजार दीणो तैयार छौं. पिंजड़ा मेरी कार मा धरी द्याओ "
बिरजू न सपाट उत्तर दे,' पिंजड़ा अब भंवर लाल जीक इख इ जालो. ऑर्डर उखी बिटेन छौ ."
डा. लोखंडवाला न घड़ी द्याख सैत च वैको नरसिंग होम मा जाणो टैम ह्व़े गे होलू या. ...
जांद जांद डा. लोखंडवाला बोलि गे,' भै मी एक लाख दीणो छौ . वैकुणि हैंक पिंजड़ा बणै देलू त बि कुछ खराब नी च "
बिरजू न ब्वाल," आप मेरा परमेश्वर छन पण औडर जख बिटेन आई पिंजड़ा त उखी जाण चयेंद कि ना ?"
" ठीक च सवा लाख मा बिचण हो त पिंजड़ा म्यार ड़्यार भेजि दे ." अर लोखंडवाला इन बोलीक चली गेन.
फिर भैर जैक डा लोखंडवाला भितरैं आई अर देळि बिटेन बोलीक चलि ग्याई,' ये पिंजड़ा क एक खाशियत या बि च कि पिंजड़ा क भैर जु रंग हुयुं च वां मा कथगा इ कथा लुकीं छन छुपीं छन. असल मा ब्याळी मेरी वाइफ ये पिंजड़ा देखिक ग्याई अर वीं तै यू पिंजड़ा क भैरका रंगु से भौत सि कथों क जु आभास हूंद वो भौत इ पसंद आई .... "
फिर सब्यु राय छे कि भंवरी लाल सेठ से सवा लाख ना सै त एक लाख लेई लीण चयेंद.
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                     आज ऐतवार छौ त दुई देर से बिजेन . आज दुफरा मा मटन को खाणक बणणु छौ त दुयूं न ब्रेड कि एक स्लाइस अर इकै गिलास फलूं रस पे. यू दुयुंक नियम सि छौ कि जै दिन दिन मा शिकार -माछ खाण ह्वाऊ त नाश्ता हळको इ लीण. बिरजू मटन शॉप बिटेन बखरौ रान अर भट्युड़ो शिकार लै गे छौ.
फिर वैन दसेक बजी ब्वाल," सिरी ! मी जरा भंवरी लालक इख जाणु छौं . भंवरी लालक छोरा हंसमुखन इ मी तै बोली छौ कि एक पिंजड़ा स्यूं तोता, तोत्याण अर चाइल्ड पैरट बणै दे..'
श्रीकंठा न ब्वाल," ओ !" हालांकि या बात बिरजू न पैलि बि बताई छे .
बिरजू न बोली," हाँ ! एक दिन रस्ता मा मिली गे छौ त वैन ब्वाल बल इन तोता बणाण बल कि जु अपण घरवळी अर नौनु तै हरदम दनकाणु राउ अर ब्व़े अर नौनु रुणफति रावन." बिरजू न अगने ब्वाल," अर पता नि मै फर क्या दिबता सि आई कि मैन यू पिन्जडा इन बणवै, इन तोता बणैन अर फिर मीनी ऊन पर अफिक रंग भौर '
बिरजू पिन्जडा लेकी भंवर लालक इक चली गे .
बिरजू न भंवर लालक द्वारों घंटी बजाई . द्वार मिसेज भंवर लाल न खोली. हालांकि कुछ सालू से वा एक अजीब सी डौर महसूस करदी. वीं तै लगदु कि क्वी वीं तै चित्त मारण वाळ च. अर इन मा वा अन्ध्यरु कमरा मा आँख कताडिक दिखणि रौंद कि वु अनजान हत्यारा दिख्याऊ त सै. कबि कबि रात बि वा अन्ध्यर मा वै अनजान हत्यारा की खोज मा रौंद . वीन द्वार ख्वाल . बिरजू न पूछ,' हंसमुख ड्यारम च ?" बिरजू न द्वी चार दै इख काठौ काम (कारपेंटरि)करी छौ.
मिसेज भंवरी लाल न जबाब दे,' बस आण इ वाळ च . क्या काम च ?"
बिरजू," वैन एक पिंजड़ा बणवै छौ. त दीणौ औं !"
"औ त भितर ल़ा" मिसेज भंवरी लाल न पुळे क ब्वाल.
यू घौर कबी बि बिरजू तै रास नि आई कुज्याण किलै वै तै ;लगुद छौ कि ये घौर म क्वी हवा थामणो ब्वालो या ब्वालो हवा रुकणो कोशिश करणु च, क्वी सुरजो उज्यळ अ समणि ऐक चिट्टो उज्यळ तै भितर आण से रुकणु च धौं ! भितर ऐक बिरजू ण पिंजड़ा मेज मा धार .
भितर मिसेज भंवरी लाल न मेज मा धर्युं पिंजड़ा द्याख अर वा वै जमानो म घुमण बिसे ग्याई, खुश ह्वेक् चखुलि जन उछळिक ब्वाल " ये मेरी ब्व़े ! यु पिंजड़ा कुछ अजीब इ च. मार्वेलस पीस ऑफ़ आर्ट एंड रिमार्केबल वे ऑफ़ एक्स्प्रेशिंग इमोसन्स..! "
बिरजू न पूछ,' हंसमुख कब आल ?"
'बस आँदी ह्वाल." फिर मिसेज भंवरी लालन ब्वाल,' अर मिस्टर लाल बि ड़्यार इ छन."
सैत च दुयूं क अवाज सुणि मिस्टर भंवरी लाल न अर जोरै अवाज मा पूछ ," क्या हूणो च ?"
मिसेज लाल न उत्तर देई," ब्रजमोहन आयुं च .जस्ट सी व्हट ए स्प्लेंडिड आर्ट वर्क ऑन केज. अमेजिंग, अस्टोनिंग ! फैंटास्टिक ..पीस ऑफ़ वर्क ..!
भंवरी लाल भितर न ड्रवाइंग रूम मा आई अर बिरजू तै करकरो ह्वेक पूछ,' क्या च यु ?"
" हंसमुख क पिंजड़ा'" बिरजू न ब्वाल
मिसेज लाल न वै तै घबडैक द्याख
'कैको?' भंवरी लाल की आवाज मा तल्खी अर आश्चर्य छौ.
' हंसमुखौ " बिरजू न समजाई," कुछ दिन पैल हंसमुख न पिंजड़ा बणाणो ऑर्डर दे छयो."
भंवरी लाल न डुञकरताळि मार,' हंसमुख...!"
हंसमुख क ब्व़े न गळबळेक ब्वाल," अबि उ भैर ग्याइ . बस औण इ वाळ च."
हंसमुख द्वार क देळि मा ऐ गे छौ. हंसमुख बारा सालौ नौनु, घुंगराळा बाळ ब्वे पर जयां छया, आंखि बि ब्व़े क तरां. वैक आंख्युं मा क्या गात मा ब्व़े क तरां वाइ झिझक, तरास या दुःख छौ जो वैक ब्वेक मुख मा, आंख्युं मा क्या कमादा सी हथु मा छौ ।
देळि मा खड़ो हंसमुखौ तरफ हेरिक भंवरी लाल न आदेस दे ,' इना आ बै" फिर सवाल पूछ," तीन द्या रे ये पिंजड़ा बणाणो ऑर्डर ? हैं ?
बच्चा क मुंड तौळ भ्युं ज़िना कर्युं छौ. भंवरी लाल न जैक वैक बाळ झमडैन त बच्चा क आंख्युं सुफेद पुतळा तौळ अर डिबळि अळग छे. बच्चा अपुण बुबा तरफ दिखणो जबरदस्ती मजबूर छौ.
' हंसमुख जबाब दे !" भंवरी लालन जन बुल्या गरम लाल सौरि न डामि दे ह्वाऊ.
हंसमुखन अपण ऊंठ चबांदो गे पण कुछ जबाब नि दे .उ सुरक सुरक कमरा मा कूण्या मा खड़ो ह्व़े गे.
मिसेज भंवरी लाल न फिर गळबळैक ब्वाल,' सूणो त सै...!"
अणसुणि कौरिक भंवरी लालन बिरजू जिना ह्वेक खरखरी भौण मा ब्वाल," या बात भौत बुरी च. पिंजड़ा बणाण से पैलि मी तै पुछण चयांद छौ. कबि बि बच्चों बुल्यां पर क्वी चीज नि बणये जांदी. एटिकेट अर लीगल हिसाब से गलत च "
पिंजड़ा पर बगैर नजर मर्याँ भंवरी लालन पिंजड़ा उठाई अर बिरजू क समणि इन धार जन बुल्यां पिंजड़ा हज्या जन बिथ्या (बीमरि ) ह्वाऊ अर ब्वाल,' जा भै अपुण पिंजड़ा ली जा. क्वी हैंक ग्राहक खुज्या अर बेचि दि. '
बिरजुक मुख खुलण इ वाळ छौ कि वां से पैलि इ भंवरी लालन ब्वाल," मी त्यार दगड बहस नि करण चांदो. डाक्टर न गुस्सा हूण से मना कर्यु च."
उना हंसमुख बगैर आँख झपकायों कड़कड़ो काठ सि खड़ो छौ . जब बिरजू न हंसमुखौ तरफ घड़बड़ाट मा ह्यार त छोरा पर कुछ पराण आई अर वु झिंडमुंडान्द भ्युं सीमंटो म्याळो मा भ्यूम पोड़ी गे. अर वो कुकुर जन किराण मिसे गे जन बुल्या कुत्ता क गौळ दबायुं ह्वाऊ.
बिरजू अर मिसेज भंवरी लाल बच्चा तै उठाणो जाणा इ छया कि भंवरी लाल बागौ तरां गुर्राई , " वै तै कतै नि उठाओ. वै तै अपण मुंड फोड़ण द्याओ अर तब घाऊं मा लूण मर्च डाळि द्याओ.'
बारा सालो बच्चा इन डर्यू छौ जन क्वी खरगोश बागौ पंजा पुटुक ह्वाऊ. बच्चा क ब्वें न वै तै हथुं से खड़ो कार
भंवरी लालन अपण घरवळी तै आदेश दे , ' वै तै उनि पड्यु रौण दे "
बिरजू हंसमुख समणि पिंजड़ा लेक ग्याई ' हंसमुख ल़े अपुण पिंजड़ा' बिर्जून हौंसिक वैक हथु मा पिंजड़ा पकड़ाइ , " ले त्यार पिंजड़ा" . बच्चा न सटाक से खुसी मा पिंजड़ा पकड अर सरा पिंजड़ा इन मलासण मिस्याई जन बुल्यां एक ब्व़े अपण बच्चा मलासणि ह्वाओ. हालांकि
पिंजड़ा ऊंचाई हंसमुख कि बरोबरी इ रै होली धौं ! अब हंसमुख क आंख्यु से अन्सदारी ऐन . अन्सदारी औण से या पिंजड़ा मिलण से इन लगणो छौ कि हंसमुख तरोताजा ह्व़े ग्याई.
"ब्रजमोहन ! " भंवरी लाल न बरफ जन कणामणि (मन माफिक काम न होने का असंतोष) अवाज मा ब्वाल,' " अपण काठो कबाड़ उठा अर सीदो इख बिटेन भैर जा"
मिसेज लालन कळकळि ( करुण) , कणकणि ( कष्टकारी ) भौण मा ब्वाल,' ये हंसमुख ! बाबा ! पिंजड़ा वापस कौरी दे "
"न्हें बेटा ! रौण दे !' बिरजू न पक्को इरादा से ब्वाल," पिंजड़ा क ऑडर तीन इ दे छौ त पिंजड़ा त्यारि इ च.'
बिरजू भैर जाण मिस्याई.
भंवरी लालन ब्वाल,' ब्रजमोहन अपुण फर्नीचर क्या या कबाड़ फुंड ल़ी जा. अर सुण ! मीन त्वे तै एक पाई नि दीण"
बिर्जून ब्वाल,' यू पिंजड़ा मीन उनि बि बिचणो या ब्यौपारऔ बान नि बणै छौ. ये बच्चा न बोली छौ त या वै कुणि एक भेंट च "
बिरजू भैर एई गे जख कुछ लोग भितरै बात सुणना छ्या.
उख भितर भंवरी लाल बागु तरां खौन्खाट ह्वेक चिल्लाणु छौ," . अपना सड़ा गला कबाड़ ले जा. मेरे घर में में मेरे अलावा कोई ऑर्डर दे यह मुझे बिलकुल पसंद नही. साला कुत्ते का बच्चा ..."
भैर रस्ता मा बिर्जूक कुछ ख़ास दगड्या खड़ा छा .
एकान ब्वाल,' त अस्सी नबी हजार मा त बिकि होलु नायबाब पिंजड़ा ?'
बिरजू तै लग कि ओ दगड्यो मध्य महत्वपूर्ण ह्व़े ग्याई त वैन बि बोली दे," एक्जैक्ट वन लैक रुपीज ! एक लाख रुपया "
स्ट्रगल क अ टैमो दगड्या गोकुल अड्डपा न ब्वाल,' हुर्रे ! ब्रजमोहन न बल्दो पांस बिटेन दूध पिजाई .आज मेरी तरफ से कोकटेल पार्टी !" गोकुल अड्डपा बि अमिताभ बच्चन तै पछाड़णो धारवाड़, कर्नाटक बिटेन मुंबई ऐ छौ अर अब एक टीवी प्रड्यूसरो क इख स्क्रीन प्ले लिखद .
सब खुस छ्या कि भंवरी लाल जन मनिखो इखन ब्रजमोहन तै नफा ह्व़े.
इना यि लोग चार बंगला क सस्तो होटल मा कोकटेल पार्टी मा व्यस्त छ्या उना श्रीकंठा बनर्जी गढ़वाली ढंगै शिकार तजबिज से बणाणि छे . फिर जब खाण क बणि गे .
श्रीकंठा न मेज मा जिन क पवा अर व्हिस्की पवा बि धौर आल छौ.
भौत देर बाद गोकुल अड्डपा बिरजू तै अळगांद अळगांद सि लायी.
भितर वैन श्रीकंठा क मदद से बिरजू तै बिस्तर मा पड़ाळ.
फिर गोकुल अड्डपा न ब्वाल,' श्री! टुडे ब्रज'ज बिहेबियर इज इंटायरली डिफ़रेंट. आज उसने तीन पैग नहीं आधी बोतल गड़क गड़क कर पी जब कि ब्रज शराब पीता नही बल्कि चूसता है. और आज पता नही क्या क्या बोल रहा था. '
फिर गोकुल अड्डपा जब चली गे त श्रीकंठा न फिर से बिरजू तरफ द्याख
वो अजीब सी ढंग से मुट्ठी बुजणु छौ . बिर्जूक मुख गुस्सा मा लाल बुरांसौ फूल छौ बण्यु
आज तलक श्रीकंठा न बिरजू कि हिंदी या अंग्रेजी भाषा इ सूण छौ पण आज कुज्याण कै बोलि मा बडबड करणों छौ धौं!
' कीड़ पोडल यूँ उत्पीडन करण वळु पर "
' बुरळ पोडल यूँ मानसिक उत्पीडन करण वळु पर "
' जा ! मेरो सच्चो ब्रहम होलू त य़ी कोढ़ी ह्व़े जैन !'
" मेरी बैणि बि सास ससरू उत्पीडन से मोर"
" यूँ जुंडडु क हथ खुट गौळि जैन अर यि भौत सालो तक दुख़ भुगणा रैन . उत्पीडन "
" मेरी भुलि न सास सासुरो उत्पीडन क वजै से फांस खाई"
' वै जमानो मा बि यू उत्पीडन करण वाळो तै एक घड़ी चैन नि मिलेन. "
'" मेरी भुलिन उत्पीडन क वजै से इ आत्महत्या कार ". ,
Copyright@ Bhishma Kukreti , 23/6/2012

--
 


Regards
B. C. Kukreti


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मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha

হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!

मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में OBC Trump Card और जयभीम कामरेड

Gorkhaland again?আত্মঘাতী বাঙালি আবার বিভাজন বিপর্যয়ের মুখোমুখি!

हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला हिंदुत्व की राजनीति से नहीं किया जा सकता।

In conversation with Palash Biswas

Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Save the Universities!

RSS might replace Gandhi with Ambedkar on currency notes!

जैसे जर्मनी में सिर्फ हिटलर को बोलने की आजादी थी,आज सिर्फ मंकी बातों की आजादी है।

#BEEFGATEঅন্ধকার বৃত্তান্তঃ হত্যার রাজনীতি

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं! पलाश विश्वास

ভালোবাসার মুখ,প্রতিবাদের মুখ মন্দাক্রান্তার পাশে আছি,যে মেয়েটি আজও লিখতে পারছেঃ আমাক ধর্ষণ করবে?

Palash Biswas on BAMCEF UNIFICATION!

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS ON NEPALI SENTIMENT, GORKHALAND, KUMAON AND GARHWAL ETC.and BAMCEF UNIFICATION! Published on Mar 19, 2013 The Himalayan Voice Cambridge, Massachusetts United States of America

BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Imminent Massive earthquake in the Himalayas

Palash Biswas on Citizenship Amendment Act

Mr. PALASH BISWAS DELIVERING SPEECH AT BAMCEF PROGRAM AT NAGPUR ON 17 & 18 SEPTEMBER 2003 Sub:- CITIZENSHIP AMENDMENT ACT 2003 http://youtu.be/zGDfsLzxTXo

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